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सफे द गज ुं ा की जड़ को घघस कर माथे पर घिलक लगाने से सभी लोग वशीभूि हो जािे हैं। यदद सूयय ग्रहण के समय

सहदेवी की जड़ और सफे द चुंदन को घघस कर व्यघि घिलक करे िो देखने वाली स्त्री वशीभूि हो जाएगी। राई और घियुंग को ÷ह्रीं’ मुंत्र द्वारा अघभमुंघत्रि करके दकसी स्त्री के ऊपर डाल दें िो वह वश में हो जाएगी। शघनवार के ददन सद ुं र आकृ घि वाली एक पिली बनाकर उसके पेट पर इघछिि स्त्री का नाम घलखकर उसी को ददखाएुं घजसका नाम घलखा है। दफर उस पिली को िािी से लगाकर रखें। इससे स्त्री वशीभूि हो जाएगी। घबजौरे की जड़ और धिूरे के बीज को प्याज के साथ पीसकर घजसे सघ ुं ाया जाए वह वशीभूि हो जाएगा।

नागके सर को खरल में कू ट िान कर शद्ध घी में घमलाकर यह लेप माथे पर लगाने से वशीकरण की शघि उत्पन्न हो जािी है। नागके सर, चमेली के फू ल, कू ट, िगर, कुं कुं म और देशी घी का घमश्रण बनाकर दकसी प्याली में रख दें। लगािार कि ददनों िक घनयघमि रूप से इसका घिलक लगािे रहने से वशीकरण की शघि उत्पन्न हो जािी है।

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