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अब बना बदलवाए जाएगा घुटने का दद

गणेश शंकर वाथ मेडकल कालेज कानपुर, Phone No. 0512 – 2535483 , 2535881 ,

घुटन के दद से परे शान रोिगय के िलए एक अ#छ% खबर है । अब उ+ह, असहनीय .ःथित म, घुटना बदलवाने क1
ज2रत नह3ं पड़े गी। शहर के सरकार3 मेडकल कालेज के ूाचाय और ह8ड3 रोग वशेष: ूोफेसर आनंद ःव2प ने
एक ऐसी एचट3ओ (हाई ट3वयल आ.ःटयोटामी) विध वकिसत क1 है .जससे रोगी को न तो घुटना ूCयारोपण
कराकर लाख 2पये खच करने पड़,गे और न ह3 हDत तक अःपताल म, भत होना पड़े गा।

इस छोटे से आपरे शन के िलए रोगी को अःपताल म, तीन चार दन ह3 रहना पड़े गा और उसके बाद वह आराम से
टहल सकता है । इससे घुटना ूCयारोपण म, होने वाला लाख 2पये का खच भी बचेगा। नयी तकनीक के जGरए होने
वाले इलाज पर माऽ दस हजार 2पये ह3 खच हगे। गणेश शंकर वाथ मेडकल कालेज के ूाचाय और ह8ड3 रोग
वभाग के ूमुख ूोफेसर आनंद ःव2प अब तक इस तकनीक से 150 रोिगय का सफल आपरे शन कर चुके हI ।

ूोफेसर ःव2प ने बुधवार को कहा क एचट3ओ तकनीक म, लगने वाले इं Jलांट और उपकरण क1 डजाइिनंग के
िलये वह आईआईट3 कानपुर के डजाइिनंग वभाग के साथ काम कर रहे हI और शीय ह3 इसम, लगने वाले ःट3ल
इं Jलांट और उपकरण यह3ं पर बनने लग,ग।े अभी तक मेडकल कालेज म, कए गए कर3ब 150 आपरे शन म, वदे शी
इं Jलांट और वदे शी उपकरण क1 मदद ली गई।

ःव2प ने कहा क जैसे ह3 मनुंय बुढ़ापे क1 ओर बढ़ता है , उसके घुटन म, दद शु2 हो जाता है । रोगी को सीढ़3
चढ़ने, उठऩे-़ बैठने तथा पैदल चलने म, परे शानी शु2 हो जाती है और यह एक सामा+य बीमार3 है । महलाओं और
पु2ष म, यह सामा+य 2प से होती है । इस बीमार3 का एक मुRय कारण मोटापा भी है । ऐसे रोिगय को अSसर
डाSटर घुटना ूCयारोपण क1 सलाह दे ते हI । उ+हने इसे वःतार से समझाते हुये कहा क अमूमन एक मनुंय के
घुटने 60 ूितशत अंदर क1 ओर और 40 ूितशत बाहर क1 ओर होते हI । अिधक उॆ के कारण अSसर लोग का
घुटना चार इं च अंदर क1 ओर घुस जाता है । इसे मेडकल भाषा म, बो लेग कहते हI । इससे शर3र का 90 फ1सद3
वजन अंदर क1 ओर जाने लगता है और रोगी को घुटने म, भयंकर दद होने लगता है ।

ःव2प के अनुसार ऐसे मामल म, डाSटर रोगी को घुटना ूCयारोपण क1 सलाह दे ते हI .जसम, दो से तीन लाख
2पये तक का खच आता है तथा रोगी को काफ1 दन तक अःपताल म, भत भी रहना होता है । धातु का कऽम
घुटना होने के कारण उसम, कसी भी तरह क1 संवेदना भी नह3ं होती। उ+हने बताया क ईजाद क1 गई नई तकनीक
म, रोगी के घुटने के ूCयारोपण क1 आवँयकता नह3ं होती है । इस विध म, घुटने के जोड़ के हःस को नाप कर
उसका एलाइनम,ट ठ%क कया जाता है फर कऽम इं Jलांट लगाकर उसे सीधा कर दया जाता है । ःव2प के अनुसार
एक छोटा सा चीरा लगाकर यह आपरे शन कया जाता है और रोगी को तीन से चार दन तक अःपताल म, रहना
पड़ता है । उसके बाद उसे घर भेज दया जाता है जहां एक हDते बाद वह आराम से चल फर सकता है और अपने
रोजमरा के काम को अंजाम दे सकता है ।

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