ना आरक्षण लििे ब्राह्मण ना अल्प सं ख्ां क कहे ब्राह्मण नही लिरभी उपकार भु िे ब्राह्मण जीवन का तानाबाना लवद्या से बु ने ब्राह्मण ऋण भार नाही चु का पाओंगे जो लदिसे करे प्रलतहार ब्रह्मन् राष्ट्र भक्ती लक लिसाि ब्रह्मन् नही ं कभी करे द्वे ष लकसीका ब्राह्मण सयं ि तप साधना लवद्या का प्रतोद ब्राह्मण जात पात धिम लवद्वे ष से परा ब्राह्मण कििाकर लवश्वनाथ आठल्ये (ASTROLOGER)२7-०२-२०१७