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ई-बक

ु रचनाकार http://rachanakar.blogspot.com
क तु त.

म"
ु ठ$ भर आग
( कहानी सं,ह )

1
न-दलाल
भारती

म"
ु ठ$ भर आग
।कहानी सं,ह।

लेखक

न-दलाल भारती

सवा45धकार-
धकार-लेखकाधीन
काधीन

2
इ8टरनेट संकरण वष4 -2009

काशक
मनोरमा सा>ह?य सेवा
आजाद दBप,15-एम-वीणा नगर
इंदौर ।म  ।452010
दरभाष
ू -0731-4057553 चGलतवाता4-9753081066

पैतक
ृ गांव,

दे श

3
द ु नया के

शोJषत,
शोJषत,पीKड.
पीKड.त,

वं5चत,
चत,कमजोर

और

गरBब समदाय

को

समJप4त

लेखकय

अनभ
ू ू तयो,Jवचारो ,जOमP एवं संवेदनाओं से उपजी
पीडाओं को म"
ु ठ$ भर आग (कहानी सं,ह) के Sप मT
4
आप पाठकP को हता-तUरत करते हए ु मन का बोझ
कम तो हो रहा है पर ऐसा बोझ मन पर आता XयP है
और आता है तो Xया नराकरण सYभव नहBं भारतीय
समाज मT ? Xया Jवषमता क म"
ु ठ$ भर आग मT
आदGमयत सलगती
ु रहे गी ? Xया हमारे भारतीय
सामािजक ताने-बाने मT मानवीय-समानता के Gलये फेर-
बदल क गंज
ु ाइस नहB आ>द \वल-त सवालP के \वार-
भांटे ]दय को मझे
ु बचपन से आ-दोGलत करते आ रहे
है और इसी आ-दोलन क उपज है म"
ु ठ$ भर आग ।

यगP
ु से व  थ एवं सम-
ु नत सामािजक जीवन
तरो>हत, तरकृत, ब>ह_कृत और अGभश`त होकर
भारतीय समाज के हाGशये पर उपेabत जीवन जीने को
Jववश शोJषत समाज के घटन
ु और स-dास को म"
ु ठ$
भर आग मT सं,>हत कहा नयP के माeयम से आप
पाठकP तक पहंु चाने का यास है ताfक भारतीय समाज
मT उपेabत एक बहत ु बड़े वग4 को मानवीय समानता क
छांव का सखद
ु यहसास हो सके । जैसाfक भारतीय
समाज क ाचीन वण4 iयवथा और मeयकालBन
संकारP,अनशासनP
ु एवं अनेक Jवकास Jवरोधी
षणय-dो,S>ढयP और वज4नाओं से वत4मान यग
ु मT भी
शोJषत समाज आतंfकत एवं तरXक से कोसP दरू है ।
आजादB के इतने वषk बाद भी वं5चत आमजन तक

5
आजादB नहB पहंु च सक है । म"ु ठ$ भर आग क
कहा नयP क अ-त4धाराओं मT सामािजक Jवकत
ृ और
शोषण उ?पीड़न पर आधाUरत आधु नक SढBवादB
सामािजक iयवथा,नारB-उ?पीड़न एवं राजनी तक
छलावP के JवSeद रा_lBय एवं मानवीय-एकता हे तु
वैचाUरक Jवmोह का शंखनाद साnबत हो यह कहानी
सं,ह,यहB हा>द4 क तम-ना है । इस सं,ह मT सं,>हत
कहा नयां दBन वं5चतP,शेJषत-पीKड.तजनP क
अ-ता4नूभू त ह।o बe
ु द और महावीर के इस दे श बe
ु द
पाठकवग4 यह अpछ$ तरह से जानता है fक सभी
मन_ु य समान है और मन_ु य होने के नाते मानव
अ5धकार भी है । मानव अ5धकार ू ू
,मलभत
आवqयकताओं एवं तरXक क राह ताक राह एक बहतु
बड़ा वग4 वत4मान यग
ु मT भी Jवषमता,शोषण उ?पीड़न
का जहर पीने को मजबरू है । हां इस वग4 के उ?थान
के ढोल क थाप तो बहत
ु दरू दरू तक सनाई
ु पड़ती है
पर-तु यह बड़ा वग4 आज भी दयनीय अवथा मT बसर
कर रहा है । मानव होने के नाते हम सभी मन_ु यP का
नै तक दा य?व बनता है fक वं5चत वग4 को मानवीय
समानता, सामािजक एवं आ5थ4क उ?थान के अ5धकारP
को >दलाने के Gलये मानवीय फज4 पर खरे उतरे ।यहB
इस कहानी सं,ह का उrदे qय है ।

6
मo म"
ु ठ$ भर आग के पUरपेsय मT उप-यास सtाट
मंश
ु ी ेमच-द का िजu भी करना चाहंू गा । उ-होने सन ्
1936 मT अपने लेख महाजनी सwयता मT Gलखा है fक
मन_ु य समाज दो भागP मT बंट गया है । बड़ा >हसा
तो मरने और खपने वालP का है और बहत ु हB छोटा
>हसा उन लोगो का है जो अपनी शिXत और भाव से
बड़े समदाय
ु को वश मT fकये हए
ु है । इनहे इस बड़े भाग
के साथ fकसी तरह क हमददx नहB,उ-हे जरा भी
Uरयायत नहB। उसका अित?व केवल इसGलये है fक वे
अपने माGलके के Gलये पसीना बहायT,खन
ू 5गराये और
चपचाप
ु इस द ु नया से Jवदा हो जाये । इस उeदरण से
yात होता है fक मंुशीजी क मल
ू सामािजक 5च-तायT
Xया थी ? वत4मान Jवyान के यग
ु मT भी इन 5च-ताओं
के बादल नहBं छं टे हo ।

ेमच-द ने भलBभां त समझ Gलया था fक भारत मT


सबसे खराब हालत शोJषतP, वं5चतP, कषको
ृ एवं मजदरP

क है ।उ-हे ◌ाने भारतीय जनजीवन मT स>दयP से
iया`त अमसनवीय जा तथा क ओर भी eयान >दया ।
इसGलये उनक अनेक कहा नयां जैसे ठाकर
ु का कंआ,
सrग त,सवा सेर गेहू ं और कफन वण4-iयवथा के
अमानJषक
ु काय4 iयापार एवं सामािजक Jवसंग त को
परB
ू ईमानदारB के साथ उजागर करती है । मंश
ु ीजी के

7
पद5च-हP पर चलते हए
ु मझेु उYमीद है मेरे इस कथा
सं,ह मT समा>हत कहा नयां S>ढवाद एवं अमानषता
ु क
म"
ु ठ$ भर-भर आग को शीतलता दान कर मानवता
को पोJषत करने मT उव4रा िqXत दान करने मT सहायक
साnबत होगी ,िजससे दYभी मानव-मन मT वं5चत समाज
के अ5धकारP के  त सरbा?
ु मक {ि_ट उ?प-न हो सके
। मानवीय सामािजक और आ5थ4क अ5धकारP के
समथ4न को मजबती
ू Gमले ।वधम| समानता एवं अ-य
धमा4वलिYबयP के  त सrभावना का वातावरण नGम4त
हो,यहB मेरे लेखकय जीवन का उrदे qय है और यहB
रा_l एवं मानव समाज के भी >हत मT है ।

कथा सं,ह मT समा>हत कहा नयP-परमाथ4, दहqत,लहंू के


कतरे ,दर-ब-दर,च}
ु }ू◌ा भर पानी, फज4,दहे ज क आग,
कसम, पथराव,सौदा,क-यादान,द8ड,गKड
ु .◌ा का
~याह,घरोहB,गज भर कफन, मरते सपने,लहू के नशान,
दखया
ु माई, दं श,चभती
ु यादT ,दातान-ए- गांव,
Jपक नक,,मु नयां, परायापन, Jपसआ
ु ,एXसीडे8ट,नेक
समाचर, नरापद, नेक बना अGभशाप, गाल भर धआं
ु ,
चोरनी, बारात, Uरqता, हरा घाव, बहते आंसू,  तघात,
पराना
ु जOम, मलिजम
ु , जलसा,सेर भर कमाई,कलंक, और
Oवा>हश आ>द सामािजक,राजनै तक, आ5थ4क एवं €म
क म8डी क बराईयP
ु पर हार है ।मo इन कहा नयP के

8
बारे मT इससे अ5धक और कछ
ु नहB कह सकंू गा Xयोfक
हककत को आपको समझना और समझाना है । मo
वं5चत गरBब और कमजोर वग4 का पbधर हंू उनके दद4
को कहा नयP के माeयम से आप बeु द वग4 के सामने
रख रहा हंू और आशा करता हंू fक आप वं5चत गरBब
और कमजोर वग4 के पb मT आवाज बल-ु द करे गे । हां
ये बराईयां
ु असलB हकदारP के हकP को छन रहB है
िजससे शोषक वग4 और मजबत
ू होता जा रहा है और
शोJषत वग4 गरBबी क दलदल मT धंसता जा रहा है ।
मझे
ु भी इस दलदल का करBबी का एहसास है , मलाल
मझे
ु भी है पर >दल को सकन
ू है fक आप बe
ु द
पाठकगण हमारे >दल मT बसते है ।

वत4मान भम8
ू डलBय एवं संचारuाि-त के इस यग
ु मT
सामािजक,राजनै तक और आ5थ4क तर पर शोJषत वग4
को तरXक क राह पर रफतार दे ने क जSरत है ।
मानवता के इस महायy मT बe ु द वग4 क पण4
ू आहु त
जSर पड़ेगी, ऐसा मेरा Jवqवास है । आप बeु द पाठक
वग4 और मीKडया का नेह मझे
ु पव4
ू से ा`त है ।
Jवगत ् वष4 काGशत मेरा nबन मां क iयथा-कथा पर
आधाUरत उप-यास अमानत लोकJय रहा । उXत
उप-यास के काशन से मझे
ु आ5थ4क b त तो हईु पर
मन को बहत ु सकनू भी Gमला XयPfक सा>ह?य के
9
माeयम से समाज सेवा मेरे लेखन का उrदे qय है इस
{ि_ट से काफ सफल रहा । इस सफलता का €ेय मo
अपने पाठकP और मीKडया को दे ता हंू । मo आप
पाठकP, शभ
ु 5च-तकP और मीKडयाकGम4यP का आभारB
रहंू गा । मै व ताउ€ी भगलरामजी,ताउ€ी
भीखमरामजी, धरती के भगवान मेरे मांता-Jपता वग|या
मांता€ी €ीमती समारB दे वी-€ी fफरतरामजी
ू ,धम4प?नी
€ीमती मनोरमा भारती,बी>टया शGश भारती बेटे अनराग

कमार
ु भारती एवं आजाद कमार
ु भारती, €ीका-त
भारती,अGमतेष कमार
ु भारती ,पUरवार के सभी सदयP
शभु 5च-तको एवं सा>ह?यकारP का आभारB हंू जो मेरे
लेखकय जीवन को कसGमत
ु ु करने मT परोb अथवा
अपरोb Sप से सहयोगी बने ।

अ-ततः मानवता को समJप4त लोकनायकP को नमन ्


करते हए
ु म"
ु ठ$ भर आग (कहानी सं,ह) आपको
हता-तUरत करता हंू ।

न-दलाल भारती

10
परमाथ4
परमाथ4
मरलB
ु -XयP मंश
ु ी भईया माथे पर 5च-ता और म"
ु ठ$ भर
आग Gलये बैठे हो । कोई नई मिq
ु कल आन पड़ी Xया ?
मंश
ु ी-मरलB
ु जमाने ने तो म"
ु ठ$ मT आग भरB है
Jवषमताओं के कलछले
ु से । इस म"
ु ठ$ आग को फकना
T
क>ठन हो गया । यह आग तो पहचान बन गयी है
जबfक कम4 से आदमी क पहचान बनती है पर-तु यहां
तो आंख खलB
ु नहB आग म"
ु ठ$ मT भर दB जाती है ।
म"
ु ठ$ भर आग ठ8डी नहB हो पा रहB है । यहB 5च-ता है
और अशाि-त का कारण भी ।
मरलB
ु -माथे पर 5च-ता और जमाने क दB हई
ु म"
ु ठ$ भर
भर आग ठ8डी करते हएु तम
ु तो कलयग ु के कण4 बन
गये हो ।
मंश
ु ी- XयP मजाक बना रहे हो मेरB दBनता और म"
ु टB
भर आग मे मर रहे सपनो का । आदमी क मदद कर

11
दे ना कोई गलत तो नहB । मझसे
ु जो हो जाता हे कर
दे ता है । fकसी से उYमीद नहB करता क बदले मT मेरा
कोई काम करT । अरे नेक कर दUरया मT डाल । इस
कहावत मT रहय है मरलB
ु ।
मरलB
ु -दे खो आखरकार सpचाई जबान पर आ गयी ।
fकसी ने नेक के बदले बदनेक क है ना । अरे भईया
लोग बहत
ु जाGलम हो गये है । काम नकल जाने पर
पहचानते हB नहB । तY
ु हारे पड़ोस सनील
ु खड़ुस क तरह
। fकस fकस का भला करोगे खद
ु तकलBफ उठा कर ।
परमाƒ का राहB बनने से बेह?तर है fक खद
ु का घर
रोशन करो ।
मशी
ु -कछ
ु लोगP को आदGमयत के Jवरोध क लत पड़
चक
ु है तो कछ
ु लोगP को आदGमयत और परमाथ4 के
राह चलने क । हमे आदGमयत और परमाथ4 काम मT
आि?मक सख
ु Gमलता है ।
मरलB
ु -XयP न बpचP के मंुह का नवाला छन जाये
।धपान-
ू द का तमने
ु fकतना उपकार fकया । आखरकार
उसने तमकP
ु ठगा
T >दखा >दया ।यहB परमाथ4 का  तफल
है ।
मंश
ु ी-परमाथ4  तफल क चाह मT नहB fकया जाता
।परमाथ4 के Gलये तो ब„
ु द ने राजपाट तक छोड़ >दया ।
य>द आज का आदमी अपने सखP
ु मT त नक कटौती कर
fकसी का >हत साधे दे तो बड़े प8
ु य का काम होगा ।
12
आदमी होने के नाते फज4 बनता है fक हम दBनशोJषत
वं5चत दखी
ु के काम आये ।
मरलB ू करो । धपान-
ु -खब ू द को fकतने साल अपने घर मT
रखे खानखच4 उठाये नौकरB लगवाये जबfक तY
ु हारे उससे
कोई खन
ू का Uरqता भी न था । उसके पUरवार तम

अपयश लगाये ।धपान-
ू द के >दन तY
ु हारB वजह से बदले
। वहB तमको
ु आंख >दखा रहा है । उसके घर वाले
तमको
ु बेईमान साnबत करने मT जटे
ु रहे । नेक के बदले
Xया Gमला द ु नया भले हB न कहे पर धपान-
ू द के चाचा
चाची,भाई भौजाई ने तो कह >दया ना fक भला आज के
जमाने मT nबना fकसी फायदे को कोई fकसी को एक
वXत क रोटB नहB दे ता मंुशी चार चार साल फोकट मT
धपान-
ू द का खानखच4 कैसे उठा सकता है । मरलB
ु भाई
तY
ु हारB नेक तो सांप को दध
ू पीलाने वालB बात हई
ु ।
मंश
ु ी-हमने अपनी समझ से अpछा fकया है । मै खश ु हंू
एक लाचार क मदद करके । य>द कोई मेरे नःवाथ4
भाव को वाथ4 के तराजू पर तौलता है तो तौलने दो ।
सpचाई तो भगवान जानता है । परमाथ4 तो नःवाथ4
भाव से होता है । वाथ4 आ गया तो परमाथ4 कहां रहा ।
दभा4
ु यवस fकसी क म"
ु ठ$ आग से भर जाये तो आदमी
होने के कारण जलन का एहसास कर शीतलता दान
करना चा>हये क नहBं ।वैसे भी S>ढवादB iयवथा ने तो
हर म"
ु ठ$ मT आग भर >दया है ।
13
मरलB
ु -वाह रे हUरqच-m वाह करते जा नेक । खाते जा
>दल पर चोट । दद4 पीकर म
ु कराता रह और करता रह
परमाथ4 ।अब तो चेत जा ।
मशी
ु -कोई गनाह
ु तो नहB fकया हंू fक `qचाताप कSं ।
आदमी का नहB भगवान का सहारा है मझे
ु । आदमी को
परमा?मा का  तS` मानकर सYमान करता है ।यहB मेरB
कमजोरB है । यहB कारण है fक आग बोने वाले
मतलnबयP क महfफलP मT बेगाना हो जाता हंू ।हमारB
नइया का खेवनहार तो भगवान है । म" ु ठ$ हB नहB
तकदBर मT आग भरने वाले तो बहत ु है ।
मरलB
ु -मंश
ु ी भइया ऐरे गैरP के Gलये अपनP का पेट काटते
रहते हो,खद
ु को तकलBफ दे ते हो इसके बदले तमको
ु Xया
Gमला ।अरे धपान-
ू द के पUरवार वालो का दे खो एक भी
आदमी तY
ु हारB बीमारB क अवथा मT हालचाल पछने

तक नहB आया ।धपान-
ू द ने कौन सा अpछा सलक

fकया तY
ु हारे बpचP को अपश~द बककर गया ।तY
ु हारे
पडां◌ेGसयP को दे खो िजनके दख
ु मे रात >दन एक कर
ु हT बदनाम कर रहे है ।तY
>दये वहB तY ु हारे दqु मन बन
रहे है ।ऐसी नेक fकस काम क भइया मंश
ु ी ।
मंश
ु ी-यकन कोई दौलत तो नहB GमलB पर आि?मक सख

तो बहत
ु Gमला है ।यह सख
ु Sपये से खरBदा भी नहB जा
सकता ।परमाथ4 के राह मT रोड़े तो आते है वह भी हम
जैसे गरBब के Gलये िजसे S>ढवादB समाज ने म"
ु ठ$ भर
14
आग के Gसवाय और कछ
ु न >दया हो ।नेक क जड़े
पाताल तक जाती हo ओर गंूजे परमा?मा के कानP को
अpछ$ लगती है । वाथ4 क दौड़ मT शाGमल न होकर
मानवक}याण के Gलये दौड़ना चा>हये। इस दौड़ मT
शाGमल होने वाला परमा?मा का सpचा सेवक होता है ।
मरलB
ु -दौड़ो भइया नेक क राह पर म"
ु टB भर आग Gलये
। अरे पहने अपनी म"
ु ठ$ क आग को शा-त तो करो ।
िजस आग ने सामािजक आ5थ4क पतन क ओर ढकेले है

मंश
ु ी-पर>हत से बड़ा कोइ◌्र धम4 नहB है । यह बात
yा नयP ने कहB है । म"
ु टB मT आग भरने वालो ने नहB
।आज का आदमी इस महाम-d को आ?मसात ् कर ले
तो धरती पर बe
ु द का सपना फलBभत
ू हो जाये ।
मरलB
ु -मंश
ु ी भइया अपने पUरवार के हक को मारकर
परमाथ4 करना कहां तक उ5चत है ।चलो तम
ु परमाथ4 क
राह । यह राह तमको
ु मबारका
ु हो पर भइया अपने घर
के दBये मT तेल पहले डालो ।
मंश
ु ी-परमा?मा क कपा
ृ से मेरे दBये का तेल ख?म नहB
होने वाला है । मेरB राह मT मेरा पUरवार भी सहभागी है
। उ-हे भी हमारे उrदे qय पर गमान
ु है । हां तंगी मT भी
मेरा पUरवार आि?मक सख
ु का खब
ू रसावादन कर रहा
है । सच कहंू मेरा पUरवार हB मेरा ेरणा…ोत है ।
मरलB
ु -अपने >दल से पछP ू fकतना दद4 पी रहे हो ।घर
15
पUरवार पर eयान दो ।
मंश
ु ी- पाUरवाUरक िजYमेदारB अpछ$ तरह नभा रहा हंू ।
इसके साथ परमाथ4 का आि?मक सख ु उठा लेता हंू कोई
बराई
ु तो नहBं ।
मरलB ू करो । बने रहे परमाथ4 के राहB । मझे
ु -खब ु अब
इजाजत दो । तY
ु हारे परमाथ4 के जनन
ू को सलाम
मंश
ु ी-याद रखना परमाथ4 भु क पजा
ू है ।
दहqत
अरे कमार
ु बाबू Xयो रोनी सरत
ु बना कर बैठो हो Xया
बात है ! ऐसे लगता है fक कोई आपक भस
o हांक ले
गया हो ! XयP इतने उदास हो ! Gसर के बाल अतiयत
हo ! भौहे nबलकल
ु तनी हई
ु हo ! गाल पर हाथ रखे बैठे हो
! XयP इतने उदास हो भइया !XयP 5च-ता का कोई
खास कारण है कहते हए
ु अंकु र बाबू कमार
ु बाबू क
बगल मT बैठ गये !
कमार
ु बाबःू भाई कमजोर आदमी क खशी
ु तो बीमार क
हं सी के माfफक होती है !
अंकु रबाबःू बडT मरम क बात कर रहे हो ! मेरB समझ से
परे क बात है !सीधी साधी भापा मT कछ
ु कहते तो
समझ भी पाता !
कमार
ु बाबःअं
ू कु र बाबू कमजोर आदमी दहqत मT जीता है
! यह तो मानोगे fक नहB !
अंकु रबाबःू दहqत मतलब जैसे सीमा पर आंतकवादB बम
16
फोडकर दहqत फैला रहे हo !
कमार
ु बाबःइसी
ू तरह क दहqत कमजोर आदमी न पनप
सके बडे बडे उदयोगप त,ओहदे दार इतना हB नहB
तथाक5थत धम4 समाज के लोग भी पीछे नहB है ! मौका
पाते हB सभी कमजोर पर टट
ू पडते हo बांझ क भां त
तभी तो कमजोर कमजोर हB बना हआ
ु हo ! न तो उसक
सामािजक उ-न त हई
ु हo ना हB आ5थ4क बेचारा Uरसते
घाव का मवाद हB साफ करते करते मर खप जा रहा है !
अंकु र बाबःू सच कह रहे है ! कछ
ु †Gमत वाथ| उ◌ुची
nबरादरB, उ◌ु◌ंचे ओहदा और सYप-न लोग कमजोर लोगो
के Jवकास मT बबल
ू क छांव हB साnबत होते हo ! यह कटु
स?य हo ! लोग इसे आसानी से नहB मानेग पर सpचाई
तो यहB है !तभी तो दे खो उदयोगप तयP का मनाफा
ु >दन
दना
ु रात चौगना
ु बढ रहा हo कमजोर नमक रोटB क
जआड
ु मT भटक रहा है ! कमजोर तबके को जा तवाद का
जहर पीना पड रहा हo ऐसी हB हाल बडे ओहदे दारो के
मातहत नYन€ेणी वाले कम4चाUरयP क हo य>द नYन
€ेणी का कम4चारB छोटB जा त का हo तो उसे पग पग
पर शPपण उ?पीडन ताडना के साथ हB आ5थ4क नकसान

भी भरपरू पहंु चाया जा रहा है ! fकतनी Jवषमता iया`त
हo आज का सGशabत ु आदमी एंव उpच असान पर
Jवराजमान आदमी भी जहर क खेती करने से बाज
नहB जा रहा है !नतीजन हर ओर Jवषमाद के काले
17
बादल छाये हए
ु है !इ-हB करततP
ू क वजह से कमजोर
आदमी दहqत मT दम भर रहा है !
कमारबाबः
ु ू अंकु रबाबू इतने गढ
ू रहय क बात कर रहे
हो ! आपक बात मT 5च-तन के भाव दGश4त हो रहे हo !
आप सामा-य वग4 के होकर भी कमजोर iयिXत के Gलये
इतना सोच रहे हo काश आप जैसे सभी हो जाते तो कब
के इस धरती से Jवषमाद का Jवष पी गये होते !
अंकु रबाबःू सच कहा है fकसी ने बडी मछलB छोटB
मछGलयP को खाकर हB बडी बनी रहने का वांग करती
रहती है ! दहqत फै◌ेलाना हB उसका वभाव होता हo !
छोटB मछGलया भी एकजटता
ु का पUरचय नहB दे ती हo
िजस क वजह से बडी मछलB अपने बडे होने के
अGभमान मT रौदती रहती हo छोटB मछGलयP को
!GशकUरयP के जाल मT भी यहB छोटB मछGलयां हB ज}दB
फंसती हo !
कमारबाबः
ु ू nब}कु ल सहB फरमा रहे हo! यहB तो 5च-ता का
Jवपय है ! आदमी सोच समझ सकता हo fफर भी अपने
Sतबे को कायम रखने के Gलये आदमी होकर आदमी
का लहू पीकर पलता हo ! नठारB का8ड दे खो बालक
बाGलकाओ◌े◌ं का यौवन शोपण कर उनक अंग तक बेच
>दये उस ककम|
ु मा न-दर और उसके सा5थयP ने ! इसमT
\यादातर कमजोर लोगे◌ा के हB बpचे थे ! इससे दहqत
ू हो गयी हo ! वाथ4 के वशीभत
क दBवार और मजबत ू
18
होकर आदमी Xया Xया कर बैठ रहा हo ! हर ओर दहqत
फेलB हई
ु है चाहे जा त समाज क चहरदBवारB हो €म
क म8डी हो साहकार
ू सेठ लोगो क दकान
ु हो या उ◌ुचे
ओहदे का मामला हो हर कमजोर क छाती पर हB
बैठकर जगालB
ु कर रहा हo खद
ु के >हत क ! पर>हत क
भावना का तो लोप हB हो गया हo ! य>द इस वाथ4 क
दौड मT कोई सामािजक उ?थान अथवा आ5थ4क उ?थान मT
लगा हआ
ु हo तो तहककात कर उसको इस JवपमतावादB
समाज मT उpच आसन दान कर दे व?व का दजा4 >दया
जाना चा>हये !
अंकु रबाबःठ$क
ू कह रहे है पर \यादातर अमानष
ु लोग
कमजोर मानषP
ु के आंसू अथवा लहू पीकर हB अपनी
तरXक क नींव मजबतू करते◌े हo ! आज दे वा?माओ का
तो Gमलना मिq
ु कल हो गया हo हजारP बरस मT एकाध
बार हB कोई ब„
ु द पैदा होता हo कमजोर वग4 के उ‡ार के
Gलये !काश मानव मT समानता का भाव JवकGसत हो
जाता जा तभेद का †म न`ट हो जाता ! दहqत का
घनघोर Jवषैलापन छं ट जाता ! काश मानव अGभमान क
दBवार तोडकर मानव क}याण मT नकल पडते !सच
मानो दहqत का कहरा
ु छं टते हB वह प\
ू य हो जाता ब‡

भावे गांधी अYबेडकर क तरह हo !
कमारबाबः
ु ू ठ$क कह रहे हो अंकु र बाबू काश ऐसा हो
जाता ! Jवषमता के बादल छं ट जाते ! जा तवाद क
19
जहरBलB दUरयां मT डबता
ू हआ
ु इंसान कमजोर के◌ा रौदने
के हB fफराक मT रहता हo चाहे वह समाज हो €म क
म8डी या धम4 का अडडा या दफतर !fकसी ने कहा है
दे खा दे खी पाप दे खी दे खी प8
ु य पर कमजोर के◌ा सताने
का पाप \यादा हो रहा हo तभी तो गरBबी भखमरB

जा तवाद का Jवपधर कमजोर को डंस रहा हo !
अंकु र बाबःू सच पाप \यादा प8
ु य कम हो गया हo इस
यग
ु मT सब एक दसरेू को ठगने मT लगे हए
ु है कमजोर
क पीडा से बेखबर !दकानदार
ु Gमलावट करने मT जटा
ु हo!
उ?पादक €Gमक के दोहन शोषण मT लगा हआ ु हo
अ5धकारB कम4चारB के दोहन qशोपण उ?पीडन मT लगा
रहता हo ! बांस अपना वच4व कायम रखने के Gलये
मातहतो को आंतंfकत fकये रहता हo ! सच अब तो एक
सवk से यह Gस‡ हो चका
ु है fक इकह?तर  तशत बांस
मांतहतP को आतंfकत fकये रहते हo या न सwय समाज
के आंतकवादB ! उ◌ुची nबरादरB वाला नीचीं nबरादरB वाले
को व>ह`कृत करने क जआड
ु मT बेचैन रहता हo या न हर
ओर दहqत के बादल !
कमारबाबःठ$क
ु ू कह रहे हo तभी तो न गरBबी का
उ-मल
ू न हआ
ु इस दे श से न हB जा तवाद का ! गरBबी
और जा तवाद खबू फलफलू रहे हo !सYब‡
ृ कमजोर का
लहू चसने
ू को बेकरार लगता हo ! वह अपनी तरXक
कमजोर के शोपण उ?पीडन मT हB दे खता हo चाहे वह
20
आ5थ4क तरXक हो या सामािजक ! सच खद
ु को खास
कहने वाले लोग कमजोर क पहचान लBलने पर
उतावलने हo !
अंकु र बाबःठ$क
ू कह रहे है भइया !य>द ईमानदारB से
सामिजक एवं आ5थ4क सYब‡
ृ लोग अपने फज4 पर खरे
उतरे होते तो ना आज गरBबी नंगे नाचती और ना हB
इसां नयत के माथे का कलंक जा तवाद हB होता ! हमारB
धरती वग4 से स-
ु दर होती ! जा तवाद क Jवपपान करने
वाला खद
ु को पाता हo आज भी
सहमा हआु ! जैसे
वह आधु नक ग तशील समाज मT नहB qqमशान मT रह
रहा हो जहां उसके अ5धकारो का दाह संकार fकया जा
रहा है ! सच इसीGलये तो आज qशे◌ाJपत वं5चत तरXक
से दरू पडा हआ
ु हo ! असी  तशत आबादB को उ-नचास
 तशत आरbण का Jवरोध हो रहा हo जो समाज के
अ तशोJपत पीKडत Jपछडे समाज का >दया जा रहा हo
जबfक दे श क माd बीस  तशत सामा-य आबादB के
Gलये इXवावन  तशत आरbण >दया जा रहा है इस पर
कोई qशोर qशराबा हB नहB हो रहा हo ! कमजोर को और
कमजोर करने क सािजस हो रहB हo ! Xया इसे -याय
कहा जा सकता हo !अरे वं5चतP को आरbण क नहB
संरbण क जSरत हo !ए तो समानता के भखे
ू रहते हo
पेट क भख
ू तो हाड फोड कर बझा
ु लेते हo !इनके के
सवा45गण Jवकास के Gलये आरbण से \यादा संरbण क
21
जSरत हo !सामािजक आ5थ4क समानता क जSरत हo !
वं5चत समाज को तरXXी का मौका Gमलना चा>हये !
कमार
ु बाबःू आपक उदारता क तो मo कm करता हंू !
आपके Jवचार से मo nब}कु ल सहमत हंू ! आप सामा-य
वग4 के होकर कमजोर fक पीडा से fकतना तालक
ू रखते
हo ! सच मा नये आप जैसे हB लोगो के नेक इरादे क
वजह से हB तो कमजोर सासT भर पा रहा हo वरना कब
कादम तोड चका
ु होता ! सच मा नये अंकु र बाबू मझ
ु T भी
रोज रोज आसंूओं से◌े◌ं रोटB 5गलB कर खानी पडती हo
! मजबरB
ू हo वरना ऐसी चाकरB से तौबा कर लेता ! सवाल
हo छोडकर जाउ◌ु◌ंगा कहां हर ओर तो यहB हाल हo !
अरमानP का दहन कर चाकरB मT लगा हआ ु हंू ! हर bण
मेरे अरमान रौद >दये जाते है ! fकसी bण बढB
ू iयवथा
के बहते मवाद का चखना पड जाता हo तो दसरे
ू bण
आ5थ4क Jवपमता का तो fकसी bण तथाक5थत बड`पन
के अGभमान का कल
ु Gमलाकर मझ
ु जैसे कमजोर आदमी
का हर bण दहqत मT हB गजरता
ु है अंकु र बाबू !
अंकु रबाबःू Xया कह रहे हो कमार
ु बाबू !
कमारबाबः
ु ू ठ$क कह रहा हंू !यकन करो मेरB बात पर !
>दल का हर कोना छल चका
ु हo! आशा मT हB तो जा रहा
हंू वरना Jवपमता के पोपक जीने कहा दे रहे हo !
अंकु र बाबःू आपक बात मT तो बहत
ु दम लगती है !सच
आज आदमी अपनी उ-न त के अGभमान मT आदमी को
22
हB उ?पीKडत कर रहा हo आदGमयत से नाता तोडकर ! हर
तरह से यास करने लगा है fक कमजोर आदमी को
गलाम
ु कैसे बनाकर रखे ! अGभमानी iयिXत हमेशा
यासरत रहता है fक वह कमजोर iयिXत उसके सामने
qqवान क भां त जीभ लपलपाता दम
ु >हलाता रहे और
वाथ| क हर उYYी◌ादP पर खरा उतरता रहे !सच आज
तो समाज हो या दफतर नंगी आंखP से दे खा जा सकता
हo !
कमारबाबः
ु ू यहB तो हो रहा है ! कल क हB तो बात है
हमारे बांस जो fकमत के कमालबस अफसर बन बैठे हo
! उनमT भले हB बाक काnबGलयते हो पर qशैbणक
काnबGलयतP को परा
ू नहB करते पर-तु बडे साहे ब हo !
मझ
ु गरBब के आंसू से अपनी वाहवाहB संवारने के fफराक
मT सदा हB रहते हo !
अंकु रबाबःू कहना Xया चाह रहे हो कमार
ु बाबू Xया
मतलब है आपके कहने का ! आप भी उ?पीKडत हo !
कमारबाबः
ु ू nब}कु ल सहB समझे ! कल छटटB
ु थी पर मझे

परे शान करने के Gलये बांस ने दोपहर मT फोन fकया
दफतर बलाने
ु के Gलये खैर मo घर पर था नहB ! राnd मT
दे र से आया तो पता चला ! बpचे ने फोन उठाया था !वह
बांस से बोल >दया था fक पापा fकसी संथा के जलसे
मT गये हo दे र से आयेगे जब भी आयेगे तो बता दं ग
ू ा !
अंकु र बाबःू यह तो परे शान होने वालB बात नहB हई
ु !
23
कमार
ु बाबःू बात परू B तो होने दो ! दसरे
ु >दन जब दफतर
गया !
अंकु रबाबःू तब Xया हआ
ु बांस ने फटकारा !
कमारबाबः
ु ू ठ$क समझे ! अपने पद के घम8ड मT चरू
रहने वाले बांस बडी बदतमीजी से बलाये
ु ! मo पेश हआ

अंकु र बाबःतब
ू Xया हआ
ु !
कमार
ु बाबःू इतना बदGमजाज अ5धकारB नहB दे खा थी
इतने बरस क नौकरB मT ! बहत
ु लोगो ने सताया तो है
पर बदसलक
ू क हदे पार तो वत4मान के बांस करने
लगे हo !
अंकु रबाबःू अरे ए तो बताओ आपके बांस ने बलाकर
ु कहा
Xया !
कमार
ु बाबःू सwयता का पोट माट4 म और इंसा नयत को
गालB और Xया !बदतमीजी के साथ बलाया
ु और बोले
Xयो रे कमार
ु तू कल दफतर Xयो नहB आया !एक
कागज का पGल-
ु दा फेकते हए
ु बोला ए काम ले जाकर
कर अगर तू कल आ जाता तो यह काम कल हो जाता
ना ! तेरे के काम fक अहGमयत पता नहB हo ! िजस >दन
मo अपनी औकात तेरे को >दखा दं ग
ू ा ना तू हB समझ
तेरा Xया होगा और भी ढे र सारे बरेु qश~द बोले मझे
ु तो
कहने मT भी qशम4 आ रहB है ! मo इतना बोलकर चला
आया साहे ब रात मT दे र से आया था ! इतने मT आग
बबला
ू हो गया और बोला जा ज}दB काम कर ! मo आसंू
24
बहाता काम मT जट
ु गया बांस अपश~द बकने मT पागल
क भां त !
अंकु र बाबःू यह तो €म कानन
ू का उलंघन हo और
आदGमयत को गालB भी ! कैसा अGभमानी आदमी हo !
अरे घम8ड तो टट
ू गया >हर8याकqयप का कंस का रावण
का ! यह कहां लगता हo ! Xया उ◌ु◌ंची पहंु च या उ◌ु◌ंची
जा त हB हर जगह काम आती हo !
कमारबाबः
ु ू मT नौकरB कर रहा हंू ! पUरवार और
ू मजबरB
बpचे◌ा के भJव`य का सवाल हo ! बांस का iयवहार तो
मेरे साथबहत
ु हB बरा
ु हo ! वह तो संथा का कम4चारB
नहB खद
ु का गलाम
ु समझता है ! मझे
ु तो जैसे आदमी
हB नहB समझते ! दफतर मT सबसे छोटा कम4चारB हंू और
छोटB nबरादरB का भी ! मालम
ू है छटटB
ु के >दन अफसरP
के दफतर आने के Gलये का-वे-स के पैसे Gमलते हo और
मझे
ु नहB ! मझे
ु खद
ु का पैसा खच4 कर छटटB
ु के >दन
काम पर आना पडता हo ! काम के >दनP मT भी बांस
छटटB
ु के समय 5चटठ$ Gलखवाने लगते हo ! हर तरह से
मझे
ु ताKडत करने का पणय-d रचते रहते हo और मo
आंसू बहाता काम मT जटाु रहता हंू ! Xया कSं ! गरBबो
क कौन सनता
ु हo माल◌ू
ू म हo बांस के पास तो चौबीस
घ8टे ब>ढया दफतर क कार उपल~ध रहती है !यहB
नहB खद
ु क जSरत के Gलये fकराये क भी खडी हो
जाती हo और भी ढे र सारB सJवधाय
ु T भी ! छटटB
ु के >दन
25
मझ
ु गरBब को दफतर आने के Gलये खद
ु का पैसा खच4
कर काम पर आना पडता हo ! इसके बाद भी दद4 के
Gसवाय मझे
ु आज तक कछ
ु नहB Gमला !
अंकु र बाबःकमार
ू ु बाबू बांस क इतनी बडी बदतमीजी को
बदा4qत कर गये ! सच आप तो महान हो कमारबाबः
ु ू Xया
करता  तqन fकये nबना काम करता रहता हंू ! मझ ु े
मालम
ू हo मेरB कोई उ◌ुचीं पहंु च नहB हo ! छोटा कम4चारB
और छोटB nबरादरB का कौन मेरB मदद करे गा ! अंकु रबाबू
यहां बहत
ु सारB बाते◌ा◌ं का फक4 पडता हo इि8डया है
मेरB जान इि8डया ! अंकु र बाबू  तqन करने पर नौकरB
जाने का खतरा भी तो हo ! मेरा कोई सपा4टर भी तो नहB
हo qशायद छोटB जा त का होने के नाते अंकु रबाबःू यहां
तो मारे रोवै न दे य वालB कहावत चUरताथ4 हो रहB हo !
कमारबाबः
ु ू आंसू पीकर नौकरB करना मेरB fकमत बन
चक
ु हo !
अंकु र बाबःू यह तो सरासर अ-या हो रहा है आपके साथ
!
कमार
ु बाबःू इस अ-याय के पीछे बढB ु सामािजक
iयवथा क बदबू आपको नहB लगती !
अंकु र बाबःू आती है ना ! सच कमारबाब
ु ू आप उ◌ु◌ंची
nबरादरB के होते तो जSर आपको अpछा  तफल
Gमलता भले हB आपक पहंु च उपर तक न होती ! पर-तु
यहां तो आपके साथ ज}
ु म हो रहा हo

26
कमारबाबः
ु ू ज}
ु म सह तो रहा हंू मझे
ु मालम
ू हo ज} ु म
सहना भी अपराध है पर इसके पीछे मेरा म-तiयहै ! मेरे
पUरवार बpचP के सखद
ु भJव`य का सपना हo !
अंकु रबाबःू यह आप तप कर रहे हo !
कमारबाबःबडे
ु ू क`ट उठाकर यहां तक पहंु च पाया हंू इसे
गंवाना नहB चाहता !अफसोस के साथ कहना पड रहा है
fक घाव बहत ु पाया हंू ! रोज रोज घाव सहकर पUरवार के
सपने परेू करने मT लगा हंू ! य>द मने
o पीडा क वजह से
चाकरB ?याग >दया तो मेरे पUरवार के सपने उजड सकते
हo
अंकु रबाबःआपक
ू े म-तiय नेक हo !सहनशिXत भी आपको
भगवान हB दे रहा हo वरना सˆ का बांध कब का टट

गया होता ! सच कहा है fकसी ने नेक उदे qय से सहा
गया क`ट भी तप बन जाता हo ! कमार
ु बाबू आपक
तपया के पUरणाम उ?तम आयेगे ! भगवान पर भरोसा
रखये !
कमार
ु बाबःू अpछे कल क उYमीद मT हB तो दहqत भरा
जीवन जी रहा हंू !
अंकु र बाबःू दहqत भरा आपका यह जीवन ?याग हo ! जो
लोग आपके छोटे पद छोटB nबरादरB से घणा
ृ कर ज}
ु म
कर रहे हo वे हB एक >दन आपके सामने नतमतक होगे
! आदमी के साथ भेदभाव का iयवहार अपराध हो चका
ु है
!
27
कमारबाबः
ु ू सभी जानते हo पर अमल कौन करता हo ! सब
कहने मT अpछा लगता हo ! कथनी करनी मT आज का
आदमी अ-तर रखता हo ! हाथी के दांत क भा त >दखाने
को और खाने को और !
अंकु र बाबःठ$क
ू फरमा रहे हo ! दिYभयP क जडP मT तो
Jवपमता क हB उव4रा qशिXत है ना ! यहB अGभमान और
दहqत पैदा करने का कारण भी !
कमारबाबः
ु ू स?य तो यहB है !
अंकु रबाबःजन
ू त न5ध भी Jवपमता के उ-मूलन के Gलये
कछ
ु नहB कर रहे हo ! जा त समाज और पाटx मT हB जी
रहे हo ! Gसफ4 समानता क बात तो भापणP मT हB करते हo
चUरd मT कहा उतारते हo ! इतना हB नहB जा त समाज
और अपने ओहदे क वजह से दहqत फेलाने मT भी
पीछे नहB रहते हo ! यहB हाल धम4 समाज के ठे केदारो का
भी हo ! य>द ए लोग ईमानदारB से समानता के Gलये
काम fकये होते तो Jवपमता के काले बादल नहB मडराते
नहB दं गे फंसाद होते ! नहB वं5चतP के साथ बला?कार
अ?याचार हB होते ! Jवपमता ने हB तो आदमी के बीच
दहqत क दBवार खडी कर रखी हo चाहे समाज हो या
दफतर हर जगह !
कमारबाबः
ु ू ठ$क कह रहे हo अंकु र बाबःू
अंकु र बाबःू सामािजक और राजनै तक नेताओं से तो
अGभनेता कछ
ु मामले मT अpछे हT ! सामािजक उ?थान
28
का काम करते हo ! अ-त4जातीय ~याह करते हo !अनाथ
बpचP का पालन पोपण कर रहे हo ! यहB नहB कंु वारB
अGभनेndया भी अनाथ बpचP का गोद लेकर ममता उडेल
रहB हo ! लालन पालन कर रहB हo ! कोई सा◌ामािजक
अथवा राजनै तक नेता ऐसा fकया हo नहB ना और न हB
अपनी से छोटB जा त के साथ Uरqता fकया हo ! हां दे श
और समाज को कंगला बनाने के Gलये घसखो
ू रB
UरqतखोरB जSरB कर रहे हo ! Jवपमता क खेती कर रहे
है !वं5चतP को बस म"
ु ठ$ भर भर आग Gमल रहB है
अपने हB जहां मT ।
अंकु रबाबःू आपके बांस भी कम नहB ! वे भी अपने पद के
अGभमान मT आपको खन
ू के आंसू बहाने पर मजबरू fकये
रहते हo !
◌ंकु मार बाबःू स?तासYप-न लोगP के जा त nबरादरB से
उपर उठकर दे श जन के क}याणाथ4 काम करना चा>हये !
समानता का iयवहार करना चा>हये ! चाहे मेरे बांस हो
या कोई सामािजक या राजनै तक स?ताधारB या कYपनी
संथा का पदा5धकारB !
अंकु र बाबःतभी
ू तो कमजोर आदमी दहqत भरे जीवन से
उबर कर समानता का जीवन जी सकेगा और तरXक
का अवसर भी पा सकेगा !
कमारबाबः
ु ू काश सामािजक आ5थ4क समरसता क बयार
चल पडती ! घमि8डयP क जडे उखउ जाती !
29
अंकु रबाबःू जSर वह >दन आयेगा जब हर दहqत से
कमजोर नजात पा जायेगा ! दहqत मT रखने वाले अपने
ककम‰
ु क वजह से खद
ु दहqत मT बसर करे गे !बस
जSरत हo कमार
ु बाबू शाि-त और अ>हंसक मन से आप
और आप जैसे कलमकारो को सामािजक एवं आ5थ4क
समरसता के शोले उगलते रहने क ! सामािजक बराईयP

क भभक रहB म"
ु ठ$ भर भर आग को सrभावना से
शीतलता दान करने क ।
लहू के कतरे
अरे बाप रे अ>ह}या मांता के शहर के लोग एक दसरे
ू के
लहू के रं ग से शहर बदरं ग कर रहे हo !मारने काटने को
दौड रहे हo कहते हए ु सचेतन ज}दB ज}दB मोटर
साइfकल खडी fकये और झटपट घर मT भागे ! घर मT
घसते
ु हB बेहोश से 5गर पडे ! सचेतन क हालत दे खकर
बी>टया दौडी हई
ु आयी और जोर जोर से मYमी मYमी
बलाने
ु लगी !बी>टया जहB
ू के पकारने
ु क आवाज सनकर

क}पना दौडती भागती आयी ! सचेतन को झकझोरते हए

बोलB अरे जहB
ू के पापा आंख तो खोलो Xया हो गया
तमको
ु !
सचेतन अरे मझे
ु तो अभी कछ
ु नहB हआ
ु है अगर ऐसे
हB चलता रहा तो qशहर क आग को यहां तक पहंु चने
मT दे र नहB लगेगी !
क}पनाः Xया कह रहे हो हम अपने हB घर मT सरabत

30
नहB है ! Xया हआ
ु है qशहर को ! कैसी आग लगी है
◌ंशहर मT साफ साफ कहो तो सहB ! मेरा तो >दल बैठा
जा रहा है ! अरे Xया हआ
ु है शहर को◌े◌ं !
सचेतनःअरे शहर सलग ु रहा है !
क}पनाः Xया कह रहे हो ! सोलह साल से इस qशहर मT
रह रहे है ! कभी तो नहB सलगा
ु था यह qशहर कछ

>दनP से इस qशहर क अमन qशाि-त को ना जाने
fकसक नजर लग गयी है !आज fफर कौन सी ऐसी बात
हो गयी है fक शहर सलग
ु रहा है ! बात मेरB समझ मT
नहB आ रहB है !
सचेतनःभागवान qशहर मT दं गा फैल गया है !लोग एक
दसरे
ू को मारने काटने पर तले
ू है ! कहB दकान
ु जल रहB
है तो कहB fकसी का घर ! कहB इ\जत पर हमला हो
रहा है तो कहB लहू से सडक नहा रहB है !
क}पनाःबाप रे fफर दं गा ! 21 जनवरB मकु े रBपरा
ु मT दं गा
भडका था दस >दन बाद कब4ला मैदान पर आज fफर 12
फरवरB 2007 को दं गा भडक गया !एक सYदाय दसरे
ू के
जान लेने पर तलB
ू है ! इस qशहर क अमन qशाि-त को
धाGम4क उ-माद खा जायेगा Xया भगवान ! हे भगवान
उ-मा>दयP को सदबि◌
ु .‡ दो जो लोग धम4 क अफम
खाकर दं गा फैला रहे हo ! बेचारे गरBब मारे जा रहे हo
!अpछा बताओ आज fकस बात को लेकर दं गा भडका है
!
31
सचेतनः िजतने मंह
ु उतनी बातT ! कोई कह रहा है fक
नरGसंह बाजार मT एक लडक के साथ छे डछाड को लेकर
दं गा भडका हo ! कोई कह रहा हo दो प>हया वाहनP का
Gभड-त को लेकर ! इ-हB अफवाहो को लेकर परGसंह
बाजार मT भगदड मच गयी ! आग मT घी डालने का काम
कछ
ु भागती हई
ु म>हलाओं ने भी fकया यह कहकर fक
उनके घरP मT आग लगा दB गयी हo ! शायद यहB अफवाहे
साYदा यक दं गे का Sप धारण कर लB हो ! खैर
खरापाती
ु लोग तो बहाना हB ढढते
ू रहते हo जबfक जानते
है fक दं गा करने वाले और दं गे का Gशकार हये
ु लोग
या न दोनो मिqु कल मT आते हo पर Gसरfफरे अपनी
औकात तो >दखा हB दे ते हo ! घरो मं आग लगने क
अफवाह फेलते हB उपmवी लोग सडक पर आ गये !
प?थरबाजी बम पेlोल बम तक एक दसरे
ू के उपर पर
फेकने मT जरा भी >हचfकचाये नहB ! जबfक दोनो पb
इसी qशहर मT रह रहे है एक दसरे
ू को बचपन से दे ख रहे
हo fफर भी दं गा भडका रहे हo ! िजस गलB गचे
ु मT पले
पले बढे उसी गलB को एक दसरे
ू के खन
ू से बदरं ग कर
रहे हo ! Xया लोग हो गये हo !एक दसरे
ू पर इतेन प?थर
फेके गये fक सडक हB परB
ू पट गयी ! नगर नगम lको
मT भर कर प?थर ले गया ! लहू के कतरे nबना fकसी
अलगाव के qशहर के fफजा को बदरं ग कर रहे है
!उपmवी है fक अपनी करततP
ू पर मदमत होकर जहर
32
घोल रहे हo ! Xया लोग हो गये है , आदमी के लहू के
कतरे कतरे से अपनी धमा4नधता एवं िजद को संवारने
पर तलेू हए
ु हo ! यहB साYद यक दं गे तो धरती पर
इंसा नयत के दqु मन बन हए
ु हo ! वाह रे धम4 सYदाय
क अफम खाकर शहर अमन शाि-त को चौपट कर
जंगल राज थाJपत करने पर जटा
ु है सच 12 फरवरB
2007 का >दन शहर के इ तहास का काला >दवस साnबत
हो गया है !
क}पनाः सरbा
ु क िजYमेदार पGलस
ु नहB पहंु ची Xया !
सचेतनः पराने
ु ढरk पर ! उपmJवयP को खदे डने के Gलये
गोGलयां चलायी ! गोलB चलाने के बाद भी उपmवी गGलयP
मT छप छप करे प?थरबाजी करते रहे
!पढरBनाथ,म}हारगंज छdीपरा
ु थाना bेdP मT धारा 144
लग गयी हo जैसा अखबार मT छपा है !
क}पनाः Xया हो गया है इस qशहर के लोगो को
qशाि-त सदभाव को कचलने
ू पर उतर रहे है ! यह शहर
तो बहत
ु सरabत
ु था पर अब इस शहर पर ना जाने
fकसक नजर लग गयी ।
सचेतनः सच सwय समाज के Jवmो>हयP क नजर लग
गयी है ।पGलस
ु शासन समझा बझाकर
ु शाि-त बहाल
करने मे जटा
ु है ।
क}पनाःसमझाने के अलावा पGलस
ु तो और भी कदम
उठा सकती थी !
33
सचेतनःआसू गैस बल योग तक सीGमत रहा! उपmव क
आग जब अपने चरम पहंु ची तब जाकर धारा 144 और
कहB कहB कफय4ू लगाया !
क}पनाः काश यह सब उपmव के qशS
ु आती दौर मT लग
जाता तब qशायद न तो जान क और नहB माल क
हा न होती !
सचेतनः ठ$क कह रहB हो ! अब तो उपmJवयP ने
आमजन के Gलये मिq
ु कल खडी हB कर >दये है ! सब
बाजार हाट ब-द हो सकता है !
क}पनाः ब-द तो होना हB चा>हये !कब उपmJवयP क
छाती मT उबल रहा उ-माद सलग
ु उठे और शहर को
शम4सार कर दे ! परेू bेd मT कफय4ू लगा दे ना चा>हये !
बीच बीच मT छट
ू Gमलती रहे ताfक लोग अपने जSरB
काम कर सके !उपmJवयP क GशनाOत कर काले पानी
क सजा दे दे नी चा>हये ताfक fफर उ-माद का भत
ू न
सवार हो सके ! कफय4ू मT >ढल के वXत पGलस
ु को
उपmJवयP पर चौकस नगाहT भी रखनी होगी !सडक पर
nबखरे लहू के कतरP के सफाई क भां त लोगP को भी
अपने >दलP पर जमी मैल क परतP को धो दे ना होगा
तभी पण4
ू Sपेण सव4धम4 सदभाव कायम हो सकेगा !
सचेतन ◌ः िजस >दन शहर मT सदभाव थाJपत हो गया
ु मo जqन मनाउ◌ू◌ंगा ! क}पनाः काश तY
! सचमच ु हारB
>दलB Oवा>हश परB
ू हो जाती ! शासन शासन उपm य◌ो◌ं
34
के साथ सOती से पेश आता हर राजनी त से उपर
उठकर ! उपmJवयो क हर ग तJव5धयP पर नजर रखता !
सचेतनः भागवना ठ$क तो कह रहB हो ! होना तो ऐसा हB
चा>हये पर लोग अपने कत4वयP पर खरे उतरे तब ना!
`ुGलस शासन को तो आग{ि`ट अब तो रखना हB
हे ◌ागा! खैर जो लोग अमन पस-द qशहर के लहलहान
ू ु
हए
ु है उनका Xया !
क}पनाः अमन पस-द लोग अपनी अपनी घाव को
भलकर
ू शहर क qशाि-त के Gलए ?याग तो करे गे हB
पर-तु उपmवी लोग अपनी करततो
ू पर लगाम तो लगाये
शहर को बदनाम ना करT !
सचेतनः ठ$क कह रहB हो उपmव से qशहर क अमन
सदभावना को धXका तो लगता हB है ! वह समदाय
ु धम4
भी द ु नया क नजरो मT बदनाम हो जाता हo जो दं गा
फसाद के Gलये िजYमेदार होता है ! खैर अब से भी अमन
हो जाता ! qशहर तो झलस
ु हB गया है ! उपmवी अब से
भी सदभावना Jवरोधी ग तJव5धयP पर लगाम लगा लेते
तो बडा सकन
ू Gमलता !
क}पनाः दे खो जी 5च-ता को >दल से ना लगाओ तY
ु हारB
तnबयत भी ठ$क नहB हo ! 5च-ता तY
ु हारे वाथ क
दqु मन हo ! रात भी \यादा हो गयी हo ! अब सो जाओ !
सचेतन बडी मिq
ु कल से सोया पर नींद मT भी कई बार
बडबडाता रहा बचाओ बचाओ ! अरे fकसी के आGशयाने
35
मT आग ना लगाओ ! सबह ु हई
ु हB नहB fक बpचे◌ा से
बार बार अखबार लाने को कहने लगे !
Jपता के बार बार अखबार मांगने पर बी>टया जहB
ू बोलB
अरे पापा अभी अखबार हB नहB आया तो दे कहां से !
रे KडयP सनP
ु समाचार आ रहा हo qशहर मT qशाि-त
थाJपत हो रहB हo धीरे धीरे ! उठो ˆश करो दवाई लो !
आंख खोले हB नहB अखबार अखबार मांगने लगे सचेतनः
अखबार आज इतना दे र से Xयो आ रहा है !
क}पनाःअरे अखबार और हांकरो पर भी तो दं गे का
असर होगा क नहB !
इतने मT कछ
ु 5गरने क आवाज आयी !सचेतन जोर से
बोले दे खो◌े पेपर आ गया Xया ! लगता हo हांकर अखबार
फका
T हo !
क}पनाःज}दB ज}दB गयी और अखबार सचेतन को
थमाते हए
ु बोलB लो अखबार आ गया सचेतनःअरे बाप रे
!
क}पनाः Xया हआ
ु !
सचेतनः qशहर मT कफय4ू जारB ,कूल कोल ब-द बसP
का आनाजाना ब-द ! शाि-त माच4 ! मंगलवार को शाम
होते होते िथ त nबगडी ! दं गे के दसरे
ू >दन भी अमन
नहB qशहर मT !
क}पनाः दं गे का कारण लगता हo अफवाहे हB रहB है
वरना छोटB सी बात को लेकर इतना बडा दं गा ! कभी

36
नहB होता ! छोटB मोटB बाते◌ा मT धम4 सYदाय घस
ु रहा
हo और यहB दं गे का कारण बन जाता हo ! दं गाईयP क
सोची समझी सािजश के तहद सब हो रहा है !
सचेतनः मानवता सदभावना के Jवरोधी चाहते Xया हo !
जना
ू Uरसाला के एक सामदा
ु यक भवन पर बम फक
T
>दया है दं गाईयो ने !
क}पनाः बम फेका हo तो कोई ना कोई हताहत भी हआ

होगा !
सचेतनः खैर भगवान ने बचा Gलया हo जान क हा न तो
नहB हई
ु हo ! पGलस
ु ने मोचा4 खे◌ाल >दया है !
क}पनाः उपदJवयP क Gशना◌ाOत कर उनके तलाशी के
साथ उनके घरP एवं सं>दध ि◌ा◌ानP क भी तलाशी
लेनी चा>हये ! दं गाई बम गोले कहां से लाते हo ! इनके
तार हो ना हो fकसी उ,वादB ,पु से तो नहB जडे
ु हए
ु है
!
सचेतनः हो भी सकता है ! पGलस
ु गहन छानnबन कर रहB
हo ! रै Jपड एXशन फोस4 भी शहर मT आ चक
ु है
क}पनाः qशहर का दं गां ◌ं साYदा यक रं ग के साथ
राजनी तक रं ग मT भी रं गा लगता है ! qशहर क आ5थ4क
राजधानी जहां हमेशा ठसाठस भीड रहती थी वहां
स-नाटा पसरा हआ
ु है !
सचेतनः एक तरफ तो qशहर का आवाम बेहाल हo दसरB

ओर राजनी तक गरमी भी बढने लगी हo ! अमन क

37
उYमीद के बीच आरोप ?यारोप भी लग रहे हo !
क}पनाः दं गा भले हB साYदा यक हो पर राजनी त क
उव4रा शिXत भी इसमT qशाGमल तो हo ! ऐसी खबर गलB
मोह}ले मT फै◌ेल चक
ु है !
सचेतनःशहर के लोग संवेदनशील एवं वेदना को समझते
हo ! अमन पस-द लोग हo ! सामािजक एकता मT Jवqवास
रखने वाले ले◌ाग हo ! उपmJवयP के इरादP को Jवफल तो
कर हB दे गे !सच यह है fक कोई तो हo जो शहर क
fफजा nबगाडने पर तला
ू हआ
ु हo !
क}पनाःठ$क कह रहे हो ! उपmJवयP को बेरोजगारB
अGशbा,महगाई,गरBबी छआछत
ु ू जा तवाद के मददे
ु >दखाई
हB नहB पड रहे हo ! दे श समाज के दqु मन साYदा यक
भावना के सहारे qशहर का अमन चैन छन रहे हo !
सचेतनः समाज मT बैर फेलाने वाले लोग दे श समाज के
क}याण क बात नहB कर सकते ना !
क}पनाः यहB तो दभा4
ु य हo ! दे श मT पढे Gलखे बेरोजगारP
क फौज खडी हो रहB हo ! भख
ू गरBबी पसरB पडी हo !
अGशbा नारB Gशbा के Gलये जंग छे डना चा>हये था पर
समाज दे श के Jवरोधी अमन qशाि-त के खलाफ मोचा4
खोल रहे है ! qशहर को कफय4ू धारा 144 मT जीने को
Jववश कर रहे है
सचेतनः ठ$क समझ रहB हो भागवान काश उपmवी लोग
भी सोचते दे श समाज के >हताथ4 !
38
क}पनाः दं गे के पीछे कोई ताकत तो हo !
सचेतनः पदा4फाश हो जायेगा ! fकसी के तन पर तो
fकसी के मन पर घाव लगी हo ! सwय समाज के दqु मनो
ने fकतनP क रोटB रोजी मT आग लगा >दये हo ! !
क}पनाः दं गा कोई चैन दे सकता है Xया !नहB ना !
सचेतनः सब जानकर भी उ-मादB लोग एक दसरे
ू के खन

के `यासे बन जाते हo ! जबfक मानवता से बडा धम4 और
दद4 से बडा Uरqता कोई नहB होता पर उपmवी सब रौदने
पर तले
ू है !
क}पनाः खैर िज-दगी पटरB पर आने लगी है !
सचेतनः qशहर मT ज}दB अमन qशाि-त थाJपत हो !
उपmवी लोग तो आग उगलते हB रहे हo!
क}पनाः जहB
ू के पापा कछ
ु औरते कल आपस मT बात
कर रहB थी fक हकमत
ु ु असलB मजUरमP
ु पर हाथ नहB
डालती ! तमाम दं गे इस बात के गवाह हo ! ऐसा करने मे
हकमत
ु ु को खतरो से खेलना पड सकता हo Xयोfक दं गे
के िजYमेदार दोनो पbP मT कटरपं5थयP क भरमार होती
हo ! यहB दं गP का राज तो नहB हo !हकम
ु ु त मT एक fकम
का कटरपंथी तबका वोट बक
o का इंतजाम करता हo तो
दसरा
ू राजनी तक बैसाखयP का !
सचेतनःठ$क कह रहB हो ! राजनी तक आकाओ ने वोटो
क िजस तरह जा त धम4 अथवा सYदाय के आधार पर
Jवभािजत कर >दया हo ! उससे से यह कयास लगने लगा
39
हo अमन पस-द दे श समाज के नागUरक को fक शहर
अब बाSद के ढे र पर खद
ु को पाने लगे है ! समय आ
गया है अब उपmJवयP के खलाफ सOत कार4 वाई हो !
qशासन शासन इसके Gलये कमर कस ले ! उपmवी चाहे
िजना भावशालB XयP न हो उसे दे श समाज का खतरा
समझकर उसके खलाफ कार4 वाई हो ! धाGम4क
साYदा यक उ,वादB संगठनो पर पण4
ू  तब-ध लागू हो
जो अमन qशाि-तं के JवSeद उठ खडे होते हo ! दे श मT
समान सं>हता लागू हो !तभी दं गो से नपटा जा सकेगा !
क}पनाः काश ऐसा हB होता !
सचेतनःऐसा होगा दे खना एक ना एक >दन !ह?या
दघ4
ु टना,दं गा उपmव महगाई आ>द से लYबे असk से >दल
दख
ु रहा है पर अब सकन
ू क खबरे आने लगी है
!महाGशवराnd एंव जY
ु मे क नमाज के भाव से qशाि-त
एवं सदभावना क बदरB छाने लगी है !
क}पनाःसच धीरे धीरे अब शहर म
ु कराने लगा है !ऐसी
खबर आने लगी है !अमन शाि-त पस-द शहर के लोग
सब कछ ु भलने
ू लगे हo जैसे कछ
ु हआ
ु हB न हो !अpछा
संकेत हo सामािजक सदभावना का !
सचेतनः अरे जहB
ू क मां ए दे खो ! कई >दने◌ा◌ं के बाद
बडा सकन
ू लग रहा हo !
क}पनाः सकन
ू महसस
ू कर रहे हो यह तो मo समझ
गयी पर >दखा Xया रहे हो !
40
सचेतनः अखबार शहर मT अमन चैन हो गया हo ना
इसीGलये पापा अखबार मT छपी खबर >दखा रहे हo Xयो
पापा यहB ना !
सचेतन ◌ःठ$क समझ रहB हो !
क}पनाः qशहर मT qशाि-त हो गयी हo ! उपmवी अपनी
अपनी मांदP मT छप गये हo ! अब fफर कभी Gसर ना
उठाये ! शहर और शहर क अमन qशाि-त को
उपmJवयP ने साYदा यकता क आग मT धू धू कर जला
हB >दया था पर अब पनः
ु सदभाव क लहर दौड पडी हo !
सचेतनः अमन qशाि-त मT हB तो सwय समाज क
आ?मा बसती है !
क}पनाः दे खो सब ओर सदभाव पण4
ू माहौल हो गया हo
तम
ु अपने वादे पर खरे उतरो !
सचेतनः Xया !
क}पनाः अरे नाचP गाओं जqन मनाओ भल
ू गये Xया
?अब तो उपmJवयP क बोयी म"
ु ठ$ भर आग ठ8डी हो
गयी है ।
सचेतन ◌ः नहB भागवान !आज तो वाकई नाचने गाने
जqन मनाने का >दन हo शहर मT अमन शाि-त हo और
घर मT बेटे का ज-म >दन 17 फरवरB आज तो दगनी
ु ु
खशी
ु हo! उपmJवयP Šारा सलगायी
ु म"
ु ठ$ भर आग ठ8डी
हो गयी है ।
क}पना ◌ः अब दे र fकस बात क !कछ
ु गीत तो सनाओ

41
अब ! इस खशी
ु के माहौल मT चार चांद लगाओ !
सचेतनः लो सनो
ु सनाता
ु हंू !
मo एक गीत गाता हंू !
सदभाव का भखा
ू ,
अमन शाि-त का गीत गाता हंू
ना बहे लहू के कतरे कतरे यारो
शहर जहां शाि-त सदभाव क है यारB !
मo एक गीत गाता हंू
कटरपं5थयP उ-माद नहB अpछा
डर मT जीने वाले Xया करोगे सरbा

न उगलना कभी आग,
मानवता से कर लो यारB
मo एक गीत गाता हंू
दर-
दर-ब-दर
Jवजय बाबू अपनी गह
ृ थी क गाडी धम4प?नी इंmाणी के
साथ Gमलकर बडी हं सी खशी
ु से खींच रहे थे ।दोनो पdो

को अpछ$ ताGलम भी >दये थे न-हB सी तनOवाह के
भरो◌े◌े◌ेसे । दोनो प त प?नी खद
ु के पेट पर पटटB बांध
लेते थे पर बेटो दBपू और टBपू को जरा भी गरम हवा के
लगने क कोई गजाइश
ु नहB छोडते थे । जीवन गाडी
समय के प>हये पर चल रहा था । Jवजय बाबू के दोनP
बेटो को बडे बडे ओहदे क नौकUरयां भी Gमल गयी ।
Jवजय बाबू और इंmाणी के जीवन मT बस-त छा गया ।
42
Jवजय बाबू ने दो◌े◌े◌ेनो बेटो का ~याह गौना बडी शान
शौक से fकया । दोनो बेटे अपने पUरवार मT मगन हो
गये । Jवजय बाबू के पास बाप दादे क जमीन जायदाद
भी खब
ू थी । दBपू और टBपू क 5गeद नजर पहने तो
आकर इसी पर >टक ।
एक >दन दBपू और टBपू दोनो अपनी अपनी पि?नयP के
साथ Jवजय बाबू और इंmाणी को घेरकर बैठ गये और
5चकनी चपडी
ु बाते करने लगे । बातो हB बातो मT दोनो
भाई एक वर मT बोले-पापा गांव क जमीन बेच दे ना
चा>हये ।गांव क जमीन से िजना फायदा नहB होता
उतना तो आने जाने मT खच4 हो जाता है ।खेती क आधी
से \यादा उपज तो मजदरP
ू क भेट चढ जाती है उपर से
बार बार भागना पडता है ।पापा गांव और गांव क
जमीन जायदाद से मोह~बत तो घाटे का सौदा साnबत हो
रहा है ।
Jवजय बाबू और इंmाणी एक वर मT बोले-सौदा - अरे
नहB रे वहां क जमीन मT तो◌े हमारB पी>ढयP क
हKडडयां गलB पडी है । बेटा वह जमीन नहB वह तो
परखP
ु क धरोहर है । उसे सौदा मानकर तम
ु लोग बेचने
क बात कर रहे हो ।बेटा कभी बेचने का नाम ना लेना
मेरे जीते जी । मेरे परखो
ु क नशानी है गांव क जमीन
और महलनमा
ु घर ।
दBपू और टBपू एक वर मT बोले-पापा ऐसी हाथी पालने
43
से Xया फायदा जो नकशान
ु दे रहB हो और अपनी
जSरते भी नहB परB
ू हो रहB हो । पापा न तो हम और
नहB हB हमारB औलादे गांव जायेगी तो इस जमीन
जायदाद का Xया होगा ।
Jवजय बाबू और इंmाणी बोले-बpचो जब हम मर खप
जायेगे तो तब तम
ु लोग जो उ5चत समझना कर लेना
पर मेर जीते जी तो बेचने का नाम भी न लेना गांव क
Gमि}कयत ।
आखरकार बेटो बहओं
ु क िजद के आगे Jवजय बाबू और
इंmाणी को घटने
ु टकना
T पडा और गांव क Gमि}कयत
nबक गयी आनन फानन मT ।
गांव क Gमि}कयत nबकते हB Jवजय बाबू का शहर का
मकान महल का Sप धर Gलया जो रकम बची दोनP बेटो
के खाते मT चलB गयी । Jवजय बाबू को पशन
T का आसरा
तो था हB । इसी आसरे मT Jवजय बाबू सोचे िज-दगी के
सा-eयकाल मT सांस कब साथ छोड दे Xया भरोसा । बेटे
बहओ
ु क खशी
ु मT खद
ु खश
ु रहना चाह रहे थे । उ-हे
Xया पता था fक उनके लायक बेटे अब नालायक हो
गये है जो कछ
ु कर रहे है एक सब सोची समझी सािजश
के तहत कर रहे हo ।
समय fफर करवट बदला दोनो बेटे अलग अलग qशहर
मT तैनात हो गये और अपने अपने बाल बpचP के साथ
जा बसे । इधर Jवजय बाबू भी उt का साठवां बरस परा

44
कर सेवा मX
ु त हो गये । महलनमा
ु मकान मT Jवजयबाबू
और इं-mाणी अकेले रहे गये । कभी वे छोटे तो कभी बडे
बेटे के साथ साल भर मT कछ
ु >दन रहकर चले आते ।
दBपू और टBपू क 5गeद नजर fफर मां बाप के मकान
पर आ >टक । मां बाप का खद
ु के  त अथाह ेम का
फायदा उठाकर दोनो बेटे एक और चाल चले ।
अचानक एक >दन दBपू सपUरवारqमां बाप के पास आ
गया और घKडयालB आंसूं बहाते हए ु बोला मां यह दरB

अब बदा4qत नहB होती है । मां बाप एक साथ बोले बेटा
नौकरB घर मT बैठकर तो नहB क जा सकती जब तक
हई
ु तब तक fकये अब कYपनी ने तमको ु था-तUरत कर
>दया हo तो बेटा कYपनी के अनसार
ु काम करना होगा ।
बेटा तमको
ु मालम
ू हB है नौकरB मT ना का कोई रोल नहB
होता । नौकरB करनी है तो यह सब होगा । हमारB
5च-ता छोडो अपने बpचे◌ा◌ं क परवUरश बेह?तर तरBके
से करो ताfक वे तY
ु हारा नाम खानदान का रोशन करे
जैसे तम
ु दोनो भाई कर रहे हो उ◌ू◌ंचे उ◌ू◌ंचे ओहदे पर
बैठकर । जैसे आकर Gमल जाया करते हो या हम बढा

बढB
ू आकर Gमल आया करते हo तम
ु लोगो से वैसे हB
आते जाते रहे गे ।दBपू बोला नहB मां अब तम
ु मेरे साथ
रहोगी।
एक हB >दन दBपू के आये हB हआ
ु था fक दसरे
ू >दन
टBपू भी आ धमका ।वह भी अपने साथ मां बाप को
45
रखने क िजद करने लगा पर यह तो महज >दखावा था
एक सािजश के तहत ।
दBपू और टBपू मां बाप पर मकान बेचने का जोर डालने
लगे । Jवजय बाबू और इंmाणी को भय सता रहा था वे
मकान नहB बेचना चाह रहे थे । यहB तो मकान था िजसे
बनाने के Gलये बाप दादP क धरोहर को बेचा गया था ।
दोनो बढा
ू बढB
ू इस मकान को बेचकर जीते जी मरना
नहB चाहते थे पर बेटP क िजद के◌े आगे वे बेबस हो
गये । आनन फानन मT यह भी मकान nबक गया।
दBपू मां बाप को टBपू के हवाले कर qशहर चला गया
fफर उलट कर हB नहB दे खा । कई महBनP के बाद टBपू
दBपू के पास आया तहककात के तौर पर । यहां तो दBपू
का इरादा हB बदल चका
ु था । टBपू दBपू से साफ साफ
कह >दया fक अब वह मां बाप का बोझ नहB ढो सकेगा

दBपू अपना रोना रोते हए
ु बोला भइया टBपू खचा4 बढ
गया है । बpचP क पढाई पर लाखP खच4 हो रहा है
,उपर से fकराये का घर भी तो हo ।मां बाप को अपने
पास हB रखP ।
टBपू -भइया हमारे भी तो बाल बpचे है । हमने कहां महल
बना Gलया हo तY
ु हारे पास तो चारqशहर मT चार चार
मकान `लाट भी तो ह।o तम
ु से बहत
ु कम मेरB कमाई हo
। भइया तY
ु हारB कमाई तो मझसे
ु कई गना
ु अ5धक हo ।
46
गाडी बंगला सब कछ
ु तो है तY
ु हारे पास कYपनी का
>दया हंू । हमारे पास Xया है सखीू तनOवाह और Xया ।
भइया उपरB कमाई तY ु हारे पास है अ5धक है । कYपनी
क आंखP मT धल
ू झPकर ब>ढया कमाई कर लेते हो ।
टBपू क बातP से दBपू तैश मT आ गया वह मां बाप को
बांटने पर तल
ू गया पर बढे
ू Jवजय बाबू और इंmाणी को
यह पस-द ना था । वे fकसी मं>दर क डयोढB पर
बैठकर जीवन nबताना \यादा उ5चत मान रहे थे । मां
बाप के फैसले पर दBपू और टBपू सहमत ना थे । वे
दोनो अपने इस बंटवारे पर राजी हए
ु fक छः माह मां
बाप को दBपू रखेगा और छः माह टBप।ू दोनP बेटP के
आपसी फैसले के अनसार
ु मां बाप का बंटवारा हो गया ।
दBपू छः माह के Gलये टBपू के माथे मढ >दया । टBपू
क घरवालB को बढे
ू सास ससरु फटB
ू आंख नहB सहा
ु रहे
थे ।बढे
ू मां बाप बहू के उ?पीडन से dत थे बेटा भी जले
पर नमक छडक दे ता था रह रह कर । बढे ू Jवजय बाबू
और इंmाणी पqचाप क 5चता मT जल-जल कर बेटा बहू
का उ?पीडन झेलने को मजबरू थे । उ-हे कभी कभी डब

मरने क सझने
ू लगती थी पर पोते पो तयP का मोह
इजाजत ना दे ता । बेटा बहू के Gलये इनक हालत क?
ु ते
nबि}लयP से अ5धक ना थी । बढे ू Jवजय बाबू और
इंmाणी को सकन
ू क तलाश थी । वे सोच रहे थे शायद
बडा बेटा और बहू उ-हे सYमानजनक िथ त मT रखे ।
47
इसी बीच एक >दन टBपू दBपू के यहां पटक गया ।
Jवजय बाबू और इंmाणी को तो ठ$क ठाक लगा पर
स`ताह भी नहB nबता क वे असहज महसस
ू करने लगे
बडे बेटा बहंू के घर मT भी ।उ-हे एहसास होने लगा था
fक वे बडे बेटे बहंू के Gलये भी बोझ के अलावा और कछ

नहB हo । बडी बहू मैडम मो>हनी फोन पर हर fकसी से
बात करते समय यह कहते ना थकती fक सास ससरु
क वजह से घर से नकलना नहB हो पाता हo ।इंmाणी
घर का भी बहतु सारा काम खद ु हB नपटा लेती यहB
हाल Jवजय बाबू का भी था पर वे मां बाप न होकर अब
बोझ बन चक
ु े थे अपने हB बेटे के Gलये । उनक
अंतKडयP मT कलबलाहट
ु होती तो वे पेट को जोर से दबा
लेते । अपने हB बेटे के घर मT रोटB के Gलये मोहताज हो
गये थे ।वे अनजान लोगो से वe
ृ दा€म का राता पछने

लगे थे कभी कभी राह चलते ।
एक >दन दBपू दफतर से रोनी सरत
ू बनाकर आया ।
इंmाणी बेटे क परे शानी भापकर बोलB बेटा बहत
ु परे शान
हो Xया बात है ।शायद उ-हे लगा fक उनका बेटा fकसी
घोटाले मT तो नहB पकडा गया पर वह तो उसके घाघपना
से परB
ू तरह वाfकब थी । उ-हे यह मालम
ू था fक उनका
बेटा अपना जम4
ु दसरे
ू के माथे थोप सकता हo उसके साथ
तो ऐसा नहB हआ ु हo । हां कोई ना कोई बात तो जSर
है । इंmाणी बोलB बताओ ना बेटा Xयो 5चि-तत हो कोई
48
नई परे शान आ खडी हई ु है Xया ।
दBप-ू मां मेरा lा-फर हो गया ।
इंmाणी-lांफर ।
दBप-ू हां मां lां-फर ।
तब तक दBपू क घरवालB मैडम मो>हनी आ गयी और
बोलB Xया कह रहे हो तY
ु हारा lा-फर हो गया । अरे
तY
ु हारB कYपनी वाले तो एक जगह >टकने हB नहB दे ते
।इधर उधर भेजते रहते हo । सास ससरु आये थे कछ

>दन और चैन से रह लेते ।
दBपू- वह तो हo । मYमी पापा को तो परे शानी हो गयी ना
। मo भी तो यहB सोच रहा था ◌ं। न चाहकर भी मYमी
पापा को टBपू के पास छोडना पडेगा । मYमी पापा को
साथ रखना तभी सYभव होगा जब \वाइन कर ले और
अpछा मकान Gमल जाये । मकान ठ$क ठाक Gमलने पर
हB मYमी पापा को अपने पास रख सकेगे ।
मैडम मो>हनी-हां वह तो हo । मYमी पापा को ऐसी वैसी
जगह थोडे हB रखेगे ।
Jवजय बाबू और इंmाणी को कोई नई सािजश लग रहB
थी पर वे कर भी Xया सकते थे ।आनन फानन मT दBपू
मां बाप को टBपू के यहां छोडने का मन बना Gलया ।
मैडम मो>हनी बहतु खशु थी Xयोfक अब उनके राह के
कांटे बढे
ू सास ससरु नकलते नजर आ रहे थे।
दBपू पUरवार स>हत बढे
ू मां बाप को टBपू के पास छोडने
49
जाने के Gलये तैयार था । कछ
ु हB दे र मT गाडी भी आ
लगी । ‹ाईवर दBपू साहे ब को सलाम ठे ◌ा◌ंकते हए
ु बोला
साहे ब गाडी तैयार है । दBपू और उसका पUरवार बढे ू
Jवजय बाबू और इंmाणी के साथ गाडी मT बठ
o गया ।
गाडी रे लवे टे शन पहंु ची ।Œराईवर बढे
ू Jवजय बाबू और
इंmाणी का पैर छते ू हए ु बे◌ाला मYमी पापा आश|वाद दो
।मo अपने मकसद मT परा
ू हाउ◌ॅ◌ू◌ं ।
बढे
ू Jवजय बाबू और इंmाणी नqछल भाव से मYमी
पापा का उदबोधन सनकर
ु बहतु खश
ु हए ु और बोले बेटा
भगवान तेरB मराद
ु T परB
ू करT । मेरा आश|वाद तYु हारे
साथ हo ।
बढे
ू Jवजय बाबू और इंmाणी क बात सनकर
ु दBपू और
उसक घरवालB मैडम मो>हनी का मंह
ु उतर गया ।
‹ाइवर बोला मYमी पापा अब कब आना होगा ।
इंmाणी -बेटा अब इस qशहर मT कहां आना होगा ।
‹ाईवर- मYमी जी इस शहर से इतनी नफरत Xयो ।
Jवजय बाबू -बेटा नफरत Xयो करे गT । हम तो कˆ मT
पैर लटकाये हए
ु लोग हo । सब का भला चाहते हo । हमे
नफरत नहB बेटा `यार आता है ।
‹ाईवर- fफर आप ऐसा Xयो बोल रहB है मYमी जी fक
अब इस qशहर मT कहां आना होगा ।
इंmाणी- बेटा तेरे साहे ब का टं ◌्राफर हो गया ना इस
शहर से ।
50
‹ाईवर-Xया साहे ब का lा-फर ।कब हआ
ु यहां तो fकसी
को पता हB नहB ।
Jवजय बाबू-एक और सािजश दBपू क मां ।
इंmाणी- बार बार मना करती रहB fक मत बेचो मकान ।
बाप दादा क धरोहर तो बेच हB >दये थे ।जीते जी
मकान ना बेचो पर मेरB एक ना सने
ु । हम खानाबदोश
हो गये । अपनी हाल तो क?
ु ते nबि}लयP जै◌ेसी होकर
रह गयी है । मौत भी नगोडी हम से ना जाने XयP दरB

बनाये जा रहB है । कब तक दर-ब-दर भटकते रहे गे
अपनP क दB म"
ु ठ$ भर आग के दद4 को Gलये। इतने मT
गाडी को Gसनल Gमल गया और वह चल पडी छक
ु छक

करते हए।

च}
ु लू भर पानी
Xयो◌े◌ं जी nबन मौसम क बरसात Xयो । अभी तो
सरज
ू आग उगल रहा है । मौसम Jवyानी बता रहे है fक
मानसन
ू जन
ू के आखरB स`ताह मT आ सकता ह।o ये
अवारा बादल कहां से टट
ू पडे Jवशाल क मां ।
गीता- Xया कह रहे हो Jवशाल के पापा मेरB तो समझ मT
हB नहB कछ
ु आ रहा हo ।
अशोक-बहाना नहB ।
गीता-कैसा बहाना जी ।
अशोक-तY
ु हारB आंखP मT आंसू XयP ।
गीता-अpछा ये आसं।ू ये तो च}
ु लू भर पानी मT डब
ू मरने
51
क बात है ।
अशोक-ये कैसी चuवाती बरसात है जो nबना fकसी
बरसात और nबना बाढ के डब
ू मरने के Gलये फफकार

रहB है ।
गीता-थोडी दे र पहले आ गयी थी चuवाती बरसात एक
नरा5€त बढB
ू मां के साथ ।
अशोक-बढB
ू मां ।
गीता-हां बढB
ू मां के हB साथ आयी थी चuवाती बरसात
जो लोभी औलादो क मंशा को तार तार करने के Gलये
काफ थी ।
अशोक-कौन सी बढB
ू मां क बात कर रहB हो । कोई
गYभीर मामला हo Xया ।
गीता- हां । आने वाला समय बढे
ू मां बाप के Gलये तबाहB
लेकर आना वाला है ।
अशोक-Xया कह रहB हो Jवशाल क मां ।
गीता-ठ$क कह रहB हंू ।एक अंधी बढB
ू लाचार मां शहर के
चकाचौध भरे उजाले मT पता ढढू रहB थी अपनी बटB का
। बेचारB बढB
ू मां न_काGसत थी ।
अशोक- न_काGसत ।
गीता-हां न`काGसत । एक नालायक बेटा अपनी अंधी मां
को घर से नकाल >दया था । वह बढB
ू मां अपनी डयोढB
पर आ 5गरB थी । उनक दातान सनकर
ु ये nबन मौसम
क बरसात हo ।
52
अशोक-ग
ु ताखी के Gलये bमा करना दे वी जी पर अब वो
मां कहा है ।
गीता-बढ
ू B मां को उसक बेटB के घर छोड आयी ।
अशोक-बेटB के घर ।
गीता -हां बेटB के घर । बेटा घर से नकाल >दया हo तो
वह बढB
ू मां बेचारB जाती तो जाती कहां ।ना थाह ना
पता । बस इतना कालोनी का नाम मालम
ू और ये भी
fक तकोने बगीचे के सामने घर हo । इसी आधार पर
बढB
ू मां क बेटB के घर क तलाश करनी पडी हo । काफ
मqकत के बाद घर Gमल गया ।
अशोक-आज औलाद इतनी वाथ| हो गयी है fक अंधी
मां को रहने के Gलये जगह नहB है उसके हB बनाये
आGशयाने मT ।बेटा मां को घर से बेदखल करने पर उतर
आया है ।
गीता-हां बेचारB बढB
ू मां दर दर भटक रहB थी ना जाने
कब से ।आज बेटB के घर पहंु च पायी हo । य>द उस बढB

मां क मदद ना करते तो भटकती रहती ना जाने कहा
कहां । थक हार कर fकसी गाडी के नीचे आ जाती ।
मरने के बाद लावाUरस हो जाती । बेटा को कफन पर
भी खच4 ना करना पडता । मां को घर से बेदखल कर
खद
ु माGलक बन बैठा हo नालायक बेटा ।मां भखी
ू `यासी
धXके खाने को मजबरू हो गयी हo । बेटB ना होता तो
वह बंूढB अंधी लाचार मां कहा जाती । बढB
ू मां क दशा
53
दे खकर मन रो उठा Jवशाल के पापा । भगवान ऐसी
सजा fकसी मां बाप को ना दT ।
अशोक-बढB
ू मां के साथ दादा ना थे Xया ।
गीता-नहB । वे बेचारे मर गये हo ।उनके मरते हB बेचारB
पर मसीबत
ु का पहाड 5गर पडा है ।
अशोक-दौलत के Gलये मां पर बेटा ज}
ु म कर रहा है
।वाह रे बेटा । मां के आसंू का सख
ु भोग रहा है ।
गीता-हां जब तक परB ू दौलत पर क~जा नहB हआ
ु । बढB

मां को क? ु ते nब}लB क भां त Sखी सखी
ू रोटB Gमल
जाती थी । चल अचल सYप त पर परB
ू तरह क~जा होते
हB बेटा बहू ने एकदम से दरवाजे ब-द कर Gलये बेचारB
लाचार मां सडक पर आ गयी ।
अशोक-बाप रे िजस घर को बनाने मऔर
T औलाद को
पालने मT जीवन के सारे सखो
ु क आहु त दे दB उसी घर
से बेदखल कर दB गयी वह भी खद ु के बेटे के हाथो ।
गीता-हां ऐसा हB हआ
ु हo उस बढB
ू मां के साथ ।
अशोक-वाह रे ममता के दqु मन ।आज मां बाप पdु मोह
मT पागल हो रहे ह।o बी>टया को ज-म से पहले मार दे
रहे हo । वहB बेटे बढे
ू मां बाप को सडक पर ला फेक रहे
हo ।
गीता-हां ऐसा हB हआ
ु हo उस बढB
ू मां के साथ । उसके
प त सरकार नौकरB मT थे गाडी बंगला सब कछु था ।
अpछ$ कमाई थी । बेचारे क अचानक मौत हो गयी ।
54
प त क मौत के बाद लोभी बेटा सब कछ
ु अपने नाम
करवा का बढB
ू मां के◌ा सडक पर पटक >दया भीख
मांगने को ।
अशोक- बाप रे अब बढे
ू मां बापो को अनाथ आ€मP मT
आ€य लेना पडेगा ।
गीता-XयP ।
अशोक-कहां जायेगे ।
गीता-बे>टया है ना ।
अशोक-बे>टयां ।
गीता-हां बे>टया बेटो से fकसी मायने मT कम नहB है ।
बढB
ू मां क बेटB मां को दे खकर nबलख nबलख कर रोने
लगी थी जैसे भरत राम रोये थे कभी ।इसी धरती पर
कभी €वण थे जो अपने बढे
ू मां को बहं गी मT nबठाकर
सारे तीथ4Žत करवाये ।आज दे खो बेटे रोटB दे ने को तैयार
नहB है । मां बाप को बोझ समझ रहे हo जबfक सब
कछ
ु मां बापP का हB बनाया हआ
ु है ।
अशोक-िजतनी तरXक हो रहB हo उतनी हB तेजी से
वाथ4परता के भाव मT बिe
ृ द हो रहB है । अंधग त से
आदमी का मानGसक पतन भी हो रहB है ।
गीता-सच बहतु बरा
ु समय आ गया हo । बढB ू मां क
दशा दे खकर प?थर भी Jपघल जाये पर वो नालायक बेटा
नहB Jपघला । मां को घर से बेदखल हB कर >दया ।कहते
हए
ु गीता Gससकने लगी
55
अशोक-आसंू पोछP । डर लगने लगा है । कˆ मT पैर
लटकाये बढे
ू मां बाप वe
ृ दा€मP का पता पछने
ू लगे है ।
Jवशाल क मां ये समाज के Gलये शभ
ु संकेत कतई नहB
है ।
गीता-आज क औलादो को कैसा संuमण लग गया है
fक मां बाप बोझ लगने लगे है ।वe
ृ दा€मो क शरण मे
जा रहे हo औलादो के होते हए ु भी । वाह रे वाथ|
औलादT । भलू रहे हo मां बाप के ?याग को ।
अशोक-मां बापP को भी अपने मT बदलाव करना पडेगा
और पd
ु मोह से उबरकर बेटB बेटा को बराबर का हक
दे ना होगा ।पd
ु मोह के अंधJवqवास को तोडना होगा ।
गीता-बंश का Xया होगा ।
अशोक-बे>टया बेटो से कम नहB हo ।दोनो को बराबर का
हक होना चा>हये । बेटB बेटा दोनो को मां बाप क
परवUरश के Gलये तैयार रहना होगा ।
गीता-बढे
ू मां बाप बेटB के घर जाकर रहे गे । इ\जत का
Xया होगा ।
अशोक-बेटB के साथ रहने मT इ\जत घटे गी नहB बढे गी।
बे>टया भी तो उसी मां बाप क स-तान हo ।पd
ु बंश
चला◌ा हo गजरे
ु जमाने क बात हो गयी । यहB
अंधJवqवास तो बढे
ू मां बाप क दद4ु शा का कारण है ।
जीवन क संझा मT सख
ु क जगह म"
ु ठ$ भर भर कर
आग दख
ु परोस रहा है ।
56
गीता-आने वाला समय भयावह न हो । इससे पहले मां
बापो को भी सतक4 हो जाना चा>हये खासकर यवा

दYप तयP को ।बpचP को नै तकता का बोध करायT ।
लोभी व ृ त Jवरासत मT ना दे । मां बापP के कृ त?व का
भाव बpचP पर अवqय हB पडता हo । यवा
ु दYप त
अपने मां बाप के साथ जो बता4व करते ह।o यकनन
उसका असर न-हे बpचो पर भी पडता हo । आगे चलकर
यहB न-हे बpचे बडे होते हo । अपने मां बाप Šारा खद
ु के
दादा दादB के साथ fकये गये बता4व एवं बदसलfकयP
ू को
दोहराते हo । यवा
ु दYप तयP को बचपन से हB बpचP को
अpछ$ परवUरश के साथ अpदे संकार भी दे ने होगे
िजससे आने वाले समय मT उनके साथ कछ
ु बरा
ु ना हो
सके । मां बाप धन दौलत के पीछे भाग रहे हo बpचे
झलाघरो
ू मT पल रहे हo अथवा नौकरP के हाथP । वे मां
क ममता और बाप के `यार से बं5चत हो जाते ह।ऐसे
o
बpचे मां बाप को Xया समझेगे ।मां बाप क धन के
पीछे न भागकर बpचो क अpछ$ परवUरश पर eयान
दे ना चा>हये । आगे चलकर ये बpचे उ, Sप धारण कर
लेते हo ।नतीजन मां बाप को दद4ु शा झेलना पडता हo
िजससे उनका सांeयकाल दखदायी
ु हो जाता है ।रोटB के
Gलये तरसना पड जाता है ।
अशोक-ठ$क कह रहB हो । बढे
ू मां बाप घर से बेघर ना
हो । नवदYप तयP को गहराई से Jवचार करना होगा ।
57
धन क अंधी दौड से बचना होगा ।मां को अपने और
बाप को अपने दा य?व पर -याय करना होगा । तभी बढे

मां को घर से बेघर होने से बचाया जा सकेगा ।
गीता-वe
ृ दा€म क संOया मT बढती बिe
ृ द और बढे
ू मां
बाप का सडक पर आना औलादP को च}
ु लू भर पानी मT
डब
ू मरने वालB बात होगी ।मां बात तो धरती के भगवान
हo । मां बाप क सेवा से बडी कोई भी दौलत सख
ु नहB
दे सकती ।
फज4
जोर जोर से गेट पीटने क आवाज सनकर
ु Gमसेज
आरती बाहर आयी । गेट पीटने वालB से बोलB भइया
गेट तोड रहे हो या बला
ु रहे हो । आग बरसती गम| मT
Xया काम पड गया । कहां जाना हo तमको
ु । Xयो
इतना पी लेते हो । घर मT बीबी बpचP का फांके का
Oयाल आता है । बाल बpचे घर पUरवार सब भल
ू गये
दाS क मौज मT । इतना भी पता नहB है fक कहां
जाना है । अरे नहB पचती तो XयP पी लेते हो। XयP
गेट पीट रहे हो आगे बढो । अपने घर मT भी चैन से
नहB रह सकते ।कैसे कैसे लोग है जमाने मT अपनी
अययाशी
् के Gलये खद
ु के घरपUरवार को तबाहB मT तो
झPकते हB हo दसरP
ू का चैन भी छनते है ।जाओ भइया
अपने घर जाओ । मझे
ु तY
ु हारB कछ
ु नहB सननी
ु है ।
तY
ु हारे पडोस वाले सनील
ु फ8डु नीसा का nबजलB का
58
कनेXशन करने आया हंू । मेरB बात तमको
ु सनना
ु पडेगा
। मo सXसेना हंू नशे मT धत
ु आदमी बोला ।
Gमसेज आरती-सनील
ु का पांच साल पराना
ु मकान है
।nबजलB का कनेXशन उनके यहां हo तो नया कनेXशन
XयP करवायेगे ।
सXसेना लडखडाती हई
ु जबान मT बोला -करना है तो
करना है बस ।
Gमसेज आरती- सनील
ु फ8डु नीसा के घर जाओ ।
सXसेना लडखडाती आवाज मT बोला तY
ु हारB छत पर
जाना है ।
Gमसेज आरती-हमारB छत पर XयP ।
सXसेना-बहत
ु सवाल करती हो । अरे कनेXशन तY
ु हारB
छत पर जाकर हB तो कSंगा ।
Gमसेज आरती-मेरB छत पर नहB जाना है कहकर \यो>हं
घर मT आई fफर सXसेना गेट पीटने लगा है ।
Gमसेज आरती बेटे रं जन से बोलB बेटा दे ख अब कौन
आया । तेरे पापा सो रहे है । टकर
o क इ-तजार मT रात
भर जागते रहे ।रात को दो बजे तो टकर
T का पानी आया
था । पैसा भी >दन रात टकटक लगाये रहो ये टकर
T
वाले भी पैसा लेने के बाद Sला दे ◌ेते है ।पानी क
समया ने चैन छन Gलया है दसरे
ू ना जाने कहां कहां
से nबन बलाये
ु आ जाते है । लोग ना जाने Xयो त नक
आराम करने लेटे तभी आ धमकते है । जा बेटा रं जन
59
दे ख ले ना ।
रं जन-दे खता हंू मYमी कहकर बाहर गया । गेट पर बेसुध
खडे आदमी से पछा ू कौन हो अंकल पानी पीना है Xया ।
नहBं मझे
ु तY
ु हारB छत पर जाना है । फ8डुनीसा का
कनेXशन करना हo । फ8डु नीसा ने भेजा है ।
रं जन-अंकल फ8डुनीसा के घर के सामने हB तो nबजलB
का खYभा है वहां से Xयो नहB कर दे ते कनेXशन । हम
तो आपको पहचानते भी नहB । कैसे आपको अपनी छत
पर जाने दं ू । फ8डु नीसा अंकल को आपके साथ आना
था ।
सXसेना- मo चोर नहB nबजलB Jवभाग से आया हंू ।
रं जन- nबजलB Jवभाग से आये हो तो अंकल के घर के
सामने वाले पोल से कनेXसन XयP नहB कर दे ते । हम
लोगो को आग बरसती दोपहरB मT XयP परे शान कर रहे
हो ।
सXसेना- तY
ु हारB पडोसी फ8डुनीसा कहता है । मेरे घर के
सामने वाले पोल मT nबजलB कम आती है और यहां
\यादा रहती है । इसीGलये fफर से कनेXसन करवा रहा
है । मझे
ु Xया करना हo मझे
ु तो बस पैसा चा>हये चाहे
जहां से करवाये ।
रं जन-ठ$क है जाओ पर \यादा टाइम नहB लगाना ।
सXसेना- टे म तो लगेगा कहते हए
ु छत पर गया केबल
छ\जे मT अटकाया । छत से नीचे उतरा और खYभे पर
60
चढकर केबल खींचने लगा । केबल खीचने क वजह से
पौधे क छोटB छोटB डाले और पि?तयां टटने
ू लगी । कछ

हB सेके8ड मT बादाम क मोटB डाल टटकर
ू धडाम से
5गरB । पौधP का नकशान
ु Gमसेज आरती से बदा4qत नहB
हआ
ु । वे बोलB Xयो भाई आप कनेXशन कर रहे हo या
मेरे पौधे तोड रहे है । पीने को पानी नहB Gमल रहा है
ऐसे हालात मT भी मo पौधP को सींच रहB हंू । मेरे आंगन
क हUरयालB आप Xयो उजाड रहे हो भइया ।
सXसेना-दे ख बकबक ना कर जSरत पडी तो ये पेड पौधे
कट भी जायेगे ।
Gमसेज-आरती Xया कहा तमने
ु तेज आवाज मT बोलB।
सXसेना- हां ठ$क सनी
ु हो । ये पेड पौधे काटे भी जा
सकते है ।
Gमसेज आरती- वो भाई याद रख जो पौधे तोड रहे हो वे
पौधे खैरात क जमीन मT नहB हमारB अपनी जमीन मT
लगे है ।ये जमीन पसीने क कमाई से खरBदB गया है ।
।इन पौधे का Oयाल मo अपने पUरवार सरBखे रखती हंू ।
तम
ु काटने क बात कर रहे रहे हो ।दे खती हंू कैसे काटते
हो ।
इतना सनते
ु हB सXसेना तमतमाते हए
ु नीचे उतरा ।
अपश~द बकते हएु 5च}ला चोट करने लगा । शोरगलु
सनकर
ु Gमटर लाल क नींद खल
ु गयी वे भी बाहर आ
गये । उनको दे खकर Gमसेज आरती बोलB दे खो जी ये
61
आदमी पौधे तोड रहा है ,काटने क बात कर रहा है उपर
से 5च}लाचोट भी कर रहा है ।
Gमटर लाल Xयो जनाब XयP आतंक मचा रहे है । कौन
है आप। XयP तY
ु हारB नजर मेरे पौधे क हUरयालB पर
लग रहB है । हमारा नकशान
ु कर रहे हो । भरB दोपहरB
मT 5च}लाचोट कर रहे हो कैसे आदमी हो ।इंसान होकर
इंसा नयत का धम4 भल
ू रहे हo । अपने फज4 का क?ल
कर रहे है । हमारे बगीचे को जानवर क तरह चर रहे
हो कैसे आदमी हो भाई ।
सXसेना- तY
ु हारे पडोसी फ8डुनीसा का कनेXसन कर रहा
हंू तY
ु हारा नकशान
ु नहB कर रहा हंू ।
Gमटर लाल- ये पौघे कैसे टटे
ू है । Xया यह नकशान

नहB है ।
सXसेना-तमको
ु आ~जेकसन है ।
Gमटर लाल- तम
ु कनेXशन करने के बहाने मेरा बगीचा
उजाड रहे हो और उपर से पछ
ू रहे हो आ~जेXशन है ।
सXसेना-आ~जेXसन है ये लो fकससे बात करनी है कर
लो मोबाइल >दखाते हए
ु बोला ।
Gमटरलाल- होश मT आओ । बताअ◌े◌ा fकसक परGमशन
से खYभे पर चढे हो । तY
ु हारे पास कोई कागज है तो
>दखाओ ।
सXसेना- तम
ु कौन होते हो पछने
ू वाले। वह fफर मोबा4इल
>दखाते हए
ु fफर बोला ये लो कर लो न बात । दे खता हंू
62
fकससे बात करते हो । दे खता हंू मझे
ु कौन रोकता है
मझे
ु कनेXशन करने से। मo एक फोन कSंगा तो सीधे
अ-दर जाओगे ।
Gमटरलाल-नशे मT हाथी भी चींटB >दखायी पडती है
।फ8डुनीसा का कनेXसन कर रहा है अनएथोराइज ढं ग से
और मझे
ु धमका रहा है । इतनी बडी दादागीरB । चोर
कोतवाल को डांटे वालB कहावत तम
ु चUरताथ4 कर रहे हो
सXसेना ।
सXसेना-तम
ु फ8डु नीसा को नहB जानते Xया ।
Gमटरलाल- अरे भाई ऐसे मदा4
ु सरBखे लोगP को जानने
से बेहतर ना हB जानो । ये◌े मतलबी लोग है जब
जSरत पडती हo तब पहचानते है । nबना जSरत के तो
मातम वाले घर क तरफ नहB दे खते । अब तम
ु अपनी
बकबक ब-द करो । याद रखो मेरे पौधP को नकशान

नहB पहंु चाना ।
सXसेना लालपीला हो रहा था Gमटरलाल उसे समझा◌ाने
का य?न कर रहे थे इसी बीच सनील
ु फ8डु नीसा आ
गया ।वह सXसेना को एक तरफ करते हए ु बोला तू
अपना काम कर दे खता हंू कैसे रोकता है ।
Gमटरलाल- भई फ8डुनीसा शराफत भी कोई◌्र चीज
होती है ।एक पडोसी का दसरे
ू के  त कछ
ु दा य?व होता
है । पडोसी होने के आदमी का फज4 और अ5धक बढ
जाता है । आप इतने बडे आदमी है fक एक दरोKडयP को
63
भरB दोपहरB मT मेरे घर भेज >दये । Xया यहB अpछे
पडोसी का फज4 बनता है ।
फ8डुनीसा -अpछा तो तू मझे
ु शराफत सीखायेगा। फज4
पर चलना सीखायेगा । मX ु का तानते हए
ु बोला चल हट
नहB तो अभी दो दं ग
ू ा तो सारB अकड नकल जायेगी
।चला है एथोराइज अनएथोराइज क बात करने ।
Gमटरलाल-अरे अपनी औकात मT रह फ8डु नीसा । अपने
बालबpचो को पाल ,पढा Gलखा ग8
ु डई शराफत का गहना
नहB है । बीयर बार मT 5गलास धोकर तो पUरवार चला
रहा है । मालम
ू है जब शरBफ आदमी बदमाशी पर
आता है तो तY
ु हारे जैसे ग8
ु डे नेतानाबत
ू हो जाते है ।
फ8डुनीसा -हां मo तो ग8
ु डा हंू नेतानाबत
ू करके दे ख
लेना।
Gमसेज आरती- पडोसी भगवान क तरह होते हo । यहां
तो पडोस मT शैतान बसते है । एक तरफ iयGभचारB तो
दसरB
ू तरफ ग8
ु डा कैसे शरBफ लोग रह पायेगे ।ग8
ु डे
fकम के लोग अभी तक तो झु गी झोपडी का सहारा
लेते थे । अब शरBफP क बती मT घसपै
ु ठ करने लगे है

फ8डुनीसा -तम
ु लोग fकतना भी 5च}लाचोट कर लोग
मेरा कनेXशन तो तY
ु हारे घर के सामने के पोल से हB
हे ◌ागा ।
Gमटर लाल- फ8डुनीसा ग8
ु डाजी अवैध कनेXशन
64
करवाओगे । मेरे पेड पौधP को काटोगे या मेरा कनेXशन
काटोगे । मेरे दरवाजे पर मझे
ु मारने आ रहे हो ।
नतीजा मालम
ू है Xया होगा। इतना बडा ग8
ु डा पडोस मT
बसता है थोडी खबर तो थी पर आज परB
ू जानकारB भी
Gमल गयी ।
फ8डुनीसा -अब तो पता चल गया । मेरे राते मT जो
आयेगा सबको दे ख लंग
ू ा । इतनी मT फ8डु नीसा क
घरवालB हाथ मT सUरया लेकर गालB दे ते हए
ु Gमटर लाल
के दरवाजे तक चढ आयी ।
फ8डुनीसा और उसक घरवालB क करतते
ू दे खकर सामने
वाले लाला के पUरवार के लोग तालB बजाबजाकर खश
ु हो
रहे थे। यह उसी लालाजी का पUरवार था िजनक मौत से
लेकर दसरे
ू fuयाकम‰ तक फडनीस कभी नहB >दखा था
और ना हB आसपास के और लोग । Gमटर लाल ना
रात दे खे ना >दन सब कामP मT खडे रहे और उनक
धम4प?नी तो उनसे आगे थी चाय नाqता खाना पानी तक
का इ-तजाम क थी । आज वहB लाला का पUरवार
Gमटर लाल के साथ पडोस वाले ग8
ु डे फ8डुनीसा क
करतत
ू पर खश
ु हो रहा था । उसक ताकत बन रहा था

Gमटर लाल फ8डुनीसा के दiु य4हार से दखी
ु तो थे हB
लाला के पUरवार के आग मT घी डालने क करतत
ू से
ख-न भी । फ8डुनीसा और उसक घरवालB अनाप शनाप
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बके जा रहे थे । Gमटर लाल के बpचे उ-हे घर मT ले
गये । काफ दे र तक ग8
ु डे क ललकार हवा मT गंज
ू ती
रहB । शोरगल
ु सनकर
ु पीछे वालB गलB से Gमसेज
मनवती और कई सwय लोग Gमटर लाल के घर आ
गये ।
Gमसेज मनवती - Gमसेज आरती से बोलB Xया भाभी आप
लोग पागल क◌ु
ु तो को पचकारते
ु हो । हर आदमी के दख

सख
ु मT कद
ू पडते हो ।दे खो आजकल के लोग नेक के
बदले Xया दे ते हo । फ8डु नीसा के भी तो आप लोग बहत

काम आये हो । जब इसका बन रहा था तब भी मदद
करते थे । उसके गहवे
ृ श के >दन तो रात भर पानी
भरवाते रहे अपनी बोUरंग चला कर । इस दगाबाज दोगले
फ8डुनीसा के घर मT जब चोरB हई
ु थी तो कोई आगे पीछे
नहB था आपके घर को छोडकर । ये लाला का पUरवार
तो दरवाजा हB नहB खोला था । पडोस वाला iयGभचारB
जो आज कदकद
ू ू कर कनेXशन करवाया हo । यह भी तो
नहB >दखा था । िजनके संग दाल बांटB क पाटx जमाता
था वे लोग तो इस अमानष
ु के मंह
ु पर मसीबत
ु मT भी
मतने
ू नहB आये । थाने से लेकर घर तक का काम आप
लोगो ने हB दे खा था । इसके बाद भी फ8डुनीसा क
घरवालB ने पडोGसयP पर हB इ}जाम लगाया थी । भला
हो पGलस
ु वालP का उसके मंह
ु पर थक
ू >दये यह कह कर
fक अब तमको
ु कैसे पडोसी चा>हये । पडोसी मT नहB
66
तमम
ु T दोष है । शरBफ सरBखे पडाि◌◌ेसयP पर इ}जाम
लगा रहे हो । तब फ8डुनीसा और उसक घरवालB का
मंह
ु दे खने लायक हो गया था ।
Gमसेज आरती-भाभीजी इंसान के काम तो इंसान हB आत
हo ना । हम लोगो से fकसी का दख
ु दद4 बदा4qत नहB
होता । कहते है ना दद4 का Uरशता सभी UरशतT से बडy
हो◌ाता है । जहां तक सYभव होता हo हम fकसी क
मदद करने से नहB चकते
ू ।आदमी हमारB नेक को भले
भला
ू दे पर भगवान तो नहB भलाये
ू गा ।
Gमसेज मनवती- भाभी ऐसी भी नेक fकस काम क ।
िजसके साथ नेक करो वह खन
ू का `यासा बन जाये ।
ऐसे लोग तडपते रहे तो भी ऐसी हालत मT उनके मंह
ु पर
पेशाब नहB करना चा>हये । बेशरमP मT जरा भी मया4दा
शेष नहB बची है । अगर ऐसे हB होता रहा तो कोई
fकसी के दख
ु सख
ु मT काम कैसे आयेगा ।ऐसे हB
पडोGसयP क वजह से शहर बदनाम हो रहा है ।पडोस मT
कोई मर जाता है पडोस को खबर न लगने का कारण
ऐसे पडोसी है । फ8डुनीसा जैसे मतलबी पडोसी, पडोसी
के फज4 पर कहां खरे उतर सकते है ।
Gमटर लाल-भाभीजी हम लो◌ागो से fकसी का बरा

नहB दे खा जाता । कैसे मंह
ु मोड ले अपने फज4 से ।
Gमसेज मनवती -आपक क गई भलाई का Xया Gसला
>दया फ8डुनीसा और ये लाला का पUरवार । उस पडोसी
67
Jवमल भ8डार वाले को दे खो fकतना ब>ढया आपक ओर
से सYब-ध था पर सडी सी ˆेड को लेकर उसने पडोसी
के पाक Uरqते को नापाक कर >दया । ˆेड तो रख हB
Gलया पैसा भी नहB >दया । बरा
ु भला कहा उपर से और
भी ऐसे बहत
ु लोग है । नालायक ग8ु डे खद
ु को खदा

समझने लगे है । ठ$क हम ला◌ोगो लोगो के पास दो
नYबर क कमाई नहB है तो Xया पास माया4दा तो है
।मान सYमान हo शरBफ लोगो के बीच बैठक है । भाई
साहब ऐसे लोगो के Gलये खडा होने से बेहतर तो ये है
fक अपने कानो मT Sई डाल लो । मरने दो सालP को ।
जब तक ये लोग हवा से जमीन पर नहB 5गरे गे तब तक
ऐसे हB शरBफP क शराफत का मजाक उडाते रहे गे ।
आप तो अपने पUरवार के साथ छ"
ु टB मना रहे थे रं ग मT
भंग डाल >दया फ8डुनीसा ग8
ु डे ने । अमानष
ु मारने क
धस दे गया ।
Gमसेज आरती-भाभीजी फ8डुनीसा ने अपनी जबान खराब
क है ।शरBफ लोग शराफत छोड दे गे तो द ु नया का Xया
होगा । आदमी से आदमी का नहB भगवान से Jवqवास
उठने लगेगा । जैसी करनी वैसी भरनी । आज तो हम
चप
ु रह गये कल कोई बडा वाला Gमल जायेगा । हKडया
चटका दे गा । भगवान के उपर छोड दो ।बरेु काम का
नतीजा कहां अpछा आता है भाभीजी लBिजये पानी
पीिजये ।
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सभी आग-तक
ु अपनी अपनी तरह से समझा रहे थे ।
ढाढस दे रहे थे । उधर फ8डुनीसा छाती फलाकर
ु अवैध
तरBके से कनेXशन करवा रहा था । फ8डुनीसा क
घरवालB और लाला के घर क औरते Gमटर लाल के घर
क तरफ ताक ताककर ठसर
ु ु भसर
ु ु कर रहB थी । कछ

दे र मT Gमटर लाल के घर आये कालोनी के पीछे वालB
गलB के लोग अपने अपने घर चले गये । अवैध तरBके
से कनेXशन हो गया । दोपहर ढल चक
ु थी । नवतपा
का आठवा >दन था आग बरसा रहा था । इसी बीच
आकाश मT अंवारा बादल उमडने लगे◌े थे । दे खते दे खते
हB आंधी ने जोर पकड Gलया ।आंधी के जोर ने सXसेना
के नशे को कम कर >दया । उसके मन मे Jवरािजत
इंसा नयत जाग उठ$ । वह एक बार fफर Gमटर लाल
के मेनगेट पर दतक >दया । उसे दे खकर Gमटर लाल
बोले अब Xया लेने आये हो भाई ।
सXसेना-साहब माफ मांगने आया हंू ।
Gमटरलाल- मo कौन होता हंू माफ दे ने वाला ।जाओ
भगवान से माफ मांगो◌े◌े । सpचे और शरBफ इंसान को
दख
ु दे कर कोई भी सखी
ु नहB रह सकता चाहे तम
ु रहो
या तY
ु हारा फ8डुनीसा ।
Gमसेज आरती- भइया सXसेना आप तो कनेXशन करने
आये थे पर-तु आपने हमारB हB नहB अपनी भी मया4दा
का खन
ू fकया है । आदGमयत का खन
ू fकया है । अपने
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फज4 को रदा है ।आप कनेXशन करने नहB फ8डुनीसा
क तरफ से मारपीट करने आये थे ।
सXसेना-मैडमजी शGम4-दा हंू नशे मT था ।जानता हंू
पडोसी सगे से भी बडा होता है पर-तु फ8डुनीसा तो
पडोस मT रहने फ8डु नीसा शराफत का चोला ओढे
बदमाश है । मेरा नशा अब उतर गया है । फ8डुनीसा
ने दाS Jपलाया था । मझे
ु बडी गलती हो गयी अनजाने
मT bमा करना । भगवान फ8डु नीसा क तरह के◌े
पडो◌ेसी मेरे दqु मन को भी न दे ।
Gमटर लाल-सXसेना कोई नभाये चाहे न नभाये मo तो
अपना फज4 नभाउ◌ू◌ंगा ।
Gमसेज आरती- हां सXसेना भइया ये ठ$क कह रहे है
।शरBफ इंसान शराफत को कैसे छोड दे गा
सXसेना-मैडमजी आप जैसे पडोसी तो fकसी दे वता से
कम नहB पर ये ग8
ु डे iयGभचारB Xया जाने पडोसी के
धम4 को ये तो चील 5गeद कौवP क तरह अपना मतलब
साधते है ।
Gमटरलाल-सXसेना तम
ु जाओ । मझे
ु अपना फज4 याद
रहे गा ।
सXसेना-भाई साहब पडोस वाले फ8डुनीसा और ऐसे लोगो
से सावधान रहना ऐसे लोग पडां◌ेस मT रहकर पडां◌ेसी
के जीवन मT म"
ु ठ$ भर भर आग बोते है मo नहBं
भलं
ू गू ा अpछे पड़ोसी का फज4 कसम से
70
दहे ज क आग

औरत जात को ले डबे


ू गी ये दहे ज क आग । कब बझे
ु गी
ये दहे ज क आग । खदा
ु खैर रखे अब ना जले और
कोई लडक दहे ज क आग Gमसेज शोभा बडबडाते
हए
ु बरामदे मT धडाम से 5गर पडी । मां को 5गरता हआ

दे खकर अवध दौडकर उठाकर बैठाया fफर एक 5गलास
पानी लाया । मां को Jपलाते हए
ु बोला Xया हआ
ु मां
तnबयत तो ठ$क है ।
Gमसेज शोभा -हां बेटा मेरB तnबयत तो ठ$क है पर एक
लडक और जला दB गयी दहे ज क आग मT । कब तक
ऐसे हB लडfकया जलाती जाती रहे गी । कब तक मां बाप
दहे ज दानवP क मांग अपना घर Šार बचकर
T परB
ू करते
रहे ◌ेगT ।
अवध मां का Gसर सहलाते हए
ु बोला-दहे ज लोGभयP का
नाश होगा एक >दन । पापी काल कोठरB मT तडप तडप
मौत क भीख मांगेगे ।बहू को दहे ज के Gलये जला दे ते है
। पराई बे>टयP को अपनी बेटB Xयो ◌ं नहB सोचते ।
दहे ज क आग बझे
ु nबना औरत जात सरabत
ु नहB रह
पायेगी । दहे ज लेना और दे ना दोनो अपराध है । यह
जानते हए
ु भी लोGभयP के हौशले पत नहB हो रहे है ।
Gमसेज शोभा- दहे ज क आग सनीता ु को ले डबीू ।
बेचारB क दद4 नाक मौत क खबर सनकर
ु चXXर आ

71
गया । fकतनी धमधाम
ू से बी>टया का ~याह fकया था
सतीश बाबू ने । कोई कोर कसर नहB छोडे थे।गह
ृ ती
क एक एक चीज >दये थे । मां बाप क एक हB बेटB थी
वह भी जलाकर मार दB गयी ।बेचारे राजू क कलाई पर
अब तो राखी भी नहB बंध पायेगी । जीवन भर क
कमाई बी>टया के ~याह पर खच4 कर >दये । इसके बाद
भी लोGभयो ने उpच Gशabत सव4गण
ु सYप-न सनीता
ु को
आग मT झPक >दया । बेचारB को िज-दा जलते हए ु
fकतना रोयी 5च}लायी होगी ।सोचकर मन रो उठता है
पर उन अमानषP
ु को त नक भी रहम नहB आयी। पेlोल
छडकर जला डाला । ना जाने कब तक लडfकयP को
जलाती रहे गी ये दहे ज क आग ।
अवध- सतीश काका ने सचमच ु सनीता
ु का ~याह बहत ु
धमधम
ू से fकया था ।खब
ू दान दहे ज भी >दये थे । भारB
भरकम दहे ज क राGश और सामान लेने के बाद भी
सनीता
ु के ससराले
ु वाले अमानषP
ु क चाहत परB
ू नहB हई

। बेचारB को दे हज क आग मT जला >दया ।
Gमसेज शोभा -औरत जात पर तो अ-याय बढता हB जा
रहा है ।सगे सYब-धी ज}
ु म ढाह रहे है । बेचारा बाप
अपनी इ\जत दे ता है ।धन दौलत दे ता है । इसके बाद भी
बेटB का जीवन लBल रहे हo दहे ज के `यासे अमानष
ु ।
अवध-मां दहे ज दानव सwय समाज के माथे का कलंक है
। इसके बाद भी खब
ू फलफल
ू रहा है ।कछ
ु लोग तो
72
अ5धक दहे ज दे कर गव4 महसस
ू करते है । यहB गव4
उनक बे>टयP को डंस जाता है ।बेटB जीवन भर दहे ज क
आग मT Gससक Gससक कर बसर करती है या सनीता
ु क
तरह कमरे मT ब-द कर घासलेट या पेlोल डालकर जला
दB जाती हo । लापरवाहB का इ}जाम भी अबला मतका

के उपर हB मढ >दया जाता है ।
Gमसेज शोभा गश खाकर 5गर पडी यह खबर पडोस मT
रहने वालB मैडम के कानP को खचलायी
ु । वे दौडकर
आई और पसीने से तरब?तर Gमसेज शोभा से पछने
ू लगी
Xया हो गया दBदB कैसे 5गर पडी ।
Gमसेज शोभा- सनीता
ु को उसके ससराल
ु वालP ने जलाकर
मार डाला । यह खबर बेचैन कर दB। बडी मिq
ु कल से तो
घर तक पहंु ची , बरामदT मT गश खाकर 5गर पडी ।
fकरन मैडम- बाप रे एक और लडक दहे ज क बGल चढ
गयी ।
Gमसेज शोभा-हां fकरन ।पहलB बार सनीता
ु अपनी
ससराल
ु से आयी थी तो बहतु खश
ु थी । प त के तारBफP
का पलु बांध बांध कर नहB थक रहB थी ।हां ससरु सास
के नाम पर मौन हो जाती थी । बेचारB सनीता
ु क दादB
बयान कर कर रो रहB । मझे
ु भी रोना आ गया था
।बेचारB को दसरB
ू बार गये स`ताह भी नहB हआ
ु fक
जलकर मरने क खबर उडते उडते आ गयी ।
fकरन मैडम- घर से लेकर संसद तक नारB सशXतीकरण
73
क चचा4 आजकल जोरो पर है । पंचायती चनावP
ु मT
म>हलाअ◌े◌ं के Gलये थान आरabत है । Jवधान सभा
और लोकसभा मT म>हलाओं के Gलये थान आरbण क
बात चल रहB है । सYभवतः यह लागू भी हो जाये ।
अpछ$ बात हo नारB को उ5चत सYमान Gमलना भी
चा>हये । नारB का सशXतीकरण भी हआ ु है । नारB
संरbण हे तु म>हला आयेग काम कर रहा है । बडे बडे
पदो पर म>हलाये Jवराजमान है । संJवधान भी म>हलाओं
को समानता का अ5धकार दे ता है ।इतना सब कानन

कायदा हो◌ेने के बाद भी †ण
ू ह?या और दहे ज दानव के
Gशकंजे के आगे सभी बौने नजर आ रहे है । सनीता
ु क
मौत तो इस बात क \वल-त गवाह है । खद
ु जलकर
मर गयी ऐसा सनीता
ु के ससराल
ु वालP का कहना है पर
इसमT जरा भी सpचई नहB हo अपराध छपाने का यास
है । कानन
ू से बचने का ढPग है । ऐसा तो हो हB नहB
सकता ।यह तो फासीं के फंदे से बचने का झठा
ू लाप है

Gमसेज शोभा-हां fकरन इ}जाम तो ऐसा हB लग रहा है
पर वह जला कर मारB गयी है ।
fकरनमैडम-कोई नवJववा>हता XयP जलकर मरे गी ।अpछे
घर और अpछे प त के Gलये लडfकयां Žत करती है ।
बेचारB XयP आग मT कद
ू कर मरे गी । लडfकयां जलती
नहB दहे ज क आग मT जलायी जाती है । ना जाने कब
74
बझे
ु गी ये दहे ज क आग ।
Gमसेज शोभा-सनने
ु मT आ रहा है fक सनीता
ु क सास
कह रहB थी fक टोव भभकने से आग लगी । सनीता

fकसी को कछ
ु बतायी नहB कमरे मT जाकर खद
ु बझाने

लगी थी ।आग बझने
ु क बजाय च8ड Sप धर लB ।
उसके साथ कमरे का सामान भी वाहा हो गया ।
fकरन मैडम- इतनी नासमझ तो नहB होगी । अpछ$ पढB
Gलखी और समझदार लडक थी ।
Gमसेजशोभा-अरे कमरे मT ब-द कर जला >दया गया है ।
वह XयP आग मT जलकर मरे गी । मरना हB था तो
ससराल
ु जाकर XयP मरती । मायके मT मरने के Gलये
जगह कम थी । बाप का लाखP खच4 करवाकर मरने क
कसम तो नहB खायी थी ।बाप से उसक दqु मनी तो थी
नहB । मां बाप को भाई को जान से \यादा चाहती थी
वैसे हB ये लोग भी चाहते थे ।लडfकयP क असमय मौत
अशभ
ु संकेत है fकरन ।ऐसा हB रहा तो दहे ज लोभी
अपने बेटो का ~याह कैसे करे गे ।
fकरनमैडम-दBदB गैस रहने के बाद भी टोव पर खाना
XयP बना रहB थी सोचने वालB बात है ।
Gमसेजशोभा- हां fकरन सच कह रहB हो । जलने क
खबर भी तो नहB दB है वानP ने ।उडते उडते सनीता
ु के
मरने क खबर सतीशबाबू के कानP तक पहंु ची थी । वहां
पहंु चे तो सहB खबर नकलB । भला हो अनजान पडोसी
75
का िजसने पGलस
ु को खबर कर दB थी ।दाह संकार
होने से कछ
ु Gमनट पहले सतीशबाबू पहंु चे उनके पीछे
पGलस
ु भी पहंु च गयी ।लाश को पGलस
ु ने क~जे मT लेकर
पोटमाट4 म के Gलये भेज >दया था। बेचारे सतीशबाबू
पागलP क तरह घमते
ू रहे अकेले । बेचारे कहBं से फोन
fकये तब जाकर पता चला उनके घर । इसके के बाद
कालोनी के कछ
ु लोग गये तब जाकर बेचारे सतीश बाबू
क जान मT जान आयी।
fकरन मैडम- लडfकयP के साथ तो बहतु बरा
ु हो रहा है ।
अपने इंदौर मT Jपछले साल बेचारB भGमका
ू को उसक
सास ने टकडे
ु टकडे
ु करके कडे
ू दान मT डाल >दया था
।आज का आदमी fकतना >हंसक हो गया है ।दहे ज के
Gलये लडfकयP को स~जी भांजी क तरह काटB जा रहB है
।सखी
ू बेकार घासफस
ू क तरह जलायी जा रहB है । कब
तक लडfकयां को आग के हवाले दहे ज लोभी करते रहे गे

अवध-राbस कैसे जला दे ते है । अपने बेटे बे>टयो को
जलाकर Xयो नहB दे खते ।
सान-ू fकसको कौन जला >दया ।
Gमसेजशोभा-बेटB तू जा कछ
ु खा पी ले । थक मांदB
होगी । कालेज से आ रहB है ना ।
सान-ू मां तम
ु सनीता
ु क मौत क खबर मझसे
ु छपा रहB
हो न । ठ$क है मo नहB पछती
ू हंू पर मझे
ु पता चल गया
76
है अखबार से सब कछ
ु । खैर मां मo आ तो कालेज से
हB रहंू पर अब जा रहB हंू सहे लB के बथ4डे म।T कछ
ु हB
>दनP मT उसका भी ~याह होने वाला है । उसके साथ भी
ऐसा हो गया तो ।
fकरन मैडम-बेटB ऐसा हादशा दqु मन क बेटB के साथ न
हो । सभी लडfकयां दहे ज क आग से दरू रहे ।
सान-ू आ8टB ~याह के बाद तो लडक एकदम से परायी
हो जाती है ना ।बेबस हो जाती है सास ससरु ननद और
ु ु ब का अ?याचार सहने को । यहB तो सनीता
प त के कटY ु
के साथ भी हआ
ु और ना जाने fकस fकस के साथ होगा
। fकसी भी लडक के साथ हो सकता है मेरे साथ
भी
Gमसेजशोभा का कलेजा मंह
ु को आ गया । वे तडप उठ$
। उनके मंह
ु से नकल पडा भगवान रbा करना मेरB
बी>टया का। वह बोलB fकरन अब तो मेरा डर बढता जा
रहा है बी>टया सयानी हो गयी है । दहे ज दानव का
घनौना Sप >दन पर >दन डरावना होता जा रहा है ।
बे>टया क असमय मौत का कारण दहे ज हB बन रहा है

fकरनमैडम-हां दBदB रोज रोज जो कछ
ु हो रहा है उससे
डर तो बढ हB रहा है ।बे>टयP के भरण
ू् क ह?या हो रहB
है । कछ
ु बच भी जाती है तो ससराल
ु मT जला दB जा
रहB है । कछ
ु हB सौभायशालB है जो निqच-त जीवन
77
बसर कर पा रहB है । अगर ऐसा हB लडfकयP के साथ
अ?याचार होता रहा तो औरत जात बचेगी नहB ।
Gमसेजशोभा-दे खो औरत जात हB औरत क दqु मन बन
गयी है । सनीता
ु का प त तो सरकारB दौर पर था ।वह
तो सनीता
ु को बहत
ु चाहता था । घर मT सास ननद और
ससरु थे । ससरु भी मारना नहB चाह रहा था पर
घरवालB के दबाव मT वह भी आ गया । वह तो सनीता

को सोने का अ8डा दे ने वालB मग|
ु समझ रहा था ।
उसक सास तो एक >दन मT हB सारे सोना नकलवा लेना
चाह रहB थी । सनीता
ु जब पहलB बार ससराल
ु से मायके
को रवाना हई
ु थी तब बारB बारB से उसक सास और
ननद ने उसके कान मT कहा था fक पांच तोला सोना
और कार खरBदने के Gलये Sपया लेकर आना वरना

fकरनमैडम-वरना का मतलब तो सनीता


ु क मौत से हB
था । बेचारB बेकसरू दहे ज हB आग मT जला दB गयी।
Gमसेजशोभा- सनीता
ु क मौत ने तो खन
ू के आंसू दे हB
>दया सानू क बाते आ?मा को झकझोर >दया ।
fकरन मैडम-हां दBदB हर बेटB का मां बाप खौफनाक
िथ त से गजर
ु रहा है । बी>टया को अpछा घर वर
Gमल जाये तो समझो गंगा नहा Gलये ।
Gमसेज शे◌ाभा - नववधओं
ु के रोज रोज क जलाने क
खबर ने तो लडfकयP को अ-दर से तोड >दया है । सना

78
नहB सानू Xया कह कर गयी है । मझे ु तो बहत
ु डर लग
रहा है बी>टया के ~याह को लेकर ।
fकरन मैडम-सानू के ~याह मT तो वXत है मेरB रानू तो
~याह करने लायक हो गयी है । लडके वाले तो ऐसे दाम
लगा रहे है जैसे बकर कसाई । द}
ू हे क बाजार तो
बहतु गरम हो गयी है । बेटB के Gलये घरŠार बचकर
T
द}
ू हा खरBद भी ले ,इसके बाद भी तो बी>टया के
सलामती क कोई गार8टB नहB है । बेटB के मां बाप है
तो द}
ू हा तो ढढना
ू हB पडेगा पर दBदB दहे ज मांगने वाले
के घर अपनी बेटB नहB दं ग
ू ी भले हB दसरB
ू जा त के
गरBब लडके का रानू का हाथ दे दं ग
ू ी पर अपनी जा त के
दहे ज लोभी के घर ~याह न करने क कसम खाती हंू ।
दBदB अब जा रहB हंू रानू कालेज से आ गयी होगी
कहकर fकरन मैडम घर चलB गयी ।
Gमसेज शोभा बैठे बैठे सानू बी>टया के ~याह और ~याह
के बाद क 5च-ता मT इतनी दखी
ु हो गयी fक उनक
आंखे सावन भादो हो गयी । अंधेरा पसरते पसरते सानू
भी आ गयी । मां को ऐसी हालत मT दे खकर वह परे शान
हो गया । गाडी खडी क और भागकर मां के पास गयी
ु बोलB मां Xया हो गया
। सानू मां के आंसू पोछते हए
XयP ऐसी हालत मT बैठ$ हो ।
Gमसेज शोभा-बेटB मझे
ु Xया होगा । मo ठ$क तो हंू ।
सान-ू मां आंखP से बहता तर तर आसंू झठाू तो नहB हो
79
सकता ।
Gमसेजशोभा- नहB बेटB मo रो नहB नहB रहB आंख मT कछ

चला गया है Gमच4 जैसा ।यहB बैठे बैठे तY
ु हारB और
अवध बेटवा क राह दे ख रहB थी ।वह भी अभी तक
टयशन
ू से नहB आया ।
सान-ू अवध भी आजायेगा । आंसू झठ
ू बोलकर Xयो
छपा रहB हो मां । आसंू छपाने
ु से नहB छपते
ु । मेरे
~याह और ~याह के बाद क fफ‘र हो रहB है ।
Gमसेज शोभा- बेटB सब छोड । ये तो बता इतनी दे र
कैसे हो गयी ।
सान-ू सतीश अंकल के घर जमा भीड को दे खकर मै भी
चलB गयी ।अंकल आ8टB को तो होश हB नहB है । राजू
का भी रो रोकर बरा
ु हाल हो गया है । अंकल के घर मT
मौजद
ू सभी लोगो के आंखो से आंसू बह रहा था ।मां
एक बात अpछ$ हई ु है ।
Gमसेजशोभा - वह Xया बेटB ?
सान-ू पाJपयP को सजा Gमल गयी ।
Gमसेजशोभा-इतना ज}दB । अभी तो स`ताह भर भी नहB
हए
ु । केस का फैसला तो कई सालो मT होते है ।
सान-ू हां मां यहB तो सकन
ू दे ने वालB बात है । पGलस

और -यायालय ने ऐ तहाGसक काम fकया है । इससे
लोगो मT पGलस
ु और -यायालय के  त भरोसा और
बढे गा ।
80
Gमसेज शोभा- पाJपयP को फांसी तो हई
ु नहB होगी ।
सान-ू मां हई
ु है ना सनीता
ु क सास को।
Gमसेजशोभा- सनीता
ु का प त तो बेचारा नद‰ष था
गह
ृ ती बसने से पहले हB उसके मां बाप और बहन ने
तोड >दया वह तो fकसी सजा का हकदार नहB था पर
उसक ननद और ससरु का Xया हआ
ु ।
सान-ू आज-म कारावास ।
Gमसेज-फैसला तो अpछा हआ
ु काश इस फैसले से दहे ज
लोभी सबक पाते । बहू पर अ?याचार करने से पहले
हजार बार सोचते ।
सान-ू जSर सोचेगे ।सबसे पहले तो नारB को आग मT
झोकने वालB नारB को सोचना होगा । नारB हB नारB क
दqु मन साnबत हो रहB है । तभी नारB संरbण के सारे
कानन
ू कायदे ताख पर रखे रह जाते है ।
Gमसेजशोभा-आजकल क Gशabत लडfकयP को आगे
आना होगा । दहे ज दानव के बढते खनी
ू पंजे को रोकने
के Gलये और लडfकयP क >दन  त>दन घटती
जनसंOया के  त औरतो को जागSक करना होगा ।
समाज और शासन के सहयोग के साथ दहे ज लोGभयP
को कठघरे मT लाने का िजYमा भी उठाना होगा ।
लडfकयP को संगठन बनाकर दहे ज के खलाफ लडना
होगा । संगठन से हर अJववा>हत और Jववा>हत लडक
को जडना
ु होगा तभी औरत जात सरabत
ु रह पायेगी ।
81
सान-ू हां मां अब दे र नहB ऐसे भी संगठन बनेगे और
दहे ज लोGभयP क नाक मT नकेल कसेगे । काश मo दे श
क धानम-dी या रा_lप त होती तो दहे ज दानव का
राता हमेशा के Gलये ब-द कर दे ती ।
Gमसेजशोभा-अpछा बता Xया करती ।
सान-ू मo Jववाह Jवभाग बनाती और सभी लडके लडfकयP
का रिजlे शन करवाती । ~याह क उt और पांव पर
खडा होने पर जा तवाद के मन-भेद से उपर उठकर
सहधम| और योय लडके लडfकयP का ~याह करवाती ।
बेटे बे>टयP के पढाई Gलखाई से लेकर ~याह तक परB

िजYमेदारB सरकार के उपर डाल दे ती । सहधम| Jववाह
को काननी
ू मा-यता दान करवाती । सामािजक और
धाGम4क मा-यता >दलाने हे तु धाGम4क गSओं
ु को भी राजी
कर लेती ।
Gमसेजशोभा-काश ऐसा हो जाता, तब ना कोई दहे ज
मांगता और ना कोई लडक दहे ज क आग मT जलती ,
और ना हB कोई मां बाप रोते हए
ु कहता fक-कब बझे
ु गी
ये दहे ज क आग ।
कसम
XयP भाई धमा4न-द तम
ु तो बढे
ू लगने लगे हो । चालBस
साल क उt मT साठ साल के >दख रहे हो । Xया बात
है भाभी से तकरार तो नहB करता रहता कहते हए

सदश4
ु न बाबू ठहाका लगा बैठे◌े ।
82
धमा4न-द-यार तू पांच साल के बाद Gमल रहा है आते हB
जाससी
ू पर उतर आया ।
सदश4
ु न बाबू-सच बताउ◌ू◌ं पहलB नजर मT तो तमको

पहचान हB नहBं पाया था । आधा Gसर गंजा हो गया है ।
बाक जो बचT हo वे सफेदB मT नहाये हए
ु है । सना
ु है fक
आजकल बीमार भी रहने लगा है ।
धमा4न-द-अरे बैठेगा भी fक सब बात खडे खडे पछ

लेगा ।
सदश4
ु न बाबू-ले यार बैठ जाता हंू कहते हए
ु कस|
ु मT धंस
गये । बैठ गया अब तो बतायेगा । घर पUरवार मT तो
तेरा मोशन हो गया है कYपनी मT कछ
ु हआ
ु अभी तक
क नहB ।
धमा4न-द-धमा4न-द यार तू बचपन का दोत है और पांच
साल के बाद झलक >दखाने आया है । मेरB छोड अपनी
बता ।
सदश4
ु नबाबू-बेटा बेटB नौकरB धंधT मT लग गये है । मo अब
सी नयर मैनेजर हो गया हंू । बी ए पास करते हB Xलक4
क नौकरB Gमल गयी थी । दे खो कहां से कहां पहंु च गया

धमा4न-द-तम
ु तो खब
ू तरXक करो । Uरटायर होते होते
जनरल मैनेजर बन जाओ यहB मेरB दआ
ु है । मेरे बेटा
बेटB अभी पढ रहे है । मेरB नौकरB चल रहB है यह Xया
कम है । Xलक4 लगा था Xलक4 Uरटायर हो जाउ◌ू◌ंगा ।
83
पढाई के Gलये >दन रात एक कर >दया । पोट
,ेजये
ु ट,एल एल बी और एच आर डी मT Kड,ी Gलया ।
कYपनी मT तरXक के सारे राते ब-द हो गये है ◌ा◌ं ।
सदश4
ु नबाबू-तम
ु तो बहतु पढे Gलखे हो ।हमारे Jवभाग मT
होते तो जनरल मैनेजर तक पहंु च जाते ।
धमा4न-द- नौकरB सलामत रह yी पाये◌ेगी या नहB यहB
5च-ता का Jवषय है ।
सदश4
ु न बाबू-ऐसी कैसी बात कर रहे हो यार ।हमारB बक
o
भी तो पि~लक सेXटर मT आती हo और तY
ु हारB कYपनी
भी ।हमारे यहां तो नाइंसाफ नहB होती ।
धमा4न-द-हमारे यहां तो होती है । तभी तो बीस साल क
नौकरB के बाद भी Xलक4 के Xलक4 रह गये । उपर से
अ?याचर भी सहना पडा ।अब Xया बन पाउ◌ू◌ंगा ।कोई
उYमीद नहB >दखाई पडती ।मैनेजर बनने क उYमीद तो
हमारB कYपनी मT नहB है खासकर हमारे Gलये ।बेटे बेटB
पर उYमीद >टक है । मेरा तो कैUरयर बबा4द हो गया
सदश4
ु न
सदश4
ु नबाबू-ऐसे कैसे बबा4द हो जाएगया । कYपनी मT
कोई नयम कायदे नहB चलते है Xया।
धमा4न-द-चलते है पर दसरे
ू तरह के
सदश4
ु न- मतलब
धमा4न-द-हाथी के दांत खाने के Gलये अलग >दखाने के
Gलये अलग होते है । ठ$क वैसे हB कानन
ू कायदे चल रहे
84
है हमारB कYपनी मT कछ
ु खास लो◌ागे◌ा के बनाये हए।

वे लोग बस अपने लोगो का हB भला करने मT जटेु रहते
है । हमारे जैसे लोगो को तो िज-दा गाड दे ने क fफराक
मT रहते है ।उ-हे ऐसा लगता है जैसे हमारB नौकरB उनके
एहसान पर >टक है ।
सदश4
ु न- परानी
ु जमींदारB वालB iयवथा लागू है Xया ।
धमा4न-द- ठ$क समझे ।
सदश4
ु न- हमारे Jवभाग मT तो ऐसा नहB है । सभी के Gलये
मौके है ।
धमा4न-द- कहने को तो हमारB कYपनी अध4शासकय है
पर iयवथा और Jवजन nब}कुल परानी
ु जमीदारB वाला
है ।बडे बडे जमीदार शासकP के अधीनथ तो मेरB हाल
वैसी हB हो गयी है जैसे बबल
ू क छांव मT लगे पेड-पौधे
क ।
सदश4
ु न-यार मo तो सोच रहा था fक तम
ु भी मने
o जर हो
गये होगे । तY
ु हारे साथ तो घोर अ-याय हो रहा
है ।तY
ु हारB नौकरB पर संकट के बादल मडरा रहे है । यह
सनकर
ु बहतु दख ु हआ
ु ु हारB कYपनी भी
। कहने को तY

अ8डरटfकग है पर यहां के कानन
ू कायदे छोटे आदमी
क योयता के Jवरोधी है । तY
ु हारB इतनी बडी बडी
Kड5,यP पर रोलर चला >दया गया । यह तो बहत
ु बडा
अ-याय है ।
धमा4न-द-पUरवार पालना है । बpचP को पढाना Gलखाना
85
है ।बेरोजगारP क हालत दे खकर ज}
ु म सहने को मजबरू
हो गया हंू ।मेरा कैUरयर तो ख?म कर >दया है जमीदांरB
iयवथा के पोषकP ने । बpचP के उ\जवल भJव_य के
Gलये जहर पी रहा हंू ।
सदश4
ु न-अpछा तो तY ु हारB बीमारB का कारण समझ मT
आ गया ।
धमा4न-द-तम
ु तो जानते हB हो घर पUरवार क आ5थ4क
दशा कैसी है । खेतीबारB कछ
ु भी नहB हo । मां बाप को
बडी उYमीद थी fक मo पढ Gलखकर बडा अफसर बन
जाउ◌ू◌ंगा । अफसर बनने क योयता तो आज भी मझ

मT है यह तो तम
ु हB नहB मेरे Jवभाग के बडे बडे लोग
भी जानते है । कYपनी मT मेरे Jवरोधी तो है पर Jवषपाल
साहब क कसम ने तो कYपनी मT मेरB तरXक के सारे
राते ब-द कर >दये है ।
सदश4
ु न-Jवषपाल साहब क कसम ।
धमा4न-द-हां सदश4
ु न ठ$क सन
ु रहा है ।
सदश4
ु न-ऐसी कैसी दqु मनी Jवषपाल साहब से हो गयी ।
धमा4न-द-जातीय दqु मन कह सकते हो भाई ।
सदश4
ु न-जातीय दqु मनी क वजह से योयता पर ई_या4
क बमबारB ।
धमा4न-द-जातीय ई_या4 तो मेरे कैUरयर क तबाहB का
कारण है ।कोई ऐसा बडा अ5धकारB नहB आया जो मेरे
 त सrभावना >दखाया हो । चाहे कंसपाल साहब रहे
86
हो,या अवधपाल साहब रहे हो रौmपाल साहब रहे हो
Jवषपाल साहब ने तो कसम खा हB Gलया है fक अपने
रहते धमा4न-द को अफसर बनने नहB दं ग
ू ा।
सदश4
ु न-ऐसी कैसी जातीय दqु मनी नकाल रहे है Jवषपाल
साहब । एक गरBब के मां बाप का सपने तोड रहे है ,हक
को कैद कर रहे है । उpच शैbणक योयता का
बला?कार कर रहे है ।
धमा4न-द-सpचाई तो यहB है ।
सदश4
ु न-अपनी जा त के लोगो को बढावा और परजा त के
उpच शैbणक योयता के बाद भी तरXक के दरवाजे
ब-द करना सचमच
ु जमीदारB था का rयोतक है ।
धमा4न-द-Jवषपाल साहब ने अपनी nबरादरB के और अपने
ऐसे चYमचP को बडे बडे पदो का उपहार >दये है जो कहBं
से भी पद क गUरमा से मेल नहB खाते ।हां वे जातीय
योयता से €े_ठ है बस इतनी हB उनक Jवशेषताये है ।
कई तो ऐसे भी है जो दो लाइन Gलखने मT पसीने पसीने
हो जाते है । सदश4
ु न भइया ऐसे लोगP को भी सर कहना
पडता है ।हमारB कYपनी के नयम कायदे तो काफ
अpछे है पर Jवषपाल साहब जैसे जमीदारP ने
अ तuमण कर Gलया है । अपने बनाये कानन
ू थोप >दया
है । जो हम जैसे छोटे लोगो के पांव क जंजीर बन गये
है । हम तो मर मर कर जी रहे है । सोचा था शैbणक
योयता के बल पर मंिजले पा जाउ◌ू◌ंगा पर तातीय
87
अयोतया ने सारB उYमीदT धराशायी कर दB । बीस साल
क नौकरB और उpच योयाता के बाद भी मामलB
ू से
Xलक4 से आगे बढने नहB >दया गया । मेरे बpचP का
भJव_य उ\जवल हो जाता तो मेरे जीवन क साध परB

हो जाती ।
सदश4
ु न-तY
ु हारा सपना जSर परा
ू होगा धमा4न-द । तम

तो बpचP के सखद
ु कल के Gलये ज}
ु म का जहर पीकर
तपया कर रहे हो । तY
ु हारB तपया का फल खदा
ु जSर
दे गा ।
धमा4न-द-बpचP को दे खकर तो लगता है fक बpचे
तरXक का Gशखर छये
ु गे पर डर भी लगता है सदश4
ु न
सदश4
ु न-कैसा डर ।
धमा4न-द-Jवषपाल साहब जैसे और कोई पैदा हो गया तो
जमीदारB iयवथा के Jवषपालसाहब और उनके
जैसे लोगो ने मेरे कैUरयर को वैसे हB नोच नोच कर खा
गये जैसे GशकारB क?
ु ते गाय के नवजात बछडे को

सदश4
ु न-यार ये तो बहतु नाइंसाफ है ।हमारा Jवभाग तो
बहत
ु ब>ढया है । टाइम से मोशन हो जाता है । कोई
भेदभाव नहB । खब
ू  तभा >दखाने का अवसर Gमलता है
। Jवभाग क परBbा होती है । परBbा पास करते जाओ
ं हमारा भी Jवभाग है पर
तरXक हB तरXक ।अ8डरटे fकग
परेू नयम कायदे लागू है ।

88
धमा4न-द- हमारे Jवभाग मT तो मैन टू मैन वैरB होता है ।
आपक उ◌ु◌ंची पहंु च है तो आपका मोशन हो या कैडर
चज
T हो कोई रोक नहB सकता । य>द हमारB तरह Jवभाग
मT लावाUरस है तो आपने जबान खोल >दया मोशन या
कैडर चज
T के Gलये तो समझो आपने गनाह
ु कर >दया ।
उ◌ु◌ंचे ओहदे पर बैठे जमीदार साहब fकसी न fकसी
बहाने दे ख लेगे । चपक
ु े से ऐसे डंसेगे fक उनके डंसे का
जहर जीवन भर चैन नहB लेने दे ◌ेगा ।
सदश4
ु न-बाप रे Jवभाग है या तY
ु हारे जैसे छोटे लोगो के
कैUरयर को तबाह करने का ठ$हा ।
धमा4न-द- जो उ5चत लगे समझ लो । तY
ु हारे सामने
भX
ु तभोगी िज-दा भर सांसे भर रहा है । मौका Gमला
होता तो हम भी आज कछ
ु होते । सद
ु श4न हमारB संथा
मT जा त Jवशेष का दबदबा है ।इसी दबदबे ने मेरा
कैUरयर चौपट कर >दया है छोटB जा त और अ5धक पढा
Gलखा होने का द8ड तो भगत
ु रहा हंू ।
सदश4
ु न-सचमच ु यह तो बहत ु बडा ज} ु म ढाहा जा रहा है
तY
ु हारे उपर ।
धमा4न-द-बहत
ु सह Gलया थोडे कछ
ु सालो क और बात
है ~े◌ाटB बेटा के पांव जमते हB अलJवदा कह दं ग
ू ा ।
इ-तजार है तपया परB
ू हो◌ेने क ।
सदश4
ु न-तपया तो परB
ू होगी पर िजस कारण से तY
ु हारा
कैUरयर चोपट fकया जा रहा है ।बडे ओहदे दार जमीदार
89
माfफक ज}
ु म करने◌े क कसम खा चक
ु े है ।यह तो
वाकई शम4नाक है ।
धमा4न-द-nब}कुल सpची बात है । साहब लोगो क
म8डलB जीम हई
ु था । अंगरू क बेटB का ता8डव जारB
थी । सबसे बडे Jवषपाल साहब जाम टकरा टकरा के
क}
ू हे मटका रहे थे । इसी बीच क8ठपाल साहब ने मेरा
िजu छे डकर बोले साहब वो धमा4न-द तो बडी बडी
Kड5,यां ले Gलया है । ऐसे हB रहा तो बडी कस|
ु हाGसल
कर लेगे ।उसका राता रोकने के Gलये कछ
ु करना होगा

क8ठपाल क सलाह सनकर
ु Jवषपाल साहब बोले- तमको

कैसे पता चला fक धमा4न-द का राता Sका नहBं है ।
अरे अवधपाल के साले का दे खो,कलपाल
ु के आदGमयP को
दे खो,तम
ु अपने लोगो को दे खो और भी लोग है जो बडे
मैनेजर बन चक
ु े है पर धमा4न-द से कम पढे Gलखे है
।आगे भी उन सभी क खब
ू तरXXी होगी पर धमा4न-द
क वहB हाल रहे गी जैसे चहा
ू fकतनP भी मोटा हो जायेगा
तो लोढा से भारB तो नहB हो सकता । ऐसी हB iयवथा
धमा4न-द क हो चक
ु है । तमको
ु लगता है fक वह मजे
मे है तो मo अभी दे ख लेता हंू । इतना कहकर Jवषपाल
साहब रBजनल आfफस मT फोन लगाये और बोले
धमा4न-द को काले पानी क सजा दे दो । यह सब बात
हमारे दफतर का ‹ाइवर सन
ु रहा था ।वह भी खलाफ मT
90
हB रहता है पर ना जाने Xया सोच कर बता >दया।
उसक बात पर मझे
ु यकन तो नहB हो रहा था पर बाद
मT कई और दबी जबानP एहसास करवा >दया सpचाई का
। सदश4
ु न काले पानी क सजा भगतु रहा हंू । आंसू
पीकर बpचP के कैUरयर को सींच रहा हंू । काश मेरा
सपना परा
ू हो जाता ।
सदश4
ु न- तभाओं को कोई रोक नहB सकता ।तम
ु अपनी
योयता का जौहर कभी ना कभी >दखाओगे । पहले हB
थोडे >दन के Gलये । Jवषपाल साहब कब तक कYपनी के
बडे पद को अपनी कैद मT रखेगे । अ-त तो सभी को
होता है ।
धमा4न-द-हमारे भी कैUरयर का अ-त हो गया है Jवषपाल
साहब के हाथP आक बाक जाते जाते परा
ू कर दे गे ।
कYपनी मT तो कोई उYमीद नहB है ।उYमीद है तो बpचP
के भJव_य से । SढBवादB जातीय €े_ठता के पोषक
Jवषपाल साहब और उनक nबरादरB अ5धकाUरयP ने तो
मेरा कैUरयर चौपट तो कर हB >दया है पर सदश4
ु न अभी
भी >हYमत नहB हारा हंू ।
सदश4
ु न->हYमत बनाये रखो यार योयता कभी iयथ4 नहB
जाती । कब तक और कहां कहां कोई योयता क छाती
पर बैठा रह पायेगा ।एक राता ब-द होता है तो कई
खल
ु जाते है ।तम
ु जSर तरXक करोगे भले हB Jवषपाल
साहब जातीय €े_ठता क दBवारे fकतनी मोटB XयP न
91
बना दे ।
धमा4न-द-सदश4
ु न कल Xया होगा ये तो नहB मालम
ू पर
इतना मालम
ू है आज जा तवाद क म"
ु ठ$ भर आग मेरा
भJव_य चौपट कर रहB है । जब से नौकरB \वाईन fकया
हंू तब से हB Jवषपाल साहब और उनके गग‰ ु का दं श
झेल रहा हंू । मेरा आगे का राता भी कांटो भरा है
कYपनी मT जमीदारB iयवथा लागू रहे गी । इसका भी
मझे
ु भान है । इतना सब होने के बाद भी मझे
ु अपनी
योयता पर भरोसा है सदश4
ु न
सदश4
ु न-यकन है धमा4न-द तम
ु मिq
ु कले खडी करने वाले
के मंह
ु पर तमाचा जड दोगो ।मिq
ु कलP के भंवर से पार
हो जाओगे । nबते समय और वत4मान ने तमको
ु घाव
>दया है पल पल तमको
ु छला गया है गरBब जानकर ।
आने वाला समय तY
ु हारा होगा । मझे
ु भी नफरत हो◌ेने
लगी है Jवषपाल और उनके कनबे
ु से । अं,ेजो के जमाने
मT हमारB बडी जमींदारB थी पर हमारा पUरवार
मानवतावादB हो गया है । Jवषपाल और उसक
म8डलB के लोग कैसे अमानष
ु है । गरBब आदमी क
तबाहB के Gलये कांटे बो रहे है । ये कैसी कसम खा
Gलया,कैसा अपराध कर >दया रे Jवषपाल- गरBब उpच
Gशabत और काnबल iयिXत के कैUरयर को जा तवाद का
कफन पहनाकर दफन कर >दया ।
पथराव
92
Gमसेज दयावती-शहर क Sह तो छलनी कर >दया
उपmJवयP ने ।चार मर गये परेू शहर मT कफ् य4ू लग गया
। उपmJवयP ने परेू शहर को Gसर पर उठा Gलया है ।ये
दे खो अखबार भी लहलहान
ू ु हो रहा है । अखबार मT छपी
तवीर मT कैसे लोग आमने सामने से एक दसरे
ू पर
प?थर फेक रहे ह।o गोलB चल रहB है । बम फक
T े जा रहे है
। ये कैसा पथराव है एक दसरे
ू क जान लेने के Gलये
धम4 के नाम पर ।
Gमटर दे वान-द-तवीर से Sह का◌ा◌ंप रहB है । कल
उपmव और पथराव क वजह से तो दफ् तर ज}दB ब-द
हआ
ु था । fकसी तरह से जान बचाकर आया था परेू
शहर मT भगदड मची हई
ु थी । एक समदाय
ु दसरे
ू पर
टट
ू रहा था जैसे कु ?ते टटते
ू है एक दसरे
ू पर । शहर
जल रहा है । लोगP के घर जल रहे हo । बpचे भख
ू से
nबलख रहे हo । शहर क गGलयां खनू मT नहायी हईु हo
।उपmJवयP का कोई धम4 नहB होता । ये लोग नंगे लोग
होते हo । धम4 के नाम खन
ू बहाते है । अपना मतलब
साधते है । ये मौकापरत लोग लहू पी कर पलते है ।
Jवष बीज बोते है । आग से सींचते है । ये लोग दे श
और समाज के अिमता से खेलते हo । र-जू क मYमी
उपmJवयP का कोई मजहब नहB होता। कोई मजहब
आपस मT लडना नहB सीखाता। अपयश मजहब के माथे
XयP ?
93
Gमसेज दयावती◌ा-ये लो चाय पी लो । गैस भी ख?म
होने वालB है । दध
ू भी अब नहB है ।अगर ऐसे हB शहर
आतंक के साये मT रहा तो आंसू पीकर >दन गजारने

पडेगे । बडी मिq
ु कल से तो साbी बी>टया ने चाय बनायी
है पी लो
Gमटर दे वान-द- चाय का `याला उठाते हए
ु बोलो आज
तो चाय Gमल रहB है कल दे खो Xया होता है ?
इतने मT Gमसेजदयावती 5च}लाकर बोलB अरे साbी के
पापा वो दे खो पGलस
ु क गाडी सायरन बजाते हए
ु अपने
घर क ओर आ रहB है । लोग भेड बकरB क तरह भाग
रहे हo ।
साbी- मYमी वो सामने क दध
ू क दकान
ु भी ब-द हो
गयी दस Gमनट पहले हB तो खलB
ु थी ।
Gमसेज दयावती -बेटB दध
ू तो Gमल जायेगा । पहले
िज-दगी सहB सलामत तो बची रहे ।
न-हा तीक घबराकर बोला मYमी-आतंकवादB लोग अपने
घर पर तो हमला नहB करे गे ।
संखी-भइया तम
ु घर मT हो घर मT कोई कैसे घसे
ु गा ।हम
अ-दर बाहर ताला लगा लेगे ।
Gमसेज दयावती-बेटB साbी तीक को अ-दर ले जाओ ।
कोइ◌्रर ् काट4ू न fफ}म लगा दो दे खता रहे गा ।
साbी-ठ$क है मYमी
Gमटर दे वान-दा-रं जू क मYमी सावधान रहना ।
94
उपmJवयP का कोई भरोसा नहB कब Xया कर बैठे
।धमा4-ध उपmJवयP को कोई चीख पकार
ु अथवा मदद के
वर नहB सनाई
ु पडते ।उनको बस मारो काटो के वर
सनाई
ु पडते हo XयPfक उनक आंख मT सपने नहB खन

खौलता है ।
Gमसेज दयावती- चाय पीये नहB उठाकर रख >दये ।
कफ् य4ू क घोषणा बेमुrदत क है । चाय पी लो कल
Gमल पायेगी क नहBं। गेहू ं पीसाना रह गया। आटा भी
बहत
ु कम बचा है । दाल-तेवन भी घर मT नहB है ।
स~जी वाले भी नहB आ पा रहे है । अचार से दो >दन
नकाल लेगे । अपनी तो बस इतनी हB तम-ना है fक
शहर मT शाि-त हो जाये । साbी के पापा चाय
पीओ
Gमटर दे वान-द-चाय तो गले से नीचे उतर हB नहB रहB
है । ये दे खो कैसी भयावह तवीर छपी है ।उदापरा
ु मT
हए
ु पथराव मT घायल आदमी के Gसर से कैसे खन ू के
फववारT फट
ू रहे हo । परा
ू शहर >हंसा क चपेट मT आ
गया है । fकतने दभा4
ु य क बात है fक एक दे श एक
शहर एक बती मT रहने वाले लोग एक दसरे
ू के उपर
प?थर बम और ब-दक
ू से हमला कर रहे है । कछ
ु हB
ध8टो मT तीन lक से अ5धक प?थर एक दसरे
ू के उपर
फक
T े गये है । इस पथराव मT बेचारे गरBब मजदरू और
नद‰ष हताहत हए
ु है तीस से अ5धक लोग घायल ह।o
95
मरने वाले कोई fकसी संगठन का पदा5धकारB नहB है ।
सब गरBब मजदरू लोग मरे हo । परेू शहर मT कफ् य4ू के
साथ हB धारा 144 क चपेट मT है । परा
ू शहर भोलB
भालB नद‰ष जनता के खन
ू से लथपथ है । मां
अ>ह}याबाई क आ?मा रो रहB होगी शहर क यह
भयावह दद4ु शा दे खकर । साbी क मYमी गले से नीचे
चाय उतर नहB रहB है ।
Gमसेज दयावती-बाप रे बेमुrदत कफ् य4ू कैसे
जSरB चीजे Gमलेगी । काश ज}दB शहर क रं गत लौट
जाती । सब सामा-य हो जाता ।घर मT हB डर लगने
लगा है ।कब Xया बरा
ु हो जाये सोचकर
Gमटर दे वान-द-शहर मT जंगल क ,परदे शीपरा
ु हर कहBं
प?थर बरस रहे हo तो कहB गोलB । परा
ू शहर उ,वाद क
चपेट मT हo । एक समदाय
ु के लोग दसरे
ू का खन
ू पीने
के Gलये कटार लेकर दौड रहे है । ऐसे मे तो भगवान भी
कोई गार8टB नहB दे सकता ।
साbी-पापा धम4 के नाम पर लोग ऐसा XयP करते है ।
fकसी क ह?या कर दे ते है । fकसी को जला दे ते है ।
fकसी का घर जला दे ते है । ऐसा तो कोई धम4 नहB
कहता ।
Gमसेज दयावती- ऐसे मौकापरत लोग होते है । इनका
कोई धम4 नहB होता है । ये तो आदमी का खनू पीकर
पलते है । इनका धम4 होता है आतंक ।
96
तीक-खलनायक कहो ना मYमी
साbी-अरे वाह रे तीक तू तो बडा उताद नकला ।
तीक-कसाई को दे खकर बकरा भी तो डरता है ।
अनहोनी का डर सभी को होता है । अ◌ातंकवादB/उ,वादB
भी तो कसाई हB हo ।
Gमसेज दयावती-ठ$क कह रहे हो तीक। कसाई हB तो है
तभी तो आदमी का खन
ू बहाने मT सwय समाज के
Jवरो5धयP को त नक भी डर नहB लगता ।
Gमटर दे वान-द- ठ$क कह रहB हो । उपmJवयP ने तीन
जलाई
ु से शहर क अिमता के साथ खेलना शS
ु fकया
था । छः तारBख हो गयी पर शहर वैसे हB धंूधूं कर जल
रहा है ।
Gमसेज दयावती- छोटे छोटे बpचे डर सहमे रह रहे है । ये
दे खो अखबार मT छपी तवीर न-हBं सी बpचा कैसे शटर
को नीचे से उचका कर बाहर दे ख रहB है । आंखT ऐसे लग
रहB है fक अभी रो पडेगी । fकतना भयावह मंजर हो
गया है ।
Gमटर दे वान-द- उपmव तो ब-द नहB हआ
ु । राजनै तक
पथराव शS ु हो गया । राजनेता लोग अपनी अपनी कस|

के ढBले जोड को जOम क कलP ◌ो दS
ु त करने मT
जट
ु गये हo ।
Gमसेज दयावती-बहत
ु बह गया खन ू ।बहत
ु हो गया
उपmव अब तो शाि-त चा>हये शहर को । शाि-त Jपरय

97
शहर द ु नया मT बदनाम हो रहा है । सwय समाज के
दqु मनP क वजह से
Gमटर दे वान-द- बेचारे रोज कआं
ु खोद कर पानी पीने
वाले तो भखे
ू मर रहे है । दरू दरू से शहर मT Gशbा लेने
आये बpचे भखे
ू >दन रात nबता रहे है । दवा दाS के
nबना लोग परे शान हो रहे है । उपmJवयP ने हवा मे
fफजां मT जहर और जीवन क राह मT बाSद nबछा >दया
है ।
Gमसेज दयावती-धम4 के नाम पर बवाल मचा हआ है ।
वहB दसरB
ू ओर दोनP समदायP
ु के लोग एक दसरे
ू क
मदद कर रहे है । सब क खा>हश है fक शहर मT ज}दB
रौनक लौटे । ये उपmवी धाGम4क उ-माद फैलाकर XयP
धम4 क मह?ता के साथ अqलBल iयवहार कर रहे हo ।
Gमटर दे वान-द-ठ$क कह रहB हो । शहर मT तरफ
उ-मादB आतंक फेला रहे है तो वहB दसरB
ू ओर रJव
वमा4,सशील
ु गायेल,अजय काकाणी जैसे कई लोग जान
क बाजी लगा शाि-त और सrभाव कायम करने के
यासरत ् है । सेवाभारती तथा जैनसंकार जैसी संथाये
भी अमन क इबारत Gलखने मे जटB
ु हई
ु हo । अमन तो
शहर मT ज}दB होगा JवघटनकारB शिXतयां और कछु
धमा4-ध मतलबी लोग सrभावना क राह मT रोडे डाल रहे
है । यकनन ऐसी JवघटनकारB संथायT और उपmवी
मतलnबयP के नाम पर थक
ू े गी ।
98
साbी-काश शहर मT सrभाव और शाि-त ज}दB थाJपत
हो जाती ।
Gमसेज दयावती- जSर होगा । जनता तो सब समझ गयी
है । उ-मा>दयP को धम4 से कोई लेना दे ना नहB है । वे
तो अपने वाथ4 Gसिeद के Gलये इंसा नयत क बGल चढा
रहे है ।
Gमटर दे वान-द-जनता के पैर मT भले हB कफ् य4ू क
बेKडया पडी है । जरk -जरk पर स-नाटा है । पग पग पर
उपmJवयP का खौफ हo ।इसके बाद भी जीवन गाडी का
प>हया कहां थमा है ।कफ् य4ू मT ढBल Gमलते है । आवाम
गले Gमलने को आतरु हो उठता है । राजवाडा,छपपन
दकान
ु और साव4ज नक जगहP पर आतंक के खौफ के
बाद भी लोगP क भीड उमड रहB है । अपने वीणानगर
मT हB दे खो बडे भले हB घरP मT दबकु े हए
ु है पर बpचे
खेल मT मशगल ू है । हां ये बात अलग है fक सायरन क
आवाज सनकर
ु जां जगह पाते है वह छपने लगते है ।
बहत
ु भयानक आग लगी है । बझना
ु चा>हये
Gमसेज दयावती-आग तो बझे
ु गी पर िजस मां का बेटा
मारा गया । िजसका प त मारा गया जो बpचे अनाथ हो
गये । Xया उनके धम4 के नाम पर खनी
ू खेल खेलने
वाले वापस कर पायेगे ।या उनके पUरजनP का सहारा
बनेगे । जीवन मT दद4 भरने वालP का स?यानाश हो

99
Gमटर दे वान-द- अखबार मT छपी सचना
ू के मताnबक

कल बारह बजे से राnd के दस बजे तक कफ् य4ू मT ढBल
रहे गी ।
Gमसेज दयावती-दफ् तर जाओगे ?
Gमसेज दे वान-द- हां कब तक घर मT कैद रहे गे । हो
सकता है कल >दन ठ$क ठाक रहे तो परसP से कफ् य4ू
उठ जाये । वैसे कफ् य4ू तो आम जनता क जान माल
क रbा के Gलये हB लगता है । इसमT अपराधी fकम के
लोगो क धरपकड होती है । यह जSरB भी है । इसी से
तो उपmJवयP क नाक मT नकेल पडती है ।
Gमसेज दयावती-महं गाई तो वैसे हB कमर तोड रहB थी ।
शहर मT फैले उपmव ने तो जीना हB हराम कर >दया ।
कमते पहंु च से दरू होने लगी है । काश fफर कभी शहर
और दे श मT उपmव का \वालामखी ु नहB फटता
ू ।
Gमसेज दयावती-सरकार और सwय समाज को Gमलकर
उपmJवयP का दमन करना होगा तभी Jवmोह का
\वालामखी
ु नहB फटे
ू गा ।
Gमटर दे वान-द-ठ$क तो कह रहB हो पर ऐसा हो तब ना
। इसके Gलये पO
ु ता इ-तजाम करना होगा ।
मानवतावा>दयP को धम4,सYदाय और जा त से उपर
उठकर उपmJवयP और अपने बीच दBवार खींच दे नी
चा>हये । ताfक ना बहे fफर कभी खन
ू क धारा ।
आदGमयत ,अमन-शाि-त के Jवरोधी अपनी अपनी nबलP
100
मT कैद रहे । जब कभी नकले तो इनका >दल पसीज
गया हो । मानवता,समता सrभावना और शाि-त के दत

बनकर नकले ताfक कभी ना हो सके पथराव । दे श
ग त क राह पर सरपट दौडता रहे ।
Gमसेज दयावती-एक बात कहंू ।
Gमटर दे वान-द-अरे घर मT कैद है । बाहर उपmJवयP का
भत
ू है । अब ना कहोगी तो कब कहोगी जो कछ
ु कहना
हो कह सना◌ाओ
ु । भरपरू समय है सनने
ु सनाने
ु का ।
Gमसेज दयावती- तम
ु तो बहत
ु कछ
ु कह गये मo तो कछ

और हB सोच रहB थी ।
Gमटर दे वान-द-भागवान कहो ना हमने तो ऐसा वैसा
कछ
ु नहBं कहां
Gमसेज-चलो तम ु जीते मo हारB । अपनी बात कहती हंू ।
Gमटर दे वान-द-पहले मेरB बात सनोु धfकयानसी
ु बातT
ना करो । तम
ु हमेशा से जीतती आयी हो । मo तो हारा
हआ
ु GसपाहB हंू तY
ु हारे सामने।
Gमसेज दयावती- दे खो मr ु दे से ना भटकाओ । बात
उपmव और कफ् य4ू से होकर कहBं और जा रहB है । नजर
कहBं नशाना कहB लग रहा है । मेरB बात सनो
ु ।
Gमटर दे वान-द-nब}कुल नहB मo मr
ु दे पर हB कायम हंू

Gमसेज दयावती-जब तक धम4 का उपभोग अफम क
तरह और जा तवाद का दYभ हंु कार भरता रहे गा तब तक
101
उपmव मचता रहे गा । XयP ना धम4 को मानवक}याण से
जोडा जाये । जा तवाद क मा-यता रrद कर दB जाये ।
ऐसा हो गया तो ऐसे उपmव नहB होगे । आदमी के खन

से सडके गGलयां नहB नहा पायेगी ।
Gमटर दे वान-द-बात तो बहत
ु अpछ$ है लेfकन धम4 और
जा त के बीच से होकर राता >द}लB तक जाता है ।
सारB उपmव क जड धाGम4क और जातीय उ-माद मT है ।
उपmवी लोग धम4 को बदनाम कर रहे हo ।सrधम4,
सव4समानता , बहजन>हताय
ु एंव बहजन
ु सखाय
ु का सpचा
हरB होता है ।
साbी- चलो अpछ$ बात हई ु । उपmव क नाक मT नकेल
पड गयी । कफ् य4ू भी कछ
ु >दन राnd दस बजे से सबह

छः बजे तक रहे गा । अब पापा दफ् तर जा सकते है , मo
और तीक कूल भी । पथराव का डर तो मन मT रहे गा
ना पापा । कई लोग मरे है । कई गलB मोह}ले खन
ू से
लाल हए
ु है ।
Gमटर दे वान-द- बेटB डरते नहBं । जनता क सरbा
ु के
Gलये पGलस
ु फोस4 जो चपे चपे पर तैनात है अभी भी।
Gमसेज दयावती-बेटB डरना नहB । भयावह सपना मानकर
भल
ू जाना । कू ल मT दसरे
ू धम4 के बpचP के साथ
Gमलजल
ु कर रहना । नफरत नहB सrभावना के बीज
बोने होगे कूल के तर से तभी बpचT सव4धम4
सव4समानता के नै तक दा य?वP का पालन कर सकेगे ।
102
Gमटर दे वान-द-बेटB तY
ु हारB मYमी ठ$क कह रहB है
।सrभावना से नफरत क जड पर हार fकया जा सकता
है । ऐसा हार पथराव को ज-म हB नहB दे ने दे गा ।
साbी- पापा याद रखंूगी ।
Gमसेज दयावती- जा बेटB अपना और तीक बैग जमा लो
कल से कूल जाना है ना ।
साbी- हां मां
Gमसेज दयावती-दे खो छोटे -छोटे बpचे fकतने खश
ु है ।
शहर क रं गत लौटते हB
Gमटर दे वान-द- अमन तो सभी को पस-द होता है ।
कौन खतरP से खेलना चाहे गा । अपने को मौत के मंह

मT झोकेगा। धाGम4क/सामािजक बीमाUरयP के कोप से
पथराव होते है । खन
ू बहते है । बpचT भी डर गये है
पथराव से
Gमसेज दयावती-डर तो हम गये थे ये तो बpचे है । डर
कर भी तो जीवन नहB चलता ।
Gमटर दे वान-द-हां ठ$क कह रहB हो । डर तो था ,जब
तक उपmव था, शहर मे कफ् य4ू था कब कहां से प?थर या
गोलB बरस पडे । कफय4ू मT त नक छट
ू Gमलते हB लोग
जSरB चीजP के Gलये दौड पडते थे ।
Gमसेज दयावती- उपmJवयो ने ऐसा खनी
ू खेल हB खेला है
fक डर बन गया है । धीरे धीरे ख?म हो जायेगा । सब
कछ
ु सामा-य हो जायेगा । कब तक पथराव का भत

103
पीछा करे गा ?
Gमटर दे वान-द- रा_lBय अिमता एवं मानवीय एकता के
Gलये साYदा यकता के Jवष बीज को उखाड फकना
T होगा
वरना ये साYदा यत ताकते खद
ु को सरabत
ु कर शाि-त
और सrभावना के दामन म"
ु ठ$ भर भर आग भरती
रहे गी ।
ना हो पथराव ना बहे खन
ू , अब ना कराहे मानवता यारो

आथा का वाता,सrभावना के अमत
ृ बीज बो डालो◌े
यारो ॥
सौदा
बंशीधर क तेरहवीं तक उनके वाUरस सˆ रखे रहे पर-तु
तेरहवी nबतते हB सˆ का बांध टट
ू गया । बंशीधर क
दसरB
ू Jवधवा प?नी मंथरादे वी धन सYप त समेटने मT
ज}दB थी । कातकारB,बकबै
o लTस से लेकर भस
o ,घास-
भसा
ू ,गोबर क8डा तक को अपने क~जे मT करने को
उतावलB थी । प त के मरने का कोई गम न था । गम
था तो ये fक कहB कोई सामान सौतेले बेटा बहू न रख
ले। सौतेलB मां के एका5धकार को दे खकर बंशीधर के
तीनP लडके >दलेqवर,मनेqवर और रतेqवर ने पंचायत
बलाना
ु उ5चत समझा◌ा । चौदहवT >दन पंचायत बला
ु लB
गयी ।
पंचP के सामने मंथरादे वी ने अपने नाम के बक
o बैलेस
104
और जमीन को छोडकर बाक चल अचल सYप त पर
आधे क >हसेदारB पेश कर दB । मंथरादे वी क इस
दावेदारB को दे खकर >दलेqवर ने आपि?त लB ।
मंथरादे वी पंचP से मखा
ु तब होते हए
ु बोलB पंचP अभी तो
कातकारB घरŠार और मेरे वग|य प त के नाम जमा
रकम मT आधा >हसा चा>हये । मेरे नाम जो रकम
जमीन है वह तो मेरB हB रहे गी । हां मेरे मरने के बाद
ये तीनP लडके आपस मT बांट सकते है । मेरे जीने का भी
तो कछ
ु सहारा होना चा>हये ।
मंथरादे वी के एकतरफा >हसेदारB क बात सनकर

कानाफुं सी शS
ु हो गयी । इतने मT >दलेqवर हाथ जोड
कर खडा हआ ु और बोला पंचP नई मां आधे क
>हसेदारB पO
ु ता कर रहB है । मरने के बाद हम तीनP
भाइयP मT बराबर बांटने क बात कह रहB है ।य>द नई मां
ने मेरे बाप दादा क चल अचल सYप त अपने भाई
भतीजP के नाम कर दB तो । नई मां का तो कोई भरोसा
नहB है पंचो।
मनेqवर- पंचP भइया ठ$क कह रहे हो ,नई मां है 8डपाइप
से पीने का पानी नहB लेने दे ती । Xया वह हमारे Gलये
दौलत छोडेगी ?
रतेqवर-हां पंचP नई मां से उYमीद कोई उYमीद करना
खद
ु को धोखा दे ना है । बांप के मरने के पहले हB बहत

सारB धन दौलत , खेत अपने नाम Gलखा लB । नई मां
105
हB बाप क मौत क िजYमेदार है ।
मंथरादे वी-रतेqवर, मo नहB तम
ु लोग का तल हो । इतना
मोह था तो तेरे बापमझे
ु XयP लाये । बाप साठ साल
क उt मT ~याह क Xयो सझी।
ू मझे
ु लाये है तो उनक
सYप त पर मेरा >हसा तो होगा । कानन
ू मझे
ु अ5धकार
दे ता है । मo अपने अ5धकार से कोई सौदा नहB कSंगी ।
मनेqवर-तम
ु हमारB मां बनने नहB आयी हो । दौलत पर
क~जा करने आयी हो । बाप को हम लोगो से छन लB
। धीरे धीरे जमीन,नगदB और जेवर पर क~जा कर लB ।
हम तीनP भाईयP के Gलये कछ
ु तो छोडो मां । Xयो
सौतेलेपन का जहर दे रहB हो । अब तो बाप भी नहB रहे
। नई मां तY
ु हारे प त से पहले वे हमारे बाप थे। तुमको
आये अभी दो साल भी नहB हए
ु सारB दौलत पर क~जा
कर लB । बाप को तमने
ु मार डाला भOू ◌ा
े दाS Jपला
Jपलाकर। मां तम
ु अपने मकसद मT कामयाब हो गयी ।
अफसर बाप तY
ु हारB काले जाद ू को नहB समझ पाये ।
िज-दगी नौकरB मT दसरP
ू का केस हल करते रहे । अपने
हB केस मT तम
ु से हार गये नई मां ।
मंथरादे वी-मo तो अपना धन धम4 सब कछ
ु छोडकर आयी
थी यह सोचकर क तेरे बाप के साथ मेरे जीवन क
सांझ चैन से nबत जायेगी । वे तो मझे
ु अधजल मT छोड
मरे । तम
ु लोग उनक मौत का >ठकरा मेरे Gसर फोड रहे
हो । मझे
ु ठ5गन कह रहे हो ।
106
>दलेqवर-मo तY
ु हारे पास था Xया ? न खाने का >ठकाना
न पहनने का । एक झोपडी हB तो थी । यहां आते हB
तजोरB क तालB लटकाने लगी । बक
o क पासबक
ु े
छपाने लगी । बाप क कमाई का >हसाब fकताब रखने
लगी । दो साल मे◌े तमने
ु सब कछ
ु पर क~जा जमा
Gलया । िजस दौलत को मेरB सगी मां ने नजर भर कभी
नहB दे खा । वहB मां िजसने बाप को कामयाब बनाने के
Gलये मेहनत मजदरB
ू करती थी Jपताजी पढने जाते थे ।
मेरB मां क कमाई पर तम
ु नाग क तरह फन फैलाकर
बैठ गयी हो । हम तीनP भाई ललचाई आंखे◌ा◌ं से दे ख
रहे हo । अपना हक नहB पा रहे है । नोना-नटो क तरह
झोपडी मT रह रहे है इतनी बडी कोठ$ रहते हए।
ु यहB हo
मां तेरB ममता ।
मंथरादे वी-ये कोठ$ fकसक है ।तम
ु लोग लोगो को
>दखाने के Gलये झोपडी मT रह रहे हो ।
रतेqवर- नई मां तमने
ु हमT बेघर कर >दया है । सब कछ

तो तY
ु हारा होकर रह गया है । हमT तो चैन से रहने भी
नहB दे ती हो । चल अचल सभी सYप त पर तY
ु हारा हB
तो क~जा है । हम तीनP भाई तो अपने हक से बेदखल
हo ।
मनेqवर- नई मां बाप के जीते जी लाखP क रकम अपने
नाम करवा लB । सोने के आभषण
ू बनवा Gलये । ढे र
सारB रकम मायके पहंु चा दB । बाक पर आधा >हसा
107
मांग रहB हो ।हम भाई लोग अपने बाप क नाजायज
औलाद तो नहB ? बाप क सYप त पर हमारा भी हक
बनता है क नहB ?
मंथरादे वी-तम
ु लोग अपने बाप क नाजायज औलाद नहB
हो तो मo भी कोई रखैल नहB हंू । काननी
ू ~याह क हंू
>द}लB क कचहरB मT जाकर तYु हारे बाप से । आधे के
>हसे का हक है मेरा भी।
>दलेqवर-नई मां तम
ु इस पUरवार मT एक >हसेदार क
है Gसयत से आयी हो बस ना
मंथरादे वी-हां ठwक समझे
सेठू धान-मंथरा भौजाई बंशीधर भइया ने तY
ु हारB मांग
मT Gस-धरु डालकर उपकार fकया है । तम
ु उनके
बpचे◌ा◌ं को अपना बpचा नहB मान रहB हो । तम
ु इन
लडको क मां हो । मां का फज4 नभाना चा>हये था ।
तमने
ु ऐसा नहB कर सौतेलB मां के चUरd को और
भयावह बना >दया है । ये लडके तमको
ु मण4कण4क ले
जायेगे तY
ु हारB मत
ृ दे ह। तY
ु हारB अथ| बंशीधर भइया के
दरवाजे से उठे गी तभी वग4 मT जगह Gमलेगी । मायके
से डोलB उठना अpछा होता है अथ| नहB । तम
ु तो पढB
Gलखी हो । इसGलये तY
ु हारा फज4 और बढ जाता है पर
तमको
ु दौ◌ैलत से मोह से है । बंशीधर भइया क
औलादP से नहB ।
मंथरादे वी-धान भइया तम
ु भी इन लडको का पb ले
108
रहे हो । मo बढB
ू औरत कहां जाउ◌ू◌ंगी । अरे मेरB बाक
िज-दगी का सहारा तो दौलत हB है ना । ये लडको तो
पहंु चा >दये मणकण4का । ये लडके मेरा सहारा नहB बन
सकते है तो मेरB सौत क औलाद
सेठू धान- तम
ु पUरवार क भखी
ू नहB हो XयPfक इन
लडको को तमने
ु पैदा नहB fकया है ना । बंशीधर भइया
के पUरवार का दख
ु सख
ु तY
ु हारा दख
ु सख
ु नहB है ।
तमको
ु बस बंशीधर भइया क दौलत से मोह है । भइया
ने तो उपकार fकया था तम
ु पर । वहB उपकार अपराध
बन रहा है । अरे गांवपरु के सभी जानते है तम
ु कैसे
द>द4
ु न काट रहB थी । इस घर मT आते हB महरानी बन
गयी । पेट भर रोटB के Gलये नतवान थी । वो >दन
भल
ू गयी । अरे बंशीधर भइया के जीते जी तो बहत

ज}ु म क इन लडको पर अब तो रहम खाती । उनका
>हसा उनको दे दे ती । तY
ु हारे पास तो तीन बेटे है
fकसी के साथ रहकर जीवन के बाक >दन चैन से nबता
सकती हो ।तम
ु दौलत के ढे र पर बैठ$ हो और तY
ु हारB
सौत तY
ु हारे मतक
ृ प त बंशीधर भइया के बेटे छोटB
मोटB चीजP के Gलये तरस रहे है । भइया Uरटायर होकर
आये थे तो प-mह लाख Sपया Gमला था परा
ू गांव
जानता है । हर महBने सात हजार पशन
T Gमल रहB थी ।
सना
ु है fक भइया के खाते मT बस तीन लाख Sपया है।
घीरे घीरे सब Sपया झंस लB । तीन लाख मT से आधा
109
और जमीन जायदाद मT आधा मांग रहB हो । ये कहां का
-याय है । ये तीन लडके और उनका पUरवार कैसे जीवन
बसर करे गा । \यादा होGशयारB अpछ$ बात नहB है । अरे
Jपछले कम4 का फल भोग रहB हो दो दो प त खा गयी
। कोई बाल बpचा भी नहB हo तY
ु हारे । इ-हB तीनो
लडको को अपना लेती तो जीवन वग4 बन जाता ।
राम€ंग
ृ ार-हां धान भइया बात तो लाख टके क कह रहे
हो । भौजाई के पास बहत
ु अpछा मौका था अगला ज-म
सधारने
ु का पर भौजाई ने बंशीधर भइया के साथ ~याह
नहB सौदा मान रहB है । अरे >दलेqवर मनेqवर और
रतेqवर छोटे बpचे होते तो जहर Jपलाकर सारB चल
अचल सYप त पर क~जा कर लेती । अरे भौजाई बंशीधर
भइया के तीन लडके और एक लडक भी तो है । उसका
भी >हसा बनता है ।
मंथरादे वी-कोई लडक नहB है । >दलेqवर से पछो
ू शपथ
पd पर सभी के दतक है ।
राम€ंग
ृ ार-अpछा तो एक कांटा नकाल चक
ु हो ।
राम€ंग
ृ ार क बात सनकर
ु मंथरादे वी के Jपताजी
झनझनबाबा
ु ु uो5धत होकर बोले यहां तो परB
ू पंचायत
अफम के नशे मT मदहोश है । मंथरा बी>टया तमको

यहां -याय नहB Gमलेगा ।
मंथरादे वी-Jपताजी मन छोटा ना करो मने
o भी कpची
गोGलयां नहB खेलB है । ~याह नहB एक सौदा था िजसका
110
गवाह >दलेqवर भी तो है । फैसला तो मेरB मज| के
माfफक होगा ।नहB तो कोट4 कचहरB तो है । मo >दलेqवर
के मतक
ृ बाप क दसरB
ू प?नी हंू रखैल नहB । मेरा आधे
का >हसा है । मo लेकर रहंू गी । जमीन जायदाद और
बै।क के सभी कागजात मेरे पास है ।वह भी इन तीनP
के बाप >दया है ।
सेठू धान-मंथरा भौजाई बंशीधर भइया कोई वसीयत
Gलखकर मरे हo Xया ?
मंथरादे वी-यहB तो गलती हो गयी । वसीयत नहB
Gलखवायी गयी । वसीयत Gलखकर मरे होते तो आज ये
कौअ◌े नहB मडराते मेरB मांस को नPचने । सब कछ
ु मेरा
होता । पंचायत क जSरत नहB पडती ।
राम€ंग
ृ ार- सन
ु Gलये झनझनबाबा
ु ु । भौजाई क िजरह ।
बाबा ये आपक सािजश तो नहB थी , भइया के◌ा साठ
साल क उt मT ~याह के बंधन मT बंधक बनाकर जमीन
जायदाद हडपने क । भईया के बार बार मना करने पर
बाबा अपने अपनी पगडी भईया के पांव पर रख >दये थे
। भईया ने आपक लाज रखी और आपने धोखा >दया ।
भइया क और उनके परखP
ु क जायदाद को हडपने का
सौदा समझ Gलया । मंथरा भौजाई एक मां का `यार इन
लडके◌ा को दे ती तो ये लडके इतने नासमझ नहB है । ये
लडके तो €वण क तरह है । तम
ु हो इन लडको को
जहर परोसने मT जरा भी कोर कसर नहB छोड रहB हो ।
111
झनझनबाबा
ु ु तम
ु भी वादे से मकर
ु गये। बंशीधर भइया
क दौलत के लालच मT ।
झनझनबाबा
ु ु -इन लडको ने कौन सा फज4 नभाया ?
सेठू धान-बाबा ये तीनो लडके Xया करते । अपने बाप
दादा क दौलत चांदB क थालB मT रखकर तमको
ु पेश
कर दे ते । बाबा तमने
ु और तY
ु हारB बेटB ने बंशीधर
भइया के साथ छल fकया है । Uरटायर होकर आने के
बाद कभी चेन क रोटB आपक बेटB ने नहB दB बंशीधर
भइया परा
ू गांव जानता है ।बंशीधर भइया िज-दगी भर तो
शहर मT रहे Uरटायर होने के बाद उनको खेती करने का
चका लग गया था । बंजर जमीन से भी भरपरू अनाज
पैदा कर रहे थे । परB
ू कोठ$ मT जो अनाज भरा है उनक
मेहनत का फल है । ये मंथरा भौजाई रोटB nबना मार
डालB । द ु नया क सारB सख
ु सJवधा
ु बंशीधर मंथरा
भौजाई तमको
ु >दये पर तमने
ु दो जन
ु क भर पेट रोटB
नहB दB । बेचारे मर गये भखे
ू । हां दस Sपये क दे शी
दाS मंगा कर जSर दे दे ती थी ताfक मर जाये ज}दB।
तम
ु बंधन से मX
ु त हो जाओ । धन दौलत लेकर दसरा

राता नाप लो । बंशीधर भइया के खन
ू पसीना से सींचा
पUरवार सडक पर आ जाये । मंथरा भौजाई तY
ु हारे जैसा
हB गोरो ने fकया था । पहले तो वे एक साधारण
iयापारB बनकर आये थे fफर धीरे धीरे दे श पर क~जा
कर Gलये । वहB तमने
ु fकया । बंशीधर भइया से ~याह
112
के बहाने उनक दौलत पर क~जा fकया है । बहत

घनौना सदा fकया है तमने
ु ।
राम€गार
ृ -बंशीधर भइया लगभग दो साल भर पहले
Uरटायर हए
ु थे तब उ-हे प-mह लाख Sपये Gमले थे बाक
और भी पैसे Gमलने वाले थे । हर महBने पशन
T Gमलती
थी । बक
o मT माd तीन लाख है । बाक Sपये कहां गये
। >हसाब तो तमको
ु हB दे ना होगा । लडको को तो
तमने
ु पास तक फटकने नहB >दया । तीन लाख मकान
और खेती क जमीन मT आधे क दावेदारB पेश कर रहB
हो ।
मंथरादे वी-आधे से कम पर तो सौदा नहB होगा । चाहे
बकबै
o लेश हो या जमीन जायदाद सब मT आधा चा>हये ।
झनझनबाबा
ु ु -मेरB बे◌ेटB क अभी उt हB Xया है चालBस
साल क है । परB
ू पहाड सी िज-दगी बी>टया के सामने
है गजर
ु बसर कैसे होगा । झनझनबाबा
ु ु क बात काटते
हए
ु रमरिजया मंथरादे वी क मां बोलB पंचो मेरB बेटB का
>हसा मत छ$नो । Jवधवा क बrदआ ु खालB नहB जाती

रतिजयादे वी-Xया कह रहB हो बहन बंशीधर बेटवा के मरे
आज चौदह >दन हए
ु इस बीच तजोरB का मंुह तY
ु हारे
घर क तरफ मड
ु गया । अनाज क गोदाम का मंह ु
तY
ु हारे घर मT अब खलता
ु है । बीस हजार क भस
o तY
ु हारे
दरवाजे पर बंध गयी । बी>टया का ~याह क थी fक कोई
113
सौदा । बंशीधर के मरते हB सब कछ
ु लट
ू लो । ऐसा तो
न दे खी थी न सनी
ु थी अपनी असी साल क उt मT ।
रघन-
ु दन-सासजी
ु दमाद क दौलत से करोडप त बन रहB
हो ? अरे ना तयP का हक Xयो छ$नने पर तलB
ू हो ?
रमरिजया-कौन नाती । दमाद के जीते जी सब नाता था
उनके मरते हB सारे नाते टट
ू गये ।
राम€ंग
ृ ार- जमीन जायदाद और Sपये से नहB टटा
ू है
सासजी

रमरिजया-बाबू ये तो मेरB बेटB का अ5धकार है ।मेरB बेटB
िजसे चाहे दे । मंथरा मेरB बी>टया बंशीधर बाबू के
सYप त क असलB हकदार है ।
सेठू धान-दे खो वXत मत गवाओं मझे
ु दसरB
ू पंचायत मT
जाना है । मr
ु दे क बात करो ।
झनझनबाबा
ु ु -धान जी य>द फैसला आपके बस क बात
न हो तो ये लोग कचहरB चले जाये । वहां दध
ू का दध

पानी का पानी हो जायेगा ।
मंथरादे वी-मझे
ु तो आधा >हसा चा>हये ।
सेठू धान-आधा तो नहB Gमल सकता ।
मंथरादे वी-Xयो ?
से◌ेठू धान-मतक
ृ बंशीधर के तीन लडके एक लडक और
पांचवी तम
ु वाUरस हो । तमको
ु आधा >हसा कैसे Gमल
सकता है ।
मंथरादे वी -पांच नहB चार है । बेटB काननन
ू मर चक
ु है
114
। इस बात क पहले हB िजu हो चक
ु है । बेटB क
काननन
ू मौत के गवाह >दलेqवर भी तो ह।o एक बात का
म"ठा बनाने से कोई मतलब नहB ।
सेठू धान- बेटB मरB तो नहB है । तीन बpचP क मां हo
भरा परा
ू पUरवार है । अपने प त के साथ खश
ु हo । शहर
मT रहती है । आती जाती रहती है । भले हB वह >हसा
न मांगे पर है तो >हसेदार ।
>दलेqवर-ठ$क है चार हB >हसा होगा पर नई मां आधा
ले लेगी तो हम तीन भाइयP का घर पUरवार कैसे चलेगा
। बक
o मT तीन लाख बचे है । बारह लाख Sपये मां हजम
कर चक
ु है । बीघा से अ5धक खेत अपने नाम करा
चक
ु है । पंचो चार बीघा खेत ये कोठ$ िजस पर मां का
हB क~जा है । हम भाई लोग तो झोपडी मT रह रहे हo
परा
ू गांव दे ख हB रहा है । इसके बाद भी मां का पेट
नहB भर रहा है तो पंचP आप लोग हम भाइयो को जैसे
कहो वैसे राजी है । बाप भी नहB मेरB सगी मां सdह
साल पहले मर चक
ु है । नई मां हम भाइयP क कˆ
खोद रहB है । पंचP फैसला आपके हाथ मT हo । हम भाई
राजी हo पंचP के फैसले पर । पंचP नई मां से बारह लाख
SपयT और बाक जो सYप त छपाकर रखी है या मायके
पहंु चा दB है उसका भी खलासा
ु कर दT ।जानने को तो
सभी जानते है पर नई मां अपने मंुह से कह तो दे ।
सेठू धान-मंथरादे वी >दलेqवर ने जो कछ
ु कहा हo जायज
115
है । >हसाब तो >हसाब है दे ना होगा । तभी बंटवारा होगा

मंथरादे वी- जो >दलेqवर के मतक
ृ बाप के नाम हo उसी का
>हसा हो सकता है । मेरे नाम है या मेरे पास जो कछ

हo उसमT >हसा कैसे लगेगा । वह तो >दलेqवर के मतक

बाप ने जीते जी मेरे नाम कर >दये है ◌े । उस पर तो
बस मेरा हक है चाहे बारह लाख हो या बीस
सेठू धान-मंथरादे वी eयान से सनो
ु भले हB बंशीधर भइया
ने तY
ु हारे नाम कर >दया हo पर तY
ु हारे बाद तY
ु हारB चल
अचल सYप त के माGलक यहB तीनो होगे ।
मंथरादे वी- जो मेरB परवUरश करे गा वह मेरB दौलत का
वाUरस होगा । मo अपने नाम क सYप त का उपयोग
करने को वत-d हंू । कानन
ू भी मझे
ु इजाजत दे ता हo ।
अपने >हे◌ा क दौलत चाहे अपने बाप के नाम कSं
या भाई के नाम या भतीजे के नाम कोई रोक नहB
सकता ।
सेठू धान-यह तो अ-याय है । धोखा है । Xया इसीGलये
~याह क थी चालBस साल क उt मT साठ साल क उt
वाले बंशीधर भइया से।
राम€ंग
ृ ार-धानजी ~याह नहB यह एक सौदा हo । दौलत
हडपने क घनौनी सािजश है । आप तो फैसला सनाओं

। मानना होगी तो मंथरादे वी मान लेगी ।कचहरB जाना
चाहे तो शौक से जाये । परा
ू गांव तो हककत जान चका

116
है ।
सेठू धान-ठ$क कह रहे हो राम€ंग
ृ ार । फैसला तो तैयार
हo । ,ाम पंचायत के सदयP क दखत करवाकर महर

लगा कर फैसला पढकर सना
ु दो ।
राम€ंग
ृ ार-धान के कहे अनसार
ु कार4 वाई परB
ू क । इसके
बाद फैसला सनाया
ु मतक
ृ बंशीधर क दौलत मT
>दलेqवर,मनेqवर,रतेqवर और उनक सौतेलB मां मंथरादे वी
के बराबर के >हे◌ा का ।
फैसला सनकर
ु मंथरादे वी उसके मां बाप के चेहरे खल
उठे । वहB दसरB
ू ओर >दलेqवर,मनेqवर और रतेqवर क
आंखP मT आंसू माथे पर 5च-ता के बादल मडा रहे थे
तीनो बेटो को रोता दे खकर बंशीधर के बडे भाई कलधर
उठेऔर तीनP को बांह मT समेटते हए ु बोले बेटा
झनझनबाबा
ु ु ,रमरिजया दे वी और उनक बेटB मंथरादे वी के
चuiयूह के रहय को तY
ु हारा अ5धकारB बाप नहB समझ
पाया।बंशीधर को ना जाने कैसे बढौती
ु मT ~याह क सझी

थी जबfक द ु नया जानती है ◌ा fक बढौती
ु मT ~याह
बबा4दB को -यौता दे ना है । इसका गवाह तो इ तहास भी
है । मंथरादे वी अपनी चाल मT कामयाब हो गयी और
तY
ु हारे भाय मT मंथरादे वी ने भर >दया म"
ु ठ$ भर आग
। यह ~याह नहB मंथरादे वी क सािजश थी ।
॥ क-यादान
यादान ॥
Gमटर रामअधार बाबू डबते
ू सरज
ू को नहार नहारकर
117
जैसे कोई सYभावना तलाश रहे थे । इसी बीच उनके
दरवाजे पर सफेद रं ग क चमचमाती कार Sक ।
रामअधार बाबू बेखबर थे । कार मT से उनके पराने

पUर5चत 5गरधर बाबू अकेले नकले और कमरे मT आ
गये । इसके बाद भी रामअधार बाबू के कानP को भनक
न पडी । Gमटर 5गरधर बाबू Gमटर रामअधार बाबू के
पास खडे होकर बोले Xया भाई साहब जब दे खो तब सोच
मT डबे
ू रहते हो । जागते हए
ु सपना दे ख रहे हो। प_ु पा
भाभी से मन भर गया Xया ?
Gमटर रामअधार बाबू चौक कर बोले कौन ?
Gमटर 5गरधर बाब-ू मo भाई साहब ?
रामअधार बाबू-आप बड़ भाय हमारे आपके दश4न तो
हो गये ।
Gमटर 5गरधर बाबू- हां भाई साहब डबते
ू सरज
ू मT
Xया तलाश रहे थे । कहते हo डबते
ू सरज
ू को नहB दे खना
चा>हये आप तो घरु घरु कर दे ख रहे थे । ये तो मo था
कहB चोर घर मT घस
ु गया होता तो
रामअधार- सYभावना तलाश रहा था । हमारे घर मT चोर
को कागज के अलावा और Xया Gमलेगा ।
5गरधरबाब-ू डबते
ू सरज
ू मT सYभावना तलाश रहे थे ।
Gमटर रामअधार बाबू- हां भाई साहब खैर छोKडये कहां
से आ रहे हo वह भी अकेले बpचे कहां हo । बरखा
बी>टया भी इंजी नयर हो गयी हo अपने पांव पर खडी हो
118
गयी है । भाई साहब आपक 5च-ता तो दरू हो गयी।
उसको भी लाना था ।
Gमटर 5गरधरबाबू- 5च-ता तो क-यादान के बाद ख?म
होगी ।
रामअधार-हां बडा बोझ तो उतरना बाक है ।खैर ये भी
उतर जायेगा । भाई साहब आप तो कह रहे थे सपUरवार
आये है । कहां हo बाक लोग ।
Gमटर 5गरधर बाबू-हां भाई साहब बरखा बी>टया
बेटा उदय,उनक मां और पंKडतजी कार मT है ।
Gमटर रामअधार-पंKडतजी को लेकर कहBं जा रहे हo Xया
?
Gमटर 5गरधरबाब-ू यहBं तक आये हo और कहBं नहB जाना
है ।
Gमटर रामअधार-कम4का8ड मT तो मेरा Jवqवास नहB है ।
हम तो बस भगवान को मानते है । खैर आप लेकर
आये है तो मo बलाकरु लाता हंू । आप तो बै>ठये
।पंKडतजी तो हमारे घर का पानी तो पीयेगे नहBं ।
Gमटर 5गरधरबाबू- XयP नहB पीयेगे जमाना बदल गया है
। भाई साहब आपका बेटा Jवजय बडा इंजी नयर बन
गया है,बेटB खशब
ु ू भी नाम रोशन कर रहB है । सबसे
छोटा बेटा वत-d भी उ◌ू◌ंची पढाई कर रहा है ।
भाईसाहब अब तो अब बडे हo । आपके सामने तो हम
छोटे है । भाई साहब S>ढवादB iयवथा ने तथाक5थत

119
जातीय छोटे लोगP क िज-दगी मT म"
ु ठ$ भर आग Sप
बदल बदल कर भरB है । जा त से आदमी बडा नहB
बनता कम4 से बडा बनता है ।
Gमटर रामअधार-भाई साहब कथनी करनी मT अ-तर
होता है ।
Gमटर 5गरधर बाबू- होता होगा पर मo नहB मानता ।
Gमसेज प_ु पा-XयP बहस करने लगे Jवजय के पापा ।भाई
साहब तो अ त5थ है । अ त5थ तो भगवान होता है ।
Gमटर रामअधार-भागवान कहां बहस हो रहB है । कोई
कोट4 कचहरB तो नहB हo यहां । बहस तो वकलP के बीच
जज साहब के सामने होती हo ।
Gमसेज प_ु पा-जा तवाद क बीमारB एक >दन मT तो ख?म
होने वालB नहB हo । जातीय अGभमान मT लोग ख?म
करने के Gलये जा त तोडो अGभयान भी तो नहBं छे ड रहे
है ।
रामअधार-वाह रे भागवान तम
ु तो उपदे श दे ने लगी ।
Gमटर 5गरधरबाबू-भाई साहब भाभीजी ठ$क कह रहB है
। भाभीजी जा त तोडो आ-दोलन छडे या ना छडे पर
जा तवाद क बीमारB तो ख?म होकर रहे गी धीरे धीरे ।
एक दो पीढB के बाद जा त nबरादरB को नामो नशान नहB
होगा । Uरqते भी जा त के आधार पर नहB कम4 और
शैbणक योयताओं को दे खकर तय होगT ।
Gमसेज प_ु पा-भाई साहब आप बै>ठये मo काGमनी भाभी
120
और बpचे◌ा को लेकर आती हंू ।
Gमटर 5गरधर बाब-ू पंKडतजी भी साथ है । उ-हे नहB
भलना
ू ।
Gमसेज प_ु पा- पंKडत जी XयP
Gमटर 5गरधरबाबू-काम है
Gमसेज प_ु पा-Jवजय के पापा तो कभी हाथ नहB >दखाये
आज तक अब बढौती
ु मT Xया >दखायेगे ?
Gमटर रामअधार-दे खो द ु नया भले बढा
ु कह दे पर तम

ना कहना ।
Gमटर 5गरधरबाबू-भाई सीब को भले हB पंKडत का काम
न हो पर मझे
ु तो है ।
Gमसेज प_ु पा- अpछा तो आप कोई नया काम करने जा
रहे हo ।
5गरधरबाबू-वहB समझ लBिजये ।
Gमसेज प_ु पा-ठ$क हo पंKडतजी को भी लेकर आती हंू ।
प_ु पा सभी को आदर के साथ लेकर अ-दर आयी और
बैठने का आ,ह करते हए
ु बी>टया खशब
ु ू को आवाज दे ने
लगी ।
Gमसेज काGमनी-भाभीजी Jवजय नहB >दखायी पड रहा है

Gमसेज प_ु पा-कY`यट
ू र पर कछ
ु कर रहा होगा ।
Gमसेज काGमनी-Jवजय बेटा बरखा के बचपन का दोत है
। दे खो fकतने ज}दB सयाने हो गये । ~याह गौने क
121
उt के हो गये ।
Gमसेजप_ु पा-समय को नहB बांधा जा सकता भाभी जी

GमसेजकाGमनी- ठ$क कह रहB हो भाभीजी । बरखा ओर


उदय न-हे न-हे थे तो भाई साहब नहलाकर खब
ू तेल
माGलश करते थे दोनो क धप
ू मT nबठाकर ।
GमसेजकाGमनी-याद है ।वहB बpचे अब fकतने बडे हो गये
। बरखा और Jवजय इंजी नयर बन गये । दोनो को साथ
दे कर मन बहुत खश
ु हो जाता है ।
Gमटर रामअधार-अरे Jवजय दे खो अंकल आ8टB आये है
साथ मT बरखा और उदय भी हo । बाद मT काम कर लेना
। सचमच
ु कोई काम कर रहे हो या गेम खेल रहे हो ।
बाहर आ जाओ । अंकल आ8टB का पैर तो छू लो
Gमसेजप_ु पा- अपने बचपन मT तो ऐसी कोई सJव
ु धा थी हB
नहB । बेटा बpचा तो है नहB । समझदार है । बडा.◌ा
इंजी नयर है ।
Gमटर रामअधार- बpचा fकतना बड़ा XयP न बन जाये
मां बाप के Gलये बpचा हB होता है । बpचे क तरXक
हB तो हर मां बाप का सपना होता है ।
Jवजय और खशब
ु ू भाई बहन साथ साथ आये सभी के
पांव छये
ु । Jवजय एक तरफ कस|
ु लेकर बैठ गया ।
खशब
ु ू Gमटर 5गरधर से मखा
ु तब होते हएु बोलB Xया
अंकल आप भी हम बpचP को भल ू जाते हो ।

122
Gमटर 5गरधर-कैसे भलू जाता हंू । दे खो न परा
ू कनबा

लेकर तो आया हंू । साथ मT पंKडतजी भी है ।
खशब
ु ू-बरखा के भी दश4न दल4
ु भ हो गये है । बचपन हB
ठ$क था । ना कोई 5च-ता ना fफकर । महBने मT तो
एकाध बार हम बpचे भी Gमल जाते थे । अब तो सब
अपनी अपनी िजYमेदारB सYभालने मT लगे है । बरखा
भी इंजी नयर बन गयी । इयको भी फस4
ु त नहB रहB अब

बरखा- हां दBदB ठ$क कह रहB हो । अब िजYमेदारB का


एहसास होने लगा है ।
Gमसेज काGमनी - असलB िजYYे◌ादरB तो अभी आनी
बाक है ।
बरखा- तम
ु भी मYमी कहते हए
ु म
ु करा कर चेहरा घमा

लB
Gमसेजप_ु पा-अरे अभी तो बरखा के साल दो साल मT
दश4न भी हो जाते◌े◌े◌े◌े◌े हo । ~याह होने के बाद Jवदे श
बस गयी तो सपना हो जायेगी । काGमनी भाभी बरखा
का ~याह ऐसी जगह करना क मलाकात
ु तो आसानी से
होती रहे ना वीजा का झंझट हो ना दसरे
ू अ-य खशब
ु ू के
Gलये भी ऐसे हB सोच रहB हंू ।
Gमटर 5गरधर-बरखा तो कभी सपना नहB होगी । इसक
तो गार8टB मo लेता हंू ।
Gमसेजप_ु पा- काफ दे र हो गयी चाय नाqता तो कछ
ु बना

123
लT
खशबं
ु ू- मYमी मै भी आपका हाथ बंटाती हंू
बरखा- दBदB मै। आपका हाथ बंटाती हंू
खशब
ु ू- तम
ु बैठो बरखा मo कर लंूगी । तम
ु मेहमान हो ।
बडी इंजी नयर हो च}
ू ह चौके का काम तमसे
ु नहB होगा

बरखा- दBदB मझे
ु भी तो कछ
ु सीखाओं
Jवजय-अरे वाह इंजी नयर सा>हबा को अभी सीखना बाक
है । चार साल क इंजी नयUरंग क पढाई दो साल क
पXक नौकरB इसके बाद भी सीखना है ।
GमसेजकाGमनी- बेटB गह
ृ ती के गण
ु तो सीखने हB पडते
है । चाहे fकतनी हB पढाई कोई Xयो न कर ले ।
बरखा-सुने इंजी नयर साहब मYभी Xया कह रहB है कहते
हए
ु बरखा खशबु ू के साथ मT कचन मT चलB गयी ।
पंKडतजी-5गरधर बाबू हम चाय नाqता नहB करने आये है

Gमटर 5गरधर-पंKडतजी इस घर मT अ त5थ दे वता होता
है । यह परYपरा अभी यहां तो कायम है । भले हB
आपको दसरB
ू जगह नहB दे खने को Gमलती हो ।
पंKडतजी-हमे तो नहBपीना है ।
Gमटर 5गरधर- पीना होगा पंKडतजी
पंKडतजी-यजमान हमT जा तपां त मT अब Jवqवास नहB है
। हम तो सYमान के भखे
ू हो गये है ।इ तहास मT कछ

124
गल तयां हई
ु हo उसी पारयिq
् चत कर रहा हंू । परखP
ु क
गल तयP के Gलये bमा मांगता fफरता हंू । यजमान हम
fकसी काम से यहां आये हए
ु है । काम क बात Xयो
नहB करते ।
Gमटर5गरधर-पंKडतजी सब तो दे ख रहे है । Xया ये सब
काम नहB हो रहा है ।
पंKडतजी-सब तो मंगल हB मंगल है यहां दे खो बरखा
केसे घलGमल
ु गयी आ8टB और अपनी खशब
ु ू दBदB के
साथ । Jवजय भी बरखा को अpछ$ तरह से जानता है ।
भाई साहब और हमारे पUरवार क जान पहचान हए

पpचीस साल हो गये है ।
Gमसेज काGमनी-दे खो बरखा कचन सYभालना अभी से
सीखने लगी है ।
Gमसटररामअधार- Xया ? बरखा से काम करवा रहB हो
खशब
ु ू बी>टया अ त5थ से कोई काम करवाता है Xया ?
Gमटर5गरधर-भाई साहब अपने से Xयो अलग करते हो

बरखा-अंकल मझे
ु भी तो कछ
ु समझना चा>हये ना लो
अंकल मेरे हाथ क चाय पीओ शकर बहत
ु मामलB
ू सी
पड गयी है गलती से ।
Gमटर रामअधार-बरखा तम
ु चाय बनाकर लायी हो
बरखा-हां अंकल कहते हए
ु ओढनी से Gसर ढं कने लगी ।
Gमटर5गरधर-बरखा अंकल नहB अंकल नहB डैडी कहो ।
125
बरखा-ठwक है डैडी डैडी हB
कहंू गी । बरखा
Gमटररामअधार को डैडी कहते हए ु उनका चरण पश4
कर Gमसेज प_ु पा का भी पैर छने
ू को लटक,इतने मT
Gमसेज प_ु पा ने बरखा को गले से लगाते हुए बोलB बेटB
तत
ु खबू तरXक कर । अपने मां बाप का नाम रोशन
कर िजस घर मT जा उस घर को मं>दर बना दे ना । मेरB
दआय
ु T तY
ु हारे साथ है ।
खशब
ु ू-अरे वाह Xया बात है । बरखा तो Gसर ढं क कर है

बरखा-खशब
ु ू क तरफ दे खकर म
ु करा पडी ।
Gमटर5गरघर-भाई साहब वीकार करो ।
Gमटररामअधार-fकसको
Gमसेजप_ु पा- चाय और fकसको ।चाय पीओ
Gमटर राअधार-चाय तो पीउ◌ू◌ंगा चाहे िजतनी मीठ$
XयP न हो । बरखा बी>टया ने जो बनायी हo पहलB बार ।
पंKडतजी-रामअधारबाबू 5गरधर बाबू बी>टया को वीकार
करने क बात कर रहे है ।
Gमटररामअधार-Xया ?
Gमटर5गरधर-हां भाई साहब मेरB बी>टया को अपने घर
क बहू बना लBिजये ।
Gमटररामअधार-नहBं यह नहB हो सकता
Gमटर 5गरधरमेरे पास धन दौलत क कमी नहB है ।
िजतना धन चाहे मांग लो पर मेरB बरखा को अपने घर
126
क बहंू बना लो ।
Gमटररामअधार-जो ~यवथा समाज को जहर परोस रहB
हो उसका पोषण मo कैसे कर सकता हंू । मझे
ु दहे ज एक
Sपया भी नहB चा>हये । मझे
ु तो JवषमतावादB समाज का
डर है । Jपछले साल क हB तो बात है ह?या हो गयी थी
लडके fक अ-त4जातीय ~याह को लेकर । जबfक लडका
लडक दोनो खश
ु थे । लडक पb के लोग हB लडक क
ह?या कर लडक को Jवधवा बना >दये ना 5गरधरबाबू
ना ये ~याह तो नहB हो सकता ।
Gमटर5गरधर- जा त और बढे
ू समाज क सारB दBवारे
तोड दं ग
ू ा । हम बेटB के मां बाप Uरqता लेकर आये है ।
पंKडतजी गवाह है । हम क-यादान करने के Gलये तैयार
है । आप XयP Jवरोध कर रहे हo भाई साहब
GमसेजकाGमनी-मान जाइये भाईसाहब अब जा तपां त क
लडाई कहां रहB । वधम| के घर Uरqते नहB होगे तो
कहां होगे ।हमारा तो बस धम4 मT Jवqवास है जा त मT
नहB । Jवजय से ब>ढया दमाद हमT और कहBं नहB Gमल
सकता । बpचे भी इस Jववाह से खश
ु होगे । भाई साहब
िजद ना कUरये मान जाइये । तभी तो जा त टटे
ू गी ।
fकसी न fकसी को तो आगे आना होगा ।
Gमसेजप_ु पा-भाभीजी अभी जा तवाद ख?म तो नहB हआु
हo । आपके समाज के लोग जीवन नरक बना दे गे । य>द
बpचP ने गलत कदम उठा Gलया या आपके समाज के
127
Gलये बpचP क जान लेने पर उतर आये तो हम बबा4द
हो जायेगे ।
GमसेजकाGमनी- भाभीजी ऐसा नहB होगा । हम बpचP क
शादB कोl मT करे गे और Uरqपेसन आलBशान होटल मT
दे गे । आप तो त नक भी 5च-ता मत करो । आप तो
~याह क हामी भर दो बस
Gमटर 5गरधर- हां भाभी कछ
ु नहB होगा ।सभी अपनी
बेटB योग लडके को सौपना चाहते हo । य>द मo सप रहा
हंू तो कोई गनाह
ु तो नहB कर रहा । मै बडी जा त का हंू
मo आपके पास आया हंू । आपका बेटा मेरB बेटB को तो
भगाकर नहB ले गया है ना fक कोइ◌्र Jवरोध करे गा ।
य>द कोइ◌्र करता भी हo मo हंू ना मंह
ु तोड जबाव दे ने के
Gलये । छोटB बडी जा त के भेद को मन से नकाल
दBिजये । ~याह पर अपनी हां क मंुहर लगाइये बसभाई
साहब जानता हंू वं5चतP को बस म"
ु ठ$ भर भर आग हB
GमलB है िजससे उनका मान सYमान और Jवकास सब
कछ
ु सलगा
ु है । समय बदल गया है । दUरयां
ू कम हो
चक
ु है । आपक हां के बाद बpचP क मज|
जानेगT अपने बpचे कसं
ु काUरत नहB है fक मां बाप
का कहना नहB मानेगे ?हम तो उनके भले के Gलये सोच
रहे है ।
Gमटररामअधार-पहले बpचP क राय जान लो ।
Gमटर5गरधर-ठ$क है ।उनक राय जान लेते हo ।
128
GमसेजकाGमनी-बरखा बेटB इधर आओ ।कछ
ु दे र हमारे
पास बैठो ।
Gमटर5गरधर-Jवजय को बलाने
ु के Gलये खशब
ु ू को भेजे

Jवजय- खशब
ु ू दBदB के साथ अपना काम रोक कर आ
गया ।
Gमटर5गरधर-Jवजय बेटा आप बरखा के सामने
बैठो
Jवजय-Xया ?
Gमटर5गरधर- बैठो तो सहB
Jवजय-अंकल थोडा ज}दB बोGलये Xया बात है । मo काम
बीच मT छोडकर आया हंू । इ-टरनेट चालू है ।
Gमटर5गरधर-िजस काम के Gलये मै आप ओर बरख को
बैठाया हंू उससे बड़ा तो कोई काम हो हB नहB सकता ।
Jवजय-कौन सा काम है अंकल ऐसा ?
Gमटर 5गरधर- बरखा से ~याह करोगे ना । बेटा नहB ना
करना
Jवजय-बरखा से ~याह के बारे मT तो कभी सोचा हB न
था। खैर बरखा से पहले पछ
ू लBिजये । वह Xया चाहती
है ।
Gमसेज काGमनी- Jवजय बेटा बरखा तY
ु हारे सामने है तम

पछ
ू लो ।
Jवजय-इंजी नयर मैडम आर यू ए,ी टु मैरB Jवथ मी
129
बरखा- एस इंजी नयर सर ।
पंKडतजी-सन
ु Gलया यजमानP लडक लडका दोनो राजी
है ।अब तो सम5ध-सम5ध और समधन-समधन गले Gमल
लो ।
सारे गण
ु Gमल गये है बस एक गण
ु छोडकर । ~याह
बहत
ु सफल होगा । वर-बधू जीवन मT बहत ु तरXक
करे गे । अब दे र fकस बात क चट मंगनी पट ~याह कर
दो ।ऐसे आyाकारB बpचे तो हमने दे खे हB नहB थे ।
आज मेरा भी जीवन ध-य होगा ।अभी फेरे >दलवा दे ता
हंू पर दabणा परा
ू लंूगा
Gमटररामअधार-लड़का -लड़क दोनो राजी है तो मझे
ु भी
अब कोई आपि?त नहB हo । बरखा बी>टया क मज|
जानना बहत ु जSरB था । बpचP को तो जीवन साथ साथ
nबताना है ।
पंKडतजी-ये बpचे िज-दगी के हर सफर मT सफल होगे ।
क8
ु डलB Gमलाने क कोइ◌्र जSरत नहB है अब । बहत ु
अpछा मह4
ु ु त है चाहो तो अभी फेरे >दलवा सकते है ।
Gमटर5गरधर-पंKडतजी फेरे तो बाद मT होगे पहले Uरंग
सेरेमनी का काय4uम शभ ु ु त मT सYप-न करा दBिजये
ु मह4

GमसेजकाGमनी-हां पंKडतजी
Gमटर5गरधर-दो अंगठ$
ू नकाले और पंKडतजी के हाथ
पर रखते हए
ु बोले पंKडतजी इ-हT म-dोचाUरत कर Uरंग
130
सेरेमनी का काय4uम Jव5धवत ् सYप-न कराइये ।
पंKडतजी के घ8टे भर के म-dोचारण के बाद पंKडत
Jवजय और बरखा को एक एक अ◌ू◌ंगठ$ >दये और
म-dोचारण के साथ एक दसरे
ू को पहनाने के Gलये बोले
। Jवजय और बरखा एक दसरे
ू को अ◌ू◌ंगूठ$ पहनाये ।
Gमटर5गरधर-Jवजय बेटा अब ये बरखारानी तY
ु हारB
महारानी बन गयी हo । मझे
ु यकन है क इनके जीवन
के साथ हमारा भी जीवन ध-य हो गया तम
ु जैसे दमाद
पाकर । बेटा ये बरखारानी बहत
ु सयानी है । म"ु ठ$ मT
रखना । अपने बाप को बहत ु चकमा दे ती थी ।रोटB मo
अपने हाथ से खलाता था । बेटा बडे लाड़ `यार से पलB
है । खैर आप लोग तो सब कछ
ु जानते है । fफर भी
बाप होने के नाते इतना तो कहंू गा हB क मेरB बरखा के
आखP मT आसंू कभी न आने पाये । होठ पर हमेशा
म
ु कान बनी रहे ।
Gमसेजप_ु पा-भाई साहब और भाभीजी बरखा क त नक
5च-ता ना करना ।हमारे पUरवार का 5चराग हो गयी है ।
Jवजय और बरखा दे खना दोनो पUरवार के नाम को
रोशन कर दे गT । द ु नया Gमशाल दे दे कर ना थकेगी ।
Gमटर-हां समधनजी
बरखा-पापा अब बस करो ।XयP Sलाना चाहते हo ।
Gमटर5गरधर-बेटB तू Jवजय क अमानत थी । उसक हो
गयी । सच मेरा जीवन सफल हो गया ।अब तो मo चैन
131
से मर सकता हंू । कहते हए ु आखT मसलने लगे ।
GमसेजकाGमनी- हां बेटB मेरB बरसो क तपया सफल हो
गयी । तू सदा खश
ु रहे यहB दआ
ु है । तू तो परायी थी
हB तेरे पापा ठ$क कह रहे है । हर लड़क परायी होती है
। उसका बाप एक >दन क-यादान करता हo । डोलB उठती
है ।
Gमटर5गरधर-क-यादान और डोलB उठने मT स`ताह भर
अ◌ैर लगेगा। स`ताह भर के अ-दर Jवजय और बरखा
का अ-त4जातीय Jववाह Jव5धवत ् सYप-न हो गया ।
Gमटर5गरधर बेटB का क-यादान कर सम5ध
Gम रामअधार और समधन Gमसेज प_ु पा और खद
ु प त-
पि?न चारो धाम क याdा पर नकल पडे ।
द8ड
बाप को ह?या के जम4
ु मT पGलस
ु ने आंतरB थाने मT कर
>दया गया है । यह खबर बेटा €वण के कान मT Jपघले
शीशे क तरह घाव कर दB । वह गैती तगाड़ी रे लवे
लाइन पर छोड़कर सीधे घर क ओर भागा । घर मT मां
को अचेत और आधे दज4न से अ5धक छोटे भाई बहनP
को रोता nबलखता छोड़कर वह थाने क ओर भागग ।
थाने क जेल मT कैद बाप को अध4चेतन अवथा मT
दे खकर उसे भी मरछा
ू आने लगा । वह 5गरता इसके
पहले सYभल कर थाने के मO
ु यŠार पर रखे मटके से
पानी Gलया माथे पर छ$ंटा मारा । एक 5गलास पानी खद

132
क हलक मT उतारा । 5गलास भर पानी लेकर बाप क
ओर बढा,तब तक तैनात हरB डपटकर भगाने लगा ।
इतने मT टB आई मोलकच-द साहब आ गये । मोलकच-द
साहब €वण से पछे
ू fकस कैदB से Gमलना है तमको
ु ।
€वण-साहब अपने बाप से Gमलना है ।
मोलकच-द- तY
ु हारे बाप का नाम Xया है ?
€वण-घरह
ु ू ।
मोलकच-द-अpछा तो खनी
ू का बेटा है । इसीGलये इतना
ताव खा रहा है । हवलदार इसक तलाशी लो
€वण-साहब मेरा बापू एक चहा
ू तो कभी मारे हB नहB ।
सांप को दे खते पसीना छट
ू जाता है । Gशव Gशव का जाप
करते भागने लगते हo ।चींटB पैर के नीचे भले
ू भटके
आजाने पर ना जाने कौन कौन सा म-d पढ डालते हo ।
क?ल कैसे कर सकते है साहब
मोलकच-द-तYु हारा बाप तो बहत
ु बड़ा क?लB है । इतनी
सफाई से खन
ू करता है fक नशान भी नहB छोड़ता ।
अंधे क?ल का असलB मजUरम
ु तेरा बाप घरहं
ु ू हB है ।
िजस क?ल क ग?ु थी सलझाने
ु मT पGलस
ु को कहां कहां
तफदBश मT भटकना◌ा पड़ा और मजUरम
ु थाने के पास मT
शराफत का चोला ओढे चकमा दे रहा था । कहावत कहB
जाती है ना गोद मT बpचा नगर मT ढढे रा । वहB हाल
हइ◌्
ु रर ् अंधेक?ल के खनी
ू को लेकर । खनी
ू शराफत का
ढPग कर रहा था थाने के Jपछवाडे हB । अरे पGलस
ु पीछे
133
पड़ जाये तो बडे से बड़े केस को सलझा
ु सकती है ।
€वण-साहब मेरे बापू क?ल नहB कर सकते कोई
गलतफहमी जSर हई ु है । हाथ जोड़ता हंू मेरे बापू को
छोड दो साहब । मेरे बापू धt कम4 मT Jवqवास करने
वाले है । भला वे खन
ू XयP करे गे ।
मोलकच-द- हो सकता है fकसी Gसिeद के Gलये । सनो

\यादा होGशयार ना बनो । हर अपराधी बचने के Gलये
तरह तरह के झठ
ू बोलता है । आखरकार उसका झठ

चल नहB पाता। अपराधी fकतनी भी सफाई से अपराध
को इंजाम दे पर-तु सबत
ू तो छट
ू हB जाता है । तY
ु हारा
बाप झठ
ू बोल बोल कर थक चका
ु तो तमने
ु बोलना शS

कर >दया । तेरा बाप खनी
ू है । उसे फांसी से कोई नहB
बचा सकता ।
€वण-साहब ये तो अ-याय है ।
मोलकच-द- तेरा बाप मजUरम
ु है । तेरा बाप भी कबल

कर चका
ु है । इसका पO
ु ता सबत
ू पGलस
ु के पास है । तू
अपने बाप को फांसीं के फंदे से बचाना चाहता है ।
€वण-हां साहब । मेरा बाप नरपराध है ।
मोलकच-द- नरपराध नहB तेरा बाप खूनी है । यह तो
अब Gसeद हो चका
ु है । कल सरज
ू उगते हB तेरे बाप को
कोट4 मT पेश कर >दया जायेगा । कोट4 मT पेशी के बाद
फांसी से बचाया नहB जा सकता । बस एक उपाय है
बचाने के । मै तमको
ु बता दं ग
ू ा XयPfक तम
ु अपने भाई
134
nबरादर हो । मo नहB चाहता के अपने लोग मिq
ु कलP मे
फंसे । मोलकच-द क बातP पर €वण को कछ
ु कछ

यकन होने लगा Gसफ4 nबरादरB का सनकर
ु । वह बोला
कौन सा उपाय है साहब।
मोलकच-द-दस हजार का इ-तजाम कर लो सबह
ु तक ।
€वण-दस हजार तो दस लाख के बराबर क रकम है
साहब हमारे Gलये । मo कहां से लाउ◌ु◌ंगा ।
मोलकच-द-बाप को बचाना है तो घर बेचे◌ा । खेत बेचP
। खड़ी फसल बेचP । इससे कम मT तो बात बनेगी नहB
। आखर खन
ू का मामला है । nबरादरB का होने के नाते
इतनी Uरक ले रहा हंू वरना कब का पGलस
ु Uरमा8ड पर
भेजवा >दया होता । घरहु ू क सारB हKडयां बोल चक

हे ◌ाती अब तक। तम
ु ठ$क से पहचान भी नहBं पाते
अपने बाप को । इ-तजाम कर लो ।खेतीबा◌ारB क
जमीन तो होगी हB । बाप के जीवन के Gलये
इतना भी नहB कर सकते तो ठ$क है जाओ अपने बाप
से Gमल लो । fफर Gमलना हो पायेगा क नहB ?
मोलकच-द साहब हरB को आवाज दे ते हए ु बोले ले जा
इस लड़के को घरह
ु ू से Gमलवा दो उसका बेटा है ।
€वण-ब-दBगह
ृ का फाटक पकड़ कर खडा हो गया । बाप
बेटे दोनP क आखP से तर तर आंसूं बह रहे थे। घरह
ु ू
बेजबान
ु हो चका
ु था और शरBर अधमरा सा । आखP क
बाढ गवाहB दे रहB थी भोगी हई
ु यातना क । €वण बाप
135
क हालत दे खकर बेचैन हो उठा। वह सीधे मोलकच-द
साहब के पास गया और आंसू पोछते हए ु बोला - साहब
fकस पाप का द8ड दे रहे है मेरे नरपराध बाप को ।
मोलकच-द-ह?या के जम4
ु मT तेरे बाप ब-द है । तम
ु नहB
जानते हो Xया ? दे खो बहस करने का समय नहB है ।
अपने बाप को मौत के मंुह से नकालना चाहते हो तो
मेरB बात eयान से सनो
ु -आखरB मौका है । कछ
ु कर
सकते हो तो कर लो। जा त भाई होने के नाते तमको

बारह घ8टे क और मोह}}त दे रहा हंू । चक ू गये तो
मझे
ु दोष मत दे ना। बेटा चक
ू गये तो घरह
ु ू को फांसी हो
जायेगी ह?या का जम4ु है eयान रखना। घरहु ू के फांसी
पर झलने
ू के बाद तY
ु हारे खानदान क नाक कट जायेगी
nबरादरB मT यह भी याद रखना । कोई शादB ~याह तक
नहB करना चाहता खनी
ू के खानदान मT ।
€वण थाने क हवालात मT ब-द बाप को शा◌ा_टांग
णाम fकया । €वण अपने बाप से बोला बापू आसंू पर
काबू रखP और भगवान पर Jवqवास वहB इस मौत के
कये
ु से नकालेगा । बापू जान क बाजी लगा दं ग
ू ा
तमको
ु कैद से छु ड़ाने के Gलये कहते हए
ु वह आंतरB थाने
से घर आया । मां के आसंू और छोटे भाई बहनP के
Jवलाप ने उसे झकझोर >दया ।मां के चरणो मT शीश
झकाकर
ु वह गांव के घर घर जाकर दख
ु ड़ा रोया पर दस
हजार जैसी भारB भरकम रकम का इ-तजाम नहB हो
136
पाया । सरज
ू ढलने लगा था वह नराश नीम के नीचे
बैठा हआ
ु आसंू बहाने को बेबस था । €वण को रोता
हआ
ु दे खकर छोटB बहन रोती हई ु एक 5गलास पानी
लेकर आयी ।पानी का 5गलास €वण को थमाते हए
ु बोलB
भइया तम
ु इतना रोओगे तो हम सब कैसे जीयेगे । वह
बहन के हाथ से पानी लेकर ज}दB ज}दB पेट मT उतारा
fफर कबे के बडे. साहकार
ू के पास पहंु चा । रोया Jवलखा
अपनी पगड़ी साहकार
ू के पैरP पर रख >दया ।
साहकार
ू बोला-बेटा €वण तY
ु हारे बाप घरह
ु ू पजारB
ु खनी

नहB हो सकते मo जानता हंू । रहB बात दस हजार Sपये
क तो वो मo जबान पर कैसे दे सकता हंू । दस हजार
से अ5धक कमत का कोई सामान 5गरवी रख दो,Sपया
ले जा◌ाओ
€वण-सेठजी इतनी भारB कमत का तो मेरे पास कछ
ु भी
नहB है ।
साहकारू -दे खो समय बबा4द ना करो । fकसी धमा4?मा के
पास जाओ। मै तो साहकार ू हंू 5गरवी रखकर हB रकम
दं ग
ू ा । सद ू भी बाजार भाव से कम नहBं लंगू ा । सौदा
पटे तो Sपया Gमल सकता है वरना और कहBं दे खो ।
€वण-सेठजी मo गरBब हंू । चार बीघा खेती क जमीन है
। आधी मT गेहू ं बोया हआ
ु है । इतनी पैदावार नहB होती
fक साल भर रोटB का इ-तजाम हो जाये ।आंख खा◌ुलB
नहB तब से मेहनत मजदरB
ू मT लग गया हंू । कछ
ु >दनP
137
से वाGलयर >द}लB रे लवे लाइन >दहाड़ी मजदरB
ू करके
बाप का हाथ बटा रहा था । न जाने fकसक नजर लग
गयी हमारे पUरवार पर । बापू को खन
ू के इ}जाम मT
फंस गये है । सेठजी मेरे बापू के बारे मT तो आप
अpछ$ तरह से जानते है ।कई बार तो आपक पजा
ू भी
करवाये है ।
साहकार
ू -जानता हंू तभी तो तY
ु हारB मदद करने को तैयार
हंू वरना आज के जमाने मT दस हजार दस लाख के
बराबर है इतनी बडी रकम कौन दे ता है कज4 मT ।
आजादB Gमले अभी महज उ-नतीस साल हB हए ु है । दे श
कंगालB के दौर से गजर
ु रहा है । अपने हB अपने को
ठग रहे है । बेगुनाह को गनाहगार
ु बनाया जा रहा है ।
घसखे
ू ◌ारB का दौर चल चका
ु है । मै कैसे सदB
ू Sपया दे
दं ू nबना चल या अचल सYप त के 5गरवी पर रखे । अरे
घोड़ा घास से दोती कर लेगा तो जीयेगा कैसे। वह तो
बेमौत मर जायेगा। दे खो बेटा आखरB बार कह रहा हंू
Sपया तभी दे सकता हंू जब तम ु कोई सYपि?त 5गरवी
रखो । य>द 5गरवी रखने क सYप त नहB है तो तम

जाओ । ना मेरा समय खोटा करो ना अपना । दे खो
दकान
ु ब-द करने का समय हो रहा है । मनीमजी
ु को
भी तेरहवीं का भात खाने जाने है । ज}दB करो जो कछ

करना है ।
€वण-सेठजी दो बीघा खेत गेहू ं क अधपक फसल से
138
भरा है । उसे 5गरवी रखकर सदB
ू रकम दस हजार दे
दे ◌ा ।
साहकार
ू -दो बीघा गेहू ं वाले खेत के साथ परती खेत को
भी रखोगे तब रकम दे पाउ◌ू◌ंगा । कल Sपये नहB दे
सके तो मेरे पैसा कहां से वसल
ु होगा ।
मरता Xया न करता €वण चार गवाहP क उपिथ त मT
हामी भर >दया ।
सहकार
ू -जमीन के कागजात कहां है ।
€वण-घर पर हB है ।
सहकार
ू -कागज लाओ ।
€वण भागता हआ ु घर गया जमीन का कागज लाकर
साहकार
ू के सपद4
ु ु fकया । तब साहकार
ू ने मनीब
ु से
टाYप पेपर मंगवाया । टाYप पेपर पर €वण का
अंगठा
ू चार गवाहP क उपिथ त मT लगवाया । सारB
कागजी कार4 वाई परB
ू हो जाने के बाद साहकार
ू ने मनीब

को दस हजार Sपया दे ने का हX
ु म >दया । दो बीघा गेहू ं
क अधपक फसल और दो बीघा परती खेत 5गरवी
रखकर Sपया लेकर €वण घर गया । Sपया रात भर
छाती से लगाये रखा◌ा । सरज
ू उगते हB €वण दो
Uरqतेदारो के साथ आंतरB थाने
पहंु चा । टB आई
मोलकच-द जैसे €वण का इ-तजार हB कर रहे थे । वे
उसे दे खकर बोले €वण तम
ु तो आ गये । पहले ये तो
बताओ इ-तजाम हआ
ु क नहB । घरह
ु ू को कोट4 मT पेश
139
करना जSरB हो गया है । तीन >दन तक तो थाने मT
खा तरदारB हई
ु अब नहB हो सकती । कोट4 क पेशी के
बाद के-mBय जेल जाना होगा । खनी
ू को बड़ी जेल मT हB
रखा जाता है ।ज}दB बोलो €वण बेटा दे खो मंुशीजी सारB
कागजी कार4 वाई परB
ू कर चक
ु े है ।अब तY
ु हारे उपर है fक
अपने बाप को मौत के मंुह मT ढकेलते हो या घर ले
जाते हो ।
€वण पोटलB मोलकच-द क तरफ बढाते हए
ु बोला लो
साहब
मे◌ालकच-द-परेू तो है ना ?
€वण- 5गन लो साहब । दे र मत करो । मेरे बापू को
छोड़ दो ।
मे◌ालकच-द-कह रहे हो तो मान लेता हंू । अपने वालP
का Jवqवास तो करना हB पड़ता है । कहते हए ु
मोलकच-द ने हवलदार को पकारा
ु ।
हवलदार आया टB आई मोलकच-द साहब को स}यट

करते हए
ु बोला येस सर । Xया हX ु म
मोलकच-द-घरहु ू को छोड़ दो । अंधेक?ल का का तल कोई
और है । घरह
ु ू जैसा पजापाठ
ू करने वाला आदमी खन ू
कैसे कर सकता है कहते हएु मंछ
ू के नीचे म
ु करा उठे ।
€वण अपने बाप घरह ु ू को लेकर घर चलने को मुड़ा
इतने मT टे लBफोन घनघना उठा । मंुशी ने Uरसीवर उठाया
। दसरB
ू ओर से आवाज आई साहब से बात करवाईये ।
140
मोलकच-दसाहब मंश
ु ी
से Uरसीवर Uरसीवर थामते हए ु
घरह
ु ू को ज}दB भाग जाने का इशारा fकया । घरह
ु ु ,€वण
और साथ आये दोनो लोग थाने से भाग खड़े हए ु । तब
मोलकच-द साहब बोले◌े हे लो कौन बोल रहा है ।
दसरB
ू तरफ से आवाज आयी मo कYपू थाने का इंचाज4
बोल रहा हंू । आप ज}दB आ जाये ।
मोलकच-द- जSरB काम नपटा रहा हंू नहB आ सकता ।
दसरB
ू तरफ से आवाज आयी साहब मo लपेटच-द,थाना
इंचाज4 बोल रहा हंू । आप आ जाइये ।बहत
ु जSरB काम
है ।
मोलकच-द-fकस केस मT तलब कर रहे हo जनाब ।
थाना इंचाज4-एXसीडे8ट का केस है ।
मे◌ालकच-द-मेरा Xया लेना दे ना आपके थाने के केस से

थाना इंचाज4-है साहब । तांगे से फलबाग
ू के ठ$क सामने
आपके बेटे का एXसीडे8ट हो गया है ।
मे◌ालकच-द-नवीन कैसे है ।
थानाइंचाज4- पांट डेथ हो गयी ।
मोलकच-द-मेरे गनाहो
ु का द8ड बेटे को Gमल गया ।
थानाइंचाज4-Xया ?
मे◌ालकच-दसाहब-कछ
ु नहB मo ज}दB पहंु चता हंू ।
मो◌ालकच-द,टB आई साहब बेटे क मौत के गम से उबर
हB नहB पाये थे fक कYपू मT बने लाखP के मकान
141
मोलकच-दभवन पर fकरायेदारP का क~जा हो गया ।
कछ
ु हB म>हनP मT नौकरB से हाथ धो बैठे । एक Jवपि?त
से उबर नहB पाते दसरB
ू मT घर जाते । कछ
ु सालP मT
खानदान नतानाबत
ू हो गया। घसखोरB
ू से जोड़ी गयी
अकत
ू दौलत का पहाड़ Jवपि?त क आंधी मT पता हB नहB
चला कहां उड़ गया । मोलकच-द भीखारB हो गये । लोग
उ-हे दे खकर कहते मोलकच-द साहब गरBबो का खन

नहB पचा पाये । गरBबP क आह मT बबा4दB के शोले होते
है । मोलकचा-द साहब इस शोले के चपेट मT आ हB गये
।फज4 के साथ गदारB खब
ू fकये । भगवान क लाठ$ से
आवाज नहB उठती । हर गनाह
ु का द8ड भगवान ने दे
हB >दया मोलकच-दसाहब को।
उधर घरह
ु ू बेटा €वण के साथ रे लवे लाइन पर >दहाड़ी
मजदरB
ू करने लगे दाल रोटB का इ-तजाम होने लगा ।
एक >दन वाGलयर->द}लB रे लवे लाइन के fकनारे खदाई

के दौरान उ-हT खजाना Gमल गया । उनक आ5थ4क
िथ त बहत
ु अpछ$ हो गयी । वे दUरmता से उबर कर
अकतू दौलत के माGलक बन गये । घसखोरB
ू क बदौलत
राजा बने मोलकच-द गलB-गलB भीख मांगने को मजबरू
हो गये । गनाहP
ु के द8ड को बोझ ढोते ढोते आखरकार
एक >दन लावाUरस अवथा पGलस
ु को मT मरे पडे. Gमले ।
मोलकच-द क लाश को पहचानकर गोपाल सा◌ाहब बोले
बहत
ु बरा
ु अ-त हआ
ु मोलकच-द साहब का।
142
मोहनसाहब-हां गोपाल साहब मोलकच-दसाहब 1976 मT
हमारे अ5धकारB थे जनसेवा के नाम पर जनता क म"
ु ठ$
मT आग हB परोसे। काश उ◌ू◌ंची कस|
ु पर Jवरािजत लोग
कछ
ु सीख जाते ।
गोपालसाहब-ठ$क कह रहे है मोहनसाहब य>द ऐसा
चम?कार हो गया तो घसखोरB
ू Sपी दै ?य का अ-त हो
जाएगा।
गKड
ु .या का ~याह
याह
काहो बेटवा कब आये शहर से । गKड
ु .या के ~याह के
>दन आ रहे हो ।एकाध म>हने पहले आना था।
मायादBन-काका राह चलते संदेश पछ
ू रहे हो ।
Gमठाई-लो बेटा कछ
ु दे र तY
ु हारे साथ गपशप कर लेता हंू
। काम इतना फेल गया है fक मरने क फस4 ु त नहB है
।कटाई दवांई तो हो गयी पर भसा
ू ढोने को पड़ा है ।
नहB ढो गया तो आंधी उड़ा ले जायेगी ।उपर से गडी
ृ का
~याह ।
मायादBन-काका गडी
ु करने लायक हो गयी ।कल क
बpची इतनी बड़ी हो गयी । मायादBन कछ
ु बोल पाता
इतने मT Jया आ गयी और बोलB अरे बाबा को टटB

खाट पर बैठा >दये हXु का तYबाकू पछे
ू fक नहB । बातP
मT हB मन हो गये ।
मायादBन- हX
ु का तYबाकू का हाल मै। Xया जानंू ।मैने तो
कभी खाया पीया हB नहB कहते हए
ु सधना बी>टया को
143
बलाकर
ु मीठा पानी दे कर हX
ु का चढाकर लाने को बोले ।
सधना-पापा है 8डपाइप पानी बार बार छोड़ रहB है ।वा}व
कट गया होगा । मo कये
ु से बाबा के Gलये ठ8डा पानी
लाती हंू ।
मायादBन-काका गडी
ु के ~याह के बारे मT कछ
ु कह रहे थे

Gमठाई-हां बेटा अपने को तो भगवान ने बी>टया >दया
नहB । अब पो तयP का ~या कर गंगा नहां लंग
ू ा ।
मायादBन-ेम को fकतनी बे>टयां हो गयी है ।
Gमठाई-बेटा अभी तो चार है ।आगे भगवान क म>हमा ।
मायादBन-काका गडी
ु fकतने बरस क हो गयी fक ~याह
के नाम पर उसक मटठ$
ु मT आग भरने जा रहे हो ।
Gमठाई-ये Xया कह रहे हो मायादBन । पोती का ~याह
करने जा रहB हंू । उसक 5च-ता मझे
ु है । 12 बरस क
हो गयी है ।
मायादBन-सच काका तम
ु गडी
ु क म"
ु ठ$ मT आग भरने
जा रहे हो । तम
ु गडी
ु का कल तबाह करने जा रहे हो ।
काका गडी
ु का ~याह नहB तम
ु अपराध करने जा रहे हो
।रोक दो ~याह गडी
ु के साथ अ-याय ना करो काका ।
Gमठाई-Xया कह रहे हो ।सना
ु है कछ
ु >दन पहले हमारB
गडी
ु से बहत ु छोटB लड़क के ~याह मT म-dी तक
आश|वाद दे ने गये थे ।हमारB गडी
ु तो बारह से उपर क
होगी ।जा तवाद,भGमहBनता
ू ऐसी बीमाUरयां जो शे◌ाJषतP
144
वं5चतP म"
ु ठ$ मT आग भर रहB है । जीवन का असलB
सख
ु छन रहB है । उनका तो कानन
ू कछ
ु nबगाड़ हB नहB
पा रहा है । तब तक तम
ु बाल Jववाह रोकने वाले कानन

क दोहायी दे रहे हो । बेटवा तमको
ु अपनी nबन मां क
भांजी का ~याह बहत
ु पहले कर दे ना था । सते मT
नपट जाते । उ-नीस साल क हो जाने पर ~याह करने
जा रहे हो ।
मायादBन-हां काका मेरB भांजी गKड
ु .या क मां के साथ जो
अ-याय हआ ु वह तो गKड
ु .◌ा के साथ नहB होने दं ग
ू ा ना
। बेचारB बहन असमय मर गयी । बहनोई ने दसरB
ू शादB
कर लB । बेचारB गKड
ु .या को घर से नकाल >दया ।बाप
क गलती बेटB को भगतना
ु पड़ा मेरB बहन का
बालJववाह न होता तो अभी नहB मरती ।बहन को मरे
अ"ठारह साल हो गये । भांजी गKड
ु .या को ज-मे उ-नीस
। समय fकतना ज}दB बदल जाता है । हम आंख फाड़े
दे खते हB रह जाते है ।
Gमठाई-ठ$क कह रहे हो बेटा । परYपरायT तो तोड़ने के
Gलये बनती है पर लोग दYभ मT न तोड़ते हo ओर न
तोड़ने दे ते । ऐसी हB परYपराये है
जा तवाद,Jवधवाजीवन,बालJववाह एवं और भी बहत
ु सी
बरB
ु परYपराये है जो सwय समाज के माथे पर दाग है
।समाज और शासप शासन ईमानदारB से काम fकया
होता तो ये सामािजक बरB
ु परYपराये ना जाने कब क
145
ख?म हो गयी हो । आज भर भर म"
ु ठ$ आग का
एहसास न कराती ।कथाओं
ु के ख?म होने से
स?ताधाUरयP को नकशान
ु होगा ना इसीGलये तो सारB
सामािजक क“
ु याओं को वाथ4 का आXसीजन >दया जा
रहा है तथाक5थत €े_ठजा त और €े_ठ समाज के नाम
पर और कल
ु क थोथी परYपरा के नाम पर ।
मायादBन-काका तम
ु तासे बात तो समाज बदलने क कर
रहे हो ।काका तमने
ु गडी
ु के भJव_य के बारे मT नहB
सोचा । न-हB गडी
ु का ~याह करना -यायसंगत है Xया
काका । अरे काका तम
ु जैसे सोच वालP के Gलये तो
सामािजक कथाओं
ु को कचल
ु दे ने के Gलये कमर
कसकर आगे आना चा>हये ।कथाओं
ु को उखाड़कर
फकने
T का वXत आ गया है ।इन बरB
ु परYपराओं से
फस4
ु त पाओ । समाज को आदमी को आदमी होने का
सखभोगने
ु लायक बनाओ । सभी अपने पैर पर खड़े हो
मान सYमान के साथ जीयT । कथाओ
ु को कचल
ु दे ना
चा>हये, सांप के फन जैसे न बांस रहे ना बांसुरB बाजे
काका ।
Gमठाई-हां बेटवा बात तो अpछ$ बता रहे हो ।
मायादBन-काका लाग पढ Gलख रहे है । द ु नया ने खब

तरXXी क है ।काका कथाओं
ु को से नजात तो पाना
हB होगा । कब तक Jवषमतआवा>दयो क परोसी म"
ु ठ$
भर आग के नशान पर आंसू बहाते रहे गे । खद ु को
146
कमर कसना होगा तभी बराईयां
ु दरू भागेगी । काका
बराईयP
ु के दमन का वXत आ गया है ।जमाना तेजी से
बदल रहा है काका ।
Gमठाई-बेटा जमाना तो मझे
ु बदलता हआ ु नहB >दखाइ◌्रर ्
पड़ रहा है । एक बा}टB पानी बाबू साहे ब के कय
ु T से एक
बा}टB पानी आज भी नहB ले सकते ह।o बाबू साहे ब
अंजरB
ु भर पानी क जगह जा तवाद के कलछले
ु से
अंजरB
ु मT आग भर दे गे ।कथाय
ु T अपने दे श से शायद हB
ख?म हो पाये । बड़ी-बड़ी कGस4
ु यां तो जा तवाद क
बैसाखी के सहारे तो नेता लोग कबाड़ रहे है । जा तवाद
के Gशकार तो हम सभी है । अखबारP मT अ?याचार का
काला 5च"ठा तो रोज हB छप रहा है । कहBं
बला?कार,कहBं जते
ू च`पल पहनकर नकलने पर
 तब-ध कहB द}
ू हे को घोड़ी पर चढ़ने पर  तब-ध
इतना हB नहB कूलP मT बpचP को अलग अलग भोजन
परोसा जा रहा है जबfक यह योजना तो सरकार क है
यहां भी जा तवाद । बेटा कूलP मT जा तवाद कथाओं

का हB तो नतीजा है । बेटा तY
ु हारे साथ Xया अpछा
हआ
ु है । तम
ु इतने पढGलखकर भी जा तवाद का दं श
झेल रहे हो । तYु हारB तरXका बा5धत कर दB है
साम-तवा>दयP ने ।
मायादBन-काका मo भी दं श झेल रहा है । आपक बात मे
सpचाई है पर काका हाथ पर हाथ धरे बैठने से भला तो
147
नहB होने वाला है ना । पहले अपने घर से शSवात

करनी होगी ।
Gमठाई-बेटा तY
ु हारB बात तो मo समझ गया । मेरB गडी

का ~याह Sकने से तो न बालJववाह क क
ु था ख?म
होगी ना हB जा तवाद ।
मायादBन-काका Xया कह रहे हो बालJववाह के पीछे
जा तवाद है ?
Gमठाई-हां बेटा।असलB जड़ तो जा तवाद हB है ।िजस >दन
जा तवाद Gमट जायेगा ससार सामािजक बराईयां
ु Gमट
जायेगी । पहले तो चार साल से छोटे बpचP का ~याह भी
हो जाता था । कभी कभी तो बpचा पैदा होने से पहले
बात पXक हो जाता थी । कमजोर तबके के लोग ज}दB
से ज}दB अपनी बेटB को जा तपत
ू को सौपकर गंगा
नहाना चाहते थे ।
मायादBन-ऐसा XयP काका ?
Gमठाई-मां बाप का अपनी इ\जत बचाने के Gलये
बालJववाह करना जSरB हो गया था । बेटा छोटB nबरादरB
के लोगP के सामने यहB एक सरabत
ु उपाय था िजससे
उनक बहन बे>टयP क इ\जत बचायी जा सकती थी
।बेटा जब दे श गलाम
ु था तब भी कमजोर तबके के लोगP
पर गाज 5गरती थी आज भी उन पर हB 5गर रहB है
।शोJषत आज भी आजाद नहB है और नहB सरabत
ु है ।
पराने
ु समय मT तो चारP तरफ से भेKड.या छोटे लोगP क
148
इ\जत पर क{ि_
ु ट जमाये रहते थे । खैर आजकल थोड़ा
कम तो हआ ु है अ?याचार पर वं5चतP को सYमान से
जीने का हक तो नहB Gमल सका है । भले हB fकतने
कानन
ू बने हो पर सpचाई तो यहB है fक छोटे nबरादरB
के लोगP पर अ?याचार कम नहB हआु है । बेटा जब
अं,ेजो का राज था और जमीदारP क तती
ू बोलती थी
तब बालJववाह हम कमजोर तबके Gलये अपनी इ\जत
बचाने के Gलये अpछ$ परYपरा थी ।
मायादBन-काका तY
ु हारB बात सनकर
ु मझे
ु बालJववाह के
रहय का पता चल गया पपर-तु काका पराने
ु जमाने मT
अं,ेजP का राज था साम-तवा>दयP के अ?याचार करने क
परB
ू छट
ू थी अब तो दे श आजाद हो गया है काननी
ू तौर
पर सबको बराबर का हक है ।
Gमठाई-काका सब कागज मT कैद है । जा तवाद और
S>ढवादB कथाओं
ु का चलन तो यहB कहता है ।
भGमहBनता
ू और दUरmता तो कमजोर तबके क छाती पर
आज भी सांप क तरह लोट रहB है । बेटा जब तक
जा तवाद ख?म नहB होगा भारतीय समाज मT सामािजक
बराईया
ु ख?म नहB हो सकती । चाहे बाल Jववाह हो या
कोई और कथा
ु ।
मायादBन-काका तY
ु हारB बात मT सpचाई तो है आने वाला
समय जा तवाद को नकार दे गा । आने वालB पीढB
जा तवाद के चuiयूह मT नहB उलझेगी उसके सामने तो
149
बस एक हB लsय होगा उ\जवल भJव_य ।यहB लsय
सारB कथाओं
ु को रौद दे गा । जा तवाद क दBवारे ढहा
दे गा । हमे भी तो अपनी ओर से पहल करनी होगी ।
जा तवाद के खलाफ बालJववाह के खलाफ औ◌ैर दसरB

बराईयP
ु के खलाफ एक होना होगा ।
Gमठाई- हां बेटा । सामािजक सYमान के Gलये तो जSरB
हो गया है ।
मायादBन-Jवyान के यग
ु मT सामािजक बराई
ु जवान है
बडे. दभा4
ु य क बात है ।
Gमठाई-बेटा जा तवाद के साथ हB Jपत ृ स?ता मT
बालJववाह को बढावा दे रहB है ।जातीय बड़पन वंश और
ना भी ढे रP अहं कार क बGलबेदB पर बे>टयां चढ रहB है
।अ-त4जातीय Jववाह क राह मT जातीय दYभ बड़ी
Sकावट है ।जा तवाद सामािजक समानता,सदभावना
पनपने नहB दे रहा है । बेटा जा तवाद पर जोरदार हार
हो जाये तो बालJववाह क कथा
ु ख?म हो जायेगी ।
मायादBन-Jववाह दो आ?माओं का पJवd Gमलन न होकर
जातीय दYभ और खानदानी  त_ठा का सौदा हो गया है

Gमठाई-हां बेटवा ।
मायादBन-काका लोग बालJववाह और जा तवाद क
बराईयP
ु को समझने लगे है । बदलाव तो आयेगा ।
Gमठाई-अभी श>दयां लगेगी ।कानन
ू का पालन करवाने
150
वाले भी तो fकसी ना fकसी जातीय दYभ के वशीभत

होते है ।जा त के तराजू पर आदमी को पहले तौला
जाता है कानन
ू का पायजामा बाद मT पहनाया जाता है ।
तभी तो आजादB के इतने बरसो◌े◌ं बाद कथाय
ु T और
S>ढयां ख?म नहB हई ु है ।
मायादBन-धीरे धीरे सब साम-य हो जायेगा भेदभाव क
दBवार ढह जायेगी । काका जा तवाद बहत
ु परानी
ु बीमारB
है ।दे खो न आजकल कोट4 मरेo ज का चलन शSु हो गया
है । ेम Jववाह भी अित?व मT आने लगा है । इसके
कठराघात
ु से जा तवाद और दहे ज भी नहB बंच पायेगा
काका ।
Gमठाई-बेटा सजातीय ेमJववाह को हB कछ
ु मा-यता
Gमल पाती है । Jवजातीय ेमJववाह तो खनखराबे
ू क
दातान Gलख रहा है ।बेटा सजातीय Jववाह दहे ज जैसी
कथा
ु का पोषक भी तो है ।
मायादBन-काका बहत
ु घमावदार
ु बात कर रहे हो
।बालJव◌ाह जा तवाद को बढावा दे ता है और जा तवाद
दहे जथा को ।
Gमठाई-हां बेटा एक बराइ◌्
ु र दसरB
ू बराई
ु को हB ज-म
दे गी ना । य>द बराईयP
ु से बचना है तो बराई
ु को ख?म
करना होगा ।
मायादBन-काका आपके कहने का मतलब है fक भारतीय
समाज मT सा◌ी बराईयP
ु क जड़ जाJव◌ाद है ।
151
Gमठाई-हां बालJववाह रोकना है तो जा तवाद ख?म करना
होगा ।अब मo चलता हंू बहत
ु काम पड़ा है ।
मायादBन-काका हX
ु का तो पी लो ।
Gमठाई-बेटा मझे
ु जाने दो । मेरB आंख खल
ु गया है ।
काश जा तवाद के दिYभयP क खल
ु जाती ।
मायादBन-Xया कह रहे हो काका ।
Gमठाई-ठ$क कह रहा हंू बेटा ।
मायादBन-मतलब
Gमठाई-बेटा तम
ु गKड
ु .या क डोलB उठाने का इ-तजाम
करP और मo गडी
ु क डोलB रोकने का । बालJव◌ाह
रोकना है ना बेटवा ।
घरोहB
कतरBदे
ु वी-बेटा सत|लाल
ु तY
ु हारB घरोहB सांप nबpछू क
थायी नवास हो गयी है । कछ
ु लोग तो भतहाघर

कहने लगे है ।आसपास वाले का तो अ तuमण भी शS

हो गया है ।
सत|लाल
ु -काक •गह क तंगी क वजह स दरू बस
झोपड़ी डालकर रहले लगा fक भाईयP को घर बनाने क
जगह बनी रहे । Jपताजी ना जाने कौन से परदे स चले
गये fक लौट कर आये । दं बगो ने छल बल के भरोसे
सारB खेती क जमीन हड़प Gलये ।बीसा भर घरोहB थी
उस पर भी नजर आ >टक है ।Xया कSं काक ।
कतरBदे
ु वी-तेरा दm समझती हंू । तेरा बाप को दबंगो ने
152
दे श नकाला दे >दया। पख8डी लेखपाल ने सारB जमीन
Gलप पोत दB । पख8डी ने तY
ु हारे बाप का जीना मिq
ु कल
कर >दया था ।बेचारे अ?याचाUरयP के खै◌ा◌ंफ से गांव
छोड़ >दये fफर कभी ना लौटे ।
सत|लाल
ु -काक पराने
ु घाव ना खरच
ु । घरोहB के बारे मT
कछ
ु कह रहB थी ।
कतरBदे
ु वी-बेटा तू कहता तो तY
ु हारB घरोहB क खालB
जमीन पर गोबर पाथ Gलया करती । पUरवार क जमीन
पर दसरे
ू क~जा कर रहे है । दे खा नहB जाता । तY
ु हारB
घरो◌ी क 5च-ता मझे
ु सता रहB है । बेटा मo नहB चाहती
क कोई क~जा करे । अगर मेरB बात अpछ$ लगे तो
मझे
ु गोबर पाथने भर क जगह दे दो ।
सत|लाल
ु -काका घरोहB तो मां बाप क नशानी है ।
ज-मभGम
ू तो जान से `यारB होती है कैसे दे दं ू ।
कतरBदे
ु वी-मo एकदम से थोड़े हB मांग रहB हंू । बस गोबर
पाथने भर को मांग रहB हंू इससे तY ु हारB घरोहB क
रखवालB हो जायेगी । अगर ऐसा हB रहा तो एक >दन
सब आसपास वाले क~जा कर लेगे हाथ मलते रह
जाओगे ।
सत|लाल
ु -कैसे कोई हड़प लेगा चार नीम के पेड़ मां बाप
क यादे है ।
कतरBदे
ु वी-बेटा दे ख तेरे भले क सोच रहB हंू घरोहB का
तेरे पास कोई कागज तो नहB है ।मo परB ू दे खभाल कSंगी
153
त नका 5च-ता ना करना । fकसी को भर आंख दे खने
तक नहBं दं ग
ू ी ।बस मझे
ु गोबर पाथने और गोS चउवा
बांधने क इजाजत दे दो बेटा सत|लाल
ु । मान जा मेरB
बात ।बाप दादा क इतनी बड़ी खेतीबारB चलB गयी बीसा
भर घरोहB है वह भी कोई fकसी >दन हड़प लेगा ।
सत|लाल
ु -काका डर लग रहB है । मां बाप आ?मा उसी
घरोहB मT बसी होगी । कैसे तमको
ु सप दं ू ।
कतरBदे
ु वी-बेटा तेरB घरोहB तेरB रहे गी । हमT क~जा नहB
करना है । मo तो बस इतना चाहती हंू fक तY
ु हारे
बापदादा क नशानी बची रहे ।
सत|लाल
ु -काक गोबर पाथने मT गोSचउवा बांधने मT कोई
>दXकत नहB है पर तेरे बेटो ◌ं क नय त मT खोट आ
गयी तो ।काक चार बीसा जीमन है घरोहB क ।
कतरBदे
ु वी-ना बेटा ना मेरे बेटे मेरB जबान कभी नहB
काटे गे ।
सत|लाल
ु -काक खन
ू के Uरqते क हो दे खना Jवqवास नहB
तोड़ना ।
कतरBदे
ु वी-यकन कर बेटा ।खन
ू के Uरqते क छाती मT भाला
घोपकर Xया चैन से मर सकगी
ू ।बेटा मझे
ु नरक जाने
का कोइ◌्रर ् इरादा नहB है नहB तY
ु हारB घरोहB हड़पने को
। पUरवार को इसGलये तमसे
ु अपने मन क बात कह दB
। दे ना ना दे ना तY
ु हारB मज| घरोहB तो तY
ु हारB है ।
सत|लाल
ु -तेरB जबान का Jवqवास तो मo कर लंूगा पर तेरे
154
बेटे तेरB जबान काट >दये तो ।
कतरBदे
ु वी-बेटB ऐसी नौबत नहB आयेगी ।मैतुYहारB म"
ु ठ$
मT आग नहB भSंगी नेक के बदले ।
सत|लाल
ु -पाथ ले गोबर बांध ले गोS चउवा पर काक
नय त खराब नहB करना । अगर नय त खराब क तो
मेरB घरोहB पर कोई सख
ु से नहB रह सकेगा । एक गरBब
का ˆहम महत4 ु ु मT कहा गया वाXय खालB नहB जायेगा ।
कतरBदे
ु वी-हां बेटा जानती हंू आजकल तY
ु हारB जबान पर
ˆहमा बैठते है । तY
ु हारB Jवqवास नहB टटे
ू गा ।
सत|लाल
ु -Jवqवास तोड़ने वाले हमेश तकलBफ मT रहते है
। यहां तक क दBया ब?ती करने वाले नहB बचते काक
तू तो जानती है इ तहास भी गवाह है । जा तमको
ु गोबर
पाथने भर के Gलये घरोहB का उपयोग कर काक ।
कतरBदे
ु वी-सखी
ु रह बेटवा कहते हए
ु घर गयी । आसपास
वालP को सनातेु हए
ु दरू से आवाज लगाते हए
ु बोला ला
धोखू बेटा फरसा सत|लाल
ु क घरोहB के सामने का
घासफस
ू सांफ कर दे कल से यहB गोबर पाथना है ।
गोSचउवा भी यहB बांधेगे ।
धोखू- Xया कह रहB हो माई सत|लाल
ु भईया गोबर पाथने
दे गे Xया ?
कतरBदे
ु वी-हां Xये◌ा◌ं नहB घ8टा भर से तो GसफाUरस कर
रहB थी सत|लाल
ु क । मानता नहB तो Xया करता ।ऐसी
घKड.यालB आंसू रोयी हंू fक उसका >दल पसीज गया है
155
।एक >दन ये घरोहB अपनी होगी धोखू ।◌ी◌ाले हB खन

बहाना पड़े ।
धोख-माई भइया क घरोहB अपनी कैसे होगी ।
कतरBदे
ु वी-चपकर
ु मरख
ू कोइ◌्रर ् सन
ु लेगा । घासफस

काटकर साफ कर और कचरा सत|लाल
ु क बंसवारB मT
डाल दे । बंसवारB को भी क~जे मT एक >दन लेना है ।
धोख-ू मां तू तो अपनी मोहरे चलती रहना हमे तो झा◌ूला
डालने के Gलये नीम का पेड़ Gमल गया । नागपंचमी के
>दन यहB झला
ू डालंूगा । सत|लाल
ु भइया के बpचे◌ा◌ं
को भी लाकर झलाउ◌ू
ू ◌ंगा ।
कतरBदे
ु वी-जो करना >दल खोलकर करना ।अब तो तमको

करना बाक है । मझे
ु जो करना था कर दB ।अभी तो
मेरा हाथ बंटाओ । फरसा से जमीन जमीन छल कर
बरोबर कर दो । मo ख>टया डालने के Gलये गोबर डाल
दे ती हंू । दो घ8टे भर मT तो कतरBदे
ु वी ने nब}कु ल साफ
कर दB ।
मां का हाथ मशीन क तरह चलता दे खकर धोखू बोला
सब काम आज कर डालोगी Xया माई । कछ
ु कल के
Gलये भी तो छोड दे । मo तो थक गया हंू ।
कतरBदे
ु वी-कल सत|लाल
ु बदल गया तो । साफ सफाई हो
गयी चार खांची घरू मT से गोबर उठाकर ला बेटा आज
कछ
ु उपले बनाकर खड़ा कर दे ती हंू ।
धोखू-ठ$क है माई जैसा कहो वैसा कSंगा ।
156
कतरBदे
ु वी ने शाम होते होते गोबर पाथकर उपले भी खड़े
कर Gलये ।दसरे
ू >दन से तो आसपास वालP का
आनाजाना ब-द करने लगी जैसे सतीe
ु ्रलाल क घरोहB
उसने खरBद लB हो ।आसपास वालो को कतरBदे
ु वी का
नय त मT खामी >दखी ।हर आदमी कतरBदे
ु वी से पछता

Xया सत|लाल
ु ने घरोहB तमको
ु दे दB ।
कतरBदे
ु वी- हं सहं सकर हां मT जबाब दे ती ।
कतरBदे
ु वी आसपास वालP का सवालो से वह तंग आकर
रात के अं5धयारे मT है रान परे शान का वांग रचकर
सत|लाल
ु के पास पहंु ची ।
सत|लाल
ु बोला Xया हआ ु काक fकसी से झगड़ा करके
आ रहB हो ।
कतरBदे
ु वी-हां बेटा दे खो हर>हया और उसके पUरवार के
लोग मारने के Gलये दौड़ा रहे है बीच घरोहB से राता
मांग रहे है ।
सत|लाल
ु -काक बीच घरोहB से राता कैसे दे सकते है
।बाप दादा क नशानी fकसी को कैसे हड़पने दं ग
ू ा ।
कतरBदे
ु वी- बेटा तू 5च-ता ना कर fकसी क दाल नहB
गलने दं ग
ू ी तू तो बस चार छः बासं मझे
ु दे दे । बांस का
पैसा भले हB ले लेना । मo दे दं ग
ू ी फोकट मT नहB मांग
रहB हंू सत|लाल
ु ।बाउ8डरB बना दे ती हंू । हरमजादो का
राता ब-द कर दे ती हंू ।दे खती हंू कौन Xया करता है ।
अरे राहजनी तो नहB मची है fक कोइ◌्रर ् fकसी क
157
घरोहB पर जब4दती क~जा कर लेगा ।
सत|लाल
ु -काक ऐसे कैसे हो सकता है fक मo बीच घरोहB
मT से राता दे दं ू ।
कतरBदे
ु वी-बेटा तू 5च-ता ना कर तेरB घरोहB क ओर
कोइ◌्र आंख उठाकर मेरे जीते जी दे ख भी नहB सकता
है ।
सत|लाल
ु -चल दे खता हंू कौन मेरB घरोहB के बीच से
राता मांगता है ।
कतरBदे
ु वी-ना बेटा तू ना चल तू तो वेसे हB मसीबत
ु का
मारा है । मo दे ख लंग
ू ी । तू तो बस कछ
ु बांस दे दे ।
सत|लाल
ु -जा काक बंसवारB से िजतना बांस लगे बाउ8डरB
मT काट ले । काक अकेला आदमी fकस fकस से झगड़ा
कSंगा ।
कतरBदे
ु वी-बेटा झगड़ा लड़ाई से कछ
ु Gमला है । fकसी के
बाप क जमीन तो है नहB fक जो मंुह उठाकर आये तम

उसे दे दो ।
सत|लाल
ु -जा काक मेरB बंसवारB से बांस काटकर कर लो
बाउ8डरB । कछ ु नीम के पौधे लगाकर आया हंू ◌े भी
बंच जायेगे ।बकरB नहB खायेगी बाउ8डरB हो जाने से ।
कतरBदे
ु वी-बाउ8डरB हो जाने से उपले भी उधमी बpचे नहB
तोडे.गे । ओसाई मड़ाई का काम भी कर Gलया कSंगी ।
सत|लाल
ु -ठ$क है काक कर लेना ।
धीरे धीरे दस साल nबत गये । कतरBदे
ु वी का बेटा धोखू
158
बालबpचेदार हो गया । कतरBदे
ु वी के मन मT पाप घर कर
गया वह एक >दन गोधGल
ू बेला मT रोनी सरत
ू बनाकर
सत|लाल
ु के घर गयी और बोलB बेटा एक मंड़ई डालने
क इजाजत दे दो जब तमको
ु जSरत होगी तो हटा लंग
ू ी

सत|लाल
ु -काक मेरे भी बाल बpचे है चार भाईयP का
पUरवार है आज बाहर हे कल आयेगे तो उनको भी तो
जSरत होगी घरŠार क । कैसे मंड़ई रखने दं ू । ना
काक ना मंड़ई तो रखने क बात ना करो ।
कतरBदे
ु वी गरज कर बोलB मंड़ई तो डालकर रहंू गी ।दे खती
हंू कैसे रोकता है ।
सत|लाल
ु -काक तू Xया कह रहB है मेरे बाप दादा क
Jवरासत तो यहB घरोहB बची है । उस पर भी तम

जबUरया क~जा करने क कह रहB हो ।काक घरोहB तो
हमारे Gलये दे वथान के बराबर है । तू हड़पना चाह रहB
हो । इसके Gलये तो मेरB लाश पर से तमको
ु गजरना

होगा ।
कतरBदे
ु वी-सु त4या जSरत पड़ी तो वह भी कर सकती हंू
।घरोहB पर मेरा क~जा है परB
ू बती जानती है जोर जोर
से 5च}ला 5च}लाकर कहने लगी ।
सत|लाल
ु - काक मेरे बाप दादा क आखरB नशानी पर
तेरB 5गeद नजर पड़ गयी ।काक मेरB यकन को ना तोड़
मैने तेरे उपर Jवqवास fकया तू धोखा दे रहB है ।
159
सत|लाल
ु क बात सनते
ु हB कतरBदे
ु वी झठमठ
ू ू मT जोर
जोर से रोरोकर कहने लगी दे खो बती वालो सत|लाल

मझे
ु बेइ\जत कर रहा है । मेरB साड़ी फाड़ रहा है ।
झठमठ
ू ू मT बखेड़ा खड़ाकर रोते हये ु अपने घर क ओर
भागने लगी ।बती वालो कतरBदे
ु वी क करतत
ू पर थू-थू
कर रहे थे । दसरे
ू >दन सबह

अpछे ,कpछे ,स-प त,जीवा, घसन
ु जैसे और कछ
ु बदमाश
fकम को लेकर सत|लाल
ु क बांस क खंट
ू B से ढे र सारे
बांस काटB और सत|लाल
ु क घरोहB पर मड़ई रखकर
जबUरया क~जे क तैयारB कर लB ।कतरBदे
ु वी क करतत

क भनक सत|लाल
ु को लगी वह घरोहB पर गया ।
कतरBदे
ु वी उसे दे खते हB हं Gसया लेकर मारने दौड़ पडी ।
कतरBदे
ु वी के आदमी लाठ$ ड8डा लेकर मारने के Gलये
दौड़ पड़े । बेचारा सत|लाल
ु जान बचाकर भागने लगा ।
इतने मT एक बड़ा से –ट का टक
ु ड़ा उसके Gसर पर लगा
और Gसर से खन
ू क धार फट
ू पड़ी । वह बड़ी मिq
ु कल
से जानबचाकर घर पहंु चा। खन
ू मT लथपथ दे खकर
सत|लाल
ु क घरवालB और उसके बpचे रोने लगे ।उधर
कतरBदे
ु वी अपना ~लाउज साड़ी फाड़कर थाने पहंु च गयी ।
बेचारा सत|लाल
ु गांव के धान और अ-य बाबू
लो◌ागे◌ा◌ं के सामने अपने बापदादा क आखरB नशानी
पर कतरBदे
ु वी के जबUरया क~जा हटवाने क गहार

लगाया पर गरBब क fकसी ने न सनी
ु । कतरB
ु दे वी
160
सत|लाल
ु के खलाफ छे ड़छाड़ का केस कायम करवा दB ।
पGलस
ु भी सuय हो गयी । कतरBदे
ु वी का क~जा हो
गया । सत|लाल
ु क घरोहB पर जबUरया क~जा करके
कतरBदे
ु वी मददगारP और असामािजक त?वP को भोज
भी दे दB ।
सत|लाल
ु के सारे यास Jवफल हो गये । धान और
बड़े लोग सत|लाल
ु को डांटते कहते तम
ु छोटे लोग त नक
त नक बातP मT लड़ने मरने लगते हो । भगते
ु कौन
भगते
ु गा । सत|लाल
ु कहता मने
o तो कतरBकाक
ु को खन

के Uरqते क वजह से उसक मदद fकया था पर काक ने
तो मेरB घरोहB छनकर बेईमान के 5चमटे से मझे
ु म"
ु ठ$
भर आग >दया है । Xया यहB -याय है । बाबू लोग
कहते जैसा fकये हो भरो जब कतरBदे
ु वी को गोबर पाथने
क इजाजत >दया था तो fकसी से पछा
ू था । आज फंसी
है तो बाबू लोग याद आये है । सत|लाल
ु कतरBदे
ु वी के
बने
ु जाल मT एकदम फंस गया । उसका ट"टB पेशाब के
Gलये भी घर से बाहर नकलना मिq
ु कल हो गया ।
कतरBदे
ु वी जान से मारने तक सािजश रच चक
ु थी ।
एक >दन सत|लाल
ु ह?थे चढ़ गया । कतरBदे
ु वी के ग8
ु डे
पीछे पड़ गये । वह आगे पीछे मौत को दे खकर >हYमत
करके खड़ा हो गया । कतरBदे
ु वी सादा कागज लेकर आयी
बोलB ले सत|लाल
ु अंगठा
ू लगा नहB तो जान से जायेगा
या जेल मT सडे.गा पGलस
ु भी आती होगी ।
161
सत|लाल
ु बोला-काक कैसे अपने परखP
ु से गrदारB कर दं ू

कतरBदे
ु वी- पGलस
ु को आता दे खकर जोर से बोलB बदमाश
एक तो बरB
ु नजर डालता है दसरे
ू काक कहता है । दे खो
कैसे भींगी nब}लB सरBखे बोल रहा है । इतने मT पGलस

के दो जवान आ गये । कतरBदे
ु वी बोलB लो
हवलदारसाहब मजUरम
ु आ गया है पकड़ मT । यहB
बला?कार क कोGशश करने वाला सत|लाल
ु ।साहब मेरे
साथ बहत
ु बरा
ु सलकू fकया मेरा ~लाउज फाड़ >दया मo
इ\जत बचाकर भागी थी ।
सत|लाल
ु -साहब ये काक मेरB घरोहB हड़पने के Gलये
सािजश रची है । मां समान काक को बरB
ु नजर से दे ख
सकता हंू ।
हवलदार-XयP बे तू सहB कह रहा है ।
सत|लाल
ु -हां साहब nब}कुल सहB कह रहा हंू ।
कतरBकाक
ु मेरB हB घरे ◌ाहB पर मेरB हB बंसवारB से बांस
काटकर जबUरया क~जा कर रहB है ।
हवलदार-Xया ?
सत|लाल
ु -हां साहब ।
कतरBदे
ु वी-साहब सु त4या झठ
ू बोल रहा है । मै अपनी
जमीन पर मड़ई डालB हंू । ये सारे लोग है पछ
ू लो
साहब
हवलदार-वहां हािजर एक एक से पछे
ू सभी ने कहां
162
कतरBदे
ु वी क घरोहB है ।
कतरBदे
ु वी- और गवाहB तो नहB चा>हये साहब
हवलदार-दे खो सत|लाल
ु सलहा
ु कर लो । Xयो जेल मT
सड़ना चाहते हो बला?कार का केस है । कागज पर
अंगठा
ू लगा दो ।
सत|लाल
ु क कोई सनना
ु वाला न था वह आगे खाई
पीछे मौत दे खकर रोते हए
ु अंगूठा लगाते हये
ु बोला
कतरBकाक
ु हमारB घरोहB तमको
ु आंसू के अलावा और
कछ
ु न दे गी । बाप दादा क Jवरासत मT छोड़ी गयी
घरोहB पर कतरBदे
ु वी का जबUरया क~जा हो गया ।
हवलदार बोला कतरBदे
ु वी माGलकाना हक भी तY
ु हारे पास
है । हमे साहब के सामने हािजर होना है । समझ गयी ।
कतरBदे
ु वी न हवलदार को साहब के सामने हािजर होने
क शिXत जेब मT भर म"
ु ठ$ डाल दB । हवलदार लोग
मछ
ू पर हाथ फेरते हए ु थाने क ओर चल पड़े । त नक
भर मT भीड़ छं ट गयी ।
कतरBदे
ु वी के उपर दै वीय कोप शS
ु हो गये । कतरBदे
ु वी
के बेटे धोखू क बढौती
ु क लाठ$ टट
ू गयी। बेटा धोखू
पागल सा हो गया । कतरBदे
ु वी को जीते जी कड़े पड़ गये
। बहत
ु दखु भोगकर मरB । सत|लाल
ु भर भर अंजरB
ु यश
बटोर रहा था । कतरBदे
ु वी क सािजश मT शाGमल वहB
लोग जो सत|लाल
ु के उपर लांछने लगवाये थे घरोहB पर
कतरBदे
ु वी का क~जा करवाये थे वहB लोग यह कहते नहB
163
थक रहे थे fक बेईमानी नरक के Šार खोलती है । दे खो
सत|लाल
ु का ˆहममहत4
ु मT कहा गया ˆहम वाXय खालB
नहB गया । नेक और सpचे आदमी क मदद ईqवर
करते है , मतलबी आदमी भले हB बr नय त के 5चमटे से
XयP न ईमानदार,सpचे और कम4ठ आदमी क म"
ु ठ$ मT
आग भरे ।
गज भर कफन
ध नया दादB मर गयी । यह खबर परेू गांव मT जंगल क
आग क तरह फैल गयी।वहB तो थी एक ध नया दादB
जो fकसी के घर नात>हत आने या परदे सी के आने क
खबर सनकर
ु तर-
ु त पहंु च जाती थी भले हB बहु बेटे
भला बरा
ु कहे । इससे वे बेखबर रहती थी XयPfक बेटे
बहओं
ु का भला बरा
ु सनने
ु क आदत जो पड़ गयी थी ।
घर मT उनक कोइe्र सनने
ु वाला भी तो न था । जगु
दादा साल भर पहले हB तो ध नया दादB को छोड़कर
भगवान के पास चले गये । जगु दादा के मरते हB
ध नया दादB के इतने बरेु >दन आ गये थे fक भर पेट
रोटB के Gलये तरसने लगी थी दो दो जवान कमासत
ु बेटे
के रहने के बाद भी कभी कभी तो फांके मT >दन nबताने
पड़ते थे पर ध नया fकसी से कछ
ु न कहती । औलादT
सख
ु क रोटB दे ने बजाय बेचारB Jवधवा ध नया दादB
हाथP पर जैसे आग परसती हो । बेचारB चपचाप
ु औलादP
का ज}
ु म सहती रहती । त-दS
ु त और खश
ु रहने वालB
164
ध नया दादB पर जगदादा
ु के मरते हB मसीबतP
ु का पहाड़
5गर पड़ा ।बेटे बहये
ु एकदम से नजर फेर Gलये ।इ-हB
बेटP के Gलये ध नया दादB संयX
ु तपUरवार से अलग हई

थी । द ु नया क सभी सJवधाये
ु अपने बेटो को उपल~ध
कराती थी ।बेटP क नादानी को जगदादा
ु क नहB पहंु चने
दे ती थी । जगदादा
ु शहर मT अpछ$ नौकरB करते थे ।
ध नया दादB बेटP के आगे बढने के Gलये हर सYभव
यास करती दोनो बेटP को बड़ा अफसर बनाना चाहती
थी ।दो बेटे हB तो थे बेटB एक भी न थी दहे ज का भय
भी न था । बस यहB उrदे qय था fक बेटे पढ़Gलखकर बडे
अफसर बन जाये। जगदादा
ु भी बेटP क हर फरमाईश
परा
ू करने के Gलये एक पांव पर खडे रहते थे ।ध नया
दादB भी त नक कम ना थी बेटP के खाने क भर थालB
मT तैरता घी उ-हे सकन
ू दे ता था । वहB बेटे ज}
ु म पर
उतर गये ह"ठ$ क"ठ$ ध नया दादB भख
ू से मर गयी ।
जगदादा
ु Uरटायरमे8ट के बाद गांव आकर खेती करने लगे
थे । बंजर भGम
ू मT भी अनाज पैदा करने लगे थे ।
Sपया बेटP पर खच4 करते रहे पर कोई उYमीद पर खरा
नहB उतरा । धीरे धीरे सारा Sपया सरक गया ।जगु दादा
क आंखे ने धोखा दे नेलगी और घटने
ु भी भार उठाने मT
थकने लगे ।इसके बावजद
ू भी जगदादा
ु खेती के कामP मT
लगे रहते । ध नया दादB बार बार समझाती पर वे नहB
मानते कहते जब तक हाथ पांव चल सकता है तब तक
165
चलाउ◌ू◌ंगा । जगदादा
ु से दसरP
ू का बरा
ु नहB दे खा जाता
था । जहां बराई
ु दे खे झट उठ खड़े हो गये । सबह
ु शाम
हX
ु का खबू गुड़गुड़ाते थे हां खालB समय मT भी त नक
परहे ज नहB करते थे ।कभी कभी ध नया दादB से
नोकझPक हो जाती थी तो वे बोलना ब-द कर दे ते थे
पर ध नया दादB जहां खाने क थालB आगे रखे ग
ु सा
दरू कहते Xया तू आज मझे
ु खश
ु करने के Gलये iयंजन
बनायी है । बहतु खशब
ु ू आ रहB है भले हB चटनी रोटB
हB XयP न हो ।
ध नयादादB कहती अरे पहलB बार तो नहBं बनायी हंू ।
तY
ु हारB रोटB बनाते बनाते आंख भी जबाब दे रहB है ।
जगदादा
ु - अरे हमे कहां अंधेरे मT >दखता है ।
ध नयादादB- खाना खाओ । हमT तो >दखता है ।दे खो अब
ना आंख >दखाना । मo लड़ने क मूड़ मT त नक भी नहB
हंू ।
जगदादाु -भागवान हमे◌े◌ं Xया सींघ जमी है fक लड़ूगा
वह भी तमसे ु कल से रोटB ब-द कर दB तो।fकसके
सामने हाथ फैलाउ◌ू◌ंगा । अब तो खाना खला दB एक
और उपकार कर दे ।
ध नयादादB-वह Xया ?
जगदादा
ु ु का भागवान और Xया
-हX ?
ध नयादादB-रोटB पेट मT गयी नहB हX
ु का क तलब ।
जगदादा
ु -खाने के बाद हमे हB नहB तमको
ु भी लगती है ।
166
जरा ज}दB ला दे खेत दे खकर आता हंू ।
ध नयादादB-हX
ु का पी लो थोड़ी आराम करो XयP बढB

हKडयP को थरू रहे हो ।बहू बेटो ने ठकरा
ु >दया जीवन
क आखरB बेला मT । अपनी त-दS ु ती का भी त नक
Oयाल रखा करो । ख>टया पर पड़ गये तो कौन पछे
ू गा।
दो रोटB के Gलये नतवान हो जायेगे ।आंख से वैसे हB
कम >दखाई दे ने लगा है ।बढौती
ु क गाड़ी खद
ु को
खींचना है कोई सहारा दे ने वाला नहB है ।बेटवा पतोहंू तो
जैसे Gसर मT जू नकाल कर फक T े वैसे हB फक
T चकु े है ।
जगदादा
ु -अरे ◌े Xयो कल क सोच कर आज परे शान हो
रहB है ।इतने बरेु तो अपने कम4 नहB रहे fक ख>टया पर
पड़े पड़े Uररकेगे । भगवान क मज| के Gसवाय कछ
ु नहB
होने वाला है । वहB जैसा चाहे गा वैसा करे गा । हमने
बेटP के पालन पोषण GशbादBbा मT कोई कमी तो नहB
छोड़ी वहB द?ु कार >दये तो और fकसका भरोसा करे
भगवान के अलावा ।जब तक हाथपांव चल रहा है तब
तक को चलाते रहना होगा पेट परदा चलाने के Gलये।
आखरकार ध नयादादB को जगदादा
ु क बात माननी हB
पड़ती जगदादा
ु भी तो ततक4संगत बात करते थे ।
ध नयादादB हB Xया परेू गांव के लोग उनक बात मानते
थे ।
ध नयादादB- त-दS
ु ती दे खकर काम fकया करो ।शरBर
को आराम त नक >दया करो ।
167
जगदादा
ु -आराम अपनी fकमत मT Gलखा होता तो बेटे
दगा दे ते कहकर हX
ु का का धंुआ हवा मT उड़ा दे ते और
ध नया दे ती से कहते भागवान गम को कम करने के
Gलये >दल दखाने
ु वालB बातP को ऐसे हB उड़ा >दया करो

जगदादा
ु क आखे बढौती
ु के सहारा क रकम अपनी
त-दS
ु ती पर खच4 करवाकर त नक रोशनी दे ने लगी थी
। आंखP के आपरे शन के बाद जगदादा
ु और ध नया दादB
क गह
ृ ती क गाड़ी खींच रहB थी fक जगदादा
ु के पेट
मT अचानक जानलेवा दद4 शS
ु हो गया । गांव के
नीमहकमP क दवा बहत
ु >दनP तक खायT कोई आराम
नहB हआ
ु । थक हारकर मेहनगर के पास एक डांXटर से
इलाज शS
ु करवाया । महBनP के इलाज के बाद कोई
आराम नहB हआ ु तब डांXटर ने आपरे शन क सलाह दB
दद4 मT तड़प रहे जगदादा
ु आपरे शन करवाने को तैयार हो
गये । आपरे शन हो गया पर Xया घाव सखने
ु क बजाय
पकना qु◌ाS हो गया । दे खते हB दे खते कड़े पड़ गये परा

पेट सडं.ने लगा ।जगु दादा नीम हकम के चXकर मT
फंसकर एक >दन द ु नया को अलJवदा कर गये भरा परा

पUरवार होने के बाद भी ध नयादादB लावाUरस हो गयी ।
बेचारB ध नया दादB के उपर मसीबतP
ु का पहाड़ 5गर पड़ा।
जगदादा
ु के कमाये अ-न धन से ध नयादादB जगदादा
ु का
fuयाकम4 परा
ू क। जगदादा
ु के मरते हB ध नयादादB
168
बीमार रहने लगी । रोटB बनाये तो खाये कोई 8क
5गलास पानी तक दे ने वाला नहB था जबfक बेटे बहंू सब
एक हB हवेलB घर मT रहते थे । पहलB JपतJवसज4
ृ न के
>दन बेटे बहओ
ु क राह ताकते ताकते थक गयी तो खद

दौड़धप
ू कर बाजार हाट से सरसमान लाकर जगदादा
ु के
पस-द क iयंजन बनाकर दोनी नकालB थी जबfक यह
Jवधान बेटे◌ा◌ं को सYप-न कराना था । बेटो ने तो
एक घंट
ू पानी भी नहB 5गराया बाप के नाम पर ।
मसीबत
ु क मारने ध नयादादB को लाचार कर >दया ।
बेटे बहओ
ु का ज} ु म बढने लगा उसी ध नयादादB पर
िजसने सारB पंज
ू ी बेटP को राजा बनाने के Gलये वाहा
कर दB थी आज वो रोटB के Gलये तरसने लगी थी
।जगदादा
ु क चोरB बेटP को एक Sपये क जSरत होने
पर दो दे दे ती ।आज वहB ध नया पेट क भख
ू से तड़पने
को Jववश थी । ध नया दादB क दद4ु शा दे खकर बती
वालP ने दोनो बेटो fकशन और nबहारB को खब
ू लताड़ा ।
fकशन और nबहारB दोनP अपने साथ ध नयादादB को
अपने साथ रखने को तैयार न थे ।आखरकार
ध नयादादB के बंटवारा हो गया हफते हफते भर के Gलये
दोनो के बेटP के बीच पर ध नयादादB को दो चार >दन
तो फांके करने हB पड़ जाते थे । बासी- तवासी रोटB
ध नयादादB को Gमलती । ध नयादादB को लगता कटोरB
मT रोटB नहB म"
ु ठ$ भर आग परोसी हो पर Xया करे
169
पानी मT गीलB कर पेट मT डाल लेती पर fकसी को भनक
तक नहB लगने दे ती थी । हX
ु क तYबाकू क शौक
आसपड़ोस मT बैठकर परा
ू कर लेती थी ।
ध नयादादB महBने भर बीमार रहB । कोई दवादाS का
इ-तजाम नहB fकया बेटो ने न हB उनके खानपान पर
eयान >दया । बेचारB पेट मT भख
ू Gलये मर गयी ।
दोने◌ा◌ं बहये
ु गणगान
ु कर रो रहB थी । दोनो बेटे दो
तरफ मंह ु करक बैठे थे । ध नयादादB का मत
ृ शरBर धपू
मT सख
ू रहा था । आकाश मT चील कौवे मड़रा रहे थे ।
दोनो बेटा दाहसंकार के िजYमा एक दसरे
ू पर थोप रहे
थे । कफन दफन के खचk से बचने क कोGशश कर रहे
थे । गावं वाले◌ा◌ं क fकशन और nबहारB क नय त
का पता लग गये वे ध नयादादB के कफनदफन के Gलये
च-दा इX"ठा करने मT जट
ु गये । इसी बीच सरतीनाथ

ने क-है या को भेजकर ध नयादादB के मरने क खबर
उसके भाई छमS तक पहंु चा दB । खबर लगते हB छमS
चार आदमी के साथ आ गये । भांजP क बेSखी और
बेगानापन दे खकर दं ग रह गये ।गांव वाले ध नयादादB के
मतदे
ृ ह का अि-तम संकार बनारस ले जाकर करने क
परB
ू तैयारB कर चक
ु े थे । छमS गांव वाले◌ा◌ं के  त
आभार गट करते हए
ु बोले मेरB बहन मरB है । मo सारा
खच4 वहन कSंगा । भांजP ने तो लाश को 5गeद कौवP
को दे ने का इ-तजाम कर Gलया था ।
170
कछ
ु हB दे र मT गाड़ी आ गयी । ध नयादादB के मतदे
ृ ह
का अि-तम संकार बनारस मT हआ
ु । भाई छमS ने
मखाि
ु न दB ।
बती वालP एक दसरे
ू से कह रहे थे Xया जमाना आ
गया है अपनी औलाद जीते भख
ू से तड़पातड़पाकर मार
रहB है और मरने पर गज भर कफन तक दे ने को राजी
नहBं हो रहB है । कैसे बढौती
ु कटे गी भगवान ?
मां बाप औलाद से यहB उYमीद करते है fक उनक लाश
पd
ु के कंधो पर qमशान तक जाये । इसी >दन के Gलये
तो खद
ु तकलBफ सहते है औलाद तक दख
ु क परछाई
भी नहB पहंु चने दे ते है । औलादे खद
ु को बचाकर बढे

,लाचार मां बाप के कांपते हाथP मT म"ु ठ$ भर भर आग
परोस रहB है ।
गांव वालP क बाते सनकर
ु पहलू काका बोले मां बाप
धरती के भगवान होते है उ-हे दख
ु दे ने वाला कभी भी
सखी
ु नहB रह सकता । भगवान के घर दे र है अंधेर नहB
भगवान सब कछ
ु दे खता है । ज}
ु म करने वाला खद

गवाह होता है जैसी करनी वैसी भरनी । एक ना एक
>दन fकये का फल Gमलेगा । fकशन और nबहारB ने जो
fकया है उसको दे खकर कफन भी कराह उठा होगा ।
ऐसी औलादे रहने से बेहतर है fक आदमी बेऔलाद रहे ।
औलाद के गज भर कफन के Gलये मां क लाश तरस
गयी । भगवान ऐसी औलादT fकसी को दे ना कहते हए

171
पहलू काका बाढ़ रोकने के Gलये आंखP पर गमछा डाल
Gलये।
मरते सपने
च-mकाश खलB
ु आंखP से Oवाब दे खने वाला iयिXत
था ।उसे बेरोजगारB और Jवषमता का अनभव
ु काफ
नदBक से था ।वह Gशbा भी वह JवपरBत पUरिथ तयP
का मकाबला
ु करके हB Gलया था ।च-mकाश खलB
ु आंखP
मT Oवाब और Jवषमता क मटठ$
ु भर आग मT सलगता

हआ
ु आगे बढने का अथक यास कर रहा था । रात
>दन क मेहनत और पेट मT भख
ू लेकर कटपUरि
ु थ तयP
मT भी उसने कई JवषयP मT दbता के साथ तकनीक
योयता भी हाGसल कर Gलया पर नौकरB उससे अछत

समझकर दरू भागती रहB या भगा दB जाती रहB । उt
के ब?तीस से अ5धक बस-त nबत जाने के बाद एक
छोटB सी नौकरB तो GमलB ।च-mकाश क सामािजक
और आ5थ4क दशा दयनीय थी हां शैbणक Sप से तो
काफ स{ढं
ु हो गया था । इसके Gलये उसे >दन मT
मेहनत मजदरB
ू करनी पड़ी रात मT पढाई । उसक
मेहनत कामयाब रहB वह काफ उpच योयताये हाGसल
कर Gलया ।छोटे कम4चारB च-mकाश क उpच शैbणक
योयता दिYभयP और तथाक5थत—रे _ठ लोगP के Gलये
उपहास क Jवषयवतु के अलावा और कछ
ु न थी ।
च-mकाश च-दन के पेड़ क भां त सप‰ के झ8
ु ड मT कम4
172
उजलB सवास
ु छोड़ने का अथक यास करता पर दYभी
लोग छोटा मानकर धfकया दे ते । छोटे -बड़े के भेद के
5चमटे से म"
ु ठ$ भर आग च-mकाश पर फकने
T से भी
त नक परहे ज नहBं करते ।च-mकाश के ]दय पर से
गांव के हादसP क छाप धलB
ु तो नहB थी । शहर मे◌े◌ं
नये घाव Gमल रहे थे पर-तु अपनी धन
ु का पXका
च-mकाश खलB
ु आंखP के सपने सच करने के Gलये
आगे बढने क कोGशश मT बढा
ू हो रहा था । च-mकाश
क धन
ु मT शाGमल था-समता,सrभाना,परमाथ4
बहजन>हताय
ु और बहजनसखाय
ु ु क सव4मग
ं ल कामना
पर-तु उसक राह मT काटT nबछे हएु थे श>दयP से ।
च-mकाश जीJवत आंखP मT मरते हएु सपने लेकर आगे
बढने को iयाकल
ु था ।उ?पीड़न,दद4 ,अभाव और Jवषमता
के घावP से लहलहान
ू ु च-mकाश क आंखP खलB
ु आंखP
का सच साफ साफ झलकता था।
च-mकाश को आंख खलते
ु हB गरBबी,भेदभाव,शोषण और
उ?पीड़न जैसे Jवरासत मT Gमल गये थे । उसक बती के
लोग खे तहर भGमहBन
ू मजदरू , सामािजक और आ5थ4क
Sप से रदे हए
ु थे ।सामािजक िथ त क?
ु ते nबि}लयP से
बरB
ु थी । तथाक5थत सामािजक Sप से उpच लोग के
घर उनके वेश पर अपJवd हो जाते थे िज-हे पानी
छड़ककर पJवd fकया जाता था । इन सारB करB
ु तयां
भी उसके जीवन पथ मT Sकावटे पैदा कर रहB थी ।
173
घनौने तेवर >दखाने से बाज भी नहB आ रहB थी ।
मानवता Jवरो5धयP Šारा खड़ी दBवारे उसके बंशजP के
अित?व को नतानाबत
ू कर चक
ु थी पर-तु च-mकाश
Gशbा के ह5थयार से खोये हए
ु अित?व को पाने के Gलये
शलू भरB राहP पर 5गर5गरकर चल रहा था खलB ु आंखP
मT मरते हए
ु सपनP को लेकर । तथाक5थत खदु को €े_ठ
कहने वालP को अ?याचर करते दे खा अपने मां बाप के
साथ । उसके >दल सारB भयवाह यादे बसी हई ु थी जो
बारबार भलाने
ू क कोGशश के बाद भी नहB भलती
ू थी ।
एक बार च-mकाश भस
o चरा रहा था गलती से भस
o
जमींदार के खेत क मेड़ पर चलB गयी । जमीदार
सेटBबाबू ने च-mकाश को जा त सचक
ू अनेके◌ा◌ं
गाGलयां दB थी। सेटाबाबू क गालB सनकर
ु च-mकाश के
बाप जो पास के खेत मT काम कर रहा था बोलB बाबू
भस
o है मेड़ पर हB तो चढB है । कोइ◌्र नकशान
ु तो नहB
fक XयP ग-दB ग-दB गालB बेटवा को दे रहे हो । इतना
सनना
ु था fक सेटBबाबू दौडकर अपनी हवेलB गये दो हाथ
क तलवार लेकर आये और च-mकाश के बाप दयाराम
को जान से मारने के Gलये दौड़ा Gलये थे भला हो
आसपास के खेत मे काम करने वाले मजदरP
ू का जो
इXटठा होकर दयाराम का बचाव fकये थे ।सेटBबाबू क
आंख मT तैरते खन
ू क तवीर च-mकाश क आंखP से
धधलB
ु भी नहB हई थी fक एक भयावह तवीर और जड़

174
गयी हआ
ु यP था fक च-mकाश क मां रामरती जमींदार
सरजनाथबाब
ू ू का गह
T ू मजदरB
ू पर काटकर ढो रहB थी ।
बोझ सरजनाथ
ू बाबू के खGलहान ले कर आ रहB थी
उसका Gसर बोझ मT घस
ु गया >दखायी नहB पड़ रहा था ।
बेचारB अभा5गन ह-सी जमीदारन के खेत मT पड़ गया ।
द_ु ट हं सी जमीदारन ने रामरती के Gसर से बोझ
जब4दती राते पर पटकवायी और जोर जोर से
5च}लाकर अपने लड़को को बलायी
ु खद
ु और बpचP ने
Gमलकर रामरती को बरB
ु तरह पीटा। मार मार कर नहB
भरा तो ह-सी ने मोटB लकड़ी के ड8डे से उसके गद4 न
पर ले तेरा गद4 न तोड़ दे ती हंू न रहे गा गद4 न ना बोझ
ढोयगे । बोझ नहB ढायेगी तो मेरB खेती भी चौपट नहB
करे गी कहते हए
ु जोर से मारB । रामरती के गद4 न क
हडी चटक गयी। बेचारB रामरती जीवन भर गद4 न के
दद4 से उबर नहB पायी । आखरकार कराह कराह कर मर
गयी ।
बेचारा च-mकाश मां बाप के कठोर पUर€म और ?याग
के भरोसे पढ Gलखकर शहर गया जहां उसे गांव क
S>ढयां चैन नहB लेने दे रहB थी ।नौकरB क राह बार बार
जातीयभेद क nब}लB काट दे ती । सात बरस क लYबी
बेरोजगारB के Jवषपान और उ?पीड़न के बाद न-हे से
ओहदे क नौकरB एक कYपनी मT Gमल गयी। नौकरB पाते
हB उसके मरते सपनP को जैसे जीवनदान Gमलने लगा
175
था ।काफ पढा Gलखा च-mकाश न_ठा और वफादारB
के साथ काम करता पर जा तवाद का नरJपशाच यहां भी
डंस रहा था । उसक बेह?तर काय4शल
ै B और €े_ठ
सदाचारपण4
ू iयवहार मT भी दYभी शोषकP त नक रास न
आती । च-m˜रकाश तथाक5थत जातीय €े_ठ और बड़े
ओहदे दारP क आंखP का जैसे चैन छनने लगा था ।
तथाक5थत €े_ठ लोग च-mकाश के बबादx के सपने
बनने
ु लगे थे । इस षणय-d मT €े_ठता का ताज
जब4दती अपने Gसर रखने वाला चपरासी रहBस पहलB
पंिXत मT शाGमल हो गया था । च-mकाश क खलB

आंखP के सपने◌ा◌ं पर तलवार लटकने लगी थी । वह
खद
ु को बेबस और अकेला महसस
ू करने लगा था ।
उसक नौकरB पर 5गeद नजरे >टक हई
ु थी ।
च-mकाश उदास रहने लगा था । उसक समया का
समाधान नहB था । fकसी ने fकसी Sप मT भय और
आतंक उसका पीछा कर रहे थे । छोटे से बड़ा ओहदे दार
उसे उpचGशabत च-्रmकाश को मरख
ू समझता
जातीयता क आंधी मT बहकर ।च-™रकाश के सामने
यह कहावत झठ$
ू लगने लगी थी fक असफलता अXसर
नराशावादB {ि_टकोण मT पायी जाती है असफल लोगP
को काम और द ु नया से Gशकायत रहती है पर-तु यहां
तो पढे Gलखे कम4ठ तथाक5थत जातीय छोटे एवं छोटे
ओहदे पर काम करने वाले च-mकाश क उपिथ त
176
बेचैनी का कारण बनी हई ु थी। यहB कारण च-mकाश
क उ-न त के सारे राते अवSeद fकये हए
ु थे ।
च-mकाश के साथ कYपनी \वाइन fकये लोग बडे. बडे.
अफसर बन गये थे पर-तु च-mकाश वहBं घस रहा था
जहां \वाइन fकया था । Gशabत पढT Gलखे◌ा◌ं और खद

को €े_ठ समझने वालP के उ?पीड़न से च-mकाश का
चैन छनने लगा था । कभी कभी तो उसके OवाबP मT
भयाह सािजशP क तवीरे उभर आती वह नींद मT
बचाओ बचाओ 5च}ला उठता था । उसक प?नी कमा4वती
झकझोर कर जगाती । उसके माथे का पसीना पोछते हए

पोछती Xया हआ
ु XयP घबराये हए
ु हो । कोई बरा
ु सपना
दे खा है Xया ? वह कहता भागवान Oवाब दे खने भर तो
अपनी चलती है । OवाबP मT हB तो जी रहे है पर वे भी
अब मरने लगे है ।लगता है खलB
ु आंखP के Oवाब
आसंओ
ू ं मT बह जायेगे ।
च-mकाश के Jवचार सव4मंगलकारB थे वह कहता अpछे
JवचारP से हम खद
ु पर उपकार करते है ।जब अpछे
JवचारP को जेहन मT जगह Gमलती है तो तकदBर संवर
उठती है । आ?म Jवqवास बढता है और जीवन संवर
जाता है पर-तु उसके जीवन मT तो बेअसर साnबत हो
रहा है था । हां उसके जीवन मT मिq
ु कलT बढ रहB थी
जा तवाद और सामारा\
् यवाद / साम-तवाद क फफकार

से ।
177
च-mकाश मT एक िजद थी सpचाई कहने क । वह
बेधड़क सpचाई कह दे ता था ईमानदारB के साथ ।वह
कहता जा तवाद मनोवैyा◌ा नक,सांकृ तक और आ5थ4
यथथ4 है न fक कोई अमत4
ू पUरघटना । जा तवाद शोJषत
पीKड.त जनता के खलाफ एक यe
ु द है िजसका उrदे qय
कमजोर वग4 को डरा धमाकर अपने अधीन बनाये रखना
है ।कमजोर वग4 को आदमी होने के सख
ु से वं5चत करना
है । च-mकाश कम4 मT Jवqवास और आदGमयत को
€े_ठ धम4 मानता था पर-तु सामािजक Jवषमता के
पोषको को यह त नक भी पस-द न था । सामािजक
Jवषमता के पोषक कम4 को पजा
ू और आदGमयत को धम4
मानकर जीवन पथ पर चलने वालP क राह मT गाड़ने से
त नक भी नहB >हचfकचाते । आज के यग
ु मT भी
जा तवाद और साम-तवाद / साtा\यवाद कमजोर वग4 क
उि--त मT बाधक है पर Jवषमता के पोषक मानते हB
नहBं ।जा तपां त क कैद मT  तभाये दम तोडती नजर
आती तो है पर झठ$
ू शान मT डबा
ू JवषमतावादB आदमी
दोष कमजोर के माथे हB मढता है । निqचत Sप से
समता के पजाUरयP
ु Šारा बनाये गये सामािजक उ?थान
और बदलाव के काय4uम चनौ
ु तयP पर आधाUरत होते है
िजनका Jवरोध जातीयता के पोषक करते है ।
पUरणामवSप सामािजक समानता कचलB
ु जा रहB है ।
शोJषत पीKड.त iयिXत खलB
ु आंखP से मरते हए
ु सपनP
178
को दे खकर आतंfकत हo । शरे र् _ठता के दYभ मT डबे
ू हु ए
लोग शोJषत जनP क म" ु ठ$ मT उ?पीड़न क आग शान
के साथ जा त क तगाड़ी से भर रहे है । यहB आग
वं5चतP को दे रहB है सामिजक और आ5थ4क तबाहB ।
च-™रकाश को सामािजक बाधाये चैन से रहने नहB दे ती
। जा तवंश ने दे श और समाज को बांटा है । जा तवंश
मT nबखि8डतP का पानी का Sप धारक लेना चा>हये ।
यहB एकता नवयग
ु नमा4ण का शंखनाद होगी पर-तु
खलB
ु आखP का सच ये है fक भेदभाव को धम4 मान बैठे
हo ।जातीय nबखराव दबे कचले
ु समाज को अव-न त क
ओर धfकयाता जा रहा है । च-mकाश अफसर क
योयता रखने के बाद भी अदना सा कम4चारB था । इस
सािजश मT जा तवाद परB
ू तरह से शाGमल था । उसके
बार बार के यास को रौद >दया जाता । कछ
ु दYभी
अ5धकरB तो यहां तक कहते सने
ु गये fक नीचP को उपर
उठाना खद
ु के पांव क}
ु हाड़ी मारना है । जहां तक हो
सके अपने बचाव करते हए ु छोटP लोगो का म"
ु ठ$ भर
आग परोसते रहना चा>हये।इसी मT €े_ठसमाज का भला
है और उनक उि--त न>हत है ।
च-mकाश िजस कYपनी मT नौकरB कर रहा था मरते
हए
ु सपनP क सYभावना क आXसीजन दे ते हए
ु उसी
कYपनी Šारा खालB पदP के Gलये आवेदन आमि-dत
fकये गये ।च-mकाश को उसक सYभावनाये आकार
179
लेती हई
ु >दखने लगी । वह आवेदन fकया पर-तु ह सारB
योयताओं के बाद भी फेल हो गया €े_ठकल
ु और बडी.
पहंु च के आग उसके सपने दम तोड़ >दये ।कYपनी मT
िजतने भी मौके आये सारे मौके च-mकाश गंवा बैठा
Gसफ4 जातीय अयोयता के कारण । एक साbा?कार मT
खब€े
ू _ठा साहब ने तो यहां तक कह >दया fक तम
ु इस
कYपनी मT आ कैसे गये ।
च-mकाश के Gसर से उpच शैbणक योयताओं के बाद
भी अयोयता का अGभशाप उतर नहB रहा था । वह
बेचैन रहने लगा था । एक >दन दफ् तर से तरकार
गहरB चोट लेकर घर आते हB धड़ाम से 5गर पड़ा ।
च-mकाश क प?नी गीतादे वी घबरा गयी । फट
ू फट

कर रोते हए
ु आंचल से हवा करने लगी ।च-mकाश के
मंह
ु से वर हB नहB फट
ू रहे थे । च-mपकाश क दशा
दे खकर गीतादे वी बोलB -XयP द ु नया भर के दद4 पी जाते
हो ।अरे दफ् तर मT तY
ु हारB कोई सनने
ु वाला नहB है ते◌ा
घर मT बाते कर मन ह}का कर लेते । कागल पर
Gलखकर मन को ह}का कर लेते पर नहB तम
ु सारे गम
पीने के आदB हो गये हो । अरे 5च-ता क लपटP मT XयP
झलसते
ु रहते हो । गम पीना खतरनाक साnबत हो
सकता है । मo समझती हंू तम ु सोचते हो fक दफ् तर क
बातP से घरवाले परे शान होगे । नहBं इससे तY
ु हारा मन
ह}का होगा । >दल पर से 5च-ता का बोझ कम होगा ।
180
गीतादे वी क बाते सनकर
ु च-mकाश क आंखे भरभरा
आयीं। च-mकाश क आंखP से बहते आंसूओं को दे खकर
गीतादे वी का मानो सˆ का बांध टट
ू गया ।वह अपनी
और बpचP क कसम दे कर सारB बात च-दकाश से
उगलवाने क कोGशश करने लगी ।
च-mकाश-भागवान मै Uरटायर होने क कंगार पर आ
पहंु चा हंू पर मेरB तरXक नहB हई
ु । मेरे हB साथ मT
कYपनी मT आये लोग बड़े बड़े पद पर पहंु च गये है
जातीय योयता क सीढB से । मै जहां से चला था वहB
पड़ा हआ
ु हंू । उपर से ताडना का Gशकार हो रहा हंू ।
छोटे मैनेजर राजदरवेश साहब,क>टलनाथ
ु ने तो जा तवाद
के नाम अपश~द कहे ,सािजशT रचे ,एस धोखावत अपश~द
आ5थ4क नकशान
ु पहंु चाने के साथ मेरB ईमानदारB पर
अंगलB
ु भी उठाये । दे श के सबसे बड़े मैनेजर
डां ए पी साहब ने तो आज यहां तक कह >दया fक तम

जैसे छोटे आदमी को बड़ा अफसर बनने क इतनी
लालसा है तो गले मT बड़े अफसर क नेम`लेट लटका ले
। अरे अपनी nबरादरB क हालत XयP नहB दे खता ।
तY
ु हारे लोग Xया कर रहे है । अ-न वd को तरस रहे
है । तमको
ु तो भर पेट रोटB Gमल रहB है दफतर मT बैठ
रहे हो । Xया इतनी तरXक कम है तम
ु जैसे छोटे
आदमी के Gलये ?
गीतादे वी-Xया ? इतने बड़े मैनेजर के मंह
ु से ऐसी
181
घ>टया बात । यह तो उpच शैbणक योयता के साथ
अ-याय और इंसा नयत का क?ल है । अpछा तो आज
आपक बेचैनी का राज खला
ु है । दYभी अफसरP के
उ?पीड़न से परे शान रहते हो । अpछा पढा Gलखा होने
के बाद भी कYपनी मT आपक उ-न त नहB हो रहB है ।
उपर से नौकरB से भगा◌ाने क भी सािजश रची जाती
रहती है । उ?पीड़न और सािजश से परे शान होकर से
आप एक बार बेहोश होकर 5गरे भी थे पर आपने झठ

बोला था fक एकदम उठकर चलने से ऐसा हआ ु था ।
वाह रे उpच ओहदे पर बैठे अमानष
ु लोग कम4 को नहB
जा त को धान मानते है ।
च-mकाश-यहB खलB
ु आंखP का सच है । मै जान
सनकर
ु उ?पीड़न का जहर पी रहB है ताfक मेरे बpचे
आगे नकल सके ।
गीतादे वी- मo समझ गयी हंू अपने भJव_य के मरते
सपनP और आंखP मT आंसू Gलये पUरवार के Gलये
सYभावनाये तलाश रहे हो । बहत
ु बड़ी तपया कर रहे
हो पUरवार के Gलये ।बहत
ु उ?पीड़न सह Gलया डंटकर
मैनेजमे8ट के आगे अपनी बात रखो । Xया होगा नौकरB
से नकाल दे गे ना। मेहनत मजदरB
ू और Gसलाई पराई

कर पUरवार पाल लेगे ।
च-mकाश-भागवान कई बार अपनी बात रख चका
ु हंू पर
कौन सने
ु गा । सभी तो नाग क तरह फफकारते
ु रहते है
182
।कई बार अपमा नत कर भगा >दया गया । मेरे भी मन
मT Jवचार आया था fक Uरजाइन कर दं ू पर बpचे◌ा◌ं का
मंह
ु दे खकर >हYमत नहB. पड़ी । हमने {ढ  तyा कर
Gलया है fक दे खता हंू ये अमानष
ु fकतना घाव दे ते है ।
आज के यग ु मT अमानषताु हमारB कYपनी के जा तवाद
के पोषक कछ
ु अफसरP मT दे खी जा सकती है । िजनसे
नत नया चोट मझे
ु Gमलता रहता है । बpचP का भJव_य
उ\जवल बने कराह कर आगे बढने क कोGशश कर रहा
हंू ।
गीता-बpचP को एहसास भी नहBं होने दे ते हो अपने दद4
का यहB ना ।
च-mकाश-कोGशश तो यहB करता हंू पर नाकाम हो
जाता हंू अब Xयोfक हमारे बpचे अब समझदार हो गये
है । आज क पीढB S>ढयP का दहन कर सामािजक
समानता कायम करने मT कामयाब हो यहB कामना हो
ताfक हर दबे कचले
ु को तरXक का भरपरू अवसर Gमल
सके।
गीता-तY
ु हारB बीमारB को दे खकर गगन \यो त हB नहB
न-हB कंचन भी समझने लगा है fक पापा के साथ कहBं
ना कहBं बरा
ु हो रहा है पर पापा भनक तक नहB लगने
दे ते ।
च-mकाश -जानता हंू fफर उसक सांस सदा के Gलये
थम गयी। उसक खलB
ु आंखP के Oवाब Sक हईु धड़कनP
183
मT थम गये थे ।
च-mकाश के मौत क खबर दरू दरू तक फैल गयी ।
जा तवाद के नाम जहर बोने वालP के कानP को यह
खबर भी सकन
ू दे रहB थी एक योय ,कम4 को पजा

मानने और मरते सपनP मT भी सYभावनायT तलाशने वाले
के साथ नाइंसाफ कर ।जीते जी च-mकाश का जनाजा
दिYभयP ने तो कई बार नकाला था पर आज मरने के
बाद नकल रहा था । यह जनाजा जमाने क खलB

आंखP के Gलये भयावह सच तो था पर-तु JवषमतावादB
शल
ू बरसा रहे थे और अपनP क आखP से बरस रहे थे
आसंू च-mकाश के बढे
ू मां बाप गम के सम-दर मT
डबे
ू ◌े JवषमतावादB समाज से सवाल कर रहे थे - अरे
जा तवाद क म"
ु ठ$ भर आग से करोड़P वं5चतP के सपनP
का दहन कब तक करते रहोगे ?

लहू के नशान
अरे च-दा के पापा अखबार पढ रहे या अफसोस जा>हर
कर रहे हो। तY
ु हारB आंखे डबडबायी हई
ु XयP है ।
भायलsमी चाय का `याला प त ˆहमद?त के सामने
रखते हए
ु बोलB ।
ˆहमद?त-ठ$क कह रहB हो भागवान । आदमी fकतना
बदल गया है ।दौत पर सगे Uरqतेदारो से \यादा यकन
184
लोग करते थे । आज दोती के दामन पर लहू के
नशान छोड़ने लगे है आजकल के दोत । खद
ु क खशी

का कैनवास दोत के लहू से सजाने लगे है ।
भायलsमी- Xया कह रहे हो। सबेरे सबेर तो शभ
ु शभ

बोलो ।
ˆहमद?त अखबार सरकाते हए ु बोला लो खद
ु क आखP
से दे ख लो । यक दUर-दा दोत खदु को मत
ृ साnबत
करने के Gलये दोत क ह?या कर दB मोटे मोटे अbरP
मT छपा है और साथ मT बेचारे च-mशेखेर क फोटो भी
छपी है ।
भायलsमी-ये Xया हो गया । ये तो सतीश के Uरqते का
भाई है । दUर-दT ने बेचारे को मार डाला । अpछा
5चdकार था । भला इंसान था ।अपनी च-दा को बहन
मानता था सतीश क तरह । हे भगवान कसाईयP को
बहत
ु बरB
ु मौत दे ना । दUर-दT बेसारे के बढे
ू मां बाप क
लाठ$ तोड़ >दये उनके सपनP मT आग भर >दये ।
ˆहमद?त-अpछा 5चdकार था आगे चलकर दे श का नाम
द ु नया मT रोशन करता। दोत क नजर लग गयी बेचारा
बेमौत मारा गया ।
भायलsमी-सजनकार
ृ तो सचमच
ु जगत का भला चाहने
वाले इंसान होते है ।दलपंच से इन लोगP का कोई लेना
दे ना नहB रहता । सrभावना मT बह जाते है । खद
ु का
भला बरा
ु तक नहB सोचते ।
185
ˆहमद?त-भोलेपन का Gशकार हो गया । fकसी के ~याह
मT गया था । ~याह के जqन के बाद उसे हाटल पहंु चना
था पर वह दोत के यहां चला गया । दोत दUर-दा
साnबत हआ
ु । कैसा घोर कलयग
ु आ गया है दोत ह?या
करके जला >दया । लाश क जगह नरकंकाल पGलस
ु को
बरामद हआ
ु था । पGलस
ु क महBने भर क भागदौड़ के
बाद तो मामले पर छाये घने कहरे
ु छं ट पाये है ।
भायलsमी- अखबार पढकर बताओ बेचारे नरपराध
च-mशेखर को fकस वजह से मारकर जला >दये ।
ˆहमद?त-दUर-दे ये◌ागेश और संजय ने शराब मT जहर
Gमला >दया था । इसके बाद पीट पीट कर मारा था ।
भायलsमी-भगवान दUर-दP को इससे भी बरB
ु मौत दे ना
। कोई दUर-दा पकड़ाया क नहB । इ-हT कड़ी से कड़ी
सजा Gमलने चा>हये । आजकल तो -याय के मं>दर मT
भी जाने अनजाने अ-याय होने लगा है । पैसे वाले और
शा तर बच नकलते है ।
ˆहमद?त-दUर-दP कानन
ू के हाथ से बंच तो नहB पायेगे
XयPfक कानन
ू के हाथ बहतु लYबे होते है । हां यह बात
मायने रखते है fक कानन
ू के रखवाले अपने फज4 पर
fकतने खरे उतरते है । दो दUर-दP पGलस
ु के ह?थे तो
चढ गये है तीसरा दUर-दा अभी पGलस
ु को चकमT दे रहा
है ।खैर बकरे क मां कब तक खैर मनायेग एक ना एक
>दन दUर-दा पकड़ा तो जायेगा । यह तीसरा दUर-दा
186
खनी
ू संजय है जो मकान मा नक का बेटा है िजस
मकान मT च-mशेखर क ह?या कर जलाया गया था ।
भायलsमी- बेचारे का दUर-दा Xया मार डाला ? Xया
nबगाड़ा था बेचारा च-mशेखर । XयP मारा बेचारP को
दUर-दP ने रहय से पदा4 उठा fक नहBं अखबार पढकर
बताओं ।
ˆहमद?त-उठ गया है ।
भायलsमी- पढकर सनाओ
ु >दल बैठा जा रहा है ।
ˆहमद?त-Xया सनाउ◌ू
ु ?
भायलsमी- अरे fकस कारण से दUर-दP ने च-mशेखर क
ह?या क । बढे
ू मां बाप क लाठ$ तोड़ दB । जब ह?या
के रहय से पदा4 उठ गया है तो सब कछ
ु तो छपा
होगा क नहB ?
ˆहमद?त-च-mशेखर के क?ल के पीछे औरत है । एक
औरत को पाने के Gलये यह क?ल हआ
ु है ।
भायलsमी-Xया ?
ˆहमद?त-ठ$क सनी
ु है दे वीजी औरत के Gलये ।
भायलsमी-परB
ू बात पढ़कर बताओ ।
ˆहमद?त-सनो
ु दे वीजी । अखबार मT छपी खबर के
अनसार
ु मO
ु य आरोपी संजय का ेम सYब-ध एक
लड़क से है जो अब शादBशदा
ु है । उस लड़क को पाने
के Gलये संजय ने यह खनी
ू खेल खेला ।
भायलsमी- Xया ?
187
ˆहमद?त-हां संजय उस लड़क के ेम मT पागल हो गया
था । उसे पाने के Gलये वह कछ
ु भी करने को तैयार था
। वह खदु को मरा हआ
ु साnबत करने के Gलये च-mशेखर
को मार कर जला डला योगे और दसरे
ू साथी के साथ ।
भायलsमी-बाप रे ऐसी सािजश ?
ˆहमद?त-संजय क योजना थी fक जब वह लोगP क
नजरP मT मरा हआ
ु साnबत हो जायेगा तो वह उस लड़क
को कहB और बला ु लेगा fकसी को पता भी नहB चलेगा
fक संजय लेकर भाग गया । दभा4
ु यवस च-mशेखर दोत
के झांसे मT आ गया दोत संजय ने शराब मT जहर
Gमलाकर ह?या करके पेlोल डालकर जला डाला ।
भायलsमी-ऐसे दUर-दT से च-mशे◌ेखर क दोती कैसे हो
गयी । दUर-दT न पढ रहे थे और नहB हाटल मT रह रहे
थे । कैसे दोती हो गयी । दोती के नाम पर दUर-दP
ने काGलख पोत >दया । दोती जैसे पाक Uरqते को
नापाक कर >दया ।
ˆहमद?त-संजय और योगेश fकसी मोबाईल कYपनी मT
काम करते थे ।मोबाईल के काम के GसलGसले मे
च-mशेखर को कई बार कYपनी जाना पड़ा इसी दौरान
दोती हो गयी । दोतP ने दोती के कैनवास पर लहू
पोत >दये ।
भायलsमी-च-mशेखर दUर-दP के झांसे मT कैसे आ गया
fक ~याह से सीधे दUर-दP के जाल मT जा फंसा ।
188
ˆहमद?त-फोन करके बलाया
ु था ।
भायलsमी-परा
ू चuiयूह रच कर दUर-दP ने फाने fकया
होगा ।
ˆहमद?त-23 जनवरB क रात मT संजय ने फोन fकया था
। रात के नौ बजे च-mशेखर पहंु च गया ।दाS मT जहर
Gमलाकर दUर-दP ने Jपला >दया । दाS Jपलाने के बाद
सUरये से Gसर पीट डाले । इसके बाद तीसरे माले पर ले
जाकर जला डाले । कंकाल के पास संजय अपना जता

छोड़कर फरार हो गया ।
भायलsमी-ऐसा XयP fकया खनी
ू ।
ˆहमद?त-ताfक लोग समझे fक संजय क ह?या हई
ु है
और नरकंकाल उसी का है ।
भायलsमी->दल दहला दे ने वालB सािजश । बाप रे
आदमी अपना >हत साधने के Gलये कैसा है वान हो जाता
है यह तो संजय ने कर >दखाया। इससे तो पGलस
ु भी
†Gमत हो गयी होगी ।
ˆहमद?त- पGलस
ु †Gमत तो हई
ु पर कछ
ु >दन के Gलये ।
जब पGलस
ु को पता चला fक 23 जनवरB से संजय
लापता है तब पGलस
ु का माथा ठनका और जांच का Sख
बदल गया ।पGलस
ु च-mशेखर के UरqतेदारP से जांच
पडताल करने मT जट
ु गयी ।
भायलsमी- आगे Xया हआ
ु बताओं ना ।
ˆहमद?त-च-mशेखर के भाई ने कंकाल के दांत को
189
पहचान कर च-mशेखर होने क पि_
ु ट कर दB ।
भायलsमी-एक 5चdकार के जीवन का अ-त कर >दया
दUर-दP ने । बेचारा 5चdP मT रं ग रं ग भरते भरते बेरंग हो
गया सािजश मT फंसकर वह भी दोती के नाम ।
भगवान ऐसे दUर-दP को ऐसी जगह मारना fक UरUरक-
UरUरक कर मरT दोती जैसे पJवd Uरqते के कैनवास पर
खन
ू पोतने वाला संजय और उसके क?लB दोत ।
ˆहमद?त-च-mशेखर को गहरे रं गP से बहत ु लगाव था ।
वह इ-हB रं गP से कैनवास पर खेलते खेलते िज-दगी को
उकेरता रहता था । बदfकमत संजय के जीवन का सारा
रं ग ढल
ु गया । िज-दगी ख?म हो गयी बेचारे क बची है
तो बस यादे ओर बढे
ू मां बाप क चीखे । जब ह?या के
रहय से पदा4 उठा तो सहपाठ$ भी रो उठे ।
भायलsमी-एक नरपराध 5चdकार के लहू से दोती के
Xेनवास को रं गकर खू नयP ने घोर अपराध fकया है वह
भी एक शादBशदा
ु ओरत के Gलये ।दUर-दे को इतना हB
`यार था तो पहले हB ~याह कर लेना था । भोले भाले
मासम
ू 5चdकार क जान XयP ले Gलये ?
ˆहमद?त- Jवनाश काले JवपरBत बिe
ु द । कबिe
ु ु द ने
ह?यारा बना >दया । दोती के नाम पर ध~बा लगा >दया
। बेचारा च-mशेखर एक >दन पहले हB तो िज-दगी को
बेहतरBन ढं ग से कैनवास पर उकेरा था । ये दे खो
च-mशेखर क हB पेि8टं ग छपी है अखबार मT । दो चार
190
>दन पहले हB उसक अiवल दजk क पेि8टं ग >द}लB मT
बीची थी । बहत
ु खश
ु तो भर दUर-दP ने उसक िज-दगी
मT आग भर दB और मां को गम के सम-दर मT ढकेल
>दया ।
भायलsमी-बहत
ु होनहार लड़का था । च-दा बता रहB थी
fक पेि8टग बनाते समय अXसर -तड़प तड़प के इस >दल
से आह नकलती रहB गाना गाता रहता था । यहB तड़प
उसक पेि8टग को जीवन दान करती थी ।
ˆहमद?त-ले लB दUर-दP ने एक जीवन । उजाड़ >दया एक
पUरवार का सपना । छन Gलये बढे
ू मा बाप का सहारा ।
भर >दया आ5€तP क म>"
ु ठयP मT आग ।
भायलsमी-खनी
ू तो लBल गये च-mशेखर को पर दोत
के चनाव
ु के ज}दBबाजी न करने क नसीहत भी दे गये
। वाथ|,अपराधी एवं असामािजक लोगP से दोती का
 तफल तो दखदायी
ु हB होगा । वाथ4 के –ट पर >टक
दोती क नींव कभी भी भरभरा कर 5गर सकती है और
इसके पUरणाम भयावह हो सकते है । दोत बनाने से
पहले बहत
ु सोच Jवचार करने क जSरत अब आ पड़ी है
। य>द असावधानी हई
ु संजय जैसे दUर-दT म"
ु ठ$ मT आग
भरने से त नक भी नहB चक
ु े गे ।
ˆहमद?त-च-दा क मां आंसू पोछो । दUर-दP ने तो बहत

बड़ा गनाह
ु fकया है । इसक सजा तो उ-हे जSर Gमलेगी
। यवको
ु को दोती के कैनवास च-mशेखर के लहू के
191
नशान को eयान मT रखते हएु सावधानी बरती होगी
ताfक fफर कोई अमानष
ु संजय दोती के पाक Uरqते को
नापाक न कर सके ।
भायलsमी-भगवान च-mशेOर क आ?मा शाि-त बOशना
। पUरवार को आ?मबल और िज-दगी के कैनवास पर
सनहरा
ु रं ग भरने क शिXत दे ना । भगवान दUर-दP को
ऐसी सजा दे ना fक fफर कभी दोती जैसा Uरqता बदनाम
न होने पाये ।
ˆहमद?त-हां ठ$क कह रहB हो ऐ दUर-दT कठोर से कठोर
सजा के हकदार है । यवा
ु पीढ़B से भी गजाUरस
ु है fक
दोती को वाथ4 के तफान
ू से बचायT ताfक दोती के
कैनवास पर fफर कभी लहू के नशान न पड़ सके ।
दखया
ु माई
का रे दखया
ु अब तो तेरे करे जे को ठ8डक GमलB मेरा
परा
ू धान तेरB भैस चौपट कर दB । खाने को अ-न नहB
रहने को घर नहB । पाल रहB हो भस
o । तेरB भस
o हांकर
ले जाउ◌ू◌ं और अपने दरवाजे पर बांध लू कंु वर
बहादरु गरज पड़े ।
दखया
ु के उपर तो जैसे nबजलB 5गर पड़ी भस
o हांक ले
जाने क बात से । उसक आखT सावन-भादP हो गयी ।
वह आंचल से आसंू पोछते हु ए बोलB- बाबू ना जाने कैसे
भस
o खंट
ू ा से छु ड़ा लB अpछ$ तरह से गांठ लगा कर
बांधी थी। nबरछवा क भस
o मेरB O◌ा◌ं
ू टे से बंधी भस
o से
192
लड़ने लगी थी । मेरB भस
o क सींग भी टट
ू गयी है बाबू
। बरछवा क भैस आक न मेरB भस
o से लडती न खंट
ू ा
टटता
ू और नहB मेरB भस
o बाबू आपके धान के खेत मे◌े
जाती । बाबू नकशान
ु तो हो गया है जानबझ
ू कर तो
मने
o नहB fकया है ना । भस
o का सहारा था उसक सींग
भी टंू ट गयी । सोची थी भस
o बेचकर जSरत क कई
चीजT लाउ◌ू◌ंगी । जाड़T के Gलये एक रजाइe्र बनाउ◌ू◌ंगी
बाबू मेरा भी तो बहत
ु नकशान
ु हो गया । भस
o क
कमत आधी रह गयी । टटB ू सीग वालB भस
o कौन
खरBदे गा ।
कवर
ु बहादरु -अभी कल रोपाई हईु तेरB भैस ने सारा खेत
रद डालB । तमको
ु अपने नकशान
ु क fफक4 है हमारे
नकशान
ु क भरपाई काeन
े करे गा ?
कवर
ु बाबू क फटकार सनकर
ु न-द ू आ गये और बोले
बाबू दखया
ु माई क भस
T तो एक fकनारे से भागी थी ।
दखयामाई
ु -हां बाबू । मेरB भस
o कोने से नकलB थी और
सड़क पकड़ लB थी ।
न-द-ू हां बाबू दखयामाई
ु भस
o को ललकारते हए
ु उसके
पीछे `ीछे भाग रहB थी। दखयामाई
ु भस
o हांकने के Gलये
अलग,बकरB हांकने के Gलये अलग ड8डा रखती है पर
बाबू आज उसक भस
o आपके खेत मT पांव Xया रख दB
बेचारB अपराध बोध के सम-दर मT डब
ू गयी और बकरB
चराने वाले ड8डT को लेकर भैस के पीछे पीछे दौड़ रहB थी
193
। आज ना जाने दखयामाई
ु क भस
o को ना जाने Xया
हो था fक आवाज सनकर
ु भाग रहB थी जबfक कछ
ु दे र
पहले वहB भस
o दखया
ु माइe्र क एक आवाज पर दौड़ी
चलB आती थी ।धन क फसल क भां त दखयामाई
ु क
भस
o लहर लहर कर भाग रहB थी शायद सींग टटने
ू क
वजह से ।
कंु वरबहादरु -XयP रे Xया बात है न-दआ
ु तू तो बड़ी
तरफदारB कर रहा है दखया
ु क । Xया कल से दखया

क जमीदारB जोतकर पेट पालेगा ?
न-द-ू बाबू हम गरBबP के पास जमींदारB होती तो गरBबी
क मटš
ु ◌ी भर आग मT XयP जलते मरते रहते । बाबू
हम गरBब िजस बरB
ु हाल मT जीवन nबता रहे है उसके
Gलये आप भी िजYमेदार हो ।
कंु वरबहादरु -Xया बकवास कर रहा है । दो अbर तY
ु हारे
लड़के पढने Xया लगे fक तम
ु अपनी औकात हB भल

गये । न-द ू बराबरB करने मT अभी श>दयां लगेगी ।
दखयामाई
ु - बाबू ग
ु सा थक
ू दो । मेरB भस
o ने आपका
धान नहB रदा है Jवqवास करो । ज}दB क रोपाई है ।
तेज हवा क वजह से धान के रोप से कछ
ु धान के पौधे
नकल गये है वहB fकनारे लगे है । ना मेरB और नहB
fकसी दसरे
ू क भस
o खेत मT गयी है । खद
ु सोचP बाबू
मेरे दरवाजा आपके खेत मT खलता
ु है । Xया मo अपनी
भस
o से आपक खेती चौपट करवाउ◌ु◌ंगी । आज तक
194
कभा◌ी ऐसा हआ ु है ।
न-द-ु हां बाबू यकन करP दखयामाई
ु ठ$क कह रहB है ।
दखयामाई
ु - बाबू मo तो भस
o यहB पकड़ लेती सड़क पर
नहB जा पाती पगहा तो उसक गद4 न मT हB था । बाबू
डर के मारे नहB पकड़ी fक कहB और तेजी से खींचाकर
भागने । मेरB दशा ठाकर
ु जैसी न हो जाये ।बेचारे ठाकर

क जान तो भस o का पगहा खींचाकर बंध जाने से हई
ु थी
ना । बेचारे ठाकर
ु पहचानने लायक तक नहB बचे थे ।
कवरबहादर
ु ु मझे
ु -तम ु कहानी सनाकर
ु बेवकफ
ू नहB बना
सकती हो दखया
ु ।
न-द-ु हां बाबू गरBब लोग बेवकफ
ू नहB बनाते ।
कंु वर बाबू-न-दआ
ु तू नहB बोल तो ठ$क है ।
न-द-ू बाबू गांव के जा त-परजा त के बहत
ु लोगP ने दे खा
हo भसo आगे आगे दखया ु माई दौड़ रहB थी । आवाज
सनकर
ु भस
o घोड़े क रफतार से भाग रहB थी । बड़ी
मिq
ु कल से कई लोगो ने घेरकर पकड़ा है । मालम
ू है
दखयामाई
ु भस
o लेकर आ रहB थी fफर अचानक भस
o
Jवदक गयी और पे◌ाखरB मT चलB गयी दखयामाई
ु का
जान बच गयी है बाब।ू
कंु वरबाबू-ब-द कर अपनी बकवास न-दआ
ु तम
ु सब
सािजश रच रहे हो ।
दखयामाई
ु -कैसी सािजश बाबू । भला हम पेट मT भख

>दल मT मरते सपने और बंटवारे मT GमलB म"
ु ठ$ भर
195
आग मT सलगते
ु लोग Xया सािजश रचेगे ?
न-द-ू माई दे ख तेरे पैर से खन
ू बह रहा है गहरB घाव है ।
fफटकरB हो तो घाव मT भर लो । बाब◌ू
ू सनो
ु चाहे न
सने
ु मo अपनी बात कह कर रहंू गा । बाबू दखयामाई
ु क
हाल दे ख रहे हो आंखP मT आसंू भरा हo पैर मT शीशा फाड़
Gलया भस
o को पकड़ने के Gलये भागते समय । उसके तन
के वd क हालत दे ख रहे है । जो भस
o आपक तरफ
मंह
ु करके चगालB
ु कर रहB है वहB कछ
ु दे र पहले
रणच8डी बनी हई
ु थी। घ8टा भर से अ5धक पानी मT बठ$ o
रहB । दखयामाई
ु पोखरB के fकनारे बैठे बैठे भै।स को
गाGलयां दे रहB थी । जब दखयामाई
ु के गाGलयां का
खजाना ख?म हो गया तब भस
o पानी से नकलB है और
दखयामाई
ु के पीछे पीछे आकर दरवाजे पर खड़ी हई
ु है
। बाबू पशु भी समझदार होते है । भसo क सींग टट

गयी है वह भी ग
ु से मT थी पोखरB के पानी मT घ8टे भर
बैठ$ रहB जब उसका गु सा ठ8डा हआु है तो खदु ब खदु
चलकर आयी है । भस o बांधकर दखयामाई
ु ने बहतु मारा
है । दखयामाई
ु पीट रहB थी भस
o टकर ु ु दे ख रहB थी
ु ु -टकर
। दे खP भस
o भी शम4सार है जबfक उसक गलती नहB है
। वह तो खटे
ू मT बंधी थी nबरछवा क भस
o आकर हमला
कर दB थी । वह तो आ?मरbा मT भागी थी टटB
ू सींग
लेकर ।
कंु वरबहादरु -न-दआ
ु ऐसी हB ते◌ेरB जबान चलती रहB तो
196
तेरB सींग तो नहB तेरB जबान जSर टटे
ू गी । कवरबहादर
ु ु
दखयामाई
ु क ओर Sख करके बोले भस
o पालने का शौक
छोड़ दो सअर
ू पालो तY
ु हारे फायदे का सोदा है गांव क
ग-दगी भी साफ हो जाया करे गी ।
न-द-ु बाबू एक भस
o ने परo रख >दया खेत मT वह भी
गलती से तो इतना लाल-पीला हो रहे हो पpचीस पpचास
सअर
ू खेत मT चले जायेगे तब Xया होगा ?
कंु वरबहादरु - अपना मंह
ु ब-द रख न-दआ
ु । िजस >दन
गांव के जमीदारP को ग
ु सा आ गया न खड़ा होने क
जगह नहB Gमलेगी । हंगना मतना
ू सब तो बाबू लोगP क
जमीन मT करते हो और जबान क जगह तलवार चलाते
हो । दे ख दखया
ु अब कोई नकशान
ु न होने पाये तेरB
भस o ने बहतु नकशान
ु कर >दया । अगर अब कोई
नकशान
ु हआ
ु तो महBने भर nबना मजदरB
ू के काम करना
होगा ।
दखयामाई
ु कंु वरबहा◌ुदर क बात टकर ु ु सन
ु ु -टकर ु रहB थी
। उसके हPठ जैसे Gसल गये थे । आखP से आसंू और पैर
से खन
ू बह रहा था ।
कंु वर बहादरु क nबजलB क तरह कड़कती आवाज
सनकर
ु nबसुन के पांव थम गये । वह दखयामाई
ु क
झोपड़ी क ओर मुड़ गया । दखयामाई
ु क दशा दे खकर
पछ
ू बैठा Xया हो गया भौजाई XयP आंखP से आंसू और
पैर से खन
ू बह रहा है । कौन सी अनहोनी हो गयी क
197
कंु वरबहादरु गरज रहे है nबजलB क तरह ।
कंु वरबहादरु -nबसनवा
ु तमको
ु अनहोनी का इ-तजार है ।
दखया
ु क भस
o सारा धान चौपट कर दB Xया fकसी
अनहोनी से कम है ।
nबसन
ु -बाबू ये भी कोई अनहोनी है । दो पंूजा Xया उखड़
गये । आतंक मचा >दया । गरBब क दशा नहB दे ख रहे
हो । 5च}लाये जा रहे हो । दे खो दखया
ु भौजाई के पांव
मT fकतना बड़ा घाव है । अरे गरBब क आंसू का कोई
मोल नहB आप जैसे बड़े लोगP क नगाहो मT । बाबू
आप का एक पैसे का नकशानु नहB हआ
ु है । हवा चलती
है तो ताजे रोपे खेत मT छटे
ु छटके धान के पधे fकनारे
तो आते हB है ।
कंु वरबहादरु -नेता हो गया है Xया nबसनवा
ु तू बती का ?
nबसन
ु -बाबू गरBब के दद4 का एहसास आपको तो होगा
नहB XयPfक गरBबी तो आपने दे खी नहB हo ।दद4 का
एहसास तो उसे हB होता है िजसने दm का अनभव
ु fकया
हो । बाबू आपको लगता है fक मo नेता5गरB कर रहा हंू
तो यहB मान लBिजये ।
nबसन
ु क बात ने कंु वरबहादरु के गले मT जैसे गरम
कोयला डाल >दया हो । वह बौखला गये और दे ख लेने
क धमक दे ते हए ु उलटे पांव भाग खडे. हए
ु ।
भैसं कंु वरबहादरु के धान के खेत मे◌े◌ं चलB गयी थी
और बाबू कंु वरबहादरु बूढ़B दखया
ु को बहत
ु बरB
ु बाते
198
सना
ु गये fक खबर ल}लू दादा को कामराज बाबू क
हवेलB लग गयी थी । वह काम छोड़कर आ नहB सका
था मजदरू कट जाने क वजह से । अंधेरा के परB
ू तरह
पांव पसारते हB वह झोपड़ी वापस आया । आव दे ख ना
ताव लाठ$ लेकर भस
o पर Jपल पड़ा । दखया
ु ल}लू को
अपनी कसम दे कर रोकने मT कामयाब हो गयी ।
ल}लद
ू ादा अपने ग
ु से पर Jवजय ा`त कर भस
o को
समझा◌ाते हुए बोले तनेू आज बहत ु बड़ी गलती कर दB
ना । जमीदार कंु वरबहादरु के खेत मT चलB गया । तमको

पता है हम सामािजक आ5थ4क गरBबP के बारे मT । तेरे
दध
ू दहB को भी ये बाबू लोग अपJवत4 मानते है XयPfक
तू एक सामािजक और आ5थ4क Sप से गरBब के खट
ू T पर
बंधी है । बाजार मT भी जगह नहB है । fकतना दख

सहकर तमको
ु पाल रहB है ये ब>ढया
ु तू है fक त नक भी
परवाह नहB करती। ये बाबू लोग तो हम गरBबP क
परछाई पड़ने तक को अपराध मान लेते है । तम
ु तो
धान के खेत मT पेर रख >दया । पता है तमको

कंु वरबहादरु ब>ढया
ु को fकतनी गांGलया दे गये है । अरे
हम अपने पेट मT Sखी सखी
ू डालने के पहले तY
ु हारा
इ-तजाम करते है तू है fक आंसू दे रहB है । दे खा ब>ढया

के आंख का आंसू दद4 तो तू भी समझती है ना ।
दखया
ु - हां बढउ
ु ये भस
o भी समझती है दद4 । दे खP उसक
आंखP से भी आसंू भरभरा पड़ा है । दखया
ु भस
o के Gसर
199
पर हाथ फेरने लगी । भस
o दखयामाई
ु का पांव चाटने
लगी ।
न-द ू और nबसन
ु एक वर मT बोले जानवर भी समझते
है पर उ-माद मT डबा
ू आदमी कछ
ु नहB समझ रहा है ।
काश खद
ु को बड़ा समझने वाले बाबू लोग शोJषत
दखयP
ु के दद4 का एहसास कर पाते तो अ?याचार क
आंधी थम जाती ।
ल}लद
ू ादा- हां भइया पर बाबू लोगP को अ?याचार से
फ
ु र◌
् ात नहB है । चल ब>ढया
ु ब?तीजार कर ले । घाव
गहरB है । ठ$क तो हो जायेगी पर कवर
ु बहादरु क दB
गयी घाव तो◌े कभी नहB ठ$क हो सकेगी fकसी दवादाS
से । Xया तकदBर हो गयी है हम गरBबो क fक चहंु ओर
से मु"ठ$ भर भर आग हB Gमलती है । SढBवादB iयवथा
Šारा परोसी आग मT हमT सलगते
ु रहना है । तू ठ$क कह
रहB है बाबू लोगP से तो अ5धक समझती है ये भस
o हम
दखयP
ु के दद4 को ।
दं श
सांप को दध
ू Jपलाना महं गा पड़ गया । अपनी औकात
>दखा गया । बpचP का पेट काट कर अमानष
ु का पेट
भरB । रहने को जगह दB । नेक के बदले दं श दे गया
कहते हए
ु राम`यारB धYम से 5गर पड़ी ।
साद-Xया हआ
ु भगवान । fकसको कोस रहB हो ।
राम`यारB-अपनी fकमत को और fकसको । तकदBर मT
200
सख
ु चैन तो नहB म"
ु ठ$ भर भर आग का दख
ु जSर
Gलखा है ।
साद-Xया बझनी
ु बझा
ु रहB हो । साफ साफ XयP नहB
कहती । कहां सांप दध
ू पी रहा है राम`यारB-बहत
ु भोले
बन रहे हो । fकसी पर भी आंख मंूद कर लेते हो। ऐरो
गेरP के घKड.यालB आसंू पर यकन कर दे दे ते हो पनाह
घर मT । ये नहB दे खते घर मT जगह है क नहB । खाने
को अ-न है fक नहB । सड़क से उठा लाते हो म"
ु ठ$
भर आग का दद4 अपने और आ5€तP क िज-दगी मT
भरने के Gलये ।
साद-XयP इतनी दखी
ु हो रहB हो भागवान ।
राम`यारB- तम
ु कह रहे हो XयP दखी
ु हो रहB हंू । सालP
तक इस घर का एक आदमी नमक खाया । तY ु हारB
वजह से वह आबाद हआ
ु है । दे खो >दन बदलते हB आंख
>दखाने लगा है ।
साद-खोटाच-द क बात कर रहB हो Xया ?
राम`यारB-XयP इतने भोले बन रहे हो सब जानकर ।
साद-Xया हो गया भागवान ?
राम`यारB-Xया बाक रहा । अरे िजस थालB मT खाया उसी
मT छे द कर >दया खोटाच-द ।हमने तो भलाई fकया और
उसने दं श दे >दया ।
साद-Xया बात हो गयी । खोटाच-द Xया कह गया ?
राम`यारB-अरे सांप डसेगा और Xया करे गा ?>दन Xया
201
बदल गया उसका तो रं ग-ढं ग हB बदल गया । एक >दन
था कोई आंसू पोछने वाला न था । ये बpचे सगे से
\यादा चाहते थे उस खोटाच-द को । सारB नेक nबसार
कर परायेपन क दरार को संवार गया । कैसे लोग लोगP
पर मसीबत
ु मT तरस खायेगे ?
साद-तमने
ु ?याग fकया है । आदमी माने या न माने
भगवान जSर मानेगा eं दखी
ु होने से Xया फायदा सब
भु क इpछा अरे अपने पास तो अपना पUरवार पालने
भर को ठ$कठाक अउमदनी नहB है उपर से एक पराये
का कई बरसP का खचा4 उठाना उपर वाले का चम?कार
मानो । अपने >दल को तस}लB दो । उपर वाला अपने
साथ तो है । fकसी के साथ नेक करके उससे उYमीद
लगाना अpछ$ बात नहB है । तम
ु तो भगवान से ाथ4ना
करो भु हमT इतना सबल बनाओ fक हम दसरP
ू के काम
आ सके । XयP दखी
ु होती हो तमने
ु तो भलाई का काम
fकया है । भलाई करने वाले अफसोस करे गे तो भु
नाराज होगे । तमने
ु परोपकार प8
ु य का काम fकया है ।
दख
ु दद4 और शारBUरक ~या5ध के >दनP मT भी तमने

एक पराये को अपनP जैसे कम से कम दोनो वXत का
भोजन >दया है ।रहने का आ€य >दया है । सचमच

तY
ु हारा यह परोपकार का भाव मेरे Gलये नाज का Jवषय
है ।य>द खोटाच-द ने तY
ु हारे >दल को ठस
T पहंु चाया है तो
माफ कर दो ।
202
राम`यारB-नेक के बदले दं श झेलते रहो । Xया नेक के
बदले यहB ईनाम है ।
साद-दे खो मनछोटा ना करो । तमने
ु दा य?व को परB

िजYYेदारB के साथ नभाया है ।यह तो आ?म-गौरव का
Jवषय है । आंखP मT आंसू और पेट मT भख
ू Gलये दर दर
भटक कर खोटाच-द इसी चौखट पर 5गरा था ना ।
तमने
ु अपने हाथP से नःवाथ4 भाव से कई बरसP तक
रोटB बनाकर खलायी । उसी रोटB का कमाल है fक आज
वह सोने क डाल काटने लगा है । तमको
ु तो खश
ु होना
चा>हये ।
राम`यारB-तस}लB दे ना तो कोई तमसे
ु सीखे । अमानष

करा-धरा सब गोबर कर गया । बpचP से झगड़ा कर
गया ।बी>टया को चांटा मार गया । बी>टया बहत
ु रोयी है
।यहB बpचे अपने ग} ु लक तक उस खोटाच-द के Gलये
तोड़ दे ते थे । वहB खोटाच-द बpचP को अपश~द कह गया
। तम
ु अपने दयालपन
ु के भाव का अब ?याग करो ।
कोई नेक मानने वाला नहB है । िजस fकसी को मसीबत

मT दे खते हो दड़कर मदद करने चले जाते हो । बदले मT
अपने को Xया Gमलता है -बराई
ु ना ।इससे अpछा तो है
fक भलाई हB न करो । भलाई के बदले fकस fकस
बराई
ु लोगो । अभी तक तो ऐसा कोई नहB Gमला िजसने
काम नकलने के बाद अपने को बदनाम न fकया हो
चाहे वे केवलनाथ रहा हो । मंजय चाटक रहा
203
हो,क8ठधारB या लठधारB रहे हो सभी ने दगाबाजी fकये
है अपने साथ जबfक हमने उनके उपर एहसान fकया है
। दगाबाजP ने एहसान के बदले हमारB खGशयP
ु मT म"
ु ठ$
भर भर आग हB भरा है हमारे भोलेपन का फायदा
उठाकर। अब ये खोटाच-द हमारB नेक के बदले दं श दे
गया ।
साद- बी>टया से कौन गलती हो गयी fक खोटाच-द
चांटा मार गया ? बpचP को अपश~द बक गया । यह तो
बहत
ु बरा
ु कर कर गया खोटाच-द ।
राम`यारB-Xया नहB fकया इन तीनP बpचे◌ा◌ं ने
खोटाच-द के Gलये । उसक मदद ये बpचे अपनी बचत
से fकया करते थे । सालP तक nबठा कर खलाये आपने
घर मT रखे । अपना ओढना nबतर >दये । बpचT nबतर
तक nबछाते थे । एक पैसा खोराक तक नहB Gलये ।
वहB खोटाच-द अपनी गैरहािजरB मT घर दे खने को Xया
कह >दये fक वह तो अपनी इ\जत सड़क पर लाकर रख
>दया । 5च}ला 5च}लाकर कह गया fक मo अपना
fकराया भाड़ा लगाकर आता हंू । ये लड़क खाना नहB
दे ती है । बी>टया ने इतना शायद कह >दया fक XयP
ू हo उसने Xया बोला ?
आते हो तो मालम
साद-हमT तो कछ
ु भी नहB पता । बताओगी तब ना
जानंग
ू ा ।
राम`यारB- बडT नरादर के साथ बोला था तेरा बाप बलाया

204
है । बेटB को चांटा मारकर चला गया । बpचP से झगड़ा
करके अपनी इ\जत को सड़ंक पर लाकर रख >दया
खोटाच-द ने । भला लोग मसीबत
ु के >दनP मT fकसी क
मदद कैसे करे गे ।अमानष
ु िजस थालB मT खाया उसी मT
थक
ू गया । कहते हए ु राम`यारB आंसू बहाने लगी ।
साद-दे खो तमने
ु आंसू बहाने का काम नहB fकया है ।
XयP ये मोती बहा रहB हो iयथ4 मT । अरे भलाइ◌्र fकया
है । कोई गलत काम तो नहB fकया है fक अपराधबोध
मT दबे । भलाई के बदले य>द दं श Gमल रहा है तो इसमT
हमारB Xया गलती । गलती तो उसक है जो भलाई के
बदले घाव दे रहा है । हमने जो fकया नःवाथ4भाव से
fकया है । Xया हमारे Gलये यह कम खशी
ु क बात है
fक हमने दख ु सहते हु ए भी fकसी का भाय संवार >दया
। हं सP म
ु कराओं । तमने
ु आंसू बहाने लायक कछ
ु नहB
fकया है । तमने
ु तो ?याग fकया है ।आज के आदमी से
उYमीद नहB करनी चा>हये । भगवान का आदे श मानकर
जो कछ
ु भलाई का काम हो सके कर दे ना चा>हये । य>द
खोटाच-द ने भलाई के बदले दं श >दया है तो उसका फल
उसे Gमलेगा । तमने
ु तो fकसी लालच मT उसे पनाह तो
नहB दB ना ?
राम`यारB- उस भीखमंगे से कैसी लालच । जो दाने दाने
को नतवान था । िजसे अपनP ने मसीबत
ु के >दनP मT
ठकरा
ु >दया था ।आज भले हB खास बन बैठे है । उस
205
>दन तो कोई एक रोटB तक दे ने को नहB था । अब तो
खोटाच-द के बडT बड़े ओहदे दार,पैसेवाले और मदद करने
वाले खडे. होने लगे है । मसीबत
ु के >दनP मT तो वहB
लोग परछायीं से बचते थे ।आज खास हये ु है । हम तो
बेगाने थे आज भी बेगाने है । उससे कैसी लालच ?
साद- XयP खद
ु को तकलBफ दे रहB हो ?
राम`यारB-तमको
ु पता है गांव मT ससरजी
ु को तY
ु हारे
खलाफ fकतना भड़का आया है । साद-भड़कने वालP के
पास भी तो >दमाग है क नहB ?
राम`यारB-तम
ु तो हर बात को बहतु सरल तरBके से लेते
हो । तमको
ु पता है Xया Xया ससरजी
ु से कहकर आया
आया है ।
साद-मझे
ु तो नहB पता । तमको
ु मालम
ू है तो बता भी
दो ।
राम`यारB-तY
ु हारB कमाई क रोटB सालP तक तोड़ा ।
तमने
ु नौकरB >दलवाया । वहB तY
ु हारे पUरवार मT बंटवारे
पर तल
ू गया ।
साद-अरे ऐसा Xया कह आया fक अब पUरवार के बंटने
क नौबत आ गयी ।
राम`यारB-सनो
ु । खोटाच-द तY
ु हारे Jपताजी से कहकर
आया है fक बी>टया क पढाई अनापशनाप खच4 कर रहे
है । दो कमरे का पXका घर बनवा >दये सफाई तक नहB
करवा रहे है । पqु तैनी घर 5गर रहा है त नक भी उ-हे
206
5च-ता नहB है । उ-हे तो बस अपनी बी>टया और बेटवा
क 5च-ता है । हाथ से नकल गये है ।दे वरजी कह
आया है fक दे वचरन तम
ु भ अपने बpचP को बीमा करवा
लो तY
ु हारे भइया ने तो अपना अपनी बीबी और तीनP
बpचP तक का बीमा करव Gलया है ।ससरजी
ु खोटाच-द
क बातP मT आकर बहत
ु गालBफकड़ >दये थे परB
ू बती
इस बात को जानती है । Xया यह पUरवार तोड़ने क
खोटाच-द क सािजश नहB है । यह वहB खोटाच-द है
िजसे अपने बpचP जैसा हमने रखा । Xया भलाई के
बदले ऐसा होना चा>हये ।लोग fकतने वाथ| हो गये हo ।
हमने तो इंसा नयत के नाते मदद क थी । वह है वान
हमारB पाUरवाUरक िज-दगी मT म"
ु ठ$ भर आग भरने से
त नक भी नहB चका
ू ।
साद-भाई दे वचरन और Jपताजी कोई मरख
ू तो नहB हे
fक घर nबगाड़ने क बात नहB समझेगे । हर मां बाप
अपने बpचP को अpछ$ ताGमल दे ना चाहते है । हम
बpचो क पढाई पर पैसा खच4 कर रहे है तो कोई अपराध
तो नहB कर रहे । बीमा तो सरकारB टै Xस मे◌े◌ं छट

लेने के Gलये सभी नौकरB धंधे वाले करवाते है । इसमT
Xया गलती है ?
राम`यारB-खोटाच-द क नगाह मT तम
ु तो पUरवार से
चोरB कर रहे हो ।खद
ु पUरवार स>हत ऐश कर रहे हो ।
अपने बाप ,भाई और भाई के पUरवार को एक पैसा नहB
207
दे रहे हो । कपड़ालता खानखच4 सब कछ
ु दे खने◌े के बाद
भी बदनामी हो रहB है । मानती हंू तY
ु हारा >दल साफ है
तम
ु घरपUरवार को साथ लेकर चलते हो । अपने दख ु को
भलाकर
ू भी कटY
ु ु ब के सख
ु क 5च-ता करते रहते हो ।
बार बार fकसी क बराई◌्
ु र करने पर सनने
ु वाला का
मन तो nबगड़ता हB है । दे वर जी और तY
ु हारे Jपताजी
का भी मन nबगड़ा है । खोटाच-द हमारे हB टक
ु ड़े पर
पलकर हमारे हB घर मT आग बो रहा है ।
साद-भागवान सदकम4 क राह पर कांटे तो है पर इस
राह पर चलकर आदमी दे व?व को पा जाता है । भगवान
बe
ु द को दे खा कभी वे राजा था पर परमाथ4 बस राजपाट
तक छोड़ >दये । भगवान पर भरोसा रखे अpछे काम का
फल भी अpछा Gमलता है । आदमी मौका पाते हB दं श दे
जाता है , सभी जानते है पर परमाथ4 क राह पर चलने
वालP का जनन
ू ख?म नहB हआ ु है । िजस >दन यह
जननू ख?म हो जायेगा इंसा नयत भी धरती से उठ
जायेगी ।
साद और राम`यारB बाते कर रहे थे इसी बीच बेटा
आ?मा आंख मसलते हए ु खड़ा हो गया । आ?मा क
आंखP मT आंसू दे खकर साद पछे
ू Xया हआ
ु बेटा ? XयP
रोनी सरत
ू बनाये हो ?
आ?मा-पापा रात मT चाचा का फोन आया था ।
साद- Xया कह रहा था खोटाच-द ?
208
आ?मा-चाचा धमका रहे थे । कह रहे थे तेरे बाप ने
नौकरB >दलायी है । मै छोड़कर जा रहा हंू ।तम
ु लोगो ने
बह◌ु
ु त एहसान मेरे उपर fकया है ।
साद-बेटा मझसे
ु तो उसे बात करवाना था ।
आ?मा-चाचा बड़े गु से मT थे । बहत
ु खराब लहजे मT
बात कर रहे थे । उनक बात मझे ु बेचन
ै कर दB । मै
रात भर सो नहB पाया । इसके पहले चाचा ने दBदB के
साथ भी बहत ु बrतमीजी क थी । आपको कछ
ु बरा
ु कह
दे ते तो ।
साद-बात तो करवाना था । मo भी सनता
ु Xया कहता है
? क?
ु ता एक रोटB का टक
ु ड़ा खाकर आगे पीछे पंूछ
>हताता है । खोटाच-द बरसP तक इस घर का नमक
खाकर हमT और हमारे पUरवार को दोषी बना रहा है ।
राम`यारB-दे ख लो सड़क पर से उठाकर लाये । छोटे भाई
जैसा मान >दये । बेटवा क नई गाड़ा चला चला कर
तोड़ डाला ।रहने खाने सब का भार उठाया । आज वहB
हमारे बpचे◌ा◌ं के साथ बदसलक
ू कर रहा है । >दन
बदलते हB हमारB नेक पर कचड़ उछाल रहा है । खोराक
जोड़े तो पpचीसP हजार बन जायेगे ।सांप Xया पाले वह
तो हमे हB काटने को दौड़ा रहा है । कोई fकसी मसीबत

के चuiयूह मT फंसे के साथ कैसे नेक करे गा ।
साद-XयP खद
ु का कोस रहB हो । कोई बराइ◌्
ु र तो नहB
fकये है ना । अpछाई का काम fकया है द ु नया जानती
209
है । आसपास वालP तो सगा समझते है ।खोटाच-द ने
बदसलक
ू कर >दल को ठस
T तो पहचाया
ु है । मझे
ु भी
दख
ु हो रहा है पर Xया कर सकते है स-तोष ना ।
राम`यारB- तमने
ु fकतना सहजता से इतनी बड़ी बात को
छोटB सी करके स-तोष के आवरण मT ढक >दया ।
साद-bमा करने वाला बहत
ु बड़ा होता है । सब कछु
भल
ू जाओं ।स-तोष से बड़ा कोई सख
ु नहB होता । हमने
नेक क है कोई गनाह
ु नहB fकया है ।
राम`यारB-परायेपन का Uरqता जOम दे गया खोटाच-द ।
हमने तो उसके साथ सगे से \यादा fकया । आजकल के
जमाने मT मां बाप बोझ हो रहे है । हमने तो एक पराये
को पनाह >दये । उसके◌ा खलB
ु आंखP से सपने >दखाये
हB नहB उसके सपने साकार करने मT तन, मन और धन
से मदद भी fकये ।दे खो कामयाबी Gमलते हB हमT
फफकारने
ु लगा ।
साद-अरे वह तो पराया था । हमने अपना सगा मानकर
उसक मदद क । य>द वह मदद का बदला हमT बदनाम
कर दे ना उ5चत समझता है तो उसक मज| । वह अपना
उ}}ू◌ा सीधा हमारे परमाथ4 के जनन
ू पर म"
ु ठ$ भर आग
जSर रखा है । तकलBफ क बात तो है पर Xया फायदा
। हम परमाथ4 के बीज बो रहे हo अगर खोटाच-द वाथ4
का कांटा बो रहा है तो बो लेने दो एक >दन जSर
पछतायेगा ।
210
राम`यारB-लोग तY
ु हारB राह मT कांटे nबछाये◌े तम
ु फल

nबछाओ । जब तY
ु हे दसरे
ू ◌ा◌ं क मदद करने का इतना
हB जनन
ू है तो ।हां एक बात कहे दे ती हंू । अब fकसी
को सड़क से उठाकर घर मT मत पनाह दे ना ।
साद-पर>हत से बड़ा कोई धम4 नहB है । जहां तो हो
सके करते रहना चा>हये ।
राम`यारB-खोटाच-द के >दये घाव के दद4 को तम
ु भले हB
भल
ू जाओ पर मo ओर बpचे तो नहB भल
ू सकते ।
साद-मo तY
ु हारB पीड़ा को समझता हंू । स-तोष और
पर>हत का ज\बा भी । भगवान इतना नद4 यी नहB है ।
वह सब पाप प8
ु य का लेखा-जोखा रखता है । परमाथ4
का हवन करते रहो ।
राम`यारB-चाहे हवन मT हाथ जल जाये ।
साद-हवन मT हB तो जलेगा ना । इसमT कोई बराई
ु नहB
। भगवान क यहB मज| है तो करते रहो हवन और
जलने दो हाथ ।ठ$क तो उसे हB करना है । हम XयP
5च-ता करT ।
राम`यारB-वाह रे इंसान । खोटाच-द, रईसवा हB नहB और
कई आदमी नेक के बदले दं श दे गये । इसके बाद भी
परमाथ4 का जनन
ू तY
ु हारे Gसर पर सवार है । ध-य हो
महाभु ।
साद-आखरकार तम
ु भी मान गयी नेक के रहय को

211
राम`यारB- ब-द करो ये उपदे श लगता है fकसी क
दतक हो गयी है दरवाजे पर । इतने मT कालबेल
घनघना उठ$ ।
दरवाजा खो◌ेलते हB दे वद?त हाथ जोड़े नमकार क मmा

मT खडT Gमले ।गयासाद राम`यारB को आवाज दे ने लगे
। अरे आ?मा क मां दे खो दे वद?त आये है बहत
ु >दनP के
बाद । चाय नाqते का ब>ढया इ-तजाम करो ।
राम`यारB पानी क टे र् रखती हई
ु बोलB लो भाई साहब
आप अकेले आये भाभीजी और बpचP को भी साथ लाना
था ।
दे वद?त-कभी फस4
ु त मT आयेगे । आपके हाथ के बने दाल
बाफले लडे खाने ।
राम`यारB-आप तो आज हB खालो। जब मह4
ु ुत
नकलवाकर आओगे तब और बन जायेगा ।
गयासाद-हां दे वद?त दाल बाफले बना है ।
दे वद?त-जSर खाउ◌ू◌ंगा पर भाभी जा एक बात बताओ
मेरे आने से पहले आप दोनP का लडाई तो नहB हो रहB
थी ।
राम`यारB-जब नई नवेलB आयी थी । तब तो कभी लड़ाई
हB नहB हईु अब बढौती
ु मT Xया लडाई करगे
T ।
दे वद?त-भाभी आपक बोझल आवाज और लाल लाल
आंखे कछ
ु तो चगलB
ु कर रहB है ।
राम`यारB-ऐसी कोई बात नहB है । दसरे
ू ◌ा◌ं के मदद के
212
Gलये खद
ु को कबा4
ु न करने वाले आपके भाई साहब भला
मझसे
ु लड़ेगे ?चलो दाल बाफले ठ8डे हो रहे है । खा
लBिजये ।
दे वद?त-दाल बाफले का नाम सनकर
ु अंतKडयP मT
कलबलाहट
ु ु होने लगी है । जSर खाउ◌ु◌ंगा पेट भर कर

दे वद?त और साद बातचीत मT ऐसे मशगल
ू हो गये fक
कब शाम हो गयी अंधेरा पसर गया◌ा । आ?मा ने कमरे
क टयबलाइट
ू जला दB तब जाकर दे वद?त को पता चला
क बहत
ु दे र हो गयी कहते हए
ु खड़े हो गये और जाने
का अनरोध
ु करने लगे ।
साद-चले जाना । चाय तो पी लो । ऐसे हा आ जाया
करो । अपने से Gमलकर मन को सकन
ू Gमलता है । मन
ह}का हो जाता है अपनP से बात करके ।
दे वद?त-लगता है भलाई के दामन fकसी ने म"
ु ठ$ भर
आग रख दB है । उसक पीड़ा कराहट है ना। दे खो भइया
परमाथ4 के जनन
ू मT भौजाई को मत भलना
ू । मo चलता
हंू ।
साद-ठ$क है भइया सावधानी बरतना । अंधेरा है और
शहर क सड़के तो अपने गांव क पगड8डी से भी खराब
हो गयी है । उपर से अत-iयत lै fफक भगवान हB
माGलक है ।
दे वद?त- हां भइया।साधानी तो बरतना हB पड़ेगा आंख भी
213
चकमा दे ने पर उतर आयी है ।
दे वद?त के जाते हB राम`यारB साद से कहने लगी दे खो
दे वद?त भइया Xया कह कर गये है ।
साद- सना
ु हंू ।
राम`यारB-एक कान से सनते
ु हो दसरे
ू से नकाल दे ते हो
। दे खो अपनी fकमत क चादर मT छे द हो गया है ।
तम
ु तो Xया ओढे Xया nबछाये क 5च-ता करो । बpचP
को अpछ$ ताGलम दो । परमाथ4 के जनन
ू से कोई भला
नहB होने वाला है । अpछाई करो तो बराई
ु Gमलती है ।
साद-nबना सोचे समझे कछ
ु भी बोल दे ती हो ।
राम`यारB-अपनी जSरतो को अनदे खा करो । बpचP का
पेट काटो । कहां तक उ5चत है । अरे कोई नाम नहोरा
भी तो नहB करता । बताओं fकसने तY
ु हारे साथ अpछा
fकया है ।
साद-दे वीजी ठ$क तो कह रहB हो पर fकसी का दद4
दे खा नहB जाता ।
राम`यारB-भले हB दं श झेलो ।
साद-दं श का दद4 तो होता है पर दखया
ु को दे खकर सब
भल
ू जाता है ।
राम`यारB-तY
ु हारB उदारता का लोग फायदा उठा लेते है ।
कछ
ु लोगP ने तो भाई के बदले रोजी-रोटB तक पर लात
मारने क परB
ू तैयारB कर लB थी । याद है क भल
ू गये
। भगवान ने बचा Gलये अमानषP
ु ने तो परB
ू तैयारB कर
214
लB थी ।
साद-िजसका कोइ◌्र नहB होता उसका भगवान होता है
। अपनी मदद भगवान करे गा आ?मा क मां ।लोक
नायक जयकाश, Jवनोवा भावे जैसे नेक क राह चलने
वालP को कभी जमाना भल
ू पायेगा Xया ? ठ$क है
तY
ु हारB समझाइस को eयान मे रखंग
ू ा Xयोfक साथ साथ
जीने मरने क कसमT जो खायी है ।
राम`यारB-हवन करो पर हाथ न जलने पाये
।इंसा नयत,सrभावना,दBन दखयP
ु क सेवा क राह चलो
पर खोटाच-द जैसे अमानषP
ु क पहचान तो करनी होगी

साद-बहत ु बहत
ु ध-यवाद दे वीजी तमने
ु मेरB आंखे खोल
दB। मेरा Jवनती है तमसे
ु ।
राम`यारB- Xया कह रहे हो ? Jवनती कैसी । तY
ु हारे हर
कम4 क आधे क हकदार तो मo भी हंू । बताओ Xया
करना होगा मझे
ु ।
साद-खोटाच-द ने जो दं श >दया है उसके दद4 का
एहसास अपने तक हB रखना वरना लोग पर>हत क राह
पर चलने से कतरायेगे ।
राम`यारB-सात कसम तो पहले हB खा चक
ु हंू । आठवीं
आज खा लेती है ।
साद-भगवान के Gलये इतनी मेहरबानी करना ।
राम`यारB-आठवीं कसम तY
ु हे साbी मानकर खाती हंू ।
215
भलाई के बदले खोटाच-द के >दये दं श को कभी भी
जबान पर नहBं आने दं ◌ू◌ंगी fकसी के सामने ।
चभती
ु यादT
>दन भर च8ड गम| का कोप था । yानकाश के
उपर लटका पंखा कराह कराह कर जैसे आग उगल रहा
था। दोपहर ढलने के बाद क हवा त नक राहत दे रहB
थी पर दे खते दे खते यहB हवा आंधी का nबगडै.ल Sप धर
लB । आंधी ब-द होने के बाद हवा मT त नक ठ8ड का
एहसास होने लगा । इसी वXत क न अ5धकारB,धरमेश
सहा अ5धकारB,ताप के कान मT म>हला म8डल क सेवा
करके आता हंू पापाजी के उठावने मT जाना है । कहकर
झटके से Jवभागाeयb के केnबन मT गये । केnबन से
बाहर नकलकर सरकारB कार मT बैठकर फर4
ु से उड़ गये ।
सहा अ5धकारB,ताप के कान मT बड़ी सावधानीपव4
ू क कहB
बात कान से बाहर नकल चका
ु थी । यह बात दफतर मT
काम करने वाले कम4चारB◌े yानकाश को जैसे अछत

क तरह दरू झटक दB । yानकाश दफतर से GमलB
5च-ता क गठरB चाहकर भी नहB छोड़ पाता । 5च-ता
उसके साथ चलB जाती । दफतर मT GमलB ठस
T उसे चैन
से जीने नहB दे ती । yान काश 5च-तन क मmा
ु मT
बैठा हआ
ु था घर के बाहर ओटले पर। राह चलते नरायन
क नगाह yानकाश पर पड़ी उसके पांव >ठठक गये ।
वह बगल मT बैठ गया । yानकाश बेखबर था ।नरायन
216
उसके कान मT बोला Xया बात है काशबाबू eयान मन
बैठे घर के बाहर । आने जाने वाले तमको
ु नहारते हए

चले जा रहे है पर तम
ु सबसे बेखबर हो । भाई मझे
ु हB
पांच Gमनट तY
ु हारे पास बैठे हो गया है ।
yानकाश-Xयो घाव पर खार डाल रहे हो नरायन बाबू ।
नरायन-तYु हारB आखP मT जमT आसू पढ रहा हंू ।भला मo
तमको
ु घाव कैसे दे सकता हंू ।
yानकाश-लोग घाव कर पीछे मुड़कर दे खते नहB । हां
छे ◌ाटा कहकर छ$ंटाकसी कर जाते है । दखते
ु हए
ु घाव
को खरे ◌ाच कर म"ु ठ$ भर आग डाल जाते है ।
नरायन-लगता है कोई >दल दखाने
ु वालB बात है ।
yानकाश-छोटे आदमी के >दल पर सभी चोट दे ते है ।
बाते भी आदमी के पद,दौलत और जातीय नYनता और
€े_ठता को दे खकर कहB जाती है । ये इि8डया है । यहां
बहत
ु सी बातP का फक4 पड़ता है ।
नरायन-भईया मेरे भेज मT बात नहB बैठ रहB है । साफ
साफ कहो ना ।
yानकाश-गरBब क खशी
ु तो मरणास-न पर पड़े आदमी
जैसी होती है । मसीबत
ु भी पUरहास का कारण बन जाती
है । घम8डी लोग दौलत और पद के मद मT रौद जाते हo

नरायन-बात अब भेजे मT घसने
ु लगी है ।
yानकाश-यहB बीमारB तो डंस रहB है ।
217
नरायन-fकस बारे मT इतने दख
ु ी हो असलB बात बताओ ।
`याज िजतना छलोगे। छलका नकलेगा ।
yानकाश-Xया Xया बताउ◌ू◌ं । मै तो ऐसे बबल
ू क
छांव का कैदB हो गया हंू fक हर पल मझे
ु चभन
ु हB
Gमलती है । सामािजक पUरवेष बहत
ु दJषत
ू हो गया है ।
हर जगह बंटवारे क बात ।
नरायन-मr
ु दे क बात तो बताओ ।
yानकाश -राजकमार
ु साहब के Jपताजी मर गये िज-हे
पापाजी कहते थे ।
नरायन-सभी मरे गे । वे तो नाती पोते सभी का सख

भोग चक
ु े थे ।
yानकाश-बात उनक नहB है ।बात हमारे दफतर के
अफसरP और कमचाUरयP क है ।
नरायन-Xया बात है । बताओ तब ना मालम
ू चले fक
तY
ु हारे >दल को कौन सी चभती
ु यादT चैन नहB लेने दे
रहB है ।
yानाकश- राजकमार
ु साहब के Jपताजी कइ◌्र >दनP से
अपताल मT थे । दफतर के सभी लोग बारB-बारB से
सरकारB वाहन से दे खने जाते थे । मेरे Gलये मनहायी थी
। मo छ"
ु टB के बाद अपने साइfकल से जाता था पापाजी
को दे खने ।
नरायन-यह तो भेदभाव वालB बात हई
ु ।
yानकाश-सpचाई तो यहB है । हर बात मT मेरे साथ
218
भेदभाव होता है । €े_ठता के पांव तले मझ
ु अदने को
दबाने बार-बार य?न होता है ।
नरायन-तY
ु हारे जैसे लोगP के साथ हर जगह समया है
। कYप नयP मT तो अ5धकतर ऐसी बाते होती है ।
तY
ु हारB कYपनी तो वैसे हB साम-तवाद क उजा4 से
संचाGलत है । मo गलत तो नहB कह रहा ?
yानकाश-ठ$क कह रहे हो अ5धकारB हB नहBं ‹ाइवर,
सबसे छोटा रईस चपरासी भी मझसे
ु वUर_ठ बनता है ।
जा त के नाम पर जहर उगलता रहता है । चपरासी क
दB हई
ु चभती
ु यादT चैन नहB लेने दे ती ।सोचता हंू हमारB
जा त मT इतनी कौन सी खराबी है fक सभी नफरत करते
है । कहने को तो सभी कहते है fक कम4 महान बनाता
है पर ये दोगलापन fकस Gलये ।
नरायन-यह तो अ-याय है ।सरे आम भेदभाव है ।
yानकाश-हमारे साथ हमेशा भेदभाव होता है ।
राजकमार
ु साहब के पापाजी के उठावना क >दन दफतर
के सभी लोग और उनका पUरवार दफतर क कार से गये
आये पर मेरB ओर fकसी ने उलट कर नहB दे खा जबfक
उठावना >दन मT हB नहB आfफस टाइम मT था । मेरे
साथ अछतो
ू जैसा बरताव fकया गया । सभी का
पUरवार उठावने मT कार से गये । मेरे और मेरB घरवालB
के कार मT जाने से दफतर क कार अपJवd हो जाती
Xया ? नरायन बाबू मo रोज अपमान क दUरया मT मर
219
कर नौकरB कर रहा हंू । सच बताउ◌ू◌ं तो नौकरB करने
का मन नहB होता ।
नरायन- तY
ु हारB कYपनी के उपर साम-तवाद का
अ5धंयारा छाया हआ
ु लगता है । यहB अ5धंयारB तY
ु हारB
जड़ मT म"ठा डाल रहा है ।
yानकाश-मेरे साथ बह◌ु
ु त दखद
ु चभती
ु यादे जड़
ु ी है
Xया◌ा Xया बयान कSं । एक बार परेू दफतर के लोग
पUरवार सा>हत Jपक नक पर जा रहे थे । सभी कार से
गये । बड़े साहब ने मझसे
ु भी बोला तम
ु सपUरवार तैयार
रहना कार तमको
ु भी अ◌ेशन तक छोड दे गी पर कार
नहB आयी । बड़ी मिq
ु कल से टे शन पहंु चा lे न को हरB
झ8डी हो गयी था । आते समय भी टे शन से मo और
मेरा पUरवार आटो करके घर आये । कई >दन बात एक
अ5धकारB बोले yानकाश टे शन आटो का fकराया
fकतना लगता है, टB ए nबल बनाना है ।
नरायन-जब तक आदमी क नय त साफ नहB होगी
समानता और सrभावना तो उपज हB नहB सकती
साम-तवाद और S>ढवादB Jवचारधारा से पोJषत >दलP मT
। ऐसे लोग दBन दखयP
ु को चैन तो नहB बेचैन रखने के
Gलये म"
ु ठ$ भर भर आग जSर बोते रहे गे ।
yानकाश-छोटा होने दख
ु मझे
ु बार बार Gमलता है ।
कछ
ु साल पहले डी पीसी थी । बाहर से अ5धकारB आये
हए
ु थे । डी पीसी क Uरपोट4 मैने हB टाइप fकया ।
220
अ5धकारB लोग Jपक नक पर चले गये । मo Uरप‰ट लेकर
आठ बजे राnd तक बैठा रहा । इसी बीच दफतर मT बड़े
पद पर काम करने वाले चतरमाणक
ु रोनाधर आये और
मझसे
ु ◌े हमददx जताते हए ु बोले Xये◌ा◌ं बैठा है रे
yानकाश तY ु हारB घरवालB ख>टया पर पड़ी है । घर
जाना था ना । मैने कहा साहब ऐसी बात है कै◌ेसे जा
सकता हंू । चतरमाणक
ु रोनाधर बोले अरे तू जा मo बता
दं ग
ू ा । साहब लोग तो कल जायेगे । खदु Jपक नक मना
रहे है । छोटे कम4चारB को बंधुवा मजदरू बना >दये है ।
तू जो मo दे दं ग
ू ा Uरप‰ट तू 5च-ता न कर जा । मेरB
अXल पर प?थर मार गया मo चला गया । मेरे जाते हB
साहब लोग भी आ गये । चतरमणक
ु रोनाधर ने मेरB
Gशकायत कर दB । वह बड़े साहब का खास हो गया ।
मेरB नौकर जाते जाते बचा◌ी थी ।
नरायन- चतरमाणक
ु रोनाधर तो त नक भी अpछा नहB
fकया खद
ु को उपर उठाने के Gलये छोटे कम4चारB के
उपर उ}टे प}
ु टे इ}जाम लगा >दये । रोटB रोजी पर लात
मारने पर उतर गया । कैसा अमानष
ु है ।
yानकाश-भइया नरायन जब से आंख खलB
ु है तब से
हB जOम पर जOम Gमल रहा है ◌ै। आदमी Šारा खड़ी क
गयी मिq
ु कले म"
ु ठ$ क आग भां त तड़पा दे ती है ।
नरायन-ठ$क कह रहे हो भइया जा तवाद,उ◌ू◌ंच-नीच का
भेद म"
ु ठ$ भर आग हB तो है ।
221
yानकाश-इसी म"
ु ठ$ भर आग क लपट मT तो झलस

रहा हंू । भेद क म"
ु ठ$ भर आग न होती तो हमारB
उ-न त के राते ब-द ना होते । मेरB शैbणक योयता
जातीय योयता के आगे एकदम से छोटB हो गयी है
साम-तवादB iयवथा के चuiयूह मT फंसकर । चभती

यादP मT अpछाई ढढने
ू का यास कर रहा हंू ताfक
िज-दगी बोझ न बन सके ।
नरायन-ब>ढ◌ायां सोच है । गरBबP क राह मT कांट
nबछाने वालP का मन पUरव त4त होने मे भइया आपका
कृ त?व सहायक होगा । तम
ु इ तहास रच रहे हो ।
तY
ु हारB राहP मT कांटा nबछाने वाले एक >दन तY
ु हारे उपर
गव4 करे गT ।
yानकाश- मेरे साथ छल तो JवषमतावादB आदमी कर
रहा है । चहंु ओर से आती अजगरP क फफकार
ु से लगने
लगा है fक मेरB योयता का यौवन नहB नखर पायेगा ।
मेरे आंसू पाषाण पर दब
ू उगा दे यहB भगवान से ाथ4ना
है ताfक सrभावना क जड़P को बल Gमल सके ।
नरायन-तY
ु हारा दख
ु सहकर दसरP
ू के सख
ु के Gलये जीना
जSर सrभावना के bेd मT मील का प?थर साnबत होगा

yानकाश-मo तो समानता क अGभलाषा मT जहर पी रहा
हंू । योयता को हारता हआ
ु दे खकर भी कम4 से मंह
ु नहB
मोड़ रहा हंू ।
222
नरायन-सच iयवथा मT जा तवाद क फफकार
ु हक मार
रहB है ।गरBब गरBब होता जा रहा है ।जा तवाद क
महामारB इंसा नयत को डंस रहB है इसके बाद भी समाज
और लोकत-d के हार जा त तोड़ो के अGभयान को हवा
नहB दे रहे हo । जा तवाद दे श और समाज को कोई
तरXक नहB दे सकता । धम4 नपbता
k का नारा बल-
ु द
करने वाले जा त नपbता
k को Xयो भल
ू जाते हo । जब
तक जा तवाद क आग सलगती
ु रहे गी कमजोर वग4 परB

तरXक से तरXक नहB कर पायेगा ।
yानकाश-हां भइया इसी महामारB ने तो मेरB योयता
को डंस Gलया है । मझसे
ु कम योयता वाले बड़ी बड़ी
पोटP पर Jवरािजत होकर मझे
ु 5चढाते है ,Xयोfक मेरे
पास जातीय €े_ठता नहB हo । वह कYपनी जहां मo
नौकर हंू वह साम-तवादB iयवथा Šारा शाGसत है । वहां
मझ
ु कमजोर क योयता आंसू बहा रहB है ।
नरायन- तY
ु हारB चभती
ु यादP के बयान से तो सpचाई
झलक रहB है ।
yानकाश- ब>ह_कृत होकर भी प?थर >दलP पर
सrभावना क बेल उगाने क कोGशश कर रहा हंू ।मेरा
भJव_य तो तबाह हो गया हे पर मo नहB चाहता fक
fकसी और कमजोर क शैbणक योयता को जा त का
\वालामखी
ु न भम करT ।
नरायन-Jवyान के यग
ु मT योयता को जा तवाद के
223
तराजू पर तौला जा रहा है । यह तो अ-याय है ,सािजश
है । इस तरह से तो कमजोर तबके का आदमी तो कभी
उबर हB नहB पायेगा ।
yानकाश-मo कहां उबर पा रहा हंू । वण4वाद क म"
ु ठ$
भर आग ने मेरB शैbणक योयता को डंस Gलया है ।
मेरे आंसू भी उपहास बन रहे है । कछ
ु शीष4 पर बैठे
लोग भी भJव_य तबाह करने क  तyा कर चक
ु े है ।
नरायन-तY
ु हारा कम4 के  त सpचा समप4ण जSर uाि-त
लायेगा । तम
ु तो भJव_य को सलगता
ु हआु दे खकर भी
सामािजक -याय के Gलये काम कर रहे हो । प?थर >दल
जSर पसीजेगे ।तम
ु समानता के Gलये कलम चला रहे हो
ऐसे हB चलाते रहे । ठ$क है तY
ु हारB पदो-न त मT जा त
बाधा बनी हई ु है पर तम ु एक >दन हर >दल अजीज
बनोगे । तY
ु हारा ?याग iयथ4 नहB जायेगा ।
yानकाश-सामािजक कटता
ु क जड़ मT सrभावना क
खाद डालने का यास कर रहा ह◌ू ू ◌ं अपनी कलम के
भरोसे दे खो कहा तक सफल होता हंू ।
नरायन-सभी Jवqव Gसeद लोग  तकल
ु पUरिथ तयP
मT तपकर क-
ु दन हए
ु है ।  तकल
ु पUरिथ तयां आदमी
को अमरता दान करती है ।
yानकाश-चभती
ु यादT चैन तो नहB लेने दे ती fफर भी
सYभावना के रथ पर सवार होकर समानता के Gलये खद

को वाहा कर रहा हंू मौन ताfक कल का सरज

224
सामािजक समानता लेकर आये ।
नरायन-yानकाश तY
ु हारे हर श~द मT चभती
ु यादP क
कराह समायी हई
ु है । जब से तमने
ु होश सYभाला है
तब से हB  तकल
ु पUरिथयP से गजर
ु रहे हो। चभती

यादP के जOम ढो रहे हो पर तम
ु टटे
ू नहB ।
yानकाश तY
ु हारा हौशला जSर €े_ठता ा`त करे गा
कहते हएु नरायन माथे से चू रहे पसीने को पोछे और
जा त के नाम पर भJव_य बबा4द करने वालP के नाम पर
थ-ू थू करते हए
ु अपने ग-तiय क ओर दौड़ पड़े ।

दातान
तान-ए-गांव
शोJषतP,कमजोर तबके के Jपछडे.पन क िजu यदा कदा
सनायी
ु पड़ जाती है । गरBबी,जा तवाद और भGमहBनता
ू के
Uरसते जOम मT तड़प रहे वं5चतP का दद4 स?ताधीशP के
कान को नहB खजला
ु पाया । मई और जन
ू के महBनP
को छोड़कर सभी महBने खेत अपनी सौ-दय4 पर इतराते
रहते है । जोत क जमीनो एंव अ-य जमीनP पर सबल
वग4 का एका5धकार है । अ5धकतर शोJषत वं5चत वग4
भGमहBन
ू खे तहर मजदरू है । जमीदारP के खेत मT खन

पसीना करके बहाना वं5चतP का पेशा है । मील,
कारखाने◌ा◌ं का अकाल सा पड़ा हआ
ु है । नतीजन
अ5धकतर वं5चत शोJषत समाज के लोग जमीदारP क
हवेलB से खेत खGलहान तक हाड़ फोड़ने को मजबरू है ।
225
गरBबी के ेत का इतना आतंक है fक बpचे आठवीं
दसवीं के आगे पढाई कर नहB पाते । आजादB के इतने
दशकP के बाद भी चौक गांव क चौखट तक तरXक
नहB पहंु च पायी है । भले हB सरकार आंव8टन का >ढढोरा
पीट रहB हो पर इस गांव मT आव8टन नहB हो सका है ।
गांव समाज क जमीन शोषक समाज के क~जे मT है ।
गांव के शोJषत मेहनत मजदरB
ू के बल पर िज-दा माd
है । दभा4
ु य है fक यह गांव जात-d क नाक के नीचे
तरXक से कोसो दरू है । शोषण,गरBबी,सामािजक बराईयP

क म"
ु ठ$ भर आग मT तड़प तड़प कर जीवन nबताने को
मजबरू हo ।चौक गांव के शोJषतP मT सहनशीलता और
हाड़फोड .मेहनत कट
ू कट
ू कर भरB हई
ु है । यहB मेहनत
क थाती इ-हे िज-दा रखे हएु है । शोJषत वग4
गरBबी,अGशbा,बीमारB,नशाखोरB के चंगुल मT भी परB
ू तरह
फंसा हआ
ु है । कछ
ु दसवीं जमात तक पढे लडके दरू
शहर के कल कारखानP मT काम करने लगे है । कमाई
तो उ-हे अ5धक नहB हो पाती है पर शहर मT Gमल रहB
इ\जत उ-हे \यादा रास आने लगी है । वहBं जमीदारP
के खेत मT काम करने वालP को तो इ\जत दरू अछत

कहकर द?ु कार तक >दया जाता है । गांव के शोJषत वग4
के मजदरू जमींदारP के Xया कोई दसरB
ु भी बड़ी जा त के
बत4न नहB छू सकते । गांव के शोJषत गरBबी से ऐसे
जकड़े हए
ु है fक बpp◌ा
े के आठवीं Xलास तक जाते
226
जाते हार जाते है । नतीजन बpचे क पढाई छट
ू जाता है
। वह भी मां बाप के साथ जमीदारP के खेत मT
हाड़फोड़ना शS
ु कर दे ता है । 5गने चन
ु पढे Gलखे
बेरोजगारB का अGभशाप झेलने को मजबरू हो जाते है ।
उनके मां बाप कढते
ु रहते है । मां बाप के बढते बोझ को
दे खकर ऐसे गरBब भGमहBन
ू खे तहर मजदरू मां बाप के
लड़के के सपने मर जाते है और वे भी दो जन
ु क रोटB
के Gलये माGलको के खेत मT हाड़फोड़ने लगते है। दसरा

उनके पास कोई चारा भी नहB होता है । राजनेताओं
मि-dयP के आqवासन तो थोथा चना बाजे घना को हB
चUरताथ4 कर रहे है ।
चनाव
ु के >दनP मT म-dी और नेता डेरा डाले रहते है ।
बाक >दनP मT आसपास से नकल जाते है पर गांव क
ओर ताकते नहB । Jवकास के नाम पर सड़के और
nबजलB गांव तक दौड़ तो चक
ु  है आ5थ4क एवं सामािजक
उ?थान के Gलये कोई पO
ु ता इ-तजाम नहB हो सका है ।
गांव को वं5चतP के नाम महकू राम ,धनकू राम,दखीराम
ु ,
कड़कु राम, महं गू राम, तनकू राम, जोखनराम पर दशरथ
पd
ु €ीराम से त नक भी नजदBक नहB । वं5चतP के नाम
के साथ जड़
ु ा राम का नाम छोटB जा त का तीक हो
गया है । दे श को आजाद हए
ु कई दशक तो nबत चक
ु े है
पर चौक गांव के वं5चतP को न सामािजक और न हB
आ5थ4क उ?थान हआ
ु है । सामािजक बराईयP
ु ,जातीय
227
भेदभाव और आ5थ4क मिq
ु कलP के दलदल मT वं5चत धंसे
जा रहे है । राजनै तक चेतना का अलख जगा तो है पर
आि◌◌ाथ4क ,सामािजक,शैbणक जाग ृ त अभी भी कोसो
दरू है इस गांव से । गांव और गांव के से कोसो दरू तक
उ›ोग ध-धे नदारत है । खेती क जमीन भी नहB है
जबfक वं5चतP को पqु तैनी धंध खेतीबारB है । जमीन का
माGलकाना हक जमीदारP के पास है । वं5चतP के पास
आजीJवका का कोई साधन नहB है । परB
ू बती के लो
खे तहर भGमहBन
ू मजदरू है । सरकार भले हB परB
ू तरह
आव8टन हो गया है का >ढढोरा पीट ले पर इस चौक
गांव के वं5चतP को आव8टन का लाभ नहB Gमला है ।
सरकारB एवं गांव समाज क भGम
ू पर दबंगP का क~जा
है । कहBं घरू के नाम पर कहB खGलहान के नाम पर
कहBं हUरयालB के नाम पर कहB तालाब के नाम पर तो
कहB कएं
ु के नाम पर या और fकसी नाम पर । य>द
आंव8टन हआ
ु भी है तो बस खानापू त4 हई
ु है । दबंगP के
क~जे मजबत ू मT है ।
गांव आवqयक 5चfक?सीय सJवधाओं
ु से वं5चत है । खेत
माGलक और पैसे वाले तो शहर जाकर इलाज करवा लेते
हo पर-तु गरBब शोJषत वं5चत नीम हकमP के जाल मT
और ओछाई सोखाई के चuiयह
ू मT फंस जाते है ।
बदलतते वXत मT भी चौक गांव के वं5चतP का उeदार
नहB हआ
ु है । आजादB के बाद पहलB बार इस गांव का
228
धान वं5चत समदाय
ु का तो बना है पर वह भी दबंगो
का गोबर उठाने मT अपनी शान समझता है । वं5चत
आव8टन क बात करते है तो कहता है आव8टन तो हो
गया है । तीन भGमहBनP
ू को दो-दो बीसा जमीन GमलB है
। कई एकड़ जमीन दबंगP के क~जे मT है । इतनी जमीन
मT तो चौक गांव के पpचीसP पUरवार के पास इतना खेत
हो जाये fक सभी कमा खा ले पर धन तो उ}टे डांट
दे ता है यह कहकर fक कहां जमीन खालB है । आव8टन
का लाभ चाहने वाले जमीन बताते है तो वह कहता है
fक फला बाबू का क~जा है । कौन जायेगा रार लेने ।
पानी मT रहकर अजगर से कौन बैर लेगा । कब होगा
आव8टन । कब कटे गा भGमहBनता
ू का अGभशाप । बेचारे
वं5चत बाट जोह रहे है तरXक क पर-तु तरXक उनक
चौखट तक नहB पहंु च सक है । हां राजनी त क घसपै
ु ठ
जSर हो चक
ु है पर चालाक fकम के लोग उनका
भरपरू फायदा उठा लेते है । शोJषत वं5चत मंुह ताकते
रह जाते है , जा तवाद,भेदभाव गरBबी और अभाव क
वेदना से कराहते हए
ु । वत4मान समय मT शोJषतP क
बती के कये
ु का पानी अपJवd है । वं5चत लोग त नक
त नक बातP मT लडने मरने को तैयार हो जाते है ।
हX
ु का पानी ब-द होना आम बात होती है । राजनी त क
nबसात पर भी वं5चत समदाय
ु तरXक से दरू फT का जा
रहा है । हां इंच इंच भर जमीन के Gलये इनक अगवाई

229
करने वाले चतरु लोग इ-हे लड़ाते रहते है अपना उ}लू
सीधा करने के Gलये । कई कई बार तो ये भोले लोग
अपना भारB नकशान
ु तक कर बैठते है । जन जागरण
क बयार गांवP से काफ दरू है । श>दयP से सताये गये
लोगP क बु नयादB जSरतT भी परB
ू नहB हो पा रहB है ।
शोJषत लोग आंसू मT Sखी सखी
ू रोटB गीलB कर बसर
करने को Jववस है ।
गांव के अ5धकतर शोJषत लोग अपने Jपछड़ेपन का दोष
S>ढवादB iयवथा को ठहराते है ,िजसक कोख से हB
उपजी है सारB मिq
ु कले चाहे छआछत
ू ू हो नरbता हो ।
गरBबी हो या कोई अ-य तरXक क बाधायT । शोJषत
भGमहBन
ू खे तहर मजदरू fकसी कJष
ृ Jवशेषy से कम
नहB है पर-तु वे अपने yान का उपयोग खेत माGलकP के
Gलये करते है हाड़फोड़ मेहनत और माथे झUर4
ु यP के बदले
Gमलती हo बस अभाव भरB िज-दगी । य>द इन मजदरP

के पास कछ
ु जोत क जमीन होती तो ये लोग अpछ$
पैदावार लेकर अपने पUरवार का भरण-पोषण अpछ$ तरह
से कर सकते है । सरकारB कानन
ू होने के बाद भी परB

तरह से आव8टन का लाभ चौक गांव के भGमहBनP
ू को
तो नहB Gमल पाया है । इस तरह क लBपा-पोती शोJषतP
क जड़ खोदने पर लगी हुई है ।
चौक गांव के शोJषतो को दे खकर उनक बेबसी का
अ-दाजा लगाया जा सकता है । सरकारB सJवधाओं
ु के
230
लाभ से शोJषत समाज वं5चत है । चनाव
ु आते हB सभी
पा>ट4 यां बडे बड़े वादा करती है इनके क}याण का पर
चनाव
ु जीतते हB सब भा◌ूल जाते है । सरकार लाख
आरbण क ढोल पीटे पर इस बती का शायद हB कोई
आदमी सरकारB नौकरB मे हो । पढे Gलखे शोJषत यवक

चारो आ◌ोर से नराश लौट आते है । नौकरB पाने के
Gलये जSरB योयता के बाद भी नौकरB नहB Gमल पाती
है XयPfक इनक इतनी पहंु च भी नहB होती है और
इनका खसा भी तो तार तार होता है । ाइवेट bेd
इस वग4 को ाथGमकता के आधार पर रोजगार महै
ु या
करा दे तो यह वग4 भी चैन का जीवन जी सकता है पर
ाइवेट bेd मT इनक पहंु च सु निqचत हो तब ना ।
आज भी तो कई bेd है ऐसे है जहां जा त के नाम पर
वेश विज4त है । सामािजक उ?थान के Gलये काम कर
रहB वयं सेवी संथायT शोJषतP के Gलये आशा क fकरण
साnबत हो सकती है पर संथायT जा त-भेद से उपर
उठकर काम करे तब ना ।
दे श के दसरो
ू  तभावानP क तरह चौक के बती के
शोJषतP मT भी  तभाये छपी हई
ु है पर कोई नखारने
वाला नहB Gमल रहा है । दं बग लोग तो द?ु कार के
अलावा कछ
ु कर भी नहB सकते । उ-हे तो बस अपने
एका5धकार से मतलब है । दबंग लोग अपना >हत
शोJषतP के शोषण मT सरabत
ु पाते हo । Jवyान के इस
231
यग
ु मT द ु नया जा तवाद क बराई
ु जान चक
ु है ।इसके
बाद भी जा तवाद को बढावा >दया जा रहा है । धम4 के
ठे केदार भी अपना Gसंहासन इसी मT सरabत
ु दे खते है ।
दे श का संJवधान बदलने क सािजश तो रची जा रहB है
। S>ढवादB iयवथा मT बदलाव क कोई बात हB नहB
उठ रहB है जबfक जा तवाद क महामारB ने तो आदमी
को ख8ड ख8ड कर >दया है । सामािजक समानता दम
तोड़ चक
ु है । जा तवाद का Jवषधर फफकार
ु रहा है ।
काश जा तवाद का Jवषध ख?म हो जाता तो चौक गांव
हB नहB परेू दे श मT समानता का साtा\य थाJपत हो
जाता । शोJषत समाज को सYमान से जीने का हक
Gमल जाता । वह भी चहंु मखी
ु Jवकास क धारा से जड़

जाता । काश ऐसा हो जाता जीवन बाबू तो मo उतना
खश
ु होता िजतना पंखJवहBन पंbी पंख पाने पर ।
जीवन बाबू -ठ$क कह रहे हो दBनू दादा मलभत
ू ू अ5धकार
क रbा के Gलये हमT खद
ु के बGलदान के Gलये तैयार
होना होगा तभी Jवषमता क म"
ु ठ$ भर आग शा-त हो
सकेगी ।
दBनदादा
ू -सामािजक समानता और -याय के Gलये हमT
एक होकर उठ खड़ा होना होगा तभी अ5धकार क जंग
जीत सकेगे ।
जीवन बाबू -चलो सभी शोJषत समदाय
ु के लोग Gमलकर
आज से हB जंग का ऐलान कर दT ताfक शोJषत समदाय

232
के लोग भी Jवकास क मO
ु य धारा से जड़
ु सके ।

Jपक नक
qयामJवहारB- लगता है रामJवहारBबाबू नया साल ब>ढया
जायेगा । कYपनी नये आयाम छये
ू गी ।
राम nबहारB-कYपनी मT Xया फायदे मंद हो रहा है लोवर
केटे गरB के Gलये । खैर सभी कYपनी का Jवधान अpछा
होता है पर लाभ तो उपर वाले और पहंु च वाले हB उठा
लेते है । लोवर केटे रगरB तक तो गंध भी नहB पहंु च
पाती है । अभी तक तो कोई लाभ नहB Gमला है आगे
क तो कछ
ु कह नहB सकते । लाभ क तो कोई उYमीद
नहB है हो जाता है तो कोई दै वीय चम?कार समझो
।पि?◌ार >दल इंसान को तो दै वीय चम?कार हB चसीजा
सकता है ।
qयामJवहारB-लाभ Gमलेगा रामJवहारB कब तक बड़े लोग
छोटे लोगP को खन
ू चसते
ू रहे गे । दे खो कYपनी ने
चपरासी से लेकर उpच अ5धकारB तक क Jपक नक के
Gलये समान राGश का आंव8टन fकया है । यह बात कोई
कम नहB है । हो सकता है अब से हB कछ
ु नजUरये मT
बदलाव आये ।
रामJवहारB-हम लोवर कटे गरB के लोगP के बpचे Jपक नक
इं\वाय नहB कर पायग
T T ।
qयामnबहारB-XयP ?
233
रामJवहारB-कल Jपक नक का >दन है ।लोवर कटे गरB के
लोगP को Jपक नक ले जाने के वाहन तक का इ-तजाम
नहB है ।हम लोवर कटै गरB के लोग दो प>हया वाहन से
अपने पUरवार को कैसे ले जायेगे ।
qयामJवहारB-Xया ? कल Jपक नक जा रहB है और लोवर
,ेड को परB
ू तरह जानकारB भी नहB । दरू -दरू से
Jपक नक क खबर Gमल रहB है एक दफ् तर मT बैठकर
भी ।
रामJवहारB-हां qयामnबहारB हायर कटे गरB के लोगो के पास
तो इ-तजाम है उनके पास सJवधा
ु है । वे तो सारB
iयवथा कYपनी के खचk पर कर सकते है । खास लोगP
के Gलये खास इ-तजाम होगा पर हम छोटे कम4चाUरयP
के Gलये कोई इ-तजाम नहB ।मज| पड़े तो जाना नहB तो
मत जाना कोई पछने
ू वाला नहB है । Jवकट साहब तो
यहां तक कह चक
ु े है fक fकसी के न जाने से Xया फक4
पड़ता है ?
qयामJवहारB-ये कYपनी के खचk पर आयोिजत होने वालB
Jपक नक है या लोवर कटे गरB के को दरू रखने क
सािजश ।
रामJवहारB-सािजश मानP या लोवर और हायर कटे गरB के
बीच Kडटे -स मेनटे न करने का षणय-d ।
qयामJवहारB-लोवर कटे गरB के लोगP का अ5धकार कैसे
सरabत
ु रह पायेगा ? ये हायर कटे गरB के साम-तवादB
234
शहं शाह तो हमारे हकP को ऐसे हB लBलते रहे गे Xया? हम
कंकड़ से आंसू पोछते रह जायेगे अहं काUरयP के बीच।
रामJवहारB-ठ$क कह रहे हो qयामnबहारB । अहं कार
आदमी को झकने
ु नहB दे ता य>द अहं कार साम-तवाद से
पोJषत हो तो और भी घणत
ृ हो जाता है । खद
ु को खदा

समझता है । लोवर कटे गरB के योय और बिe
ु दमान को
महामरख
ू समझता है ।यहां तो अ5धकतर लोग पद और
दौलत के अहं कार क म"
ु ठ$ भर आग मT लोवर कटे गरB
के लोगो को सलगाना
ु जानते हB है । यहां तो अहं कार
को साम-तवाद के पर लगे हए ु है । साम-तवाद के
nबलाय त बबल
ू सरBखे छांव मT तो लोवर कटे गरB का तो
कभी फलफल
ू हB नहB सकता ।अहं कारB तो झकना

जानता है नहB और नहB वह Jवनयशील होता है ।
अहं कारB तो बस एकछd राज थाJपत करना चाहता है ।
वहB कछ
ु लोग कर रहे है यहां ।
qयामJवहारB-सच अहं कार तो ऐसा Gशखर होता है िजस
पर चढ कर दे खने पर वैसे तो सभी आदमी छोटे नजर
आते है पर लोवर कटे गरB का आदमी तो कड़ा मकोड़ा
नजर आता है । यहB इस कYपनी मT भी हो रहा है ।
रामJवहारB-कल Jपक नक पर जाना है । सारB तैयाUरयां
हो चक
ु है पर हमारे कानP को अभी भनक तक नहB
पड़ने दB गयी है । शाम तक तो राज खल
ु हB जायेगा
हमे पUरवार स>हत Jपक नक मT शाGमल होने का -कहा
235
जाती भी है या नहB । य>द कहा जाता है तो वाहन का
इ-तजाम होता◌ा है या नहB ।
qयामJवहारB-अरे हमारे हक को ये हायर कटे गरB के लोग
कैसे लBल जायेगे ?
रामJवहारB-यहB होता आ रहा है । खैर शाम तक पता
चल जायेगा । अभी तो लंच करो । XयP टशन
T ले रहे
हो। अरे Jपक नक पर जाकर कौन सा सख
ु पा लेगे ।
रोज रोज तो हायर कटे गरB का >दया दं श झेल रहे है
।एक >दन के झठ$
ू सrभावना से >दल का जOम तो
नहB भरे गा ना । रहB बात जाने क तो सJवधा
ु Gमलेगी
तो चलेगे । नहBं Gमलेगी तो नहB चलेगे ।
qयामJवहारB-अरे ऐसे कैसे नहB Gमलेगी । लोवर कटे गरB
का हक ये हायर कटे गरB के लोग कैसे लटते
ू रहे गे ?
रामJवहारB-लंच कर ले◌ा nबहार बाबू । Jपक नक पर ले
जाना नहB जाना तो iयवथापक नधा4Uरत करे गे । अभी
तो लंच करो ।
qयामJवहारB-लंच तो कSंगा हB पर मैनेजरP का दiु य4वहार
खलने लगा है । अरे हमारे नाम से भी पैसा हायर गेर् ड
वालP के बराबर आया है । हायर कटे गरB को अ5धक
नहB Gमला है ।हां अ5धकारB तो उनके हाथ मT है । जैसा
चाहे वैसा करT ।
रामJवहारB-Jपक नक क बात ख?म करो । हायर ,ेड के
लोग इतनी दUरयां
ू नहB मेनटे न करे गे । वे भी इंसान है
236
हम लोवर कटगेरB हो या लोवर ,ेड के लोग ।
qयामnबहारB-हायर ,ेड दोषी नहB है पर जो साम-तवादB
सोच है न वहBं हम लोगP का चैन छन रहB है । खैर
असGलयत का पता चल जायेगा दफतर ब-द होने से
पहले ।
qयामnबहारB और रामJवहारB लंच fकये । इसके बाद
अपने काम मT लग गये ।दफतर ब-द होने का समय आ
गया । qयामnबहारB ,रामJवहारB के पास गया और उसके
कान के पास बोला यार ये मैनेजर लोग तो बड़े घाघ हो
है । हमारB Jपक नक पर भी 5गeद नजर लग गयी है
Xया ?
रामJवहारB-दे खो qयामnबहारB तY
ु हारB हालत तो दफतर मT
मझसे
ु कई बेहतर है । लोवर ,ेड का होकर भी तम

हायर कटे गरB के हो मo तो लोवर हB लोवर हंू । तम

Jपक नक क iयवथा कर रहे मैनेजर Jवकट कमारसाहब

से बात करP । दे खो Xया कहते है । कोई वाहन हम के
Gलये है क नहB ।
qयामnबहारB-Xयो चने क झाड़ पर चढा रहे हो । पछ

लेता हंू । बpचे जब से सने
ु है तब से तैयारB मT लगे है ।
वैसे हमT तो fकसी ने बताया भी नहB fक दफतर के
लोग Jपक नक पर जा रहे है । उड़ती खबर सना
ु घर मT
जाकर बता >दया ।
रामJवहारB -दरू से तो हमने भी सना
ु है पर मo घर मT
237
नहB बताया हंू fक कल Jपक नक पर जा रहे है । वैसे
इतना बताया था fक Jपक नक जनवरB के महBने मT जा
सकते है दफतर क ओर से । खैर हमारे बpचे भी तैयारB
मT है बस बो◌ेलने भर क जSरत हे वे तर-
ु त तैयार हो
जायेगे । qयामnबहारB तम
ु Jवकट साहब से पछो
ू तो सहB

qयामnबहारB-जाता हंू कहकर Jवकट साहब के कमरे मT
वेश fकया । Jवकट साहब उसे दे खते हB 5चढकर बोले
XयP qयामnबहारB Xया काम है ।ज}दB बोले◌ा◌ं मo बहत

nबजी हंू । सांस लेने भर क फस4
ु त नहB है ।कोई काम
हो तो ज}दB से बोल दो ।
qयामnबहारB-साहब कल दफतर से Jपक नक जा रहB है
कया ?
Jवकटसाहब- हां तो । ना जाये Xया ?
qयामnबहारB-हम शाGमल हो सकते हo Xया ?
Jवकटसाहब-XयP नहB । तमको
ु पता नहB है ।
qयामnबहारB- अ5धकाUरक तौर पर तो हमT Xया fकसी
छोटे कम4चारB को नहB पता है ।
Jवकटसाहब- नहB पता है तो जान लो । कल सनडे का
>दन है दफ् तर के सभी हायर और लोवर कटे गरB के लोग
Jपक नक पर चल रहे है ।
qयामnबहारB- साहब अकेले चलना है या सपUरवार ।
Jवकटसाहब- सपUरवार ।
238
qयामnबहारB-वाहन क कोई सJवधा
ु है ।
Jवकटसाहब-नहBं वाहन का खचा4 वहन करना होगा ।
qयामnबहारB-साहब ये Jपक नक कैसी ? ये तो सािजश हो
गयी लोवर ,ेड / लोवर कटे गरB से दरB
ू बनाने क ।
Jवकटसाहब-दUरयां
ू तो बनी रहनी चा>हये । Jपक नक पर
सभी चल सकते है लोवर ,ेड / लोवर कटे गरB के लोग
पर वाहन क सJवधा
ु नहB Gमलेगी ।
qयामnबहारB-साहब लोग कैसे जायेगे ।
Jवकटसाहब-साहब लोगP के बारे मT तY
ु हे 5च-ता करने क
कोई जSरत नहB । दफ् रत और मैदानी सभी साहब
वाहन क सJवधा
ु ा`त लोग है । तम
ु तो अपनी 5च-ता
करो आ जाना काउइ8टरBXलब मT जैसे भी आ सकते हो
। साहब लोगP के बराबर तY
ु हारे भी इ-टरटे नमे-ट का
अरजमे
T 8ट है । इतना Xया कम है ?
qयामnबहारB-साहब काउइ8टरB क}ब हम कैसे पह◌ुु ◌ंच
सकते है दो प>हया वाहन से वह भी पUरवार के साथ
शहर से चालBस पpचास fकमी दरू । चालBस fकलोमीटर
दरू कोई कैसे जा सकती है पांच पांच को एक कू टर या
मोटर साइfकल पर बैठाकर । यह तो अ-याय हो रहा है
लोवर ,ेड के साथ ।
Jवकटसाहब--याय हो रहा है या अ-याय यह तो तम

जानो । इतना सन
ु लो वाहन का सख
ु नहB Gमलेगा ।
वाहन सJवधा
ु चा>हये तो बड़े साहब के पास चले जाओ ।
239
वहB वाहन सJवधा
ु उपल~ध करवा सकते हo ।
qयामnबहारB-हायर ,ेड वालP क iयवथा आप कर रहे हो
लोवर क बड़े साहब । XयP पानी मT आग लगा रहे हो
साहब ।Xया हम लोगो का हक मारकर आप लोग
Jपक नक का इं\वाय कर पायेगे ?
Jवकटसाहब-qयामnबहारB बाहर नकलो यहां से । कोई
Gशकायत है तो साहब से कहो ।
qयामnबहारB-चोर-चोर मौसेरे भाई । चोर GसपाहB का खेल
हो रहा है यहां ।
Jवकटसाहब- Xया नाक मT बोल रहे हो जोर से बोलो।
qयामnबहारB-मेरB Xया औकात क बोलू । लोवर ,ेड
इYपलायी क कौन सने
ु गा इस माहौल मT जब द ू य◌ा◌ं
मेनटे न रखने क सािजश रची जा रहB हो ।लोवर ,ेड को
अव-न त के दलदल मT ढकेला जा रहा हो । Xया उYमीद
करT ऐसे साम-तवादB साहबो से से जो बस अपना मतलब
साधने क जआ
ु ड़ मT लगे रहते है ,कमजोर के हको पर
क~जा जमाने के चाल चलते रहते है ।
Jवकटसाहब-XयP बकबका रहा है जा Jवपि?तनरायन, ˆांच
मैनेजर साहब से बता अपनी परे शानी । कर दे मेरB
Gशकायत ।
qयामnबहारB-सpची बात कड़वी लग रहB है । ठ$क है
साहब से बात कर लेता हंू आप द?ु कार रहे हो तो ।
Jवकटसाहब-जा तझको
ु दे खकर साहब कस|ु छोड़ दे गे ।खद

240
Jपक नक पि~लक सवारB से जायेगे तझे
ु और तेरे जैसP
को सरकारB कार भेज दे गे ।
qयामnबहारB-अपनी fकमत कहां ऐसी । अपनी fकमत
पर तो कछु लोग नाग क तरह जमे हए ु है ।हम लोगP
के आंसओ
ू पर जाम लड़ाने क योजना है ।
Jवकटसाहब- Xयो भेजा खा रहा है जा अपना दख
ु ड़ा साहब
को सना
ु ।
qयामnबहारB-हां भई लोवर कटे गरB के लोगP का यहा कौन
सनने
ु वाला है fफर भी सनाने
ु क कोGशश तो करके
रहंू गा◌ा ।
qयामnबहारB Jवकट साहब के चैYबर से माथे से पसीना
पोछते हए
ु ˆांच मैनेजर साहब के केnबन क ओर बढा
उससे पहले साहब दफतर से बाहर नकले और खद ु कार
‹ाइव कर चल पडे. । कामJवहारB,‹ाइवर कार का छोड़ा
धआ
ु और धल
ू का गबार
ु नहारता रह गया । वह कार के
आंख से ओझल होते हB वह रामJवहारB के पास आया
और बोला रामबाबू Xया हमे Jपक नक से दरू रखने क
सािजश नहB है ?
qयामnबहारB-सािजश हB◌ा है । पद और दौलत का
अGभमान प?थर >दल बना >दया है । छोटे कम4चाUरयP
को तो बहतु उपदे श दे ते है । लगता है fक इनसे बड़ा
धमा4?मा कोई होगा हB नहB पर ये तो आितन मT सांप
रखते हo । मंह
ु मT राम बगल मT छरB
ु रखते है । कहते
241
कछ
ु करते कछ
ु है ।इनके ]दय मT अहं कार का काला भत

पलता है ।
कामnबहारB-ये तो सभी जानते है पर मानता कौन है ।
मझे
ु तो ये बताओ fक हम लोग Jपक नक चलेगे तो कैसे
?
qयामnबहारB-Jपक नक के Gलये कYपनी ने लोवर ,ेड के
कम4चाUरयP को हायर ,ेड अ5धकाUरयP के बराबर का
बजट >दया है तो Xया लट
ू ले◌ेगे । चलेगे तो जSर भले
अकेले । काउइ8टरB Xलब Jपक नक थल है इतना तो
पता चल हB गया है ।
कामJवहारB-बpचP को छोड दे गे Xया ? मेरे बpचे तो
हफ् ता भर से तैयारB मT जटेु है । कैसे उनको मना कSंगा

qयामnबहारB-कह दे ना Jपक नक कGसल
o हो गयी है ।
रामJवहारB-XयP बpचP से झठ
ू बोलने को कह रहे हो
qयामnबहारB । असGलयत बता दो । बpचP को भी तो
पता चले हम कैसे लोगP के बीच काम कर रहे है । जहां
पल-पल धोखा है । जंगल राज क तरह है जहां दसरे

पल कौन सी दघ4
ु टना घट जाये । जहां हर पल भय बना
रहता है । कौन Gशकार बन जाये ।छोड़ो हायर कटे गरB
को Jपक नक का ल?ु फ उठाने दो । हम तो अपनी
हालत पर सख
ु क अनभ
ू ु त कर लेगे । सख
ु का सd
ू है
दे ना । हं सते हए
ु छोड़ दो । यह मान लो fक संथा के

242
खचk पर होने वाले आयोजन अथवा Jपक नक बड़े लोगP
के Gलये होती है हमारे ◌े Gलये नहB । य>द हमT शाGमल
होना है तो पहले अपने खसे क हालत को दे खना
होगा । हजार Sपया खच4 करे गे संथा Šारा आयोिजत
Jपक नक मT जाने के Gलये । अरे इतने मT तो महBने भर
का नन
ू -तेल क iयवथा हो जायेगी । चलो अपने अपने
घर चले । सौतेले iयवहार को दे खते हए
ु मo तो नहB
जाउ◌ू◌ंगा ।
qयामnबहारB-कसम है तमको
ु रामJवहारB चलना है ।दे खे
तो सहB हायर,ेड हमे दे खकर कैसा अनभव
ु करता है
दUरयां
ू मेनटे न करने वाले लोग।
रामJवहारB-नई बात तो है नहB । आंसू दे ने वाले,कमजोर
का हक छनने वाले,अव-न त के दलदल मT धfकया कर
खद
ु आगे बढने वाले प?थर >दल दiु य4वहार करे गे ,गले
तो नहB लगायेगे । तमने
ु कसम दे दB है तो कसम तो
तोड़ नहB सकता ।
qयामnबहारB-चलो सबह
ु नौ बजे तैयार रहना । दे खते है
25 जनवरB क Jपक नक मे लोवर ,ेड के साथ और Xया
अ-याय होता है । छटभइया
ु नेताओ क तरह यहां
छटभइया
ु मैनेजर कैसे 5गर5गट क तरह रं ग बदलते है
यह तो हम अpछ$ तरह से जानते है । Jपक नक मT हमे
दे खकर इनका रं ग कैसे उतरता है । यह भी जानने का
मौका है यह संथा के खचk पर आयोिजत Jपक नक है
243
बडे लोगP के घर से खच4 नहB हो रहा है । हमारा भी हक
बराबर का है पर ये लोग हमारे हको पर क~जा जमा
लेते है । हम दे खते रह जाते है ललचायी आंखो से ।
रामJवहारB-ठ$क है । कल सबह
ु नौ बजे तैयार Gमलंूगा ।
Jपक नक यारह बजे शS
ु होगी । पहंु चने मT तीन घ8टे
का समय तो लगेगा ।
qयामnबहारB-वXत तो लगेगा । चलो अब घर चले । कल
सबह
ु नौ बजे पेlोल पYप के पास Gमलेगे ।
लोवर ,ेड अपने घरP क ओर चल पडे.। हायर ,ेड तो
आंखGमचौलB का खेल पहले हB खेल रहा था ।
Jवपि?तनारायण साहब जैसे साम-तवाद के पोषको क
अगवाई
ु मT और भी छोटे लोगो के Jवरोध के सािजश क
आशंका तो बनी हई
ु थी ।
25 जनवरB को रामJवहारB,कामJवहारB ,qयामnबहारB के
कहे अनसार
ु पेlोल पYप पर Gमले । वहB से काउइ8टरB
क}ब को चल पडे. । रामJवहारB,कामJवहारB और
qयामnबहारB लोवर ,ेड के कम4चाUरयP से पहले सपUरवार
हायर ,ेड के लोग काJप4यP,XवाGलस एवं अ-य लXजरB
कYपनी के खचk क कारो से पहंु चकर Jपक नक इं\वाय
कर रहे थे । ये वहB लोग थे जो लोवर,ेड को आKड4नरB
वाहन क सJवधा
ु दे ने से साफ मना कर चक
ु े थे ।
िजसक वजह से छोटे कम4चाUरयP के पUरवार के सदय
शाGमल नहBं हो सके थे जो कम4चारB शाGमल हए
ु थे
244
उनक जबान पर बहत ु सारे qन तैयार रहे थे । ये
लोवर ,ेड कम4चारB खदु को अजनवी लोगP के बीच मT
महसस
ू कर रहे थे । कछ
ु हायर ,ेड बोलBबोलने मT भी
त नक भी नहB शरमाये थे । कछ
ु दUरयां
ू मेनटे न करते
रहे । कछ
ु न दबी जबान
ु ˆाच मैनेजर,Jवपि?तनारायाण
साहब और छोटे मैनेजर Jवकट साहब क खाGमयां
5गनाये और लोवर ,ेड के पUरवार को Jपक नक से दरू
रखने का िजYमेदार Jवपि?तनारायाण साहब और Jवकट
साहब को ठहराया । कछ
ु ने तो इस तरह क दरB
ू को
दबी जबान
ु से उ5चत भी कहा । रामJवहारB Jपक नक मT
हायर,ेड Šारा मेनटे न क जा रहB दरB
ू से JवचGलत होकर
qयामnबहारB से बोला यहां से अब चलना ठ$क होगा ।
qयामnबहारB-हां रामJवहारB तम
ु ठ$क कह रहे थे । हमे
नहBं आना चा>हये था । बpचे◌ा◌ं का उदास चेहरा बार
बार आंख के सामने घम
ू रहा है । आओ हम चले ।भले
हB ये हायर ,ेड हमT और हमारे पUरवार को Jपक नक का
ल?ु फ नहB उठाने >दया सािजश रचकर। हायर ,ेड के
अ5धकाUरयP और उनके पUरवार के ल?ु फ मT हम बांधा
Xयो बने ? हम सब बदा4qत कर लेगे । आओ चले । घर
पहंु चते पहंु चते बहतु रात हो जायेगी । ये हायर कटे गरB
के लोग हमारे दखP ु मT हB सख
ु खोजते है ।
रामJवहारB,कामJवहारB ,qयामnबहारB और छोटे कम4चारB
Jपक नक से गहरा जOम लेकर चले पड़े अपने घर क
245
ओर उखड़े पांव ।
न-दलाल भारती
28 01 09

मु नया
>दन बचपन कं अटखेGलयां शS
ु हB fकया था fक
अचानक धल
ू भरB आंधी का ता8डव शS
ु हो गया ।
कpचे घरP क खपरै लT तनके क तरह उड़ने लगी,जमीन
5गरते हB कई टक
ु ड़ो मT nबखरने लगी ।मड़ई और छ`परT
दBवालP क पकड़ से ऐसे दरू जाने◌े लगी जैसे कोई
शैतान अपनी ओर खींच रहा हो । इसी ता8डव के बीच
मु नया रोते कराहते आ गयी और रघन-
ु दन का पैर
पकड़कर रोने लगी । मु नया क दशा दे खकर रघन-
ु दन
के पैर के नीचे से जैसे जमीन घसक गयी ।वह मु नया
को चपकराते
ु हए
ु खद
ु रो पड़ा । रघन-
ु दन को रोता हआ

दे खकर मु नया अपने आंसू भलकर
ू उनके आंसू पोछते
हए
ु बोलB नाना ना रोओ । अगर तम ु इस तरह रोओगे
तो मेरा Xया होगा ? मु नया के आंसू पोछने पर भी
रघन-
ु दन के आंसू थमने के नाम नहB ले रहे थे ।
आंसूओं को गमछे मT दबाते हए
ु रघन-
ु दन बोले बी>टया
इतना सबेरे XयP आयी घर मT तो सब ठ$क हo । तेरे
पापा कहां है । वे ठ$क तो है ।
मु नया-हां ठ$क है उनकP Xया होगा ? मां को तो खा हB
246
गये अब हमे खाने पर लगे है । मo भी भाग आयी नाना।
रघन-
ु दन- बी>टया तू भागकर आयी है Xया ?
मु नया-हां नाना मां के बाद नानी fफर दादB चल बसी ।
मo तो अनाथ हो गयी । बाप का घर मेरे Gलये जेल हो
गया था नाना । मु नया बयान कर दहाड़े मार मार कर
रोये जा रहB थी ।
रघन-
ु दन- बी>टया तू कैसे अनाथ हो सकती है । अभी
तेरा नाना तो िज-दा है ।
रघन-
ु दन मु नया को चपकराने
ु का यास कर रहे थे पर
मु नया के आंसू थमने के नाम नहB ले रहे थे । तेज
हवायT जैसे मु नया के रोने क आवाज दरू दरू तक
पहंु चाने के Gलये चल रहB थी । मु नया का u-
ु दन
आसपास क बती के लोगP के >दलP पर दतक दे >दया
। कछ
ु हB दे र मT रघन-
ु दन के दरवाजे पर मेला लग गया
। मु नया क Jवab`त जैसी दशा दे खकर सभी के आंखP
मT खन
ू उतर आया ।
रघन-
ु दन पनः
ु बोला बी>टया जा मंुह हाथ धोले । तू
अपने बाप के Gलये भले हB बोझ लग रहB हो पर हमारे
Gलये नहB । तेरB परवUरस हम करे गे । मत रो बी>टया ।
मेरा कलेजा फटा जा रहा है ।
डंगरB मु नया के आंसू अपने प}}◌ा
ू से पोछते हए
ु बोलB
बी>टया कब क चलB थी fक fकरBन फटनेू से पहले आ
गयी । अरे दस कोस क दरB
ू कम तो नहB होती ।
247
Yु◌ा नया रोते हए
ु बोलB- नानी मगा4
ु बोलने से थोड़ी पहले
भागी थी जान बचाकर।
कमौती
ु -बाप रे बी>टया को बाप के घर से भागना पड़ रहा
है । लगता है बी>टया दाना पानी को तरस गयी है ।
दे खो ना हाड़ हाड़ हो गयी है । भगवान nबन मां क बेटB
पर कैसी मसीबत
ु डाल >दये है । लगता है जेल से
भागकर आयी है । मां के मरते हB बाप ने हB बेटB क
जीवन मT म"
ु ठ$ भर आग भर दB सौतेलB मां लाकर ।
मां सौतेलB है बाप तो नहB । एक बेटB क परवUरस नहBं
कर पा रहा है ।
मु नया Gससकते हए
ु बोलB मामी छोटB मT कू ल जाना तो
कब क ब-द करवा चकु है । गोबर क8डा nबनवाती है ।
घर का सारा काम करवाती है । fकतनी भी बीमार XयP
न रहंू पर चाकरB से Gमनट भर क मोह}लत नहBं। खद ु
महारानी जैसे पड़ी रहती है । ख>टया पर खाती है । मझे

कहती है अढाई सेर एक टाइम खाने को चा>हये कहां से
आयेगा । मजदरB
ू करने को कहती है । बात बात पर
मारती है । पापा के कान भी रती रहती है । पापा छोटB
मां क सनते
ु है । मेरे आंसू को >दखावटB समझते है ।
कमौती
ु -बाप रे न-हBं सी जान के साथ इतनी नाइंसाफ
।मां के मरते हB मु नया मजदरन
ू हो गयी बाप के घर मT

डंगरB-बाप तो अpछा कमाता खाता है । इसके बाद भी
248
न-हB सी मु नयां को से चाकरB करवा रहा है नालायक
कहBं का । बेटB राह क कांटा बन गयी है । बी>टया को
राते से हटाना चाह रहा है । शैतान को कड़े पडे.गे
दे खना । बेटB तो दे वी का Sप होती है । दे वी समान बेटB
को रXत के आंसू Gमल रहा है वह भी बाप के घर मT ।हे
भगवान ये कैसा बरा
ु समय आ गया है ।
खटरB-बाप से \यादा दे ◌ाषी तो सौतेलB मां है । उसी क
>दया हआ
ु जOम मु नया के तन से झलक रहा है । मां
के मरने से पहले यहB मु नया नालायक बाप के Gलये
शभ
ु थी आज खटकने लगी है ।ताKड.त कर रहा है
नालायक दसरB
ू प?नी के साथ Gमलकर । ये कैसी सजा
दे रहा है अपनी औलाद को एक सगा बाप , अगर
बी>टया fकसी बदमास के हाथ लग जाती तो Xया होता
? बेचारB क खबर भी ना लगती । आजकल तो सनने
ु मT
आ रहा है fक बदमास बpचP को अंग-भंग कर भीख तक
मंगवाते है ।भागवान एक अनाथ को बचाकर बड़ा उपकार
fकया है ।
रघन-
ु दन डांटते हए
ु बोले -खटरB तेरा >दमाग तो ठ$क है
। तू Xया कह रहB है मु नया मेरB ना तन है अनाथ कैसे
हो सकती है ?
खटरB-जेठ जी ठ$क कह रहे हो । अगर बी>टया के साथ
खदा
ु ना खसते कछ
ु हो जाता तो । कहां ढढते
ू कहBं नामो
नशान Gमलता Xया ? आजकल आदमी के वेष मT fकतने
249
भेKड.ये घमते
ू है । आपको पता है । खैर पता भी कहां से
होगा घर छोड़कर कहBं गये भी तो नहB । द ु नया मT Xया
हो रहा कैसे खबर लगेगी । मसीबत
ु क मारB भोलBभालB
लड़fकयP को पहचान कर दो जहर Gम5€त श~द बोलकर
अपने जाल मे फंसा लेते है दUर-दे । बेचारB लड़क का
जीवन नरक बन जाता है । आत Xया जानो । औरत का
दद4 ।
रघन-
ु दन-सब जानता हंू । मझे
ु खबर हB नहB लग पायी
fक मेरB ना तन के साथ चा8डाल ऐसा दiु œयवहार कर रहे
है । मझसे
ु तो बहत
ु 5चकनीचप
ु ड़ी बाते करते थे ।
भगवान तेरा लाखलाख शfuया
ु मेरB ना तन को सहB
सलामत यहां तक पहंु चा >दया । अब मेरB ना तन उस
चा8डाल के चौखट पर थकने ू तक नहB जायेगी।हम
परवUरस करे गे अपनी ना तन क ।
मु नया-नाना कभी ना जाउ◌ू◌ंगी पापा के घर यहां से
।दादB िज-दा थी तो Oयाल रखती थी । इसके बदले
उसके भी कभी कभी दाना पानी ब-द हो जाते थे । दादB
अपने >हसे क रोटB मझो
ु खला >दया करती थी ।
नाना,दादB के मरते हB छोटB मां और मेरे पापा तो जैसे
मेरे दqु मन बन गये है । छोटB मां तो कई बार मेरB
वजह से दादB पर हाथ उठा दB थी । दादB के मरते हB
भखी
ू शेरनी हो गयी है ।
रघन-
ु दन- बी>टया तू 5च-ता ना कर । तझे
ु शैतानP से
250
दरू रखंूगा ।
डंगरB-हां मु नया तमको
ु यहां कोई तकलBफ नहB होगी तेरे
मामा-मामी fकतने अpछे है । तमको
ु अपनी बेटB जैसे हB
रखेगे `ढायेगे Gलखायेगे । तमको
ु तेरे पैरP पर खड़ा होने
लायक बनायेगे मझे
ु उYमीद है ।
Yु◌ा नया- हां नानी मo जानती हंू । मामा-मामी का >दया
कपड़ा तो जब से पैदा हुई हंू तब से हB पहन रहB हंू ।
मेरB मां का Oयाल मेरे पापा ने रखा होता तो मां नहB
मरती । यहां तक मां क बीमारB क खबर तक नहB
आने दे ते थे पापा । मेरB मां को तड़पा तड़पा कर मार
डाला ।मेरB मां क लाश को तो मेरे बाप ने गज भर
कफन भी नहB >दया । सब fuया कम4 तो नाना के घर
हआ
ु था । नानी मझे
ु याद है भले हB मै छोटB थी ।
अब मझे
ु मारने पर तले
ु है छोटB क सािजश मT फंसकर
। मां अगर भागकर न आती तो मेरB छोटB मां मझे

मरवा कर फक
T दे ती या कहBं बच
T दे ती ।
झंगरB
ु -बेटB ऐसा ना बोल । भगवान fकसी बpचे के साथ
ऐसा अ-याय न होने पाये ।
मु नया-हां नानी ठ$क कह रहB हंू । दादB के मरते हB
मेरा कूल का बता खंटू B पर टं ग गया । मझसे
ु गोबर
क8डा nबनवाया जाने लगा । नाना जाते तो छोटB मां
कहती बी>टया टयशन
ू गयी है । कभी कू ल गयी है का
बहाना बनाती । मझे
ु तो कू ल जाने क इजाजत हB नहB
251
थी दादB के मरने के बाद । च}
ू ह चौका गोबर क8डा
nबनने के काम मT लगा >दया था पापा ने छोटB मां ने ।
खटरB-कैसा ज}लाद बाप है अपने खन
ू के साथ इतना
बड़ा अ-याय ।
गोठू-बी>टया बाप क कैद से आयी है । दे खो उसके पैर
लहलहान
ू ु हो रहे है । हाथ पावं धलाओ
ु । कु छ दाना
पानी कराओ । बेचारB fकतनी डर के मारे सहमी हईु है

लौटू-ठ$क कह रहे हो गोठू । ये औरते जहां इX"ठा हो
जाती है वहB पंचायत शS
ु ।
डंगरB-बेचारB क दशा को दे खकर सब भौचXके है लौटू
भइया । सभी का >दल रो रहा है । तम
ु औरतP पर
अपयश लाद रहे हो । दे खो सौतेलB मां का खौफ मु नया
क आंखP मT । कैसे जान बचाकर आयी है असलB
दातान तो मु नया को हB मालम
ू है ना ।दे खो बेचारB
मु नया का Xया बरा
ु हाल कर >दया है सगे बाप और
सौतेलB मां ने ।
गोठु- मु नया क दादB जीते जी आंच नहB आने दB ।
बेचारB गांती बांधी रहB । कूल भी भेजती थी । मु नया
को टांटB क तरह मु नया के चारP ओर छायी रहती थी ।
खद
ु भO
ू े◌ा पेट रह जाती थी पर मु नया को भखी
ू नहB
रहने दे ती थी । बेचारB मु नया के उपर एक एक Jवपि?त
आती जा रहB है पहले मां मरB ,नानी मरB fफर दादB,दादB
252
के मरते हB सौतेलB मां ने बी>टया मु नया को सड़क पर
लाकर पटक >दया ।
लौटू-यह तो मु नया क सौतेलB मां क सािजश है । वह
िजस बpचे को पैदा क है उसक परवUरस कर रहB है ।
मु नया क रोवन रोटB कर दB है । बेचारB मु नया fकतनी
ताड़ना सहB हo अपने बाप के घर मT । जब असहनीय
हो गयी है तब भागकर आयी है । यह काम पहले कर
लेती तो ये हाल तो ना होता । Gलखना पढना भी तो
जानती है बैरन 5च"ठ$ हB डाल दे ती । रघन-
ु दन भइया
पहंु च जाते ।अपने साथ लेकर आ जाते ।
गोठु- बेचारB से कैसे वXत ने मंह
ु मोड़ Gलया है अपने
दqु मन हो गये है ।मु नया को इसक मां \यो त तेज
हवा तक नहB लगने दे ती थी । आज दे खो वहB मु नया
आग का दUरया तैर कर यहां तक पहंु ची है । अरे परB

बती के लोग टांटB बने हो । मु नया क हाल दे खकर
सभी कोस रहे पर उसके पैर को तो दे खे◌ा fकतना बड़ा
घाव हो गया है कहBं शीश धंस गया है । दवा दाS का
ब-दोबत तो करो ।
खटरB-हां बेचारB के पैर से बहत
ु खन
ू बह गया है । अब
तो खनू भी सख ू गया है । यह मु नया उसी \यो त क
बेटB है जो त नक भर इसके रोने से हB रो उठती थी ।
एक बार तो मु नया के कान मT दद4 हो रहा थ तब
\यो त ने चहे
ू को भनकर
ू तेल नकालB और मु नया के
253
कान मT डालB थी । सुना है तब से मु नया का कान
कभी दद4 नहB fकया । आज मु नया का Xया हाल बना
>दया है उसके सगे बाप और सौतेलB मां ने लावाUरसो◌े◌ं
जैसे छोड़ >दया है । न नहाल वालP ने Gसर पर nबठा रखा
है ।
भोपू-खटरB कछ
ु भी बोल जाती है मु नया लावाUरस कैसे
हो गयी । नाना,मामा-मामी सभी तो है । मु नया क
परवरGस अpछ$ तरह करे गे ।
रघन-
ु दन छोटB बहू से बोले सो नया तू ते◌ा उठ जा एक
लोटा पानी और दातन
ू तो दे मु नया को । बेचारB भखी

`यासी है ।कछ
ु खला बाते तो बाद मे◌े◌ं करती रहना ।
दे ख तफान
ू थम गया है । मै खेत जाकर दे खू गेहू ं के
बोझ उड़ गये या बचे है । मड़ई तो उड़ गयी । मग|
ु मग ु k
ना जाने कहां तफान
ू मT उड़ गये । यह भी भारB तबाहB
हो गया । पेड़-पालP उख.ड़ गये है । दे खू तो सहB मंह
ु का
नवाला कछ
ु बचा है या तफान
ू क भेट चढ गया ।
सो नया- बाबजी
ू खेत दे ख आओ । मo बी>टया को नहला
eु◌ाला कर खाना खलाकर दवा दाS करवाती हंू कहते
हए
ु सो नया मु नया का हाथ पकड़कर उठाने लगी ।
मु नया- Sक जा मामी थोड़ी दे र और इसके बाद नहाती
धोती हंू । पहले कछ
ु खाने को दो कई >दन क खायी हंू

सो नया-अरे काजल दBदB के Gलये दातन
ू तोड़ ला तो ।
254
काजल- हां मां लाती हंू ।
सो नया थालB मT पानी लेकर आयी और जब4दती
मु नया का पेर थालB मT रखकर धोने लगी । त नक भर
मे◌े◌ं थालB का पानी लाल हो गया । मु नया के पैर मT
बडा. जOम जो था । कई कांटे भी धंसे थे । सो नया
मु नया का पैर धोकर नीम क प?ती उबालB fफर नीम
के पानी से मु नया के पैर के जOम को साफ क मलहम
लगायी ।
सो नया काजल से बोलB बेटB दBदB को◌े गड़
ु दाना दो
खाकर पानी पी ले ।मo झटपट रोटB सक T लेती हंू ।
बी>टया भखी
ू `यासी है । दे खना बी>टया घाव पर मXखी
न बैठने पाये ।
मु नया-ठ$क है मामी ।
धीरे धीरे महBने nबत गये पर मु नया का बाप हलकू थाह
पता नहB लगाने आया । नयी द}
ु हन क मनौती परB
ू हो
गयी । मु नया का बोझ Gसर से उतर जो गया था ।
मु नया के >दल मT सौतेलB मां का डर बैठा हआ
ु था ।
घाव ठ$क हो चका
ु था तन पर सडT कपडT नाना के घर
आते हB बदल गये थे । दखी
ु मन पर खशी
ु दतक दे ने
लगी थी । मु नया नाना के घर मT खश
ु थी । काजल
मु नया क साया बन चक
ु थी परा
ू Oयाल रखती थी ।
डगरB-मु नया तू आज बहत
ु खश
ु है कोई आने वाला है
Xया ?
255
मु नया-तेरा बाप और नई मां ।
काजल-बड़ी मYमी Xयो 5गeद नजर लगा रहB हो ।
5गeदो को -यौता दे रहB हो । कसाई को दे खकर गाय
खश
ु होगी Xया ?
डंगरB-बाप रे दे खो बीता भर क छोकरB fकतनी बड़ी
बात कह गयी ।
इतने मT लालगंज तरवां मा, पर उ  पUरवहन क बस
Sक और सवारB उतारकर आगे बढ गयी ।इतने मT
काजल काजल क आवाज रघन-
ु दन के कानP को छने

लगी ।
रघन-
ु दन-दे ख काजल तमको
ु कोई बला
ु रहा है Xया ?
काजल-अरे दादा बडे पापा आ गये ।
रघन-
ु दन-राजू आ गया Xया ?
मु नया-हां नाना बड़े मामा है ।
काजल राजू को दे खते हB दौड़ लगाकरसड़क पर पहंु च
गयी । वह एक हाथ से राजू का हाथ पकडी और दसरे

हाथ से झोला । मेरे पापा आ गये मेरे पा आ गये कहते
,चहकते घर आ गयी ।
राजू अपने Jपता का पैर छआ
ु । इतने मT काजल ख>टया
खींच लायी और राजू का हाथ पकड़कर बैठायी । राजू
के◌े बैठते हB मु नया आ गयी और राजू को पकड़ कर
जोर जा◌ोर से रोने लगी । राजू म◌ु
ु नया के Gसर पर
हाथ फेरते हए
ु बोला कब क आयी हो बी>टया ।
256
राजू को दे खकर डंगरB आ गयी और nबन पछे
ू मु नया
क सारB दातान सना
ु दB । मु नया क दातान सनकर

राजू क आंखP मT सावन भादP उमड़ पड़ा । राजू मु नया
के Gसर पर हाथ रखकर बोला बेटB तू समझ ले तेरा
बाप भी मर गया तेरे Gलये । तेरB परवUरस हम करे गे ।
मु नया और राजू को रोता हआ
ु दे खकर रघन ु -दन भी
अपने आंसू को नहB रोक पाये । परेू पUरवार को रोता
हआ
ु दे खकर काजल बोलB दे खो दBदB आज सभी fकतने
खश ु है तमको
ु पाकर सब साथ मT रो रहे है ।
रघन-
ु दन-हां बी>टया ये गम के नहB खशी
ु के आंसू है ।
परायापन
अXटूबर का महBना था ।धान क फसल यवाव
ु था मT थी
। मेड़ो पर से पानी कल कल कर बह रहा था । नदB
पोखर सब लबालब थे । लोग धान क नराई मT लगे हए

थे । Šार तक पानी भरा हआ
ु था । दरवाजे के सामने
ख>टया डालने भर क सखी
ू जमीन नहB थी । रह रह
कर बादल उमड़ रहे थे । जोरदार बाUरस क उYमीद बनी
हई
ु थी । इसके बाद भी गांव से कछ
ु दरू बढे
ू बरगद के
नीचे लोग सबह
ु से हB जमा हो रहे थे । हBरा साहब के
घर से औरतP के रोने क आवाज लोगP के >दल को दखा

रहB थी । बाबजी
ू बाबजी
ू कहकर बेटB बहू , छाती पीट पीट
कर रो रहB थी ।हBरा साहब के मरे आज दस >दन हो
गये थे ।बढे
ू बरगद के नीचे घट बैठ रहा था ।हBरा साहब
257
शहर मT बडे. पद से Uरटायर हए
ु थे ।हBरा साहब जब भी
नौकरB से गांव आते दरू दरू से लोग Gमलने आते Xया
जा त Xया परजा त सभी लोग साहब के नाम से जानता
थे । दरू दरू के गांवP मT उनक बड़ी इ\जत थी ।
हBरा साहब गरBबी मे पले बढे पढे थे । मीलP तक नंगे
पांव पैदल चलकर पढने जाते थे । पैदल चल चलकर
उनके तलवे क मोठ$ परत नकल जाती थी । कभी
कभी तो उनके पांव से खन
ू बहने लगता था पर वे कू ल
जाना ब-द नहB fकये थे । पढाई मT बहत ु होGशयार थे ।
उनके जमाने मT nबजलB क पहंु च गांवP तक थी भी नहB
5चमनी ,डेबरB से पढाई होती थी । गरBबी इतनी थी क
Gम"टB का तेल भी नहB खरBद पाते थे । आवागमन के
साधन भी न थे ,पगड8डी या मेड़ो से होकर मीलP दरू
कूल जाते थे । परेू गांव मT हBरा बाबू हB इकलौते थे जो
अ?य5धक गरBब होने के बाद भी पढाई के  त समJप4त
थे ।गरBबी,अGशbा,जा तवाद का खब
ू बोलबाला था ।
अं,ेजी शासन मT हBरा बाबू ने बारहवीं क परBbा पास
कर नाम रोशन कर >दया था । गरBबी भी हBरा साहब
का मनसबा
ु नहB >हला पायी थी। बारहवी के बाद उ-होने
पढाई छोड़ >दया और काम क तलाश मT शहर चले गये
। शहर मT पGलस
ु अफसर क नौकरB Gमल गयी ।अपनी
मेहन,लगन,अनशासन
ु और पXके इरादे क वजह से
सफल भी रहे ।
258
हBरा साहब दो भाई थे । हBरा छोटे थे दसरे
ू भाई ठोरB
बडे थे । दोनो भाईयP के `यार को दे खकर लोग होरB को
लsमण कहते थे । हBरा साहब ने ठोरB को अपने से
अलग नहB समझा । वे ठोरB के बडे लड़को के शहर
भेजकर पढाये और दसरे
ू को अपने साथ शहर पर अपने
लड़को को उनक हाल पर छोड़ >दये ।एक हB लड़क थी
वह भीकूल का मंह
ु नहB दे ख पायी थी । ठोरB के दोनो
लड़के सफल हो गये अपने पांव पर खडा हो गये पर
हBरा साहब के तीनP लड़के असफल रहे । लोग छ$ंटाकशी
करते कहते Xया हBरा साहब अपने बेटP को कछ
ु नहB
बना पाये तब वे कहते अरे भइया के लड़के Xया अपने
से अलग है । है तो अपने हB, हमारे लड़के◌ा◌ं ने
ईमादारB से अपना कम4 नहB fकया तो फल कैसे Gमलता
। रहB बात हमारे बेटP क हमने बड़ी कोGशश क वे नहB
आगे बढ पाये तो इसमT मेरा Xया दोष है । जब तक
मेरB कमाई है तब तक ऐश करे गे जब ख?म हो जायेगी
तब तो चेतेगे । जब आदमी पर पड़ती है तब चेतता हB
है । हमारे बेटे भी चेतग
े े । गांव परु के लोग हBरा साहब
को अपना आदश4 मानते थे ।
हBरा साहब ने अपने जीवन मT fकसी का बरा
ु नहB fकया
। भययपन
् के Gलये बड़ा ?याग fकया । संयुXत पUरवार
क मया4दा को टटने
ू नहB >दये ।अपनी प?नी और बpचP
को शहर नहB ले गये । अपने भाई के नाम सबसे पहले
259
जमीन खरBदा इसके बाद भाभी के नाम ।गांव के लोग
ठोरB और हBरा को साथ दे खकर कहते ये कलयग
ु के राम
लsमण है । हBरा साहब के मरते हB सब कछ
ु nबखर
गया । सब क नगाहT उनक छोड़ी चल अचल सYप त
पर आ >टक । प?नी तो दस साल पहले हB द ु नया
छोड़ चक
ु थी । हBरा साहब झटपट मT मरे थे \यादातर
रकम बैक मT थी िजसे ा`त करने के Gलये लYबी
काननी
ू fuया से गजरना
ु था । दसवT । घाट। पर हBरा
साहब के छोड़े धन पर परेू >दन हर कोई रायमिqवरा दे ने
से नहB चक
ू रहा था । लोग Gसर मुड़वाते वXत भी मंह

नहB ब-द कर रहे थे । नाई का हाथ मशीन क तरह
चल रहा था । इसके बाद भी भीड़ जीम हई
ु थी । लोग
दाढB मछ
ू और Gसर मुड़वाकर उपटन और सरसP क तेल
लगाकर पोखर मT छलांग लगा लेते ।शाम हो◌ेने को आ
गयी पर Gसर मडवाने
ु वाले कम नहB हो रहे थे । तब
गांव के दसरे
ू लोगP ने भी उतरा थामा तब जाकर तीनP
नाईयP ने राहत महसस
ू fकया । सरज
ू को ढलता हआ

दे खकर एक बजग4
ु ु बोले भइया पहले Jप8डदान क
?ै◌ायारB कर लो । नहB तो रात हो जायेगी । दे खो बादल
भी चढे आ रहे है । बरसात भी हो सकती है । बाल
कटवाने वाले अब कम हो गये है । यहB काम ये लोग
पहले शS
ु कर दे ते तो काफ पहले फस4
ु त Gमल गयी होती
। खैर दे र आये दS
ु त आये । Jप8डदान क रम परB

260
करने क अब iयवथा कर लो ।
नाई-हा दादा ठ$क कह रहे हो । Sपच-द क8डा,चावल
और एक हKड.या लाकर दो ।
Sपच-द- काका सब तY
ु हारे सामने रखा हआ
ु है ।कहां से
लेने जाउ◌ू◌ं ।
नाई-बढौती
ु मT सब स>ठया जाते है । मo भी स>ठया गया
Xया ?
हकमच-
ु ु द >ठठोलB करते हए
ु बोले तम
ु कहां से स>ठयाने
लगे तम
ु तो बस ऐसे हB बाल काटते रहोगे ।
नाई नखारच-द-नहB भइया मझे
ु भी हBराभइया जैसे
द ु नया के पार जाना होगा । अब नहB बदा4qत होता
कर-
ु ् दन । सनो
ु कैसी दद4 नाक चीखे आ रहB है ।
हकमच-
ु ु द-म?ृ यल
ु ोक से तो सभी को जाना है दे र सबेर ।
नाई नपोरच-द-अभी तो नहB जा रहे हो काका । जरा
हाथ ज}दB ज}दB चलाओ । दे र हो गयी है । पेट मT चंह

कद
ू रहे है । दाना भजै
ु ना दे ख रहे हो तैयार है ।
नाई नखारच-द-ठ$क है भइया Jप8डदान तो हो जाने दो।
ठोरB भइया Jप8डदान तम
ु करोगे या फले
ु qवर ।
ठोरB-फले
ु qवर करे गा । बड़ा बेटा तो वहB है । हम कैसे
करे गे?
नाई नखारच-द-ठ$क है फले
ु qवर इधर आ जाओ । अब
तY
ु हारा बाल काटंू गा XयPfक Jप8डदान शS
ु हो जाये बाक
आते रहे गे बाल कटवाते रहे गे । Jप8डदान का काम
261
ज}दB शS
ु करना होगा । नखारच-द त नक दे र मT
फले
ु qवर के Gसर के सारे बाल उसके आगे 5गरा >दये ।
मछ
ू दाढB सब साफ हो गया । फलेqवर दाढB मछ
ू और
Gसर मड़
ु वाकर उपटन और तेल लगा का पोखर मT
नहाकर आया और Jप8डदान क रम परB
ू करने के Gलये
बैठ गया ।
नपोरच-द ने आवाज लगायी अरे और कोई तो नहB बचा
है Gसर उ◌ुड़वाने के Gलये।
ठोरB का बड़ा बेटा कJपलेqवर बोला काका अभी तो कई
लोग है काका।
नपोरच-द-बेटा तू तो इधर आ ।तेरा बाल काट दं ू । बाद
मT दसरP
ू का काटंू गा ।
ठोरB बोले नपोच-द- कJपलेqवर क मछ
ू मत छलना ।
कJपलेqवर-Xयो बाबू ।
ठोरB-फले
ु qवर तो मुड़वा >दया तेरा मुड़वाना जSरB नहB है

नपोरच-द- बेटवा कह रहा तो मुड़वा लेने दो Xया फक4
पड़ेगा दो >दन मT तो fफर उग आयेगी ।घर क खेती है
। कहां दसरे
ू के खे मT उगाना है ।
ठोरB- नहBं मड़
ु ना ।
कJपलेqवर-XयP मना कर रहे हो बाबू ।
ठोरB-मo तो िज-दा हंू । तू मछ
ू मुड़वायेगा । अरे िजसका
बाप मरता है वहB Gसर,दाढB और मछ ू मुड़वाता है ।
262
कJपलेqवर नपोरच-द से बोला मछ
ू मूड़ दो काका । मेरB
मछ
ू मुड़वाने से Jपताजी नहB मरे गे । चाचा ने तो
Jपताजी से \याद हम लोगP के Gलये fकया है । Jपताजी
तमने
ु हमारे Gलये Xया fकया है ? सब तो चाचा का
fकया हआ
ु है । चाचा चाची ने पाला पोषा पढाया
Gलखाया पांव पर खड़ा होने लायक बनाया । तमने
ु तो
कछ
ु भी नहB fकया है चाचा क दB हई ु धोती क खंूट
पकड़कर चौ5धरायी करते रहे । दे वता समान चाचा क
मौत पर मछ
ू तक नहB बनवाने दे रहे हो । असल मT
इसके चाचा हकदार है बाबू तम
ु नहB । घाट पर जमा
लोग कJपलेqवर क हां मT हां Gमला रहे थे ।
ठोरB ग
ु से मT लाल हो गये और बोले- मछ
ू नहB दे ना बस

ठोरB क बात हBरसाहब के समधी ŠाUरकासाद को
बदा4qत नहB हई
ु । वे उठ खडे. हए
ु और ठोरB के सामने
जा खड़े हए
ु और बोले Xया भइया त नक सी बात का
बतंगड़ बना रहे हो । हBरा भइया का घाट है जो दसी
>दन पहले तक तY
ु हारे Gलये लsमण थे । Xया नहB
तY
ु हारे Gलये fकये । सब तो उनका हB बनाया हआु है
तमने
ु Xया fकया है अपने बpचP के Gलये ,पUरवार के
Gलये? सब कछ
ु तो हBरासाहब का fकया हआ
ु है । XयP
भाई साहब क नेक पर म"ु ठ$ भर आग डाल रहे हो ? ये
कैसा परायन ठोरB भइया हBरा भईया के मरते हB ?
263
Jपसआ

भGमहBन
ू खे तहर मजदरू Jपसआ
ु पोखर मT डबकर
ू मर
गया । जानकर बहत ु दख ु हआ
ु । वहB Jपसआ
ु जो कहता
था दे खो केशव बाबू मo भी एक आदमी हंू पर जमीदार
िजसके Gलये िजसके खेत से हवेलB तक >दन रात एक
करता हंू सेर भर मजदरB
ू पर । वहB जमींदार मेरे साथ
जानवर से भी बरा ु iयवहार करते है । क?
ु ते के मंह

मारे ◌े बत4न मT खा लेते हo पर मेरा छआ
ु हआ
ु अपJवd हो
जाता है । मेरB परछाई तक से परहे ज होता है । िज}लतT
झेलकर भी >टका हंू । जाउ◌ू◌ं तो जाउ◌ू◌ं कहां केशव
बाबू ।सारB खोट iयवथा मT है । तीन बे>टयां एक बेटे का
पUरवार है ,नात >हत है । दसरB
ू कोई आढत नहB है ।
मेहनत मजदरB
ू के भरोसे गह
ृ थी क गाड़ी को धXका दे
रहा हंू । बेटा पढ Gलख जायेगा तो अपने भी जीवन का
सांeय चैन से nबत जायेगा । इसी उYमीद मT जी रहा हंू
केशव बाबू ।
केशव- आपक उपासना जSरB सफल होगी । भगावान पर
यकन रखो बाबा ।
Jपसआ
ु - हां केशव बाबू इसी उYमीद पर तो िज-दा हंू ।
केशव-ईqवर जSर मदद करे गा बाबा ।
Jपसआ
ु बहत
ु मेहनती खे तहर भGमहBन
ू था । जमींदार क

264
नींद नहB खलती
ु थी उससे पहले हािजर हो जाता था
दरवाजे पर । ग-ने क पेराई के समय मT तो Jपसआ
ु के
बpचे तो उसे दे ख हB नहB पाते थे । आंधी रात को घर
पहंु चता था और भोर मे काम पर पहंु च जाता था । बदले
मT वहB >दन भर क दो सेर अनाज क मजदरB ू ,दोपहर
मT थोड़ा सा चबैना और लोटा भर रस और गुड़ बन जाने
पर कड़ाह का धोवन Gमलता था। धान क रोपाई के
सीजन मT तो Jपसआ
ु क काया को>ढ.यो जैसी हो जाती
थी । गेहू ं क बवाई
ु के वXत तो पैर का तलवा सांप क
केचलB
ु क भां त मोटB परत छोड़ दे ता था हल के पीछे
चलचलकर । खैर हर भGमहBन
ू खे तहर मजदरP
ू क यहB
दातान है । उ-हे आंसू मT रोटB गीला करना पड़ता
है ,लाख तकलBफT भोगना पड़ता है । वह कहता बाबू
हमारB हB नहB परB
ू बती के खे तहर मजदरP
ू का बरा

हाल है । रोटB कपड़ा और मकान के Gलये तरस रहे हo ।
हम आजाद दे श के गलाम
ु है । समाज मT हमारB िथ त
क?
ु ते nब}लB से भी गयी गजरB
ु है । बाबू समाज से
उपेabत, जा त से छोटा भGमहBन
ू खे तहर मजदरू जो
ठहरा । वह आंसूओ से भरB आंखP मT उYमीदे Gलये
कहता केशव बाबू हमारB मेहनत एक >दन जSर रं ग
लायेगी । अरमानP के सपने Jपसआ
ु के सनहरे
ु जSर थे
पर fकमत तो कैद थी जमींदार क चौखट पर iयवथा
क खोट क वजह से। वह मसीबतP
ु क दUरया मT डबा

265
हआ
ु भी खश
ु रहता था शायद वह अपनी पीड़ा बpचP से
दरू रखना चाहता था । वह कहता केशव बाबू कब
बचपन से बढा
ू हो गया पता हB नहB चला जमींदार क
गलामी
ु करते करते ।
Jपसआ
ु के हाथ हल के मठ
ू पर ऐसे सध गये थे fक वह
हल जोतते जोतते सो तक जाता था मजाल fक बैलP को
त नक खरोच तक लग जाये । Jपसआ
ु को सबह
ु जमींदार
के घर से एक लोटा रस और म"
ु ठ$ भर चबैना Gमलता
था वह भी लेने के Gलये Jपसआ
ु के घर से कोई जाता था
। \यादातर रस चबाने लेने जाने वालP को भी जमीदार
दसरे
ू कामP मT लगा लेते थे इसके बदले मजदरB
ू भी नहB
Gमलती थी। रस चबैना क इ-तजार मT बेचारे मजदरP
ू को
शाम तक हो जाती थी कभी कभी । बहत ु शोषण करते
थे जमीदार लोग ,मानवता तो उनमT त नक भी न थी ।
मजदरP
ू से जानवरP सरBखे काम ले◌ेते थे बदले मT पेट
पालने भर क मजदरB
ू नहB दे ते थे । अभावP मT जीने को
मजबरू fकये रहते थे उपर से उ?पीKड.त भी करना अपनी
शान समझते थे । जब कभी जमींदार क द?ु कार और
मसीबते
ु गम का भारB बोझ बन जाती तो वह गम को
भलाने
ु के Gलये खेत मT नाचना शS
ु कर दे ता । कछ
ु हB
दे र मT उसक नांच दे खने के Gलये भीड़ लग जाती ।
राहगीर तक Sक जाते थे । काम क खे◌ाटB कहकर
इसके Gलये भी जमींदार झारOस8डे बाबू अपश~द तक
266
बक जाते थे पर Jपसआ
ु इतना गमखोर था fक बरा
ु नहB
मानता था । वह कहता जल मT रहकर मगरमpछ से
कैसी दqु मनी ?
Jपसआ
ु िजतना मेहनती था उतना ईमानदार भी और बड़P
क बात को Gशrदत से वीकार कर लेता था चाहे उसको
हा न हB Xयो ना हो जाये । उसक नेक नय त का
फायदा जमीदारन खब
ू उठाती थी । बेचारे गरBब मजबरू
क मजदरB
ू कम कर दे ती थी । Jपसआ
ु कहता माGलकन
सात >दन क मजदरB
ू बाक है तो जमीदारन कहती नहB
रे Jपसआ
ु पांच हB >दन क । इसके पहले fकतने >दन
क ले गया था कछ
ु मालम
ू है । बेचारे Jपसआ
ु को हB
झठा
ू करार कर >दया जाता । बेचारा आंखP मT आंसू Gलये
मान जाता । प?थर >दलP का >दल नहB पसीजता । कछ

महBने पहले Jपसआ
ु से मलाकात
ु हई
ु थी । मैने पछा

बाबा आज काम पर नहB गये ?
Jपसआ
ु -केशव बाबू अब काम नहB होता आंख ठे हना
ु सबने
जबाब दे >दया । मजबरू होकर घर बैठा मXखी मार रहा
हंू ।
केशव-बाबा ऐसा Xयो कह रहे हो ।
Jपसआ
ु -Xया कहंू बाबा । हाथ पांव चलता था तो सेर भर
कमा कर लाता था । बचपन से अब तक जमीदार
झारख8डे बाबू का गोबर फका
T । दे खो रोटB के लाले पडे.
है । िज-दगी चैन से कट जाती । अगर सरकारB नौकरB
267
मT होता दस साल पहले Uरटायर हआ
ु होता लाखो क
गKडयां लेकर उपर से पेशन भी Gमलती । जमीदार
लोग खन
ू को पसीना बनवा लेते है सेर भर मजदरB
ू दे ने
मT भी आंख नकल जाती है ।
केशव-बाबा तY
ु हारB बात मT सpचाई तो है ।
Jपसआ
ु - काम तो नहB छोडता पर ताकत ने साथ छोड़
>दया लाचार को Xया Jवचार बैठ गये दरवाजे पर ।
जमीदार क हवेलB भारB बोझा लेकर 5गर गया था दे खो
ये घाव । ये घाव है fक ठ$क हB नहB हो रहB है । मवाद
बहता रहता है । Jवपि?त का बोझ Gसर पर आ पडा है
केशव बाबू ।
केशव-कैसी Jवपि?त बाबा?
Jपसआ
ु - बाबू तम
ु नहBं समझोगे शहर मT रहते हो ना ।
केशव-समझता हंू बाबा । ऐसी बात नहB है । इसी गांव
मT तो पैदा हआ
ु हंू सब जानता हंू ।
जा तवाद,अ?याचार,शोषण आ>द से अpछ$ तरह पUर5चत
हंू । बाबा बताओं ना कैसी Jवपि?त ?
Jपसआ ु -बेटवा को पेट काटकर पढाया पर नौकरB नहB
GमलB । जहां जाता घस
ु मांगा जाता । मo ठहरा खे तहर
भGमहBन
ू मजदरू कहां से दे ता घस
ु । मेरा सपना nबखर
गया बाबू ।
केशव- हां बाबा चहंू ओर †_टाचार क आग लगी हई
ु है ।
इसीGलये तो कमजोर तबके के लडके तरXक नहB कर पा
268
रहे है । उनक जSरते नहB परB
ू हो पा रहB है ,कूल
कालेज क फस तक नहB दे पा रहे हo,पेट मT भख
ू आंख
मT सपने सजाये पUरिथ तयP से लड़ रहे हo । इंसा नयत
Jवरोधी आगे बढने नहB दे रहे है ।
Jपसआ
ु - केशवबाबू कहते है हमारB nबरादरB क नौकरB के
Gलये आरbण है । कहां आरbण है । इस बती मT कोई
ऐसा लड़का नहB है िजसे सरकारB नौकरB GमलB हंू ।
सरकारB आरbण तो हमे नहBं खशहाल
ु बना पाया । अरे
आरbण तो उनका है जो पोथी लेकर घमते
ू है । अpछ$
कमाई करते है । लोग सलाम भी ठोकते है । आरbण
तो उनका है जो जमीन पर क~जा कर बैठे है , iयापार पर
क~जा कर बैठे है हमारे जैसे कमजोर के Gलये तो कोई
राता हB नहB बचा है बस खद
ु का हाड़ थरो
ू जीवन भर ।
य>द ये जा त iयवथा वाला आरbण ख?म हो जाता तो
हम खशहाल
ु हो जाते । इससे समाज कई धड़P मT बंट
गया है । सब एक हो जाते । सबमT बराबरB का भाव और
सrभावना का संचार होता । वण4iयवथा मे◌े◌ं तो हमारे
जैसा आदमी ,आदमी होकर भी आदमी नहB रहा है । ये
आरbण ख?म होना चा>हये । बाबू हम जीवन भर हल
जोतते रहे दस बीसा जमीन के माGलक नहB बन पाये ।
िजसने कभी खेत मT पैर हB नहB रखा वहB खेत के
माGलक है । हम अनाज पैदा करते है हमारे बpचे पेट मT
भख
ू लेकर सोते है । हम मकान बनाते है हमारे
269
बpचे◌ा◌ं को धप
ू बरसात से बचने का कोई पO
ु ता
इ-तजाम नहB । हम तो गलाम
ु होकर रह गये है । जल
जमीन और जंगल पर क~जा करके दं बग समाज हमT तो
क8डे से आसंू पोछने को बेबस कर >दया है ।
केशवबाबू- हां बाबा दं बग समाज ने कमजोर वग4 के साथ
अ-याय तो fकया है ।
Jपसआ
ु - अ-याय तो fकया हB है । हमारा इ तहास ख?म
कर गलामी
ु के रं ग मT रं ग >दया है ।
केशव- बाबा तY
ु हारB बात मT दम तो है ।
Jपसआ
ु - बाबू मेरा बेटवा बारहवीं पास है । बी ए क पढाई
तंगी क वजह से परB
ू नहB हो पायी । शहर मT ईट गारा
कर रहा है । >दन रात क मेहनत मजदरB
ू से दो हजार
Sपया भेजा था वह भी झा◌ारख8डे बाबू के कजk मे चला
गया । ना जाने कौन सा कजा4 है । कब हमने Gलये कोई
अता पता नहB सौ Sपया के बदले हजार Gलखकर अंगूठा
लगवा Gलये । टयबवे
ू ल के पानी के नाम पर हजारो का
कजा4 नकल रहा है । दवाई के नाम पर हजारP का कजा4
नकल रहा है । झारख8डे बाबू कह रहे थे । अरे Jपसआ

अपने बेटे से कह दे मेरा काम थाम ले सब कजा4 माफ
कर दं ग
ू ा । बाबू तY
ु हB बताओ मेरा इतना `ढा Gलखा बेटा
बंधुवा मजदरB
ू करे गा । मo तो कभी नहBं करने दं ग
ू ा ।
एक >दन रात मT शहर भगा >दया बेटवा को । बेटवा क
कमाई झारख8डे बाबू के फज| कजk मT जा रहB है । कहां
270
गहार
ु करT मझ
ु गरBब क कोई सनने
ु वाला नहB है ।बाबू
पहले भी बहत
ु दख ु झेला आज भी झेल रहा हंू । बस
थोड़ा सकनू है fक बेटवा को जमीदार के चuiयूह मT
फंसने नहB >दया है । साल दो साल मT फज| कज4 भी
पट जायेगा । खैर इसका फल झारख8डे बाबू को जSर
Gमलेगा । गरBबे◌ा◌ं क आहे बेकार नहB जाती ।
केशव- बाबा सचमच
ु जमीदारB के दं श ने खे तहर मजदरP

के जीवन को नरक बना >दया है ।
Jपसआु - बाब,ू झारख8डे बाबू एक मरती हई
ु ब छया >दये
बोले ले जा Jपसआ ु जीला खला । दो पैसा दे गी ।
ब छया तो दो चार >दन मT जमींदार के दरवाजे पर मर
जाती । मरा जानवर फेकने के डर से ब छया को
झारख8डे बाबू मेरे गले मT बांध >दये । मo कंधे पर अपने
घर लाया था । कोई मोल भाव नहB fकया मo तो समझा
फोकट मT Gमल रहB है , मेरB म त मारB गयी थी ।
भगवान का चम?कार हB कहो दो चार >दन मT ब छया
चलने fफरने लगी जबfक जमीदार के दरवाजे पर अब
मरB क तब मरB वालB हाल थी । बड़ी जतन से ब छया
को पाला बकरB का दध
ू पीलाकर । दस -प-mह >दन के
बाद घास भसा
ू भी खाने लगी थी । ब छया बड़ी हई ु
गाGभन हई
ु । गाGभन ब छया को दे खकर झारख8डे बाबू
के अ-दर का शैतान जाग गया । वे बोले Jपसआ
ु मैने
तमको
ु फोकट मT गाय तो >दया नहB है गाय क कमत
271
दो हजार है । एक हजार मझे
ु दे दे गाय खंूटे पर बांध ले
। नहB तो हजार Sपये मझसे
ु ले ले गाय मेरे खंट
ू े पर
बांध दे । गाय झारख8डे बाबू के खटे
ू पर बाध दे ता तो
हजार Sपये भी नहB Gमलते गाय भी चलB जाती । दो
बीसा खेत था वह भी गाय के Gलये 5गरवी रख >दया ।
वहB हआु न गाय GमलB न Sपया । गाय झा◌ारख8डे
बाबू हांक ले गये । Sपया कजk मT काट Gलये । बाबू मझे

तो बरबाद कर >दया जमींदार झारख8डे बाबू ने । >दल
के अरमान झारख8डे बाबू ने आंसूओं मT बहा >दये मेरे ।
केशव- हां बाबा कमजोर क पीड़ा कौन समझता है आज
के इस लटखसोट
ू के जमाने मT । जमीदार तो खन
ू चसने

के Gलये बदनाम हB है और भी लोग कम नहB ।
Jपसआ
ु -हां बाबू तमको
ु भी सpचाई का पता चलने लगा
है । केशव बाबू फस4
ु त मT हो Xया ?
केशव-XयP बाबा कछ
ु काम है हमारे लायक Xया ?
Jपसआ
ु -वXत तो खोटा नहB कर रहा हंू ।
केशव-नहBं बाबा । ऐसा XयP सोच रहे हo । बाबा आप
अपनी पीड़ा fकससे कहे गे अपनP से हB ना । मन का दद4
बांटने से मन ह}का होता है ।
Jपसआ
ु -हां बाबू पर आज के जमाने मT सनता
ु कौन है ।
पीKड.तो क बात सनी
ु गयी होता तो दे श मT
जा तवाद,गरBबी,भGमहBनता
ू का ता8डव होता ? हम
सामािजक बराईयP
ु से अGभशाJपत होते ? हमारे साथ
272
अ-याय होता ? नहB होता बाबू सब ओर समानता होती ।
शोJषत पीKड.त समाज भी सYमानजनक िथ त मT बसर
करता पर यहां तो हर ओर भेद का ता8डव है ।
केशव-हां बाबा ठ$क कह रहे हो ।
Jपसआ
ु - केशव बाबू ये जमीदार लोग हम वं5चतP को
गलाम
ु आज भी समझते है । भले हB दे श आजाद हो
गया है । बाबू आज जो मेरB हाल है उसके Gलये पराना

आरbण िजYमेदार है ।
केशव- वो कैसे बाबा ?
Jपसआ
ु - बाबू हम खेती करते है । हम भGमहBन
ू है ।
आदमी होकर आदमी के बराबर सामािजक समानता
ा`त नहB है । जमीन पर तो हम हल जोतने वाला का
हक बनता है बाबू दे श मT हकब-दB लागू होनी चा>हये
ताfक शोJषत समाज सYमान के साथ जी सके ।
जा त आधाUरत परानी
ु iयवथा ने सब कछ
ु छन कर
हमT कैदB बना >दया है ।हमारB दासता इसी iयवथा क
दे न है ।जब तक शरBर मT जान था झारख8डे बाबू ने
नचोड़ा जब शरBर काम करने मT असमथ4ता जता दB तो
कज4 का बोझ Gसर पर लादकर लात मार >दया । बाबू
य>द सरकारB नौकरB मT होता या सरकारB संरbण ा`त
होता तो आज मेरB िथ त ऐसी नहBं होती । केशवबाबू
Gसर पर Jवपि?त आ पड़ी है ना जाने कब कटे गी ?
ु बड़ी Jवपि?त है । इस Jवपि?त का
केशव-हां बाबू बहत
273
इलाज राजनी त से हB सYभव है पर ईमानदारB के साथ
पहल हो तब । सामािजक समानता का अ5धकार Gमले,
भGम
ू पर माGलकाना हक Gमले । शोJषत समदाय
ु के
बpचP क Gशbा दBbा का परा
ू भार सरकार वहन करे ।
तभी वं5चतो का उeदार सYभव है ।
Jपसआ
ु -बाबू Jवपि?तयP से घबराकर ब>ढया
ु पागल हो
गसी है । जमींदार का फज| कज4 कैसे भरा जायेगा ?
बेटवा नीलाम हो जायेगा यहB रट लगाये रहती है ।
पागलपन के दौर मT ख>टया से उठकर कभी कभी भाग
भी जाती है । ब>ढया
ु क दे खरे ख करनी पड़ती है । उसके
कछ
ु सझता
ू नहB । जमीदार का अ?याचार पागल बना
>दया है । बाबू िज-दगी नरक होकर रह गयी है ।
केशव- बाबू बेटवा पतोहू सेवा स€षा
ु ु तो कर रहे है ना ?
Jपसआ
ु -बेटा,बहू तो बहत ु Oयाल रखते है । सारा
दारोमदार तो बेटवा और बहू के उपर है । बेटवा शहर मT
–टं गारा करके सौ पpचास का म नआड4र भेजता रहता है
। बहू हमारB और ब>ढया
ु क चाकरB करती हB है ।
मेहनत मजदरBू से भी नहB चकती
ू । टाइम से रोटB दे
दे ती है । भले हB भखी
ू रहे । बाबू हमे सबसे \यादा दख

जा तवाद क महामारB से है । हमारB सारB मसीबतP
ु क
जड़ भेदभाव वालB परानी
ु iयवथा है । ख?म हो जाती
तो◌े हमारे जैसे अभागP का उeदार हो जाता ।भेदभाव क
म"
ु ठ$ भर आग मT सलग
ु सलग
ु कर मरने से बच जाते ।
274
केशव-ठ$क कह रहे हो । जा तवाद ने तो आदमी को ऐसे
बांट रखा है fक हर वग4 का आदमी शोJषत वग4 का खन

चसने
ू के Gलये उतावला है और खद
ु दसरे
ू से €े_ठ होने
का †म पाल रखा है । अरे आदमी तो आदमी होता है
Xया छोटा Xया बड़ा ?
Jपसआ
ु - सच कह रहे हो । केशव बाबू अभी कब तक
रहोगे ?
केशव- चार >दन और हंू बाबा ।
Jपसआ
ु -बाबू मै जाउ◌ू◌ं ।
केशव-कोई जSरB काम याद आ गया Xया बाबा ?
Jप◌ुसआ-Xया काम कSंगा । काम करने लायक कहां
बचा हंू । अब तो अपना शरBर ढो लंू बड़ी बात होगी ।
बाबू ब>ढया
ु का डर लगा रहता है । दBवाल पर चढकर
बाहर कद
ू जाती है । घर क दBवाल छोटB है ना । एक
बार तो क}
ू हा हB सकर गया था । ब-द करके रखना
पड़ता है । दरवाजा बाहर से ब-द करके आया हंू । पोता-
पोती कूल गये है । पतोहू काम पर गयी है । बाबू अब
चलता हंू । ब>ढया
ु कहBं चलB गयी तो तड़प तड़प कर
मर जायेगी । मझे
ु डर लगा रहा है ।
केशव- चलो मT भी दादB को दे ख लेता हंू ।
Jपसआ
ु -बाबू fकसी को नहB पहचानती ।बरB ु बरB
ु गालB
दे ती है ।
केशव-बाबा दादB होश मT गालB तो नहB दे ती है ना ।
275
बेचारB क >दमागी िथ त ठ$क नहB है । उसका Xया
दोष ?
Jप◌ुसआ-ठ$क है बाबू चलो ।
केशव Jप◌ुसआ के साथ उसके घर पहंु चे । Jपसआ ु
बो◌ेला बाबू ठहरो । सनो
ु ब>ढया
ु कछ
ु पटक रहB है ।
केशव बाबू वापस जाओ । मo दरवाजा खोलकर दे खता हंू
। तमको
ु दे खकर गालB दे गी ।
केशव- कोई बात नहB बाबा गालB सन
ु लंूगा । मझे
ु बरा

नहB लगेगा । पागलपन के दौरे क वजह से दादB गालB
बकती है ना । जब ठ$क थी तब तो गुड़-पानी लेकर
आती थी। बाबा सब समय का दोष है । दादB का नहB ।
Jपसआ
ु दरवाजा खोला ब>ढया
ु कटोरा उसके सामने
पटकती हईु बोलB XयP मझे
ु मारना चाहता है ना ले दबा
दे गला । झारख8डे बाबू ने जोख क तरह खन ू चसू
डाला तू गला दबाकर ख?म कर दे । जीने से Xया
फायदा । 5च}ला 5च}लाकर ब>ढया
ु कोने मT बैठकर रोने
लगी । तब Jपसआ
ु बोला दे ख लो बाबू ब>ढया
ु का ऐसा
हाल हो गया है । केशव बाबू भु क इpछा होगी तो
fफर मलाकात
ु होगी अब जाओ ।
वहB Jप◌ुसआ मर गया । आंख से >दखाई दे ना nब}कुल
कम हो गया था । घठने
ु भी जबाब दे गये थे । भोर मT
मैदान के Gलये लाठ$ के सहारे नकला था पर †मबस
पोखर क ओर चला गया । पानी को जमीन समझकर
276
पैर आगे बढाया और चला गया हाथी के डबने
ू लायक
पानी मT । दो >दन क खोजबीन के बाद उसक लाश
GमलB थी । आंख कान और शरBर के कछ
ु >हसे तो
मछGलयP ने चट कर >दया था । जीवन भर ब>ह_कार
तर_कार,शोषण क लाख मसीबते
ु झेलने के बाद
आशावादB Jपसआ
ु आखरकार द ु नया से दद4 नाक मिX
ु त
पा गया भारतीय समाज और सरकार के सामने कई
\वल-त सवाल छोड़कर।
एXसीडे
सीडे8ट
फोन क घनघनाहट सनकर
ु Gमसेज लाल चककर फोन
क ओर दौड़ पड़ी । फोन क घनघनाहट ना जाने उ-हे
XयP अशभ
ु सी लग रहB थी । वे हड़बड़ायी सी कांपते
हाथ से फोन का Uरसीवर उठायी और लड़खड़ाती जबान
से हे लो बोलB । दसरB
ू तरफ क हे लो क आवाज Gमसेज
लाल के कान को जैसे चीर गयी । वे घबरायी सी हे लो
हे लो SधT क8ठ से fकये जा रहB थी । वे समझ गयी fक
दसरB
ू तरफ फोन पर कोई और नहB उनके प त Gम लाल
है । Gम लाल क घबराहट भरे हे लो श~द ने उ-हे fकसी
अनहोनी क आशंका के घेरे मT लाकर पटक >दया । वे
>हYमत करके बोलB Xया हआु । XयP घबराये हए
ु हो ।
कछ
ु तो बोलो पर-तु Gम लाल के क8ठ से आवाज नहB
नकल रहB थी । बड़ी मिq
ु कल से Gम लाल बोले भागवान
बहत
ु बरा
ु हो गया ।
277
Gमसेज लाल-Xया हआु अभी तो गये हो बी>टया को लेकर
ाइज लेने । Xया ो,ाम कGसल
o हो गया ।
Gम लाल-नहBं ।
Gमसेज लाल-तब Xया हआ
ु ? मेरB जान नकलB जा रहB है
। कछ
ु बताओगे ?
Gम लाल-घबराओ नहB।
Gमसेज लाल-हआ
ु Xया बताओ तो सहB ।
Gम लाल-एXसीडे8ट । €Gमक कालोनी के अपताल मT
पहंु च गया हंू fकसी तरह आटो करके। आटो ने दस
Sपया क जगह पpचास Sपये fकराया वसल ू fकया है ।
अपताल वाले भी पGलस
ु का डर >दखा रहे है । कोई
अननय
ु Jवनय तक को नहB सन
ु रहा है । मo खड़ा नहBं
हो पा रहा हंू । बी>टया लहलहान
ू ु दद4 से तड़प रहB है ।
Gसटर दरोगा क तरह डांट रहB है ,कह रहB है । बडे.
अपताल जाओ पGलस
ु केस करना है तो । फट4 एड भी
यहां नहB Gमल रहा है । पGलस
ु कार4 वाई न करने के Gलये
दबाव बना रहे है । ना जाने इसमT अपताल वालP का
कौन सा >हत सध रहा है ।
Gमसेज लाल पGलस
ु केस का बाद मT सोचेगे पहले तो
बोलो इलाज शSु करT । मै पहंु च रहB हंू । पैसे का
इ-तजाम करके ।
Gम लाल-ठ$क है । डाXटर तो कई है पर नस4 सनडे का
बहाना कर कह रहB है अभी डांXटर है । नस4 से पGलस

278
केस नहB करने क बात कहता हंू दे खो मान जाये तो
ठ$क है । तम
ु आओ तो बडे. अपताल हB चलते है ।
ज}दB आओ ।
Gम लाल पनः
ु नस4 के पास गये । इलाज qु◌ाS करने का
अनरोध
ु fकये । नस4 अपने रवैया पर अड़ी थी वह बोलB
पGलस
ु केस है हम हाथ नहB लगा सकते । हम तभी
इलाज शS
ु करे गे जब तम
ु पGलस
ु केस न करने का वचन
दो और इस कागज पर दOत करो◌े ।
Gम लाल-ठ$क है । लाइये दखत कर दे ता हंू । इलाज
शSु करो ।
इतने मT डाXटर हािजर हो गये । झटपट मआयना
ु fकये
और बोले घबराने क बात नहB है । हडी नहB टटB
ू है ।
खरे ◌ा◌ंच क वजह से खन
ू बहा है । नस4 हां मT हां
Gमलाती रहB । इतने मT Gमसेज लाल आ गयी बी>टया को
लहलहान
ू ु दे खकर धड़ाम से 5गर पड़ी ।
नस4 बोलB- XयP इतना नाटक कर रहB हो मैडम । जरा
सी चोट लगी है । मरहम प"टB हो गयी है । डाXटर
साहब ने दवा Gलख दB है खलाते रहना । दो चार >दन
मT दौड़ने लगेगी तY
ु हारB बी>टया । तY
ु हारे Gमटर को
घाव तो नहB लगी है उ-हे झठमठ
ू ू क बेचैनी है । यहां
से घर ले जाओ । ब>ढया चाय बनाकर अपने हाथ से
पीलाओ ठ$क हो जायेगे । जहां घाव लगी हो वहां बरफ
से सेकायी करते रहना । सब ठ$क हो जायेगा ।
279
इंजेकशन लग गया है ,दवा दे दB है । घर ले जाओ और
आराम करने दो । नस4 ने पांच सौ Sपये रखवा Gलये
िजसक कोई रसीद भी अपताल से नहBं दB गयी और न
हB डाXटर का परचा >दया गया ।
fकसी तरह से Gमसेज लाल बेटB और प त को आटो
UरXशे मT लादकर घर ले गयी । बाप बेटB के एXसीडे8ट
क खबर परB
ु कालोनी मT फै◌ेल गयी ।
शX
ु लाजी,चौहानजी,शमा4जी और जैनजी बाप बेटB क
हालत दे खकर तर-
ु त आटो UरXशा बलाये
ु और बाप बेटB
को लेकर हडी रोग Jवशेषy के पास पहंु चे । बी>टया को
टे बल पर लेटर >दया गया । डाXटर पहले बी>टया का
चेक अप fकये fफर Gम लाल का ।
शX
ु लाजी डां से पछे
ू डांXटर साहब फैXचर तो नहB है ना

डां Gमटर लाल को फैXचर नहB है पर घाव थोड़ी गहरB
है । कछ
ु अ-दSनी चोटB भी है । प-mह बीस >दन दवा
लेनी पडेगी । बी>टया को फैXचर तो है । एXसरे के बाद
िथ त साफ हो जायेगी ।
एXसरे आ>द करने मT चार बज गये दो घ8टे के बाद
Uरप‰ट आयी । फैXचर है । मामला साफ हो गया ।
डाXटर तर-
ु त कpचा `लाटर करने मT जट
ु गये । घ8टे
भर मT `लाटर हो गया । हाथ धोते हए ु डाXटर साहब
बोले Gम लाल आप रे गलर
ु दवा लेते रहना । बी>टया का
280
`लाटर तो हो गया है । बी>टया को ठ$क होने मT महBना
से अ5धक समय लग सकता है । बी>टया को कम`लBट
बेडरे ट क जSरत है । पGलस
ु केस बनता है
एफ आई आर जSर दज4 करवा दे ना । गाड़ी नYबर तो
नोट कर Gलया होगा ।
Gमटरलाल -हां ।
सनील
ु और जा-सन कूटर नYबर के आधार पर
एXसीडे8ट कर भागने वाले अपराधी डी सXसेना,जनता
Xवाट4 र,न-दानगर का पता लग Gलये पर पGलस
ु ने
एफ आई आर न दज4 करने क कसम खा लB । Gम लाल
अपने bेd के थाने मT जाते तो वहा कहां जाता fक िजस
bेd मT एXसीडे8ट हआ
ु वहां एफ आई आर दज4 होगी इस
थाने मT नहB । इस तरह Gम लाल काफ भागदौड़ fकये
पर पGलस
ु इधर से उधर भगाती रहB । इसी बीच एक
>दन डी सXसेना Gम लाल के घर आया और बोला पGलस

केस मत करो मेरB शान माटB मT Gमल जायेगी । बी>टया
के इलाज के खच4 को खद
ु वहन करने का वादा कर चला
गया । दोगला डी सXसेना अपनी चाल मT कामयाब हो
गया । महBने भर तक पैतरे बाजी करता रहा । कल Sपये
दे जाउ◌ू◌ंगा परसP दे जाउं गा fफर अपनी बात से मकर

गया । बोला हमने कोई वादा नहB fकया था । हम तो
समाज सेवक है । सड़क पर चलते लोगP का खन
ू नहB
बहाते । नगर सरbा
ु सGम त का सuय सदय हंू ।
281
हमारे खलाफ fकसी थाने मT एफ आई आर दज4 नहB हो
सकती । यह तो पता चल गया होगा ।
Gम जैन-सXसेना धमक दे रहे हो । बी>टया का पैर तोड़
>दये डेढ महBने से ख>टया पर पड़ी है । तम
ु इलाज के
खच4 को वहन करने का वादा fकये थे । एक पैसा आज
तक नहB >दये कैसे दगाबाज हो । बनते समाज सेवक हो
Xया तY
ु हारे जैसे हB समाज सेवक होते है । एXसीडे8ट
करके भाग जाते है । जब पकड़ मT आते है तो पैतरे बाजी
करते है । अरे कछ
ु तो शरम करो ।
सXसेना-मझ ु से एXसीडे8ट तो हआ
ु है । मo रात मT
जागता ह◌ा◌ं
ू समाज सेवा के Gलये । चलती राह मेरB
आंख नीद क वजह से ब-द हो गयी । मेरB गाड़ी टकरा
गयी । हो गया एXसीडे8ट तो मo Xया कSं । जो तम

लोग कर सकते थे कर Gलये । नहB Gलखा गया
एफ आई आर ना दे ख लो मo Xया कर सकता हंू ।
Gम लाल- बडे. दोगले आदमी हो तम ु तो । आंख मT धल ू
छोकना तY
ु हे अpछ$ तरह से आता है ।खून से खेलते हो
होलB और बनते हो समाज सेवक । XयP समाज सेवकP
का नाम खराब कर रहे हो ।समाज सेवा के नाम पर पाप
कर रहे हो ।खन
ू बहाते हो उपर से धमक भी दे ते हो ।
दे खो पैसा हाथ क मैल है । मै इलाज मT कोई कोतहाई
नहB बरत रहा हंू । जSरत पड़ी तो बी>टया को बड़े से
बड़े डाXटर को दे श के fकसी कोने मT ले जाकर इलाज
282
करवा सकता हंू । सXसेना तमने
ु खच4 वहन का वचन
>दया था । अपनी जबान से मकरु रहे हो । ऐसा तो
दोगले fकम के लोग हB कर सकते है । अरे दUर-दे
तमने
ु अपनी गलती का ायिqचत कर लेते इतना मेरे
Gलये बहत
ु था । तुमने मझे
ु धोखा XयP >दया । मेरा केस
रिजटड4 नहB होने >दया । कैसे घ>टया इंसान हो ।तY
ु हारे
मंह
ु पर जमाना थक
ू े गा । समाज सेवा का ढकोसला ब-द
कर दो ।
Gम सXसेना दे खो इ\जत मत उतारो ।
Gम शमा4- तY
ु हारB कोई इ\जत भी है । मo तमको
ु अpछ$
तरह जानता हंू ।तमने
ु पGलस
ु केस से बचने के Gलये
षणय-d रचा था ।
सXसेना- कामयाब भी हो गया । तम
ु सब दे खते रह गये
। चले जाना िजस अदालत मT मरे खलाफ जाना हो ।
तY
ु हारा अंगठा
ू तो हमने काट Gलया । अब तो कहB
एफ आई आर दज4 तो करवा नहB सकते । कहते हए ु
दोगला अंगठा
ू >दखाकर भाग नकला । दोगले क करतत

दे Oकार सभी अवाक् रह गये । डी सXसेना,जनता Xवा4टर
वाले ने बाप बेटB को टXकर मारकर भाग गया । पकड़
मT आने पर इलाज का खच4 वहन करने का वादा fकया
था पर ये तो उसका ष8य-d था । जब षणय-d का पता
आसपास के लोगो को लगा तो सभी मशJवरा दे ने के
Gलये जैसे उमड़ पड़े । कोई डी जी पी से कोई एस पी से
283
कोई fकसी और से Gशकायत करने क मशJवरा दे ता ।
कोई कहता Xया थाने के चXकर मT पड़ना जान बची
करोड़ो पाये । कोई बी>टया को दआये
ु दे ता कहता
भगवान करे मेरB बी>टया ज}दB चलने लगे । कोई कहता
भगवान के घर दे र है अंधेर नहB इसका फल डी सXसेना
को जSर Gमलेगा । उसक टांग कट जायेगी । कोई
कहता उसक कटB टांग मT कड़े जSर पड़ेगे दे खना ।
दोगला बहतु शा तर नकला,भगवान दो मंह
ु े क खशी
ु पर
म"ु ठ$ भर आग जSर डालेगे। स-तोष करो लाल भईया
भगवान तY
ु हारा सब दख
ु हर लेगा । वहB तY
ु हारा
खजाना भरे गा । Gम लाल Uरसते जOम पर मलहम लगाने
मT मशगल
ू थे और लोग डी सXसेना को बददआये
ु दे ने
म।T

नेक
दBदB दे खो ना । न-हक को न जाने Xया हो गया ।
आंख उपर नीचे कर रहB है । छ"
ु टB के >दन भी उनको
फस4
ु त नहB है । कह कर गये थे fक ज}दB आ जाउ◌ू◌ंगा
पर अभी तक आये नहB । दBदB कछ
ु ज}दB करो ना टBलू
क आखP से आसंू टपके जा रहे थे ।
प_ु पा-टBलू ,रो ना । अभी अपताल लेकर चलते है ।Xयो
परे शान हो रहB हो । बी>टया रानी को कछ
ु नहB

284
होगा,कहते हए
ु Gमसेज प_ु पा आवाज लगान लगी । अरे
सनो
ु जी नहा Gलये Xया । दे खो रBता क तnबयत खराब
हो गयी है । अपताल लेकर जाना होगा अभी।
वकलभइया घर पर नहB है । ज}दB करो ।
Gमसेज प_ु पा क पकार
ु पर दBनदयाल बाथSम से बाहर
आ गये ।
प_ु पा-अरे ये Xया ? ब नयाइन तो पहन Gलये होते ।
दBनदयाल-इतनी मोह}लत तम
ु ने कहां >दया । ब नयाइन
नकाल कर खटB
ू पर टांगा हB था fक तमने
ु आवाज दे ना
शS
ु कर >दया । भला इतनी दे र मT कोई नहा सकता है
Xया fक मo नहा लंूगा । कछ
ु मोह}ल तो दे >दया
करो,जब दे खो तब चढB घोड़ी पर सवार रहती हो । खैर
छोड़ो पहले तो बताओ रBता को Xया हो गया ।
प_ु पा-कता4
ु पायजामा पहनP । अब बाद मT नहाना । पहले
रBता को अपताल लेकर चलो । सनडे का >दन है
अपताल मT कोई डाXटर Gमलते है भी fक नहB । दे खो
दे र मत करो । टBलू बहत ु रो रहB है । रBता क आंख
उपर नीचे हो रहB है । मझे
ु बहतु डर लग रहB है । इतने
बरसP के बाद तो एक लडक पैदा हई ु थी वह भी
पोGलयो,त । वकल बाबू और टBलू बी>टया को बहत ु
`यार करते है । बड़े लाड़`यार से पाल रहे है । पता नहB
fकसक नजर लग गयी । कल तो चंगी भलB थी आज
अचानक न जाने Xया हो गया ?
285
दBनदयाल- झट से पायजामा कता4 ु पहनता हंू । पहले
डाXटर को रBता को >दखाते है । बाक काम बाद मT होगा

प_ु पा-Xया कर रहे हो । कब से पायजामा पहन रहे हो ।
ज}दB नहB पहन सकते Xया ?
दBनदयाल- भागवान कछ
ु तो समय लगेगा । नाड़ा तो
बांध लेने दो ।
प_ु पा- हे भगवान इतनी दे र पायजामा पहने मT लग रहा
है । उधर टBलू जोर जोर से रो रहB रहB है ।लोग कहे गे
कैसे पड़ोसी है । >दखाते तो सगे जैसे पर बीमार लड़क
को लेकर डाXटर के पास तक नहB ले जा रहे ।
दBनदयाल-XयP परे शान हो रहB हो । चलो नीचे उतरो ।
कूटर क चाभी मेरे हाथ मे◌े◌ं है । पांच Gमनट मT
अपताल पहंु च जायेगे । रBता को कछु नहB होगा ।
प_ु पा-जब काम पड़ता है तब तY ु हारा कूटर जबाब दे
जाता है । फेको कूटर चलो भाग कर । समय बबा4द हो
रहा है । रBता बेहोश हए
ु जा रहB है ।
दBनदयाल-चलो कूटर टा4ट हो गया । तमु रBता को
लेकर कूटर पर बैठो । अपताल भत| करवा कर टBलू
को ले जाउ◌ू◌ंगा ।
प_ु पा-टBलू को सा-तवना दे ते हए
ु अपताल क ओर
भागी । टBलू मैडम 5च}ला 5च}ला कर रोये जा रहB थी ।

286
आनन फानन मT दBनदयाल अपताल पहंु चे ।
डाXटर साहब पड़ी फत|
ु से आपरे शन 5थयेटर क ओर
इशारा करते हए
ु भागे । इशारे से दBनदयाल के हाथपांव
फल
ू गये । डाXटर साहब त नक भर मT कई मशीने
लगा >दये पर सब बेकार। आXसीजन लगा >दये fफर
माथा पकड़कर बैठ गये । दBनदयाल बेसुध पड़ी रBता को
नहारे जा रहे थे fक कब रो पड़े ।
डाXटर-दBनदयालजी आप मरBज को ले जा सकते है ।
कछ
ु नहB हो सकता अब ।
दBनदयाल-Xया ?
डाXटर-हां । बेबी मर चक
ु है ।
अपताल पास मT होने क वजह से पडो..GसयP क भीड़
लग गयी । दBनदयाल शव लेकर चल पड़े । दBनदयाल
के पीछे भीड़, रोती nबलखती टBलू मडम
o और उ-हे
सYभालते आंसू बहाते हए
ु प_ु पा । टBलू मैडम तो पागल
सी हो गयी । इकलौती स-तान काफ मान मनौती के
बाद पैदा
हई
ु थी शादB के काफ वष◌ा
k के बाद
पोGलयो,त । वह भी वल बसी । रBता क परवUरश
टBलू और वकल भइया बड़े लाड़ `यार से कर रहे थे
।उ-हे इस अपंग बी>टया पर बड़ा नाज था । रBता गद4 न
तो उठा नहB पाती थी पर आसपास के लोगP को अpछ$
तरह से पहचानती थी । Gमसेज प_ु पा को दे खकर वह
करवटे बदलने लगती थी । हाथ पांव पटकने लगती थी
287
। उसके भाव को दे खकर Gमसेज प_ु पा समझ जाती थी
fक वह गोद मT उठाने को कह रहB है । गोद मT उठाते हB
वह मंुह पर एकटक दे खती रहती थी । Gमसेज प_ु पा के
भी आंसू नहB ब-द हो रहे थे । उनक आंख के सामने
रBता का चेहरा बार बार उभर रहा था । Gमसेज प_ु पा
छाती पर प?थर रखकर टBलू को समझाने का अथक
य?न कर रहB थी । टBलू थी क बयान कर-कर दहाड़
मार-मार कर रोये जा रहB थी । Gमसेज प_ु पा टBलू क
दे खरे ख मT लगी हई
ु थी और दBनदयाल fuयाकम4 करने
क तैयारB मT । दBनदयाल वकल भइया के पUर5चतP को
अपने बpचP को भेजकर बलवाया
ु दरू के पUर5चतP को
fकसी दसरे
ू ◌ा◌ं का हाथ जोड़ जोड़ कर बलवाये
ु । वकल
भइया को बलाने
ु के Gलये एक आदमी को दौड़ाये ।खद

अि-तम संकार का इ-तजाम करने के Gलये एक दो को
साथ लेकर करने मT जट
ु गये । कछ
ु दे र मT काफ लोग
जट
ु गये पर वकल भइया के दरू के पUर5चत ‹ाइवर
साद ने तो सारB हदे पार कर दB । दBनदयाल क
बी>टया काजल को डांटकर भगा >दये । काजल से बोले
तेरा बाप fकतना बेवकफ
ू है ना जान ना पहचान तू मेरा
मेहमान हर ऐरे गैरे के काम के Gलये बलावा
ु भेज दे ता है
। अरे उसक अपा>हज बी>टया मर गयी तो कौन सी
द ु नया उजड़ गयी । अpछा हआु । द ु नया मT ना जाने
fकतने रोज मरते है । वकल क अपा>हज बेटB मर गयी
288
तो कौन सा पहाड़ टट
ू गया । मेरB कोई जान पहचान
वकल से नहB है । मेरे और भी काम है । जा कह दे ना
अपने बेवकफ
ू बाप से । अरे खद
ु मसीबत
ु मT डब
ू रहा है
। दसरP
ू क मसीबत
ु मT Xया जSरत है कदने
ू क । बड़ा
भला मानष
ु बनता है । घर मT खाने का इ-तजाम नहB
चला है नेक करने । खद
ु क घरवालB का दख
ु दद4 ठ$क
से दे ख नहB पा रहा है । समाज को बदलने का जैसे
ठे का ले Gलया है । भाड़ मT जाये ऐसी जनसेवा । बेचारB
काजल रोते हएु वापस आ गयी । वकल भइया क
बी>टया रBता क मययत
् मT ‹ाइवर साद नहB सरBख
हआ
ु । कहB घमने
ू चला गय । खैर साद नहB आया ।
वकल भइया क मतृ बेटB को दफना >दया गया ।
दBनदयाल वैसे हB Gमसेज प_ु पा क असाeय बीमारB,खद

क बीमारB और आ5थ4क तंगी से dत थे। दवा का
इ-तजाम भी बडी मिq
ु कल से हो रहा था । बpचे कपड़े
लते को रतस रहे थे ।गांव मT पUरवार के लोग नाराज
थे XयPfक म नआड4र नहB कर पा रहे थे । सार कमाई
दवाई पर वाहा हो रहB थी । दBनदयाल के Jपताजी परB

बती वालP के सामने कहते बेटवा ससरा
ु शहर मT मजा
कर रहा है । गांव मT हम सत|
ु बीड़ी के Gलये नतवान
हो रहे है । बीबी बpचP को साथ मT रखा है भला इस
गांव मT उसका कौन है । XयP करे गा म नआड4र । जबfक
दBनदयाल जो कछ
ु हो जाता जSर भेजते थे । दBनदयाल
289
अपनी दयनीय दशा को वैसे हB उजागर नहB होने दे ते थे
जैसे नवयौवना अपने तन के तार-तार वd से अपने
अंग को ढकती हो । दBनदयाल खद
ु के पUरवार का खच4
उठाने मT >दXकत महसस
ू कर रहे थे । इसी बीच
वकलभइया के पUरवार का भार आ गया । आने जाने
वाले◌ा◌ं के चाय नाqता,भोजन तक क इ-तजाम करना
पड़ता । वकल भइया के मसीबत
ु को अपनी मसीबत

मानकर दBनदयाल और प_ु पा सारा भार वहन कर रहे थे
। बी>टया के मरते हB टBलू तो पागल जैसी हो गयी थी
। पड़ोस मT एक लड़क पैछा हआ ु उसे अपनी बी>टया
का पन4
ु ज-म मानकर उसे लेने दौड पड़ती । तंगी के बोझ
तले दबे दBनदयाल >हYमत नहB हारे परB
ू तरह से मदद
fकये । वकल के पUरवार का खाना दBनदयाल के घर हB
बनता । प_ु पा और दBनदयाल ने सगP से बढकर
वकलभइया के बरेु वXत काम आये । दBन दयाल खद

इतने दखी
ु थे fक दसरP
ू के दख
ु मT काम आना उनक
कमर टटने
ू जैसा था । दBनदयाल क इनकम अ5धक न
थी । वे एक कYपनी मT मामलB
ू से मलािजम
ु थे । छोटB
सी तनOवाह थी। प?नी के चार चार आपरे शन का दद4
भोग चक
ु े थे। इसी बीच बाप का आपरे शन, इसके बाद
वकल भइया क मसीबत
ु दBनदयाल के Gलये fकसी
सनामी
ु से कम न थी । घर मT खाने के Gलये अ-न क
कमी उपर से एक और पUरवार का खच4 पर अपनी
290
>दXकतP का एहसास त नक भी वकलभइया को नहB
होने >दया । वकल भइया मानGसक Sप से परे शान रहने
लगे वे शहर छोड़ने का फैसला कर Gलये । पड़ोGसयो के
,दBनदयाल और प_ु पा के लाख समझाने के बाद भी
मानने को तैयार न थे । दBनदयाल और वकलभइया मT
दरू दरू तक कोई Uरqता नहB था । दBनदयाल और प_ु पा
को दे वदत
ू कहते वकलभइया और टBलू न थकते थे ।
वकलभइया और दBनदयाल जा त nबरादरB से भी एक ना
थे । दBदयाल इंसा नयत के पजारB
ु थे । इंसा नयत का
धम4 नभाना दBनदयाल को अpछ$ तरह से आता था ।
वकल साहब दसरे
ू शहर चले तो गये पर उ-हे नया शहर
रास नहB आया । वे वापस आ गये कछ
ु महBनP के।
दBनदयाल खद
ु fकराये के घर मT रहते थे । घर बहत

छोटा था इसके बाद भी आ€य >दये । दो >दन मT
वकलभइया के Gलये fकराये का घर ढढ
ू Gलये । वकल
भइया टBलू के साथ अपने fकराये के घर मT रहने लगे ।
यह घर वकल भइया के Gलये भायशालB साnबत हआु ।
उनका काम चल पड़ा । वे तरXक क राह पर दौड़ पड़े ।
कामयाबी पर टBलू मैडम को गमान
ु होने लगा ।
दBनदयाल और उनका पUरवार जो साल भर पहले उनके
के Gलये दे वता समान था । अब उ-हे उनमT खोट लगाने
लगी । वे टBलू मैडम क नजर मT छोटे हो गये ।
दBनदयाल क नेक का टBलू मैडम के Gलये कोई मोल न
291
रहा ।
टBलू मैडम के Gलये ‹ाइवर साद उनका
पUरवार,ढकोसलबाज तेगवहादरु और उसक घरवालB
मंथरा Jय हो गये । ये वहB साद थे जो टBलू मैडम क
बेटB रBता के जनाजे मT शाGमल होने से मना कर >दये थे
। टBलू मैडम साद क घरवालB लGलता क बातP पर
कछ
ु अ5धक Jवqवास करने लगी । साद और लGलता
दसरे
ू ◌ा◌ं के अpछे Uरqते उ-हे पस-द नहB थे । वे हर
हाल मT nबगाड़ने का षणय-d रचते अ-ततः कामयाब भी
हो जाते । हां बाद मT भले हB लोग उनके मंह
ु पर थक
ू दे
उसक त नक परवाह न करते । लGलता जब वे दसरP
ू के
अpछे सYब-ध मT दरार डालने मT कामयाब नहBं हो पाती
तो राखी बांधकर Sर nबलगाव पैदा कर दे ती । खद

अpछ$ और दो पUरवार को एक दसरे
ू का दqु मन बना
दे ती । उसके iयवहार मT >दखावा कटकट
ू ू कर भरा हआ

था । लGलता के षणय-d का Gशकार होकर टBलू मैडम
दBनदयाल के नेक को nबसार कर नेक मT खोट खोजने
लगी । जहां दो चार औरते इX"ठा होती दे वता समान
दBनदयाल और उनक प?नी प_ु पा क बराई
ु करने मT
त नक भी न चकती
ू । वकल भइया ने भी आना जाना
ब-द कर >दया । प_ु पा महBने भर अपताल मT मौत से
संघष4रत ् थी पर टBलू मैडम, न वकल भइया ,न लGलता
और न साद दे खने भर को तो न हए
ु । हां Jवपि?त के
292
>दनP मT भी दBनदयाल क राह मT म"
ु ठ$ भर-भर आग
nबछाने से न चक
ू े । एक >दन राह चलते टBलू मैडम से
Gमसेज क}यानी क मलाकात
ु हो गयी । टBलू मैडम
Gमसेज क}यानी को दे खकर बोलB कहां से आ रहB हो
भाभी बड़ी ज}दB ज}दB । Xया बात है बहत
ु ज}दB मT हो
?
Gमसेज क}यानी - अपताल से आ रहB हंू प_ु पा को
दे खकर महBने भर से अपताल मT पड़ी है । दBनदयाल
भइया बड़ी मसीबत
ु मT हo ।
टBलू मैडम- मर तो नहB रहB है ना ?
Gमसेज-क}यानी Xया कह रहB हो टBलू ?
टBलू मैडम-ठ$क कह रहB हंू । मेरे उपर उसका बहत

एहसान है ना ?
Gमसेज क}यानी-एहसान है तो बेचारB महBने से अपताल
मT पड़ी है । बpचे भखे
ू `यास >दन काट रहे है । जाकर
अपताल दे ख आती । बpचे◌ा◌ं क दे खभाल कर लेती ।
अगर इतनी एहसानम-द है तो ।
टBलू मैडम-भाभी ये सब मझे
ु नहB करना है ।
Gमसेज क}यानी-मसीबत
ु मT तो अपने हB काम आते है ।
तY
ु हारB मसीबत
ु मT तो दBनदयाल भइया और उनका
पUरवार जी जान लगा >दया था ।तम
ु तो कभी अपताल
मT नहB >दखी।
टBलमै
ू डम- भाभी हमे तो इ-तजार है उस >दन का ।

293
Gमसेजक}यानी-कौन से >दन का इ-तजार कर रहB हो ।
टBलमै
ू डम- िजस >दन उसका बेटा मरे और मै उसके काम
आउ◌ू◌ं । परB
ू कालोनी जान गयी है ना उसने मेरे साथ
बहत
ु एहसान fकये है । एहसान चकाने ु का मौका तो
Gमले । मेरB बी>टया मरB थी तो एहसान क थी ना । मo
एहसान कर परेू शहर को बता दे ना चाहतीहंू । पहले
वो ना उसका बेटा मरे ताfक दे ख तो ले मेरे एहसान को

Gमसेज क}यानी- टBलू होश मT तो हो । तम
ु नेक पर
बदनेक क आग डाल रहB हो । अरे भगवान से तो डरो
। मo जानती हंू दBनदयाल भइया ने तY ु हारे Gलये Xया
fकया है । मo भी पड़ोस मT हB रहती हंू । कोई दरू नहB
रहती । खद
ु तकलBफ उठाये पर तमको
ु तकलBफ नहB
पड़ने >दये अपने बpचP का नवाला तY
ु हे >दया । असाeय
रोग से पीKड.त प_ु पा बहन ने रात >दन एक कर >दया ।
तY
ु हारे खन
ू के Uरqतेदार तो एक >दन भी नहB
>दखे,महBने भर परा
ू पUरवार एक पांव पर खड़ा था ।
बेचारे दBनदयाल भइया क नेक भल
ू कर बरेु क सोच
रहB हो । प_ु पा के बेटे क मौत क कामना मT जटB
ु हो ।
जो दसरे
ू का बरा
ु सोचते है उनका बरा
ु पहले होता है ।
तमको
ु पता है fक नहB टBलू ?
टBलमै
ू डम- Xया ?
Gमसेज क}यानी-स?य कभी नहB हारता भले हB परे शान
294
हो जाये । तY
ु हारB मसीबत
ु मT जो कछ
ु दBनदयाल भइया
और प_ु पा भाभी ने fकया है । उसके बदले तमसे
ु उ-हे
कोई चाह न थी । वे तो हर fकसी के दख
ु को अपना
दख
ु मानकर आगे आ जाते है । उनके खलाफ जो जहर
तम
ु बो रहB हंू वह तYु हारे Gलये घातक होगा । इसके
Gलये तY
ु हे भगवान भी माफ नहB करे गा । हां दBनदयाल
भइया जSर माफ कर दे गे । मेरB बात ग>ठया लो । एक
>दन तम
ु जSर दBनदयाल भइया के चौखट पर माथा
पटकोगी । अरे fकसी क नेक के बदले नेक नहB कर
सकती तो बराई
ु क म"
ु ठ$ भर भर आग XयP । नेक के
बदले ऐसा Gसला Xयंू टBलू ? दBनदयाल भइया तो कहते
है नेक करो पर नेक के बदले को चाह न रखो । आज
के जमाने मT जब लोगो को आग बोने से फस4
ु त नहB है
,दBनदयाल भइया जैसा कोई आदमी तो है नेक क राह
पर चलने वाला । दसरP
ू के दख
ु मT काम आने वाला ।
टBलू मैडम- Xया ?
Gमसेजक}यानी- हां । मानवता क राह पर चलने वालP
क राहो मT फल
ू nबछाने चा>हये म"
ु ठ$ भर भर आग नहB
। fकसी क नेक nबसारना महापाप है ।
टBलू मैडम-मै लGलता और मंथरा भाभी के बहकावे मT आ
गयी थी ।वे कहती थी ठोटे लोगP क सोह~बत से दरू
रहना चा>हये ।
Gमसेजक}यानी- Xया ? दBनदयाल भइया इतना बड़ा
295
आदमी तो तY
ु हे इस ज-म मT तो नहB Gमलेगा । अरे
आदमी पद दौलत और जा त से बड़ा नहB होता ।आदमी
तो सrकम4 और नेक हौशले से बड़ा होता है । दBनदयाल
भइया भले हB जा त से छोटे हो पद और दौलत से छोटे
हो पर वे बहत
ु बड़े आदमी है टBलू । आदमी को समझना
सीखो ।
टBलमै
ू डम- गलती का एहसास हो गया है मझे
ु दBदB । मo
ायिqचत कSंगी । भइया और भाभी का पांव पकड़कर
माफ मांगगीू कहते हए ु अपताल क ओर भागीं जहां
प_ु पा मौत से यe
ु दरत ् थी।
समाचार
साल भर क कमरतोड़,आंखफोड़ पढाई का फल छाdP
नतीजे के Sप मT Gमलता है । य>द इन भि_य के
वैyा नकP,JवŠानP,उ›ोगप तयP,राजनेताओं, सै नकP एंव
समाज सधारकP
ु के भJव_य के साथ खलवाड़ लाभबस
होता है तो यह खलवाड़ भJव_य मT सामािजक,आ5थ4क,
एवं रा_lBय >हत पर सनामी
ु के कहर से कम न होगा ।
सबह
ु परBbा थी, रामू परB
ू रात तैयारB मT जटा
ु रहा ।
fकशन के मा न4गव
4 ाक बाहर नकलते हB fकरायेदार
काशबाबू का बेटा रामू बाहर आ गया । रामू को दे खकर
fकशन बोले रामू अखबार का इ-तजार कर रहे हो Xया ?
राम-ू नहB अंकल । कल पेपर है । अखबार पढने का
समय का है । परBbा क तैयारB कर रहा हंू ।
296
fकशन-तैयारB अpछ$ चल रहB है ना ।
राम-ू हां अंकल । अiवल आना है तभी ना पापा साइfकल
>दलवायेगे ।
fकशन-जSर अiवल आओगे । पढाई करो ।नतीजा अpछा
आयेगा बेटा ।
रामू-अंकल परेू साल से कर रहा हंू ।
fकशन-के-m कहां है ।
रामू- अपनी हB कालोनी मT । आने जाने मे परे शानी नहB
होगी ।
fकशन-ये भी अpछ$ बात है । तमको
ु \यादा दे र तक
पढने का समय Gमल जायेगा । बेटा तम
ु पढो◌े । मo
मा नग वाक् कर लंू ।
रामू-जी अंकल ।
fकशन- बेट आफ लक बेटा ।
रामू- थक
o यू अंकल।
रामू मा नग वाक् से ज}दB लौट आये और वे भी अपनी
बी>टया को परBbा के-m छोडने चले गये जो दरू था
।बी>टया उषा दसवीं क छाdा थी । उषा को परBbा के-m
छोड़कर fकशन घर भी नहB पहंु च पाये । कालोनी पGलस

छावनी बन चक
ु थी । प?थरबाजी दे खकर >दल दहल
गया । बचते बचाते fकशन घर तक तो पहंु चा पर पGलस

क ललकार सनकर
ु आगे बढ गया । fकशन का बेटा
कमार
ु बाट जोह रहा था । पापा को घर के सामने से
297
जाता हआ
ु दे खकर पापा पापा 5च}लाते पीछे पीछे
दौड़ लगा >दया । आगे बढकर पGलस
ु के एक जवान ने
fकशन को रोका ।
पGलस
ु के रोकने पर fकशन Sक गया । वह >हYमत
करके बोला Xया हं गामा है ये । अपने घर मT भी नहB
घसने
ु >दया जा रहा है । Xया आफत है । Xया हो गया
कालोनी मT आधा घ8टा पहले तो ऐसा कछ
ु नहB था ।
पGलस
ु जवान-दे ख नहB रहे हो दं गा हो गया है ।
fकशन-दं गा Xयो हो गया ?
जवान- ऐन वXत पर परBbा के-m बदल गया है ।
इसGलये
तब तक हांफते हए
ु कमार
ु पहंु च गया और fकशन से
बोला पापा घर चलP मYमी परे शान हो रहा है । कमार

डरा सहमा थर-थर कांप रहा था ।दं गे का खौफ उसक
नजरP के सामने घम
ू रहा था । वह न-हा सब कछ

अपनी आंखP से दे ख चका
ु था । उसे डर था fक कहBं
कोई प?थर उसके Gसर न फोड़ दे । वह fकशन का हाथ
पकड़कर घर चलने क िजद पर अड़ गया ।
fकशन-बेटा कूटर पर बैठो । अंकल से बात कर लंू ।
घर हB चलंग
ू ा ।
कमार
ु -पापा कोई प?थर मार दे गा।
fकशन-नहB बेटा ये अंकल है ना । प?थर मारने वालP को
पकडने के Gलये ।
298
कमार
ु - अंकल जैसे तो बहत
ु लोग थे । दे खो न बस को
कंू च डाले।
fकशन- कछ
ु नहB होगा अब । पGलस
ु अंकल लोग आ गये
है ना ।
इतने मT तेज धमाका हआ
ु । कमार
ु रोते हए
ु बोला पापा
अब घर चलो । दे खो बस पर प?थरबाजी शS ु हो गयी ।
सभी लोग अपने अपने घरो के अ-दर है । कमार
ु क
िजद के आगे fकशन को झकना
ु पड़ा । वे अपने घर
वापस आ गये । कूटर धड़ा कर दं गाथल ओर जाने
लगी । इतने मT उनक धम4प?नी गीता डपटकर बोलB
कहां जा रहे हो जी । दे ख रहे हो चारो ओर से
प?थरबाजी हो रहB है । Xयो Gसर फोड़वाने जा रहे हो ।
इतने मT कछ
ु लड़fकयां दBवार क ओट मT रोती हई

>दखाई पड़ गयी। fकशन लड़fकयP के पास गये पछे
ू बेटB
Xया हआ
ु ।
एक लड़क आसू पोछते हए ु बोलB परBbा के-m बदल
गया हम तो परBbा दे ने आये थे । यहां तो Gसर फट

गया । कई लड़के लड़fकया अपताल जा चक
ु है ।
परBbा के-m कहां है ।
fकशन-परBbा के-m बदलने क सचना
ू तो पहले Gमल
गया होगी ।
लड़क - नहB अंकल अभी पता चला है । कोई कह रहा है
न-दाकालोनी मT है तो कोई कहBं और बता रहा है ।
299
कछ
ु सरकारB अफसर भी आ गये । कछ
ु परBbाथ| जा
चक
ु े थे । कछ
ु अ5धकाUरयP को उYमीद भरB नगाहP से
दे ख रहे ताfक परBbा टल जाये । दस Gमनट के बाद
Gशbा अ5धकारB भी आ गये । पालक और परBbाथ|
qनP क झड़ी लगा >दये । एक आदमी प_ट श~दP मT
बोला साहब Xया यह †_टाचार का केस नहB है । ले दे
कर परBbा के-m बदला गया हो ।
Gशbा अ5धकारB महोदय अन?ु तर हो गये ।इतने मT अपर
कलेXटर साहब आ गये । कूल के संचालक को बलवाये

। आपस मT कछ
ु बातचीत fकये । थाने चलो कह कर
अपर कलेXटर साहब आग बढे fफर Xया गाKड.यP का
काfफल चल पड़ा अपर कलेXटर साहब के पीछे पीछे ।
बच गये कछ
ु घायल परBbाथ| और टटB
ू बसT । fकशन
भीड़ के छं टते हB बस के पास Gससकती लड़fकयP से बात
करने लगे ।इतने मT पड़ोस वाला ओमजी आ गये बोले
भाई साहब Xया एकटक नहार रहे है ।
fकशन-कराहता हआ
ु भJव_य ।
ओमजी-भाई साहब जब तक †_टाचार है तब तक सारB
कराहे जवां रहे गी । आओ घर चले । इनते मT एक
पdकार महोदय आ गये । पdकार महोदय आuोश का
Gशकार हई ु बस का फोटो कई ऐंगल से खीचने लगे ।
कछ
ु दे र मT पdकार महोदय भी अपनी िजYमेदारB परB

कर चले गये । कूल के पास कछ
ु पGलस
ु जवानP के
300
साथ कोई नहा था । कछ
ु घ8टे पहले जहां दं गा हो रहा
था । लोगP का तांता लगा हआ
ु था । अब वहां परB

शाि-त थी । fकशन अपने काम पर चले गये । कछ
ु हB
दे र मT fकशन के पUर5चतP ने ने फोन लगाना ऐस शS

fकया क फोन क घंटB ब-द होने का नाम हB नहB ले
रहB थी । गीता जबाब दे दे कर परे शान हो गयी । सब
एक हB बात कहते भाई साहब को फोटो अखबार मT दे खा
है इसGलये फोन fकया है । भाई साहब आये तो जSर
बताना हमारा फोन आया था । €ीमती गीता फोन क
घ8टB से परे शान तो थी पर मन मT खशी
ु भी थी प तदे व
का बड़ा फोटो अखबार मT जो छपा था । वे उधेड़बन
ु मT
थी fक कहBं बड़े साहब तो नहB हो गये पर दसरे
ू पल
उनक खशी
ु पर व•पात हो जाता सोचती उनक fकमत
मT कहां । य>द fकमत मT होती तो कब के बड़े
अ5धकारB हो गये होते पर कछ
ु लोगP क कागदि_
ु ट उन
पर ऐसी पड़ी क बड़ी-बड़ी Kड,ी के बाद भी Xलक4 क
नौकरB भी चैन से नहB कर पा रहे है । भेद क दBवार
खड़ी करने वाले Uरसते जOम खरचते
ु रहते है । भला
अ5धकारB कैसे बनने दे गे । अपने पास कोई बड़ी पहंु च
भी तो नहB है ।दसरे
ू पल कोई अनहोनी का डर सताने
लगता । काफ माथा पpची के बाद दफतर मT फोन लगा
दB । संयोगबस fकशन ने हB फोन उठाया €ीमती गीता
आवाज पहचन कर बोलB XयP जी तरXक हो गयी Xया
301
?
fकशन-कहां से समाचार Gमला ।
€ीमतीगीता-सच आप साहब बन गये आप । आज मo
बहत
ु खश
ु हंू ।
fकशन-कहां से समाचार आप तक पहंु च गया । मझे
ु तो
कछ
ु पता नहBं ।
€ीमतीगीता-द ु नया जान गयी । आपको पता नहB
।आपके जाते हB सभी जानने वालP के फोन आने का
GसलGसला अभी तक जारB है ।
fकशन-Xया ?
€ीमतीगीता-हां । सभी आपक फोटो छपने का समाचार
बता रहे थे ।
fकशन-सबह
ु वाले अखबार मT तो कछ
ु नहB छपा है ।
€ीमतीगीता-अरे दोपहर का कोई बड़ा अखबार है । दे खो
अखबार घर लेकर आना और कम से कम पाव भर
रसमलाई जSर लाना ।
fकशन-ठ$क है । अब फोन रखो । nबल बढ रहा है ।
€ीमतीगीता-चहकते हए
ु बोलB बाय बड़े साहब ।
fकशन fकसी अनहोनी के डर मT भयभीत होने लगा ।
बड़ी मिq
ु कल से दफतर से सरज
ू डबने
ू के बाद नकल
पाया । अखबार क दकानु पर पहंु चा । सभी लोग
fकशन को घरू-घरू कर दे ख रहे थे । वह समझ हB नहB
पा रहा था fक असल माजरा Xया है ?

302
दकान
ु वाला मोड़कर अखबार fकशन क ओर बढाते हए ु
बोला लो साहब आप इसे खोज रहे है ना । fकतनी बड़ी
फोटो छापी है अखबार वाले ने आपक । साहब दBिजये
एक Sपया ।
fकशन पाकेट से एक Sपया नकाला अखबार वाले के
हाथ पर रखा । अखबार Gलया अखबार का पहला प-ना
खोलते हB होश उड़. गये। खड़े fकशन और और जाते
हए
ु ओमजी क फोटो अखबार नवीस ने बड़ी बारBक से
खींची थी । फोटो दे खने पर ऐसा लग रहा था fक असलB
दं गाई fकशन हB हो और ओमजी कछ
ु दरू भागते नजर
आ रहे थे । िजYमेदार पdकार असलB बराई
ु से कोसो दरू
थे । तवीर के नीचे छपा था ue
ु द भीड़ और कूल क
b त,त बस । उखड़े पांव fकशन घर
पहंु चे ।
€ीमतीगीता होठो पर म
ु कान Gलये दरवाजे पर खड़ी
GमलB । fकशन nबना कछ
ु बोले अखबार हाथ पर रख
>दये ।
€ीमतीगीता-बाप रे समाचार ने तो मेरB खशी
ु पर म"
ु ठ$
भर आग डाल दB ।

नरापद
रामसेवक का बेटा रामगलाम
ु बी ए तक क पढाई परB

कर गांव से शहर नौकरB क तलाश मT जाने क िजद पर

303
अड़ गया रामसेवक के और आगे पढाने क इpछा के बाद
भी । एक >दन रामगलाम
ु नीम के चबतरे
ू पर बैठा छोटे
छोटे कंकड़ से नशानी साध रहा थे । इसी बी रामसेवक
आ गया पर रामगलाम
ु इससे बेखबर था । वह नशाना
साध साधकर कंकड़ से मारे जा रहा था । रामसेवब बेटे
क बेचैनी को दे खकर बोला बेटा रामगलाम
ु Xया कर रहे
हो ?
रामगलाम
ु -बापू कछ
ु तो नहB ?
रामसेवक-XयP बेचैन है बेटा ।XयP शहर जाने क िजद
कर रहा है । बेटा भले हB अनपढ गंवार हंू पर तेरा दद4
समझता हंू । लाख गरBबी मT तमकोु पाला पोसा ।
तमको
ु मo अभागा कछ
ु भी तो नहB दे सका । जब से
होश संभाला है तब से घर पUरवार क दUरmता हB तो
दे ख रहा है ।
रामगलाम
ु -Xयो दखी
ु हो रहे हो । ऐसी कोइ◌्र बात नहB
है ।
रामसेवक-बेटा तू शहर जाना चाहता है तो बड़े शौक से
जा । मेरB एक बात eयान मT रखना ।
रामगलाम
ु - कौन सी बात बाप।ू
रामसेवक-कछ
ु पैसा हाथ मT आते हB पढाई शS
ु कर दे ना

ररामगलाम
ु - हां बापू याद रखंूगा । बापू घर क हालत
दे खी नहB जाती । तY
ु हारे धोती मT दे खो fकतनी जगह से
304
फटB है । मां क साड़ी मT fकतने पेवन लगे है । बापू
अब मo तYु हारा हाथ बंटाने लायक हो गया हंू Jवqवास
करो । fकमत ने साथ >दया तो गरBबी दरू हो जायेगी ।
रामसेवक-भगवान तY
ु हारB मनोकामना परB
ू करे ।
रामगलाम
ु - बापू तमने
ु और मां ने मेरे Gलये बहत

तकलBफ सहे है । तमने
ु अपनी इpछाओं क ह?या कर
दB मझे
ु पढाने के Gलये । मo शहर जाकर कछ

कमाउ◌ू◌ंगा तभी गह
ृ थी क गाड़ी आगे सरकेगी बापू ।
रामसेवक- वहB शहर क बात ?
रामगलाम
ु -हां बाबू शहर तो जाना हB होगा । गांव मT
रहकर तो अपने सख
ु के >दन कभी नहB आएगे ।
रामसेवक-बेटा शहर से तमको
ु इतनी उYमीद है तो जाओ
तY
ु हारB fकमत संवर जाये इससे अpछ$ हमारे Gलये
Xया होगा । इसी मT तो हमारB और हमारे खानदान क
भलाई है ।बेटा शहर से बरोबर 5च"ठ$ दे ते रहना ।
रामगलाम
ु - हां बाबू तमको
ु Gशकायत का मका नहB दं ग
ू ा
। तY
ु हारB उYमदP पर खरा उतSंगा ।
रामसेवक-बेटा तमसे
ु यहB उYमीद है ।
आ◌ाखरकार मां बाप का झोलB भर आश|वाद लेकर
रामगलाम
ु शहर को कंू च कर गया । शहर मT वहे दर -
दर भटकने लगा । जहां भी जगह खालB है का बोड4 लगा
दे खता वहा जाता पर वहां नौकरB नहB Gमलता ।
शैbणक योयता क पहलB नजर मT वह नौकरB पाने का
305
हकदार हो जाता पर जब बात सामािजक योयता
या◌ा न जा त क आती तो अयोय हो जाता ।दे श क
राजधनी मT भी उसके साथ क?
ु ते nबि}लयP जैसे iयवहार
हय
ु वह भी एक पढे Gलखे दे हाती के साथ । छः साल
तक रामगलाम
ु >द}लB क खाक छानने के बाद मeय
भारत के इ-दरू शहर पहंु च गया । रामगलाम
ु को इस
नये शहर मT भी बहत
ु दख
ु उठाना पड़ा । साल भर क
बेरोजगारB और भागदौड़ के बाद एक कYपनी मT नौकरB
Gमल गयी । नौकरB के पहले हB >दन लंच के समय मT
दफतर का चपरासी आया और बोला Gमटर रामगलाम

यह तो पता चल गया है fक तम
ु आजमगढ के हो और
तम
ु मझे
ु भी जान गये हो fक मo रहBस अहम खान हंू ।
कौन से गांव के तम
ु हो यह भी तो बता दो हो ।
आजमगढ का तो मo भी हंू । आजमगढ कोई छोटा मोटा
िजला थोड़े हB है दे श क शान है अपना आजमगढ ।
रामगलाम
ु -द ु नया क शान है महापंKडतराहल

सांकृतायन भी तो वहB के थे। खैर मेरा गांव चौक
लालगंज से दस fकलोमीटर है । वहB का हंू । इतने मT
साहब क कालबेल बजी वह साहब के कb क ओर दड़
पड़ा।
रहBस अहम खान-अpछा तो चौक वाले रामगलाम
ु थोड़ी
दे र मT fफर Gमलता हंू और कछ
ु भी तो जानना है । एक
हB Jवभाग मT साठ साल क उt तक साथ साथ रहना
306
जो है ।
रामगलाम
ु -ठ$क है ।
चपरासी रहBस अहम खान दसरे
ू >दन मका पाते हB गट
हआ
ु और बोला रामगलाम
ु तम
ु दे खो मo तमसे
ु वUर_ठ हंू
इस दफतर मT भले हB चपरासी हंू । एक बात पछ ू ू
बताओगे ?
रामग◌ु
ु लाम- कौन सी ऐसी ना बताने लायक बात पछने

वाले हो रहBस ।
रहBस अहम खान-रहBस नहB परा
ू नाम रहBस अहम खान
हंू मo । खैर दे खने मT तो तम
ु fकसी बड़ी जा त के लगते
हो पर Xया तम ु बताओगे fक असलB जा त तY ु हार Xया
है ? बहत
ु से छोटB जा त वाले जा त बदल कर नौकरB
करते है और कालोनी मT भी जा त छपाकर
ु fकराये का
घर लेकर रहते है । तY
ु हारB जा त Xया है ।
रामगलाम
ु ु ू
-अनस5चत जा त का हंू ।
रहBस अहम खान-बाप रे चमार को अब चाप पानी Jपला
पडेगा, उसक टे बल कस|
ु पोछनी पडेगी रहBस को कहते
हो धम से रामगलाम
ु के सामने कस|
ु पर पसर गया ।
कछ
ु Gमनट के बाद कालर सीधा करते हए
ु बोला अपना
तो धम4†_ट हो गया और जाने लगा ।
रामगलाम
ु -Gम रहBस दफतर क चाभी दे दे ना कछ
ु >दन
यहB रहंू गा । ए ए साहब ने इजाजत दे दB है ।
रहBस अहम खान-तू दफतर मT रहे गा । हे भगवान अब
307
तो दफतर के बत4न भाड़े भी भरभ8ड होगे । साहब से
बात कर लंूगा इसके बाद चाभी दं ग
ू ा । तY
ु हारे कहने से
तो दं ग
ू ा नहB ।
खैर ए ए साहब ने रहBस अहम खान को लताड़ >दया ।
वह मंुह लटकाये आया और रामगलाम
ु क टे बल पर
चाभी पटक >दया और बोल दे खो कोई सामान लेकर नहB
भागना और जब तक रहना दफतर के बत4नP को उपयोग
हर5गज नहB करना । रहBस अहम खान ने खले
ु आम
रामगलाम
ु को भगाने क म>हम
ु जैसे छे ड़ >दया । दफतर
मT जा तवाद के कछ
ु पोषक भी रहBस का साथ अपरोb
Sप से दे ने लगे । उ-हे भी रामगलाम
ु क उपिथ त
खलने लगी ।
रामगलाम
ु ईमानदारB से नौकरB करने मT लग गया ।
रहBस क सािजश को नजरअंदाज करते हए ु । बडे
अ5धकारB ए ए साहब परोb Sप से तो नहB अपरोb Sप
सपोट4 भी करने । अपने से उ◌ु◌ंचे अ5धकाUरयP से भी
रामगलाम
ु का तारBफ करने से नहB चकते
ू थे ।
रामगलाम
ु था भी तारBफ लायक । जब तक काम परा

नहB होता था उसे छोड़ता नहB था । बीमारB क हालत
मT काम करता था परB
ू लगन के साथ । उड़ीसा के भाई
च-mम न ने रामगलाम
ु कछ
ु कछ
ु सपोट4 fकया और
आ?मबल भी बढाया । ए ए साहब के सपोट4 को दे खकर
रामगलाम
ु को लगने लगा था fक इस कYपनी मT उसका
308
भJव_य सरabत
ु है पर रहBस था fक म"
ु ठ$ भर भर आग
बोने से बाज नहB आ रहा था ।
रहBस क करतत
ू को रामगलाम
ु नजरअंदाज कर दे ता पर
वह हमेशा हB खार खाये रहता । दफतर के सभी लोग
उसक इस हरकत से पUर5चत हो गये थे । कछ
ु आग मT
घी भी डालने लगे थे ।
एक >दन यादो बाई आई जो दफतर के साफ सफाई के
साथ लै>lन बाथSम भी साफ करती थी । वह काम
नपटा कर जाने लगी । इतने मT रहBस चपरासी आया
और बोला Xयो यादो बाई तम
ु कहां क हो ।
यादो बाई 5चढते हए
ु बोलB उ?तर दे श के रायबरे लB क
हंू कब तक तमको
ु बताती रहंू गी । सात साल से मo इस
दफतर का काम कर रहB हंू । तY ु हारा गंदा fकया लै>lन
बाथSम धो रहB हंू । बार बता चक
ु हंू XयP बार बार
आजकल पछते
ू हो ।
रहBस अहम खान-XयP बताने मT तकलBफ हो रहB है
Xया?
यादो बाई- और कछ
ु तमको
ु पछना
ू है ।
रहBस अहम खान- तम
ु यादP हो या नहB पर मo मान गया
हंू fक तम
ु यादो हो और उ  क हो । ये तY
ु हारे सामने
कस|ु पर बैठा रामगलाम
ु भी तो उ  का हB है । Xयो
रामगलाम
ु ? यादो बाई एक बात पछनी
ू है तमसे
ु कई >दनP
से मन मT थी आज पछ
ू हB लेता हंू । उ?तर दे तो दोगी
309
ना ?
रहBस अहम खान -तY
ु हारे धम4 मT सबसे छोटB कौन सी
जा त होती है । िजसको छने
ु से भी आदमी अपJवd हो
जाता है ।
यादोबाई-आदमी के छने
ु से आदमी कैसे अपJवd होगा ।
रहBस अहम खान-अpछा तो तू भी छोटB हB जा त क है
। खैर छोड़ सबसे छोटB जा त कौन सी होती है तY
ु हारे
धम4 मT ।
यादोबाई-धोबी
रहBस अहम खान-Xया यादोबाई इतना भी मालम
ू नहB ।
अरे चमार सबसे छोटB जा त होती है ।रामगलाम
ु क तरफ
इशारा करके बोले जा रहा था । रहBस चपरासी क बात
सनकर
ु रामगलाम
ु का खन
ू तो खैल रहा था पर अभी
नौकरB मT महBना भी नहB nबता था । अपमान का जहर
पी कर चप
ु रहा ।
इतने मT बडे साहब के कb क कालबेल बजी रहBस
चपरासी दौड़ा दौड़ा गया और उ}टे पांव बाहर आया और
बोला अरे वो रामगलाम
ु साहब तमको
ु बला
ु रहे है । जा
याद रखना मेरB Gशकायत ना करना वरना बहतबरा
ु ु होगा

रामगलाम
ु -ए ए साहब के सामने हािजर हआ
ु ।
ए ए साहब-पd टाइप हो गये ।
रामगलाम
ु -येस सर ।ये है सातो पd कहते हए
ु साहब के
310
सामने रख >दया ।
ए ए साहब-वेरB गड।
ु एXसीले8ट जाब
इतने मT च-दम नजी आ गये ।साहब ने उनहे बैठने का
इशारा fकया । साहब ने सभी पd च-mम नजी के सामने
रख >दये और बोले दे खो च-mम न fकतना हाड4 वक4र है
रामगलाम
ु । ऐसा हB रहा तो बहत
ु आगे जायेगा । अpछा
पढा Gलखा भी है ।
च-mम नजी- जी सर । काम करना तो कोई रामगलाम
ु से
सीखे । सर कछ
ु लोग रामगलाम
ु क खलाफत कर रहे
है । तरह तरह के सवाल कर रहे है ।
ए ए साहब- वे लोग सpचे इंसान नहB है । जा तवाद तो
दे श क सबसे घातक बीमारB है । अफसोस है कछ
ु पढे
Gलखे और उ◌ू◌ंचे ओहदे पर रहकर भी जा तवाद को
बढावा दे रहे है । च-mम नबाबू मo जान गया हंू सब कछ

। रामगलाम
ु के धैय4 को भी पहचान गया हंू दे खना जो
लोग खलाफत कर रहे है एक 5गड़5गडायेगे रामगलाम
ु के
सामने ।
च-mम न-रामगलाम
ु fकतना अpछा काम कर रहा है ।
कोई मीनमेख इसके काम मT नकालने लायक नहB होती
। इसके बाद भी चपरासी रहBस Jवनोदबाबू और कछ

लोग उ?पीKड.त कर रहे है जा त nबरादरB के नाम पर ।
Jवनोदबाबू तो कई बार तो nबना काम के दतावेज
रामगलाम
ु को टाइप करने को दे दे ते है । बेचारा नया
311
आदमी है इतना परे शान XयP fकया जा रहा है । ऐसा
भी नहB है fक कछ
ु पैसे \यादा >दये जा रहे हो । सबसे
कम तनयवाह पाने वाला रामगलाम
ु हB है । काम सबसे
\यादा करता है पढाई Gलखाई मT बीस हB बैठेगा । गंवारो
क तो बात छोड़ो यहां तो पढे Gलखे लोग शोषण कर रहे
है । अ-याय हो रहा है साहब रामगलाम
ु के साथ
।रामगलाम
ु चपचाप
ु सनता
ु रहा ।
ए ए साहब-च-mम नबाबू हाथी चलता है तो क?ु ते बहत

भौकते है जब वह पीछे मड़ु ता है तो सब अपनी अपनी
मांद क ओर भागते है ।रामगलाम
ु तम
ु ऐसा नहB करना
अभी Xयोfक तमको
ु बहत
ु दरू तक जाना है ।
रामगलाम
ु -समझ गया सर ।
च-mम न-सर आजकल लोग आदमी क पहचान करने मT
भी मतलब तलाशते है । भले हB आदमी fकतना हB
ई◌्रमानदार,वफादार,हाड4वक4र XयP न रहे य>द वह
चापलस
ू नहB है तो सबसे नकYमा है । सर आप जैसे
लोग nबरले हB होते है जो आदमी क  तभा को तराशते
है ।
ए ए साहब-च-mम नबाबू काम `यारा होना चा>हये । हम
सभी संथा के Gलये काम करते है । ईमानदारB से
संथा>हत मT काम करना चा>हये । इसी मT समाज और
दे श क भलाई भी है । जा त धम4 के झगड़े मT पड़कर
आदमी अपना अ>हत तो करता हB है , दे श समाज का भी
312
कर बैठता है । द ु नया मT बrनामी भी होती है । आदमी
को आदGमयत के  त अपना फज4 नहB भलना
ू चा>हये
।आदमी आज है कल नहB है । ईमानदारB से fकया गया
काम हB तो याद रहता है । दे खो रामगलाम
ु िजस लगन
से तम
ु काम कर रहे हो करते रहो जSर एक >दन अपने
मकसद को हाGसल कर लोगो ।
च-mम न-हां रामगलाम
ु बाधाओ से नहB घबराना । बोने
दो जी Jवष बो रहे है । एक >दन यहB Jवष उनके सांसP
मT घले
ु गी । लगन से काम करो । भगवान तुYहारB मदद
करे गा ।
रामगलाम
ु -मै अपने फज4 को नहB भलं
ू गू ा । परB
ू न_ठा
और ईमानदारB से काम करता रहंू गा आप लोगP के
माग4दश4न मT ।
ए ए साहब-ऐसे हB लगे रहो तरXक तक तमको
ु नहB
जाना होगा । दे खना एक >दन तरXक तY
ु हारे पास
चलकर आयेगी ।
च-mमण-साहब अपने तजरबे
ु के आधार पर कह रहे है
रामगलाम
ु ।
रामगलाम
ु ईमानदारB से अपनी डयटB
ू करता पर आठवी
फेल चपरासी रहBस सािजश रचने से बाज नहB आता ।
अपनी सािजश मT चपरासी,रहBस Jवनोदबाबू जैसे और
जा तवाद को बढावा दे ने वालो को शाGमल करता और
रामगलाम
ु को परे शान करता ताfक वह नौकरB छोड़कर
313
भाग जाये । रामगलाम
ु रहBस के षणय-d को समझ
गया था । इन इंसा नयत के दqु मनP से बचकर रहता
लेfकन ये दqु मन कहा मानने वाले Jवष तो बोते हB रहते
थे । कछ
ु साल के बाद ए ए साहब का थाना-तरण हो
गया ।धीरे धीरे दशक nबत गया पर रहBस का जहर
उगलना कम नहB हआु । अब रामगलाम
ु को ईqवर का
हB भरोसा था । इसी बीच चपरासी रहBस ने अपना
थाना-तरण बनारस करवा Gलया । बनारस मT चपरासी
रहBस क अपनी औकात का पता चल गया । >द}लB मT
बैठे बड़े अ5धकारB के सप‰ट से वह रामगलाम
ु के खलाफ
आग उगलता रहता था । उ-हB अ5धकारB के सहयोग से
बनारस lा-सफर करवाया था और छः महBने मT fफर
वापस भी आ गया और पहले से अ5धक रामगलाम
ु का
Jवरोध करने लगा । चाय पानी तक दे ना ब-द कर >दया
बोलता कब तक अछत
ू को चाय पानी पीलाउ◌ू◌ंगा ।
इसके Gलये रामगलाम
ु को लड़ाई भी लड़ना खैर जीता
रामगलाम
ु हB । बहत
ु बड़े साम-तवादB अ5धकारB का Gसर
पर हाथ होने क वजह से रहBस चपरासी जा तवाद का
क"टर समथ4क थ ◌ाऔर बनारस से वापस आने के
बाद तो बबर शेर हो गया था । वह रामगलाम
ु के
खलाफ कछ
ु और अ5धकाUरयP को Gमलाकर दqु चार
करना लगा fक रामगलाम
ु चमार है अपनी जा त का
सहारा लेकर हम उpच धम4 और जा त वालो क
314
खलाफत करता है । षणय-d के तहत ् यह झठ$

Gशकायत उपर तक पहंु च गयी । बड़े साम-तवादB
अ5धकारB ने काले पानी क सजा दे दB ।
रामगलाम
ु के Gसर ऐसा इ}जाम पर मढना शS
ु हआ
ु fक
fफर यह GसलGसला कभी न हB Sका और उसक सारB
योयतायT धरB क धरB रह गयी। सYभवतः इसीGलये fक
एक बड़ी कYपनी के दफतर मT वह तथाक5थत इकलौता
छोटB जा त का था । इतने भयावह Jवरोध के बाद भी
रामगलाम
ु अपने कम4 और फज4 को ईमानदारB के साथ
समJप4त रहा । वह ऐस भयावह Jवरोध के तफान
ू मT
फंसा रहकर भी बड़ी-बड़ी शैbणक Kड5,यां भी हाGसल
कर Gलया पर-तु रामगलाम
ु का आवेदन जा तवाद के
पोषकP ने आगे नहB बढने >दया । उ}टे ऐसे ऐस हादशे
नGम4त fकये गये क रामगलाम
ु नौकरB तक छोड़ दे
लेfकन रामगलाम
ु बढे
ू मां बाप के आंखP के आसू और
पUरवार के भJव_य के Gलये शोषण उ?पीड़न का जहर
पीता रहा । इस जहर ने तो उसे तो उसे तरXक नहB दB
पर डायnबटBज जैसी बीमारB जSर दे दB । रामगलाम
ु जब
बहतु दखी
ु होता तो भगवान के आगे Gशकायत भरे लहजे
मT कहता भगवान दसरP
ू क तकदBरे कैद करने वालP को
सदबिe
ु द दो । दसरा
ू उपाय भी तो नहB बस इनसे
छटकारा
ू पाने का तरBका नौकरB छोड़ना हB था । ऐसा
रामगलाम
ु कर भी नहB सकता था Xयोfक उसे बढे
ू मां के
315
आंसू पोछने थे और पUरवार को भी तो Gशabत करना था
। इसGलये वह शोषण अ?याचार सह रहा था तपया
मानकर । वह अपने मन क भड़ास भगवान के सामने
नकाल लेता कभी कभी-Xयोfक JवषमतावादB समाज मT
कमजोर का तो कोई सनने
ु वाला नहB होता । सब
कमजोर के जीवन मT म"
ु ठ$ भर-भर आग भरने का हB
तो भरसक यास करते है ताfक वे दबे-कचले
ु रहे Gसर
उठाकर चलना ना सीख सके और बने रहे ग◌ु
ु लाम ।
रामगलाम
ु का अपने फज4 के  त समप4ण वXत के
कैनवास पर 5च-ह छोड़ने शS
ु कर >दये िजससे उसक
उजलB पहचान तो उभरने लगी पर उसके >दल के जOम
ताजे कर दे ते भेदभाव के शोले उगलने वाले । एक
नौकरB मT तो रामगलाम
ु को तरXक नहB GमलB पर वह
समाज सेवा के bेd मT एक मकाम
ु हाGसल कर Gलये
।सामािजक बराईयP
ु से नपटने के Jवचार उसके मन मT
चलते रहते । रामगलाम
ु सख4
ु आखP और माथे पर
5च-ता क मोटB मोटB लकरे Gलये उधेड-बन
ु मT उलझा
हआ
ु था इसी बीच स?यनारायण बाबू आ गये । उसक
दशा दे खकर बोले XयP रामगलाम
ु खदु को Gमटा दोगे
Xया ?
रामगलाम
ु -हां बाबू मानवीय समानता के Gलये ।
स?यनारायण-Xया ?
रामगलाम
ु -हां बाबू मानवीय भेद के आसू कब तक बेमौत
316
मारते रहे गे ? जातीय भेदभाव और रहBस जैसे चपरासी
का ज}
ु म कब तक ढोना होगा । बाबू ऐसे जम‰
ु ने हB तो
दबे कचलो
ु के अित?व को रद रखा है । श>दयP से
शोJषतP को सYमान और भरपरू तरXक का मौका
चा>हये क नहB ।
स?यनारायण-XयP नहB ?तम
ु जैसे नरापद लोग कब तक
ज}
ु म सहते रहे गे । जातीय भेद भाव ख?म होना चा>हये
। कब तक यह दै ?य सामािजक आ5थ4क Sप से वं5चतP
क हक छन कर कब तक खन
ू के आंसू Sलाता रहे गा ।
कब तक रामगलाम
ु तम
ु जैसी  तभाओं का दमन करता
रहे गा । अब तो भेदभाव दे श के Gलये नासरू बन गया है ।
इसके इलाज मT हB दे श और समाज क त-दS
ु ती है ।
रामगलाम
ु -स?यनाराणबाबू JवषमतावादB समाज मT पैदा
हआ
ु जा तवाद के पोषक वधम| हB नहB गैरधम| रहBस
जैसे चपरासी तक का जOम पाया हंू । स?यनारायण बाबू
यह जOम तो इस जीवन मT नहB भर सकता पर सकन

जSर Gमल सकता है ।
स?यनाराण-वह कैसे ?
रामगला◌ाम
ु -समतावादB समाज क गोद मT मरकर ।
स?यनाराण- Xया दे यह पायेगा करोड़ो शोJषतP वं5चतP
को nबखि8डत समाज ?

नेक बना अGभशाप


317
अ तJपछडे. छोटे से गांव मT दर>mता के दलदल मT धंसा
माधव रहता था । वह अपने भाई भतीजP को खशहाल

बनाने के Gलये गांव के जमीदार कंसबाबू का बंधुआ
मजदरू बन गया था । माधव का ?याग सफल हो
गया,उसका बड़ा भाई केशव कलकते मT नौकरB करने
लगा । सबसे बड़ा भाई राघव केशव क ससराल
ु मT
वाUरस न होने क वजह से चारो भाईयP के नाम रिजlB
हई
ु पांच बीघा जमीन पर खेती करने लगा था। माधव
का सबसे छोटा भाई उधम तो बचपन से कछ ु अंवारा
fकम का था वह भी गांव से शहर जा बसा । माधव
अपने और पUरवार के वण4म कल के सपने खलB
ु आंखP
से दे खने लगा । कछ
ु बरस मT हB केशव और उसक
घरवालB कजरB क नय त मT खोट आ गयी । कजरB
पांच बीघे खेत से उपजे क8
ु टलP अनाज से एक दाना
और केशव क कमाई से पैसा भी न दे ने क कसम खा
लB । अब Xया माधव पर व•पात हो गया । राघव
अपने सगे भाई केशव का मजदरू होकर रह गया । केशव
और उसक प?नी कजरB पर लोभ का भत
ू सवार हो गया
जबfक औलाद के नाम पर बस एक क-या थी । केशव
वहB भाई था िजसके गणगान
ु करते राघव और माधव
नहB थकते थे । राघव ने तो केशव के गणगान
ु मT बना
डाला था । जहां चार छः लोग इX"ठा हये
ु fक राघव
गाने लगता था ।
318
भइया हो तो बस अनपे केशव जैसा
अपना केशव तो चांद जैसा ।
ना आये आंच कभी Uरqते पर अपने
बना रहे `यार सदा सच होवे सपने ।
भईया का `यार करे खशहाल

केशव क खशी
ु पर पUरवार नहाल ।
भईया केशव भययपन
् का सरताज,
वाथ4 के यग
ु मT ऐसा भाई कहां Gमले आज ।
राघव और माधव का गमान
ु केशव क दगाबाजी के
सामने नहB >टक सका । केशव और उसका दमाद भु
जो कचहरB मT मलािजम
ु था सािजश रचकर सdह साल
परानी
ु रिजlB नोट के ब8डल परोस कर रrद करवा
Gलया । चपक
ु े चपक
ु े केशव सारB जमीन अपनी इकलौती
बेटB के नाम करवा Gलया । fकसी को भनक तक न
लगने दB । कई बरसP के बाद राघव को दाल मT कु छ
काला लगा वह छानnबन करने लगा । इसक भनक भु
को लगी वह सािजश से परदा हटता दे खकर राघव को
राते से हटा >दया और इ}जाम राघव के माथे मढ >दया
गया आ?मह?या का ।
राघव क घरवालB बहत
ु बरस पहले उससे नाता तोड़कर
मायके जा बसी थी नवजात Gशशु उजाला को माधव क
चौखट पर फक
T कर। । माधव क नवJववा>हता घरवालB
धनरB ने भेड़ बकरB और Oु◌ाद तक क छाती चटाकर
319
उजाला को पाल पोष लB । राघव के मरते हB बंधुवा
मजदरू माधव क जैसे भजाय
ु T कट गयी । वह बेसहारा
हो गया । मिq
ु कलP के समय मT कोई सहारा दे ने वाला न
रहा । पैतक
ृ घर पर पUरवार वालP का क~जा हो गया ।
माधव और उसके बpचP के◌ा Gसर छपाने क जगह न
बची। जमींदार का हाथपांव जोड़कर वह बती से कछ

दरू गांव समाज क जमीन पर मड़ई डालकर बसर करने
लगा ।
गरBबी के दलदल मT फंसे माधव को उबरने का कोई
राता दरू दरू तक नजर नहB आ रहा था । बेचारे माधव
के पास तंगी, भGमहBनता
ू , रोजी रोटB का कोई पO
ु ता
इ-तजाम नहB । >दन भर जमीदार के खेत और चौखट
पर हाड़फोड़ने क दो सेर मजदरB
ू इसके बाद भी माधव
ने हार नहB माना । उजाला को अपने बड़ा बेटा माना
उसे पढाने Gलखाने मT जट
ु गया जबfक वह खद
ु लाख
दख
ु भे◌ाग रहा था । माधव के ?याग से उजाला आठवीं
जमात का इYतहान भी पास कर Gलया । माधव उसे
आगे पढाना चाहता था पर ना जाने Xयंू उजाला माधव
और उसके पUरवार को सांप क तरह फफकारता
ु रहता
था । धनरB इतनी स-तोषी औरत थी fक उजाला क हर
गलती माफ कर दे ती कहती बेटा पढाई पर eयान दो
आगे बढो । अपने बpचP क तरफ इशारा करते कहती
अपने भाई बहनो को तY
ु हे हा आगे ले जानस है । बेटा
320
हम तो अपनी औकात के अनसार
ु तमको
ु कोई तकलBफ
नहB पड़ने दे रहे है । अगर कोई दख
ु तकलBफ पड़ रहा है
तो बेटा इसमT हमारB कोई गलती नहB है । तम
ु तो अपने
काका क कमाई दे ख हB रहे हो । हमारा सपना है fक
तम
ु पढ Gलखकर साहे ब बनो । बेटा हम गरBब का मान
रख लेना । उजाला माधव और धनरB के ?याग को कभी
भी नहB माना । वह बती वालो से कहता मेरB मां छः
>दन का छोड़कर भाग गयी तो काका काक को मझे
ु नहB
पालना था फेक दे ना था । क?
ु ते nब}लB खा गये होते ।
धनरB के कान तक ये बाते पहंु चती को तो वह घ8टो
रोती पर माधव से कछ
ु ना कहती । माधव तो भोर मT
जमीदार क चौखट पर हािजरB लगाकर काम मT लग
जाता । परB
ू बती सो जाती तब वापस आ पाता ।
आठवीं का Uरज}ट आया हB नहB उसके पहले उजाला
शहर भाग गया । शहर मT एक कYपनी मT नौकरB करने

लगा और बाक समय मT डाई-मेfकग का काम सीखने
लगा। कछ
ु महBनP मT उजाला एक कामयाब Gमdी बन
गया । अpछा पैसा कमाने लगा । बड़ा Gमdी बन गया
।उसक कामयाबी के चचk परेू शहर मT होने लगे थे ।
उजाला अपनी कामयाबी क खबर से माधव को कोसो
दरू रखा । माधव को जब कभी 5च"ठ$ उजाला Gलखता
तो बस यहB Gलखता fक कामधाम नहB चल रहा है मo
बीमार हंू । उजाला के बीमारB क खबर सनकर
ु माधव
321
और धनरB रो उठते । बड़ी मिq
ु कल से अ-त4देशीय
खरBदते उजाला को 5च"ठ$ Gलखवाते बेटा कछ
ु >दन के
Gलये घर आ हवा पानी बदल जायेगा तो तY
ु हारB सेहद
सधर
ु जायेगी । उजाला के >दल मT तो Jवqवासघात था
उसे 5गर5गट क तरह रं ग बदलने भGलभां त आता था ।
मां बाप क है Gसयत से माधव और धनरB 5चि-तत रहते
। शहर गये उजाला को कई बरस nबत गये पर वह कभी
गरBब माधव क ओर नहB दे खा एकाध बार गांव गया भी
तो आqवासन के अलावा और कछ
ु नहB >दया ।
उजाला के ससराल
ु वाले गौने दे ने के Gलये माधव पर
जोर दे ने लगे । माधव ने उजाला का ~याह तीन चार
साल क उt मT हB कर >दया था । माधव उजाला के
गौना क >दन तारBख पXक कर 5च"ठ$ Gलखवा >दया ।
गौना चार >दन पहले उजाला आ गया । इस बार काका
काक और छोटे भाई बहनP को कपड़े भी लाया और
माधव के हाथ पर सौ Sपया भी रख >दया । माधव को
तो जैसे द ु नया क दौलत Gमल गयी । वह इस खशी
ु के
आगे गौने के खान खच4 के Gलये जमीदार से उधार को
एकदम से भल
ू गया । Xयो न भलता
ू उजाला ने जो कहा
था काका तम
ु 5च-ता ना करो सब दख
ु दरू हो जायेगा ।
भतीजे के इस श~द ने तो और अ5धक दख
ु सहने क
शिXत जैसे दे दB । माधव बोला बेटा तम
ु खश
ु रह यहB
हमारB सबसे बड़ी दौलत है । तमको
ु दे खकर खश
ु रह
322
लंग
ू ा ।
बड़ी हं सी खशी
ु उजाला का गौना आया । गौना कराकर
महBने भर बाद उजाला शहर चला गया । दो महBने के
बाद ससराल
ु से सीधे अपनी प?नी उGम4ला को अपने
ससरु को खत Gलखकर शहर बलवा
ु Gलया । उGम4ला के
शहर पहंु चते हB बचाखंुचा नाता भी उजाला ने माधव से
ख?म कर उसक नेक पर म" ु ठ$ भर आग डाल >दया ।
कई साल पहले राघव मर गया या या मार >दया गया ।
राघव के जीते जी उजाला ने उसे कभी बाप का दजा4
नहB >दया । उसके जीवन और मौत से उजाला को कोई
फक4 नहB पड़ा य>द fकसी को फक4 पड़ा तो माधव को ।
राघव क मौत को भू केशव और केशव के समधी दधई

ने सदा के Gलये अबझ
ु पहे लB बना >दया पर लोग दबी
जबान
ु ह?यारा इ-हB तीनP को कहते । उजाला के मंह
ु मोड़
लेने से माधव एकदम अकेला होकर रह गया । बेचारा
कभी काल कम से कम 5च"ठ$ Gलखवा कर अपनी पीड़ा
पर मरहम तो लगा लेता था । वह भी सहारा ख?म हो
गया ।
उजाला का गौना आये कई साल nबत गये । वह एक
लड़क दो लड़के का बाप बन गया । लड़क ~याह लायक
हो गयी । प-mह साल के बाद fफर उजाला क 5च"ठ$
आयी परानी
ु 5च"ठ$ क तरह हB रोना काका मo बीमार हंू
। पUरवार को शहर मT रखना बहत ु महं गा पड़ रहा है ।
323
काका मझे
ु रहने का >ठकाना दे दे तो मo बpचP को गांव
मT छोड़ दे ता । अब Xया हर महBने उजाला क 5च"ठ$
आने लगी । उजाला क 5च"ठ$ पढवाकर माधव और
धनरB रो उठते । एक >दन अचानक उजाला पUरवार
स>हत आ धमका ।
धनरB उजाला के बpचP को छाती से लगाकर nबलख
nबलख रोने लगी ।
उजाला-काक ना रो। ये बpचे तेरे पास हB रहे गे । काक
मेरा खोया हक दे दे ना बस ।
सीधी साधी धनरB बोलB - हां बेटा । दाना पानी कर बहत

थक गया होगा । तेरे काका तो जमींदार क बी>टया के
~याह मT लगे है । >दन रात गांव गांव से ख>टया ढो-
ढोकर ला रहे है । मo भी वहB गोबर डालकर आ रहB हंू ।
सबह
ु से लटके लटके कमर टट ू गयी । जमींदार के बेटB
का ~याह है >दन रात एक हमारB हो रहB है । अपनी
बी>टया के ~याह मT हम इतना परे शान नहB हए
ु थे ।
उजाला-काक मेरB भी बी>टया ~याह करने लायक हो गयी
है । काक तमको
ु हवेलB जाना है तो चलB जा उGम4ला
रोटB बना लेगी ।उजाला पUरवार स>हत गांव आया है fक
खबर माधव को लगी वह भी दौड़ता हांफता आया ।
उजाला- माधव का पांव छते
ू हए
ु बोला काका अपने चरणP
मT जगह दे दो ।
माधव-Xया कह रहे हो उजाला । शहर क कोठ$ छोड़कर
324
यहां रहोगे । मेरे चरणP मT भला तY
ु हारे जैसा बड़ा सेठ
कैसे रहे गा । बेटा जब तक रहना हो रह ले । जो Sखा
सखा
ू मझ
ु गरBब क झोपड़ी मT बनेगा खा लेना । पोता
पोती को कछ
ु >दन खेलाने का सख
ु भोग लंग
ू ा ।अभी
तक तो गरBबी और अपने ने बहत ु Sलाया है । कछ
ु >दन
बpचP के साथ हं स खेल लंग
ू ा fकसी बडे. सख
ू से कम
नहB होग हमारे Gलय ।
उजाला-काका मo अब तमको
ु दख
ु नहB दं ग
ू ा । खब
ू बpचP
को खलाओ । बpचP के रहने के Gलये JपछवाडT क मड़ई
दे दे ◌ा । जब तक हम रहे ◌ेगे बना खा लेगे । हां खान
खच4 का भार तY
ु हारे उपर नहB डालंूगा ।
माधव-Xया ?
उजाला- हां काका । अलग रहंू गा बस क◌ु
ु छ >दन रहने
का >ठकाना दे दो ।
माधव-ŠाUरका क मां सन
ु रहB हो । fकतनी आसानी से
>दल पर आरा चला >दया है इस उजाला ने । बीस साल
के बाद भी नहB बदला उजाला । सांप क तरह अभी भी
फफकारता
ु है ।
धनरB-ठ$क है । पढा Gलखा है समझदार है । कछ
ु सोच
समझकर हB कहा होगा । हम तो ठहरे गंवार । Xया
समझे शहर क भाषा ? ठ$क है बेटा रह ले जब तक चाहे
। ŠाUरका,हUरŠार, गंगा,जमना
ु ,गोमती और सरवती
बी>टया क तरह तमने
ु भी तो मेरB छाती चाटकर पले
325
बढे हो। हां तब इन बpचP का ज-म नहB हआ ु था ।
अपनो पर Jवqवास नहB करे गे तो जमाने मT fफर fकस
पर Jवqवास करे गे , जेठ दे वर, खानदान तक के लोगP ने
धोखा >दया है । बेटा अब और >दल ना दखाना
ु ।
उजाला- काक Xया कह रहB हो ?
माधव-बेटा एक मां के आंसू का मोल रखना । मां क
ममता पर म"
ु ठ$ भर आग मत डालना । कोई एतराज
नहB है । अलग रहो या एक मT । पोते पोती को भर
आंख दे खकर वग4 का सख
ु Gमल गया ।
उजाला-काका कोई दगाबाजी नहB कSंगा ।
माधव काम पर चला गया । धनरB दाना पानी का
इ-तजाम झटपट कर Jपछवाड़े क मड़ईनमा
ु कpचे घर
को लBपपोत कर साफ सथरB
ु कर दB । उजाला का
पUरवार मड़ईनमा
ु कpचे घर मT रहने लगा । हफते भर मT
उजाला शहर गया fफर आ गया । दो बीघा जमीन
Gलखवा कर और मड़ईनमा
ु कpचे घर क जगह पर
पXका मकान बनवाने क शSवात
ु कर शहर चला गया ।
माधव ने खशी
ु खशी
ु मड़ई क जमीन दे >दया। माधव
उजाला के षणय-d को त नक नहB समझ सका । चार
महBने मT पXका मकान बन गया । अपने झा◌ोपड़ीनमा

घर के पास भतीजे के पXके मकान को दे खकर माधव
बहतु खश
ु था । साल भर के अ-दर उजाला क
बी>टयाका ~याह तय हो गया । बी>टया के ~याह मT
326
माधव ने भी जी जान लगा >दया । खानदान क नाक
का सवाल जो था । ~याह nबताकर उजाला शहर चला
गया । कछ
ु महBने के बाद fफर सबह
ु सबह
ु शहर से आ
गया । रात मT माधव जमीदार के काम से आया ।
माधव के आने क खबर लगते हB वह माधव से Gमलने
गया । माधव का पांव छआ
ु ।
माधव - उजाला को जी भर कर आशीश >दया और बोला
बेटा बहत
ु ठ8डी है ओलाव सेको । ŠाUरका शाम को हB
जला दे ता है । मड़ई गरमा जाती है सब पआल
ु मT दबक

कर सो जाते है ।
उजाला- हां काका ठ8ड तो है । काका मo तम
ु से आyा
लेने आया था ।
माधव-कैसी आyा बेटवा ।
उजाला- काका तमने
ु मझे
ु मड़ई क जगह दे कर मेरे उपर
बड़ा उपकार fकया है ।
माधव-बेटा उजाला उपकार कैसा । मने
o तमको
ु तब अपनी
छाती से लगाया था जब तू Gसफ4 छः >दन का था । तेरB
मां तमको
ु भइया को और घरबार छोड़कर मायके जा
बसी थी । मo और तेरB काक रात रात भर जागे है ।
पास मT रहे गा तो हमT भी बहत
ु खशी
ु होगी । इसGलये
ŠाUरका और हUरŠार का हक मारकर तमको
ु घर बनाने
क जगह दे >दया । बेटा तू सखी
ू रह । तेरB सरत
ू मT
मझे
ु राघव भइया नजर आते है । मेरे Jवqवास को बनाये
327
रखना ।
धनरB-ŠाUरका के बापू रोटB ओलाव के पास बैठकर खा लो

माधव-आज कोई नयी बात है । रोज तो ओलाव तापते
तापते खाकर यहB पआल
ु मT सो जाता हंू ।
उजाला-काका रजाई Xयो नहB बनवा लेते । आठ ाणी हो
कम से कम चार रजाई तो होनी चा>हये ।
माधव- सोचता तो हर साल हंू पर बन नहB पाती है ।
जब ŠाUरका कछु कमाने धमाने लगेगा तो रजाई भी
बनेगी गrदा और तfकया भी ।
उजाला-जSर ŠाUरका कमायेगा काका । काका ये लो ।
माधव-Xया है ।
उजाला-काका Gमरच>हया गांजा है ।
माधव-जरा स-तू को आवाज दे दो ।
धनरB- दो 5चलम पहले हB पी चक
ु े हो । अब Gमरच>हया
पीओगे तो सबह
ु उठ नहB पाओगे । जमीदार दरवाजे पर
आकर उलटा सलटा
ु बोलने लगेगे । कल पी लेना
Gमरच>हया अभी तो रोटB खाओ और सो जाओ । >दन
भर हाड़फोड़T हो अराम करो ।
माधव-ठ$क है लाओ ।
धनरB-Gल"टB और गुड़ है थालB मT । थालB के बाहर हाथ
नहB करना । नहB तो ओलाव क आग म"
ु ठ$ मT आ
जायेगी ।
328
माधव-हां भागवान मझे
ु भी मालम
ू है । इतना नशा अभी
नहB चढा है । उजाला खायेगा गड़
ु रोटB । लो त नक खा
लो ।
उजाला-तम
ु खाओ । मै खा चका
ु हंू । उGम4ला मगा4

बनायी थी,दरपन का दोत आया था । उसके साथ मैने
खा Gलया है । काका एक बात करने आया था तमसे

कहो तो कहंू ।
माधव-कौन सी बात है बोल,रोटB खाते समय दांत काम
करे गे कान थोड़े हB ।
उजाला-मेरे पXके मकान के सामने वालB जमीन दे दो ।
इतना सनते
ु हB माधव के गले मT रोटB अटक गयी । वह
5गलास भर पानी के सहारे रोटB का नवाला पेट मT
ढकेलते हए
ु बोला Xया ?
उजाला-हां काका । मड़ई वालB जगह तो मझे
ु चा>हये ।
माधव- मझे
ु लोग पहले आगाह कर रहे थे fक माधव
भतीजे पर Jवqवास न करो । भतीजा और भेड़ा पर
Jवqवास करने वाला जSर मंुह के बल 5गरता है । काश
मo पहले सोच Gलया होता । मड़ई क जगह दे कर गलती
कर >दया Xया ? तू मेरे बpचP का >ठकाना छनना
चाहता है अंगलB
ु पकड़ कर तु मेरा हाथ उखाड़ना चाहता
है Xया?
उजाला-नहBं मo तो कह रहा हंू fक मेरे घर के सामने से
मड़ई अpछ$ नहB लग रहB है । हटा लो बस ।
329
माधव-मड़ई लेकर जाउ◌ू◌ंगा कहां ।
उजाला-fकनारे हो जाओ । अभी पिqचम क तरफ तो
जमीन है ।
माधव-दो ख>टया क जगह मT मेरे दो बेटे कैसे रहे गे ।
उजाला अब मo तेरB चाल समझ गया ।
उजाला-काका मo जो चाह रहा हंू वहB होगा ।
माधव-Xया हमे बेघर कर दे गा ?
उजाला-घर मT रहो या बेघर हो जाओ । मेरे घर के
सामने वालB जमीन तो मेरB होकर रहे गी अब ।
माधव-धमक दे रहB है ।
उजाला-धमक तो नहB अपनी राह का कांटा हटाने को
जSर कह रहा हंू ।
माधव-हम तY
ु हारB राह के कांटे हो गये है । भल
ू गये वो
>दन जब तमको
ु सखे
ु मT सलाते
ु थे। गीले मT बारB बारB
से हम और तY
ु हारB काक तमको
ु लेकर सोते थे ।
fकतनी बार तम
ु मेरB जांघ पर ट"टB कर >दया करते थे
। सब iयथ4 हो गया fकया कराया । बेटा नेक को
बदनाम ना कर।
उजाला-काका जमीन तो लेकर रहंू गा । चलता हंू । तम

रोटB खाओ और सो जाओ ।
माधव- Xया मेरB नेक मेरे Gलये अGभशाप बन गयी है ।
उजाला-नेक XयP fकया ? हमने कहा था Xया fक मझे

पालो ? अरे मेरB मां छोड़कर भाग गयी थी तो तमको

330
पालने क Xया जSरत थी ? फक
T दे ते क?
ु ते nबि}लयP के
आगे मेरे मां बाप क तरह । झगड़े वालB जमीन को
लेकर फैसला कल दे दे ना ।
उजाला धनरB और माधव का चैन छन कर चला गया ।
धनरB और माधव रात भर ओलाव के पास बैठे 5च-ता
क 5चता मT सलगते
ु रहे । एक दसरे
ू का मंह
ु ताकते रहे
बेबस सा । मगा4
ु बोलना शS
ु fकये । माधवा क}
ु ला-
फराकत करने चला गया । नत-कम4 से नपट कर आया
। भस
o क हौदB धोया । पानी चारा डाला । भस
o को हौदB
लगा कर जमींदार क मजदरB
ू पर चला । धनरB भी
अपने काम मT लग गयी । उधर उजाला भी रात भर
जमीन हड़पने क उधेड़-बन
ु मT नहB सो पाया था । वह
सरज
ू नकलते हB दरवाजे पर हािजर हो गया काका
काका क आवाज लगाने लगा ।
धनरB-वो तो काम पर चले गये Xयो बला
ु रहे हो ?
उजाला-Xया फैसला fकया काका ने ?
धनरB-कैसा फैसला । अरे अपने बpचP को >ठकाना तमको

कैसे सौप दे गे । हमारा जो फज4 था । िजYYेदारB के साथ
नभाया । अब बेघर तो नहB हो सकते ना ।
उजाला-घर -बेघर से मझे
ु Xया लेना । मझे
ु तो बस
अपनी हवेलB के सामने से मड़ई हटवाना है ।
धनरB-Xया ?
उजाला-हां ।
331
धनरB-तY
ु हारB हवेलB क नींव हमारB छाती पर पड़ी है ।
उजाला- हवेलB है तो हमारB ना । दे खता हंू कब तक
काका आंख GमचौलB खेलते है । आंख GमचौलB का जबाब
मेरे पास है ।
धनरB- Xया करोगे। थाना पGलस
ु लाओगे । Sपया और
ताकत के भरोसे हमे बेघर कर दोगे ।
उजाला- उजाला नाम मेरा तमने
ु ना जाने Xया सोच कर
रखा है पर मo सांप का बpचा हंू मेरB मां ना5गन थी।
जानती हो दध
ू पीलाने वाले को भी सांप डंसने से परहे ज
नहB करता । आज और काका के फैसले का इ-तजार
कर लेता हंू । आये तो कह दे ना बस
धनरB-XयP दध ू के बदले जहर दे ने पर तले
ू हो । अरे
तY
ु हारB मां ने तमको
ु फक
T >दया तो Xया हमने तमको

अपनी छाती से नहB लगाया ? मेरे दध
ू का यहB कज4
चका
ु रहे हो । अरे तY
ु हारे पास तो पद और दौलत दोनP
है तम
ु चाहते तो और भी कहBं जगह लेकर महल खड़ी
कर सकते थे । तY
ु हारB नजर हमारB मड़ई पर हB Xयो
>टक है ? मेरB माटB क दBवाल अब तY
ु हे भा नहB आ
रहB है । तम
ु मेरे माटB क दBवाल ढहाकर पXक हवेलB
क शान मT हBरे जोड़ना चाहते हो । मै ऐसा नहB होने
दं ग
ू ी । दabण तरफ लकडी के सहारे खड़ी मड़ई को माटB
के दBवाल खड़ी करने के उपuम मT बpचP के साथ लग
गयी। उजाला-काक तू fकतनP भी माटB क दBवल खड़ी
332
कर ले ये जमीन मेरB होकर रहे गी । मेरा भी हक बनता
है । चार >हसेदारP क जमीन तम
ु अकेले ले लोगी Xया
? दे खता हंू तY
ु हारB मड़ई कैसे खड़ी रहती है मेरे पXके
मकान के सामने ।
धनरB-तम
ु मेरB मड़ई 5गरा दोगे Xया? मo भी दे खती हंू
कैसे जब4दती क~जा कर लेते हो । क~जा करने के Gलये
तY
ु हे हमारB लाश पर से जाना होगा ।
काक ऐसी बात है तो वह भी कर सकता हंू कहकर
उजाला केशव के दमाद भु से Gमला जो उसके बाप का
का तल था । उसी के साथ साठगांठ fकया माधव क
जमीन हड़पने के Gलये । कछ
ु बदमाशP को दाS मगा4

दे कर माधव और उसके पUरवार को डराने धमकाने के
Gलये लगा >दया । भु को इसी >दन का जैसे इ-तजार
था । उजाला को अपने जाल मT फंसता दे खकर चारा डाल
>दया । वह तो कचहरB मT काम करता हB था इधर उधर
करके हफते भर टे आड4र जारB करवा >दया ।
उजाला चारो ओर से दबाव तो बनाये हए
ु था । माधव
और उसका पUरवार डरा सहमा रहने लगा था । कोई
उसक मदद के Gलये आगे नहB आ रहा था । माधव
गांव के मखया
ु धान सबके आगे माथा पटका पर कहBं
सनवाई
ु नहB हई
ु । आखरकार एक >दन सबह
ु सबहु हB
परा
ू थाना लेकर उजाला आ धमका। पGलस
ु वाले माधव
माधव क आवाज दे ने लगे और उजाला के ग8
ु डा मड़ई
333
5गराने मT जट
ु गये। माधव घबराया आंखP मT आसू Gलये
हािजर हआु दरोगाजी को सारा वता-
ृ त सनाया
ु । माधव
के आसंू सpचाई उगल गये ।
दरोगाजी बोले- Xयो नेक को अGभशाJपत कर रहे हो
उजाला ।
दरोगा जी क बात को सुनकर बती के दो चार लोगP
का जमीर जागा । वे माधव के पb मT दबी जबान

बोलने लगे ।
अब Xया घरह
ु ू धान भी आगे आ गये और बोले दरोगा
जी अब अ-याय होगा इस गांव मT । नेक अGभशाप नहB
बनेगी । हमारB आंख खल
ु गयी है ।
दरोगाजी कोरा कागज मंगवाये। सलहनामा
ु तैयार हआ
ु ।
उजाला को बलाये
ु दरोगाजी ।
उजाला हाथ जोड़कर खड़ा हआ
ु । दरोगा जी ने कहां
उजाला सबके सामने हककत आ चक
ु है fक तम

fकतना दगगाबाज है पर तमको
ु कछ
ु कहना हो तो कह
सकते हो ।
उजाला- पंचP काका ने मझे
ु जो >दया है वह बहत
ु है
।काका काक के एहसान तले इस ज-म Xया कई और
ज-म भी नहB उबर सकता हंू । मेरे मन मT खोट आ
गयी थी इसी वजह से गलती हो गयी । काका क
जमीन पर अब मेरB बरB ु नजर नहBं पडे.गी । मo बहते

शGम4-दा हंू । हो सके तो मझे
ु माफ कर दे ना ।
334
दरोगाजी-सलहनाम
ु T पर दसOत करो । गांव वालP से हB
नहB माफ माधव से मागP । माधव ने माफ कर >दया
तो समझो भगवान ने माफ कर >दया । तमने
ु तो गरBब
क नेक पर म"
ु ठ$ भर आग डाल हB >दया है । नेक के
बदले बrनेक तो महापाप है । माधव का पैर पकड़ कर
माफ मांगो । खद
ु दUरmता के दलदल मT धंसा रहकर भी
तमको
ु उपर उठा >दया । तमने
ु नेक को अGभशाप बना
>दया । माधव तY
ु हारे Gलये भगवान से कम नहB है
उजाला ।
उजाला-माधव का पैर पकड़ Gलया ।
माधव क आंखP से तर-तर आंसू बह नकले वह उजाला
को झट से गले लगा Gलया ।

गाल भर धआं

जेठ बैसा◌ाख क लू से आम के न-हे -न-हT फल पेड़ पर
अध जले से लटके हए
ु थे । उ-हे दे खकर ऐसा लग रहा
था fक उ-हे आग मT जलाकर टांग >दये गये हो ।
दरवाजा खोलो तो मंुह झलसा
ु दे ने वालB लपटT । दBनू के
बpचे जमीन को पानी से तर कर बोरे के उपर nबतर
लगाकर कोने वाले घर मे दबक
ु े हए
ु थे । ब5धया
ु पना
बनाकर पीला रहB थी । लू से बचने का दे शी और
कारगर इलाज जो था । लू ना जाने fकतने गरBबो को
लBल चक
ु थी। गांव मT nबजलB तो पहंु च चक
ु थी पर

335
गरBब मजदरो
ू क बती से अभी भी दरू थी आजादB क
तरह से दरू थी। नजदBक थी तो बस गरBबी
भखमरB
ू ,अGशbा,दUरmता और सामािजक बराई
ु के कहर से
उपजे Uरसते जOम का चभता
ु दद4 । ऐसे मT आधु नक
सख
ु सJवधाये
ु कलर
ू पंखे तो सपने माd थे । ब5धया
ु बडे.
बेटे महगंव
ु ा के हाथ मT पने का 5गलास पकड़ायी हB थी
fक दBनु ने बड़े जोर क आवाज दB जैसे घर के सबके
सब बहरे हो गये हो। ज}दB दरवाजा नहB खला
ु तो वह
झ}लाकर बोला अरे भागवान द}
ु ह नया क तरह घर मT
मेहदB लगाये घर मT छपी रहे गी या बाहर भी नकलेगी ।
हमT भी लू के थपेड़े लग रहे है । शाम होने को आ गयी
पर सबके सब घर मT हB घसे
ु है ।
तब तक महं गआ
ु अपनी मां ब5धया
ु से बोला मां दादा को
तलब लग रहB है । चौखट पर पांव रखे नहB दे खो
5च}लाने लगे । मां घड़ी मT अभी दो तो बजे है कह रहे
है शाम हो गयी । ना जाने कब नशे क लत छटे
ू गी ।
चपकर
ु सन
ु लेगे तो आफत आ जायेगी । जीभ नकाल
कर मारे गे । हां मां ठ$क कह रहB हो रात होने लगी है,
जा दादा को 5चलम चढाकर दो ।इससे भी पेट ना भर
तो गांजा 5चलम मT भर दे ना । यहB फरमान होगा ।
महं गवा
ु आधा दज4न बpचP मT सबसे बड़ा था ।पांच साल
क उt मT हए
ु iयाह मT GमलB घड़ी को हाथ मT बाधे
रहता था । वह चलती fफरती घड़ी बन गया था ।
336
ब5धया
ु क डांट फटकार से कू ल जाने लगा था ।
ब5धया
ु -बेटा तू ठ$क कह रहा है । तलब मT बड़बडा रहे है ।
महं गवा
ु -अरे मां दादा को हXु का 5चलम क जSरत नहB है
। गांजा के गाल भर धआं ु क दरकार है । गुड़ पानी
छोड़ो ।
दBनु-अरे इतनी दे र हो गयी बाहर नकलने मT ।
ब5धया
ु दरवाजा खोलB । हड़बड़ायी हई
ु अ-दर गयी और
गुड़ पानी लेकर आयी ।
गड़
ु पानी दे खकर दBनु का पारा सातवT आसमान पर वह
बोला भागवान गड़ ु पानी मांगा हंू Xया ?
ब5धया
ु - नहB जी मांगे तो नहB । पी लो बहत ु गरमी है ।
पना भी दे ती हंू एक 5गलास वह भी पी लो बpचP को
पना हB Jपला रहB थी ।
दBनु-कहां गरमी है । कल से तो आज बहत
ु कम है ।
ब5धया
ु -महं गवा
ु तो कह रहा हo माई गला सख
ू रहा है ।
चXXर सा लग रहा है । बहत ु गरमी लग रहB है । वह
हांफ रहा है तम
ु कह रहे हो गरमी है हB नहB । हां बेटा
जो कहे गा वह सहB है ना । मेरB बातP पर भला तमको

कब से Jवqवास होने लगा ।
ब5धया
ु -Xया कह रहे हो nबना Jवqवास के आधा दज4न
बpचे हो गये ।
दBनु-अरे हम तो ऐसा कछ
ु नहB कह रहे है ना । हम तो
यहB कह रहे है fक बेटवा क बात के आगे अब हमारB
337
कौन सने
ु गा ।
ब5धया
ु -हां बेटवा समझदार है । बती के सभी बpचP से
पढने मT तेज है । तमने
ु अपनी तरह उसे भी आंख खलB

नहB शादB के बंधन मT बांध >दये ।
दBनु-अरे हमने कौन सी पढायी क है । हमारा घर नहB
चल रहा है Xया ? वैसे हB उसका भी चलेगा ।
ब5धया
ु -ना बाबा ना । मेरा बेटा अफसर बनेगा ।
जमींदारP के खेत मT बेटवा का जीवन नरक नहB होने
दं ग
ू ी । हमारB जैसी उसक िज-दगी ना हो भगवान ।
कौन सा सख
ु Gमल रहा है । आदमी होकर भी आदमी के
सख
ु से वं5चत है । घर मT खाने को नहB । दाने दाने को
मोहताज है । कपड़े लते को नतवान है । आधा दज4न
बpचे उपर से गजेड़ी मरद ना बाबा ना भगवान ऐसा
नसीब मेरे बpचP का ना Gलखना ।
दBनु- अpछा बक-बक अब मत कर । मo बरा
ु हो गया हंू
तो छोड़ दे मेरB हालत पर ।
ब5धया
ु - कैसी बहक बहक बातT कर रहे हो । बोले◌ा Xया
चा>हये तन से कपड़ा उतार दं ू या गांजा के Gलये पैसा ।
कहो तो दो fकलो गेहू ं है दे दं ू । बचकर
T गाल भर धआं

उड़ा लेना ।
दBनु-अभी तो कछ
ु नहB चा>हये ।
ब5धया
ु -आओ कोने वाले घर मT वहB बpचे लू से बचने का
इ-तजाम fकये हए
ु है । जो कछ
ु कहना है वहB कह लेना
338
। बpचP को भी तो पता चले ।
दBन-ु नहBं ।
ब5धया
ु -अ-दर तो आओ क सब बात डयोढB पर हB कर
लोगो ।
दBनु-आज बहतु `यार >दखा रहB हो ।
ब5धया
ु -Xया पहले ना करती थी । जब पहलB बार तY
ु हारे
घर मT आयी थी ना परू B बती मT मेरB खबसरती
ू ू के चचk
थे । ये मेरा हाल तY
ु हारा बनाया हआ
ु है । मेरB खबसरती
ू ू
को तYु हारB हB नजर लगी है ।
दBनु-नाराज ना हो । तम ु चलो मo आता हंू ।
ब5धया
ु -कहां जा रहे हो ।
दBनु- ठे के गया और आया । वहां Sकंू गा नहBं ।
ब5धया
ु - दे खो मत जाओ चमड़ी जला दे ने वालB लू है ।
ब5धया
ु क बात कहां सनने
ु वाला था दBनु । वह कंधे पर
लाठ$ रखा । गमछा मंह
ु पर लपेट कर चल पड़ा गांजे
के ठे के क ओर । ब5धया
ु चौखट पर खड़ी कभी खद
ु क
fकमत को तो कभी बpचP के भJव_य पर भगवान को
कोसती रहB ।
इतने मT महं गवा
ु आ गया मां को 5चि-तत मmा
ु मT
दे खकर बोला मां दादा तो गये जाने दो। उ-हे जीवन क
नहBं गाल भर धआं
ु क 5च-ता है ।
ब5धया
ु -हां बेटवा । भगवान ना जाने ऐसी तकदBर XयP
बना दB है fक जीवन भर आसंू पीती रहंू । पेट के Gलये
339
रोटB नहB उ-हे गाल भर भर धआं
ु उड़ाने से फस4
ु त नहB
ह।o
महं गआ
ु -मां अ-दर चलो घ8टा भर से लू मT Xयो खड़ी हो
। दादा तो अब आने मT होगे ।
ब5धया
ु -अरे इतनी ज}दB कहां आने वाले है । नटई तक
चढायगे
T । भोले भ8डारB का परसाद कह कह कर खब

गाल भर धआं
ु उडायेगे तब ना आयेगे ।
महं गआ
ु -अरे मां वो दे ख दादा कैसे चमक रहे है आग
सरBखे ।
ब5धया
ु - बेटा जा कय
ु T से एक बा}टB पानी ले आ । आते
हB JपयXकड़P को -यौता दे गे । इतना कहना था fक दBनु
आ धमका । पसीना पोछते हये ु बोला कहB जाओ तो
कालB nब}लB जैसे राता काट दे गी । जा त नक गुड़ और
ठ8डा पानी ला । महं गु बेटा तू घासी दादा को बला
ु ला ।
ब5धया
ु -नहB बेटवा नहB जायेगा । तम
ु यहB से आवाज
मार दो सारे JपयXकड़ इX"ठा हो जायेगे ।
दBनु-घासी भईया क आवाज >दया । इतने मT घासी
गमछा कंधे पर रखकर दBनु के घर क ओर दौड़ पडT ।
दरवाजे पर पहंु चते◌े हB बोले भरB दोपहरB मT चले गये थे
Xया । कौन सी लाये हो भइया ।
दBनु-शाम होने का इ-तजार करता तो ये माल नहB
Gमलता । ठे के पर बड़ी भीड़ लगी है ।
घासी-कौन सी लाये हो ।
340
दBनु-आजकल तो Gमरच>हया का जमाना है । असलB है
या नकलB पता तो पीने पर लगेगा कहते हए
ु दBनु
महं गवा
ु को बलाने
ु लगा ।
ब5धया
ु -महं गु भैसं लेकर गया । बोरसी मT तY
ु हारे पास
आग रखी है । बैठकर गाल भर धआं
ु उड़ाओं । मझे
ु भी
काम करना है ।
घासी-नरकल
ु क रसी नहB है ।
दBनु-भइया ख>टया मT से त नक सी काट लो ।
घासी ज}दB ज}दB रसी गोल मटोल कर आगे के हवाले
कर >दया । दBनु गांजा मT से बीज nबनने लगा । घासी
दBनु आग और 5चलम तो तैयार है ।
दBनु-माल भी तैयार है । लो 5चलम भर गयी रख दो
आग ।
घासी- लो भोग लगाओ दBनु ।
दBनु-भइया तY
ु हB लगाओ ।
इतने मT गांजा क महक न-हू वा,करमवा
ु ,छनवा
ु ,रमवा

घोड़न,fकशोर,बरखू, सरखू,स-तु सारे के सारे गजेड़ी
इXटठा हो गये । सब Gमलकर खब
ू धआ
ु उडा.ने मT जट

गये ।
रमवा
ु बोला - एक 5चलम और चढ जाती तो मजा आ
जाता ।
छनवा
ु - अरे दBनु भइया के राज मT कहा कमी है । खब

छानो ।
341
छ$नु फलकर
ु क`
ु पा हो गये । एक 5चलम ठ8डी ना हो
पाती तब तक दसरB
ू चढ जाती । गजेKड.यP को पता हB
नहB चला कब रात हो गयी । दBनु का गांजा ख?म होते
हB सब अपने अपने घर चल पडे. । दBनु द ु नया से
बेखबर वहB पसरे पसरे गाजा पीया राजा पीये गांजा
लड़खड़ाती जबान से गाता रहा है । बीच मT रह रह कर
बोलता Xया भोले बाबा ने चीज बनायी है । द ु नया के
सारे दख
ु -दद4 भल
ू जाओ । त नक सा गाल धये
ु से भरा
नहB fक अpछे अpछे Jवचार आने लगते है जैसे भोले
बाबा क जटा से गंगा ।
ब5धया
ु -हां तमको
ु दे खकर मझे
ु भी ऐसे हB लगने लगा है

दBनु-महं गवा
ु क मां गांजा भोले भ8डारB का परसाद है ।
मजाक ना कर भोले बाबा नाराज हो जायेगे। गांजा कभी
नकशान
ु नहB करता ।
ब5धया
ु -अरे वाह रे हकम । गांजा नकशान
ु नहBं करता ।
याद है तY
ु हारे लंगो>टया यार क मौत जो भक
ू wू◌ाक
कर मरा था । आंते सड़ गयी थी । बेचारे बpचे अनाथ हो
गये घरवालB Jवधवा हो गयी । करे कोई भरे कोई वहB
हआ
ु तY
ु हारा दोत पतवार तो दांत 5चआर कर मर गया
। द8ड घरवालB और बpचP को Gमल रहा है ।न-हे न-हे
बpचP भख
ू से nबलख रहे है । कू ल जाना ब-द हो गया
है । तY
ु हारे Gलये◌े गांजा अमत
ृ हो गया है ।
342
दBनु-गांजा दाS खाने को मांगते है । मांस मछलB,घी दध

समझी ।
ब5धया
ु -अरे वाह राजाओं महाराजाओं के शौक फरमा रहे
है जनाब । सोने क थालB मT मांस म>दरा का भbण
करे गT । चांदB के लोटे मT पानी पीयेगे । अरे रोटB का
>ठकाना भी है । मेहनत मजदरB
ू ना करे तो रोटB नसीब
न हो । चले है राजाओं के शौक मT मरने । आग लगे
ऐसी शौक म।T ऐसा शौक तो घर पUरवार के Gलये म"
ु ठ$
भर आग साnबत होता है । कहते हो गांजा पीने के बाद
अpछे Jवचार आते है जरा पीकर सोचना बpचP के लालन
पालन पढाई Gलखाई और अpछे कल के बारे मT । >दन
भर तो हाड़फोड़ी हंू रात भर तY
ु हारB टहल मT nबता दं ू ।
मo बहत
ु थक गयी हंू सोने जा रहB ह◌ू
ू ◌ं । बpचे सो गये
है ।तम
ु भी बड़बडाना ब-द करो पटाकर सो जाओ । सबह

बाबसाहे
ू ब के खेत मT खन
ू पसीना करना है । कल क
शाम क रोटB का इ-तजाम नहB है ।याद है ना । पहले
हB बता दे ती हंू ।
सबह
ु हो गयी । ब5धया
ु गोबर पानी कर,दसरे
ू काम
नपटाने मT लग गयी । दBनु टस से मस नहB नहBं ।
जहां पसरा था वहB पसरा रहा सरज
ू क तेज रोशनी मT
नहाये हए
ु । ब5धया
ु जगाकर थक गयी । दBनु नशे◌े मT
बड़बडाता रहा पर उठकर बैठा नहBं । ब5धया
ु झ}लाकर
घास काटने चलB गयी । घास Gसर पर लादकर आयी
343
और दरवाजे पर पटक दB । तब तक दBनु बोला अरे बाप
रे नीम का पेड़ उपर 5गर रहा Xया ?
ब5धया
ु -अरे कहां नीम का पेड़ 5गर रहा है ।उठो दोपहर
होने को आ गयी ।
दB◌ुन-अरे सो लेने दे बहत
ु >दनP के बाद तो आज नींद
आयी है । तू भी सो जा रोज तो हाड़फोड़ते हB है एक
>दन नहB फोड़ेगे तो कौन सा पहाड़ टट
ू पडेगा ।
ब5धया
ु - अpछा बpचP को nबलखता हआ ु छोड़ दं ू ।
भस o ,बकरB 5च}ला रहB है सब छोड़ द◌ू
ू ◌ं तYु हारे बगल मT
सो जाउ◌ू◌ं। तY
ु हारा >दन रं गीन कSं । हे भगवान fकस
गनाह
ु क सजा दे रहे हो कहते हए
ु ब5धया
ु रोने लगी ।
दBनु- अरे भागवान Xयो आसमान Gसर पर ले रहB हो ।
एक >दन नहB खायेगे तो मर तो नहB जायेगे । गम तो
भला
ू लेने दे ती कछ
ु दे र के Gलये । जब से आंख खलB
ु है
गम मT तो जी रहा हंू ।
कनवा
ु -दBनु का न-हका बेटा बोला मां दादा को चढ गयी
है Xया । दहB गुड़ न-द ु काका के घर से मांग लाउ◌ू◌ं
Xया ?
ब5धया
ु - तू रहने दे बेटा मo हB जाती हंू । ब5धया
ु न-द ु के
घर गयी थोड़ी दहB मांगी लायी और गड़ ु के क8ु डे से थोड़ा
गड
ु नकाल लायी और दBनु को दे ते हए
ु बोलB लो दहB
गुड़ खा लो तY
ु हारे गाल भर धय
ु T का असर कम हो
जायेगा । नहB भस
o के गोबर क तरह तY
ु हारB ट"◌्टB
344
भी हमT फकनी
T पड़ेगी ।
इतने मT महं गवा
ु आ गया । दBनु को गुड़ दहB चाटते हएु
दे खकर बोला मां अभी नहB उतरB दादा क नशा Xया ?
ब5धया
ु -कैसे उरतरे गी । एक बैठे सात 5चलम चट कर
गए उपर से एक परB
ू प-नी भी डकार गये । पेट मT रोटB
नहB बस गांजा दाS तो भरा है । नशा नहB तो और Xया
करे गा ?
दBनु को ऐसी चढB है fक उतर नहB रहB है बती के घर
घर तक बात पहंु च गयी । दे खते हB दे खते परB
ू बती.
इX"ठा हो गयी । सभी लोग अलग अलग तरह से नशा
उतारने के न
ु खे बताने लगे । इतने मT छनवा
ु आ गया
आव दे खा ना ताव भस
o क हद का सानी पानी बा}टB
भर कर लाया और उड़ेल >दया दBनु के कपार पर । दBनु
जोर जोर से गालB दे ने लगा और इX"ठा भीड़
खलखलाकर हं स पड़ी ।
दBन-ु अरे अXल के दqु मन XयP मेरा सपना भंग कर >दया

ब5धया
ु -सपने मT तम
ु राजा थे और ये सारे लोग तY
ु हारB
जा । चारो ओर तY
ु हारB जय जयकार हो रहB थी ।
दBन-ु हां ऐसा हB सपना था तम
ु भी तो मेरे साथ Gसंहासन
पर बैठ$ थी ।
ब5धया
ु -तब तो खजाने क चाभी तY
ु हारे हाथ लग गयी
होगी । तम
ु दौलत अपने आधा दज4न बpचP मT बांट भी
345
रहे होगे । पढने के Gलये Jवदे श भेजने क योजना बना
रहे होगे । जा के सख
ु के Gलये 5चि-तत थे ।
दBनु- तम
ु तो एक एक बात सहB सहB बयान कर रहB हो

ब5धया
ु -Xयो ना चuवत| महाराज ये 5चथड़ा लपेटे
महारानी तY
ु हारे बगल मT जो बैठ$ थी । अरे सपने
दे खने से कछ
ु नहB होता । असGलयत तो ये है fक बpचP
के तन के कपड़े तार तार हो हो रहे है । भख
ू से
nबलnबला रहे है तम
ु हो fक नशे मT डबे
ू राजा बन रहे हो
, कहते हएु वह फफक फफक रोने लगी ।
दBन-ु चपकर
ु XयP मेरB इ\जत का जनाजा नकाल रहB है
। मेरा नशा पानी तमको
ु इतना हB खराब लगता है तो
छोड़ दं ग
ू ा ।
ब5धया
ु -रोटB गले से नीचे नहB उतरती। कहते है पेट मT
गैस हो रहB है । घोडे. का मत
ू दाS Gमल जाये तो कई
‹म खालB कर दे ◌े◌ं। गांजे का गाल भर भर धआं
ु Gमल
जाये तो सोने पर सहागा
ु । इतने मT घासी आ गया ।
दBनु ब5धया
ु XयP बरस रहB है । काम पर नहB गये
इसGलये Xया?
दBन-ु कछ
ु नहB बस यो>हं बरस रहB है । खैर उसका हक
है । अभी तो बाढ के पानी के माfफक है । कछ
ु दे र मT
गंगाजल हो जायेगी ।
दBनु और घासी क बात को अनसना
ु करते हए
ु ब5धया

346
साड़ी के प}लू मT मंह
ु छपाकर अ-दर चलB गयी ।
घासी -कछ
ु माल बचा है Xया दBनु ?
दBनु-त नक सा तो है बड़े भइया पर दे ख रहे हो ब5धया

आग बबला
ू हो रहB है । मo तY
ु हारB बात को कैसे टाल
सकता हंू ।
दBनु और घासी हं सी >ठठोलB कर खब
ू गाल भर भर धआं

उड़ाये । घासी धंआ
ु ं उगने मT ऐसे खासने लगे जैसे उसक
आंत बाहर आ जायेगी । घासी धय
ु T के साथ घोड़न क
घरवालB क बराई
ु करने से भी नहB चक
ू रहा था ।
जोरदार कस लेते हए
ु बोला भगवान घोड़न क घरवालB
जैसी झगड़ालू घरवालB fकसी ज-म मT मत दे ना भले हB
कंु आरा मर जाउ◌ू◌ं । घासी और दBनु जी भर कर धआं

उड़ाये । गांजा ख?म हो जाने पर घासी ने 5चलम और
5गटक को खब
ू रगड़-रगड़ कर चमकाया । 5चलम और
5गटक को रगड़ कर साफ करते हए ु घासी को दे खकर
ब5धया
ु बोलB जेठजी घर मT 5गलास भर तक नहB लेकर
पीते दे खो 5चलम कैसे साफ कर रहे है । अरे इतनी सेवा
जेठानी क करते ।
घासी -उडा ले मजाक ब5धया
ु ना जाने fकस मोड़ पर कब
खो जाउ◌ू◌ं ।
ब5धया
ु -जेठजी िजतने दBवाने गजेड़ी गाल भर धआं
ु के
होते है उतने दBवाने घर पUरवार के होते तो fकतना
अpछा होता ?
347
घासी -कह ले ब5धया
ु जो कहना चाह रहB हो। कल
fकसने दे खा है । कल रहंू या ना रहंू ।
ब5धया
ु - जेठ जी ऐसी बात Xयो कर रहे है ? आप तो
जीओ हजारो साल ।
घासी -ब5धया
ु िज-दगी कब धोखा दे दे कोई कछ
ु नहB
कह सकता । दBनु अब मo घर चलता हंू । अंधेरा पसर
गया तम
ु भी Sखा सखा
ू खाकर अराम कर । कल काम
पर जSर जाना । अरे अपने पास सरकारB नौकरB तो है
नहB यहB सेर भर मजदरB
ू का भरोसा है । इतना भी गम
भलाने
ू के Gलये मत पीया करो fक काम ब-द हो जाये ।
दBन-ु याद रखंूगा भइया आपक नसीहत । भइया घर तक
छोड़ आउ◌ू◌ं ।
घासी -नहB रे पहंु च जाउ◌ू◌ंगा । तू तो ब5धया
ु का Oयाल
रख । बहतु दखीु लग रहB है ना जाने Xयंू ?
घासी दBनु के साथ गांजा पीकर गया fफर ऐसा पलंग पर
पड़ा fक कभी नहB उठ सका । लकवा ने उसके तन पर
ऐसा घातक हार fकया fक ख>टया पर हB ट"टB पेशाब
सब कछ
ु साल भर fकया और अ-ततः सड़कर मर गया

ब5धया
ु घासी क दद4 नाक मौत दे खकर टट
ू गयी । उसे
बरेु बरेु सपने आने लगे । उसने तय कर Gलया fक वह
दBनु का गांजा पीना छु ड़वाकर रहे गी । लाख समझाने के
बाद भी दBनु गांजा नहB छोड़ने को तैयार था ।
348
दBनु-गांजा के अलावा और कछ
ु तमको
ु नहB सझता
ू Xया?
ब5धया
ु -मेरB बात मान जाओ गांजे क मटठ$
ु भर आग मT
ना तम
ु सलगो
ु और ना घर पUरवार को सलगाओ।
ु जेठ
जी क मौत से कछ
ु तो सीख लेते । मेरB बात नहB
माने तो एक >दन बहत
ु पछताओगे ।
दBनु-तम
ु मझे
ु €ाप दे रहB हो ?
ब5धया
ु -कोई प?नी अपने प त को €ाप दे सकती है Xया
? नशे क म"
ु ठ$ भर आग ने बहत
ु कछु सलगा
ु >दया है
तमने
ु अभी तक। जो खचा4 गांजा दाS पर कर रहे हो
वहB खद
ु क सेहत पर करते । बpचP को पढाने Gलखाने
पर करते । अरे हम छोटे लोग गरBब,शोJषत, भGमहBन

लोग है न रहने का >ठकाना है ना खाने का । खेत
माGलको के खेत मT हाड़फोड़कर जो सेर भर कमाकर लाते
है उसी मT सब कछ
ु दे खना है कपड़ा,लता दख
ु दद4 । तम

हो fक कल क सोच नहB रहे हो मेहनत क कमाई गाल
भर धय
ु T मT उड़ाते जा रहे हो । मo मर गयी तो तY
ु हारा
Oयाल कौन रखेगा । बे>टया अपने घर पUरवार मT रम
जायेगी । बेटा पढ Gलखकर कहB परदे सी हो गया तो ।
दBनु-अpछा हB होगा इस नरक से तो बpचP को छ"
ु टB
Gमल जायेगी ।
ब5धया
ु - मo भी यहB चाहती हंू पर तYु हारे बारे मT सोचकर
डर जाती हंू । मo मर गयी और तम ु ऐसे हB गांजा दाS
के दBवाने रहे ,अगर जेठ जी जैसे तम
ु को कछ
ु हो गया
349
तो तYु हारा Xया होगा कहते हए
ु ब5धया
ु क आंखे डबडबा
गयीं ।
दBनु-Xयो मन छोटा कर रहB है । तमको
ु कछ
ु नहB होगा

ब5धया
ु - महं गु के दादा मo \यादा >दन नहB रह पाउ◌ू◌ंगी

दBन-ु ऐसा Xयो बोल रहB हो ?
ब5धया
ु -महं गु के दादा मालम
ू है एक >दन मo सपने मT
जोर क 5च}लायी थी । न-हका मेरB 5च}लाने क
आवाज से रोने लगा था ।
दBन-ु वह तो तम
ु सपने मT 5च}लायी थी ।
ब5धया
ु -वहB सपना अब बार बार आने लगा है ।
दBनु-कैसा सपना ?
ब5धया
ु - एक काला कलटा
ू राbसनमा
ु आदमी भैसे पर
सवार होकर आता है और अपने साथ चलने को कहता है

दBनु-Xया ?
ब5धया
ु -हां ।
दBनु-पगलB सपने सच थोड़े हB होते है ।उ}टा हB होता है ।
मo सपने मT राजा बन जाता हंू । अगर सपने मे सpचाई
होती तो हम राजा या न आज के म-dी ना बन गये होते
कब के ? म-dी स-dी fकसी राजा से कम होते है Xया ?
पर दे ख ना पेट भरने का इ-तजाम नहB है ।
350
अचानाक एक >दन ब5धया
ु बेहोश होकर 5गर पड़ा । दBनु
और बती वाले गांव से बहतु दरू सरकारB अपताल
लेकर गये । उपचार के बाद त नक होश ते◌ा आया पर
fफर बेहोश हो गयी । डाXटरो ने कहा बीमारB बहत ु
परानी
ु है । अपताल आने मT बहत
ु दे र हो गया है । अब
कछ
ु नहB हो सकता । डाXटरP ने घर ले जाकर
सेवास€षा
ु ु करने क >हदायत दे कर अपताल से छ"
ु टB दे
दB । ब5धया
ु को मरणास-न अवथा मT घर लाया गया ।
जामन
ु के पेड़ क छांव मT लेटा >दया गया । जहां आधी
रात होते होते ब5धया
ु का तन एकदम बरफ हो गया ।
ब5धया
ु का fuया कम4 रजगज से हआ ु । मरणोपरा-त
बती वालP ने ब5धया
ु को दे वी क उपा5ध दे डालB । दBनु
को ब5धया
ु के कहे गये एक श~द याद आने लगे । वह
बpचP से चोरB छपे आंसू बहा लेता । कभी-कभी तो दBनु
को ऐसा लगने लगता fक ब5धया
ु 5चलम छन रहB हो ।
एक >दन सबह
ु घोड़न,fकशोर,बरख,ू सरख,ू स-तु रोज क
भां त गांल भर भर धआं
ु उडा.ने के Gलये दBनु के दरवाजे
पर इX"ठा हए
ु । दBनु मड़ई मT खोसी गांजे क पोटलB
नकालने गया पर Xया उसे लगा fक ब5धयाु उसके
सामने खड़ी है और पोटलB छने
ु से मना कर रहB है ।
गांजा क पोटलB लेने मT ब5धया
ु से दBनु क हाथापांई
तक हो गयी । वह मड़ई मT से पसीने से तरबतर नकला
गांजा क पोटलB और घोड़न के हाथ से 5चलम छन कर
351
जोर से दरू फेक >दया ।
घोड़न- भइया ये Xया कर >दये इतना सारा माल फक
T
>दये ?
दBन-ु यह बहत
ु पहले करना था । दे वी समान घरवालB को
मेरB वजह से बहतु तकलBफ हई ु । गाल भर धआं ु के
चXकर मT उसक तकलBफ पर eयान नहB गया । आज
से गांजा दाS हB नहB हर तरह क नशा का ?याग करता
हंू । आज ब5धया
ु क आ?मा को जSर सकन ू Gमलेगा ।
अब नहBं गाल भर धयेु मे उडाउ◌ू◌ंगा जीवन और न
दसरP
ू को उड़ाने दं ग
ू ा। नशा चाहे कोई हो दाS चरस, बीड़ी
,Gसगरे ट, तYबाकू या गांजे का गाल भर धआ
ु सब दे ते है
बबा4दB लेते है जीवन । घर पUरवार के सख
ु मT भरते है
म"
ु ठ$ भर आग घोड़न ।
चोरनी
सरज
ू डब
ू चका
ु था । अं5धयारा पसरने को उतावला था ।
पंabयां अपने अपने घPसलP क ओर भाग रहे थे ।घरP से
नकलने वाला धआं
ु अभी साफ साफ नजर आ रहा था ।
खेत मT काम करने वाले मजदरू घर लौट रहे थे या खेत
माGलकP क हवेलB सलाम ठोकने भागे जा रहे थे । रामू
दादा भी खेत मT काम कर हवेलB गये । वे फावड़ा वहां
रखे दो चार टहल माGलक क बजाये और घर वापस आ
गये । घर पहंु चे हB नहB बाहर से आवाज लगाने लगे अरे
दBनु क मां घर मT हो Xया ? या fकसी के घर 5चलम
352
गुड़गुड़ाने मT लगी है । काम पर से आओ तो कभी
डयोढB पर Gमलती नहB ।
शाि-तदे वी -तनतनाते हए
ु बाहर आयी और बोलB तम ु
खेत मT काम करके आ रहे हो तो Xया मo घर मT खालB
बैठ$ रहती हंू । रोटB तोड़ती रहती हंू । मo भी >दन रात
एक कर रहB हंू । इधर उधर 5चलम क जआ ु ड़ मT नहB
भटकती रहती ।ऐसी होती तो आज तम ु ऐसे बात ना
करते । तY
ु हारा एक पैसा fफजल
ू खच4 नहB करती । पाई
पाई जोड़ती हंू । ये माटB का घर Gसफ4 तYु हारB कमाई से
नहB खड़ा है । दे खो मेरे Gसर के बाल झड़ गये । इस घर
को बनाने मT माटB ढो-ढो कर। जब दे खो तब आग
उगलते रहते है । अरे अभी तक तो अकेले 5चलम नहB
गुड़गुड़ायी आज कहां से सरज
ू प छम से उग गया fक
5चलम लेकर बैठ गयी । न-हक को चप
ु करा रहB थी ।
प_ु पा च}
ू ह चौके मT लगी है ।
राम-ू भागवान XयP नाराज हो रहB है । चार बार बलाया

एक बार भी नहB बोलB । घर मT तुम हो या नहB कोई
आहट नहB ।
शाि-तदे वी - हां मेरB आहट अब तमको
ु नहB लगेगी । वो
>दन भल
ू गये जब मेरB आहट तY
ु हारे नथनP
ू को लग
जाती थी । मo भी वहB हंू तम
ु भी । दे खो समय fकतना
बदल गया fक तY ु हे मेरB आहट नहB लग रहB है ।ये तो
होना हB था । लो ख>टया डाल दB बैठो । मo पानी लाती
353
हंू । शाि-तदे वी झटपट गुड़पानी दे कर 5चलम चढा लायी
और रामू को थमाते हए ु बोलB लो तम ु भी जी भर कर
हX
ु का गुड़गडा
ु लो >दन भर नहB Gमला है ना । कहते हए

वह ख>टया पकड़कर चपचाप
ु बैठ गयी ।
शाि-तदे वी को मौन दे खकर रामू बोला-दBनु क मां XयP
गुमसम
ु हो गयी ।बेटवा क कोई 5च"ठ$ आयी है Xया ?
थोड़ी दे र पहले बहत
ु ताना महना मार रहB थी । एकदम
से Xया हो गया ।
शाि-तदे वी-Xया कSं । झगड़ा कSं ।
रामू- दे वी uोध ना करो◌े । हमने तो uोध करने लायक
कछ
ु नहB कहा । XयP उखड़ी उखड़ी बातT कर रहB हो ।
Xया बात है ?
शाि-तदे वी-कोई बात नहB है ।
रामू-कोई ना कोई बात तो है । बताओ ना Xयो दखी
ु हो
रहB हो अकेले । तकलBफ बांटने से कम होती है । दे ह
दख
ु रहB है Xया ? बताओ ना Xया बात है ? XयP रोनी
सरत
ू बनाये बैठ$ हो ।
शाि-तदे वी-Xया बताउ◌ू◌ं । कई >दन से दे ख रहB हंू ।
रामू-Xया दे ख रहB हो ?
शाि-तदे वी-बोलने दो तब ना बताउ◌ू◌ं ।
रामू- बीच मT टPक कर गलती कर >दया Xया
ै ? बोलो Xया
बताने वालB थी ?
शाि-तदे वी-सनो
ु ।
354
रामू-Xया सना
ु रहB हो ?
शाि-तदे वी-सामने के घर से सनाई
ु दे रहB गालB ।
रामू-अपने घर मT कोई कु छ करे हमT Xया लेना ?
शाि-तदे वी-मझे
ु तो कछ
ु शंका हो रहB है ।
रामू-XयP ?
शाि-तदे वी-घम8डीदे वी मझे
ु दे खकर गालB दे ती है । दBनू के
बाबू तम
ु कहो तो मo पंूछू fक ऐसा Xयो करती है ।
रामू-Xया पछोगी
ू उस झगड़ालू से । गांव के◌ी कई लोगP
को पीट चक
ु है । अपने मद4 को भी बरB
ु बरB
ु गालB दे ती
है कई बार मार भी चक
ु है । गालB तो उसक छठ$ पर
चढायी होगी उसक मां ने ।
शाि-तदे वी-गोधGल
ू बेला मT गालB दे ना अpछ$ बात तो
नहB है ।
रामू-दBनू क मां तम
ु उसको मना भी तो नहB कर सकती
। अगर कछ
ु बोलB तो अपने गले पड़ जायेगी । आ बैल
मझे
ु मार वालB बात होगी । छोड़ो जाने दो । ये थामP
हX
ु का तYबाकू जल गयी ।
शाि-तदे वी-बाप रे इतना ज}दB एक 5चलम तYबाकू जल
गयी ।इतना हX ु का पीओगे तो कहां से आयेगा। मo
इ-तजार मT बैठ$ थी fक तम
ु पीकर मझे
ु दोगे ।
रामू-एक और 5चलम चढा लो ।
शाि-तदे वी-नहBं रात हो गयी । दसरे
ू काम भी तो करने है
। प_ु पा रोटB बना चक
ु है । रोटB खाओ । तYबाकू
355
पीकर पेट थोड़े हB भरे गा । चलो ख>टया घर मT डाल दे ती
हंू । यहां मpछर बहतु लगने लगे हo । रो>हत ने अ-दर
धआंु कर >दया है । मpछर नहB लगेगा । अpछा बैठो मo
5चलम चढाकर लाती हंू । तमु बैठकर गुड़गड़
ु ाओ मT
त नक घम8डीदे वी से पछकर
ू आती हंू । कौन सी
तकलBफ आ गयी है ।
राम-ू ना तू ना जा खामखाह झगड़ा हो जायेगा ।
शाि-तदे वी-अरे मo झगड़ा नहB करने जा रहB हंू हालचाल
पछने
ू जा रहB हंू ।
रामू-बहत
ु दया आ रहB है । नहB मान रहB हो तो जाओ
fफर आकर आंसू नहB बहाना ।
शाि-तदे वी-मo पछकर
ू आती हंू । तम
ु हX
ु का गुड़गडाओ
ु ।
रामू-ठ$क है जाओ ।
शाि-तदे वी भागी भागी घम8डीदे वी के घर गयी ।बाहर से
घम8डी बहन घम8डी बहन क आवाज दे ने लगी ।
घम8डीदे वी भखी
ू शेरनी क तरह बाहर आयी और बोलB
अpछा तू है ।
शाि-तदे वी-हां बहन मo हंू । Xया बात है तू आजकल
परे शान रहती है । बहन गालB दे ने से परे शानी ख?म तो
नहB होगी । गालB कहB जाती नहB है । लौटकर अपने
को हB लगती है । गालB दे ने से आ?मा भी अशe
ु द होती
है ।
घम8डीदे वी-अpछा तो तू समझाने आयी है चोरनी कहBं
356
क ।
शाि-तदे वी- Xया कह रहB हो ? होश मT तो हो ? मझे

चारे नी कहते हये
ु तमको
ु शरम भी नहB आयी । भला मo
और चोरनी ।
घम8डीदे वी-हां हां तू चोरनी नहB तो और कौन ? मेरB
हं सलB
ु चराकर
ु सराहBदार
ु गद4 न सजा रहB है । चोरनी मझे

समझा रहB है ।
शाि-तदे वी को काटो तो खन
ू नहB । वह बेसुध सी
घम8डीदे वी क फटकार सनकर
ु अपने घर क ओर दौड
पड़ी , बरदौल तक आते आते गश खाकर 5गर पड़ी । कई
घ8टे वहB पड़ी रहB fकसी को पता नहB चला । काफ दे र
तक वापस न आने पर रामू दादा लालटे न लेकर ढढने

नकले । बरदौल के Jपछवाड़े शाि-तदे वी को बेसुध पड़ी
दे खकर 5च}ला उठे । रामू क 5च}लाहट सनकर
ु छोटा
बेटा रो>हत बड़ी बहू प_ु पा रोते हु दौड़ पडT । रोने क
आवाज सनकर ु दस-बीस लोग इX"ठा हो गये ।
शाि-तदे वी को उठाकर लाये और दालान मT ख>टया पर
लेटा >दये । कछ
ु दे र मT परB
ू बती इX"ठा हो गयी ।
काफ दे र के बाद शाि-तदे वी को होश आया ।
सभी उस हादशे को जानने के उ?सक
ु थे िजसके कारण
ु थी । शाि-तदे वी क आंखे पथरा
शाि-तदे वी बेसुध हई
गयी थी । उनके क8ठ से आवाज हB नहB नकल पा रहB
थी । बड़ी कोGशश के बाद अटक अटक कर घम8डीदे वी
357
का अपने माथे मढा इ}जाम बयान कर पायी ।
रामदादा
ू को जैसे सांप संघ
ू गया शाि-तदे वी क बात
सनकर
ु । उसके मंह
ु से नकल पड़ा घम8डीदे वी ने ऐसा
कैसे कह >दया ?
मिजयादादB बोलB-रामू दादा और शाि-तदे वी को समझाते
हए
ु बोलB तम ु लोग घम8डीदे वी क बात से इतने दखी
ु हो
। अरे परू ा गांव जानता है । वह औरत fकतनी शरBफ
और ईमानदार है । नरापद पर इ}जाम लगाते हए ु
उसक जबान झर कर XयP नहBं 5गर गयी । दे वी समान
औरत के उपर इ}जाम लगाकर पाप का भागी बनी है ।
चोर क घरवालB चोरनी तो खद
ु घम8डीदे वी है । द ु नया
जान गयी है मंधारB बहन क मनौती का खसी उसका
आदमी बाहबGलयP
ु के साथ Gमलकर काटकर खा गया ।
fकतनी ओझाई सोखाई हई
ु तो जान बची है ।
इतना कहना था fक दखौतीकाक का भे◌ा◌ंपू चालू हो
गया वह बोलB शाि-तबहन तू 5च-ता ना कर द ु नया
चुड़ल
ै के बारे मT जानती है । एक >दन जSर हं सुलB के
चोरB से पदा4 हटे गा । दे खना यहB घम8डी खद
ु अपना
Gसर प?थर से कp
ू े◌ागी । द ु नया इस मरदमSई के मंह

पर थक
ू े गी । घम8डी तो घम8डी उसके लड़को ने भी
उपmव मचा रखा है । दे खा नहB अपने लड़के◌ा◌ं से
रो>हत को पानी मT पटवाकर fकतना मरवायी थी । रामू
घर पर थे दे ख Gलये नहB तो रो>हत को मार डालते सब
358
Gमलकर ।शाि-त बहन तू अपनी आदत मT बदलाव कर
हर fकसी के दख
ु तकलBफ मT कद
ू जाती है । अरे तो
इतनी भलमनसत ना >दखाती तो आज तेरे उपर कचड़
नहB फक
T पाती ना घम8डी । कारे
् ध पाप है । तY
ु हारे
उपर फट
ू पड़ा घम8डी का uोध ।
रामू-अरे आदमी होने के नाते फज4 बनता है fक आदमी
के दख
ु मT तो काम आये ।
स-
ु दरBदे वी-बबआ
ु ठ$क तो कह रहे हो पर आदमी भी तो
उस लायक हो । यहां तो आदमी के वेष मT शैतान मौजद

है । ईमानदार और नेक इंसान के मंुह पर म"
ु ठ$ भर
आग मार रहे हo ।
रामू-परा
ू गांव जानता है इस घम8डी का घर बनवाने मT
हमने Xया नहB fकया । गांव के बाहबGलयP
ु से दqु मनी
तक ले Gलया पर घर बनवा कर सांस Gलया । वहB
घम8डी हमारB ब>ढया
ु को आज चोरनी कह रहB है ।
स-
ु दरBदे वी-नेक का फल जSर Gमलेगा भइया । भगवान
के घर भले हB दे र हो पर अंधेर नहB हो सकती । बबआ

एक बात कहंू बरा
ु तो नहB मानोगे ना ?
रामदादा
ू -घम8डीदे वी कह रहB है तो तम
ु भी कह दो जो
जी मT आये ।
स-
ु दरBदे वी-बबआ
ु हम >दल दखाने
ु के Gलये नहB कह रहB
हंू ना ।
रामदादा
ू -कह दे भौजाई । तेरB भी सन
ु लंग
ू ा । सबक तो
359
सन
ु हB रहा हंू ना कब से ।
स-ु दरBदे वी-बबआ
ु हर fकसी के दख
ु तकलBफ मT अब मत
खड़ा हआु करना । आज से कान पकड़ लो।
रामदादा
ू -भौजाई आज के जमाने को दे खते हए
ु कह तो
सहB रहB हो पर ना मझसे
ु और ना हB दBनू क महतारB
से हB fकसी क तकलBफ दे खा जाती है । बरा
ु तो fकसी
का नहB कर रहे है ना । आदमी नेक नहB मानेगा तो
Xया भगवान तो मानेगा ?
स-
ु दरBदे वी-दे वरजी तY
ु हारB यहB सोच तो परेू गांव मT
तमको
ु सबसे उपर उठाती है । नासमझ लोग है fक
समझते नहB।
स-
ु दरBदे वी शाि-तदे वी को भर अंकवार उठाते हए
ु बोलB
चलो बहन उठो हाथपांव धो लो मन थोड़ा ठौUरक हो
जायेगा । एकाध रोटB खाकर सो जाओ । घम8डीदे वी का
अGभमान जSर चरू होकर रहे गा । सpचे इंसान के उपर
उगलB उठायी है भम हो जायेगी । घम8डी दे वी ने बहत

बड़ा इ}जाम माथे मढ >दया है ।
शाि-तदे वी क बहू प_ु पा लोटे मT पानी लेकर आयी सास
से बोलB अYमाजी उठो मंह ु हाथ धो लो कछ ु खाकर
दवाई खाओ◌े । घम8डीदे वी एक ना हजार इ}जाम लगाये
कर ना तो डर कैसी ?
शाि-तदे वी- बी>टया कछ
ु मन नहB कर रहा है ।
प_ु पा लोटे से पानी लB और शाि-तदे वी का मंह
ु धोकर
360
अपने आंचल से मंह
ु पोछकर मंह
ु मT रोटB तरकारB ठसने

लगी ।
शाि-तदे वी-बी>टया तमने
ु तो अपनी कर लB । अब तू भी
जा खा ले और आराम कर रात काफ हो गयी है ।
प_ु पा-अYमा दवाई तो खा लो ।
शाि-तदे वी-ठ$क है लाओ वह भी जब4दती ठस
ू दो । दे ख
न-हक रो रहB है जा उसके◌ा सला
ु । मेरB fफu ना
कर मo मरने वालB नहB हंू जब तक घम8डी क हं सलB ु
क चोरB से पदा4 नहBं उठता है । माथे से इ}जाम हटते
हB सदा के Gलये सो जाउ◌ू◌ं भगवान ।
प_ु पा- अYमा कैसी मनौती कर रहB हो । ऐसा ना कहो
अYमा◌ा कहते हए
ु प_ु पा न-हक को चप
ु कराने । वह
न-हक को चप
ु कराते कराते खदु भी सो गयी । उधर
शाि-तदे वी क आंख से नींद गायब । रामू दादा भी
करवटे बदल बदल कर थक गये पर उनसे भी नींद
कोसे◌ा◌ं दरू । बार बार रामदादा
ू को करवटT बदलता
दे खकर शाि-तदे वी बोलB दBनू के बाबू नींद नहB आ रहB
है ।
रामू-कैसे नींद आयेगी । चोरB का इतना बड़ा इ}जाम
Gसर पर जो है ।
शाि-तदे वी-XयP घबरा रहे हो । चोरB तो हमने fकया नहB
है ।
रामू-fकस fकस का मंह
ु पकड़ेगे । कल आसपास के गांवP
361
मT बात फैल जायेगी ।
शाि-तदे वी घम8डीदे वी क हं सलB
ु चोरB हई
ु है तो fकसी ने
जSर चराया
ु है । लेfकन वह इ}जाम मेरे माथे Xयो मढ
दB ?
रामू-राज एक >दन खल
ु जायेगा । तम
ु थोड़ी दे र आंख
ब-द कर सोने क कोGशश करो । नींद नहB आयी तो
>दन भर Gसर दखे
ु गा । प_ु पा Xया Xया करे गी ? न-हक
भी तो रोती रहती है आजकल बहत ु िजदB हो गयी है ।
शहर मT दBनू बेटवा भी दखी
ु होगा यह सब सनकर
ु ।
शाि-तदे वी-इ}जाम माथे आ हB गया है । जब तक रहय
से पदा4 नहB हटता है तब तक तो इ}जाम क म"
ु ठ$ भर
आग मT सलगना
ु हB है ।
घम8डीदे वी के हं सलB
ु क चोरB क खबर जंगल क आग
क तरह फैल गयी । शाि-तदे वी ने चोरB क है इस बात
को कोई मानने को तैयार ना था । धीरे घीरे छः महBना
nबत गया पर घम8डीदे वी क हं सुलB क चोरB का पता
नहB चला । एक >दन है रान परे शान हरB बाबू आये रो>हत
से बोले रो>हत बाबू सोनार क दकान
ु तक चलो बहत ु
जSरB काम है । रो>हत -अरे कौन सा इतना जSरB काम
आ धमका हरB बाबू ।
हरBबाबू-हं सलB
ु 5गरवी रखना है । Sपये क सOत जSरत
है ।
रो>हत हरBबाबू के साथ बाजार सोनार क दकान
ु चले गये
362
। रो>हत बाबू को दे खकर सोनार बोला कैसे आना हआ

डाXटर बाबू ।
रो>हत -हं सलB
ु 5गरवी रखने आया हंू ।
से◌ानी- रो>हत बाबू Xया बात है आपके गांव का कोई
आदमी हं सलB
ु 5गरवी रखता है तो कोई छु ड़वाता है ।
रो>हत -कौन छुड़वाकर ले गया ?
सोनी-गभS । वहB गभS जो पहले ईXका हांकते थे ।
हरBबाबू-अpछा तो घम8डी काक क हं सलB
ु 5गरवी रखी
गयी थी । चोरB के इ}जाम क म"
ु ठ$ भर आग काक के
Gसर पर दहक रहB थी अब तक ।
हरBबाबू क हं सुलB 5गरवी सोनी ने रखकर Sपये दे >दये
। Sपया लेकर हरBबाबू रो>हत बाबू को साथ लेकर
UरqतेदारB मT चले गये । इधर रात मT गभS सोये हये

बड़बड़ाया हं सुलB पआल
ु मT XयP फक
T रहB है । Gमल गयी
हं सलB
ु । चोरनी फक
T गयी ।
घम8डीदे वी- गभS को जगाते हएु बोलB XयP बड़बडा रहे
हो। हं सलB
ु तो चोरनी पचा गयी ।
गभS-नहB पचा सकती । घर क दे वी सपने ने मझे

बतायी है fक हं सुलB पआल
ु के ढे र मT हo । चलो दे खते है
सpचाई Xया है ?
घम8डीदे वी और गभS दोनो पआल
ु के ढे र के पास गये ।
गभS के पहलB बार मT हB अंकवार मT पआल
ु उठाते
हं सलB
ु हाथ मT आ गयी । घम8डी दे वी झटपट हं सलB
ु को
363
गले मT सजायी और रात भर गभS से हं सी >ठठोलB
करती रहB । खशी
ु के मारे उसक आंखे◌ा◌ं से नीद उड़
गयी थी । भोर हो गयी मगा4
ु बोलने लगे । कछ
ु दे र मT
उजाला हो गया अब Xया घम8डीदे वी शाि-तदे वी के घर
क ओर मंह
ु कर गालB दे ना शS
ु कर दB ।
सरज
ू क पहलB fकरण के साथ हरBबाबू और रो>हत भी
आ गये । घम8डीदे वी को गालB दे ते दे खकर रो>हत बोला
XयP गालB दे रहB हो काक ।
घम8डीदे वी-XयP गालB गोलB जैसे लग रहB है । अपनी
चोरनी मां से पछ
ू । भत
ू -मेलान के डर से हं सलB
ु पआल

के ढे र मT फेक गयी । वाह रे चोरनी ।
रो>हत -पंचायत मT फैसला हो जायेगा । पंचायत बलाने

जा रहा हंू ।
गांव के धान को बलाने
ु के Gलये खद
ु दौड़ पड़ा और
बती वालP को रामदादा
ू बलाने
ु मT जट
ु गये । कछ
ु हB
दे र मT पंचायत इX"ठा हो गयी ।
धान-घम8डी दे वी Gमल गयी तY
ु हारB हं सलB
ु ।
घम8डी दे वी-हां बाबू चोरनी पआल
ु मT फक
T गयी थी तो
Gमलनी हB थी। कछ
ु >दन और रखती तो मेरB कलदे
ु वी
चोरनी शाि-तदे वी के पत
ू को ना खा जाती । स?यानाश
क डर से पआल
ु मT रख गयी । रात मT कलदे
ु वी ने
सपने मT रं जीते के बाबू को सपने मT बतायी थी। रं जीते
के बाबू के पआल
ु उठाते हB हं सलB
ु नीचे 5गर पड़ी थी।
364
धान-Xया यहB सच है गभS बेटा ।
गभS शाि-तदे वी का पांव पकड़कर रो◌ेते हए
ु बोला माफ
कर दो भौजाई चोरनी तू नहB चोर मै हंू । मने
o बाप के
इलाज के Gलये 5गरवी रख >दया था घरवालB क चोरB से
। इX"ठा लोग शाि-तदे वी क जय जयकार करने लगे ।
गांव वालP क €eदा दे खकर शाि-तदे वी क आंखP से
झराझर मोती झरने लगे ।
बारात
इकतीस >दसYबर क आखरB और पहलB जनवरB क
थम अध4राnd मT न-दन के घर एक न-हे फUरqते का
अवतरण हआु । बpचे के रोने क आवाज सनकर
ु न-दन
के मन मT आ तशबाजी होने लगी । कछ ु दे र के बाद
रमरजी काक घर मT से बाहर नकलB । न-दन आगे
बढकर काक का पांव छये
ु ।
रमरजीकाक-खब
ू तरXक कर बेटवा, बेटा हआ
ु है ।
चौथी औलाद बेटा के सनते
ु हB न-दन के >दल से बोझ
उतर गया । न-दन बpचे का नाम हरB रखा । न-दन
हरB को पढा Gलखाकर दरोगा बनाने का सपना दे खने
लगा पैदा होते से हB। वह भी ऐसे समय जब आजादB
क जंग के शोले हर कान पर दतOत दे ने लगे थे ।
भयावह सामािजक िथ त भी थी । तथाक5थत छोटB
जा त के लोगो के साथ तो जानवर से भी बरा
ु iयवहार
होता था । दभा4
ु यवस ऐसे समाज मT न-दन भी आहे भर
365
रहा था । गरBबी एवं दयनीय सामािजक िथ त के बाद
भी वह >हYमत नहB हारा । हरB का नाम कूल मT लाख
Gम-न तयां कर Gलखवा >दया जबfक उसक जा त के
बpचP का अघोGशत Sप से कूल मT वेश ब-द था ।
हरB को भी कूल मT बहत
ु मिq
ु कलT आयी । अछत
ू जा त
का होने के नाते उसे कbा मT सब बpचP से पीछे
बैठाया जाता था । जहां माटर साहब क आवाज भी
नहB पहंु च पाती थी । कू ल मT पीने तक के पानी को
उसक परछायीं से दरू रखा जाता था । लाख मिq ु कलT
उठाकर भी हरB >हYमत नहB हारा अ-ततः बारहवीं क
परBbा अiवल दजk से पास कर Gलया पर आ5थ4क कारणP
आगे क पढाई Sक गयी । हरB साल भर कलक?तT मT
पटसन क कYपनी मT छोटा मोटा काम fकया । सरकार
नौकरB पहंु च से दरू जाती दे खकर वह राजधानी आ गया
। राजधानी मT साल भर क बेरोजगारB झेलने के बाद
पGलस
ु क नौकरB Gमल गयी । नौकरB का समाचार
सनकर
ु हरB के पUरवार मT खशी
ु क लहर दौड़ पड़ी ।
समय के साथ हरB आगे बढते रहे पGलस
ु क नौकरB मT
तरXक करते करते दरोगा हो गये और उलझे हए ु
मामले◌ा◌ं को सलझाने
ु मT उ-हे महारथ भी हाGसल हो
गया । हरB को लोग बड़े आदर से हरB बाबू कहते । हरB
बाबू क ईमानदारB के चचा4 सबक जबान पर होते ।
हरBबाबू ने कई बड़े बड़े और उलझे मामले सलझाये
ु ।
366
एकाध बार सपे8ट भी हए
ु पर सpचाई के पथ से
JवचGलत नहB हए
ु ।
एक >दन हरBबाबू थाने से काफ दरू भीड़भाड़ वाले से
छ"
ु टB के कदन सादB ‹ेस मT गजर
ु रहे थे । एक iयापारB
बचाओ बचाओ 5च}ला रहा था । कोई भी उसक मदद
के Gलये आगे नहB बढ रहा था । दो आतंकवादB लटे
ू रे
>दनदहाड़े iयापारB क तजोरB छन रहे थे । iयापारB
लहलहान
ू ु था पर तजोरB नहB छोड़ रहा था । iयापारB के
5च}लाने के आवाज हरBबाबू के कानP मT पड़ी वह
ललकारते दौड़े और एक आतंकवादB को दबोच Gलये ।
अब Xया था आतंकवादB iयापारB को छोड़ हरBबाबू पर टट

पडे। आतंकवा>दयो ने दरोगाजी के उपर दनादन पpचास
से अ5धक बार छरे
ु से वार कर >दये । दरोगाजी हरB
बाबू का शरBर झलनी हो गया । जांघ क नशे कट गयी
। हरB बाबू >हYमत नहB हारे वे एक आतंक पर क~जा
कर Gलये । बड़ी चालाक से आतंक के छरे
ु आतंक का
पेट फाड़ >दये । वह वहB पाट पर मर गया । हरBबाबू
लड़खड़ा कर 5गरने लगे तब तक दसरा
ू आतंक वार कर
बैठ संयोगबस वह भी दरोगाजी क 5गरफ् त मT आ गया,
उसके भी पेट मT छरा
ु दरोगा जी ने घसा
ु >दया पर
आतंक पेट दबाकर भाग नकला और दरोगाजी अधमरे
वहBं तड़पते रहे । कोई भी आदमी दरोगाजी को न तो
अपताल तक ले जाने क और नहB एक फोन करने क
367
>हYमत जटा
ु पाया । घ8टो बाद एक ठे लेवाले ने ठे ले
पर लादकर अपताल पहंु चाया । कई >दनP तक दरोगाजी
मौत से जझते
ू रहे । इस बीच बीस बोतल खन ू चढ गया
। अ-ततः दरोगाजी ने मौत पर भी Jवजय पा Gलया ।
दरोगाजी के बहादरB
ु के चचk समाचार पdP के प-ने◌ा◌ं
पर खब
ू जगह पाये । दरोगाजी को बहादरB
ु का €े`ठ
पर
ु कार Gमलना चा>हये था पर नहB Gमला । हां
राजधानी के bेd Jवशेप को आतंfकयP से नजात जSर
Gमल गयी । हफ् ता वसलB
ू करने वालP और आतंक
मचाने वालो क >हYमत टट
ू गयी । दरोगाजी सदै व
न`ठा एंव ईमानदारB से जन एवं रा`l क सेवा करते
रहे । सेवा के दौरान उनक धम4प?नी का दे हा-त कसर
o
क बीमारB से हो गया । तीनP बेटे अपने अपने पUरवार
मT रम गये । बेटB अपने घर पUरवार मT खश
ु थी ।
दरोगाजी शहर मT अकेले रह गये । मंह
ु बोला बेटा
रामलखन अपने फज4 पर खरा उतर रहा था । पड़ोस मT
दरू के Uरqते क सालB और उनक बे>टयां रे खा और गीता
भी खब
ू Oयाल रखती थी । दरोगाजी के अ-दर पdमोह

कटकट
ू ू कर भरा हआु था पर पdP
ु को दरोगाजी से नहB
उनक दौलत से मोह था । समय अपनी ग त से चलता
रहा रे खा और गीता का ~याह हो गया । दरोगाजी रोटB
से मोहताज रहने लगे । इसी बीच उनका एXसीडे8ट हो
गया । पैर क हडी टट
ू गयी । `लाटर तो हआ
ु पर दो
368
>दन मT उतरवा >दये XयPfक दे खरे ख करने वाला कोई न
था । दरोगाजी का रोना दे खकर उनके बड़े बेटे ने
जब4दती अपने Gलये एक लाचार Jवधवा दखव-
ु ती दे वी
को िजसका द ु नया मT कोई न था अपनी मां के Sप मT
खोज लाया । बेबस लाचार Jवधवा औरत क अिमता
क रbा के Gलये दरोगाजी ने छाती पर पहाड़ रखकर
मंजरB
ू दे दB । उ-नसठ साल क उt मT दरोगाजी का
पन4
ु Jववाह हो गया पर िजस बेबस लाचार Jवधवा
दखव-
ु तीदे वी पर दया >दखाये थे वह भी दरोगाजी के
जीवन मT म"
ु ठ$ भर आग साnबत हई।
ु साल भर के बाद
दरोगाजी सेवा नवत
ृ हो गये । सेवा नवि?
ृ त के बाद
दरोगाजी दखव-
ु तीदे वी को लेकर अपनी बेटB के घर गये
। अब द ु नया मT सबसे `यारे दरोगाजी के Gलये बेटB
दमाद नाती और ना तन थे । दरोगाजी बेटB और दमाद
क वजह से त नक खश
ु थे । बाक सभी तो पैसे के
भखे
ू उ-हे नजर आते थे दखव-
ु तीदे वी चार कदम और
आगे थी। दमाद के Jपताजी तो दोत पहले और समधी
बाद मT थे । खब
ू जोड़ी जमती थी समधी समधी क ।
दरोगाजी सेवा नव?ृ त होकर गांव आ गये । बेटB को फटB

कौड़ी नहB >दये । बेटP ने उ-हT न`काGसत कर >दया पर
उनक नजरे उनके चल-अचल सYप त पर >टक हई ु थी।
दखव-
ु तीदे वी भी रहरहकर कलेजे मT तीर भे◌ा◌ंक दे ती ।
दरोगाजी गम को भलाने
ु के Gलये खेतीबारB मT >दल
369
लगाने लगे । उनक मेहनत से अनपजाउ◌ू
ु ◌ं जमीन भी
अ-न उगलने लगी पर दरोगाजी का वा“य साथ छोड़ने
लगा । सरज
ू डब
ू रहा था दरोगाजी सबसे बेखबर खेत
मT पसीना बहा रहे थे । दरोगाजी को काम करते हए ु
दे खकर रघु के पांव >ठठक गये◌े वह दरोगाजी के पास
गया और बोला दरोगाजी Xयो मजदरू P जैसे रात >दन
खटते◌े रहते हो । अरे ये उt काम करने क नहB है ।
आराम करने क है पोता पोती खेलवाओं, बहू बेटP से
सेवा करवाओ ।
दरोगाजी बोले- जब तक हाथ पांव आंख ठे हना
ु सलामत है
तब तक fकसी का आ5€त नहB रहंू गा । रघु जीवन एक
जंग है इसे जीतने का यास जब तक सांस है तब तक
करता रहंू गा । अब तो हमारे जीवन क दसरB
ू जंग शS

हो गयी है ।
रघु-दरोगाजी आपको हाड़ नचोड़ने क Xया जSरत है ।
अरे आप तो अपने पशन
T से चार आदमी को और पाल
सकते है ।
दरोगाजी-कह तो ठ$क रहे हो रघु मेहनत करने मT बराई

Xया है ? अभी तो वथ हंू । काम करने लायक हंू ।
गरBब मां बाप क औलाद हंू । मने
o बहत
ु दख
ु उठाये है ।
मां बाप को आंसू से रोटB गीला करते हए
ु दे खा है मने
o ।
मां बाप के आश|वाद से कहां से कहां पहंु च गया । आज
मेरB औलाद साथ नहB दे रहB है । बेटे मझसे
ु दरू होते
370
जा रहे है । Xया यह fकसी नरक के दख
ु से कम है ।
खैर fकसी ज-म के पाप का फल Gमल रहा होगा मझे
ु ।
रघु-दरोगाजी आपक तnबयत ठ$क नहB लगी रहB है ।
दरोगाजी-हां कछ
ु >दनP से रह रहकर सांस जैसे अटक जा
रहB है । ठ$क हो जायेगा । कोई 5च-ता क बात नहB है
। 5च-ता तो बस अपनP से है िजसके Gलये सपने बने
ु थे
वहB >दल मT छे द कर रहे है ।
रघु-दरोगाजी मo भी उस >दन दं ग रह गया जब आपके
बडT ने आपको बेटB क गालB दB । सफेद रं गे Gसर के
बाल उखाड़ने तक क धमक >दया था। वह भी आपके
दमाद बेटB नाती और ना तन के सामने । उसे ऐसा नहB
कहना चा>हये था ।
दरोगाजी-नासमझ है । जब उन पर पडेगी तब याद
आयेगी मेरे साथ जो वे कर रहे हo । वे हमारे Gलये नहB
खद
ु के जीवन मT कांटा बो रहे हo । हमारB तो nबत गयी
है । थोड़े >दन का और मेहमान हंू । दे खना यहB लोग
आंसू बहायेगे । मेरे छोड़े Sपये को पाने के Gलये रात
>दन एक कर दे गT । Sपये और मेरB Jवरासत तो पा
जायेगे पर >दल मT कसक तो उठे गी जSर । अब तो मेरB
>हYमत हB मेरा सहारा है रघु िजस >दन मेरB >हYमत
छटB
ू मै समझो गया उपर ।
रघु-दरोगाजी ऐसा ना कहो आप तो दBघा4यु होओ और
वथ रहो । अब मo चलता हंू । दे खो अंधेरा छा गया है
371
। आप भी घर जाओ भौजाई राह ताक रहB होगी ।
दरोगाजी-द ु नया मतलबी है । घर मT तो खौफ डंसता
रहता है । खड़ी फसलP के साथ बाते कर मन ह}का हो
जाता है । ठ$क है । चलो मo भी चलता हंू । रघु अपने
घर क ओर दरोगाजी अपने घर क ओर चल पडे. ।
दरोगाजी घर आये है 8डपाइप चलाकर बा}टB मT पानी
भरे ,हाथ पांव धोये । एक लोटा पानी पीकर ख>टया पर
बैठे। fफर ना जानो शरBर को कौन सी iया5ध पकड़ लB ।
दरोगाजी क तnबयत nबगड़ने लगी । रात बडी मिq
ु कल
मT nबती सबह
ु होते होते तnबयत \यादा खराब हो गयी
। हालत इतनी खराब हो गयी fक nबतर से उठा नहB
गया ।दो >दन वहB nबतर पर पड़े पड़े कराहते कराहतT
एकदम से टट
ू गये । बडी.◌ी मिq
ु कल से दBवाल के सहारे
बैठ पाते । बैठते हBं चXकर आने लगते । nबगड़ती हालत
मT बड़बडाने लगे । दरोगाजी क तnबयत खराब है fक
खबर उनक बेटB के दे वर स?यान-द को लगी वह
भागकर दरोगाजी को दे खने गया । वहां उनक दयनीय
दशा दे खकर स?यान-द घबरा गया दरोगाजी क तnबयत
nबगड़ती दे खकर स?यान-द ने दरोगाजी के छोटे बेटे
रामानज
ु को साथ लेकर अपताल मT भत| करवाया ।
मज4 डाXटरP क समझ मT नहB आयी । दद4 मT बड़बडाते
हए
ु दे खकर एक डाXटर ने तो पागलखाने भेजने तक क
GसफाUरस कर दB । जबfक दरोगाजी को मित`क \वर
372
था ,दो >दन मT जानलेवा हो गया था । डाXटर बीमारB
को नहB समझ पाये। दरोगाजी दो >दन अपताल मT
तड़पते रहे इसी बीच बेटा मझला दयानज
ु शहर से आ
गया। दरोगाजी दयानज
ु से लड़खड़ाते हए
ु बोले तम
ु तीनो
भाई आपस मT लड़ना नहB । मेरB चल अचल सYप त के
चार >हसे कर लेना । तीन >हसा तो तम
ु तीनP भाईयP
का होगा और चौथा >हसा तY
ु हारB नयी मां का ।
स?यान-द से बोले बेटे दमादजी ]दयान-द बी>टया
सेवामती,ना नत समन
ु ,Sपेश और >दनेश अभी नहBं पहंु चे
Xया ? बस दो >दन मT इतना हB बोल पाये थे । इसके
और कछ
ु भी नहB बोल पाये। जबान पर जैसे ताला
लटक गया पर आंखP से आंसू ऐसा बहना शS
ु हआ
ु क
Sका नहB । सYभवतः दरोगाजी क अि-तम इpछा बेटB
दमाद से Gमलने क थी हालत और अ5धक nबगड़ने लगी
तब स?यान-द बनारस लेकर भागा । बनारस जाते
समय राते मT हर जंग जीतने वाले दरोगाजी मौत से
हार गये । बड़े बेटे समानज
ु जो दरोगाजी से झगड़कर
चला गया था उसे खबर दB गयी पर वहB न आने क
िजद पर अड़ा रहा । बेटB दमाद खबर लगते हB प-mह
सौ fकलोमीटर दरू शहर से दरोगाजी के अि-तम
संकार मT शाGमल होने के Gलये चल पड़े ।
मौत के दसरे
ू >दन दरोगाजी के मतदे
ृ ह को सजाया गया
। मातमी धन
ु बनजे लगी पर हजार घर वाले गांव मT
373
दरोगाजी के मतदे
ृ ह का लंगोट पहनाने वाला कोई न
Gमला । आखरकार छोटB उt का स?यान-द ने अपने
हाथP से लंगोट पहनाया । दोपहर ढलने को आ गयी lे न
लेट होने के कारण बेटB दमाद नहB पहंु च पाये ।
दरोगाजी क आखर बाराता ;जनाजा‡ नकल पड़ा ।
आगे आगे चार कंधP पर दरोगाजी का मत
ृ दे ह चल रहा
था पीछे पीछे बै8डबाजा वाले मातमी धन
ु बजाते हए
ु ।
सौभासबस चार कंधP मT दो कंधे उनके छोटे और मझले
बेटे के शाGमल थे ।बै8डबाजे को दे खकर कछ
ु लोग
छ$ंटाकसी करने से बाज नहB आ रहे थे । कछ
ु लोग कर
रहे थे fक दरोगा क दसरे
ू ~याह क बारात मT भले हB
बै8डबाजा नहB बजा तो Xया आखरB बारात मT बी>टया
क ससराल
ु वालो ने तो बजवा हB >दया ।कोई कहता अरे
ये जनाजा नहB दरोगा के आखरB ~याह क बारात
नकल रहB है । भले हB कछ
ु लोग छ$ंटाकसी कर रहे थे
पर सpच तो यहB था ।
दरोगाजी का जनाजा नकलने के घ8टे भर बाद बेटB
दमाद भी आ गये पर जनाजा तो नकल चका
ु था ।
काफ मशXकत के बाद ]दयान-द और सेवावती qमशान
पहंु चे पर Xया दरोगाजी का मतदे
ृ ह गोमती नदB के
fकनारे आठमन लकड़ी क 5चता मT भम होकर राख हो
चका
ु था । 5चता को पांच मटके पानी से ठ8डे fकये जाने
का कम4का8ड शS
ु था । इसी बीच ]दयान-द और
374
सेवावती ने अ€पUरत
ु ू €eदांजGल अJप4त क । शेप
कम4का8ड क fuया त नक दे र मT परB
ू हो गयी ।
पचत?व मT JवलBन दरोगाजी के मतदे
ृ ह के अवशेप को
गोमती नदB को समJप4त कर >दया गया। 5चता एकदम
ठ8डी हो चक
ु थी । गमा4हट बची थी तो बस चल-अचल
सYप त के बंटवारे को लेकर ।

Uरqता
द ु नया मT सबसे बडा कोई Uरqता है तो वह है दद4 का
Uरqता । जानते हएु भी आज का आदमी मतलब के
पीछे भागने लगा है । आज के इस यग
ु मT परमाथ| लोग
तो कम है पर आदGमयत को िज-दा रखे हए ु है ।
सेवाराम को Jवचार मंथन मT दे खकर eयानबाबू उनक
तरफ मुड़ गये और उनके सामने खड़े हो गये पर सेवाराम
बेखबर थे । सेवाराम को बेखबर दे खकर वह जरा उ◌ुची
आवाज मT बोले Xया बात है सेवाराम Xयो नजरअंदाज
कर रहे हो ।
सेवाराम हड़बड़ा कर बोले अरे eयानबाबू आप ?
eयानबाब-ू हां मै। कहां खो हए
ु थे ।
सेवाराम-कहB नहB बाबू । सोच रहा था आज का आदमी
िजस तरह से Uरqते को रौद रहा है । अगर ऐसा हB होता
रहा तो आदमी आदमी का हB नहB होगा । आदGमयत
का Uरqता भी लहलहान
ू ु हो रहा है ।

375
eयानबाबू- आज का आदमी तो बस अपने वाथ4 मT जी
रहा है ।
सेवाराम-वाथ4 क बाढ मT कहBं Uरqते न बह जाय ।
eयानबाब-ू सच 5च-ता का मr
ु ् दा बन गया है Uरqते का
क?ल ।
सेवाराम-ठ$क कह रहे हो आज का आदमी एक दसरे
ू को
टोपी पहनाने मT लगा हआ ु है । Uरqता भी वाथ4Gसिeद
के◌े Gलये बनाने लगे है ।
eयानबाब-ू ऐसे Uरqतेदार तो आदGमयत का क?ल हB करे गे

सेवाराम-ऐसा हB हो रहा है । दो साल भर पहले टे कच-द
साहकार
ू 5गड़5गड़ाते हए
ु बोले सेवाराम मेरB मदद कर दो
पांच हजार Sपया दे दो बस हफ् ता भर के Gलये ।
टे कच-द क 5गड़5गड़ाहट के आगे मo मना नहB कर पाया
नेकच-द से उधार लेकर >दया था । टे कच-द ने दो
साल मT कभी सौ कभी पpचास ऐसे रो रोकर >दया fक
पता हB नहB चला । जबfक मझे
ु नेकच-द को एकमqु त
हफ् ते भर के अ-दर दे ना पड़ा था । टे कच-द को एक
अखबार वाले को पpचास सौ Sपया दे ना है । एक
Jवyापन छपवा Gलये है ◌े अपनी दकान
ु का । अखबार
वाला मेरे साथी आज पांच साल से अ5ध हो गया पैसा
नहB >दये । जब मांगो तो टाल जाते हo टे कच-द
आजकल क कहकर । अखबार वाले से मेरा Uरqता पैसे
376
क वजह से खराब कर >दये ।
eयानबाब-ू टे कच-द साहकार
ू तो इनक टोपी उनको उनक
उनको पहनाने मT मा>हर है । उसे Uरqते से Xया लेना ।
वो बस सौदागर है ।सेवाराम XयP झांसे मT आ जाते है
वा5थ4यP के ।
सेवाराम-बाबू हम तो Uरqते के सोधेपन के भख
ू है ।
आदमी मT आदGमयत का भाव ढढते
ू रहते है । परमाथ4 मT
असीम आन-द है पर मतलबी लोग है fक घाव दे जाते
है । सभी टे कच-द साहकार
ू जैसे नहB होते eयानबाब।ू
eयानबाबू-वो समीर भी तो तमको
ु ठग गया । उसे तम ु
भाई मानते थे । कई सालP तक अपने घर मT रखे ।
तY
ु हारB वजह से कामयाब आदमी बना है पर तY
ु हे
एहसान के बदले Xया >दया बदनामी और Uरqते को
म"
ु ठ$ भर आग का दहकता घाव ना ।
सेवाराम-समीर खश
ु है अपने कामयाबी पर । भले हB
मझे
ु Uरqता घाव दे गया पर आपको हककत मालम
ू है
ना । आप मेरB नेक को हवा दे रहे हो ना Xया यह कम
है ?द ु नया मT अभी Uरqते का मान रखने वाले लखन और
बलदे व दे वता fकम के लोग है eयान बाबू ।
eयानबाब-ू कहां ऐसे लोग Gमल गये सेवाराम ?
सेवाराम- >द}लB मT जब साला कौशल जब डेगू क चपेट
मT था । मौत के मंह
ु मT से नकला है लखन भईया क
वजह से । प-mह साल पहले मां कसर
o से जझ
ू कर मरB
377
और Jपता साल भर पहले फेफडा गल जाने क वजह से

eयानबाबू-ये लखन दे व कौन है ?
सेवाराम- बलदे व इंजी नयर है पर तकदBर ठगी जा जक

है fकसी शाप पर काम करता है और लखन क नौकरB
छट
ू गयी है जो अब चौकदार क नौकर करके पUरवार
पाल रहे है । यहB तो है वे◌े◌े◌े फUरqते जो झोपड़प"टB
मT और तकलBफ के सम-दर मT डबकर
ू भी Uरqते पर मर
Gमटने को तैयार रहते है ।
eयानबाबू-वो कैसे ?
सेवाराम-बाबू कौशल क जान लखन भईया क वजह से
बची है । जब पास के नGस4गहोम वालो ने हाथ खड़ा कर
Gलये तो लखनभईया >द}लB के एक बडे. नGस4गं होम मT
कौशल को मरणास-न िथ त मT ले गये । वहां डाXटर
ने पpचास हजार Sपये जमा करवाने को और दस बोतल
खन
ू तर-
ु त दे ने को कहा गया।
लखन- डांXटर साहब मo पpचास नहB साठ हजार अभी
जमा कर दं ग
ू ा भले मझे
ु बाद मT अपना कpचा घर बेचना
पडे । खन
ू भी दे दं ग
ू ा अपने तन को नचोड़कर पर
गार8टB दो fक मेरे भाई को कछ
ु नहB होगा ।
डाXटर- कोई गर8टB नहB । बचेगा तो अपनी fकमत से
या मरे गा तो अपनी मौत से ।
लखन- डाXटर साहब आप कसाई है Xया ?
378
बलदे व-भईया सब ध-धा है । चलो अब सरकारB
अपताल ले चले fकमत पर हB भरोसा करना है ।
लखन और बलदे व कौशल को लो>हया अपताल मT ले
गये बड़ी नाजक
ु िथ त थी पर डाXटरP और टाफ ने
बहतु सहानभ
ु ू त >दखायी कौशल को आपातकालBन कb
मT रखा गया जबfक एक पलंग पर तीन तीन डेगू पीKड.त
थे और >द}लB डेगू महामारB बन हआ
ु था । लखन और
बलदे व ने अपना-अपना खनू >दया। रे डuास सोसाइटB से
खन
ू मo खद
ु ले कर आया था ।
eयानबाबू- जब डेगू का आतंक था तब >द}लB मT थे Xया
?
सेवाराम-कौशल के लो>हया अपताल मT भत| होने के
बाद खबर लगी थी । प त-प?नी तर-
ु त नकल गये थे ।
दसरे
ू >दन दोपहर मT अपताल पहंु चे थे। अपताल तो
मरघट बना हआ ु था । दे खकर हम घबरा गये हमारB
मैडम को तो रो रोकर वैसे हB बरा
ु हाल था ।
eयानबाब-ू सच डेगंू ने तो >द}लB पर कहर बरसा >दया ।
हम तो अखबार मT पढकर रो पड़े थे । िजन लोगो ने यह
हादशा दे खा होगा तो उनका हाल सोच कर कंपकपी छट

जाती है ।
सेवाराम- कौशल क जान बच गयी । लखन और बलदे व
दे वदत
ू साnबत हए
ु कौशल के Gलये ।
eयानबाबू- सच लखन और बलदे व ने आदमी होने का

379
फज4 बडी. ईमानदारB से नभाया । इंसा नयत के Uरqते को
अपने लहू से सींचा । बहत
ु बड़ा काम fकये दोनो । एक
पUरवार nबखरने से बच गया ।
सेवाराम-छोटे छोटे दो बpचे है बीबी है । कछ
ु हो जाता
सब अनाथ हो जाते । आज के जमाने मT तो सगे भी दरू
होते जा रहे है । कौन fकसका पेट -परदा चलायेगा ?
कछ
ु लोग तो मीठ$ मीठ$ बाते करते है Gसफ4 मतलब के
Gलये । जहां मतलब नकला खंजर कर मार कर म"
ु ठ$
भर आग और डाल >दये ताfक तडपते रहो ।
eयानबाबू-लोग बहत
ु मतलबी हो गये है जबfक सब
जानते है आदमी म" ु ठ$ बांधकर आया है हाथ फैलाये
जायेगा ,इसके बाद भी
छल,धोखा,जालसाजी,अ?याचार,शोSण,दोहन यहां तक दे ह
iयासपार अंग iयार तक करने लगा है आजका आदमी ।
आज आदमी वाथ4 मT गले तक डब
ू गया है ।
सेवाराम-अब तो मान मया4दा पर भी वाथ4 ने दहकता
नशान छोड़ना शS
ु कर >दया है । प त-प?नी का चPच
लड़ी मामला कोट4 मT । तलाक तक हो जा रहे है ।दहे ज
दानव क फफकार
ु तो आज के यग
ु मT और डराने लगी
है । कभी लोग Uरqते पर मर Gमटते थे आज वाथ4 के
Gलये गला काटने के Gलये तैयार है । अरे मां-बाप िजसे
धरती का भगवान कहते है वे जीवन क सांeय बेला मT
वe
ृ दा€म / अनाथ आ—रम का पता पछते
ू सड़क पर
380
भटक रहे है । Uरqते क ब5गया मT जैसे पतझड आ गया
है । Uरqते क ब5गया के फल
ू कब खलखलायेगे ?
eयानबाबू- पाqचा?य संकृ त का जहर हमारB संकृ त को
ले डबे
ू गा । हमारे दे श मT अ त5थ दे वो भवः मांता-Jपता
धरती के भगवान है आ>द ऐसे अनेक Uरqते के सोधेपन
खलखलाते थे पर आज पाqचा?य संकृ त ने वाथ4 क
आग मT झोक >दया है जैसे ।
सेवाराम-वैqवीकरण के जमाने मT आदमी Gसफ4 अपने
Gलये जी रहा है । nबरले हB लखन,बलदे व,अ नल और
उसक घरवालB जैसे लोग है ।
eयानबाब-ू अ नल और उसक घरवालB बीच मT कहां से
आ गये ।
सेवाराम-अ नल और उसक घरवलB, बलदे वक घरवालB
और लखन भईया क घरवालB सभी ने कौशल क
बीमारB मT रात >दन एक कर >दया था ।ऐसे लोग
इंसा नयत को िज-दा रख सकते है । इंसा नयत का
Uरqता कभी नहB मरे गा जब तक 5गने चने
ु लोग बचे है
आदमी के आसंू का मोल समझने वाले ।
eयानबाबू- धनी-गरBब का, माGलक-मजदरू का, अफसर-
कम4चारB काजा त-nबरादरB का आ>द ऐसे बहत
ु कांटे
आदGमयत क छाती मT छे द कर रहे है । सामािजक
बराईयां
ु तो और हB मानवीय Uरqते को तार तार कर रहB
है ।
381
सेवाराम- सामािजक बराईयां
ु मानवीय संवदे ना का नाश
कर रहB है । आदमी-आदमी के बीच नफरत क खाई
खोदती है ,िजससे अब आदमी आदमी को नहB होता है ।
पद दौलत और जा त क €े_ठता का खले
ु आम दश4न
होने लगा है । ये सब तो आदGमयत के Uरqते के Gलये
fकसी घातक जहर से कम नहB ।
eयानबाब-ू ठ$क कह रहे सेवाराम पर नाउYमीद होने क
जSरत नहB है । दे खो >द}लB मT कछ
ु लोग पbी और
आदमी के बीच Uरqता जोड़ रहे है । >द}लB का पbी
अपताल द ु नया मT Gमशाल है ।
सेवाराम-बाबू ऐसी उ◌ू◌ंची सोच हो जाये तो fफर ये
लटखसोट
ू ,UरqवतखोरB,भदे भाव सब ख?म हो जाये ।
अमा◌ुनष और वाथ| fकम के लोग म"
ु ठ$ भर आग
बोते रहे गे। दे खो तY
ु हारे पड़ोसी मकान नYबर चौदह मT
रहने वाला यू एन ककरकाटव
ु ू पड़ोGसयP के घर मT
ताकझाक करता fफरता है ।दसरP
ू क बीन बे>टयP को बरB

नजर से दे खता है । बरB
ु नय त से पड़ोसी के घर तक
मT घस
ु रहा था । पड़ोसी क इ\जत बच गयी । राह
चलती म>हलाओं तक को छे ड़ता है । कहते है पड़ोसी
भगवान होता है । यू एन ककरकाटव
ु ू पUरवार तो शैतान
से कम नहB है । ऐसे लोग Uरqते का खन
ू हB करते है ।
eयानबाबू-ऐसे लोग मानवता के Gलये कोढ क खाझ है ।
ऐसे लोग Uरqता क गUरमा Xया समझेगे ? इनका
382
साम>हक
ू -सामािजक ब>ह`कार होना चा>हये । Uरqते क
आन तो रामलखन,बलदे व,अ नल और ऐसे लोग होते है
जो Uरqते को सrभावना,संवेदना का अमतपान
ृ कराते है ।
से◌ेवाराम-ठ$क कह रहे हो बाबू ऐसे लोगो ने इंसा नयत
को िज-दा रखा है । यू एन ककरकाटव
ु ू पUरवार जैसे लोग
तो मानवता और पड़ोसी के Uरqते के Gलये नासरू है ।
eयानबाब-ू हां सच है । सना
ु है तY
ु हारे एक Uरqते पर
दै वीय पहाड़. टट
ू गया है ।
सेवाराम-बाबराम
ू फफाजी
ू मर गये । बाबू Uरqता टटा
ू नहB
है । मेरे फफाजी
ू मरे है । द ु नया भर के नहB ।
eयानबाब-ू ठ$क कह रहे हो । ये Uरqते तो अमर है िजस
पर पUरवार और समाज जीवन पाता है ।
सेवाराम-बाबू हमारे यहां तो फफाजी
ू का Uरqता बहत

सYमा नत होता है ।
eयानबाबू- फफा
ू और मामा का Uरqता बहत
ु नजदBक का
और पJवd Uरqता होता है । जीवन मरण तो भु के हाथ
मT है । Uरqते का सोधापन तो सदा हवा मT समाया रहता
है । अपनेपन और मानवता को जीJवत रखता है । कछ

लोग तो बस खद
ु के Gलये Uरqते जोड़ते है । मतलब
नकलते हB >दल के टक
ु ड़े कर दे ते है ।कछ
ु लोग Uरqते
को उ◌ू◌ंचाई दे कर अमर हो जाते है । हम िजस क पजा

करते है । वे भी तो हमारे जैसे थे । िजनके साथ आज
आदमी और भगवान अथवा दे वता का Uरqता कायम हो
383
गया है XयPfक वे आदGमयत के Uरqते का इ तहास रचा
है ।
सेवाराम-ठ$क कह रहे हो बाबू आदGमयत का Uरqता तो
सव4€े_ठ और महान है ।
eयानबाबू-आदमी को धम4वाद,जा तवाद,छोटे -बडे. के
भेद,अमीर-गरBब क खाई को पाटकर ,आदमी के सख
ु -
दख
ु मT काम आकर आदGमयत के Uरqते को अ5धक
गाढ बनाने का बीड़ा उठाना चा>हये । Uरqते का
सोधापन समय के आरपार वा>हत होता है सेवाराम ।
सेवाराम-आओ हम सब आदGमयत के Uरqते को धम4
बनाने क कसम खाये XयPfक आदGमयत हB सबसे बडा
धम4 और सबसे बड़ा कोई Uरशत जगत मT है तो दद4 का।
इस यथाशिXत नवा4ह करने वाले लोग सpचे आदमी
कहलाने के हकदार होते है ।
सेवाराम क ललकार सनते
ु हB eयानबाबू स>हत अनेक
लोग हाथ से हाथ Gमलाने लगे आदGमयत के Uरqते को
सोधापन दे ने के Gलये ।
हरा घाव
आधी रात बीत चक
ु थी पर म"
ु ठ$राम घर नहB आया ।
अ5धकतर वह बpचP के सो जाने के बाद हB घर पहंु चता
था । बाप के आने क इ-तजार कर बpचे सो चकु े थे ।
आधी रात हो जाने के बाद भी म"
ु ठ$राम घर नहBं पहंु चा
। सखया
ु म"ु ठ$राम क अंधी मां डयोढB पर बैठे बाट
384
जोह रहB थी । आने जाने क आहट से वह चौक कर
पछती
ू कौन है -बेटा म"
ु ठ$राम तू आ गया Xया ? त नक
दे र मT fफर खटखट क आवाज आयी । आवाज सनकर

सखया
ू से नहB रहा गया वह पोते से बोलB दे ख रामू
बेटवा तेरा बाबू आ गया Xया ? fकसी के आने क आहट
तो लग रहB है ।
राम-ू अरे आजी काहे को बार बार टPका टांक करती हो ।
भैस पछू पटक है । पढ रहा हंू `ढ लेने दो । वैसे भी
KडबरB मT कछ
ु सझ
ू तो रहा नहB है । आजी तम ु हो fक
बार बार टPका टांक कर रहB हो ।
सखया
ू -मै Xया दे खू अंधी fक तम
ु कैसे पढ रहा है ।बेटा
पढ तू चाहे जैसे पढ । तू पढGलख जाता तो तेरे बाप का
उeदार हो जाता । तेरा बाप मिq
ु कल मT हमेशा रहता है ।
बेचारा fकरBन फटने
ू से पहले चला जाता है । आधी रात
तक खन
ू पसीना करता है बदले मT Xया Gमलता है ? बस
दो fकलो अनाज क मजदरB
ू । भगवान इतना गरBब XयP
बना >दया हम मजदरP
ू को ।
म"
ु ठ$राम के घर आठ ाणी थे । दो बकरB और एक
अ5धया क भैस स>हत चार छः म5ग4
ु या भी थी । भाईयो
ने पहले हB fकनारा खींच Gलया बढB
ू और अधी मां को
म"
ु ठ$राम के हवाले कर ।रामू डेबरB क रोशनी मT क ख
ग जोर जोर से पढ रहा था । रामरती रोटB और आलू
का चोखा लालGमच4 नमक त नक कड़ुवा तेल डालकर
385
बनाकर रामू के पास बैठ गयी । रामू लेट पर Gलखे
श~द >दखाते हएु कहने लगा मां पढो दे खो सहB Gलखा है
?
रामरती-बेटा तू तो जानता है मo हB नहB तेरा परा ू
खानदान अभी तक नरbर है । काश तू पढ Gलख जाता
। बेटा तू हB पढकर सनाओ
ु ना ।
रामू-सनो
ु मां क से कबतर
ू ख से खरगोश तेज आवाज मT
बोलकर सनाने
ु लगा ।
रामरती- अpछा लगता है तेरे मंह
ु से सनना
ु बेटवा ।
eयान से पढ ।
सखया
ु -रामरती म"
ु ठ$राम नहB आया ना । सनो
ु जागते
रहो क आवाज आने लगे । गांव वाले पहरा दे ने लगे ।
रामरती-हां माई आ तो रहB है । आधी रात nबत गयी पर
वे अभी तक नहB आये ।
रामू मां और दादB का बात सनकर
ु चप
ु हो गया ।
अनमने मन से उठा और मंह
ु धोने लगा ।
रामरती-बेटवा तू खा ले और सो जा । अब अपने बाप
क राह ना ताक उनका तो यहB हाल है । बंधुवा मजदरू
जो ठहरे ।
रामू-आखP के आसंू छपाते हए ु बोला मां भख
ू नहB लगी
है । बापू जब तक नहB आते है तब तक मo पढता हंू ।
तू भी मां मेरे पास आकर बैठ जा ना ।
रामरती-हां बेटवा आती हंू ।

386
सखया
ु -रामू
राम-ू हां दादB ।
सखया
ु -नींद नहB लग रहB है ?
राम-ू नहB दादB ।
सखया
ु -तू अपने बाप पर गया है । अपने बाप जैसा
मेहनती है । खब
ू eयान से पढना अपने बाप का नाम
रोशन करना । तेरे दादा जब कलक?ता कमाने गये थे
तब तेरा बाप म"
ु ठ$राम तमसे
ु भी छोटा था ।
राम-ू जब दादा वापस आये तब मेरे बापू fकतने बड़े हो
गये ।
सखया
ु -तेरा बापू fकतना बड़ा हो गया है तेरे सामने है ।
रामू-मतलब दादा नहB लौटे ?
सखया
ु -हां वे कलक?ता से नहB लौटे । पख8डी लाला क
मार खाकर गये fफर मंह
ु नहB >दखाये । ना जाने धरती
नगल गयी या आकाश खा गया । सखया
ु क अंधी
आंखP से आंसूओ धार फट
ू पड़ी।
रामू- दादB के आंसू पोछते हए
ु बोला दादB लाला से झगड़ा
XयP हो गया था दादा से ।
सखया
ु -बेटा आजादB के पहले क बात है । तेरे दादा
कलक?ता मT चटकल मT काम करते थे । साफ सथरे

कपड़े पहनते थे । रं ग Sप भी काफ अpछा था । उनको
दे खकर कोई कह नहB सकता था fक कोई छोटB जा त
का होगा । नीम क छांव मT ख>टया yल के लेटे हए
ु थे
387
। पाO8डी लाला उनको दे खकर बोले XयP रे कोइरB का
द}
ु हा बनकर बैठा रहे गा fक मेरा भसा
ू भी ढोयेगा । तेरे
दादा कछ
ु बोलते उसे पहले पाख8डी लाला गालB दे ने
लगा ग-दB ग-दB । तेरे दादा बोलB लालाजी गालB Xयो दे
रहे हो ?
इतना सनते
ु हB पाख8डी लाला लाल हो गया । तेरे दादा
पर हाथ छोड़ >दया । तेरे दादा ने पाख8डी लाला का हाथ
पकड़ Gलया। बस Xया परेू गांव मT शोर मच गया fक एक
चमार ने पाख8डी लाला पर हाथ छोड़ >दया । गांव के
दबंगो ने उनका जीना मिq
ु कल कर >दया । वहB गये fफर
लौटकर नहB आये । पाख8डी लाला ने गांव के दबंगो से
सांठगांठकर खसरा खतौनी से तेरे दादा का नाम काट
>दया । एकड़P जमीन के माGलक को पाख8डी लाला
उसका नाश हो भGमहBन
ू बना >दया । तेरा बाप दर-दर
क ठPकरे खा रहा है । भGमहBन
ू बंधुआ मजदरू हो गया
है जब से बेचारे क आंख खलB
ु । बेटा तू पढ Gलखक
अफसर बन जाता तो तेरे बाप को चैन नसीब हो जाता
।बेटा मेरB बात गांठ बांधकर रखना पाख8डी लाला जैसा
अ-याय कभी ना करना ।
राम-ू दादB ना अ-याय कSंगा और ना हB करने दं ग
ू ा ।
दादB- पोते क बात चल हB रहB थी fक इसी बीच रामरती
अरे अYमा अब तो खा लेती रामू के बाबू आ
जायेगे।fकसी काम मT उलझ गये होगे। बंधआ
ु मजदरू का
388
Xया जीवन ?
सखया
ु - बहू तेरे दद4 को समझ रहB हंू । म" ु ठ$राम के
कंधे से कंधा Gमलाकर गह ृ ती क गाड़ी खींच रहB हो पर
जSरते नहB परB
ू हो रहB है । खे तहर भGमहBन
ू उपर से
बंधुवा मजदरू Xया उ-न त कर पायेग सेर भर क
मजदरB
ू मT । रामरती बेचैन थी अ-दर बाह कर रहB थी ।
उसे कोई आंशका घेर रहB थी । म"
ु ठ$राम क तीbा मT
सखया
ु क अंधी आंखP मT भी रह रह कर नींद का झPका
आ जा रहा था । रामू भी बाप को आने मT हो रहB दे रB
से बहत
ु परे शान था । वह घर से कछ
ु दरू तक राह ताक
आता fफर fकताब उ}टने पलटने लगता । बती मे परB ू
तरह स-नाटा पसर चका
ु था । रह रह कर क?
ु ते स-नाटे
को तोड़ रहे थे पर म"
ु ठ$राम के घर मT सभी इ-तजार
मT बैठे हए
ु थे । रामू नीद मT डेबरB के उपर 5गरते 5गरत
बचा ।
रामरती-रामू तमको
ु नींद आ रहB है खाकर सो जा ।
रामू-हा मां बाबू क इ-तजार तो बहत
ु कर लB पर बाबू
अभी तक तो नहB आये । ला मां खाना दे खाकर सो
जाता हंू । मां बाबू आये तो जगा दे ना नहB तो कल भी
बाबू को नहBं दे ख पाउ◌ू◌ंगा कई >दनP से तो ऐसे हB हो
रहा है ।
रामरती-रामू तू खा मै तेरे बाबू को महवा
ु तक दे ख आती
हंू ।
389
रामू-ठ$क है मां ।
रामरती बाहर नकलB उसे कछु दरू म"ु ठ$राम आता हआ

>दखाई >दया । वह दौड़ लगाकर म"ु ठ$राम के पास पहंु च
गयी । उसका हाथ पकड़कर रोने लगी ।
म"
ु ठ$राम डर गया । वह >हYमत करके बोला भागवान
Xयो रो रहB हो ? Xया हो गया ? बpचे तो ठ$क है ।
रामरती-इतनी दे र XयP कर >दये । अंधी मां इ-तजार मT
बैठ$ है । बpचे तY
ु हारB इ-तजार मT nबना खाये बैठे बैठे
सो गये ।
म"
ु ठ$राम- भागवान मo ठहरा बंधुवा मजदरू कोई दफतर
मT तो काम करता नहB fक आने जाने का समय निqचत
है । अरे इतनी रात मT भी जमीदार बोले है सबह
ु ज}दB
आ जाना । आजकल तY
ु हारा मन काम मT नहB लग रहा
है ।
रामरती-आग लगे ऐसी हवेलB मT जहां आदमी को आदमी
नहB समझा जाता । अरे रात nबतने को आ गयी Oे◌ात
से हवेलB तक खन
ू को पसीना करते fफर भी ज}दB आ
जाना । कैसे नम‰हB है ये खन
ू चसने
ू वाले जमीदार लोग

म"
ु ठ$राम-ये बा}टB लो घर चलो ।
रामरती-बा}टB मT Xया है ? अंधेरे मT कछ
ु सझ
ू नहB है ।
म"
ु ठ$राम- रस है ।
रामरती-कैसा रस ?
390
म"
ु ठ$राम- सारB बाते यहB कर लोगी fक घर भी चलोगी ।
गड़
ु . बना रहा था ना । िजस कड़ाह मT गड़
ु बनाया हंू उसी
का धोवन है । बpचे गरम गरम एक एक 5गलास पी
लेगे ।
म"
ु ठ$राम के घर मT कदम रखते हB सखया
ु बोलB आ
गया बेटा तू ?
म"
ु ठ$राम- आ तो गया मां ।
रामू आंख मसलते ह8 ु डठा और लोटा मT पानी भर लाया
। अपने बाबू को लोटे का पानी थमाते हएु बोला लो बाबू
हाथ पांव धो लो । बहतु थक गये होगे ।
म"
ु ठ$राम-हां बेटा । मझे
ु आराम तो तब Gमलेगा जब तू
पढGलखकर बड़ा आदमी बनेगा । बेटा बा}ठ$ मT गरम
रस है पी लो कहते हए
ु धYम से टटBू ख>टया पर पसर
गया पीड़ा के अन5गनत भाव Gलये ।
सखया
ु ु
-मटठ$राम बेटवा तू बहत
ु थक गया है ला तेरा
Gसर दबा दे ती हंू ।
म"
ु ठ$राम- नहB मां तू आराम कर ।
सखया
ु -बेटा दो रोटB खा ले । तू आराम कर । मै तो
>दन रात आराम करती रहती हंू । बेटा इतनी रात तक
दसरP
ू के पसीने पर अययासी
् करने वाला जमींदार fकस
काम मT लगा कर रखा था ।
म"
ु ठ$राम- जमींदार खाना खाकर हाथ धोने बाहर नकले
। मo इतने मे खेत से हवेलB पहंु च गया इतने मT nबजलB
391
आ गयी बस Xया ग-ना काटकर रखा हआ ु था ।
जमींदार बोले म"
ु ठ$राम घ8टे भर का काम है ग-ना पेर
कर गुड़ बना लो fफर चले जाना। अरे घर जाकर सोना
हB तो है । ये ले 8क 5चलम गांजा तलब लगे तो पी
लेना । मरता Xया ना करता ? मना भी तो नहB कर
सकता था ना । ग-ना पेरा गुड़ बनाया । गोदाम मT रखा
और भागे भागे आ रहा हंू दो लोटा कडाह का धोवन
लेकर ।
सखया
ु -तू fकतनी तकलBफT उठा रहा है । तेरB तकलBफ
को जानकर मेरा >दल रो उठता है । एक तेरे बाप था ना
जाने कहां गम
ु हो गये । चालBस साल हो गया । तू
तकलBफT के पहाड़ तले दबा कराह कराह कर हमारा बोझ
ढो रहा है । बेटा कोGशश fकया करो घर ज}छ$ आने क

म"
ु ठ$राम-मां करता तो हंू पर जमींदार के गलाम
ु जो
ठहरे ।
सखया
ु -बेटा जा सो जा सबह
ु काम पर जाना है । रामरती
डेबरB बझा
ु दे तू भी से◌ा जा >दन भर खटती रहती है ।
रामरती-हां अYमा डेबरB बझा
ु दB हंू सब सो गये तम
ु भी
सो जाओ।
म"
ु ठ$राम का परा
ू पUरवार नींद के आगोश मT चला गया
। कछ
ु हB दे र मT मगा4
ु बोलने लगा । रामरती करवट
बदलती रहB । कछ
ु हB दे र मT 5चKडया चांचाव करने लगी
392
। वह झटपट उठ$ रात मे म"
ु ठ$राम जो रस लाया था
च}
ू हे पर गरम करने के Gलये चढा । म"
ु ठ$राम कछ
ु हB
दे र मT उठ गया । दातन
ू fकया । इतने मT रामरती लोटे
मे रस और एक 5गलास म" ु ठ$राम को दे ते हए
ु बोलB लो
गरम गरम पी लो । मo गोबर घरेू मT डाल आती हंू ।
म"ु ठ$राम-ठ$क है कह कर वह 5गलास मंहु को लगाया हB
था fक बड़े जमींदार का बदमाश चचेरा भाई ओ म>"
ु ठया
ओ म>"
ु ठया कहां मर गया । सरज
ू Gसर पर चढ
आया । इसक सबह
ु हB नहB हई
ु ?
जमीदार क आवाज कान मT पड़ते हB म"
ु ठ$राम
5च}लाया आया बाब कह कर वह 5गलास का रस
रखकर दौड़ लगा >दया । रामरती फंटB आंख दे खती रह
गयी । तकलBफP के भंवर मT डबे
ू उ तUरयाते म"
ु ठ$राम
गह
ृ ती क गाड़ी खींच रहा था । खद
ु नरbर रामू क◌े
पढाई के  त बहत
ु सजगत था । जबfक जमीदार के
काका€ी ने कई बार कहा म"
ु ठ$ XयP रामू को `ढाने क
5च-ता तमको
ु लगी है । अरे हर पढने वाले को सरकारB
नौकरB थोड़े हB Gमल जाता है । तू कहां तक पढा पायेगा
। ाइमरB पास करवा ले बहत ु है । आगे क पढाई के
Gलये पैसा लगेगा तू कहां से लायेगा । अरे अपने साथ
उसे मेरे खेत के काम मT लगा ले । वह भी जी खा लेगा
तेरे जैसे ।
म"
ु ठ$राम-बाबजी
ू मेरा सपना ना उजड़P कहकर 5गड5गड़ाने
393
लगता ।
म"
ु ठ$राम के पसीने के सोधेपन क खqु बू परेू गांव मT
फेलने लगी । रामू पढने मT तेज तो था हB पांचवी क
परBbा अiवल दजk से पास हो गया ।इस खशी
ु के मौके
पर म"
ु ठ$राम ने पंचP का हाथ भी धलवाया
ु ।सखया
ु क
खशी
ु का >ठकाना न था । इस खशी
ु को दना
ू करने के
Gलये वह रामू क ~याह क िजद पर अड़ गयी । अपनी
िजद परB
ू करवाकर खदा
ु के पास चलB गयी । रामू लाख
अभावP के बाद भी पढाई मT आगे रहा । अपने हौशले के
बदौलत गांव से चौदह कोस दरू कालेज क दरB
ू रोज राज
साइfकल से नापकर ,ेजएट
ु क पढाई परB
ू कर Gलया
सामािजक और आ5थ4क मसीबतP
ु हरा घाव Gलये ।
रामू के बी ए क परBbा पास होने क खबर ने परB

मजदरू बती मT नया उिजयारा ला >दया । म"
ु ठ$राम का
हौशला अ5धक बढ गया वह रामू को और आगे तक
पढाने क िजद करने लगा पर रामू घर पUरवार क
दयनीय दशा को दे खकर शहर जाकर दो पैसा कमाना
बेह?तर समझा । वह सेर भर आटा और कछ
ु दाना
भ\
ु ै◌ाना लेकर शहर क ओर चल पड़ा । बढे
ू गांव क
तरह नये शहर मT भी उसे पग-पग पर जा त भेद क
क म"
ु ठ$ भर आग झलसाती
ु रहती । हौशले का धनी
रामू म"
ु ठ$ भर आग पग-पग पर nबछ$ होने के बाद भी
पढाई जारB रखा और उ◌ू◌ंची उ◌ू◌ंची Kड5,यां हाGसल
394
कर Gलया एक मामलBू सी कलक4 क नौकरB करते हए
ु ।
कYपनी मT भी उसे जा तभेद का अजगर फफकारता
ू रहता
था । अ-ततः रामू क भJव_य जा तभेद का अजगर
नगल हB गया । रामू को बड़े अफसर के Sप मT दे खने
का सपना सजोये मां रामरती भी द ु नया छोड़ चलB । {ढ
 तy सYभावनावादB रामू,SढBवादB iयवथा के अGभशाप
से मX
ु त पाने क अGभलाषा मT रामू 5गर-5गर कर भी बढ
रहा था धीरे धीरे >दल मT हरा घाव Gलये ।
बहते आंसू
डबते
ू को तनके का सहारा,डाXटर धरती का भगवान और
अनेक कहावते पर-तु जब ये भगवान कहे जाने वाले
लोग च-द GसXकP के Gलये Jवqवास खि8डत कर दे ते है
तो शैतान लगने लगते है ।
धम4राज-Xया कह रहे हो भइया गरBब लाल ?
गरBबलाल-ठ$क कह रहा हंू । डांXटर िजसे भगवान कहते
हम नहB थकते उसी के हाथP मT प?नी लाचार कराह-
कराह कर िज-दगी बसर कर रहB है ।
धम4राज-शहर के डांXटर भी ऐसा करने लगे । अभी तक
तो गांव के नाम हकम खतरे जान थे । अब मोटB मोटB
रकम लेकर इलाज करने वाले शहर के डाXटर भी ।
भइया तम
ु ऐसे डाXटर के चंगल
ु मT फंस कैसे गये ।
गरBबलाल-प?नी के पेट मT भयावह दद4 होने लगा ।
डां खींचामल वी को >दखाया । इलाज कई >दनP तक चला
395
पर न कन छटा
ू न भसी
ू ।दद4 बढता गया ।
धम4राज- दसरे
ू डाXटर को >दखाना था सभी एक सरBखे
तो होते नहB ।
गरBबलाल-कभी डा ◌ं डां खींचामल वी ज}दB ठ$क होने का
आqवासन दे ते । कभी डां मैडम दोनP ने Gमलकर म त
मार दB । प?नी का अंधJवqवास बढ गया ।
धम4राज-सचमच
ु म त मार दB । अरे शहर मT एक से
बढकर एक डांXटर है ।
गरBबलाल-काम nबगड़ जाने पर सभी हं सते हo । वहB मेरे
साथ भी हआु । दख
ु मT अपने भी पराये लगने लगे ।
धम4राज- भइया मेरB तो पलके गीलB हो रहB है भाभी क
कराह सनकर
ु ।
गरBबलाल-भइया ये दद4 तो जीवन भर का हो गया है ।
गरBबP के Gलये तो मसीबत
ु मौत के बरोबर होती है ।
अमीर तो सYभल जाते है ।हम जैसे गरBब तो कज4 के
दलदल मT फंस जाते है ।ऐसे समय मT कछ
ु अमानष

fकम के लोग घाव खरच
ु दे ते है ताfक आंखP मT आसंू
और >दल पर दद4 क दतक बनी रहे ।
धम4राज-गरBब क चमड़ी हर जगह उधेड़ी जाती है चाहे
अपताल हो, €म क म8डी हो या दसरB
ू अ-य कोई
जगह ।
गरBबलाल-ऐसा हB fकया हमारे साथ डा खींचामल वी ।दद4
बढने लगता तो दद4 नवारक गोलB दे दे ता कछ
ु आराम
396
हो जाता । महBनो इलाज के बाद भी रोग बढता चला
गया । डांXटर को भगवान मानने वाले हम लोग डांXटर
क धोखाधड़ी को नहB समझ पाये ।
धम4राज-Xया ?
गरBबलाल- हां धोखधड़ी ।
धम4राज- मतलब जीवन मT म"
ु ठ$ भर आग ?
गरBबलाल-महBने भर के इलाज के बाद डां खींचामल वी
बोले आपरे शन करना होगा XयPfक Jप?त क थैलB मT
प?थरB है ।
धम4राज-प?थरB का पता पहले नहB लगा था डांXटर
खींचामल वी को ।
गरBबलाल-XयP नहB चला होगा । पैसा ऐठने का तरBका
था ये तो ।
धम4राज- इसके बाद मT Xया हआ
ु ?
गरBबलाल-डा खीचांमल और उनक डांXटर प?नी भी
प?थरB का भय >दखाकर डराने लगे । एक >दन डां मैडम
मेरB प?नी से बोलB शक-
ु तला आपरे शन ज}दB करवा लो
। तम
ु प?थरB क बीमरB को छोटB मोटB बीमारB समझ
रहB हो । जान लेवा बीमारB है । िजस >दन सांस क
नलB मT फंस गयी तो ˆहमा भी नहB बचा पायेगे । मझे

दे खते हB शक-
ु तला रोने लगी बोलB गKड
ु .या के पापा मझे

बचा लो । मo मरना नहB चाहती न-हे न-हे बpचP को
छोड़कर। मo मर गयी तो तम
ु बpचP को कैसे सYभाल
397
पाओगे । दफतर जाओगे fक बpचP का पालन पोषण
करोगे ? मo कछ
ु समझ हB नहB पा रहा था fक माजरा
Xया है । बडी. मिq
ु कल से शक-
ु तला को शा-त करवाया
। तब जाकर डाXटर और डाXटरानी क एक एक बात
बतायी । मo भी सनकर
ु घबरा गया । आपरे शन करवाना
बेहतर समझा रोज रोज के दद4 से ।
धम4राज- प?थरB का आपरे शन तो कोई जोखम भरा
आपरे शन नहB है ।
गरBबलाल-बात तो ठ$क कह रहे हो पर डां खीचामल वी
ने बहत
ु बड़ा बना >दया । अब तो fकमत मT म"ु ठ$ भर
आग भर >दया है डा खीचामल वी ने शक- ु तला क
प?थरB का तीन बार आपरे शन अं,ेजी के अbर वी
Gलखकर । इस दद4 क आग ने मेरे जीवन का सकन

छन लB है भइया धम4राज ।
धम4राज- हे भगवान गरBबो क रbा करना इन हाड़मांस
के iयापाUरयो से ।
गरBबलाल-भइया धम4राज मेरे मां बाप ने पेट मT भख

और आंखP मT सपने बसाकर fकस तरह मझे
ु पढाया
Gलखाया सोचकर आज भी आखT भर जाती है । लाख
मिq
ु कलT झेलकर एक न-हB सी नौकरB GमलB । इस न-हB
सी नौकरB से मां बाप बड़ी उYमीदT परा
ू करने का सपने
सजो रखा था पर डा ◌ं खीचामल ने डंस Gलया ।
िज-दगी तबाह हो गयी धम4राज । अरमान चरू-चरू हो
398
गये । शक-
ु ता क आंत के टक
ु ड़े कर दखो
ु का पहाड़
5गरा >दया हमारे उपर डाXटर खींचामल वी ने दौलत के
मोह मT ।
धम4राज- Xया ?
गरBबलाल-हां धम4राज प?थरB के आपरे शन क जगह आंत
के टक
ु ड़े कर >दया डाXटर खींचामल वी ने । fकसी को
भनक तक नहB पड़ने दB ।
धम4राज- पता कैसे चला fक भाभी क आंत कटक गयी है

गरBबलाल- दद4 कम नहB हो रहा था तो दसरे
ू डाXटर को
>दखाया । डाXटर ने सोनोगारफ
् तर-
ु त करवनो क
सलाह दB । Uरप‰ट दे खकर डांXटर बोले आंत का भी
आपरे शन हआ
ु है Xया ? तब जाकर तकलBफ क वजह
का पता लगा । मेरB तो जान हB नकल गयी थी। डां
खींचामल वी ने Jवqवास को तार तार कर छाती पर
जीवन भर के Gलये दद4 का बोझ रख >दया ।
धम4राज-खीचामल डांXटर है या बकरकसाई ? भोलेभाले
लोगP का जीवन नरक बना >दया । डांXटर तो भगवान
का  तSप होता है ।अpछ$ भलB िज-दगी मT म"
ु ठ$ भर
आग भरने वाला ये खींचामल तो शैतान लगता है ।
गरBबलाल-हां धम4राज शक-
ु तला को कहां कहां नहB लेकर
भागा । तीन न-हे न-हे बpचे और अपा>हज हो चक

शक-
ु तला क दे खरे ख मै fकतना दख
ु उठाकर कर पाया ।
399
सोचता हंू तो आखP मT आसंू भर जाते है इतने बरसP के
बाद भी । घर पUरवार के लोग भी अपजस मढने से
त नक नहB चक
ु े XयPfक उनको म नआड4र नहB कर पाता
था । सब तो सब मेरे बाप तक ने कह >दया fक
गरBबलाल बीबी बpचP को Jपक नक पर ले जा रहा है मां
बाप फटे कपड़े पहनने को मजबरू है । एक न-हB सी
भतीजी को एक पैकेट nबकुट तक दे ने भर को नहBं हआ

। बीबी के सामने हमारB कहां 5गनती करे गा । अब तो
वहB सगी है । उसके पड़ोस से कामसाद आया ।
कामसाद ने तो यहां तक कह >दया मेरे बाप से fक
दादा गरBबलाल तY
ु हारे हाथ से नकल गया । कामसाद
और उसक घर वालB ने हमारे मसीबत
ु के वXत मT खब

आग मT घी डाला। उसके झठ
ू को लोग सच समझकर
हमसे दरB
ू भी बना Gलये पर बाद मT खब
ू पछताये भी ।
मेरे बाप ने चौराहे पर खडे. होकर गाGलयां तक दB ।
fकतने अपने लोग भी वाथ| है । जब तक उनक
Oवा>हशT परB
ू करते रहे अpछे हो अगर fकसी तकलBफ मT
त नक कोतहाई fकये तो बहत
ु बरेू हो । धम4राज तकलBफ
के समय मT अपनो ने भी साथ नहB >दया ।
धम4राज-अपनP का बेगानापन घाव को और अ5धक
खरचने
ु वालB बात हई
ु । आंसू न बहाओ सब समय का
खेल है । समय अपनP को पराया बना दे ता है । दख

सख
ु तो धप
ू -छांव है । दख
ु उपर वाला दे ता है तो सहने
400
क शिXत भी वहB दे ता है । दोत याद रह जाती है
लोगP क करनी चाहे अपना हो या बेगाना । दै वीय
मसीबत
ु तो कभी ना कभी हर आदमी पर आती है पर
तY
ु हारB मसीबत
ु का िजYमेदार तो कसाई डां खीचामल है
जो फल
ू जैसी शक-
ु तला भाभी के पेट पर वी Gलख >दया
छरB
ु से
काटकर ।
गरBबलाल- हां भइया डां खींचामल क >दया दद4 तो
िज-दगी भर ख?म नहB होने वाला है और ना हB बहते
आंसू थमने वाले है । कसाई मसीबतP
ु से खेलने वालB
शक-
ु तला को अपा>हजP जैसी िज-दगी दे कर हमT कंगाल
बना >दया । अपनी गलती पर परदा डालने के Gलये
आपरे शन पर आपरे शन करता चला गया । हम कहB
शक-
ु तला को लेकर दसरे
ू डाXटर के पास चले जाये या
दसरे
ू डांXटर को बलाकर
ु जांच करवाये पहरा लगा >दया ।
बाहर आना जाने पर रोक लगवा >दया ।पैसा पैसा लेकर
अपताल से बाहर नकलने >दया । य>द न नकल पाते
तो वह शक-
ु तला के अंग को भी बेच सकता था ।
धम4राज- आपरे शन के बाद भी दद4 नहB कम हआ
ु ।
गरBबलाल-नहBं और बढता चला गया । डां खींचामल तो
आपरे शन Gसफ4 पैसा लेने के Gलये कर रहा था धोखे मT
रखकर ताfक पैसा बना सके ।
धम4राज-छोटा से प?थरB का आपरे शन इतना भयानक Sप
401
धारण कर Gलया ।
गरBबलाल-डां खीचामल ने भयावह बना >दया । आपरे शन
तो छोटा हB था पर आपरे शन मT खींचामल ने आंत
काटकर जानलेवा बना >दया ।
धम4राज-स?यानाश हो डांXटर खीचामल का । हे भगवान
तेरा ब-दा इतना आदमी क जान लेने तक का धंधा
करने लगा है । वाथ4 क म"
ु ठ$ भर आग ने तो
डां खीचामल जैसे इंसानP को तो है वान बना >दया है ।
गरBबलाल- भइया धम4राज बहत
ु मसीबत
ु उठाया हंू । न-हे
न-हे बpचे रोटB तक को तरस गये थे । कछ
ु तो ऐसे थे
जो कहने को अपने थे वातव मT वे ऐसे नाग थे fक
उनके काटने पर बेमौत मरा कई बार धम4राज ।
धम4राज- Xया कह रहे हो ?
गरBबलाल-ठ$क कह रहा ह◌ू
ू ◌ं । कामसाद उसक
घरवालB के राखी के भाई-भौजाई भी कम न थे कई बार
Uरसते जOम >दये है इन लोगP ने धम4राज । कामसाद
क घरवालB के राखी के भाई कंसनारायन तो दफतर मT
साथ काम करते थे पर वे बड़े पदा5धकारB थे अपने
अGभमान को बढावा दे ने के Gलये बड़T और अपने
सजातीय अ5धकाUरयP से Gशकायत भी fकये नौकरB पर
आ पड़ी थी पर भगवान ने बचा Gलया । धम4राज मo
अपनी मसीबतP
ु और दफतर के उ?पीड़न से इतना घबरा
गया था fक मन करता था fक Uरजाइन कर दं ू ।
402
धम4राज घरवालB क दयनीय दशा और बpचP क चीख
राह रोक दे ते । दै वीय दख
ु के साथ दफतर के कछ
ु बड़े
अ5धकारB पल -पल तड़पाया । तY ु हारे सामने हंू यह
fकसी दै वीय चम?कार से कम नहB है । महBनP रात रात
जागकर nबताया हंू >दन मT दफतर मT काम तो करना हB
पड़ता था वह भी दे र रात तक ।ओवर टाइम कछ ु
Sतबेदार और साहब के इद4 5गद4 घमने
ू वाले लरे ग लेते
थे । छ>ट"
ु यो का इसीडे-टल Xलेम यहB Sतबेदार लोग
लेते थे काम मै करता था ।धम4राज कोई ऐसा मझे
ु नहB
>दखाई पड़ता है िजसने मझे
ु आसंू नहB >दया हो । कभी
कभी कछ
ु दफतर के लोग मीठ$ बाते तो कर लेते थे पर
पीछे जहर घोल दे ते थे । भगवान के भरोसे नौकरB मT
>टका रहा अभी तक >टका हंू । हां भJव_य जSर चौपट
हो गया । बस बpचP मT हB उनके साथ अपना भJव_य
दे खता हंू । दे खो भगवान मेरB तपया कब सफल करता
है ।
धम4राज-बाप रे ऐसी दद4 नाक दातान
गरBबलाल-हां धम4राज शक-
ु तला तीन महBने अपताल मT
थी । मo अकेला छोटे छोटे बpचे । खाना बनाता उनको
खलाता fफर साथ लेकर अपताल जाता । बpचP को
शक-
ु तला के पास छोड़कर दफतर जाता । दे र से दफतर
से अपता आता बpचे◌ा◌ं को लेता fफर घर आता fफर
वहB च}
ू ह चौका,अपताल । मेरा छोटा बेटा जो रं जन
403
रात मT मेरे गले मT हाथ डालकर सोता था ताfक मo उसे
सोता छोड़कर अपताल न चला जाउ◌ू◌ं । ऐसी
म◌ु
ु सीबत मT बाप ने सड़क पर खडे होकर गाGलयां >दया
नालायक मेहरबस तक कहा । fकस-fकस क बातP पर
मलाल करता । भगवान भरोसे िज-दगी क राह पर
चलता रहा । जब मन दखी
ु होता तो भगवान को साbी
मान कर दो आंसंू बहा लेता fफर अपने काम मT लग
जाता । इतने बडT जहां मT मझे
ु कोई फUरqता नहB Gमला
। मसीबत
ु के पलP मT कोई दै वीय शिXत मरेT साथ जSर
थी िजसक वजह से हर मसीबत
ु पार करता रहा और
तY
ु हारे सामने हंू । हां €म क म8डी मT कोई तरXक
नहB कर पाया योय होने के बाद भी ।काश कोई दै वीय
चम?कार हो जाता मेरB शक-
ु तला के दखते
ु घाव बहते
आंसू सदा के Gलये थम जाते । बेचारB बहत
ु दख
ु पायी है
nब}कुल वथ हो जाती ।
धम4राज-भगवान तY
ु हारB मदद जSर करे गा । बहत
ु क_ट
उठाये हो भगवान तY ु हारB खालB झोलB मे सखPु का
अYबार भर दे गा ।तY
ु हारB दख
ु सनकर
ु मेरा >दल दहल
गया । भगवान पर यकन रखो तY
ु हारे भी >दन अpछे
आयेगे। तY
ु हारB िज-दगी तबाह तो डां खीचामल ने
fकया है ।
गरBबलाल-मसीबत
ु मT fकसी ने काम नहB >दया चाहे
दफतर के लोग रहे या कोई और दफतर के पस4नल
404
मने
o जर एस एस चोरावत ने हर तरह से परे शान तो fकया
हB साथ हमारे खलाफ जांच के आदे श भी नकाल थे ।
खैर भगवान ने रbा क । डांXटर खींचामल तो जैसे
कसम हB खा Gलया था fक शक-
ु तला को जीJवत अपने
अपताल से बाहर नहB जाने दे गा । बड़ी मिq
ु कल से
अपताल से नकल पाया था । सारा गहना गUरया

बचकर
T >द}लB लेकर भागा तब जाकर जान बची ।
भगवान क कृपा से अब तो शक-
ु तला चलने fफरने लगी
है । कछ
ु माह पहले तो उठना बैठना भारB था । इतना
दद4 होता था fक जैसे जान नकल जायेगी ।अंतKड.◌ायां
बाह आ जायेगी । खैर उपर वाले ने बचा Gलया ।
डां खीमल क गलती ने मेरB सारB कमाई चट कर गयी
और कज4दार भी बना दB । मेरे सपने उजड़ गये ।
भJव_य बबा4द हो गया । जीवन के साथ दखते
ु घाव बहते
आसू का दद4 जड़
ु गया। दद4 क म"
ु ठ$ आग से तो उबर
नहB सकंू गा पर बpचP के भाय से शक-
ु तला क जान
बच गयी । इतना से हB सˆ करना है । यहB हमारे जीवन
क सबसे बड़ी खशी
ु है धम4राज ।
धम4राज-रोग असाeय हो गया है ?
गरBबलाल-हां । शक-
ु तला क कराह अभी भी तो कान के
परदे पर नतर क तरह चोट कर रहB है ।
धम4राज-एक प?थरB के मामलB
ू से आपरे शन क जगह
डांXटर खीचामल ने तीन तीन आपरे शन करने का
405
अपराध कर भाभी के जीवन को नरक बना >दया कोट4
XयP नहB गये । कोट4 से तो -याय क उYमीद थी ।
गरBबलाल-गया था सब कछ
ु fकया आंख मT आसंू लेकर
पर आंसूओं क कदर कहB नहB हई ु । अखबारP ने भी
डांXटर खींचामल क करतत
ू को खब
ू उछाला पर समरथ
नहB दोष गोसा– वालB कहावत चUरताथ4 हई
ु ।
धम4राज- Xया ?
गरBबलाल-सब nबक गये ।
धम4राज-Xया ? -याय के मं>दर मT अ-याय । डा खीचामल
वी के हाथP शक-
ु तला भाभी के आतP के टक
ु ड़े कर पेट
को बोरे सरBखे वी आकार मT Gसलने और िज-दगी भर के
Gलये >दये दखते
ु घाव बहते आंसू के बदले कोट4 ने
डां खीचामल को पाUरतोJषक >दया ताfक वह और गरBबP
क िज-द5गयP से खेलता रहे ।
गरBबलाल-हां । डेढ दो साल दौड़ाने के बाद केस KडसGमस
कर गया कोट4 Šारा धम4राज। कजk का भार छाती पर
और बढ गया ।
धम4राज-बाप रे अपराधी का कद बढा >दया गया । गरBबP
का -याय कैसे और कहां से Gमलेगा । आज के जमाने मT
गरBबP को -याय भी नहB Gमलता और अपराधी को
संरbण जSर Gमलता है । हे भगवान गरBब कहा
फUरयाद करT ।
गरBबलाल-अब तो भगवान का हB भरोसा है । इस बेरहम
406
द ु नया मT तकदBर का Gलखा मानकर दखते
ु घाव बहते
आंसू के तले जीवन बसर करना है धम4राज ।
 तघात
ख?तद
ू ादा को उनके काका ने अलग कर >दया शहर क
नौकरB से Uरटायर होकर गांव आते हB । ख?तद
ू ादा के
पास कोई आढत भी नहB थी जो खेतीबारB थी सब काका
म?तू के नाम lा-फर हो गयी थी । दो चार बीसा जो
ख?तद
ू ादा के >हसे आयी थी उससे साल भर के Gलये
रोटB क भी गंुजाईश नहB थी ।ख?तद
ू ादा का पUरवार भी
बड़ा था चार बेटे एक बेटB छः महBना के अ-तर वाले ।
सभी खाने वाले कमाने लायक कोई नहB ।ख?तद
ू ादा
5च-ता क 5चता मT सलग
ु रहे थे । इसी बीच परवा
ु का
झPका खबर लेकर आया fक bीर बाबू क Jवधवा
नरमावती दे वी अपनी खेती अ5धया पर दे ना चाहती है
।यह खबर ख?तद
ू ादा को सकन
ू दB और वे bीर बाबू क
क हवेलB क ओर दौड़ पड़े ।
ख?तद
ू ादा क हवेलB क चहरदBवारB मT दतक होते हB
नरमावती दे वी के जेठ Jवदरु बाबू आगे आये और बोले
XयP रे ख?तुआ खबर लग लगी । तY
ु हारे जैसे और भी
कई चील क तरह मडरा रहे है ।समझ लेना हमारे
खानदान क बात है ।
ख?तद
ू ादा-हां बाबू हम भी चले आये । हमारे पास तो
जमीन है नहB fक बpचP का पेट पा लंूगा । बाबू आप
407
तो जानते हB है सब काका ने छन Gलया ।बpचP को
भखP
ू मरने क नौबत आ गयी है । bीर बाबू क जमीन
अ5धया/बटाई पर Gमल जायेगी तो मेरे भी बpचे पल
जायेगे ।
नरमावतीदे वी को दे खकर Jवदरबाब
ु ू बोले मालfकन सामने
है बात कर लो ।
नरमावती- ख?तू दालान म आ जाओ
ख?तू- मालfकन आया ।
Jवदरु बाबू-जा ख?तआ
ु जा मालfकन बला
ु रहB है दालान
मT ।
ख?त-ू हां बाबू मालfकन बला
ु तो रहB है पर आपक
दया{ि_ट बने तब ना ।
Jवदरु बाबू-अरे जा मालfकन क नजर तम
ु पर पड़नी
चा>हये बस
ख?तू- बाबू आप भी दया {ि_ट बनाये रखे तब ना गरBब
का पेट परदा चल पायेगा वरना काका ने तो कहBं का
नहB छोड़ा है ।
Jवदरु बाबू- तू तो नरमावतीदे वी क बात अभी सन
ु । मेरB
बाद मT सन
ु लेना ।
ख?त-ू बड़ी कपा
ृ होगी आपक कहकर दालान क ओर बढा

नरमावती-कछ
ु दरू से हB बैठने का आदे श दB ।
ख?तू बैठते हए
ु बोला- मालfकन बडी उYमीद लेकर आया
408
हंू ।
नरमावती-ख?तू खेती तो अ5धया पर करवानी है चाहे तम

करो या कोई दसरा
ू । मo तो हल जोतने से रहB । प त
के जीते जी Jवधवा हो गयी हो । प त साधु हो गये घर
पUरवार के लोग Jवधवा कहकर संबो5धत करने लगे ।
मझे
ु भी लगता है मo सचमच
ु क Jवधवा हो गयी हो ।
दो बे>टयP का बोझ है बस वह उतर जाये तो मo भी
द ु नया से SOसत लंू ।
ख?त-ू मालfकन मन छोटा ना करो ।अभी तो िज-दगी
बहत
ु बाक है । अभी से हार मान रहB हो । जमीन
जायदाद,धन दौलत को टPटा भी नहB है । आपके सारे
फज4 परेू हो जायेगे । bीरबाबू साहे ब को साधु नहB होना
था इस उt मT आपको छोड़कर ।
नरमावतीदे वी- >हYमत तो नहB हारB हंू य>द >हYमत हार
गयी होता तो इस हवेलB और जमीन जायदाद से कब क
बदखल हो गयी होती । प त के साथ nबताये लYहो क
याद मT जीवन nबता दं ग
ू ी पर हवेलB और जमीन जायदाद
से बेदखलB बदा4qत नहB कSंगी । बे>टयP को उनके पैर
पर खड़ा करके हB मSंगी । >हYमत हार गयी होती तो
ख?तू आज तम
ु मेरB अ5धया पर खेती करने नहB आते ।
माGलक कोई और हB होता ।
ख?तू-सब ओर हड़पने क होड़ मची हईु है मेरे काका न
मेरे साथ तो यहB fकया है ।जब तक शहर मT थे तब
409
तक तो जमीन जायदाद का माGलक मै था उनके परेू
पUरवार क खान खच4 मै दे खता था Uरटायर होकर आते
हB लात मारकर बेदखल कर >दये ।कहते है तY
ु हारा Xया
है सब हमारा है शहर मT पानी पी-पी कर कमाया हंू
अपने बpचP के Gलये fक तY
ु हारे Gलये ।
नरमावतीदे वी- छोटा हो चाहे बड़ा >हसेदार त नक
होGशयार है तो हक पर भी क~जा जमा लेने मT संकोच
नहB कर रहे है । बडी मिq
ु कल से मo अभी तक तो
काnबज हंू आगे न जाने Xया होगा ? लोग मौके क
तलाश मT रहते है मौका पाते हB आंख मT धल
ू झPक दे ते
है ख?तू ।
ख?तू -मालfकन आपका इशारा मo समझ गया । मेरB
नय त कभी नहB खोटB होगी ।
नरमावती-Jवqवास कभी ना तोड़ना । घर-पUरवार
>हसेदार, भाई-भतीजे सभी तोड़े है पर तम
ु ना तोड़ना
ख?तू
ख?तू- Jवqवास रखो मालfकन । मेरे भी बाल बpचे है ।
मo बददआ
ु कभी नहB लंग
ू ा । बस मेरे बpचP को पलने
बढने का आसरा दे दो । मेहनत मजदरB
ू करके आपक
कपा
ृ से बpचP का पाल लंू । दबंग जैसे हम गरBब नहB
कर सकते मालfकन fक साल दो साल अ5धया पर लेकर
चोरB छपे दसरे
ू क अपने नाम Gलखा ले । ऐसा तो बड़े
दबंग और पहंु च वाले कर सकते हo । हम जैसे गरBब तो
410
सबह
ु शाम क रोटB क 5च-ता मT मर खप जाते है ।
मालfकन अपने >दल से भय नकाल दो । आपक जमीन
आपक हB रहे गी । मo तो बस अ5धया पर खेती कSंगा
ईमानदारB के साथ । जो खेत मT उपजेगा आपके सामने
आधा -आधा बट जायेगा । बंटने के बाद सबसे पहले
आपके >हसे का अनाज आपक गोदाम मT जायेगा बाद
मT मेरB झोपड़ी मT । जमीन पर आपका अ5धकार रहे गा ।
मै कभी भी अपनी नय त खोटB नहB कSंगा । मालfकन
चाहो तो पंचनामा बनवा लो । मझे
ु कोई एतराज नहB है
। जहां कहे गी अंगठा
ू लगा दं ग
ू ा ।
ख?तू क ईमानदारB साफ -साफ झलक रहB थी उसके
चेहरे से उसके तन पर लपटे फटे कपड़े से ।
नरमावतीदे वी ने अपनी जमीन ख?तू को अ5धया पर दे
दB ।ख?तू मेहनत से खेत जोतने बोने लगा । ख?तू क
मेहनत से अपरYपार अनाज होने लगा उसी जमीन पर
िजस जमीन पर नरमावतीदे वी को साल भर खाने का
इ-तजाम नहB हो पाता था । खेत से जो ग}ला उपजता
ख?तू नरमावती दे वी के सामने दो भाग करता और
पपहले नरमावती दे वी क हवेलB खद
ु और बpचP के Gसर
पर लादकर पहंु चवाता । इसके बाद अपना >हसा ले
जाता । ख?तू क मेहनत से नरमावती दे वी के गोदाम मT
अनाज भरा रहने लगा । इसी जमीन प"टBदार के लोग
करवा रहे थे तो खाद पानी का पैसा भी लेते थे और
411
अनाज भी नहB Gमलता था खद पानी क कमत के
बराबर । ख?तू दादा अपनी कसम पर अटल रहे । ख?तू
दादा का बडा बेटा बारहवी पास कर परदे स चला गया ।
दसरे
ू नYबर वाला छठवी के बाद कूल जाना छोड >दया
तीसरा आठवी पास करके आगे नहB पढा चौथा भी कूल
जाना शS
ु कर >दया। सबसे बड़ी बेटB भी अपना घर -
पUरवार सYभाल लB । नरमावती दे वी क दोनो बे>टया
शहर जाकर पढने लगी । नरमावतीदे वी क हवेलB मT
जैसे लsमी बसने लगी। नरमावती दे वी का हर छोटा बड़ा
काम ख?तद
ु ादा और उनका पUरवार कर दे ता । ख?तद
ू ादा
के दरवाजे पर एक जोड़ी बैल बंध गये म?तक
ू ाका ख??ू
दादा के बैल ,भस
o को दे खकर कढते
ू रहते । मौके बेमौके
ख?तद
ू ादा से लडा.ई करने भी नहB चकते
ू थे । म?तू दादा
के मन मT खोट थी वे रोते पीटते रहते । उ}टे ख?तद
ू ादा
और उनका पUरवार अपनी कमाई मT खश
ु था उधर
नरमावतीदे वी क रोनी सरत
ू पर चमक आ गयी थी । वे
ख?तू पर आंख मंद
ू कर Jवqवास करने लगी थी।
ख?तद
ू ादा समJप4त भाव से अ5धया क खेती करने लगे
।खेत खालB होते दस बीघा खेत एक जोड़ी हल से जोत
डालते । खद
ु के घरेू क खाद परा
ू पUरवार Gसर पर
लादकर खेत मT डालता । िजस जमीन मे ठ$क से घास
भी नहB उगती थी उस जमीन मT हर फसल ख?तद
ू ादा
पैदा करने लगे ।धान,चना,मटर,ग-ना,आलू और भी ढे र
412
सारB फसले । मइ◌्रर ् क जानलेवा गरमी मT भी ख?तू
दादा खेत मT लगे रहते । मई मT गेहू क फसल काटकर,
मडाई करने के तर-ु त बाद खेत क जताईु मे लग जाते
। बडे. बड़े जमीदारP तक के कान खड़े होने लगे ख?तद
ू ादा
को दे खकर ।ख?तद
ू ादा धान क नस4रB डालने के Gलये
अलग तरह से खेत तैयार करते । इXकस जन
ू के
पहले धान क नस4रB डाल दे ते । प-mह बीस >दन मT
उनके धान क नस4रB रोपने लायक हो जाती थी बडे. बड़े
कातकार उनक नकल करते पर ख?तद
ू ादा जैसी खेती
नहB कर पाते ।पहलB बरसातत के बाद रोपाई शS
ु कर
दे ते । ख?तद
ू ादा रासाय नक खादP का योग कम करते
और गोबर क खाद का अ5धक । ग-ना बोवाई के >दन
बड़ा उखभोज और धान रोपाई के पहले >दन वनगडी/
भोज बडा हB करते । ख?तद
ू ादा का पUरवा और
नरमावतीदे वी भी सखी
ू रहने लगी ।
कछ
ु साल बाद जमीदारP के शोषण के खलाफ nबगल

बजा >दया जब रो◌ाई शS
ु हB हईु थी और बरसात भी
बहत
ु तेज हो गयी थी । छोटे बड़े सभी कातकारP क
रोपाई का काम एक साथ शS
ु हो गया था ।ख?तूदादा के
खेत मT भी नस4रB तैयार थी वह भी रोपाई के काम मT
जट
ु गया था । जमीदार लोग दसरे
ू गांवP से के मजदरP

को दस गना
ु अ5धक मजदरB
ू दे कर रोपाइ◌्र करवाने को
तैयार थे पर गांव के शोJषत मजदरP
ू को चटक
ु भर
413
अ5धक दे ने को तैयार न थे XयPfक वे अपने गांव के
मजदरP
ू को अपनी जा समझते थे । वे चाहते थे fक ये
मजदरू पेट पर प"टB बांधकर उनके खेतो मT काम करे ।
इधर मजदरो
ू ने भी कमर कस Gलये । ज}
ु म के खलाफ
मंह
ु तोड जबाब दे ने क >हYमत गांव के मजदरो
ू मेभी
आने लगी थी । वे मजदरB
ू बढवाने के मr
ु दे पर अटल थे
और जमीदार लोग न बढाने क िजद पर । वे मजदरो
ू मT
आई uाि-त को कचल
ू दे ना चाहते थे । वे मजदरो
ू से
कहते तY
ु हारे परखे
ु इतनी मजदरB
ू पर काम करते आये है
तम
ु लोग Xयो नहB करोगे । अपने परखP
ु का आ?माओ
चैन छनोगे । अनेक तरह से †Gमत करने पर जमीदार
लोग जटेु हए
ु थे । ख?तू तो खद ु मजदरू था अपनी
रोपाई के कामो मT पUरवार के साथ लगा हआु था ।
जमीदारP क काग{ि_ट ख?तू पर पड़ं गयी । दबंग
जमीदार लोग आपस मT रायमशJवरा कर ख?तू क रोपाई
ब-द करवा >दये । बेचारे ख?तू और उसके पेट जमीदारP
म"
ु ठ$ भर भर आग का हार करना शS
ु कर >दया ।
खद
ु के खेत nबहारB मजदरP
ू और दरू के गांवP के
मजदरP
ू को लाकर धड़ले से रोपवाने लगे◌े अ5धक
मजदरB
ू दे कर ।बती के मजदरू मजदरB
ू बढाने क
अनरोध
ु करते रहे पर गांव के जमींदारP ने अपनी पंचायत
बलाकर
ु मजदरB
ू न बढाने का और मजदरP
ू के दमन का
ताव पाUरत करवा Gलया । जमीदारP का ताव पाUरत
414
हो◌ेते हB बती के मजदरP
ू का घर से नकलना क>ठन
होगा । ट"टB पेशाब के Gलये बती के मजदरP
ू के Gलये
कोई जगह न थी । जो थी भी गांव समाज क जमीन
थी सब पर जमीदारP को क~जा था । बती से कछ
ु दरू
सड़क के fकनारे क जगह थी । सड़के fकनारे बैठना
उ5चत तो था नहB पर मजबरB
ू मT बती के लोग जाये
कहां यहB तो सहारा था । सड़क तक जाना भी जोखम
भरा काम था । दबंगो का भय नरJपशाच क तरह पीछा
कर रहा था ।
मजदरP
ू के सामने फांके क िथ त नGम4त हो गयी थी
पर वे भी आपस मT रायमशJवरा कर हड़ताल जारB रखने
का ऐलान कर >दया । शोषण,उ?पीड़न से मिX
ु त का
शायद सहB कदम यहB था बती के मजदरP
ू के Gलये ।
चारP ओर रोपाई का काम जोरP पर चल रहा था । बाहर
के मजदरू भी रं ग बदलने लगे । बाहर के मजदरP
ू के
बदलते तेवर को दे खकर गांव के जीमदारP ने जफ}म
तेज कर >दया ताfक बती के मजदरू हार मानकर पेट
ममT भख
ू Gलये जमींदारP के खेत मT अपना खन
ू पसीना
कर बहाते रहे । बती के मजदरू बाबू साहब लोगP के
ज}
ु म के आगे झक
ु े नहB । मजदरP
ू को हार न मानता
हआ
ु दे खकर जमीदारP ने मजदरP
ू मT फट
ू डालना शS
ु कर
>दया पर वे सफल नहB हए ु । अब जमीदारP क नजर
ख?तदू ादा के उपर आ >टक । वह भी तो बती का हB
415
मजदरू था नरमावाती दे वी क खेती अ5धया पर कर रहा
था । नरमावतीदे वी तो जमीदारन हB थी अब Xया
ख?तद
ू ादा क रोपाई ब-द करवा दB मिq
ु कल से दस बीसा
रोप पाये थे ख?तद
ू ादा ।नरमवातीदे वी को भी जमीदारP
क यह करतत
ू रास नहB आ रहB थी । वह भी घायल
सांप क तरह फफकराने
ू तो लगी पर कामयाब नहB हो
सक । जमीदार लोग ख?तद
ू ादा को ह5थयार बनाकर
हड़ताल ख?म करवाने पर उताS हो गये वह भी nबना
मजदरB
ू बढाये । कछ
ु जमीदारP क रोपाई का काम तो
शS
ु था आठ गना
ु अ5धक मजदरB
ू दे कर पर कछ
ु हड़ताल
ख?म होने का इंतजार कर रहे थे िजनक नस4रB दे र से
पड़ी थी। छल बल,द8ड-भेद सब न
ु खे अपना लेने के
बाद भी हड़ताल नहB ख?म हो रहB थी । जमींदारP Šारा
पग-पग पर nबछाई जा रहB म"
ु ठ$ भर -भर आग बती
के मजदरP
ू को नहB Kडगा पा रहB थी ।
जमीदारP ने पैतरा बदला और जमीदार Jवदरु बाबसाहब

स>हत दो चार और जमीदार लोग साम>हक
ू Sप से अपनी
अपनी भसे
o नरमावतीदे वी के खेत मT ख?तद
ू ादा Šारा डालB
गयी धान क नस4रB चरने को छोड़ >दये ताfक
ख??ू◌ादादा ट◌ू
ू टकर पUरवार स>हत जमीदारP का और
अपना भी थे◌ाड़-थोड़ा रोपना शS
ु कर दे । इससे
जमीदार लोग एक तीर से दो Gशकार कर ले । हड़ताल
भी ख?म हो जाये और मजदरB
ू भी न बढे । इस बार भी
416
जमीदार मंह
ु के बल 5गरे । हड़ताल जारB रहB । जमीदार
भी कहां हार मानने वाले ख?तद
ू ादा Šारा नरमावतीदे वी के
बीघा भर ग-ने के खेत से जमीदार लोग साम>हक
ू Sप
से ग-ना काट-काटकर अपने अपने जानवरP को चारे के
Sप मT खलाने लगे । ख?तद
ू ादा अ-याय के खलाफ
कमर कसकर नरमावतीदे वी के जेठ Jवदरसाहब
ु जो मेड़
पर खड़े होकर ग-ना चारे के Gलये कटवा रहे थे । ग-ना
काटने वाले के हाथ से हGसया छन Gलया और >हYमत
करके बोला बाबसाहब
ू अब एक भी ग-ना कटा तो पेट
फाड़ दं ग
ू ा ।
ख?तद
ू ादा क >हYYत को दे खकर Jवदरसाहब
ु बोले-
ख?तुआ न तो तेरा ग-ना बचेगा और नहB दसरB
ू फसलT
खैर अभी तो मo जा रहा हंू । बाद मT तमको ु दे ख लंग
ू ा
दे खता हंू तू fकतने जमींदारP का पेट फाड़ता है ।
ख?तद
ू ादा-Xया ?
Jवदरबाबसाहब
ु ू - हां ख?तआ
ु ।
इतने मT और दबंग जमीदार जट
ु गये । कोई ग-ना तो
काई धान क नस4रB तो कोई रोपे दस बीसा धान को
तहस नहस करने मT जट
ु गया । ख?तद
ू ादा के >दल पर
जमीदारP के ज} ु म का ऐसा  तघात हआ
ु fक होश खो
बैठे। बती के मजदरP
ू और ख??ूदादा पर ढाहे गये ज}
ु म
से उपजी आकारे
् श क पीड़ा से बचने के Gलये जमींदारP
ने मजदरB
ू बढाने क आपस मT रायमशJवरा करने लगे
417
। ख?तद
ू ादा के  तघात के दद4 का एहसास जमीदारP के
>दल >दमाग और कान पर हथौड़े जैसे चोट करने लगे ।
बाहर के मजदरP
ू ने भी हाथ खड़े कर >दये । वहB
जमींदार जो मजदरP
ू का घर से बाहर नकलना दभरfकये

हए
ु थे वहB मजदरB
ू बढाने पर राजी हो गये। मजदरB
ू भी
बढB और हड़ताल भी ख?म हो गयी लेfकन ख?तद ू ादा
 तघात से नहB उबर पाये । जमींदारP के मंुह पर
काGलख पोतकर हमेशा के Gलये सो गये >दल पर
 तघात का दद4 Gलये हए।

पराना
ु जOम
माधव बेटे नहोरBलाल को बी ए तक पढाने मT अपने
जीवन के बस-त हवन कर >दया था। माधव जानता था
fक बेटा बी ए पास कर जायेग तो वह अफसर बन
जायेगा और उसका खोया हआ ु बस-त वापस आयेगा
दोगनी
ु खशी
ु लेकर ।जीवन का सांeय तो सख
ु मT nबत
जायेगा । वह दोनो प त-प?नी रात >दन बेटे क कशलता

के Gलये दआ
ु करते रहते । जीवन चलाने के Gलये न
बीसा भर खेता था ना हB दसरा
ू कोई सहारा बस खेत
माGलकP के खेत मT खन
ू पसीना करना यहB तकदBर बन
418
गयी थी भारतीय iयवथा मT । नहोरBलाल भी पढाई के
साथ मेहनत मजदरB
ू कर लेता था । मां बाप के कामे◌ा◌ं
मT भरपरू मदद करता । खेतीबारB के गरु भी नहोरBलाल
सीख गया था । जमीदार क हलवाहB के बाप को दस
बीसा उसरनमा
ु खेत जोतने बोने का भार उसके हB उपर
था । माधव को तो खेतमाGलक के कामP से हB नहB
फस4
ु त Gमल पाती थी । >दन भर क मजदरB
ू Gसफ4 दो
fकलो अनाज Gमल पाता था । माधव के छोटे बडे सभी
बpचे भी मजदरB
ू कर लेते थे । िजससे रोटB का
इ-तजाम तो हो हB जाता था पर बाक सब तो भाय
भरोसे था ।
नहोरBलाल परदे स तो चला गया । नहोरBलाल के परदे स
क राह पकड़ते हB उसक मां का रो रोकर बरा
ु हाल हो
गया । उसने स`ताह भर तक तो खाना छोड़ दB थी ।
उधर शहर मT नहोरBलाल को कोई सहारा दे ने वाला न
था । सगे लोग मंह
ु फेर लेते थे उससको दे खते हB । कई
बार तो उसे फांके तक करने पड़े । गीलB जमीन पर रात
गजारना
ु पड़ा । नहोरBलाल अपनी ततकदBर बदलने के
Gलये प?थर तोड़ने तक को तैयार था पर काम Gमले तब
ना । नौकरB को दरू जाता दे Oकार वह स~जी म8डी मT
सेब क टोकरB तक ढोया । कछ
ु हB >दनP मT इस काम
से भी उसे हाथ धोना पडा । कछ
ु >दनP तक इधर उधर
पागलP क भां त घमने
ू के बाद आलJपन बनाने क
419
फैकटरB मT तेजाब से आलJपन धोने का काम Gमल गया
। मरता Xया ना करता नहोरBलाल नौकरB पर लग गया
। इस काम मT वह कई बार जला और उसका हाथ तो
को>ढयP जैसे हो गये थे । इतनी दद4ु शा सहकर भी वह
काम करता रहा अपने मां बाप और घर पUरवार क
दयनीय दशा दे खकर ।बरेु वXत मT कोई हौशला तक
बढाने वाला नहB था । खानदाने के तो कछ
ु लोगP ने तो
ताने तक मारे fक अरे नहोरBलाल बी ए तक पढकर
आया है शहर मT अफसर बनने ।ऐसे दखद
ु समय मT
हौशला >दया तो उसके सगे बहनोई र?नराज ने जो खद

एक फैXटरB मT हे }पर क नौकरB कर रहे थे जो खद

आ5थ4क तंगी से बरB
ु तरह जझ
ू रहे थे ।
बरेु वXत से बरB
ु तरह झलसते
ु हए
ु भी नहोरBलाल ने
खलB ु आंखो से सपने दे खना नहB छोड़ा । दभा4
ु य था fक
घड़ी भर के Gलये उसका साथ नहB छोड़ रहा था ।
नहोरBलाल के खन
ू के Uरqतेदार उसक उपिथ त को
बोझ मानने लगे थे । क◌ु
ु छ तो बड़े ओहदे दार थे ।
नहोरBलाल भी लाख क_ट उठाया पर fकसी के सामने
हाथ नहB फेलाया । तेजाब क फैXटरB से GमलB S
425 00 क तनखाह से सबसे पहले वह खराक
ु और
झु गी का fकराया S 250 00दे ता । बाप को S 100 00
का म नआड4र करता बचे 75 Sपये मT से पpचीस Sपये
खद
ु के खच4 के Gलये रखता और शेष पpचास Sपये क
420
माGसक फस पर टाइप सीखने लगा ।
नहोरBलाल कभी सोचा भी न था fक शहर मT खन
ू के
और सगे Uरqतेदार इतने कठोर हो जाते है । अपने को
पराया समझने लगते है । खैर नहोरBलाल अपनो को
अपना मानता रहा और अपने उसलो
ू से समझौता नहB
fकया। जातीय अयोयता उसे नौकरB से दरू ढकेलती जा
रहB थी ऐसे मिq
ु कलP क आंधी मT भी अपनो का सहारा
तक नहB Gमला । दभा4
ु य को तकदBर मानकर
नहोरBलाल खद
ु क fकमत Gलखने का {ढ नqचय कर
Gलया और अपने मकद मT सफल भी हो गया एक
कYपनी मT अथायी बाबगीरB
ू क नौकरB Gमल गयी ।
नहोरBलाल भगवान का चम?कार मानकर नौकरB◌े करने
लगा । दभा4
ु यस भेदभाव क ेतछाया ने यहां भी
ल तयाना शS
ु कर >दया । एक अ5धकारB ने तो नौकरB
से नकालने तक fक GसफाUरस कर >दया । कहते है न
खदा
ु मेहरवान तो गदहा पहलवान । भगवान ने
नहोरBलाल क नौकरB बचा लB । वXत ने नहोरBलाल के
>दल के जOम भरने शS
ु कर >दये । उसे हजार मT
तनOवाह Gमलने लगी ।मां बाप के सपने परेू होने का
अवसर उसे यहां >दखाई दे ने लगा पर-तु मानवीय
भेदभाव क \वाला रह रहकर भभक हB जाती । साथ मT
काम करने वाले भी आग मT घी डालने का काम करते
मंह
ु पर तो मीठा बोलते पर पीछे षण-d रचते रहते
421
XयPfक इस जातीय अयोय नहोरBलाल क उपिथ त
लोगP को खटकती थी । नहोरBलाल को Jव›ा क दे वी ने
खले
ु हाथो कई उ◌ूची उ◌ू◌ंची Kड5,यां तक बOश दB थी
। यहB नहोरBलाल क योयता कYपनी मT >टकाये हए

थी । इसी योयता के भरोसे नहोरBलाल क नौकरB
पXक तो हो गयी थी पर-तु जा तवाद का खले
ु आम
समथ4न करने वाले◌ा◌ं से नौकरB जाने का डर तो बरोबर
बना हआु था । उधर नहोरBलाल के मां बाप को हB नहB
परेू गांव को यकन था क नहोरBलाल बडा.◌ा साहब
जSर बनेगा । दभा4
ु य ने यहां भी छल fकया नहोरBलाल
को नौकरB तो GमलB पर ऐसी संथा मT जहां योयता का
कोई मोल न था । यहां अयोयता का बोलबाला था ।
छोटB nबरादरB का कम4चारB fकतना हB XयP ना पढा
Gलखा हो । उसक तरXक के राते ब-द थे । हां बस
इतना था fक बेरोजगारB का दं श नहB झेलना था बस ।
बाक शोषण उ?पीड़न वैसा हB था जैसा Uरयासत काल मे
सYभवतः होता था । इस सब हालातP से बेखबर
नहोरBलाल के मां बाप उYमीद पर कायम थे ।
नहोरBलाल को यह बात बहत ु खलती थी fक उससे कम
योयताधारB धड़ाधड़ उ◌ू◌ंचे पदो पर पहंु च रहे थे पर
नहोरBलाल को ल तयाया जा रहा था अछत ू समझकर ।
नहोरBलाल को ऐसा लगने लगा fक उसक तकदBर यहां
कैद हो गयी है । उसक तरXक के सारे रातP को
422
रोकने के Gलये कदम कदम पर कागP ने जैसे पहरा बैठा
>दया हो । अजगरP के बीच नौकरB कब तक बची
रहे गी यह तो उपर वाला हB जाने । खैर उपर वाले ने
आदमी Šारा खड़े fकये गये सभी iयवधानP से उबार
Gलया था पर बाद मT Xया होगा कछ
ु भी नहB कहा जा
सकता था जंगल राज क तरह ।
कYपनी के कछ
ु अ5धकारB तो सािजश रचते रहते थे
वं5चत उ?पीKड.त नहोरB लाल के खलाफ इसी बीच टे ट
मT बड़े साहब ए पी साहब नये आ गये । नहोरBलाल को
लगा fक उसक समयाओं का कछ
ु तो नराकरण हो
जायेगा । नये साहब fफलासफर हB नहB पी एच डी हो}डर
भी थे ।
एक >दन अचानक मा-यवर ए पी साहब ˆांच आfफस के
दौरे पर आ गये । बारB बारB से सभी कम4चाUरयP से बात
fकये सबसे आखरB मT नहोरBलाल को साहब के सामने
हािजर होने का अवसर Gमला।
ए पी साहब-Xया नाम है तेरा ?
नहोरBलाल सर
ए पी साहब- नहोरBलाल कोटे मे आते◌े◌े हो Xया ?
ˆांच मैनेजर-कYपनी मT भी आरbण लागू हो गया है
Xया सर ?
ए पी साहब -नहB हआ
ु है तो हो जायेगा ।नेताओं को वोट
चा>हये क नहB ? खैर छोड़ो । नहोरB लाल Xया काम
423
करते हो
नहोरBलाल के पैर के नीचे क धरती >हल गयी जैसे। वह
सYभलते हए ु बोला टाइJपंग का काम,Kडपैच एवं डाक
रBGसJवंग का काम आfफस के खचk का काम स>हत और
भी बहतु सारे काम कर लेता हंू ।
ए पी साहब-दो लेटर टाइप करने के बदले तY
ु हे इतनी
तनOवाह Gमलती है ?
ए पी साहब-मझसे
ु Xया चाहते हो ?
नहोरBला- सर योयतानसार
ु पद मT बदलाव ।
ए पी साहब-वह तो मo नहB करवा सकता । बडT पद क
Oवा>हश है तो तY
ु हारे साहब से कह कर तOती बनवा
दे ता हंू ,तम
ु गले मT डाले रहना । अपनी जात वालो को
दे खा है । आज भी भखे ू नंगे >दन भर पसीना बहाते रहते
है ।पता है fकतनी मजदरB
ू Gमलती है ? तमको
ु नौकरB
Gमल गयी तो अब बड़ा अफसर बनने का सपना दे ख रहे
हो । अरे इतनी बडी कYपनी मT तमको
ु नौकरB Gमल
गयी है Xया fकसी बड़ा ततरXक से कम है ?
नहोरBलाल-सर मझसे
ु कम शैbणक योयता वालP के
पद मT बदलाव हए
ु है । वे अ5धकारB बन गये है । मेरे
साथ के आये लोग बड़े अ5धकारB हो गये है । मo जहां
का तहां हB पड़ा हंू ।
ए पी साहब-जो बडे. अ5धकारB हो गये है उनक तकदBर मT
Gलखा था । तY
ु हारB तकदBर मे नहB Gलखा हo तो नहB
424
बन सकते fकतनी भी Kड,ी हाGसल कर लो ।
नहोरBलाल- सर तकदBर मT जो आदमी कर रहा है वह तो
कतई नहB भगवान ने Gलखा होगा । यहां तो लोग
कमजोर क तकदBर पर क8 ु डलB मार कर बैठे हए
ु है ।
ए पी साहब-Xया कह रहे हो । वकालत क पढाई भी
तमने
ु कर लB है Xया ?
नहोरBलाल-येस सर ए8ड अदस4 मोर लाइक
मैनेजमे8ट,सोशलवक4
ए पी साहब-वो आई सी यू आर हाइलB XवालBफाईड
सफरर टे ट मT fकस fकस से Gशकायत है ।
नहोरBलाल- iयिXतगत ् तौर पर से तो fकसी से नहB
पर
ए पी साहब- पर मी-स
नहोरBलाल-पbपात करने वाले लोगो से जा त के नाम
पर द?ु कार करने वाले लोगP से अ5धकार से वं5चत रखने
वाले लोगP से सपने को बेमौत मारने वाले लोगP से ।
ए पी साहब-इसके अलावा और भी कछ
ु Gशकायत है Xया
?
नहोरBलाल-मेरा कोई काम समय पर नहB होता । चाहे
मेरे कूटर का लोन रहा हो,एल टB सी का भगतान
ु रहा
हो चाहे मेरB घरवालB के जीवन-मौत का संघष4 रहा हो,
रात रात तक काम के बदले ओवरटाइम के भगतान
ु पर
रोक रहB हो । पसीना बहाने के बदले आंसू Gमले है मझे

425
। मझे
ु -याय क दरकार है ।
ए पी साहब-Xया ?
नहोरBलाल- जी सर
ए पी साहब-कौन कौन से तY
ु हारे पेि8डग काम है । तम

लोग बड़े लोगो क बराबरB भी तो करते हो । अपनी
औकात मT तो रहते नहB । खैर टे ट आfफस पहंु चकर
तहककात करवाता हंू Xया सpचाई है और कुछ कहना है
Xया ?
नहोरBलाल-शैbणक योयता के अनसार
ु पद
ए पी साहब-मतलब अब तम
ु अपने काम को छोटा
समझने लगे हो । दे खो Gम नहोरBलाल िजस पद पर तम

काम कर रहे हो और िजस काम के बदले मT तमको

इतनी तनOवाह Gमलती है उससे कम मT तमसे
ु \यादा
योय कम तनOवाह मT करने को तैयार है । तमको
ु पता
है दे श मे fकतनी बेरोजगगारB है । तम
ु मेहनत मजदरB

करने वाले छोटे लोगो क Oवा>हशे इतनी बढ जायेगी तो
उ◌ूचे लोगो के भJव_य का Xया होगा ? तम
ु चाहो तो
नौकरB छोड़ दो तY
ु हारे साथ अ-याय हो रहा है तो ।टे ट
अ5धकारB तो तम
ु इस कYपनी मT बन नहB सकते ।
नहोरBलाल-शैbणक योयता का कोई मोल नहB कYपनी
मT जातीय योयता के आगे ।
ए पी साहब-मैनेजमे8ट चाहे तो चपरासी को मोट कर
अ5धकारB बना दे और चाहे तो तY
ु हारे जैसे के मोशन
426
के सारे राते ब-द कर दे । नौकरB करना है तो करो
नेतागीरB मत करो । तY
ु हारB नेतागीरB मैनेजमे8ट बदा4qत
नहB कर पायेगा ।
नहोरBलाल-भJव_य के सपने दे खना नेतागीरB है ।आप
बताईये आपके अधीनथ काम करने वालेकौन से
अ5धकारB मT मझसे
ु अ5धक शैbणक योयता है fक मo
ल तयाया जा रहा हंू ।
ए पी साहब-कोई नकोई कमी तो जSर है ।
नहोरBलाल-जातीय योयता यहB ना हमारे Gलये तो
यह योयता Uरसते जOम पर तेजाब डालने जैसी हो गयी
है ।
ए पी साहब-दे खो अब मo तमसे
ु बहस नहB करना चाहता ।
आई अ8डरटै 8ड यू आर हाइलBXवालBफाईड । यू मT गो
नाउ
टे ट आfफसर और नहोरBलाल क बाते अधखले
ु दरवाजे
से दफतर के लोगो के कानP को सकन
ू दे रहB थी । कछ

तो यहां तक कहते सने
ु गये fक साहब नहोरBलाल को
वैसे हB तोड़ रहे है जैसे मग|
ु को nब}लB । नहोरBलाल
साहब के कb से जहर का घट
ू पीकर बाहर नकलते हB
ए पी साहब ˆांच आfफसर को कठोर बने रहने का आदे श
दे ते हएु बोले सने
ु Xया कह रहा था नहोUरया । अरे
तY ु हारB कस|
ु ह5थयाने क सोच रहा है ।खैर उसक
तकदBर मT कहां । इस कYपनी मT तो तकदBर शीष4 पर
427
बैठे उ◌ूचे लोगो Šारा Gलखी जाती है । इस नहोरB को तो
इस कYपनी मT होना हB नहB था । कैसे आ गया ?सभी
अफसरP ने इसके साथ खब
ू सOती बरती है मझे
ु पता है
। केशावत साहब ने भी इसे खन
ू के आंसू >दये है । आज
भी केशावत क 5गeद {ि_ट नहोरB पर >टक है ।
नौकरB इसक भले हB बची रहे पर अ5धकारB तो नहB बन
पायेगा । इस बात को तो मo दावे के साथ कह सकता हंू

ˆांचहे ड-Xया सर लेकर बैठ गये । छोटे लोग है । स?ता
fकसके हाथ मे है हम साम-तवा>दयP के हाथ मे ना । ये
लोग ढटपटाते रहे Jपजड़े के शेर क तरह । Xया nबगाड़
लेगे ? इसके साथ कछ
ु तो अpछा होना चा>हये ?
ए पी साहब-होगा । जहां है वहB सडेगा । यहB इस नहोरB
के Gलये ठ$क होगा । अरे पढ Gलख गया है तो Xया
हमारB बराबरB करे गा । कचला
ु जायेगा । नहोरB जैसे
लोगो को आसू दे कर क अpछा काम कराया जा सकता
है । इसी मT हमारा फायदा है और हमोर साtा\य का
भJव_य भी । हो सकते तो कभी कभी मीठा बोल दो पर
जहर Gम5€त । दफतर के कछ
ु लोगो के Gलये तो आज
का >दन जqन सरBखे हो गया था । ए पी साहब और
ˆांचहे ड के बीच हो रहB बातT नहोरB के कानो मT जैसे
Jपघला शीशा डाल रहB थी और पराने
ु जOम मT धधकता
हआ
ु कोयला । उससे रहा नहB गया कमान से छटे
ु तीर
428
क तरह कमरे के अ-दर चला गया और बोला-साहब कब
तक झठे
ू अGभमान के बल पर शोJषतP वं5चतP का दमन
करोगे ? कब तक पराने
ु घाव को ताजा करने के Gलये
धधकता कोयला डालते रहोगे ? अरे वं5चतP के हाथ मे◌े
भी Gशbा का ह5थयार आ गया है । Jवyान का यग
ु है
SढBवादB ह5थयार भोथरे हो गये है । भेदभाव क
अमानीय iयवथा ने दे श और समाज को nबखि8डत
fकया है । दे खना साहब इस दे श मT मानवीय
समानता,सrभावना और रा_lBय एकता का साtा\य
होकर रहे गा । हम कानन
ू और सचना
ू के अ5धकार का
सहारा लेगे । हर ज}
ु म के खलाफ संघष4 करे गे ।
ए पी साहब खGसया कर कb से बाहर नकले और सफेद
कार मे◌े बैठ गये । ‹ाइवर ने कार को ग त दे दB ।
कार तफान
ू क तरह दौड़ पडी धल
ू और धआं
ु छोड़ते हए


मलिजम

गोपी बहन को Jवदा कर नौकरB क तलाश मT शहर को
कच
ू कर गया । बहन क Jवदाई और गोपी के शहर चले
जाने के बाद छोटा भाई दो छोटB बहने और बढे
ू मां बाप
गांव मT रह गये । मां बाप गोपी को आंख से ओझल तो
नहB होना दे ना चाहते थे पर गरBबी जो चाहे करवा ले।
गोपी के जाते हB मां बाप भाई बहनP का रो-रोकर बरा

हाल हो गया । मां जयव-ती बाप दखीदादा
ु आंसू पोछते
429
हए
ु बेटवा को अpछ$ नौकरB Gमलने क भगवान से
ाथ4ना करते रहते ताfक गरBबी का तफान
ू थम जाये
हमेशा के Gलये । मां जयव-ती का तो रो रोकर चेहरा
हB नहB परा
ू शरBर जैसे सज
ू गया । जयव-ती क बरा

हाल दे खकर दखीदादा
ु बोले-गोपी क मां अपना चेहरा
ऐनक मT दे खी है Xया ?
जयव-ती-बढौती
ु मT स>ठया गये हो । जब दे खने लायक
थी तब तो >दखाये नहB । बढौती
ु मT ऐनक >दखा रहे हो

दखीदादा
ु -मo नहB तू स>ठया गयी है ।रो रोकर तेरा चेहरा
सज
ू गया है । कब तक दाना पानी छोड़कर आंसू
बहायेगी ? मo जानता हंू बेटवा घर पUरवार क तरXक के
Gलये परदे स गया है । उसक कमाई से ढह रहा घर
संवरे गा । हम बढे
ू ◌ा◌ं के तन पर अpछे अpछे कपड़े होगे
। छोटा बेटा भी आगे क पढाई परB
ू कर लेगा । बे>टयP
का ~याह गौना रज-गज से होगा । अपनी दयनीय दशा
का बpचP पर परछाई नहB पडे.गी । भगवान से बेटवा के
कशलता
ु क कामना करो । रोना-धोना अब ब-द करो ।
नहBं तो मo भी रो पडंू गा ।
जयव-ती-Xया कSं मां का >दल है ना । मानता हB नहB
है ।
दखीदादा
ु -ये न-हका एक लोटा पानी ला बेटवा ।
छोटा बेटा न-हका लोटा भर लाया । मां के सामने
430
रखकर बोला मां भईया nबना तो सचमच
ु घर काटने को
दौड़ा रहा है पर मां खशी
ु भी हो रहB है ।
जयव-ती- XयP ?
न-हका-दे खो ल}ल,ु क}ल,ू भ"ठाबाबू को जब ये लोग शहर
कमाने नहB गये थे कैसे थे । फटB ब नयाइन और सड़ी
लंग
ू ी लपेटे रहते थे अब दे खो fकतने अpछे कपड़T पहनते
है । जब शहर से आते है तो परB
ू बती के लोग Gमलने
जाते है । शहर से म नआड4र भी तो डाfकया इनके घर
लेकर आता है । मेरा भइया भी अpछे -अpछे कपड़े
पहनेगा और हम लोगP को भेजेगा ।हमोर घर भी
म नआड4र आयेगा । च-दफल
ू कXका क दे खो वे तो
UरXशा चलाते है fकतने ठाटबाट से रहते है । मां सब
कहते है शहर मT सगे लोग भी पराये हो जाते है । शहर
के लोग फरे बी भी बहत
ु होते है । भगवान मेरे भइया क
रbा करना ।
दखीदादा
ु - न-हका ये सब बात तमको
ु कैसे मालम
ू ?
न-हका- ल}ल,ु क}लू,भ"ठाबाबू और च-दफल
ू कXका ये
लोग आते है तो बाते नहB करते Xया ? अपना लखनवा
fकसी फरे ब मT नहB फंस गया था Xया ? मां भगवान से
भइया क रbा क ाथ4ना हम सभी करते रहे गे ।
सखीकाका
ु ु
-दखी तY
ु हारा न-हका तो बहतु होGशयार हो
गया है । कैसी बढP
ू जैसी बात करता है ।
दखीदादा
ु -कूल जाता है काका ।
431
भोल-ु अरे गोपी भइया का हB तो छोटा भाई है न-हका ।
डाfकया-अरे वो दखीदादा
ु घर पर तो हो ।
दखीदा
ु दा-अरे गोपी क मां दे खो डाक बाबू आ गये बेटवा
क 5च"ठ$ लेकर ।
जयव-ती -कहा है 5च"ठ$ ?
डाfकया- ये लो
जयव-ती- मo Xया कSंगी पढ भी दो बाबू
दखीदादा
ु -पढ दो ना बाबू । बेटवा क पहलB 5च"ठ$
परदे स से आयी है ।
डाfकया ने पd पढना शS
ु कर >दया । गोपी मां बा,भाई
बहनP हB नहB परB
ू बती के बडो को चरण पश4 छोटो
को आश|वाद Gलखा था । बती के एक - एक बजग4
ु ु का
नाम Gलखकर पालगी / चरण पश4 Gलखा था ।बती का
हर छोटा बड़ा गोपी को दआये
ु दे रहा था । गोपी क मां
तो 5च"ठ$ सनकर
ु तर-
ु त Kडहबाबा को चल चढाने नकल
पड़ी ।
शहर मT गे◌ापी को दर-दर क ठोकरB खानी पड़ी ।
फटपाथ
ू पर nबकने वाले पराने
ु कपड़े 25-25 Sपये मे
खरBद कर पहना । गोपी मां बाप को बराबर 5च"ठ$
Gलखता रहा । काफ धXके खाने के बाद काम भी Gमल
गया । गोपी ने पत के साथ म नआड4र भी करना शS

कर >दया । इसी बीच शहर मT लखSदBन से जान-पहचान
हो गयी । दोनो साथ रहने लगे । खाना ढाबे मT खा लेते
432
और कमरे मT सो जाते । लखSदBन गंवार कृ त के साथ
उ, वभाव का था अनपढ तो था हB । काम दफतर क
गाडी चलाने का करता था । लखSदBन अXसर बाहर
जाया करता था । एक >दन वह जाने से पहले बोला
गोपी क}लन से बचकर रहना ।
गोपी-XयP ?
लखSदBन- पढा Gलखा है इसका मतलब तो नहB क सब
तू हB जानता है । वह वाGलयर टे शन के आसपास के
सभी बदमाशो◌े से जान पहचान है । रे लवे टे शन के
सामने होटल है होटल के सामने पGलस
ु चौक । सभी
पGु लस वाले फोकट मT खाते है । उससे तू पंगा मत लेना
। नहB तो जेल तक क हवा खानी पड़ सकती है । हमारा
Xया हम तो ठहरे सड़क पर चलने वाले हर तरह के लोग
Gमलते है ।
गोपी- तू मेरB खशी
ु मT म"
ु ठ$ भर आग Xयो डाल रहा है
। XयP डरा रहा है । मेरB उससे तो कोई दqु मनी नहB है

लखSदBन-मझसे
ु तो हो गयी है । तू सावधान रहना बस
मने
o आज उसक औकात बता दB है ।
गोपी-झगड़ा करके आया है ।
लखSदBन- बस हो गयी । तू बचकर रहना ।
गोपी ढाबे पर रात को खाना खाने पहंु चा । इतने मे
क}लन सामने खड़ा हो गया और रौब मT बोला XयP
433
लखSदBन तY
ु हारा साथी है ।
गोपी- XयP Xया हआ
ु ?
क}लन-लखSदBन बदमाश है । साथी भी शायद वैसा हB
हो ।
गोपी-सांप च-दन को लपेटे रहते है । इसका मतलब तो
ये नहB fक च-दन Jवषैला हो गया । च-दन तो पजा
ू के
काम आता है ।
क}लन-लखSदBन बदमाश और घ>टया कृ त का है ।
शायद तम
ु भी
गोपी-क}लन तम
ु खद
ु को थानेदार और दसरे
ू का
मलिजम
ु XयP समझ रहे हो भाई ?
इतने मT ढाबा माGलको यादो साहब आ गये और बोले
गोपी बाबू ये ससरा
ु क}लनवा कम हरामी नहB है ।
मका पाते हB Gसर धड़ से अलग करने क कबत
ू रखता
है ।
गोपी-यादो साहब ये सब हमT Xयो बता रहे है । आपको
तो क}लन को समझाना चा>हये । आप तो उ}टे मझे
ु हB
धमका रहे है ।
यादोसाहब- नहBं बाबू धमका नहB सहB कह रहे है ।
क}लनवा है बहतु बदमाश । तYु हारा लखSवा ससरा
ु तो
और हरामी है । क}लन से लड़ गया ।
गोपी-मेरB तो आपसे या क}लन से तो कोई लड़ाई नहB
हई
ु तो हमT Xयो बGल का बकरा बना रहे है ।
434
यादोसाहब-fकतना महBना इस शहर मT आये हआ
ु है
तमको
ु गोपी बाबू
गोपी-आठ महBना तो हो हB गया है । लखSवा को
समझा दे ना वरना नवे महBने मT और कछ
ु बरा
ु हो सकता
है । अब खाना खाओ और जाकर सो जाओ । हफते भर
बाद लखSवा तो आ हB जायेगा ।
गोपी-आ जायेगा । नौकरB तो इसी शहर क है । भले हB
दौरे पर आना जाना बना रहे ।
यादो साहब ढाबा माGलक-खाना खाओ रात \यादा हो
गयी है । कल भी तो आओगे ।
गोपी-खाना खाये nबना कैसे काम चलेगा ?
यादो साहब-मेरे हB होटल मT खाना होगा । नहB तो
गोपी-नहB तो Xया ? यादो साहब ।
यादो-सामने दे खो वो जवान जो टकटक लगाये इधर दे ख
रहे है ना सभी इसी होटल क रोटB पर पलते है ।
गोपी-पGलस
ु चौक के जवानP क बात कर रहे है ?
यादो- हां और Xया उन भीखाUरयP क जो सखी
ू रोटB के
Gलये 5गड़5गडा रहे है ।
दसरे
ू >दन नयत समय पर गोपी दोपहर मT यादो
भोजनालय पहंु चा । उसे दे खकर होटल माGलक यादो
साहब नमकार fकये और बैठने का आ,ह fकये । गोपी
यादो साहब के समाने बैठ गया तब यादो साहब बोले
गोपी बाबू माफ करना कल कछ
ु \यादा बोल गया था ।
435
इसके बाद क}लन को बलाये
ु और बोले क}लन गोपी
बाबू से माफ मांग ले । तY
ु हारा Jववाद तो लखSदBन से
हआ
ु है गोपी बाबू से नहB ना ।
क}लन- हां ।
यादोसाहब-गोपी बाबू जाओ खाना खाओ ।
क}लन-चल भाई गोपी खाना खा और जा । माGलक यहB
कह रहे है ना । मंुह Xयो ताक रहे हो ।
गोपी-कल से मo बाहर जा रहा हंू मेरे बाक पैसे वापस
कर दो ।
क}लन-माGलक सनो
ु गोपी पैसा मांग रहा है । कह रहा
है कल से दबई
ु जा रहा है ।
यादो-कैसा पैसा ? वापस आकर खाना खा लेना बस ।
इतनी सहGलयत
ू कम है ।
इतने मT क}लन आया आगे धXका >दया fफर खींच
Gलया fफर धXका >दया और पीछे खींच Gलया । इस
खींचा खांची मT गापी का वेटर फट गया । इसके Gलये
fफर यादो साहब ने माफ मांग लB । गोपी वापस कमरे
पर आ गया । संयोगबस लखSदBन भी उसी >दन रात मT
दे र से वापस आ गया ।गोपी सारB आप बीती बताया
और इस सब का िजYमेदार लखSदBन को ठहराया ।
लखSदBन बोला चल रात ढे र हो गयी है । कल दोपहर
मT खाना भी खायेगे होटल माGलक यादो से बात भी कर
लेगे । तू 5च-ता ना कर । अब सो जा उस क}लन ससरु
436
से कल नपट लंग
ू ा ।
दसरे
ू >दन दोपहर मT यादो होटल पर खाना खाने गोपी
और लखSदBन साथ गये । लखSदBन कस|
ु पर बैठते हB
क}लन को बलाया
ु और बोला XयP क}लन गोपी से Xयो
भीड़ गया तू मेरB कहासनी
ु तमसे
ु हई
ु । पढे -Gलखे इंसान
को तू धXका >दया और सइटर
ु भी फाड़ >दया ।
क}लन -साले तेरB मजाल तू मझे
ु धमका रहा है । पानी
का जग उठाकर लखSदBन के Gसर पर दे मारा ।इतने मT
होटल मT हडकम मच गयी । इतने मT पGल
ु स आ धमक
लखSदBन को पड़ाव थाने ले जाकर 305,307 और भी
कई धाराये लगाकर ब-द कर >दया। । गोपी जीप के
पीछे पीछे दौड़ने लगा । इतने मT गोपी को बलाने
ु के
Gलये होटल मा◌ाGलक ने एक बैरे को दौड़ाया और खद

भी आवाज दे ने लगा गोपी भइया कह-कहकर । गोपी
लौट जीप के पीछे पीछे कहां तक दौड़ता ।होटल माGलक
यादो ने गोपी को दमाद क तरह nबठाया खाना लगवाया
। दोत के साथ हई
ु चोट के एहसास से गोपी के गले से
रोटB नहB उतरB । इतने मT त नक जाना से आदमी
सामने से गजरा
ु तो गोपी ने उसे आवाज दB वह Sक
गया । उसक लनाू पर बैठकर गोपी पड़ाव थाने पहंु चा ।
गोपी को दे खकर क}लन 5च}लाया दे खो दरोगाजी दसराू
ग8
ु डा भी आ गया । पड़ाव पGलस
ु ने गोपी पर nब}लB
क तरह झपटा मारा और जेल मT ठस
ू >दया ।गोपी
437
लखSदBन के साथ अ-दर हो गया । कोई खोज खबर
लेना वाला नहB । नरपराध गोपी क आंखो से तर-तर
आंसू बह रहे थे ।
गोपी को रोता दे खकर लखSदBन बोला-XयP बे तू Xयो
आ गया भाग जाना था ना ?
गोपी-भागकर कहां जाता । दोती खा तर आ गया । मैने
तो यह सोचा हB नहB fक मo भी अ-दर हो जाउ◌ू◌ंगा ।
लखSदBन-बाहर रहता तो मझे
ु तो छु ड़वा लेता । अब तो
गावड़े तू भी अ-दर हो गया । अब तो तू भी मलिजम

हो गया ना ?इतने मT एक बदमाश बोला आना हB था तो
मड4र करके आता । मै तो साले के पेट मT तलवार
आरपार करके आया हंू । इस तरह सभी मलिजम
ु अपने
अपराध को बढाचढा कर शान के साथ बताये जा रहे थे
। बदमाशP क बाते सनकर
ु गोपी के तो पेशाब सख
ू गये
। पड़ाव थाने दो बजे दोपहर से ब-द गोपी को चXकर
आने लगा । लखSदBन कहता हौशला गोपी मo तो कई
बार जेल जा चका
ु हंू मझे
ु आदत है । अब तू मेरा दोत
है आदत डाल ले । आधी रात के बाद एक पGलसवाला

आया और बोला मलिजम
ु गोपी और लखSदBन कौन है
आगे आ जाये । इतना सनते
ु हB गोपी कठघरे के दरवाजे
पर आ गया । दोनो को कठघरे से बाहर नकाला गया
और आतंकवा>दयP क भां त पGलस
ु के पहरे मT टB आई
के पास लाया गया । बडी सी पगड़ी बड़ी बड़ी दाढB मछ

438
वाले टB आई साहब बोले तम
ु दोने◌ा◌ं मT से गोपी कौन
है ।
लखSदBन-गोपी को आगे करता हआ
ु बोला ये है गोपी ।
टB आई अpछा तो लखSदBन तू है ।
लखSदBन-हां साहब ।
टB आई - अपने गनाह
ु क सजा जानते हो ।
लखSदBन-अपराध हB नहBं fकया तो सजा कैसी ?
टB आई- nबना अपराध के जेल मT ब-द हो । अपराध तो
fकया है । क}लन का Gसर फोड़ा । अ-दSनी चोट लगी
है उसे । बेहोश है अभी । आजीवन जेल क सजा हो
सकती है । इस अपराध के Gलये तम
ु दोनो को ।गोपी
शरBफ लगता है । यह सरकारB गवाह बन जाये तो बरB
हो सकता है । गोपी के बारे मT पव4
ू कGमqनर साहब ने
बता >दया है । मालम
ू है लखSदBन गोपी क वजह से
तमको
ु भी जमानत Gमल गयी है । यह जमानत पव4

कGमqनर साहब के दमाद बी आर Gससो>दया ने लB है ।
गोपी अपराधी नहB हो सकता है । गोपी बेटा दोती के
नाम पर इतनी कबा4
ु नी ठ$क नहB है । चार छः साल
कचहरB के चXकर लगाओ । लखSदBन दो हजार Sपये
लगेगे Uरहाई के । याद रखना कGमqनर साहब के कानP
तक यह बात नहB पहंु चनी चा>हये ।
लखSदBन गोपी के कान मT बोला गोपी दफतर वाले तो
काम नहB आयेगे घर खबर पहं चने मT प-mह >दन लग
439
जायेगे । मेरे पास पैसे नहB है तू Gससो>दया साहब से
>दलवा दे मo वापस कर दं ग
ू ा ।
ठतने मT टB आई सहब रोटB के बदले झठा
ू केस कायम
करने वाले एस आई को बलाने
ु के Gलये एक हरB को
बलाये
ु । हरB बोला वे तो जा चक
ु े है । टB आई साहब
अपने पी ए को बलावे
ु और एस आई गलाघोटू के खलाफ
चारशीट तैयार करने का हX
ु म >दये । इतने मT Gससो>दया
साहब भी आ गया । गोपी,Gससो>दया साहब से पैसे क
iयवथा करने क बात कहB । Gससो>दयाजी ने दो हजार
गोपी के हाथ पर रख >दये और गोपी ने टB आई के ।
टB आई ने अपनी जेब के हवाला fकया और गोपी और
लखSदBन को जमानत पर छोड >दया ।Gससे◌ा>दया जी
अपनी कार मT बैठाकर दोनो को कमरे पर छोड़कर चले
गये । लखSदBन कमरे पर पहंु चते हB घोड़ा बेचकर सो
गया पर गोपी क आंखP से नींद कोसो दरू भाग चक
ु थी
। सबह
ु कोट4 मे पेशी का डर भी तो था ।बड़ी मिq
ु कल से
रात बीती । सबह
ु निqचत समय पर गोपी Gससो>दयाजी
के साथ केट4 पहंु च गया । भलमानष
ु Gससो>दया जी के दो
गवाह और गवाहB के Gलये कोट4 पहंु चे गये और
लखSदBन पकार
ु पड़ने लगी तब आया ।
गोपी-अरे लखSदBन इतनी दे र XयP कर दB । Gससो>दया
भाई साहब दो आदमी के साथ तमसे
ु पहले आ गये
तY
ु हारB जमानत करवाने के Gलये जबfक तY
ु हारे ससराल

440
वालP ने मना कर >दया था तY
ु हारB जमानत लेने से ।
लखSदBन-ये सब छोड़ काम तो सब नपट गया ।
गोपी-इसीGलये दे र से आया है fक पैसे न दे ने पड़े । भाई
पांच सौ Sपये खच4 हो गये है । कोट4 के काम करवाने मT

लखSदBन-पाई-पाई दे दं ग
ू ा 5च-ता ना कर । काम तो हो
जाने दे ।
गोपी-Xयो न 5च-ता कSं । मेरे बढे
ू मां बाप म नआड4र
क इ-तजार कर रहे होगे । रोज डाfकया से पछ
ू रहे होगे
। मै तY
ु हारे उपर पैसा खच4 कर रहा हंू । तY
ु हारे fकये
क सजा भगत ु रहा हंू । अरे आदGमयत भी कोई चीज
होती है fक नहB । तमने
ु मझे
ु मलिजम
ु बना >दया और
तू मझे
ु बबेवूफ समझ कर मझ
ु गरBब का पैसा भी खच4
करवा रहा है ।
लखSदBन-चल पकार
ु पड़ गयी ।
कोट4 से जमान तो हो गयी पर मकदमा
ु कई सालो चला
। मकदम
ु T को खीचता दे खकर गोपी पUरवहन का काम
करने वाले कमलGसंह से Gमला । वे भलेमानष
ु मदद के
सलहा
ु करवाने का वादा fकये । उनके हतbेप के तर-
ु त
बाद होटल माGलक यादो और क}लन हाथ जोड़कर माफ
मांगने लगे और तर-
ु त सलहा
ु को तैयार हो गये। स`ताह
भर मT कमलGसंह ने सलहनामा
ु पेश करवा >दया । सलह

हो गयी । पpचीस साल नकाल गये लखSदBन सपद4
ु ु -ए-
441
खाक हो गया पर गोपी को पैसा नहB >दया पर
आदGमयत के राहB गोपी को Gमला जीवन भर के Gलये
मलिजम
ु का दद4 ।

जलसा
कYपनी क आधारGशला रखने के साथ थापना >दवस
मनाने का चलन शS
ु हो गया था । जqन दे श के हर
छोट बड़े दफतरो मT मनाया जाने लगा था बकायदा
कYपनी इसके Gलये बजट दे ती थी । एक Jवशेषता तो
यह भी थी fक कYपनी मT कम4चाUरयP और अ5धकाUरयP
मT nबना भेद के  त iयिXत बजट का ावधान होता
था। इस जqन मT कम4चारB ,अ5धकारB और उनका पUरवार
बढ-चढ कर भाग लेता था । यह जqन तो कYपनी के
सभी कम4चाUरयP के Gलये एक ?यौहार हो गया था ।
बpचे तो जलसे के महBने भर पहले से हB तैयारB मT लग
जाते थे । छोटे कम4चाUरयP के बpचP के Gलये तो यह
जलसे जैसा होता था । परा
ू पाUरवाUरक माहौल बन जाता
था । सभी लोग nबना fकसी भेदभाव के आन-द उठाते◌े
थे । कम4चारB और उनके पUरवार के लोग सांकृ तक मT
बढ-चढकर भाग लेते थे । इस उ?सव मT ऐसा लगता था
fक मानो साल भर क भागमभाग के फारBक होकर सभी
कम4चारB पाUरवाUरक माहौल मT छ"
ु टB मना रहे हो ।
कYपनी का यह जलसा fकसी Gसeद Jपक नक पांट
442
अथवा अpछे होटल मT आयोिजत होता था । इस जलसे
को Jवभाग मख
ु हं समख
ु साहब और अ5धक पाUरवाUरक
बना दे ते थे । जब तक वे कYपनी के शाखा मख
ु रहे
तब तक छोटे कम4चाUरयP के पUरवार को घर से लाने
और जलसा क समा◌ाि`त के बाद घर तक छोड़ने का
िजYमा बड़ी िजYमेदारB के साथ नभाते थे । कई बरसो
बाद हं समख
ु साहब का थाना-तरण हो गया । उनक
जगह पर लाभच-द साहब आ गये । लाभच-द साहब के
\वाइन करते हB कYपनी के थापना >दवस आ गया ।
लाभच-द साहब गमचप
ु ु जलसे क घोषणा शuवार
ु को
शाम को दे र से कर तो कर दB पर छोटे कम4चाUरयP को
भनक तक नहB पड़ने दB ।यह खबर fकसी तरह चपरासी
बहकदBन
ु तक पहंु च गयी । वह स-तोषबाबू
से बोला-बडे. बाबू आज के बाद दो >दन क छ"
ु टB पड़ रहB
है ।
स-तोषबाब-ू हां श नवार रJववार क छ"
ु टB तो पहले से
होती आ रहB है ।इसमT नई बात Xया है ।
बहकदBन
ु - है ना
स-तोष-तम
ु इंसीडे8टल क बात कर रहे हो । अरे भाई
इंसीडे8टल और ओवर टाइम तो खास लोगP के Gलये
होता है । हं समख
ु साहब ने काम तो खब
ू करवाये पर
इंसीडे8टल और ओवर टाइम चहे तो को >दये । हम तो
पहले से पेट पर प"टB बांधे हए
ु है । आंख मT आंसू भरे
443
हए
ु है और मेरB योयता पर व•पात हो रहा है । मo नये
साहब से भी कोई उYमीद नहB करता । बस अपना काम
ईमानदारB से करता रहंू गा ।
बहदBन
ु - सोमवार को कYपनी का वाJष4क जलसा मनने
वाला है । आप तो जानते हB हो fक साहब लोग
इक?तीस माच4 के पहले कभी भी मना सकते है । बजट
को उपभोग करना जो होता है ।
स-तोष- सब बात तमको
ु कैसे मालम
ू पड़ जाती है ।
बहकदBन
ु - ‹ाइवर,चपरासी और घर मT काम करने वालB
बाई से कछ
ु नहB छप सकता लाख कोई छपाये बड़े
बाब।ू
स-तोष-वाJष4क जलसे मT छपाने जैसी Xया बात है ।
बहकदBन
ु - है तभी तो fकसी छोटे कम4चारB को मालम

नहB है । 5च"ठ$ भी नहB जायेगी सभी फ}उ अफसरP
को फोन पर खबर पहंु चेगी । छोटे कम4चाUरयP को दरू
रखे जाने क सािजश रची जा रहB है ।
स-तोष- तमको
ु कोई गलतफहमी हो गयी है बहकदBन
ु ।
बहकदBन
ु -नहB बड़े बाबू । कोई गलतफहमी नहB है ।
लाभच-दसाहब Gसफ4 अफसरP को बलाना
ु चाहते है । छोटे
कम4चाUरयP को दरू रखना चाहते है । गैप मेनटे न जो
करना है ।
स-तोष-Xया ? कह रहे हो मेरB तो कछ
ु भी समझ मT
नहB आ रहा है ।
444
बहकदBन
ु -सोमवार को समझ मT आ जायेगा आfफस आने
पर
स-तोष- Xया मालम
ू पड़ जायेगा?
बहकदBन
ु - सpचाई
स-तोष-यार साहब ने मझे
ु बताया तो है नहBं । ऐसे कैसे
जलसा आयोिजत हो जायेगा । बpचे तो सबह
ु कू ल चले
जायेगे । प?नी क तnबयत खराब है तम
ु सभी जानते हो
चलना fफरना बड़ी मिq
ु कल से हो पाता है । कैसे बpचे
आयेगे ।
बहकदBन
ु -लाभच-द साहब और उनके चममचे यहB चाहते
है fक छोटे कम4चारB और न उनके बpचे जलसे मT
शाGमल हो पाये । सोमवार को आfफस खलने
ु पर स5चत

तो करे गे ताfक छोटे कम4चारB अछतP
ू क तरह जलसे से
दरू रहे , जानते है ना बड़े बाबू ?
स-तोष- Xया?
बहकदBन
ु -इ}जाम भी आपके Gसर आने वाला है ।
स-तोष-यार तम
ु मझे
ु XयP भड़का रहा है ।
बहकदBन
ु -भड़का नहB सहB कह रहा हंू अपने जाससी ू
कानP क कसम । गाज तो बड़े बाबू तम
ु पर 5गरने वालB
है । सावधान रहना ।
स-तोष- Xया गाज 5गरे गी । हमT ओवर टाइम और
इंसीडे8टल से कोई लगाव नहB है । जSरत पड़ेगी तो
आकर काम कर दं ग
ू ा कYपनी के Gलये बस ।
445
बहकदBन
ु -यहB वफादरB तो गाज का कारण बनने वालB है
।वैसे भी ये साहब अपने वालP को \यादा तव\जो दे ते है
। जब से आये है तब से दाS के कये
ु मT कद ू कर
ू -कद
जqन हB तो मना रहे है ।यह जqन Sतबेदार तभी होगा
जब छोटे लोग जी हजरB
ु करे चYमचP क तरह । जो
कछ
ु कह रहा हंू सनी
ु सनाई
ु हB नहB खंजांचीबाबू भी
Jवuय अ5धकारB से ब तया रहे थे इसी बारे म।T सोमवार
को आfफGसयलB छोटे लोगो को स5चत
ू fकया जायेगा
ताfक छोटे लोग सपUरवार नहB पहंु च पाये । दे खना
सोमवार को यहB होगा ।
स-तोष-अरे नहB बहकदBन
ु इतने बड़े बड़े साहब लोग
भला ऐसा सोच सकते है Xया ? तमको
ु कोई गलतफहमी
हई
ु है ।
बहकदBन
ु -XयP इतने भोले बन रहे हो बडे बाबू सबसे
\यादा तो आपके साथ भेदभाव होता है । दे खना मo जो
कह रहा हंू वहB होने वाला है ।हमारे और आपके बpचे
जलसे मT नहB जा पायेगे ।दफतर क गाड़ी मT तो साहब
और उनका पUरवार जायेगा । दफतर क गाडी साहब के
Gलये चौबीस घ8टे के Gलये Uरजव4 है । हम जैसे छोटे
लोग तो भर आंख दे ख भी नहB सकते । बाक लोगP का
इ-टाइटलमे8ट है lवेल से कार बला
ु लेगे हम और आप
साइfकल से जायेगे Xया ? परा
ू पUरवार लेकर वह भी
शहर से पpचीस fकलोमीटर दरू ।
446
स-तोष- 5च-ता मत करो साहब सबके Gलये iयवथा
करगे
T । ऐसा भेदभाव नहB करे गT । अरे हमारे नाम का
भी पैसा तो कYपनी ने >दया है Gसफ4 साहब लोगे◌ा◌ं के
Gलये थोडे हB थापना >दवस का जलसा आयोिजत होता
है ।
बहकदBन
ु - मझे
ु जहां तक जानकारB है लाभच-दसाहब
Gसफ4 अ5धकारB वग4 को जलसे मT शाGमल करना चाहते है
। हं समखसाहब
ु जैसे छोटे बड़े सबको साथ मT लेकर नये
साहब नहB लेकर चलने वाले । पराने
ु Oयालात के लगते
है । पराने
ु Oयालात के लोग fकतने खतरनाक होते है
वं5चतP के Gलये।बड़े बाबू ये Xयो भल
ू जाते हो आप भी
उसी वं5चत समाज से आते हो । आपके खलाफ fकतने
षणय-d रचे गये और रचे जा रहे है नर-तर यहां Xया
आप भल
ू गये ।
स-तोष-ऐसी बाते मत करो बहकदBन
ु । पढे Gलखे हो
उpच Jवचार रखो । कांटे बोने वालP के Gलये फल
ू बोओ
बाक सब भल
ू जाओ। अpछाई के बारे मे सोचे बरB

?यागो बहकदBन
ु । अभी जलसे क कोई चचा4 नहB है ।
सोमवार को जqन कैसे मन पायेगा । मझे
ु तो नहB
लगता । बहकदBन
ु जब भी जलसा आयोिजत होगा हमारे
तY
ु हारे और सभी के बpचे शाGमल होगे कYपनी के
जलसे मT । य>द तY ु हारB बात सहB हई
ु तो सचमच
ु मT
छोटे कम4चाUरयP के साथ अ-याय होगा ।
447
बहकदBन
ु -अ-याय तो होकर रहे गी Xयोfक हवा लाभच-द
साहब के \वाइन करते हB JवपरBत चलने लगी है
खासकर छोटे और शोJषत कम4चाUरयP के स-तोषबाबू ।
आप मेरB बात मान भी तो नहB सकते XयPfक आपका
दजा4 मझसे
ु थोड़ा उ◌ु◌ंचा जो है ।
स-तोष-बहकदBन
ु तम
ु भी कम4चारB हो मo भी । ठ$क है
मo बाबू हंू तम
ु चपरासी हो बस इतना सा फक4 है ।
बहकदBन
ु - साहब लोग तो इससे उपर सोच रहे है ना
।कम4चाUरयP और अ5धकाUरयP मT गैप मे-टे न करना
चाहते है । शSआत
ु तो बहत
ु पहले से हो गयी है । आप
तो भेद क तलवार हर चहरे पर तनी >दखने लगी है ।
खैर बहत
ु बात हो गयी । इस बारे मT fकसी से कछ ु
कहना नहB । नहB तो मo तारगेट हो जाउ◌ू◌ंगा ।जqन तो
सोमवार को हB मनेगा यह भी नोट कर लेना ।
स-तोष-इतना अ-याय तो नहB होगा बहकदBन
ु ।
बहकदBन
ु -होगा मेरB बात Xये◌ा◌ं नहB मानते । पराने

सारे अ-याय भल
ू गये Xया ?
स-तोष-हां । कल का सरज
ू खशी
ु लेकर आयेगा ।
बहकदBन
ु -सोचने और हककत मT अ-तर है ।अपने दफतर
मT यह अ-तर Gसर चढ़क बोलने लगा है ।
स-तोष-दे खते है सोमवार को Xया होता है? अब मझे

काम कर लेने दो ।बहत ु काम है । दे खो इतनी सारB
Uरप‰ट बनानी है और टाइप भी करनी होगी ।
448
बहकदBन
ु -करो बाबू अरमानP क बGल चढाकर । इन लोगP
को खश
ु नहBं कर पाओगे fकतनP रात >दन एक कर दो ।
श नवार और रJव◌ार क छटटB
ु है । असGलयत से तो
सोमवार को SबS हो पाओगे स-तोष बाबू ।
स-तोष-इ-तजार कSंगा और भगवान से ाथ4ना भी fक
सब कछ
ु अpछा हो ।
श नवार और रJववार क छ>"
ु टयां ख?म हो गयी ।
सोमवार के >दन स-तोष दफतर पहंु चा दोपहर के खाने
क >टfफन लेकर । यारह बजे तक स-तोष को भनक
तक नहB लगने पायी पर अ-दर -अ-दर सारB तैयाUरयां
चल रहB थी । श नवार और रJव◌ार क छ>"
ु टयP मे◌े◌ं
बpचP के खेल खलौने एवं 5गफ" आ>द के नाम पर
अpछ$ खरBदारB और कमाई भी लाभच-दसाहब के
चYमचP ने क । दो >दन क छ"
ु टB का इंसीडे8टल भी
Gलये । खैर ओवरटाइम और दसरे
ू अ-य फायदP से
स-तPष को पहले से हB दरू रखे जाने का षणय-d था
पर काम तो करना हB पड़ता था आंखP मT आसू छपा
कर । स-तोष काम मT लगा हआ ु था इतने मT बहकदBन

पानी का 5गलास टे बल पर पटकते हए
ु बोला लो बड़ेबाबू
पानी पी लो ।
स-तोष-पानी Jपला रहे हो या टे बल तोड़ रहे हो ।
बहकदBन
ु -बडे.बाबू >दमाग बहत
ु खराब है अभी ।
स-तोष-XयP ।
449
बहकदBन
ु -कYपनी क थापना के जलसे का आयोजन
आज हो रहा है ना । मेरे बpचे कैसे जायेगे । सब कूल
गये है । मo खद
ु >टfफन लेकर आया हंू ।होटल चांद शहर
से बीस fकलोमीटर दरू है । कैसे पहंु च सकता हंू ।
स-तोष-Xया ? मo भी >टfफन लेकर आया हंू ।मेरे बpचे
भी कूल गये है । ये कैसा जलसा है । इतने मT
लाभच-द साहब कालबेल पर जैसे बैठ गये बहकदBन

भागा भागा गया ।
साहब-बहकदBन
ु होटल चांद मT आ जाना कछ
ु दे र मT ।
टाइJपट Xया नाम है उसका ?
बहकदBन
ु -बड़े बाबू का नाम ।
साहब-हां वहB तYु हारे बड़े बाबू ।
बहकदBन
ु -स-तोष बाबू
साहब- हां । स-तोष उसको भी बोल दे ना । लंच तम

लोग वहB कर लेना ।
बहकदBन
ु - कोई ो,ाम है होटल चांद मT साहब ?
साहब-हां कYपनी के थापना >दवस का जलसा मन रहा
है ना आज ।
बहकदBन
ु -Xया ?
साहब-मंह
ु XयP फाड़ रहे हो । जाओ बड़े बाबू को बलाकर

लाओ ।
बहकदBन
ु - साहब के हX
ु म का ताGमल fकया ।
स-तोष साहब के सामने हािजर हआ ु । साहब उसको
450
दे खकर बोले XयP स-तोषबाबू जलसे मT नहB चल रहे हो
Xया ?
स-तोष- कैसा जलसा सर
साहब-XयP खंजाची साहब ने तमको
ु नहB बताया था ?
Xया तमको
ु ये भी पता नहB सभी कम4चारB सपUरवार इस
जलसे मT शाGमल होते है ।
स-तोष- सभी सपUरवार शाGमल होते है यह तो मालम
ू है
पर ये तो नहB मालम
ू था fक अभी यारह बजे जलसे
का आयोजन हो रहा है । वह भी शहर बीस fकलोमीटर
दरू पहाड़ो के बीच मT ।
साहब-अब तो मालम
ू हो गया ना ? आने का मन बने
तो जाना नहB तो दफतर का काम दे खो कहते हए ु
लाभच-द साहब ससि\
ु जत कार मT बैठ गये कार पहाड़P
के बीच िथत चांद होटल क और दौड़ पड़ी और उसके
पीछे दसरे
ू अफसरP के कारP का काfफला भी । अब
स-तोष बाबू के सामने Gसर धनने
ु के Gसवाय और कोई
राता न था ।
बहकदBन
ु - बड़े बाबू XयP Gसर पर हाथ रखकर बैठे हो।
शाम छः बजे तक काम नपटाओ और घर जाओ साहब
यहB कहकर गये है ना । वाह रे साहब छोटे कम4चाUरयP
का हक मार कर बोतले तोड़ेगे,ठमका
ु लगायेगे । ये कैसे
साहब लोग है जो †_टाचार को पोष रहे है ? कमजोर
कम4चाUरयP के >हत दबोच रहे है । शे◌ाJषत / कमजोर
451
कम4चाUरयP के >हतP क रbा साम-तवादB सोच के साहब
लोग कैसे होने दे गे ? दे खो स-तोष बाबू मo तो अब जा
रहा हंू । लंच करने का मन नहB हो रहा है ,मझे
ु नकाह
मT जाना है । चाभी रखP । ब-द कर दे ना । तकलBफ तो
होगी पर सबह
ु थोड़ा ज}दB आ जाना । झाडू वालB नौ
बजे आती है ना ।
स-तोष-ठ$क है । मझे
ु तो बैठना हB होगा वरना कोई
इ}जाम Gसर आ जायेगा ।
बेचारे स-तोषबाबू सायं साढे छः बजे तक दफतर मT काम
करते रहे । साढे सात बजे घर पहंु चे । पापा के आने क
आहट से बडी बी>टया बाहर आयी । स-तोषबाबू के हाथ
से >टfफन थामते हए
ु बोलB पापा आपक कYपनी का
सालाना जलसा कब होगा ? स-तोषबाबू क जीभ तलवे
से 5चपक गयी इतना बोल पाया fक कब तक जलना
होगा म"
ु ठ$ भर आग मT और अचेत होकर ख>टया पर
5गर पड़े धड़ाम से ।

सेर भर कमाई
तीरथ आंख खलते
ु हB गांव के बड़े जमीदार कंु वर Jवजय
बाबू क हलवाहB करने लगा था । िजस हाथ को कलम
पकड़नी चा>हये थी उस हाथ को हल क मठ
ू पकड़ने क
मजबरB
ू आ गयी । कवं
ु र बाबू का गोबर और हल-बैल से
खेत जोतते जोतते हB वह होश सYभाला था । होश
452
सYभालते हB उसक Jवधवा मां को पतोहू क कमी
सताने लगी । तीरथ का गौना आ गया । गौना आते हB
सगनीदे
ु वी तीरथ से कंधे से कंधा Gमलाकर मेहनत
मजदरB
ू करने लगी । सगनीदे
ु वी का साथ पाकर तीरथ
को सकन
ू Gमलने लगा । साल दर साल उसके घर न-हे
मुनP का अवतरण होता रहा । नौ साल मT नौ बpचे
िजसमT से चार खदा
ु असमय खदा
ु को `यारे हो गयी ।
बाक बचे दो बेट और तीन बे>टयां खदा
ु क नयामत
पर पलते बढते रहे तीरथ और सगनीदे
ु वी कंु वर
Jवजयबाबू का सहते रहे शोषण,उ?पीडन और पशता
ु का
iयवहार भी । दUरmता के दौर से गजरते
ु हए
ु भी तीरथ
ने बेटे को पढाने क कसम खा Gलया । कंु वर Jवजय
बाबू के मना करने के बाद भी ।तीरथ के सामने
खाना,कपडा और मजबत
ू घासफस
ू क छत का भी संकट
था । ऐसे संकट मT भी बड़ा बेटा 5च-तासाद एक-एक
कbा आगे बढता रहा । इस तरह करके वह पांचवी
जमात पास कर गया fफर आठवी । आठवी पास करते
हB तीरथ कंु वर Jवजय बाबू के छोटे भाई कंु वर ताप बाबू
जो शहर मT बड़े अफसर थे से◌े 5च-तासाद को शहर मT
नौकरB पर लगवाने क GसफाUरश मT जट
ु गया । कंु वर
तापबाबू तीरथ से कहते -तीरथ और मेहनत से काम
करो । हवेलB के काम को अपना काम समझ कर करो ।
5च-तासाद को और आगे पढाओ तब नौकरB Gमल
453
सकती है ।
तीरथ कहता और fकतना आगे तक बाबू ?
कंु वर ताप बाबू कहते बी ए पास कराओ ।
तीरथ पछता
ू ये कौन सी पढाई होती है ?
कंु वर ताप- तेरा बेटा अभी आठवी पास fकया है ना ।
तीरथ-हां बाबू ।
कंु वरताबाब-ू दे ख अभी सात साल और लगेगा । इसमT
पैसा भी बहत
ु लगेगा ।
तीरथ-बाबू पैसा तो मेरे पास नहB है । सेर भर कमाई के
अलावा अपने पास कोई आढत तो नहB है ।
कंु वर ताप-nबना पैसे के कैसे पढाओगे शादBशदा
ु बेटवा
को । दो साल के बाद गौना ला दोगे । बेटवा के पैर मT
जंजीर बांध दोगे । दे खो पढाई Gलखाई तम
ु लोगP के Gलये
नहB है । तम
ु लोग बस हम जमीदारP क खेतीबारB का
काम सYभालते रहा। इसमT बराई
ु Xया है ? पेट परदा तो
हरवाहB चरवाहB से हB तो चल रहा है ना आजतक । अरे
बड़े Oवाब दे खने भर से परेू नहB होते । उसके Gलये भी
मशXकत करनी पड़ती है ।
तीरथ-और fकतनी मशXकत कSं बाबू ? ये दे खो धान क
रोपाई मT शरBर को>ढयP जैसी हो गयी है । गेहू ं क बवाई

के समय पांव के तलवे मोटB रोटB जैसे परत छोड़ दे ते है
। यहB हाल घरवालB का भी होता है । हवेलB का गोबर
फकते
T T
-फकते चालBस साल क उt मT असी साल के
454
बढ़ ू े जैसा हो गया हंू ?
कंु वर ताप- बेटे से शहर मT नौकरB करवाना चाहते हो तो
बी ए तक पढाना पड़Tगा । तम
ु तो सरकारB ˆाहमण हो ।
तY
ु हारे बेटे को सरकारB नौकरB Gमल जायेगी ।
तीरथ-बाबू ताना न मारो । मेरे बेटवा क नौकरB लगवा
दो बस बाबू ना जाने fकतने लोगP क आपने नौकरB
लगवाई है । बाबू अपने कंधे पर nबठाकर तमको
ु खलाया
हंू । इतना एहसान तो कर दो । बाबू आप तो जानते हB
हो एक बीसी जमीन नहB है । आपक बंधुवा मजदरBू के
बदले Gमले दस बीसा खेत और सेर भी मजदरB
ू के भरासे
बpचT का पाल रहा है । न खाने का और न रहने का
कोई पO
ु ता इंतजाम है । बाबू आपक चौखट पर मेरा
जीवन nबता है । मo भी ब◌ू
ू ढा हो चला हंू न जाने कब
आपक गलामी
ु करते हए
ु सांस ब-द हो जाये । बाबू
बचपन से अब तक दख
ु दUरmता क म"
ु ठ$ भर-भर आग
मT बहत
ु सलगा
ु हंू । जीवन के आखरB पल मT मन को
त नक ठ8डक दे दो बाबू बेटवा को नौकरB लगवा कर ।
कंु वरतापबाब-ू XयP मेरB जान खा रहे हो । तY
ु हारे बेटे
को सरकारB नौकरB कहBं न कहB Gमल जायेगी । सरकार
ने तो तम
ु लोगP को आरbण भी तो दे रखी है । अगर
नहB भी GमलB तो Xया हवेलB मT कम काम है । पढा
Gलखा मजदरू रहे गा तो काफ सहGलयत
ू हो जायेगी ।
तY
ु हारB जैसे nबत रहB है 5च-तासाद क भी nबत
455
जायेगी ।
तीरथ कंु वरतापबाबू क बातो से बहत
ु दखी
ु हआ
ु ।
उसक आंखो मे आंसू भर आये । उसक आंखो के आंसू
का मोल समझकर कंु वर ताप का >दल पसीज गया । वे
उसके कंधे पर हाथ रखते हए ु बोले 5च-ता ना कर ।
कंु वरतापबाबू के कंधे पर हाथ पड़ते हB तीरथ को लगा
fक उसके सारे दख
ु दरू हो गये ।
तीरथ कंु वर तापबाबू के O◌ात
े से हवेलB तक हाड़फोड़-
फोड़ कर बढा
ू हो गया । कज4 का बोझ >दन पर >दन
बढता जा रहा था । जब भी शहर से कंु वर Jवजयबाबू
आते तो उनके घर आसपास के हB दहB दरू दरू तक के
उनके nबरादरB के.◌े लोगP का हजम
ु ु उमड़ पड़ता था
नौकरB लगवाने के Gलये। मौका Gमलते हB तीरथ कंु वर
Jवजयबाबू के सामने 5गड5गड़ा लेता। कंु वर Jवजयबाबू
आqवासन क ह}क सी आXसीजन दे कर आगे बढ जाते
जबfक 5च-तासाद को बी ए पास fकये पांच बरस गजर

गये थे । वह दो बpचP का बाप भी बन चका
ु था ।शहर
मT नौकरB के Gलये >दन-रात एक कर रहा था पर
नौकUरयां थी fक उससे कोसो दरू भागी जा रहBं थीं ।
सब ओर से नराश होकर 5च-तासाद खद
ु शहर मT कंु वर
Jवजयबाबू के बंगले पर Gमला आपबीती रोया ।कंु वर
Jवजयबाबू महBने भर बाद आना ,दो महBने बाद आना ।
ऐसा करते करते साल nबत गये । अ-ततः वे अपने हB
456
Jवभाग मT अथायी नौकरB पर लगवा >दये ।
5च-तासाद लगन से नौकरB करने लगा । उसे नौकरB
करते साल भर भी नहB हए
ु थे fक अचानक
कंु वरJवजयबाबू क म?ृ यु ]दयग त Sकने से हो गयी ।
5च-तासाद के सामने fफर मसीबतP
ु का पहाड़ 5गर पडा
।उसे नौकरB से बाहर करने क सािजशे◌े◌ं रची जाने
लगी । सािजश कामयाब भी हई
ु कई महBनT तक काम
करने के बाद तनOवाह तक नहB GमलB । बेचारा कल
अpछा होगा इसी आशा मT वह दफतर आकर काम करता
रहा जबfक उसे नौकरB से न_काGसत भी fकया जा
चका
ु था । काया4लय मख
ु आqवासन पर आqवासन
सामने दे ते ताfक बेगारB करता रहे और पीछे से उसक
बराई
ु करते छोटB जा त क वजह से । खैर 5च-तासाद
के जीवन मT बहतु उतार -चढाव आये । कई कई >दन
उसने फांके मT भी nबताये । अ-ततः उसक तपया
सफल हो गयी कंु वरJवजयबाबू क मौत के बरसP बाद
चौथे दजk क नौकरB पXक हो गयी पर उ?पीड़न,शोषण
और भेदभाव कम नहB हआ
ु । ताड़ना और शोषण जारB
था पढे Gलखे तथाक5थत उं चे लोगP के बीच ।
5च-तासाद अपने मां बाप को भगवान मानता था
।उसके मां बाप जमींदार कंु वर तापबाबू के O◌ात
े से
हवेलB तक शरBर को नचोड़- नचोडकर सखे
ू ग-ने क
तरह हो गये थे । ढे र सार बीमाUरयP ने भी दबोच Gलया
457
था । एक >दन सगनीदे
ु वी कंु वरताप के खेत मT काम
करते समय गश खाकर 5गर पड़ी । बती के मजदरू
उठाकर दवाखाना ले गये । दवादाS शS
ु हो गया इसके
बाद भी सगनीदे
ु वी को आराम नहB हो रहा था ।
5च-तासाद का छोटाभाई Gम-नतसाद घबराकर
lं ककाल fकया । वह रोते हएु बोला भइया मां बहत

बीमार है । अपताल मT भत| है ।
5च-तासाद- >हYमत रखो मo परसो तक गांव आ
जाउ◌ू◌ंगा ।
5च-तासाद दो >दन क रे लयाdा के बाद गांव पहंु च तो
गया मां से मलाकात
ु नहB हई ु । वह 5चर नmा मT सो
चक
ु थी । 5च-तासाद क आंखP के सामने बीती वे
सारB बातT चल5चd क तरह घने
ू लगी थी िजसमT शाGमल
था मेहनत मजदरB
ू ,उसके सघंष4 क दखद
ु दातान भGम

माGलको Šारा दोहन,शोषण,अपमान के कई दद4 नाक
बारदाते,झठे
ू चोरB के इ}जाम क पीड़ा और आंखP से
झलकते आंसू । Oु◌ालB आंखP का सपना पर सारे सपने
सगनीदे
ु वी क ]दयग त Sकते हB बरफ सरBखे जम गये
थे। समय तो बदल रहा था पर सामािजक खाईया और
गहरB हो रहB थी । सबल बाहबलBु लोग दBन दखयP
ु पर
आतंक का Gशक ं ं जा नद4 यता से कसते जा रहे थे ।
वं5चतP के Gलये खले
ु आसमान क ओर दे खना भी
 तबं5धत लग रहा था । शहर हो या गांव हर ओर से
458
शोJषतP के खलाफ बयार चल रहB थी । इस खलाफत
के चuiयह
ू मT फंसे 5च-तासाद का भी सपना चौपट हो
रहा था । उसक नौकरB तो पXक हो गयी थी पर चौथे
दजk से आगे जाने के सारे दरवाजे ब-द हो गये थे उसके
Gलये । इस तरह क नाकेब-दB क िजYमेदारB
साम-तवादB काननi
ू यवथा पर आधाUरत साम-तसमह
ू मT
कंु वरJवजयबाबू पहले हB कर चक
ु े थे । इस बात का िजu
कछ
ु कम4चाUरयP क दबी जबान
ु पर आ हB जाता पर
5च-तासाद ने इस पर यकन नहB fकया कभी पर
सpचाई क बू तो थी Xयोfक नीचे से लेकर शीष4 तक
सभी कंु वरJवजयताबाबू के हB पोJषत थे और वहB
कYपनी मT सYभवतः एक माd वं5चत 5च-तासाद क
तरXक को एकदम से अवSeद कर >दये थे । शायद
इ-हB बाधाओं क वजह से 5च-तासाद कोई तरXक नहB
कर पाया। उसके बाप और उसमT बस इतना सा फक4
था fक बाप भGम
ू माGलकP के खेतP मT आसंू बहा रहा था
और 5च-तासाद आधु नक यग
ु के साम-तसमह
ू मT ।
5च-तासाद के >दल मT उथलपथल ु मचा हु आ था इसी
बीच उसके बाप तीरथ है 8डपाइप से एक लोटा पानी लाये
और 5च-तासाद को थमाते हएु बोले बेटा तू इस कदर
रोयेगा तो मझे
ु >दलासा कौन दे गा । तीरथ क बातो मT
बहत
ु दद4 था बाप क बातT सनकर
ु 5च-तासाद के आंसू
जम गये ।तीरथ 5च-तासाद को गले लगा Gलया । दो
459
>दन से सगनीदे
ु वी क मतदे
ृ ह लेकर बैठे लोग रो पड़े ।
इतने मT fकशन
ु काका आगे बढकर आये 5च-तासाद को
नीम क छांव मT ले गये । समझाते हए ु बोले बेटा बहत

दे र हो गयी है दो >दन से परB
ू बती भौजाई क मतदेृ ह
लेकर बैठ$ हईु है तYु हारB इ-तजार मT आंसू पोछो । बेटा
तY
ु हारB मां भले हB अनपढ थी पर उसे सपने बोने अpछ$
तरह से आता था । हमेशा आगेआगे चलते रहने को
सीख दे ती थी । वह तो परB
ू बती fक अनपढ गS
ु थी ।
उसके बती क खलB
ु आगे मT बोये सपने बेकार नहB
जायेगे । वह तो प8
ु य आ?मा थी परमा?मा के पास चलB
गयी ।बेटा अपना फज4 खशी
ु -खशी
ु परा
ू करो धरती पर
कौन अमर है । जानता हंू बेटा मां परBू द ु नया है पर
इस द ु नया से nबछु ड़ना भी तो निqचत है । आंसू पोछो ।
fuया-कम4 क तैयारB तो पहले से हB हो गयी है ◌ै । यह
बता दो कहां अि-तम संकार होगा-बनारस या औKड.हार
?
5च-तासाद- काका मण4कण4का ।
5च-तासाद Gम-नतसाद को बलाया
ु और दो जीप क
~यवथा करने को कहां आधे घ8टा मT जीप आकर खड़ी
हो गयी । बती के मजदरP
ू क बै8डपाटx के मातमी धन

ने बादलP को जैसे Sला >दया । तभी fकशनकाका
ु जोर
से 5च}लाये Xया सोच रहे हो 5च-तासाद तY
ु हारB मां
दे वी थी अpछ$ मौत पायी है । चलो कंधा लगाओ ।

460
तीरथ, 5च-तासाद, Gम-नतसाद और fकशन
ु काका ने
सगनीदे
ु वी के >टकठ$ पर सजे मत
ृ दे ह को कंधे पर
उठाकर चलने लगे और उनके आगे मातमी धन
ु बजाते
बै8डबाजे वाले और सबसे पीछे रोते nबलखते पUरजन
और मजदरू बती के लोग । बारB-बारB से सभी पUरजन
और बती के लोगो ने कंधा >दया । आधा fकलोमीटर
पैदल चलने के बाद सगनीदे
ु वी के मतदे
ृ ह को >टकठ$
स>हत जमीन पर रखा गया । लोग अि-तम दश4न fकये
। कछ
ु अन_ु ठान परेू fकये गये । इसके बाद मददे
ृ ह को
जीप पर बांध >दया गया और दाह संकार के Gलये जीपे
बनारस क ओर सरपट दौड़ पड़ी ।
बनारस जीप टै 8ड से fफर सगनीदे
ु वी का मतदे
ृ ह कंधो
पर आ गया । बनारस क सकरB गGलयP से गजरता

हआ
ु इस शव याdा मT शाGमल लोग सगनीदे
ु वी क
जय,जयकार करते हए
ु मण4कण4का घाट पहंु चे। जहां
सगनीदे
ु वी का मत
ृ शरBर पंच?तव मT JवलBन हो गया और
शेष था तो बस गरBबी,भGमहBनता
ू ,असमानता क पीड़ा,
संघष4 क दातान और सगनीदे
ु वी के बोये खलB
ु आंखP मT
जीJवत सपने ।
कलंक
ये कैसे अमानष
ु लोग है जो कमजोर तबके के द}
ू हे को
घोड़ी पर चढने से रोक रहे है ,मं>दर मT माथा पटकने पर
हं गामा कर रहे है । म>हलाओ का अपमान कर रहे है ।
461
Jव›ा मं>दर मT वं5चतP के बpचP को सबलP के बpचो से
दरू nबठाकर दोपहर का भोजन कराया जा रहा है ।समाज
हो या €म क म8डी हर जगह भेदभाव क तफान
ू ।
शे◌ाJषत वं5चत आदमी क8डे से आंसू पोछने को मजबरू
हो रहा है । शm
ू गंवार ढोल पशु नारB ये ताड़न के
अ5धकारB धाGम4क ,-थ मT Xया Gलख गया है fक शm

गंवार ढोल पशु और नारB पर ज}
ु म क खलB
ु छट
ू Gमल
गयी है ।वे लोग तो इस मr
ु दे पर आंख कान ब-द कर
लेते है जो दे श के संJवधान मT खाGमया बताकर बदलने
क बात करते है ।वहB संJवधान िजसक द ु नया मT उं ची
शान है ।
गांवो क तो और दद4ु शा है वं5चत समाज नारकय जीवन
जी रहा है । भGमहBनता
ू का अGभशाप झेल रहा है
जा तवाद के कोढ का Uरसता जOम बदा4qत कर रहा है ।
काफ पढे -Gलखे पर जातीय भेद क उपजी पीड़ा से बेहाल
नौकरB तक छोड़ने का मन बना चक
ु े चेतन >दल को
राहत दे ने के Gलये कोरे प-ने पर कछ
ु Gलखते और हवा
मT उछाल दे ते । यह fuया बार-बार दहराये
ु जा रहे थे
उनके साथ बैठा छे दBलाल चेतन के दद4 से अनजान तो
न था । चेतन ऐसा कछ
ु Gलखने का यास कर रहे थे
िजससे समानता का सोधापन मखUरत
ु हो और जो
जातीय जहर को पोJषत करने वाले >दलP से नफरत क
जगह मानवता क बयार उपजे ।
462
चेतन क बेचैनी को दे खकर गीता छे दBलाल से बोलB
दे वरजी Uरंकू के पापा बहत
ु परे शान है fकतनी बारर
समझा चक ु पर मानते हB नहB 5च-ता क 5चता पर
सलगते
ु रहते है । अरे तY
ु हारे अकेले से लोग नहB
बदलेगे । ठ$क है जा त क वजह से अड़चने आ रहB है
तो छोड़ दो नौकरB कर लो जते
ू च`पल क दकान
ु ।
चेतन-अरे मेरे मां बाप का सपना था fक मo बड़ा अफसर
बनू पर नहB बन पाया जबfक सारB खnबयां
ू मेरे पास है
। जते
ू च`पल क दकान
ु चलाने के Gलये इतनी पढाई क
जSरत नहB होती Uरंकू क मां । मेरB िज-दगी तो बीमार
क हं सी हो गयी है और उYमीदT डबते
ू सरज
ू क रोशनी ।
छे दBलाल-भौजाई समझौता कर आगे बढने क बात कर
रहB हo XयP भौजाई यहB ना ?
गीता-हां दे वरजी बpचP को पढाना Gलखाना है ।उनका
भJव_य संवारना है ।
चेतन-जब तक समानता का अ5धकार नहB Gमलेगा तब
तक वं5चतP का भJव_य नहB संवर सकता । सामािजक
और आ5थ4क Sप मT समानता क दरकार है पर कौन
वं5चतP के दद4 को सना
ु है । जा त तोडो क जगह
जा तवाद को बढावा >दया जा रहा है ताfक वोट बना रहे
। तरXक से दरू बैठा वं5चत समाज अंधेरे मT बना रहे
दUरmता,अGशbा,गरBबी और जा तवाद का बोझ ढोता रहे ।
धम4 नपbता
k का नारा तो >दया जा रहा है पर जातीय
463
नपbता
k का XयP नहB । कटनी
ू त का मामला है गरBब
को गरBब बनाये रखने क सािजश है । वं5चत आदमी
हौशले से त नक आगे बढता है तो उसको नीचे खींचने
के यास जोर पकड़ लेते है । बाहबGल
ु ,दबंग वं5चतP क
राह मT काटे बो रहे है ,साहकार
ू ,शोषणकरने वाले लोग
खले ु आम छल रहे है । शोJषत कज4 मT गले तक डबा ू हआु
है । उसके पीछे खाई है तो सामने मौत का कंु आ, जाये तो
जाये कहां । हर जगह उसे जीने के Gलये संघष4 करना
पड़ रहा है चाहे समाज हो या €म क म8डी ।
छे दB-बात मT दम तो है भइया तY
ु हारB। सहB मायने मT
सामािजक भेद हB शोJषतP क अव-न त का कारण है ।
िजस >दन आदमी आदमी को आदमी समझने लगेगा उस
>दन तरXक के बहआयाम
ु खलु जायेगे । तब आदमी
को आदमी ो?सा>हत करे गा हतो?सा>हत नहB । सच मT
भइया तब इस धरती पर आदGमयत आबाद हो जायेगी ।
दभा4
ु यवस आज उसी दे श का आदमी जा तवाद क
म"
ु ठ$ भर आग मT सलग
ु रहा है जहां से द ु नया भर मT
अमन शाि-त और भाईचारे का संदेश गया था ।
चेतन-मानवीय भेद क वजह से हB तो Jवyान के यग

मT €म क म8डी मT भी मेरे जैसे iयिXत क कˆ खोदB
जा रहB है । भगवान का चम?कार हB कहो fक दफन
होने से अभी तक बचा हआ ु हंू । Gसर पर कांटो का ताज
Gलये बस जी रहा हंू ।दे खो बकरे क मां कब तक खैर
464
मनाती है । भेदभाव क आग मT सलगता
ु जीवन सwय
समाज के आदमी का जीवन नहB है छे दB।
छे दB-ठ$क कह रहे हो चेतन भइया । य>द तथाक5थत
उpच समाज मानवीय भेद को बढावा न दे ता तो सभी
मानव समान होते भले हB वे fकसी धम4 के मानते ।
हमारे यहां तो वधम| के साथ जानवरP जैसी बदसलक

क जाती है । इस यग
ु मT भी शोJषत / वं5चत समाज के
कये
ु का पानी अपJवd है । उनके छने
ू से आदमी अपJवd
हो जाता है । यह तो मानवता के साथ अ-याय है ।
चेतन-हां छे दB भेदभाव क आग मT वं5चतP का भJव_य
सलग
ु रहा है । दे खो मेरे साथ fकतना अ-याय हआ
ु है ।
बढB
ू सामािजक iयवथा के वाहक दःख ु क घड़ी मT भी
चैन से नहB रहने दे ते । आधु नक यग
ु क कYपनी मT
मझ
ु जैसे शोJषत iयिXत का अंधकारमय भJव_य
सामािजक कi
ु यवथा क म"
ु ठ$ भर आग क दे न है ।
काश मo fकसी सरकारB दफतर मT होता तो तरXक के
अवसर तो Gमलते ।
छे दB-तम
ु िजस कYपनी मT काम कर रहे हो वहां तो
साम-तवादB iयवथा लागू है । ऐसी iयवथा मT शोJषतP
क तरXक तो प?थर पर दब
ू उगने जैसी है । तY
ु हारे
ु Uरटायरमे8ट क कंगार पर आ गये
अरमान नहB परेू हए
। तY
ु हारे जैसे पढे Gलखे लोग तो सरकारB Jवभागो /
कYप नयP मT बड़े बड़े ओहदे पर पहंु च गये है । तY
ु हारB
465
बrfकमती हB थी fक तम
ु साम-तवादB ब-धन वालB
कYपनी मT चले गये ।
चेतन-बदfकमत तो नहB पर fकमत बढB
ू iयवथा क
कैदB जSर हो गयी है ।
छे दB- वो कैसे◌े ?
चेतन-जातीय योयता वाले कम पढ़े Gलखे लोग बड़े-बड़े
ओहदे पर है । मo जातीय योयता क {ि_ट से अयोय
मान Gलया गया नतीजन बड़ी बड़ी Kड,ी होने के बाद भी
मामलB
ू से कलक4 से आगे नहB जा पा रहा हंू । बडे
अ5धकारB तक कहते है अरे अपनी जा त वालP से तो
बहतु अpछा है । अpछ$ तनOवाह Gमल रहB है तेरे बpचे
इंGलश मीKडयम कूल मT पढ रहे है । पXके मकान मे रह
रहे हो । तम
ु अपने वाले◌ा◌ं क हाल के बारे मT जानते
हो । fकतनी दद4ु शा झेल रहे हo तम
ु तो दफतर मT बैठे हो
। Xया यह तरXक तY
ु हारे Gलये कम है ?तम
ु को लगता
है तम
ु जनरल मैनेजर बन सकते हो तो छोड़ दो इस
कYपनी क नौकरB ।
छे दB-ऐसी समझ वाले तो आदGमयत के दqु मन हो सकते
है मानवीय समानता के पोषक नहB । चेतनबाबू नेक
नय त से लगे रहो तरXक जSर कदम चमे
ू गी ।
चे◌ेतन-कम4 पजा
ू है । अpछे कम4 का फल दे र सबेर
Gमलेगा बस इसी Jवqवास पर >टका हंू छे दB ॥
छे दB-ठ$क कह रहे हो भइया सब जगह जा त के नाम पर
466
दमन का चuiयह
ू जारB है । चेतनबाबू आज भी जा त
के नाम पर पछ
ू परख होती है । यह तो मं जान गया हंू
। बाजार हाट जाओ या दफतर मT जाओ कछ ु दे र मौन
के बाद सामने वाला पछ
ू हB लेता है कौन से समाज को
। शोJषत समाज का नाम सनते
ु हB सामने वाले क
नगाह से आदमी 5गर जाता है तर-
ु त सामने वाले के
iयवहार मT बदलाव आ जाता है ।
छे दB-बात मT सpचाई तो है पर अपने बीच वाले भी तो
उपर पहंु चकर हमारB दद4ु शा से अनजान हो जाते है ।
उ-हे भी अपनी सखु -सJवधा
ु के आगे अपनP के आंसू से
रोटB गीला करने क दातान और भल
ू जाती है । खैर वे
सख
ु सJवधा
ु मT खेले पर अपनP के मान-सYमान क
अGभविe
ृ द के Gलये जनजागरण करे । कहB कोई वं5चतP
के मान -सYमान को ल तयाता है तो उसके Jवरोध मे
धरना-द4 शन करे । आदमी को आदमी से जोड़ने के◌े
Gलये काम करे पर कस|
ु पाते हB उनक खाल बहतु मोटB
हो जाती है । कछ
ु उन पर असर नहB करता है ।
चेतन-ठ$क कह रहे हो छे दB । उपर उठ चक
ु े और ए सी
मT बैठकर योजना बनाने वालो को दबे कचलP
ु क याद
आती तो आज तवीर कछ
ु अलग होती शोषण,उ?पीड़न
जातीय और धाGम4क नफरत क आंधी न चलती ।बेचारे
ु मT सबल,दं बग नाग
शोJषत क fकमत पर तो हर यग
क तरह से बैठे फफकारते
ु रहे है । आज भी
467
सामािजक,आ5थ4क और अ-य SपP से भी वं5चतP पर
बेरोकटोक अ-याय हो रहा है ।कहने को आजादB है पर
असलB आ◌ाजादB तो शोJषतP क चौखट से कोसो दरू है

छे दB-जातीय उ?पीड़न क गनाहगार
ु तो SढBवादB जातीय
iयवथा है । दभा4
ु यवस बदलाव क बजाय नफरत और
बढ रहB है । इसे संवैधा नक तर पर तो ख?म fकया
जा सकता है पर शासन शासन मT शाGमल लोग
ईमानदारB से काम करे तब ना । यहां भी तो जा त के
नाम पर मंछ
ू पर ताव लोग दे ते है । रा_l और मानवीय
धम4 भल
ू जाते है ।
चेतन-ना जाने और fकस यग
ु तक कमजोर वग4 तरXक
से दरू रहे गा । कब तक बदहालB मT जीने को मजबरू
रहे गा । सोचक आखT छलक जाती है छे दB बाबू ।
छे दB-Jवyान के यग
ु मT भी आदमी जातीस दYभ मT जी
रहा है । य>द जातीय अGभमान क जगह मानवता के
 त सYमान का भाव JवकGसत हआ
ु होता तो तो चेतन
भइया जा तवाद कमजोर वग4 क छाती पर बैठा
फफकारता
ु नहB । कमजोर वग4 भी सामािजक समानता
के अमत?
ृ व का रसपान करता पर यहां तो जा तवाद को
सYवe
ृ द करने के Gलय सािजशT रचीं जा रहB है ।
चेतन-ठ$क कह रहे हो छे दB । सामािजक समानता क
थापना के Gलये जSरB है सोच मT बदलाव और जन
468
जागरण क तभी सामािजक पUरवत4न सYभव है ।
छे दB- बात तो ठ$क है पर दे खने मT आ रहा है fक मानव-
मानव एक समान का नारा दे ने वाले लोग भी मखौटे

बदलने मT मा>हर है ।कल क हB तो बात है बिe
ु दजीJव
और समाज को दBया >दखाने क दमखम रखने का
>ढढोरा पीटने वालB फलरानी
ू ने अंगुलB तलक क बैठक
मT खले
ु आम जा तवाद को ो?साहन दे ने लगी । आरabत
वग4 के डाXटरP इंजी नयरP और अ5धकाUरयP क
खलाफत करने लगी । जब बिe
ु दजीJव होने का दम
भरने वाले लोग आग उगलेगे तो जा तवाद का जहर
बढे गा घटे गा नहB । जा तवाद तो शोJषत,कमजोर वग4 क
छाती का कल हो गया है । कब तक छाती मT ठPके इस
कल के दद4 को कमजोर वग4 ढोता रहे गा ?
चेतन-जा तवाद आदGमयत Jवरोधी है । यहा कमजोर वग4
क दद4ु शा का कारण भी । कमजोर वग4 अपने हB दे श मT
लाचार बेबस तरXक से दरू आंखे फाड़-फाड़कर दे ख रहा
है पर कोइ◌्र खेवनहार नहB Gमल रहा है । जो आते
अपना मतलब परा
ू करते है fफर Gसर दध
ू क मXखी क
तरह नचोड़कर फक
T दे ते है । ऐसे लोग दे श और
कमजोर व, का कहां भला कर सकते है ?
छे दB-कमजोर तबके का सभी फायदा उठाते है चाहे
सफेदपोश हो,भGममाGलक
ू ू र हो या साहब
हो सेठ साहका
स~ु बा । इसीGलये तो वं5चतP क चौखट पर दUरmता का
469
खला
ु ता8डव जारB है । चेहरा बदलने मT मा>हर आज का
आदमी Gसफ4 अपने Gलये जी रहा है ।
चेतन-यहB लोग इंसा नयत के मंह
ु पर जा तवाद का
काला रं ग पोतकर बदनाम करते है । मौका पाते हB खनी

जंग छे ड़ने से भी नहB >हचfकचाते ।
छे दB-सच जा तवाद का जहर तो सwय समाज के Gलये
एडस ् हो गया है ।
चेतन-भारतीय ~यवथा के तले दबा समाज ठहर गया है
। fकसी ने ठ$क कहा है ठहरा हआ
ु समाज तरXक नहB
कर सकता । यह चUरताथ4 हो रहा है भारतीय जा तवाद
वालB iयवथा म।T Jवyान के यग
ु मT आदमी अछत
ू है
।वाह भाई वाह Xया iयवथा है कमजोर Jवरोधी ।
छे दB-कमजोर वग4 को चहंु मखी
ु समानता का अ5धकार
चा>हये ।
चेतन-दे गा कौन ?जा तवाद के ठे केदार पोJषत करने मT
लगे हए ु है । दे श के संJवधान को बदलने क बात कर
रहे है । अपनी अिमता खो चक ु े अंधJवqवास को बढावा
दे ने वाले Jवधान को बदलने क बात नहB कर रहे । कैसे
सरabत
ु रह पायेगे कमजोर वग4 के >हत JवषमतावादB
समाज मT छे दB ?
छे दB-ठहरे हए
ु समाज को ग तमान बनाना होगा । इसके
Gलये समता क uाि-त जSरB है । समानता के nबना
ठहरा हआ
ु समाज तरXक नहB कर पायेगा ।
470
छे दB-बात तो सहB है संघष4 को हवा कौन दे ।
चेतन-सwय समाज के सभी लोगP को आगे आकर
कमजोर वग4 क छाती मT ठPक Jवषमता क कल को
जड़ से उखाड़ फेकना होगा ।
छे दB-लाख टके fक बात तमने
ु fकया है चेतनबाबू ,जब
तक भेदभाव क कल का दद4 कमजोर वग4 क छाती से
उठता रहे गा तब तक सwय समाज का झठा
ू दावा
आदGमयत को ठगता रहे गा ।
चेतन-शोJषत वग4 क छाती मT ठPक भेदभाव क कल
का दद4 इतना भयावह है तो उpच आसन पर बैठे सwय
समाज के लोग अनGभy XयP है ? XयP न दद4 के कारण
को समल
ू उखाड़ फकते
T ? कब तक कांटो का ताज ढोते
रहे गे ? जो दे श और सामाज के Gलये कलंक बन चका
ु है

Oवा>हश
स-तोषीदे वी-बेटा गोपाल तू Xया कर रहा है । दे ख रहा है
घर मT fकतना काम फैला है ।उपर से मजदरन
ू खोजने
का झमेला अपने हB माथे पर है । मालम
ू पड़ता है fक
अपनी जमीदारB के खेत मT धान रोपवाने जा रहB हंू ।
गोपाल मेरB बात तो सन
ु ले कहा है ? Xया कर रहा है ?
गोपाल-मां तम
ु सवाल पर सवाल XयP दागे जा रहB हो ।
fकताब लेकर बैठा भी नहB fक तम
ु 5च}लाने लगी ।
471
स-तोषीदे वी- बेटा मo कहां तमको
ु पढने से मना कर रहB
हंू । तू पढGलख जाता तो अपनी उजाड़ सी ब5गया मT
रौनक आ जाती ।
गोपाल- Xयो बला
ु रहB थी मां ?
स-तोषीदे वी-रोटB तरकारB बना दB हंू । खाकर कू ल चले
जाना ।
गोपाल-हां मां । कूल जाने से पहले बकरB को खालB
खेत मT खंट
ू ा गाड़कर बांध दे ना । चारा काट लेना । हौदB
धोकर पानी भर दे ना । कूल से आकर बकरB हांक लाना
और सारे काम कर लेना । समय नकाल कर पढ भी
लेना और कोई काम हो तो बोलो मां । आज कोई खास
>दन है Xया ? खद
ु ज}दB मT हो और मझे
ु भी हांकने मT
लगी हो । कं जाना तो नहB है ।
स-तोषी-मजदरन
ू खोजने जाना है । जमीदार के यहां
आज वनगडी है ना बेटा । मजदरनP
ू का तो कल क हB
बोल आयी हंू पर ज}दB नकलना पड़ेगा । धान क
नस4रB उखाड़ने के Gलये । सभी को साथ लेकर जाना
होगा । सरजदे
ू वता उगने वाले है । घर का भी बहत

काम है ।
गोपाल-नस4रB उखाड़ना और रोपाई दोने◌ा◌ं काम कफ
तकलBफ भरा हो जाता है तम
ु अ◌ैर बापू के Gलये । हाथ
पैर तो सड़ कर भात हो जाते है । नद4 यी जमीदार लोग
घाव पर नन
ू डालते रहते है । काम करवाने के Gलये तो
472
अपना कहते है चौखट चढ गये तो ड8डा लेकर मारने
दौडते है । ये कैसे अपने हो सकते है मां ।मजदरू लोग है
fक एक पैर पर खड़े रहते है पेट मT भख
ू Gलये । तम

जाओ मां जमीदार उदयनाथ क वनगडी करवाओं घर
का काम तो हम न-हे -न-हे भाइ-बहन कर हB लेगे
।वनगडी के >दन तो भोज भी होता है ।
स-तोषीदे वी- हां बेटा कढB भात तY
ु हारे Gलये भी रखंूगी ।
गोपाल-मां ~लैकमेल ना करो कढB भात क लालच
>दखाकर घर का काम हम पहले जैसे कर लेगे । घर क
5च-ता छोड़ो वनगडी क सोचो । तम
ु तो ऐसे खश
ु हो
रहB हो जैसे अपने खेत मT धान रोपने जा रहB हो ।
खाना Xया Gमलता है वनगडी के >दन पानी जैसे कढB
सडे. गले चावल का भात । रोटB उसी गेहू का जो सड़
गया हो ।दाल तो वहB Gमलती है लतरB क िजसे
जानवरP खरB-भसी
ू के साथ खलाते है । गलती से ऐसा
खाना लेने से जमीदारबाबू को तो अपताल मT भत| होना
पड़ जाये । बेचारे मजदरो
ू को एक >दन भी भर पेट
अpछा खाना नहB दे सकते । परेू साल भर >दन रात
जानवरP क तरह हांकते रहते है । मजदरP
ू क मेहनत
का हB तो नतीजा होता है अपरYपार उपज । खेत
माGलको क हर मराद
ु परB
ू हो जाती है पर मजदरP
ू क
नहB । इतना हB होता है fक मजदरP
ू क सबह
ु माGलकP
के साथ होती है बस ।
473
स-तोषीदे वी-हां बेटा ना जाने कब अपनी मराद
ु परB
ू होगी
।ना जाने कब तक हाड़फोडते रहे गे और इस हाड़फोड़
मेहनत मजदरB
ू के बदले दो fकलो सड़ेगले अनाज क
मजदरB
ू पर बसर करे गे ।
गोपाल-हां मां मजदरP
ू का जीवन तो जमीदारP के खेत
खGलहान और चौखट सT बंधे बधे हB nबत जाता है ।Xया
नारकय जीवन है हम मजदरP
ू और उनके आ5€ता◌ो◌ं
का ?
स-तोषी◌ेदेवी-बेटा घर के कामकाज के साथ पढाई का भी
eयान रखना।हम तो जमीदार उदयनाथ के बंधुवा मजदरू
है । उनक गलामगीरB
ु से अपने को कहां फस4त ।अपना
जीव तो जमीदारP का गोबर फकते
T फकते
T nबतने वाला है
। हमारB तो बस इतनी सी Oवा>हश है fक तू पढ
Gलखकर हमT बंधुवामजदरB
ू के दलदल से नकाल ले बेटा
। भैस बकरB का eयान रखना और सरज
ू डबने
ू से पहले
म5ग4
ु यP को दरबे मT ब-द कर दे ना । आज से रोपाई शS

हो गयी है । महBने भर सरज
ू उगने से पहले रोपने जाने
होगा और दे र रात तक घर आना होगा । शाम को कूल
से आने के भस
o को त नक चरा लाना इसके बाद चारा
पानी कर Gलया करना ।रोटB पानी तो न-हक अब बनाने
लेगी ।
गोपाल- मां मo सब जानता हंू । इतना तखार XयP रहB
हो ? घर के काम क 5च-ता ना करो सब काम कर लंगू ा
474
। भैस ,बकरB और म5ग4
ु यP को कोई तकलBफ नहB होने
दं ग
ू ा।
स-तोषीदे वी-बेटा ये जानवर भले हB हमसे बाते नहB कर
पाते पर दख
ु दद4 और भख
ू का एहसास तो होता है ।
गोपाल- हां मां हम इनके एहसास को समझते है तभी तो
ये हम पर Jवqवास करते है । आवाज लगाते हB पहचान
जाते है ।
स-तोषीदे वी-बेटा तम
ु लोगP के भरोसे तो ये जानवर पल
रहे है । हमारे और तY
ु हारे बाप के भरोसे तो एक मग|

भी नहB पल पाते XयPfक जमींदार क गलामी
ु जो
fकमत बन गयी है । >दन रात हाड़ फोड़ने के बाद भी
बpचP को न भर पेट रोटB Gमल पा रहB है ना हB तन
ढं कने को अpछे कपड़े । बेटा तम
ु भाई बहनP क अभी
काम करने क उt तो नहB है पर मजबरB
ू सब करवा
रहB है ।
गोपाल- मां XयP खद
ु को कोसती रहती हो । तY
ु हारा
त नक दोष नहB है । तम
ु अपनी औकात से \यादा कर
रहB हो । अरे गनाहगार
ु तो वे लोग है जो हमारB धरती
से हमT हB बेदखल कर खद
ु राजा बन बैठे है और हम
रं क हो गये है । ना जाने और fकतनT यगP
ु तक इन
गनाहगारP
ु क म"
ु ठ$ भर nबछायी आग मT झलसना
ु होगा
। सरकार कम से कम गांव समाज क जमीन के अबैध
क~जे को मX
ु त करवा कर भGमहBनP
ू मT बंटवा दे ती तो
475
अपनी भी मराद
ु परB
ू हो जाती । मां तब हम भी अपनी
पहलB रोपाई के >दन रज-गज से वनगडी करते ।
स-तोषी-बेटा fकतनी सरकारT आयी गयी fकतने धान
बने । Xया हआु ? शोJषतP का उ?पीड़न कम हB नहB
हआ
ु दबंगP के क~जे से जमीन नकाल कर भGमहBनP

को आव8टन तो सपने क बात है । खैर सरकार मT भी
वहB लोग भरे पड़े है । गरBबP का भला कैसे हो सकता
है । जात-d पर आज भी साम-तवाद का दबदबा है ।
अपनी fकमत तो कआं
ु खोदो तो पानी पीओ , दं बगP
और जा तवाद के पोषक शोषक समाज ने Gलख >दया है
। इस Gलखावट को सरकार तो बदल सकती है पर अभी
तक तो नराशा के अलावा कछ
ु नहB Gमला है । कब तक
हम गरBब हाड़ नचोड़ कर रोटB आंसू मT डबो
ू कर जीवन
बसर करे गे ?
गोपाल- द ु नया का पेट भरने वाला खे तहर मजदरू खद

पेट मT भख
ू और बदन पर 5चथड़े लपेटे जी रहा है । ये
कैसी नाइंसाफ है । उपेabतP, शोJषतP के हाड़ मT इतनी
मजबती
ू और >दल मT जीने का ज\बा न होता तो भखे

मर जाते ।
स-तोषीदे वी-हम गरBबो क दौलत तो बस हाड़फोड़ मेहनत
हB है । बेटा तम
ु मन लगाकर पढाई करना भगवान जSर
मराद
ु परB
ू करे गा दे र सबेर । पढ Gलख कर कलेटर बन
जाना ढे र सारा खेत Gलखवा लेना । एक >दन आयेगा ये
476
खन
ू चसने
ू वाले जो हमारे दादा पर-दादा से जब4दती
अगंठ
ू ा लगवा कर खेत जमीन जासदाद हड़प Gलये है वहB
एक >दन बेचेगT । गोपाल तY
ु हारे जैसे अपनी कमाई के
पैसP से खरBदे गे ।
गोपाल- मां पहले तो कमाने लायक हो तो जाये ।
स-तोषीदे वी- जSर होगे मेरे लाल । मेरB तपया बेकार
नहB जायेगी । बेटा जीमदार के खेत क रोपाई के Gलये
मझे
ु ज}दB जाना होगा । मजदरनP
ू को भी बलाना
ु है
।पहलB रोपाई है और वनगडी भी है । सारB मगजमारB
अपने को करनी है बंधुवा मजदरू जो ठहरे तेरे बापू तो
झलफलाहे मT चले गये । खेत जोतेगे इसके बाद धान क
नस4रB उखाड़ेगे । सतज
ू उगने से पहले से लेकर आधी
रात तक जमीदार के काम से फस4
ु त नहB ।हम
गलामे
ु ◌ा◌ं क िज-दगी तो नरक हो गयी है । हम गरBब
लोग इन माGलकP का अपना मानकर ईमानदारB से काम
करते है पर ये खन
ू चसकर
ू तरXक करने वाले लोग हमT
आदमी हB नहB समझते ।
गोपाल- हां मां आम nबनने क सजा का Uरसता जOम
कलेजे मT सालता रहता है । ऐसा घसा
ू मारा है वान चUर-m
जमीदार ने क पंजUरयां >हल गयी । दस साल हो गये
पर दद4 ख?म नहB हआ
ु परवा
ू हवा चलती है तो दद4 बढ
जाता है । काश इन खन ू चसने
ू वालP के >दलP मT
आदGमयत के  त समप4ण का भाव जाग जाता तो जो
477
उ?पीड़न और छआछत
ू ू का घनौना Sप दे खने को Gमल
रहा है नहB Gमलता ।
स-तोषीदे वी- बेटा सब याद है पर कर भी Xया कर सकते
है । कहते है ना जबरा मारै रोवै ना दे य ।
गोपाल-हां मां हम तो गलामP
ु जैसा जीचन जीने को
मजबरू है । ना बीसा भर खेत है, ना घर ना रोटB कपड़े
का >ठकाना । बस भरोसा सखे
ू ग-ने जैसी काया को
नचोड़कर पेट क आग बझाना
ु यहB नसीब हो गया है ।
ना जाने कब तक SढBवा>दयP Šारा बोयी गयी म"
ु ठ$ भर
आग हमारB Oवा>हशP के दमन करती रहे गी ।
स-तोषीदे वी-हम गरBब लोग माGलको के गोदाम भरने के
Gलये और खद ु क आंसू मT डब
ू कर मरने को पैदा हए
ु है
। बेटा घर का काम तो तम ु बpचP के कंधे पर पहले से
हB है । हमT और तY
ु हारे बाप को जमींदार के काम से
फस4
ु त कहां Gमल पाती है । को}हू के बैल जैसे खेत से
हवेलB तक घमते
ू रहना है । बेटा पढाई का eयान रखना
।काम के कारण पढाई मत भा◌ूल जाना । तY
ु हारB पढाई
से हB तो हमारे जीवन क तम-नाये परB
ू हो सकती है ।
गोपाल-मां fफu ना कर सब काम हो जायेगा । आज तो
जमीदार उदयनाथ क पहलB रोपाई है । बड़ा भोज भी
होगा ।
स-तोषीदे वी- यहB तो वनगडी होती है ।
गोपाल- मालम
ू है । वनगडी के >दन बंधुवा मजदरP
ू को
478
दोपहर को खाना तो Gमलता है साथ हB बpचP को भी
Gमलता है ।
स-तोषीदे वी- हां बेटा वनगडी के >दन दोपहर मT खाना
Gमलेगा बाक रोपाई के >दनP मT तो वहB पानी जैसा रस
और म"
ु ठ$ भरभजै
ु ना ।
गोपाल को >हदायत दे कर स-तोषी जमीदार उदयनाथ क
रोपाई के Gलये मजदरनP
ू को घर घर से बलाकर
ु रोपाई के
Gलये चलB गयी । गोपाल का बाप मसाfफर
ु तो सरज

उगने से पहले हB हवेलB पहंु च गया था बेचारा बंधवा

मजदरू जो ठहरा ।बंधुवा मजदरP
ू क िज-दगी तो सचमच ु
नरक के जीवन से कम नहB । ऐसी गलामी
ु fकसी को
भी पस-द नहB हो सकती । मसाfफर
ु और स-तोषीदे वी
बेटे को अपना उeदारक मान बैठे थे । लाख दख
ु उठा
कर बेटा गोपाल को पढाने के Gलये rढ  तy थे ।
बेटवा क पढाई से हB उनक Oवा>हश परB
ू होने का
जीJवत सपना जो था ।
गोपाल के मां बाप जमीदार उदयनाथ क धान क रोपाई
मT Oू◌ान पसीना एक करने चले गये । गोपाल घर को
काम करके कूल गया । लंच क छ"
ु टB मT वह भागा
भागा घर आया। भैस क हद धोया पानी डाला इसके
बाद चारा डालकर भस
o हद मT लगा कर खद
ु जमीदार क
हवेलB से आये वनगडी के कढB भात को पेट मT
उतारकर कूल क तरफ भागा । शाम को कूल क
479
छ"
ु टB होते हB वह घर क ओर दौडं लगा >दया । घर
पहंु चते हB बता छोटB बहन को थमाकर भै।स चराने
चला गया । गोपाल अंधेरा होने से पहले भै◌ै◌ै◌ंस
चराकर आया । इसके बाद fफर हौद साफ fकया पानी
भरा घास-भया
ू Gमलाकर हद मT डालकर भस
o खंट
ू े सT बांध
>दया । भस
o चारा खाने लगी ।दोटB बहन दगश
ु k और
छोटB बहन राधा बकरB चराकर आयी । वे बकUरयP को
मडई मT बांध कर च}
ू हा गरम करने मT जट
ु गयी ।
गोपाल त नक फस4
ु त पाकर कू ल के काम मT जट
ु गया

बरसात का >दन था । इसी बीच ह}क सी फहार
ु आ
गयी । फहार
ु पाकर मढक
T जोर जोर से गीत गाने लगे
।गोपाल पढने मT iयत था इसी बीच छोटB बहन राधा
आंसू बहाते हए
ु उसके पास खड़ी हो गयी । राधा क
आखP मT आसंू दे खकर वह घबरा गया । राधा के आंसू
पाछते हए
ु बोला Xया हआ
ु राधा ? XयP रो रहB हो nबछू
तो नहB मारB ना ?
राधा- नहBं भइया । मझे
ु डर लग रहB है ।
गोपाल- डरने क Xया बात है । हम भGमहBन
ू बंधुआ
मजदरू क औलादT है । ऐसे डरे गे तो जीयेगे कैसे ? मां
क याद आ रहB है ना ।
राधा-हां भइया । मां कब आयेगी ।
गोपाल-काम ख?म होते हB आ जायेगी । बापू भी तो नहB
480
आये है । बापू और मां एक साथ आ जायेगे । तू ख>टया
पर बैठ दे ख nबpछू नकल रहे हo । पलटआ
ू को nबpछू
मार दB है । बरसात मT सांप nबpछू बहत
ु नकलते है ।
नीचे दे खकर पांव रखना । डेबरB लेकर हB इधर उधर
जाना ।इतनT मT नीम के पेड़ से धम से आंगन मT nब}लB
कद
ू पड़ी ।
दगश
ु k कदने
ू क आवाज सनकर
ु जोर से 5च}लायी ।
गोपाल दौड़कर गया और पछा
ू Xया हआ
ु बहन XयP
5च}लायी हो ?
दगश
ु k - कोई आंगन मT कदा
ू है ।
इतने मT nब}लB Yयाउ◌ू◌ं Yयाउ◌ू◌ं करने लगी । nब}लB
क आवाज सनकर
ु गोपाल बोला ये शैतानी कर रहB है ।
दगश
ु k -अरे राधा म5ग4
ु यP को दरबे मT ब-द तो कर दB है
ना ।
राधा-हां ब-द है सब मग|
ु मग
ु k ।
दगश
ु k -गोपाल तम
ु कू ल का काम परा
ू कर लो ।
गोपाल- हां करता हंू कहते हए
ु बोला दBदB दे खो बहु त
मpछर बोल रहे है । भस o को भी काट रहे होगे पहले
भस
o को मड़ई मT बांधकर धआं
ु कर दं ू ।
ु k -ठ$क है तमको
दगश ु कू ल का काम करना है जब चाहो
तब करो । बाद मT ये मत कहना क दBदB ने काम मT
फंसा >दया कूल का का◌ू परा
ू नहB कर पाया ।
गोपाल-नहBं कहंू गा भस
o मड़ई मT बांधकर धआ
ु fकया fफर
481
च}
ू हे के पास जहां दगश
ु k रोटB बना रहB थी वहB वह भी
डेबरB क रोशनी मT पढने बैठ गया । इतने मT राधा छोटB
बहन गोपाल के कंधे पर हाथ रखकर कहने लगी भइया
बहत
ु डर लग रहB है । रात हो गयी मां और बापू नहB
आये । चारो ओर मढकT टर4 -टर4 कर रहे है । बरसात
ब-द नहB हो रहB है । को>टया पर वाला सांप nबजलB
जैसे कड़कडा कर बोला है ।
दगश
ु k -Xया ? को>टया वाला सांप बोला है ?
राधा-हां दBदB ।
दगश
ु k -भयंकर बरसात होने वालB है ।
गोपाल-तम
ु XयP डर रहB हो । मेरे पास उजाले मT बैठो ।
मां बापू आ जायेगे । आज जमीदार क वनगडी है ।
राधा-रोपने वालB सारB मजदरन
ू T तो आ गयी।मेरB मां और
बापू हB नहB आये अभी तक ।
गोपाल-बापू बंधुवा मजदरू है ।
राधा- दसरे
ू मजदरP
ू से अलग है ।
गोपाल- हां कहने को तो घर के सदय जैसे होते है पर
जमींदार लोग खन
ू चस
ू लेते है और परB
ू मजदरB
ू भी
नहB दे ते । दे ते है तो घाव । मां और बापू क हाड़फोड़
मेहनत पर तो हम पल बढ रहे है । तम
ु बैठो । fफu
मत करो ।
ु k -गोपाल पढना है तो मन लगा कर पढ । बाते बाद
दगश
मT कर लेना ।
482
गोपाल-दBदB राधा को समझा रहा हंू ना ?
दगश
ु k - तू रहने दे समझाने को पहले खद ु समझ ।
तY
ु हारे उपर कनबे
ु को नाज है । अरे अpछे से पढे गा
नहB तो मां बाप क उYमीदे कैसे परB
ू कर पायेगा ?
गोपाल-दBदB पढ हB तो रहा हंू । राधा का आंसू पPछना
भी तो मेरा हB काम है ना ?
दगश
ु k -अरे वाह रे मेरे भइया । अभी से तू राखी क लाज
रखने मे◌े◌ं जट
ु गया ?
गोपाल-हां दBदB । मजदरP
ू के बpचे अपनी उt से पहले
िजYमेदार हो जाते है तभी तो मेहनत मजदरB
ू मT लग
जाते है । मo तो बंधुवा मजदरू को बेटा हंू ।
दगश
ु k - तू तो कू ल जाता है ।
गोपाल-यह तो मेरे मां बाप का एहसान है । काश मo
उनके सपने◌ा◌ं को परा
ू कर पाता ।
इतने मT बरसात मT भींगी स-तोषीदे वी आ गयी । वह
बाहर मड़ई के आगे वाले >हसे मT अंधेरा दे ख बोलB
गोपाल तू कहा है । बाहर अंधेरा पसरा है । डे◌ेबरB
जलाकर पढ Gलया होता । मां का आवाज सनकर
ु राधा
मां आ गयी मां आ गयी कहते हए ु दौड़ी पड़ी । राधा
स-तोषी क तरफ दोनो हाथ फेला दB ।वह बोलB बी>टया
मo परB
ू तरह से भींगी हंू कैसे गोद मT लू तू गीलB हो
जायेगी । इतने मT गोपाल आ गया । दगश ु k भी कहां
मानने वालB थी वह भी तवा पर रोटB रखकर मां के पास
483
दडकर आ गयी । स-तोषी दे वी ने तीनP का लाड fकया
। बापू को न दे खकर गोपाल बोला मां बापू नहB आये ?
स-तोषीदे वी- माGलक ने पआल
ु हटाने मT लगा >दये हo ।
गोपाल-बाप रे इतने खतरनाक काम मT जमीदार ने लगा
>दया । मां बरसात मT सांप nबpछू पआल
ु के ढे रP मT
पनाह लेते है । कोई जहरBला जानवर काट Gलया तो ।
जमींदार उदयनाथ दवाई भी नहB करवायेगे ।दे खना नहB
मशीन मT अंगलB
ु पीस गयी थी।Xया मदद fकये । बापू
महBनP तक कराहते रहे । दे शी दवा के अलावा कोई चारा
भी तो नहB था । बापू का दद4 याद है ना मां ?
स-तोषीदे वी- बेटा वो >दन कैसे भल
ू सकती हंू । खेत
माGलक का काम करते समय तेरे बापू क अंगलB ू पीस
गयी था । महBनP तक काम नहB कर पाये थे कैसे-कैसे
मैने तम
ु लोगP का पेट भरB थी । उपर से दवाई का
खचा4 । इतने बरसP के बाद भी वे द>द4
ु न याद आते हB
आंखP मT आसू भर आते है । जमीदार ने र?ती भर मदद
नहB क थी । बेटा बंधुवा मजदरP
ू का जीवन तो नरक
बना >दया है खेत माGलकP ने ।
गोपाल- मां बापू को आने मT fकतनी दे र लगेगी अभी ।
स-तोषीदे वी- घ8टा भर तो लग हB जायेगा ।
गोपाल-मतलब हम लोगP के सो जाने के बाद आयेगे ।
सबह
ु हम सो रहे थे तभी चलेगे गये थे लगता है बापू के
दBदार रोपाई भर नहB होने वाला । वैसे तो कभी कभी हो
484
जाते थे पर अब कोई गंुजाइस नहB । बताओ बरसात क
रात मT बापू से पआल
ु ढोवा रहे है जमीदार उदयनाथ बाबू
। कहBं पआल
ु मT सांप नकल गया तो Xया होगा । यह
तो बापू के मारने क सािजश लगती है ।
स-तोषीदे वी- माGलक ने काम करने को कहा है तो मजदर

को करना हB होगा । रात हो या >दन धप
ू हो या बरसात
। बेटा तू घबरा नहB । तेरे बापू काम परा
ू करके आ
जायेगे । खैर ये सब छोड़ बेटवा तू तो ये बता fक
जमीदार क वनगडी का खाना कैसा था ।
गोपाल-मां तY
ु हारे और बापू के पUर€म का दद4 था खाने
मT । खैर खाया हंू मां ।
इतने मT दगश
ु k बोलB मां वनगडी का खाना तो ख?म हो
गया था त नक सी दाल बचw थी उसमT पानी डाल कर
गरम कर दB हंू । रोटB भी बना लB हंू मां ।
स-तोषीदे वी-दगश
ु k के Gसर पर हाथ fफराते हए ु बोलB हे
भगवान और fकतनी परBbा लेगा ? अरे मजदरP ू क भी
Oवा>हशे◌े परB
ू कर दे ता । तY
ु हारे खजाने का मंह
ु हमेशा
हवेGलयP के गोदामP मT हB खला
ु रहता है और मजदरP
ू क
चौखटP पर मसीबतो
ु क बाढ़ । ये अ-या कब तक चलेगा
भु ? हम मजदरP
ू क Oवा>हशT कभी परB
ू होगी Xया ?
गो◌ापाल-हमारे घर भी वनगडी का जqन मनेगा
।तY
ु हारB Oवा>हशT मo परB
ू कSंगा मां बड़ा होकर।

485
समा`त

पUरचय

न-दलाल
दलाल भारती का ज-म उ  के छोटे से गांव चौक
(खैरा) िजला-आजमगढ
िजला आजमगढ (उ  ) मT एक जनवरB 1963 को
हआ
ु । कू लB एवं नातक
नातक तक क Gशbा गांव के कू ल
कालेजो मT हईु । नातक तक क Gशbा ा`त कर
रोजगार क तलाश मT शहर क ओर Sख fकये ।
संघष4रत ् रहते हए
ु भी नातको?तर
तर (समाजशाd) Jव5ध
नातक
नातक,
तक पोट ,ेजएट ु Kड`लोमा इन žयमन
ू Uरस‰स
डेवलपमे8ट तक क उpच Gशbा ा`त fकये । €ी भारती
का जीवन संषष4पूण4 रहा,जीवन
जीवन मT सामािजक और
आ5थ4क मिq
ु कलP का सामना करना पड़ा
पड़ा । €ी भारती के
संघष4 का अ-त4नाद
नाद इनके कथा एवं काiय Gश}प मT दे खा
जा सकता है । क>ठन जीवन के बावजद
ू भी सा>ह?य से
लगाव बचपन से हB था । सYभवतः
भवतः इनके जीवन का
संघष4 सा>ह?यकार
यकार बनाने मT अहम ् भGमका
ू नभाया
जीवन
जीवन
,जी क टे ढB-मे
B मेढB पगडंKडयP से गजरकर
ु कड़वे
अनभवP
ु पीड़ा
पीड़ा के एहसास एवं बार-बार
,पी बार बार क हार के बाद

486
भी जीतने क {ढ इpछा शिXत के बदौलत €ी भारती
समथ4 कJव,कहानीकार
कJव कहानीकार और उप-यासकार
यासकार के Sप मT
पहचान बनाने मT सफल हो गये । €ी भारती के
सामािजक एवं सा>हि?यक
यक योगदान
योगदान को दे खते हए
ु दे श क
अनेक सा>हि?यक
यक और सामािजक सथाओ
थाओ ने सYमा नत
कर इस लेखक को लेखनी के तेवर को तराशने के ज\बे
को और जगा >दया । भारती के कथा एवं काiय Gश}प
मT ,ामीण समयायT दBन
,दBन दखयP
ु क पीडा एवं
सा◌ािजक बराईयP
ु क \वाला सलगती
ु नजर आती है
िजसका जीव-त उदाहरण है इनका कथा सं,ह म"
ु ठ$ भर
आग एवं अ-य कथा एवं काiय सं,ह। दBन दखयP
ु त
€ी भारती के समJप4त सा>ह?य हए
ु को दे खते
सा>ह?य
यकार
कार कहा जाने लगा है । €ी भारती एक ~लागर
लागर
भी है ,इनक
इनके सा>ह?य को http:// www.nandlalbharati.mywebdunia.com

और http://www.nandlalbharati.blog.co.in पर पढा जा सकता है ।


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